उपस्थित सभी महानुभाव,

आप सबको क्रिसमस के पावन पर्व की बुहत-बहुत शुभकामनाएं। ये आज सौभाग्य है कि 25 दिसंबर, पंडित मदन मोहन मालवीय जी की जन्म जयंती पर, मुझे उस पावन धरती पर आने का सौभाग्य मिला है जिसके कण-कण पर पंडित जी के सपने बसे हुए हैं। जिनकी अंगुली पकड़ कर के हमें बड़े होने का सौभाग्य मिला, जिनके मार्गदर्शन में हमें काम करने का सौभाग्य मिला ऐसे अटल बिहारी वाजपेयी जी का भी आज जन्मदिन है और आज जहां पर पंडित जी का सपना साकार हुआ, उस धरती के नरेश उनकी पुण्यतिथि का भी अवसर है। उन सभी महापुरुषों को नमन करते हुए, आज एक प्रकार से ये कार्यक्रम अपने आप में एक पंचामृत है। एक ही समारोह में अनेक कार्यक्रमों का आज कोई-न-कोई रूप में आपके सामने प्रस्तुतिकरण हो रहा है। कहीं शिलान्यास हो रहा है तो कहीं युक्ति का Promotion हो रहा है तो Teachers’ Training की व्यवस्था हो रही है तो काशी जिसकी पहचान में एक बहुत महत्वपूर्ण बात है कि यहां कि सांस्कृतिक विरासत उन सभी का एक साथ आज आपके बीच में उद्घाटन करने का अवसर मुझे मिला है। मेरे लिए सौभाग्य की बात है।

मैं विशेष रूप से इस बात की चर्चा करना चाहता हूं कि जब-जब मानवजाति ने ज्ञान युग में प्रवेश किया है तब-तब भारत ने विश्व गुरू की भूमिका निभाई है और 21वीं सदी ज्ञान की सदी है मतलब की 21वीं सदी भारत की बहुत बड़ी जिम्मेवारियों की भी सदी है और अगर ज्ञान युग ही हमारी विरासत है तो भारत ने उस एक क्षेत्र में विश्व के उपयोगी कुछ न कुछ योगदान देने की समय की मांग है। मनुष्य का पूर्णत्व Technology में समाहित नहीं हो सकता है और पूर्णत्व के बिना मनुष्य मानव कल्याण की धरोहर नहीं बन सकता है और इसलिए पूर्णत्व के लक्ष्य को प्राप्त करना उसी अगर मकसद को लेकर के चलते हैं तो विज्ञान हो, Technology हो नए-नए Innovations हो, Inventions हो लेकिन उस बीच में भी एक मानव मन एक परिपूर्ण मानव मन ये भी विश्व की बहुत बड़ी आवश्यकता है।

हमारी शिक्षा व्यवस्था Robot पैदा करने के लिए नहीं है। Robot तो शायद 5-50 वैज्ञानिक मिलकर शायद लेबोरेटरी में पैदा कर देंगे, लेकिन नरकर्णी करे तो नारायण हो जाए। ये जिस भूमि का संदेश है वहां तो व्यक्तित्व का संपूर्णतम विकास यही परिलक्षित होता है और इसलिए इस धरती से जो आवाज उठी थी, इस धरती से जो संस्कार की गंगा बही थी उसमें संस्कृति की शिक्षा तो थी लेकिन इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण था शिक्षा की संस्कृति और आज कहीं ऐसा तो नहीं है सदियों से संजोयी हुई हमारी शैक्षिक परंपरा है, जो एक संस्कृतिक विरासत के रूप में विकसित हुई है। वो शिक्षा की संस्कृति तो लुप्त नहीं हो रही है? वो भी तो कहीं प्रदूषित नहीं हो रही है? और तब जाकर के आवश्यकता है कि कालवाह्य चीजों को छोड़कर के उज्जवलतम भविष्य की ओर नजर रखते हुए पुरानी धरोहर के अधिष्ठान को संजोते हुए हम किस प्रकार की व्यवस्था को विकसित करें जो आने वाली सदियों तक मानव कल्याण के काम आएं।

हम दुनिया के किसी भी महापुरुष का अगर जीवन चरित्र पढ़ेंगे, तो दो बातें बहुत स्वाभाविक रूप से उभर कर के आती हैं। अगर कोई पूछे कि आपके जीवन की सफलता के कारण तो बहुत एक लोगों से एक बात है कि एक मेरी मां का योगदान, हर कोई कहता है और दूसरा मेरे शिक्षक का योगदान। कोई ऐसा महापुरुष नहीं होगा जिसने ये न कहा हो कि मेरे शिक्षक का बुहत बड़ा contribution है, मेरी जिंदगी को बनाने में, अगर ये हमें सच्चाई को हम स्वीकार करते हैं तो हम ये बहुमूल्य जो हमारी धरोहर है इसको हम और अधिक तेजस्वी कैसे बनाएं और अधिक प्राणवान कैसे बनाएं और उसी में से विचार आया कि, वो देश जिसके पास इतना बड़ा युवा सामर्थ्य है, युवा शक्ति है।

आज पूरे विश्व को उत्तम से उत्तम शिक्षकों की बहुत बड़ी खोट है, कमी है। आप कितने ही धनी परिवार से मिलिए, कितने ही सुखी परिवार से मिलिए, उनको पूछिए किसी एक चीज की आपको आवश्यकता लगती है तो क्या लगती है। अरबों-खरबों रुपयों का मालिक होगा, घर में हर प्रकार का सुख-वैभव होगा तो वो ये कहेगा कि मुझे अच्छा टीचर चाहिए मेरे बच्चों के लिए। आप अपने ड्राइवर से भी पूछिए कि आपकी क्या इच्छा है तो ड्राइवर भी कहता है कि मेरे बच्चे भी अच्छी शिक्षी ही मेरी कामना है। अच्छी शिक्षा इंफ्रास्ट्रक्चर के दायरे में नहीं आती। Infrastructure तो एक व्यवस्था है। अच्छी शिक्षा अच्छे शिक्षकों से जुड़ी हुई होती है और इसलिए अच्छे शिक्षकों का निर्माण कैसे हो और हम एक नए तरीके से कैसे सोचें?

आज 12 वीं के बीएड, एमएड वगैरह होता है वो आते हैं, ज्यादातर बहुत पहले से ही जिसने तय किया कि मुझे शिक्षक बनना है ऐसे बहुत कम लोग होते हैं। ज्यादातर कुछ न कुछ बनने का try करते-करके करके हुए आखिर कर यहां चल पड़ते हैं। मैं यहां के लोगों की बात नहीं कर रहा हूं। हम एक माहौल बना सकते हैं कि 10वीं,12वीं की विद्यार्थी अवस्था में विद्यार्थियों के मन में एक सपना हो मैं एक उत्तम शिक्षक बनना चाहता हूं। ये कैसे बोया जाए, ये environment कैसे create किया जाए? और 12वीं के बाद पहले Graduation के बाद law faculty में जाते थे और वकालत धीरे-धीरे बदलाव आया और 12वीं के बाद ही पांच Law Faculty में जाते हैं और lawyer बनकर आते हैं। क्या 10वीं और 12वीं के बाद ही Teacher का एक पूर्ण समय का Course शुरू हो सकता है और उसमें Subject specific मिले और जब एक विद्यार्थी जिसे पता है कि मुझे Teacher बनना है तो Classroom में वो सिर्फ Exam देने के लिए पढ़ता नहीं है वो अपने शिक्षक की हर बारीकी को देखता है और हर चीज में सोचता है कि मैं शिक्षक बनूंगा तो कैसे करूंगा, मैं शिक्षक बनूंगा ये उसके मन में रहता है और ये एक पूरा Culture बदलने की आवश्यकता है।

उसके साथ-साथ भले ही वो विज्ञान का शिक्षक हो, गणित का शिक्षक हो उसको हमारी परंपराओं का ज्ञान होना चाहिए। उसे Child Psychology का पता होना चाहिए, उसको विद्यार्थियों को Counselling कैसे करना चाहिए ये सीखना चाहिए, उसे विद्यार्थियों को मित्रवत व्यवहार कैसे करना है ये सीखाना चाहिए और ये चीजें Training से हो सकती हैं, ऐसा नहीं है कि ये नहीं हो सकता है। सब कुछ Training से हो सकता है और हम इस प्रकार के उत्तम शिक्षकों को तैयार करें मुझे विश्वास है कि दुनिया को जितने शिक्षकों की आवश्यकता है, हम पूरे विश्व को, भारत के पास इतना बड़ा युवा धन है लाखों की तादाद में हम शिक्षक Export कर सकते हैं। Already मांग तो है ही है हमें योग्यता के साथ लोगों को तैयार करने की आवश्यकता है और एक व्यापारी जाता है बाहर तो Dollar या Pound ले आता है लेकिन एक शिक्षक जाता है तो पूरी-पूरी पीढ़ी को अपने साथ ले आता है। हम कल्पना कर सकते हैं कितना बड़ा काम हम वैश्विक स्तर पर कर सकते हैं और उसी एक सपने को साकार करने के लिए पंड़ित मदन मोहन मालवीय जी के नाम से इस मिशन को प्रारंभ किया गया है। और आज उसका शुभारंभ करने का मुझे अवसर मिला है।

आज पूरे विश्व में भारत के Handicraft तरफ लोगों का ध्यान है, आकर्षण है लेकिन हमारी इस पुरानी पद्धतियों से बनी हुई चीजें Quantum भी कम होता है, Wastage भी बहुत होता है, समय भी बहुत जाता है और इसके कारण एक दिन में वो पांच खिलौने बनाता है तो पेट नहीं भरता है लेकिन अगर Technology के उपयोग से 25 खिलौने बनाता है तो उसका पेट भी भरता है, बाजार में जाता है और इसलिए आधुनिक विज्ञान और Technology को हमारे परंपरागत जो खिलौने हैं उसका कैसे जोड़ा जाए उसका एक छोटा-सा प्रदर्शन मैंने अभी उनके प्रयोग देखे, मैं देख रहा था एक बहुत ही सामान्य प्रकार की टेक्नोलोजी को विकसित किया गया है लेकिन वो उनके लिए बहुत बड़ी उपयोगिता है वरना वो लंबे समय अरसे से वो ही करते रहते थे। उसके कारण उनके Production में Quality, Production में Quantity और उसके कारण वैश्विक बाजार में अपनी जगह बनाने की संभावनाएं और हमारे Handicrafts की विश्व बाजार की संभावनाएं बढ़ी हैं। आज हम उनको Online Marketing की सुविधाएं उपलब्ध कराएं। युक्ति, जो अभियान है उसके माध्यम से हमारे जो कलाकार हैं, काश्तकारों को ,हमारे विश्वकर्मा हैं ये इन सभी विश्वकर्माओं के हाथ में हुनर देने का उनका प्रयास। उनके पास जो skill है उसको Technology के लिए Up-gradation करने का प्रयास। उस Technology में नई Research हो उनको Provide हो, उस दिशा में प्रयास बढ़ रहे हैं।

हमारे देश में सांस्कृतिक कार्यक्रम तो बहुत होते रहते हैं। कई जगहों पर होते हैं। बनारस में एक विशेष रूप से भी आरंभ किया है। हमारे टूरिज्म को बढ़ावा देने में इसकी बहुत बड़ी ताकत है। आप देखते होंगे कि दुनिया ने, हम ये तो गर्व करते थे कि हमारे ऋषियों ने, मुनियों ने हमें योग दिया holistic health के लिए preventive health के लिए योग की हमें विरासत मिली और धीरे-धीरे दुनिया को भी लगने लगा योग है क्या चीज और दुनिया में लोग पहुंच गए। नाक पकड़कर के डॉलर भी कमाने लग गए। लेकिन ये शास्त्र आज के संकटों के युग में जी रहे मानव को एक संतुलित जीवन जीने की ताकत कैसे मिले। योग बहुत बड़ा योगदान कर सकता है। मैं सितंबर में UN में गया था और UN में पहली बार मुझे भाषण करने का दायित्व था। मैंने उस दिन कहा कि हम एक अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाएं और मैंने प्रस्तावित किया था 21 जून। सामान्य रूप से इस प्रकार के जब प्रस्ताव आते हैं तो उसको पारित होने में डेढ़ साल, दो साल, ढ़ाई साल लग जाते हैं। अब तक ऐसे जितने प्रस्ताव आए हैं उसमें ज्यादा से ज्यादा 150-160 देशों नें सहभागिता दिखाई है। जब योग का प्रस्ताव रखा मुझे आज बड़े आनंद और गर्व के साथ कहना है और बनारस के प्रतिनिधि के नाते बनारस के नागरिकों को ये हिसाब देते हुए, मुझे गर्व होता है कि 177 Countries Co- sponsor बनी जो एक World Record है। इस प्रकार के प्रस्ताव में 177 Countries का Co- sponsor बनना एक World Record है और जिस काम में डेढ़-दो साल लगते हैं वो काम करीब-करीब 100 दिन में पूरा हो गया। UN ने इसे 21 जून को घोषित कर दिया ये भी अपने आप में एक World Record है।

हमारी सांस्कृतिक विरासत की एक ताकत है। हम दुनिया के सामने आत्मविश्वास के साथ कैसे ले जाएं। हमारा गीत-संगीत, नृत्य, नाट्य, कला, साहित्य कितनी बड़ी विरासत है। सूरज उगने से पहले कौन-सा संगीत, सूरज उगने के बाद कौन-सा संगीत यहां तक कि बारीक रेखाएं बनाने वाला काम हमारे पूर्वजों ने किया है और दुनिया में संगीत तो बहुत प्रकार के हैं लेकिन ज्यादातर संगीत तन को डोलाते हैं बहुत कम संगीत मन को डोलाते हैं। हम उस संगीत के धनी हैं जो मन को डोलाता है और मन को डोलाने वाले संगीत को विश्व के अंदर कैसे रखें यही प्रयासों से वो आगे बढ़ने वाला है लेकिन मेरे मन में विचार है क्या बनारस के कुछ स्कूल, स्कूल हो, कॉलेज हो आगे आ सकते हैं क्या और बनारस के जीवन पर ही एक विषय पर ही एक स्कूल की Mastery हो बनारस की विरासत पर, कोई एक स्कूल हो जिसकी तुलसी पर Mastery हो, कोई स्कूल हो जिसकी कबीर पर हो, ऐसी जो भी यहां की विरासत है उन सब पर और हर दिन शाम के समय एक घंटा उसी स्कूल में नाट्य मंच पर Daily उसका कार्यक्रम हो और जो Tourist आएं जिसको कबीर के पास जाना है उसके स्कूल में चला जाएगा, बैठेगा घंटे-भर, जिसको तुलसी के पास जाना है वो उस स्कूल में जाए बैठेगा घंटे भर , धीरे-धीरे स्कूल टिकट भी रख सकता है अगर popular हो जाएगी तो स्कूल की income भी बढ़ सकती है लेकिन काशी में आया हुआ Tourist वो आएगा हमारे पूर्वजों के प्रयासों के कारण, बाबा भोलेनाथ के कारण, मां गंगा के कारण, लेकिन रुकेगा हमारे प्रयासों के कारण। आने वाला है उसके लिए कोई मेहनत करने की जरूरत नहीं क्योंकि वो जन्म से ही तय करके बैठा है कि जाने है एक बार बाबा के दरबार में जाना है लेकिन वो एक रात यहां तब रुकेगा उसके लिए हम ऐसी व्यवस्था करें तब ऐसी व्यवस्था विकसित करें और एक बार रात रुक गया तो यहां के 5-50 नौजवानों को रोजगार मिलना ही मिलना है। वो 200-500-1000 रुपए खर्च करके जाएगा जो हमारे बनारस की इकॉनोमी को चलाएगा और हर दिन ऐसे हजारों लोग आते हैं और रुकते हैं तो पूरी Economy यहां कितनी बढ़ सकती है लेकिन इसके लिए ये छोटी-छोटी चीजें काम आ सकती हैं।

हमारे हर स्कूल में कैसा हो, हमारे जो सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं, परंपरागत जो हमारे ज्ञान-विज्ञान हैं उसको तो प्रस्तुत करे लेकिन साथ-साथ समय की मांग इस प्रकार की स्पर्धाएं हो सकती हैं, मान लीजिए ऐसे नाट्य लेखक हो जो स्वच्छता पर ही बड़े Touchy नाटक लिखें अगर स्वच्छता के कारण गरीब को कितना फायदा होता है आज गंदगी के कारण Average एक गरीब को सात हजार रुपए दवाई का खर्चा आता है अगर हम स्वच्छता कर लें तो गरीब का सात हजार रुपए बच जाता है। तीन लोगों का परिवार है तो 21 हजार रुपए बच जाता है। ये स्वच्छता का कार्यक्रम एक बहुत बड़ा अर्थ कारण भी उसके साथ जुड़ा हुआ है और स्वच्छता ही है जो टूरिज्म की लिए बहुत बड़ी आवश्यकता होती है। क्या हमारे सांस्कृतिक कार्यक्रम, नाट्य मंचन में ऐसे मंचन, ऐसे काव्य मंचन, ऐसे गीत, कवि सम्मेलन हो तो स्वच्छता पर क्यों न हो, उसी प्रकार से बेटी बचाओ भारत जैसा देश जहां नारी के गौरव की बड़ी गाथाएं हम सुनते हैं। इसी धरती की बेटी रानी लक्ष्मीबाई को हम याद करते हैं लेकिन उसी देश में बटी को मां के गर्भ में मार देते हैं। इससे बड़ा कोई पाप हो नहीं सकता है। क्या हमारे नाट्य मंचन पर हमारे कलाकारों के माध्यम से लगातार बार-बार हमारी कविताओं में, हमारे नाट्य मंचों पर, हमारे संवाद में, हमारे लेखन में बेटी बचाओ जैसे अभियान हम घर-घर पहुंच सकते हैं।

भारत जैसा देश जहां चींटी को भी अन्न खिलाना ये हमारी परंपरा रही है, गाय को भी खिलाना, ये हमारी परंपरा रही है। उस देश में कुपोषण, हमारे बालकों को……उस देश में गर्भवती माता कुपोषित हो इससे बड़ी पीड़ा की बात क्या हो सकती है। क्या हमारे नाट्य मंचन के द्वारा, क्या हमारी सांस्कृतिक धरोहर के द्वारा से हम इन चीजों को प्रलोभन के उद्देश्य में ला सकते हैं क्या? मैं कला, साहित्य जगत के लोगों से आग्रह करूंगा कि नए रूप में देश में झकझोरने के लिए कुछ करें।

जब आजादी का आंदोलन चला था तब ये ही साहित्यकार और कलाकार थे जिनकी कलम ने देश को खड़ा कर दिया था। स्वतंत्र भारत में सुशासन का मंत्र लेकर चल रहे तब ये ही हमारे कला और साहित्य के लोगों की कलम के माध्यम से एक राष्ट्र में नवजागरण का माहौल बना सकते हैं।

मैं उन सबको निमंत्रित करता हूं कि सांस्कृतिक सप्ताह यहां मनाया जा रहा है उसके साथ इसका भी यहां चिंतन हो, मनन हो और देश के लिए इस प्रकार की स्पर्धाएं हो और देश के लिए इस प्रकार का काम हो।

मुझे विश्वास है कि इस प्रयास से सपने पूरे हो सकते हैं साथियों, देश दुनिया में नाम रोशन कर सकता है। मैं अनुभव से कह सकता हूं, 6 महीने के मेरे अनुभव से कह सकता हूं पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है हम तैयार नहीं है, हम तैयार नहीं है हमें अपने आप को तैयार करना है, विश्व तैयार बैठा है।

मैं फिर एक बार पंडित मदन मोहन मालवीय जी की धरती को प्रणाम करता हूं, उस महापुरुष को प्रणाम करता हूं। आपको बहुत-बुहत शुभकामनाएं देता हूं।

धन्यवाद

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November 04, 2024
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जय जोहार,

मां गढ़ देवी, भगवान बंशीधर और शहीद नीलांबर-पीतांबर के इ पावन भूमि पर रउवा सबके राम-राम। ओ गोय, ठीक-ठाक बा ना ? आपने कुछ महीने पहले दिल्ली में लगातार तीसरी बार भाजपा-NDA सरकार बनाई। अब झारखंड में विधानसभा का चुनाव है। हम सभी को मिलकर यहां भाजपा-NDA के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार बनानी है। बनाएंगे? पक्का बनाएंगे? हर बूथ में जाके मेहनत करेंगे? आपका ये प्यार, ये उमंग, मैं देख रहा हूं, जितने लोग पंडाल में हैं, उससे दोगुना लोग बाहर धूप में खड़े हैं। (और मैंने देखा, यहां एक बेटी बहुत बढ़िया पेंटिंग बनाकर लाई थी। बेटा वो पेंटिंग मिल जाएगी मुझे। आपने पता लिखा है अपना। अरे ये कैसे कर दिया। अच्छा लिख करके दो। मैं आपको चिट्ठी भेजूंगा। बहुत बढ़िया चित्र बनाया आपने। ये अफसर लोग गए हैं, वो जरूर मुझे मिल जाएगा। लेकिन आप पता लिखकर जरा दे देना। वो हमारे लोग आ जाएंगे।) मैं आज आपका आशीर्वाद मांगने आया हूं। आज झारखंड में हर तरफ एक ही गूंज है। रोटी, बेटी, माटी की पुकार। झारखंड में भाजपा-NDA सरकार। मैं फिर से बुलाता हूं- बोलेंगे? सब बोलेंगे? रोटी-बेटी-माटी की पुकार, रोटी-बेटी-माटी की पुकार, रोटी-बेटी-माटी की पुकार। इस समय छठ के महापर्व का उत्साह भी चारों तरफ दिख रहा है। मैं छठी मैय्या की उपासना करने वाले सभी व्रतियों को भी अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

झारखंड के ये चुनाव ऐसे समय में हो रहे हैं, जब पूरा देश जब आजादी के 100 साल होंगे तो हिंदुस्तान को विकसित होने का संकल्प लेकर के पूरा देश आगे बढ़ रहा है। यानि आने वाले 25 वर्ष देश के लिए भी और झारखंड के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। देश की आज़ादी के 100 वर्ष पूरे होंगे और झारखंड भी तब 50 वर्ष का होने वाला है। भाजपा ने तो झारखंड के लोगों की आकांक्षाओं का सम्मान करते हुए अलग राज्य का निर्माण किया था। और कुछ लोग जो यहां बैठे हैं वो कहते थे हमारी छाती पर झारखंड बनेगा। अरे उनकी छाती पर झारखंड बन गया, लेकिन झारखंड के कुछ नेता उनकी गोदी में जाकर बैठ गए। विकसित झारखंड बनाने के लिए बीते 10 वर्षों में झारखंड के इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत अधिक फोकस किया गया है। (ये पर्दा नीचे करो, पीछे लोगों को दिखाई नहीं देता है। शाबाश।) झारखंड को देश के दूसरे हिस्सों से जोड़ने वाली सड़कों को आधुनिक और चौड़ा किया जा रहा है। यहां रेल कनेक्टिविटी को सशक्त किया जा रहा है। आज झारखंड को 12 आधुनिक वंदेभारत ट्रेनें कनेक्ट कर रही हैं। गंगा जी पर जो वॉटरवे बन रहा है, उससे भी झारखंड कनेक्टेड है। जगदीशपुर-हल्दिया-बोकारो-धामरा गैस पाइपलाइन, झारखंड वालों को सस्ती गैस पहुंचाने में मदद कर रही है। यानि झारखंड में बेहतर सुविधाओं के लिए, यहां के किसानों, यहां के उद्योगों को बल देने के लिए केंद्र सरकार अपनी तरफ से हर कोशिश कर रही है। ये तब है जब झारखंड में JMM सरकार ने विकास के हर काम में रोड़े अटकाने की कोशिश की। लेकिन हम ईमानदारी से झारखंड के विकास की हर कोशिश पूरी ताकत से हर काम कर रहे हैं। जब यहां आप लोग डबल इंजन की सरकार बनाएंगे तो राज्य का विकास भी डबल तेजी से होने लगेगा।

साथियों,

भाजपा, झारखंड की सुविधा, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि की गारंटी के साथ चुनावी मैदान में उतरी है। मैं झारखंड भाजपा को बहुत-बहुत बधाई देता हूं कि कल उसने बहुत ही शानदार संकल्प पत्र जारी किया है। ये संकल्प पत्र, रोटी, बेटी और माटी के सम्मान, सुरक्षा और समृद्धि के लिए समर्पित है। माताओं-बहनों-बेटियों के लिए, उनके कल्याण के लिए, उनके हकों के लिए इसमें अनेक संकल्प लिए गए हैं। गोगो दीदी योजना से हर महीने माताओं-बहनों को 2100 रुपए मिलेंगे। मेरे गरीब परिवार की बहनों को पहले हमने उज्जवला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन दिए। अब झारखंड में बनने जा रही भाजपा-NDA सरकार, 500 रुपए में सिलेंडर देगी। अगले साल दीपावली और रक्षाबंधन पर झारखंड की बहनों को 2 मुफ्त सिलेंडर भी मिलने वाले हैं। भाजपा ने ओडिशा की, छत्तीसगढ़ की, मध्य प्रदेश की बहनों को ये घोषणा की और लागू भी कर दिया, उनको पहुंचा भी दिया। इसलिए एक तरफ भाजपा का गारंटी पूरा करने का ट्रैक रिकॉर्ड है। वहीं दूसरी तरफ JMM-कांग्रेस-RJD सरकार के झूठे वायदे हैं। इन्होंने 5 साल तक माताओं-बहनों के लिए कुछ नहीं किया। अब जब भाजपा की योजनाएं सामने हैं, तब इन्होंने आनन-फानन में महिलाओं की आंखों में धूल झोंकने के लिए नकल करके नई-नई घोषणाएं की हैं। ये लोग नकल तो कर सकते हैं, लेकिन भाजपा के पास जो नेक-नीयत है वो कहां से लाएंगे? और इनकी योजनाएं कि अब करेंगे, तब करेंगे, दिसंबर में...अरे तुम रहने ही वाले नहीं हो भाई। ये चुनाव में विदाई पक्की है।

साथियों,

JMM-कांग्रेस वालो ने आपको गरीबों के घर के नाम पर भी धोखा ही दिया है। केंद्र की हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत झारखंड में 16 लाख गरीबों के घर बनाए। कितने? 16 लाख, ये आंकड़ा बहुत बड़ा होता है भाई। और ये घर किसको मिले। जिनके पास पक्का घर नहीं था, ऐसे मेरे ST-SC-OBC परिवारों को मिले। करीब 1 लाख 15 हज़ार घर तो यहां गढ़वा जिले के गरीब परिवारों को ही मिल चुके हैं। अब आप कह रहे थे कि यहां पहले कोई प्रधानमंत्री नहीं आया। ये मोदी पहला प्रधानमंत्री है जो यहां आया। जो बड़े-बड़े अच्छे-अच्छे काम होते हैं न, वो मेरे नसीब में ही लिखे हुए हैं। अरे गढ़वा के लोगों का प्यारा पाना, आशीर्वाद पाने के लिए भी तो नसीब चाहिए। ये नसीब मोदी को मिला है इसलिए आपके आशीर्वाद पाने के लिए, आपके पास आ गया। लेकिन JMM-कांग्रेस से आप पूछिए कि अबुआ-आवास योजना का क्या हुआ? क्यों इस योजना का नाम लेकर आपके साथ विश्वासघात किया गया?

साथियों,

लोकसभा चुनाव के दौरान मैंने देशभर में तीन करोड़ नए घर बनाने की गारंटी दी थी। हमने सरकार बनते ही इस गारंटी पर काम शुरू भी कर दिया। अब झारखंड भाजपा ने भी 21 लाख नए आवास बनाने का संकल्प लिया है। झारखंड के हर गरीब के पास पक्का घर हो, ये भाजपा की गारंटी है। अच्छा मेरा एक काम करोगे भाई? सबके सब हाथ ऊपर करके बताइए करोगे? पक्का करोगे? देखिए ये चुनाव में जब आप लोगों से मिलने जाएं तो कहीं आपको लोग अगर झुग्गी-झोपड़ी में रहते नजर आते हैं, कोई कच्चे घर में मिट्टी के छोटे से घर में रहता है, आप उसको कहना, यहां 23 तारीख के बाद भाजपा सरकार बनने वाली है। और उसको कहना कि मोदी जी आए थे, और उन्होंने कहा है कि उसका घर अब पक्का बन जाएगा, मेरी तरफ से कह देना। आप ही मेरे लिए मोदी हैं। यहां का मेरा हर कार्यकर्ता मोदी है, आप वादा कर देना, कर दोगे? मैं पूरा करूंगा दोस्तों।

साथियों,

झारखंड के नौजवानों में टैलेंट की कमी नहीं है। देश ने युवाओं का टैलेंट, ये हमारे झारखंड की बेटियां, झारखंड के बेटे खेल के मैदान में झारखंड का जज्बा दिखाते हैं। झारखंड के युवाओं का सामर्थ्य बढ़े, उन्हें नए अवसर मिलें, ये सरकार की जिम्मेदारी होती है। लेकिन JMM-कांग्रेस-RJD ने झारखंड के युवाओं के साथ भी धोखा ही किया है। बीते 5 वर्षों में झारखंड के नौजवानों के साथ क्या-क्या हुआ, ये भी आपने देखा है। इन लोगों ने झारखंड के नौजवानों के लिए बेरोज़गारी भत्ता देने का वादा किया था। लेकिन ये वादा पूरा नहीं किया। वादा किया था कि नहीं किया था? वादा किया था कि नहीं किया था? झूठ बोलकर वोट ले गए थे कि नहीं ले गए थे? फिर आपका वादा तोड़ा कि नहीं तोड़ा? आपको एक रुपया भी दिया नहीं न? आप उनको सजा दोगे कि नहीं दोगे? साथियों, इतना ही नहीं, भर्तियों में धांधली, पेपर लीक, ये तो यहां का उद्योग बन गया उद्योग। सिपाही भर्ती के दौरान, JMM सरकार की लापरवाही के कारण कई नौजवानों की दुखद मृत्यु हो गई। अब झारखंड भाजपा ने इस स्थिति को बदलने का संकल्प लिया है। झारखंड में भाजपा सरकार बनने के बाद 3 लाख सरकारी पदों को पारदर्शी तरीके से भरा जाएगा। अभी हरियाणा में लोगों ने तीसरी बार भाजपा सरकार बनाई। अभी एक महीना नहीं हुआ है। वहां के नौजवान डबल दिवाली मना रहे हैं। क्यों? सरकार ने आते ही बिना खर्ची-बिना पर्ची 25 हजार लोगों को रोजगार दे दिया। वादा किया था, पूरा कर दिया। लाखों नौजवानों के लिए युवा साथी भत्ता देने का संकल्प भी लिया गया है। युवा साथी भत्ते के तौर पर यहां के युवाओं को 2 हजार रुपए दिए जाएंगे। सभी परीक्षाओं के लिए वार्षिक कैलेंडर, जारी होने से पेपर लीक माफिया पर भी लगाम लगेगी। केंद्र सरकार पहले ही पेपर लीक करने वालों के लिए सख्त सज़ा देने का कानून बना चुकी है।

साथियों,

हमने लोकसभा चुनाव के दौरान देश के करोड़ों नौजवानों के लिए रोज़गार, इंटर्नशिप और कौशल विकास की गारंटी दी थी। पहले 100 दिन के भीतर ही, इसके लिए हम 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक का पीएम पैकेज हमने घोषित कर दिया। पीएम इंटर्नशिप कार्यक्रम लागू हो चुका है। इसके तहत हज़ारों नौजवानों ने रजिस्ट्रेशन भी कर लिया है। बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप पर पीएम पैकेज के तहत यहां के युवाओं को भी हर महीने 5 हजार रुपए मिलेंगे।

साथियों,

किसानों का हित, किसानों की आय बढ़ाना, भाजपा की प्राथमिकता है। झारखंड भाजपा ने धान की सरकारी खरीद, 3100 रुपए प्रति क्विंटल करने का भी फैसला लिया है। कितना? 3100 रुपए, हर किसान के घर जाकर बताओगे। छोटे और सीमांत किसानों के लिए, पशुपालकों के लिए भी आर्थिक मदद देने की योजना घोषित की है। यही नहीं, आदिवासी परिवारों की आजीविका बढ़ाने के लिए भी अनेक अच्छी घोषणाएं की गई हैं। हर आदिवासी ब्लॉक में केंदू पत्ता, महुआ, और मशरूम जैसे उत्पादों से जुड़ी प्रोसेसिंग और स्टोरेज क्षमता बनाई जाएगी।

साथियों,

मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि इन घोषणाओं को पूरा करने के लिए भाजपा-NDA सरकार पूरी ताकत से काम करेगी। ये मोदी की आपको गारंटी है। साथियों, आजकल अफवाहें फैलाना, इसका एक उद्योग चल पड़ा है। कुछ लोग भांति-भांति की दुकानें खोलकर बैठे हैं। वो अफवाह फैलाने का माल बेच रहे हैं। आपको ऐसी किसी भी अफवाह में नहीं आना है। मुझे याद है, जब हमने पीएम किसान सम्मान निधि योजना लागू की थी 2018 में। तो JMM वालों ने यहां के गांव-गांव जाकर किसानों से झूठ बोला। और क्या बोला, उन्होंने बोला देखिए, ये मोदी अभी पैसा भेज रहा है न, इसे खाते में मत डलवा देना, इससे मत जुड़ना। क्योंकि चुनाव जीतने के बाद मोदी ये पैसा ब्याज समेत तुमसे वापस ले लेगा। ऐसा झूठ चलाया। और मेरे भोले-भाले गांव के किसान भाइयों ने मोदी जो पैसा भेजता था उसे लेने से मना कर दिया। बोले हमें नहीं चाहिए, पैसा देना पड़ेगा। जब दुबारा आपने 2019 में सेवा का मौका दिया तब जाकर ये झूठ का पता चला कि ये JMM कितना झूठ बोलते थे। इस बार भी रोज नए-नए झूठ फैलाने का काम, एक परिवार दिल्ली में ये धंधा करता है, दूसरा इधर झारखंड में करता है। मुझे खुशी है कि आज पीएम किसान सम्मान निधि के 600 करोड़ रुपए से ज्यादा गढ़वा के किसानों को मिल चुके हैं।

साथियों,

आजादी के बाद से ही कांग्रेस की राजनीति का बहुत बड़ा आधार रहा है- जनता से झूठ, जनता को धोखा। ये झूठे वायदे करके वोटरों को धोखा देते हैं। हमारे निर्दोष भोले-भाले हमारे नागरिकों की आंख में धूल झोंक देते हैं। अभी ताज़ा-ताज़ा हरियाणा ने भी इनको सबक सिखाया है। वहां भी इन्होंने झूठ फैलाने की बहुत कोशिश की थी। महिलाओं-किसानों-नौजवानों-SC/ST/OBC, सभी को कुछ न कुछ झूठ बेचने की कोशिश की थी। लेकिन हरियाणा वालों ने इनके झूठ को टिकने नहीं दिया। कांग्रेस और उसके साथी जहां-जहां भी झूठ बोलकर सत्ता में आए हैं, उस राज्य को उन्होंने बर्बाद कर दिया है। इन्होंने हिमाचल को तबाह कर दिया है। वहां कर्मचारियों के सामने सैलरी और पेंशन तक का संकट आने लगा है। अपने हक का DA पाने के लिए कर्मचारियों को आंदोलन करने पड़ रहे हैं। यहां जो सरकारी मुलाजिम हैं न, जरा हिमाचल के अपने परिचितों से पूछ लो, क्या हाल करके रखा है इन्होंने। तेलंगाना में भी कांग्रेस सरकार के झूठे वायदों की वजह से वहां की जनता पस्त पड़ी हुई है। कर्नाटक में जो कुछ हो रहा है, उससे तो कांग्रेस के भीतर ही घमासान मचा है। कांग्रेस के जो अध्यक्ष हैं, उन्होंने भी मान लिया है कि कांग्रेस झूठी गारंटी देती है। मैं तो हैरान हूं, पता नहीं कैसे हमारे खड़गे जी के मुंह से जाने-अनजाने सच निकल गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की जो ये अनाप-शनाप घोषणाएं हैं, ये राज्यों को दिवालिया कर देंगी। इसलिए आपको कांग्रेस और उसके साथियों की घोषणाओं पर कभी भरोसा नहीं करना है। मेरी बात मानोगे? पक्का मानोगे?

साथियों,

झारखंड का एक और बहुत बड़ा दुश्मन है और वो है परिवारवाद। JMM-कांग्रेस-RJD, ये तीनों दल घोर परिवारवादी हैं। ये लोग चाहते हैं कि सत्ता की चाबी केवल इन्हीं के परिवार के पास रहे। JMM का भी यही मॉडल है। अगर कोई अपनी काबिलियत से आगे बढ़ भी गया, तो उसके साथ कैसा बर्ताव करते हैं, ये भी हमने देखा है। हमारे चंपई सोरेन जी के साथ इन्होंने क्या किया? इन लोगों ने एक आदिवासी बेटे को अपमानित करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। जिनके लिए अपने परिवार से बड़ा कुछ नहीं है, वो झारखंड के आप सभी लोगों की परवाह भला क्यों करेंगे? इसलिए मैं झारखंड के हर नौजवान से कहूंगा कि ऐसे स्वार्थी दलों को अच्छे से सबक सिखाना है। भाइयों-बहनों, जब मैं कहता हूं कि मेरा अपना परिवार हो या न हो, लेकिन आप सब मेरा परिवार हैं। मेरी बात में आपको सच लगता है कि नहीं लगता है? क्या मैं आपके लिए जीता हूं कि नहीं जीता हूं? क्या मैं आपके लिए दिन-रात काम करता हूं कि नहीं करता हूं? मैं दिन-रात आपके लिए सोचता हूं कि नहीं सोचता हूं? इस देश के किसी नागरिक में इस बात को लेकर शक नहीं है। मेरे लिए सबकुछ 140 करोड़ देशवासी हैं। उनके लिए सबकुछ उनका अपना परिवार है।

साथियों,

आप भी जानते हैं, भ्रष्टाचार दीमक की तरह देश को खोखला करता है। भ्रष्टाचार, सबसे अधिक गरीब को, दलित, पिछड़े, आदिवासी को सबसे ज्यादा दुखी करता है, तबाह करता है, बर्बाद करता है। झारखंड ने तो बीते 5 सालों में देखा है कि कैसे JMM-कांग्रेस-RJD सरकार ने भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं तोड़ दी है। मुख्यमंत्री हो, मंत्री हो, विधायक हो, सांसद हो, ऐसा कोई बचा नहीं जिन पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप नहीं हैं। JMM के मंत्री के लोगों के पास से नोटों के पहाड़ निकले। क्या निकलता है? क्या निकलता है? कांग्रेस के सांसद के घर से नोटों के पहाड़ निकले। मैंने तो आंखों से कभी इतने नोटों के पहाड़ नहीं देखे जी। मैंने टीवी पर देखा कि लूट के नोटो के पहाड़ इतने बड़े होते हैं। अरे इंसान तो छोड़िए, मशीनें तक गिनते-गिनते थक गईं। और ये पैसा किसका था भाई? ये पैसा किसका था? ये पैसा झारखंड के लोगों का था कि नहीं था? ये पैसा झारखंड के नौजवान का था कि नहीं था? ये पैसा झारखंड की बेटियों का था कि नहीं था? ये पैसा झारखंड के गरीबों का था कि नहीं था? ये पैसा झारखंड के आदिवासियों का था कि नहीं था? ये पैसा झारखंड के मेरे किसान भाइयों का था कि नहीं था? लूट लिया। कहीं रोड बननी था, कहीं बस अड्डा बनना था, कहीं पुलिया बनानी थी, कहीं स्कूल-अस्पताल बनना था, कहीं बिजली की लाइन पहुंचनी थी। सबकुछ लूट लिया। आपके हक का, आपके अधिकार का ये इन्होंने लूटा है, ये आपका जेब काटने वाले लोग हैं।

साथियों,

मुझे इस क्षेत्र के भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों की भी रिपोर्ट मिली है। इन्होंने तो आपके हक के पानी के नल तक को नहीं छोड़ा। हमने हर घर जल पहुंचाने की इतनी बड़ी योजना बनाई। केंद्र सरकार ने दिल्ली से हजारों करोड़ रुपए भेजा। लेकिन यहां JMM-कांग्रेस के लोगों ने वो पैसा अपनी तिजोरी में भर लिया। देश में जहां भाजपा सरकारें हैं, वहां अनेक राज्यों में हर घर जल अभियान बहुत सफलता से चल रहा है। लेकिन झारखंड में हमारे प्रयासों के बावजूद, ढेर सारे पैसे भेजने के बावजूद, घर-घर नल पहुंचाने का काम ठप पड़ा है। और अभी आपके सब नेता बता रहे थे भाषण में कि मोदी जी, गढ़वा को पानी मिल जाए न, गढ़वा का पलायन रुक जाएगा। मैं आपकी बात से सहमत हूं। साथियों, मैं जिस गुजरात से आता हूं, उस गुजरात में कच्छ और सौराष्ट्र ऐसे ही पानी की मुसीबत में जीता था। पानी की ट्रेनें भेजनी पड़ती थी वो हाल था। जब 2001 में वहां के लोगों ने काम दिया मुख्यमंत्री का, मैं पानी के पीछे पड़ गया। मैंने कहा कि मैं पानी पहुंचाकर रहूंगा। और बड़ा जनआंदोलन खड़ा किया। वर्षा की एक-एक बूंद रोकने का अभियान चलाया। मरी-पड़ी नदियों को जिंदा करने के लिए लोगों को लगाया। और जिस कच्छ और सौराष्ट्र से पलायन होता था आज पानीदार बन गया और लोग वापस आने लग गए। भाइयों-बहनों, अगर दिल में कुछ करने का जज्बा हो न तो मेरा गढ़वा भी पानीदार बन जाएगा। और एक बार पानी पहुंचा तो पलायन तो रुकेगा जो पलायन होके गए न वो भी वापस आ जाएंगे दोस्तों। जनभागीदारी से वर्षा की एक-एक बूंद बचाकर हम समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।

साथियों,

आज ये क्षेत्र, बालू तस्करी का बहुत बड़ा केंद्र बन चुका है। बालू बोलते ही आपको सब दिखाई दिया। सच्चाई ये है कि झारखंड की सरकार, माफिया की गुलाम बनी हुई है। जनता पलायन के लिए मजबूर है और ये लोग सरकारी ठेकों में बंदरबांट करने में व्यस्त हैं। यहां हर काम-धंधा बंद होता जा रहा है, लेकिन ट्रांसफर-पोस्टिंग का धंधा खूब फल-फूल रहा है। इसलिए आपको याद रखना है, JMM-कांग्रेस-RJD ने ये जो माफिया तंत्र बनाया है, भाजपा-NDA को दिया आपका हर वोट उस पर चोट करेगा।

साथियों,

JMM-कांग्रेस-RJD ने तुष्टिकरण की नीति को चरम पर पहुंचा दिया है। ये तीनों दल सामाजिक ताना-बाना तोड़ने पर आमादा हैं, ये तीनों दल घुसपैठिया समर्थक हैं। बांग्लादेशी घुसपैठियों के वोट पाने के लिए ये इन घुसपैठियों को पूरे झारखंड में बसा रहे हैं। जब स्कूलों में सरस्वती वंदना तक पर रोक लगने लगे, तो पता चलता है कि खतरा कितना बड़ा है। जब तीज-त्योहारों में पत्थरबाजी होने लगे, माता दुर्गा को भी रोक दिया जाए, जब कर्फ्यू लगने लगे, तो पता चलता है कि स्थिति कितनी खतरनाक है। जब बेटियों के साथ शादी के नाम पर छल-कपट होने लगे, तो पता चलता है कि पानी सिर के ऊपर से गुजरने लगा है। जब घुसपैठ का मामला कोर्ट में जाए और प्रशासन इससे इनकार करे तो पता चलता है कि सरकारी तंत्र में ही घुसपैठ हो चुकी है। ये आपकी रोटी भी छीन रहे हैं, ये आपकी बेटी भी छीन रहे हैं और आपकी माटी को भी हड़प रहे हैं। अगर JMM-कांग्रेस-RJD की यही कुनीति जारी रही, तो झारखंड में आदिवासी समाज का दायरा सिकुड़ जाएगा। ये आदिवासी समाज और देश की सुरक्षा, दोनों के लिए बड़ा खतरा है। इसलिए इस घुसपैठिया गठबंधन को अपने एक वोट से उखाड़ फेंकना है। फेंकेंगे? एक-एक वोट रोटी-बेटी-माटी को बचाएगा। बचाओगे?

साथियों,

झारखंड का तेज़ विकास तभी संभव है, जब यहां ऐसी सरकार हो जो केंद्र की योजनाओं को तेज़ी से लागू करे। ये लोग खुद काम करते नहीं और दूसरों को भी काम नहीं करने देते। दशकों तक इनके कुशासन का नतीजा, झारखंड ने भुगता है। गढ़वा हो, पलामू हो, राज्य के ऐसे अनेक जिले हैं, जिनको इन्होंने पिछड़ा घोषित कर रखा था। हमने यहां के विकास को प्राथमिकता दी। देश के जो अच्छे और युवा अफसर हैं, उनको यहां तैनात किया गया। ऐसे जो हमारे आकांक्षी जिले हैं, वहां अस्पताल, स्कूल-कॉलेज, रोड, रेल, इंटरनेट, ऐसी हर सुविधा को प्राथमिकता दी जा रही है। ये लोग कैसे योजनाओं में भी रोड़े अटकाते हैं, इसका उदाहरण उत्तर कोयल जलाशय- मंडल डैम है। कई दशक पहले इसका निर्माण कार्य शुरु हुआ था। ये समय पर बन जाता तो लाखों किसानों को इसका लाभ होता। पानी के लिए तरसना न पड़ता। हमने इस परियोजना को गति देने का फैसला लिया। इसके लिए हज़ारों करोड़ रुपए स्वीकृत किए। 2019 में इसकी आधारशिला रखी गई। लेकिन यहां रोड़े अटकाने वाली JMM सरकार बन गई। यहां जो डूब क्षेत्र के प्रभावित हैं, उनके लिए पिछले साल ही हमने राज्य सरकार को स्पेशल पैकेज की मंज़ूरी दी है। लेकिन राज्य सरकार ने प्रभावितों को ये पैसा भी नहीं दिया। लूटने में लगे रहे। यहां भाजपा-NDA सरकार बनते ही, इस परियोजना पर तेज़ी से काम किया जाएगा !

साथियों,

यहां अगर भाजपा सरकार रहती तो सोन-कनहर पाइप लाइन सिंचाई परियोजना कब की पूरी हो चुकी होती। इसी तरह यहां जो चियांकी एयरपोर्ट है, इसको हम सस्ती हवाई यात्रा वाली योजना उड़ान में शामिल करना चाहते हैं। लेकिन यहां की सरकार इसमें भी दिलचस्पी नहीं ले रही। हमने पलामू और गढ़वा के लिए सोलर पार्क स्वीकृत किए हैं। JMM की सरकार, लोगों को अंधेरे में रख रही है, लेकिन इन परियोजनाओं के लिए ज़मीन नहीं दे रही। यहां के नौजवानों को नौकरियां मिले, झारखंड का विकास हो, ये इन लोगों को मंज़ूर नहीं है।

साथियों,

भाजपा-NDA, विकास और विरासत दोनों को महत्व देते हैं। हम उन क्षेत्रों, उन वर्गों के विकास पर विशेष बल दे रहे हैं, जो अतीत में पिछड़ गए थे। हम आदिवासी क्षेत्रों का विकास भी कर रहे हैं और आदिवासी विरासत को भी पूरी शान से आगे बढ़ा रहे हैं। ये भाजपा ही जो पूरे देश में आदिवासी परंपरा, कला-संस्कृति के लिए समर्पित 10 बड़े संग्रहालय बना रही है। रांची में जो भव्य संग्रहालय बना है, उसके उद्घाटन का अवसर मुझे ही मिला था। कुछ दिन बाद ही धरती आबा बिरसा मुंडा जी का जन्म दिवस है। ये भाजपा-NDA सरकार ही है, जिसने धरती आबा के जन्म दिवस को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया था। इस वर्ष का आयोजन तो और भी विशेष है। इस 15 नवंबर से अगले 2 वर्ष तक, धरती आबा बिरसा मुंडा जी की डेढ़ सौवीं जन्मजयंति के समारोह देशभर में मनाए जाएंगे। पूरा देश जनजातीय गौरव वर्ष का उत्सव मनाएगा। पूरा देश इसमें शामिल होगा। पूरी दुनिया भगवान बिरसा मुंडा और आदिवासी समाज के योगदान को जानने समझने लगेगी।

साथियों,

झारखंड का तेज़ विकास, भाजपा की गारंटी है, NDA की गारंटी है। इसलिए मैं गढ़वा से पूरे झारखंड के भाई-बहनों से आग्रह करुंगा, भाजपा के, आजसू के, JDU और LJP के उम्मीदवार जहां-जहां हैं, उनको भारी मतों से विजयी बनाएं। हमें मिलकर, झारखंड को विकास के उस सफर पर ले जाना है, जो पूर्वी भारत के विकास को तेज़ी दे सके। आप इतनी बड़ी संख्या में हमें आशीर्वाद देने आए, मैं आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं। लेकिन मेरा एक काम करेंगे? सबके सब हाथ ऊपर करके बताएं, मेरा एक काम करेंगे? जरा जोर से बताएं करेंगे? घर-घर जाएंगे? लोगों से मिलेंगे? एक काम करना, हर परिवार में जाकर कहना, अपने मोदी जी गढ़वा आए थे। और मोदी जी ने आपको जोहार कहा है। मेरा जोहार पहुंचा देंगे? मेरा राम-राम पहुंचा देंगे? (एक नौजवान बहुत बढ़िया चित्र बनाकर लाए हैं, हमारे सिक्यूरिटी वालों से कहूंगा कि वो चित्र उनसे लीजिए। जरा अपना पता पीछे लिख देना भइया। मैं आपको चिट्ठी भेजूंगा। इसके पीछे अपना एड्रेस लिख देना। जरा ले लीजिए वो फोटोग्राफ, चित्र ले लीजिए।)
मेरे साथ बोलिए, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय ! बहुत-बहुत धन्यवाद।