Text of PM’s address at the Civic Reception in Seychelles

Published By : Admin | March 11, 2015 | 16:15 IST

सभी विशिष्‍ट महानुभाव और विशालसंख्‍या में आए हुए प्‍यारे भाईयों और बहनों,

Seychelles की मेरी पहली मुलाकात है, लेकिन लग रहा है आप लोगों से बहुत पहले से जुड़ा हुआ हूं।

8 PM Modi in Seychelles At Civic Reception SPEECH (1)

कल मैं रात देर से आया उसके बावजूद भी पूरे रास्‍ते भर मैं Seychelles के लोगों के प्‍यार को अनुभव कर रहा था। जिस प्रकार का स्‍वागत सम्‍मान किया, इसके लिए मैं यहां की सरकार का, यहां के नागरिकों का और आप सबका हृदय से बहुत-बहुत धन्‍यवाद करता हूं।

Seychelles और भारत - विज्ञान यह कहता है कि हजारों साल पहले हम एक ही धरती थे, लेकिन जब प्रलय होता है तो सब बिखर जाता है। यह धरती और भारत की धरती, इसके बीच हजारों साल पहले हजारों मील का फासला हो गया। प्रकृति ने धरती को अलग किया, लेकिन हमारे दिलों को जुदा नहीं किया।

और कभी-कभी लगता है कि भारत और हमारे Seychelles के बीच में एक बहुत बड़ा समंदर है। लेकिन यह समंदर हमें बिछड़ने के लिए नहीं है, यह समंदर है जो हमें जोड़ता है। समंदर के तट पर खड़े होकर के हम ऊंगली करके कह सकते हैं उधर मेरा मुंबई है, उधर मेरा चेन्‍नई है, उधर मेरा कोच्चि है। यह नजदीकी, ये अपनापन.. और इस अर्थ में, समझता हूं कि हम लोगों का एक विशेष नाता है।

आज भारत इस बात का गर्व करता है कि आप भारतवासी जहां भी गए, जिस अवस्‍था में गए, जिस कठिनाइयों के बीच जिंदगी को जीये, शताब्‍दीभर - कुछ कम समय नहीं होता है - कहते हैं शुरू में 1717 में कुछ लोग यहां आए थे, और तब से सिलसिला चला। सौ सवा सौ वर्ष, बहुत बड़ी मात्रा में आना जाना हुआ। लेकिन इस पूरे कालखंड में आपके व्‍यवहार से आपकी वाणी से यहां के लोगों ने आपको अपना बना लिया और आपने इस देश को अपना बना लिया है। यही तो हमारी मूल सांस्‍कृति धरोहर है - वसुदेव कुटुम्‍बकम - पूरा विश्‍व एक परिवार है। और जो इन संस्‍कारों से पले-बढ़े हैं, जिनके लिए पृथ्‍वी यह माता है, उनके लिए अपनेपन के लिए भौगोलिक सीमाएं नहीं होती है।

8 PM Modi in Seychelles At Civic Reception SPEECH (4)

देश की सीमाएं उनकी भावनाओं को बांटकर के नहीं रखती है। भावनाएं आपार सागर की तरह फैली होती है, और आपके व्‍यवहार से वो देश गर्व अनुभव करता है कि आपने सारी दुनिया में... आज भी कहीं पर भी जाओ दुनिया में कांतिलाल जीवन शाह का नाम दोगे। अब तो हमारे बीच रहे नहीं, लेकिन उन्होंने काम के द्वारा दुनिया में Seychelles का भी नाम रोशन किया, एक मूल भारतीय के नाते भी नाम रोशन किया। विश्व ने उनको सम्मानित किया। अनेक Award मिले उनको। और वो सिर्फ आर्थिक कारोबार के कारण नहीं है। उन्होंने ज्यादातर चिंता की थी प्रकृति की रक्षा के लिए। आज जिस Climate change को लेकर के दुनिया चिंतित है, कांतिलाल शाह अपनी जवानी के समय से उन मुद्दों को लेकर के Seychelles के अंदर लोगों को जागरुक करने का काम कर रहे थे, लोगों को जगा रहे थे। सामूहिक की संपदा के लिए लोगों को जगा रहे थे, संवेदनाएं पैदा कर रहे थे। एक भारतीय के नाते इस प्रकार का उनका जीवन, इस प्रकार का उनका काम, हर हिंदुस्तानी को गर्व देता है, अभिमान देता है। और ऐसे तो यहां अनगिनत लोग हैं जिन्होंने अपनी बुद्धि, शक्ति, क्षमता, कल्पना शक्ति, समार्थ्य, धन - इन सबके द्वारा Seychelles के निर्माण में बहुत बड़ा योगदान दिया है।

इतनी बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय यहां रहता है। और हम गुजरात के लोग तो एक पुरानी घटना से बड़े परिचित हैं कि जब ईरान से पारसी आए और राजा ने भरा हुआ दूध का कटोरा भेजा और पारसी समुदाय ने उसमें चीनी मिलाई और वापिस भेजा। कटोरा भरा हुआ था लेकिन जब चीनी मिलाकर के भेजा तो दूध बाहर नहीं गया अंदर ही रहा। पूरा भरा रहा लेकिन दूध मीठा हो गया। और तब ये symbolic संदेश था कि पारसी ने संदेश दिया कि भले ही हम ईरान से आए हैं लेकिन हम हिंदुस्तान की धरती पर ऐसे घुल-मिल जाएंगे जिसके कारण आपकी sweetness में बढ़ोतरी होगी। मैं समझता हूं उसी परंपरा... भारतीय समुदाय के लोग यहां आ के Seychelles में उसी तरह घुल-मिल गए हैं कि जिसने Seychelles की sweetness को बढ़ाया है उसकी रोशनी को उजागर किया है, उसको सामर्थ्य दिया है। और इस प्रकार से अपने व्यवहार से, अपने आचरण से, जब कोई मेरा भारतीय भाई दुनिया के किसी भी कोने में जाकर के उस समाज की भलाई के लिए जीता है, उस समाज की भलाई के लिए काम करता है, उस धरती के लिए अपना जीवन लगा देता है, तब भारत के नाते हम लोगों को बड़ा गर्व होता है। मैं आज आपके बीच मेरे गर्व की अभिव्‍यक्ति आपके सामने कर रहा हूं। आनंद की अभिव्यक्ति कर रहा हूं, आपका अभिनंदन कर रहा हूं। और मुझे विश्‍वास है कि आने वाली हमारी पीढि़या भी इन संस्‍कारों को इन परंपराओं को बनाए रखेगी, और विश्‍व में भारत का गौरव भारत की पहचान बनाने में हमारी अहम भूमिका रहेगी।

भाईयों-बहनों, कुछ महीने पहले भारत में चुनाव हुए और बहुत वर्षों के बाद, करीब-करीब 30 वर्ष के बाद भारत में पूर्ण बहुमत से चुनकर के लोगों ने एक सरकार बनाई। और मुझे बताया गया कि भारत में जब चुनावी नतीजे आ रहे थे, result आ रहे थे, तब आप भी यहां उत्‍सव मना रहे थे। यह उत्‍सव इस बात से भी जुड़ा हुआ था कि आप भी - Seychelles की प्रगति तो चाहते ही चाहते हैं, उसके लिए प्रयास भी करते हैं - लेकिन आपके दिल में यह भी है कि भारत भी प्रगति करे, भारत भी नई ऊंचाईयों को पाएं।

और हम तो वो लोग हैं जो वसुदेव कुटुम्‍ब कहते हैं तो हमारी तो कल्‍पना है पूरा विश्‍व आगे बढ़े, पूरा विश्‍व शांति से जीए, पूरा विश्‍व प्रगति करे। यही तो हमारे सपने हैं, यही तो हमारे संस्‍कार हैं, यही हमारा संकल्‍प है कि हम जय जगत वाले लोग हैं, विश्‍व कल्‍याण वाले लोग हैं। और उस काम को करने के लिए भारत को भी अपनी जिम्‍मेवारी निभाने के लिए सक्षम होना पड़ेगा। अगर भारत गरीब रहा, भारत पिछड़ा रहा, भारत दुर्लभ रहा तो दुनिया की आशा-आकांक्षा वो पूरी करने में भारत कोई भूमिका नहीं निभा सकता। तो विश्‍व कल्‍याण की भी अगर भूमिका निभानी है तो भारत का मजबूत होना जरूरी है, भारत का सामर्थ्‍यवान होना जरूरी है, भारत का सुख-शांति से हरा-भरा देश बनना जरूरी है। और इसलिए पिछले नौ-दस महीने में कोशिश की गई है कि देश विकास की नई ऊंचाईयों को पार करे। भारत का सर्वांगीण विकास हो और भारत विश्‍व से ज्‍यादा से ज्‍यादा जुड़े।

आज दुनिया के छोटे-छोटे देश जो टापुओं पर बसे हैं, आईलैंड्स पर बसे हैं, उन सबकी एक सबसे बड़ी चिंता है। दुनिया को कौन nuclear बम बनाता है कौन नहीं बनाता है - यह आईलैंड में रहने वाले लोगों की चिंता का विषय नहीं है, लेकिन उनकी चिंता का विषय है कि “यह Global Warming होता रहेगा तो हम रहेंगे कि नहीं रहेंगे? कहीं यह हमारा टापू पानी के अंदर चला तो नहीं जाएगा? सदियों से जिसको संजोया है, दो-दो, तीन-तीन पीढ़ी जिसमें खप गई है, कहीं यह तो डूब नहीं जाएगा?”

और दुनिया को बचाने का काम सिर्फ आईलैंड पर बैठे हुए लोग अपनी रक्षा के लिए कुछ करें और इसलिए सब हो जाएगा, ऐसा नहीं है। पूरे विश्‍व ने मिलजुल करके climate change की उतनी ही चिंता करनी पड़ेगी, जितनी आज विश्व Terrorism की चर्चा करता है। जितना संकट आतंकवाद से नजर आता है गहरा लगता है उतना ही, इन छोटे-छोटने Island पर रहने वाले लोगों के लिए, Climate change के कारण संकट महसूस होता है।

भारत ने... सदियों से हमारे तो संस्कार रहे हैं, हमें तो वो संस्कार मिले हैं कि बालक सुबह बिस्‍तर से उठकर के पैर जमीन पर रखता है तो उसे सिखाया जाता है कि तुम ये पैर पृथ्वी माता के ऊपर रख रहे हो। पहले पृथ्वी माता की माफी मांगो। यानि हमें इस मां को पीड़ा देने का कोई हक नहीं है, ये हमारी संस्कृति और संस्कार में है। प्रकृति से प्यार करो, प्रकृति से संवाद करो, प्रकृति से सीखो - यही तो हमें सिखाया गया है। पूरे ब्रहमांड को एक परिवार के रूप में माना गया है, और इसलिए विश्व को इस संकट से बचाने का काम भी - हम जिस परंपरा से बने-पले हैं, जिस संस्कारों से हम आगे बढ़े हैं, जिस संस्कृति को हमने विरासत में पाया है - अगर हम उसे जीना सीख लें, लोगों को जीने का रास्ता दिखा दें और जगत उसे जीने की आदत बना ले, तो हो सकता है इतने बड़े संकट से बाहर निकलने के लिए पूरी मानव जात सरलता से एक रास्ते पर चल सकती है और आगे बढ़ सकती है

। हम वो लोग हैं जो नदी को मां मानते हैं, वो लोग हैं जो पौधे में परमात्मा देखते हैं। यही तो बातें हैं, जो Climate की रक्षा के साथ जुड़े हुए हैं। लेकिन इन परंपराओं के साथ-साथ, आधुनिक चीजों पर भी बल देना पड़ता है। हमें विकास की उस राह को अपनाना होगा जो सदियों के बाद भी मानव जात के कल्याण में रुकावट पैदा न कर सके। हम सबको परमात्मा ने हमारे लिए जो दिया है, उसका तो उपभोग करने का अधिकार है। लेकिन हम लोगों को हमारी संतानों के लिए जो दिया गया है, उसका उपभोग करने का अधिकार नहीं है। ऐसा कोई मां-बाप होते हैं क्या? दुनिया में ऐसे कोई मां-बाप होते हैं क्या जो अपने बच्चों का भी खा जाएं? कोई मां-बाप ऐसा नहीं होते। और इसलिए आज से 100 साल बाद आपके बच्चों के बच्चे होंगे, बच्चों के बच्चे होंगे, बच्चों के बच्चे होंगे। उनको पानी मिलेगा क्या नहीं मिलेगा? उनको शुद्ध हवा मिलेगी कि नहीं मिलेगी? उनको रहने के लिए अच्छी पृथ्वी मिलेगी कि नहीं मिलेगी? हमें उनको वो विरासत में देकर के जाना है तो हमें आज अपनी जिंदगी को बदलना पड़ेगा। और इसलिए उस दिशा में हम काम करें।

भारत ने एक बहुत बड़ा बीड़ी उठाया है। और वो बीड़ी है Solar energy और Wind energy का। हम चाहते हैं कि दुनिया को इस संकट से बचाने के लिए भारत की जो भूमिका है, उस भूमिका को अदा करना चाहिए और उस भूमिका को अदा करने के लिए 100 Giga Watt Solar energy का संकल्प हमने लिया है 2022 में - जब भारत की आजादी के 75 साल होंगे। जब भारत अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मनाएगा, हम दुनिया को एक सौगात देना चाहते हैं ताकि विश्व को Global Warming में से बचाने में भारत भी अपनी अहम भूमिका निभाए। हम 60 Gigawatt Wind energy की ओर जा रहे हैं। ये Target बहुत बड़े हैं, छोटे नहीं हैं। लेकिन इन संकल्पों को हम इसलिए लेकर के चले हैं क्‍योंकि हमारी प्रेरणा... हमारी प्रेरणा सिर्फ हिंदुस्‍तान के किसी घर में दीया जले, वो नहीं है। हमारी प्रेरणा इन छोटे-छोटे टापुओं पर जो लोग जीते हैं, रह रहे हैं, छोटे-छोटे देशों के रूप में उनके जीवन की रक्षा करना यह हमारी प्रेरणा है, यह हमारा संकल्‍प है। और इसलिए सोलर पावर होगा तो हिंदुस्‍तान में लेकिन सीधा-सीधा फायदा मिलेगा Seychelles की भावी पीढ़ी को, यह सपने लेकर के हम काम कर रहे हैं।

आज भारत के पास दुनिया को देने के लिए बहुत कुछ है। भारत आज विश्‍व का सबसे युवा देश है। 65% जनसंख्‍या हिंदुस्‍तान की 35 age group से नीचे है। जिस देश में करोड़ों लोग नौजवान हो, वो दुनिया का भी भाग्‍य बदल सकते हैं अगर उन्‍हें अवसर मिल जाए। इस नई सरकार की कोशिश यह है कि हम नौजवानों को अधिकतम अवसर कैसे दें, ज्‍यादा से ज्‍यादा अवसर उनकों विकास के लिए कैसे मिले। उस दिशा में हमारा प्रयास है। और इसलिए Make In India यह हमने अभियान चलाया है। मैं दुनिया को निमंत्रण दे रहा हूं आइए, आप जो कुछ भी बना रहे हैं, मेरे देश में आकर के बनाइये।

और मैं विश्‍वास दिलाता हूं आप जो बनाते हैं उससे कम खर्चे में बनेगा, जल्‍दी बनेगा, अच्‍छा बनेगा। आज आपकी product पांच देशों में जाती हैं, हिंदुस्‍तान में बनाइये, 50 देशों में पहुंचना शुरू हो जाएगी। आज आपकी Balance Sheet में पाँच, दस, जीरो होंगे। देखते ही देखते आपकी Balance Sheet में और पाँच, दस जीरों जुड़ जाएंगे, यह ताकत है। और मैं देख रहा हूं कि दुनिया में आकर्षण पैदा हुआ है।

भारत की रेलवे की बड़ी चर्चा है। इतनी बड़ी विशाल रेल। यानी हिंदुस्‍तान में अगर 24 घंटे में हिंदुस्तान में रेलवे में कितने Passenger Travel करते हैं, इसका अगर मैं हिसाब लगाऊं, तो शायद hundred Seychelles, at a time, हिंदुस्‍तान में रेलवे के डिब्‍बे में हो। आप कल्‍पना कर सकते हैं कि रेलवे में कितने विकास की संभावना है। रेलवे को हम आधुनिक बनाना चाहते हैं। रेलवे को हम दूर-सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचाना चाहते हैं। और यह रेलवे के लोगों के हम पीछे क्‍यों लगे हैं? सिर्फ भारत के लोगों को Transportation की सुविधा मिले इतना मकसद नहीं है। रेलवे वो व्‍यवस्‍था है जो Global Warming के संकट को बचाने के जो अनेक साधन है, उसमें वो भी एक साधन है। Mass Transportation से emission कम होता है। और जब emission कम होता है तो Global Warming में कमी आती है। और Global Warming में कमी आती है तो Climate Change की चिंता टलती है और Climate Change की चिंता टलती है मतलब Seychelles को जीने की गारंटी पैदा होती है।

रेलवे वहां बनेगी, रेलवे वहां बढ़ेगी, लेकिन लाभ इन छोटे-छोटे टापुओं पर बसने वाले दुनिया के इन छोटे-छोटे देशों के नागरिकों को होने वाला है। क्‍योंकि भारत इतना बड़ा देश है। हम चाहते हैं भारत की रेल तेज गति से चले। हम चाहते हैं भारत की रेल आगे विस्‍तृत हो, हम चाहते हैं भारत की रेल आधुनिक बने और इसलिए हमने 100 percent Foreign Direct Investment के लिए रास्ते खोल दिए हैं। मैंने दुनिया को कहा कि आपके पास Technology है, आईए। आपके पास धन है, आईए। आप अपने व्यापार का विस्तार करना चाहते हैं, आईए। भारत की रेल भी दुनिया के अनेक देशों की Economy को बढ़ा सके, इतनी ताकतवर है। और इसलिए मैं Make in India में इस काम को लगा रहा हूं।

सेशेल्स जैसे छोटे-छोटे देश, क्या उनकी रक्षा नहीं होनी चाहिए क्या? छोटे-छोटे देशों से piracy के कारण जो समस्या होती हैं। उनके सारे समुद्री व्यापार संकट में पड़ जाते हैं। क्या इस सामुहिक रक्षा का चिता होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए? क्या भारत का दायित्व नहीं है कि Indian Ocean में सुरक्षा की गारंटी में भारत भी अपना हाथ बढ़ाए, पूरी ताकत से बढ़ाए? ताकि सेशेल्स जैसे नागरिकों को विश्व व्यापार में आगे बढ़ना है ताकि पाइरेसी जैसे संकटों से इस समुद्री तट को बचाया जा सके? अगर वो बचाना है तो भारत को Defence Sector में आगे बढ़ना पड़ेगा और बढ़ने के लिए हमने भारत में Make in India में Defence Sector में Manufacturing को बल दिया है। Indigenous व्यवस्थाएं हम विकसित करना चाहते हैं।

आज यहां मैंने एक राडार का लोकार्पण किया है। इस राडार के लोकार्पण के कारण सेशेल्स की सामुद्रिक सुरक्षा के लिए एक नई ताकत मिलती है, नई दृष्टि मिलती, नई आंख मिलती है। वो देख सकते हैं 150 किलोमीटर की रेंज में कहीं कुछ हलचल, गड़बड़ तो नहीं हो रही है। ये काम भारत कैसे कर पाया? क्योंकि भारत में indigenous manufacturing की संभावना पैदा हुई है। हम आगे चलकर के Defence के Sector में और चीजों को बढ़ाना चाहते हैं ताकि उसका लाभ मिले। लाभ किसको मिलेगा? आप जैसे हमारे मित्र देशों को मिलेगा, पड़ोसी देशों को मिलेगा, इस Indian Ocean की Security को मिलेगा। और इसलिए हमारे हर कदम, भारत की धरती पर होने वाले हर कदम वैश्विक कल्याण की हमारी जो संकल्पना है, उसके अनुरूप और अनुकूल बनाने की हमारी कोशिश है और उसका लाभ आपको मिलने वाला है।

हम Skill development पर बल दे रहे हैं। आज पूरे विश्व को, विश्व के बहुत बड़े-बड़े देश, बड़ी-बड़ी Economy वो एक संकट से जूझ रही है और जिसका उपाय उनके पैसों में संभव नहीं है। जिसका उपाय उनकी Technology से संभव नहीं है। और वो है Man power. हर किसी को Work force चाहिए। दुनिया की Fastest Economy को भी Talented Workforce की जरूरत है। आने वाले 20 साल में पूरी दुनिया को सबसे ज्यादा Workforce देने की ताकत है तो हिंदुस्तान की है। क्योंकि वो देश है, उसके हाथ में हुनर हो, Skill हो, दुनिया को जिस प्रकार के मानव बल की आवश्यकता है, उस प्रकार का मानव बल तैयार हो - उस दिशा में हमारा प्रयत्न है। Skill development को हमने एक Mission रूप में लिया है। और हम Skill development के द्वारा ऐसे नौजवान तैयार करना चाहते हैं जो स्वंय अच्छे entrepreneur बन सकें। जो entrepreneur नहीं बन सकते हैं वो स्वंय Skilled manpower के रूप में Job प्राप्त कर सकें। कुछ Job seekers हैं, उनको अच्छी Job मिल सके। कुछ Job creator बन सकें। एक प्रकार से विश्व की आवश्यकताओं की पूर्ति में जो चीजों काम आ सकें, उन-उन चीजों को बल देकर के और भारत की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।

आज हमने कई महत्वपूर्ण निर्णय़ लिए हैं। राष्ट्रपतिजी Michel के साथ आज मेरी विस्तार से बातें हुई हैं। और भारत और Seychelles मिलकर के हम कितनी ताकत से आगे बढ़ सकते हैं। हमने एक महत्वपूर्ण निर्णय किया है। आप सबको बहुत खुशी होगी सुनकर के। सुनाऊं? भारत सरकार ने निर्णय किया है कि Seychelles के जो नागरिक हिंदुस्तान आने चाहते हैं, उनको तीन महीने का वीजा मुफ्त में दिया जाएगा। उतना ही नहीं, अब आपको यहां जाकर के दफ्तर में कतार लगाकर के खड़े नहीं रहना पड़ेगा। Embassy के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अब Visa On Arrival होगा। आप Airport पर आए ठप्पा लग गया, आ जाओ।

हम चाहते हैं भारत और सेश्लस के बीच में Tourism बढ़ना चाहिए। और यहां जो गुजराती लोग हैं, उनको तो मालूम है। गुजराती लोग तो ढूढते रहते हैं कि Sunday को कहां जाऊं? इस Weekend पर कहां जाऊं? हम चाहते हैं कि Air Frequency बढ़े, Direct flights बढ़े। हिंदुस्तान के भिन्न-भिन्न कोने से Seychelles को सीधे हवाई जहाज जाएं। वहां से यहां आएं। उससे Tourism को बढ़ावा मिलेगा और Tourism को बढ़ावा मिलेगा तो उसके कारण Seychelles से जो लोग हिंदुस्तान जाएंगे वो भारत को अच्छी तरह जानेंगे। और भारत से जो लोग यहाँ आएंगे वो Seychelles की Economy को ताकतवर बनाएंगे।

8 PM Modi in Seychelles At Civic Reception SPEECH

और मैं मानता हूं Tourism दुनिया में तेज गति से बढ़ रहा व्यवसाय है, तेज गति से। लेकिन Tourism मानव जाति को जोड़ने का एक बहुत बड़ा माध्यम है। विश्व को जानना-समझना, अपना बनाने का एक बहुत बड़ा अवसर है। और उस अवसर को हम आगे बढ़ाना चाहते हैं।

भाईयों-बहनों आज समय की सीमा है। कुछ ही घंटों के लिए मैं आया हूं, पहली बार आया हूं। लेकिन लगता ऐसा है कि अच्छा होता, मैं ज्यादा समय के लिए आया होता। अब आप लोगों ने इतना प्यार दिया है तो फिर तो आना ही पड़ेगा। ज्यादा समय लेकर के आना पड़ेगा, आप सबके बीच रहना होगा, इस सुंदर देश को देखना होगा। तो मैं फिर एक बार आपके प्यार के लिए आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। और मेरी तरफ से समग्र देशवासियों की तरफ से आपको मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं। और स्वागत सम्मान के लिए आपका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।

आवजो। नमस्ते।

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2025 ലെ പാർലമെന്റിന്റെ വർഷകാല സമ്മേളനത്തിന് മുന്നോടിയായി പ്രധാനമന്ത്രി നടത്തിയ പ്രസംഗത്തിന്റെ പൂർണ്ണരൂപം.
July 21, 2025

നമസ്‌കാരം, സുഹൃത്തുക്കളെ!

എല്ലാ മാധ്യമ പ്രവർത്തകരെയും വർഷകാല സമ്മേളനത്തിലേക്ക് സ്വാഗതം ചെയ്യുന്നു.


സുഹൃത്തുക്കളെ,

വർഷകാലം പുതുമയെയും സൃഷ്ടിയെയും പ്രതീകപ്പെടുത്തുന്നു. ഇതുവരെ ലഭിച്ച റിപ്പോർട്ടുകൾ പ്രകാരം, രാജ്യത്തുടനീളമുള്ള കാലാവസ്ഥ അനുകൂലമായി പുരോഗമിക്കുന്നു, കൃഷിക്ക് ഗുണകരമായ ഒരു കാലാവസ്ഥയെക്കുറിച്ചുള്ള വാർത്തകൾ ഉണ്ട്. നമ്മുടെ കർഷകരുടെ സമ്പദ്‌വ്യവസ്ഥയിൽ മാത്രമല്ല, ദേശീയ സമ്പദ്‌വ്യവസ്ഥയിലും, ഗ്രാമീണ സമ്പദ്‌വ്യവസ്ഥയിലും, എല്ലാ വീട്ടിലെയും സമ്പദ്‌വ്യവസ്ഥയിലും മഴ നിർണായക പങ്ക് വഹിക്കുന്നു. എനിക്ക് ലഭിച്ച വിവരങ്ങളുടെ അടിസ്ഥാനത്തിൽ, കഴിഞ്ഞ പത്ത് വർഷത്തിനിടെ രേഖപ്പെടുത്തിയതിനേക്കാൾ മൂന്നിരട്ടി കൂടുതലാണ് ഈ വർഷത്തെ ജലസംഭരണം, ഇത് വരും ദിവസങ്ങളിൽ രാജ്യത്തിന്റെ സമ്പദ്‌വ്യവസ്ഥയ്ക്ക് വളരെയധികം ഗുണം ചെയ്യും.

 

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സുഹൃത്തുക്കളെ,

ഈ വർഷകാല സമ്മേളനം രാജ്യത്തിന് വളരെയധികം അഭിമാനകരമായ കാര്യമാണ്. ഈ സമ്മേളനം തന്നെ രാജ്യത്തിന്റെ വിജയത്തിന്റെ ആഘോഷമാണ്. ഈ സമ്മേളനം ദേശീയ അഭിമാനത്തിന്റെയും വിജയത്തിന്റെയും ആഘോഷമാണെന്ന് ഞാൻ പറയുമ്പോൾ, അതിൻ്റെ പ്രധാന കാരണം അന്താരാഷ്ട്ര ബഹിരാകാശ നിലയത്തിൽ ആദ്യമായി ഇന്ത്യൻ ത്രിവർണ്ണ പതാക ഉയർത്തിയതാണ് - ഓരോ ഇന്ത്യക്കാരനും അത്യധികം അഭിമാനിക്കുന്ന നിമിഷം. ശാസ്ത്രം, സാങ്കേതികവിദ്യ, നവീകരണം എന്നിവയിൽ രാജ്യത്ത് പുതിയ ആവേശവും ഊർജ്ജവും നിറച്ച ഒരു വിജയകരമായ യാത്രയാണിത്. ലോക്സഭയും രാജ്യസഭയും ഉൾപ്പെടെ മുഴുവൻ പാർലമെന്റും രാജ്യത്തെ പൗരന്മാരും ഈ നേട്ടം ആഘോഷിക്കാൻ ഒരേ ശബ്ദത്തിൽ പങ്കുചേരും. കൂടുതൽ ഉയരങ്ങളിലെത്താൻ ലക്ഷ്യമിടുന്ന ഇന്ത്യയുടെ വരാനിരിക്കുന്ന ബഹിരാകാശ ദൗത്യങ്ങൾക്ക് ഈ ഏകീകൃത അഭിനന്ദനം ഒരു പ്രചോദനവും പ്രോത്സാഹനവുമാകും.

സുഹൃത്തുക്കളെ,

ഈ വർഷകാല സമ്മേളനം തീർച്ചയായും വിജയത്തിന്റെ ആഘോഷമാണ്. ഭാരതത്തിന്റെ സൈനിക കഴിവുകളുടെ ശക്തിക്ക് ലോകം മുഴുവൻ സാക്ഷ്യം വഹിച്ചു. ഓപ്പറേഷൻ സിന്ദൂറിൽ, ഇന്ത്യൻ സായുധ സേന 100 ശതമാനം വിജയത്തോടെ അവരുടെ ലക്ഷ്യങ്ങൾ നേടി. വെറും 22 മിനിറ്റിനുള്ളിൽ, ശത്രുവിന്റെ പ്രദേശത്തിനുള്ളിൽ ദൗത്യം അതിന്റെ ലക്ഷ്യം നിർവീര്യമാക്കി. ബിഹാറിലെ ഒരു പരിപാടിയിൽ ഞാൻ ഇത് പ്രഖ്യാപിച്ചിരുന്നു, നമ്മുടെ സായുധ സേന വളരെ കുറഞ്ഞ സമയത്തിനുള്ളിൽ അത് നേടിയെടുത്തു. നമ്മുടെ 'ഇന്ത്യയിൽ നിർമ്മിച്ച' സൈനിക ശക്തിയുടെ പുതിയ മുഖം ആഗോള ശ്രദ്ധ ആകർഷിച്ചു. ഈ ദിവസങ്ങളിൽ, ഞാൻ ആഗോള നേതാക്കളെ കാണുമ്പോൾ, ഭാരതത്തിൽ വികസിപ്പിച്ചുകൊണ്ടിരിക്കുന്ന തദ്ദേശീയ പ്രതിരോധ ഉപകരണങ്ങളിൽ അവരുടെ താൽപ്പര്യം വർദ്ധിച്ചുവരികയാണ്. ഈ സമ്മേളനത്തിൽ പാർലമെന്റ് ഐക്യത്തിൻ്റെ ശബ്ദത്തിൽ വിജയത്തിന്റെ വൈകാരികത പ്രകടിപ്പിക്കുമ്പോൾ, അത് നമ്മുടെ സായുധ സേനയെ കൂടുതൽ ശക്തിപ്പെടുത്തുകയും പ്രചോദിപ്പിക്കുകയും ചെയ്യുമെന്ന് ഞാൻ ഉറച്ചു വിശ്വസിക്കുന്നു. ഇത് രാജ്യത്തിന് പ്രചോദനമായി വർത്തിക്കുകയും പ്രതിരോധ മേഖലയിലെ ഗവേഷണം, നവീകരണം, നിർമ്മാണം എന്നിവയ്ക്ക് ഉത്തേജനം നൽകുകയും ചെയ്യും. 'ഇന്ത്യയിൽ നിർമ്മിച്ച' പ്രതിരോധ ഉപകരണങ്ങൾ കൂടുതൽ ആക്കം കൂട്ടുകയും നമ്മുടെ യുവാക്കൾക്ക് പുതിയ തൊഴിലവസരങ്ങൾ സൃഷ്ടിക്കുകയും ചെയ്യും.

സുഹൃത്തുക്കളെ,

ഈ ദശകത്തെ സമാധാനവും പുരോഗതിയും കൈകോർത്ത് മുന്നേറുന്ന ഒരു കാലഘട്ടമായി വിശേഷിപ്പിക്കാം. ഓരോ ഘട്ടത്തിലും നാം വികസനം അനുഭവിക്കുന്നു. സ്വാതന്ത്ര്യലബ്ധിക്കു ശേഷം, ഭീകരതയായാലും നക്സലിസമായാലും, വിവിധ തരത്തിലുള്ള അക്രമങ്ങൾ രാഷ്ട്രം വളരെക്കാലമായി അനുഭവിച്ചിട്ടുണ്ട്. ഈ പ്രശ്നങ്ങളിൽ ചിലത് നേരത്തെ ഉയർന്നുവന്നതും, ചിലത് പിന്നീട് വന്നതുമാകാം. എന്നിരുന്നാലും, ഇന്ന് നക്സലിസത്തിന്റെയും മാവോയിസത്തിന്റെയും സ്വാധീന മേഖല അതിവേഗം ചുരുങ്ങുകയാണ്. മാവോയിസത്തെയും നക്സലിസത്തെയും അതിന്റെ വേരുകളിൽ നിന്ന് പിഴുതെറിയാനുള്ള ഉറച്ച ദൃഢനിശ്ചയത്തോടെ, നമ്മുടെ പ്രതിരോധ സേന അതിവേഗം വിജയത്തിലേക്ക് പുതിയ ആത്മവിശ്വാസത്തോടെ മുന്നേറുകയാണ്. ഒരുകാലത്ത് നക്സൽ സ്വാധീനത്താൽ വലയം ചെയ്യപ്പെട്ടിരുന്ന രാജ്യത്തുടനീളമുള്ള നൂറുകണക്കിന് ജില്ലകൾ ഇപ്പോൾ സ്വാതന്ത്ര്യത്തിന്റെ ജീവവായു ശ്വസിക്കുന്നുണ്ടെന്ന് എനിക്ക് അഭിമാനത്തോടെ പറയാൻ കഴിയും. ബോംബുകൾക്കും തോക്കുകൾക്കും പിസ്റ്റളുകൾക്കും മേൽ നമ്മുടെ ഭരണഘടന വിജയം നേടുന്നതിൽ നമുക്ക് അഭിമാനമുണ്ട് - നമ്മുടെ ഭരണഘടന വിജയിച്ചുകൊണ്ടിരിക്കുന്നു. ഒരിക്കൽ ചുവന്ന ഇടനാഴി എന്ന് മുദ്രകുത്തപ്പെട്ടിരുന്ന പ്രദേശങ്ങൾ ഇപ്പോൾ രാജ്യത്തിന്റെ ശോഭനമായ ഭാവിയെ പ്രതീകപ്പെടുത്തുന്ന ഹരിത വളർച്ചയുടെ മേഖലകളായി മാറുന്നത് വ്യക്തമാണ്.

 

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സുഹൃത്തുക്കളെ,

രാജ്യത്തിനും അതിന്റെ ക്ഷേമത്തിനും വേണ്ടി ഈ സഭയിൽ പ്രവേശിച്ച എല്ലാ ബഹുമാന്യ പാർലമെന്റ് അംഗങ്ങൾക്കും അഭിമാനത്തിന്റെ നിമിഷങ്ങളായി ഒന്നിനുപുറകെ ഒന്നായി ഇത്തരം പരിപാടികൾ  മാറുന്നു. ഈ പാർലമെന്റ് സമ്മേളനത്തിൽ, രാജ്യം മുഴുവൻ ഈ അഭിമാനത്തിന്റെ കഥ കേൾക്കും - ഓരോ പാർലമെന്റ് അംഗത്തിൽ നിന്നും, എല്ലാ രാഷ്ട്രീയ പാർട്ടികളിൽ നിന്നും.

സുഹൃത്തുക്കളെ,

2014-ൽ നിങ്ങൾ ഞങ്ങളെ ഉത്തരവാദിത്തം ഏൽപ്പിക്കുമ്പോൾ, രാജ്യം ദുർബലമായ അഞ്ച് സമ്പദ്‌വ്യവസ്ഥകളിൽ ഒന്നായി കണക്കാക്കപ്പെട്ടിരുന്ന ഒരു ഘട്ടത്തിലൂടെ കടന്നുപോകുകയായിരുന്നു. 2014-ന് മുമ്പ്, ആഗോള സമ്പദ്‌വ്യവസ്ഥയിൽ നമ്മൾ പത്താം സ്ഥാനത്തായിരുന്നു. ഇന്ന്, ലോകത്തിലെ മൂന്നാമത്തെ വലിയ സമ്പദ്‌വ്യവസ്ഥയായി മാറുന്നതിലേക്ക് ഭാരതം അതിവേഗം മുന്നേറുകയാണ്. ഇക്കാലത്ത്, 25 കോടി പാവപ്പെട്ടവരെ ദാരിദ്ര്യത്തിൽ നിന്ന് മോചിപ്പിച്ചതിനെ നിരവധി അന്താരാഷ്ട്ര സ്ഥാപനങ്ങൾ വ്യാപകമായി അഭിനന്ദിക്കുന്നു. 2014-ന് മുമ്പ്, പണപ്പെരുപ്പ നിരക്ക് ഇരട്ട അക്കത്തിലായിരുന്ന ഒരു കാലം രാജ്യത്തുണ്ടായിരുന്നു. ഇന്ന്, പണപ്പെരുപ്പം ഏകദേശം 2 ശതമാനമായി കുറഞ്ഞതോടെ, അത് സാധാരണക്കാർക്ക് ആശ്വാസം നൽകി. ഉയർന്ന വളർച്ചയ്‌ക്കൊപ്പം കുറഞ്ഞ പണപ്പെരുപ്പം ആരോഗ്യകരവും പുരോഗമനപരവുമായ വികസന യാത്രയെ പ്രതിഫലിപ്പിക്കുന്നു.

സുഹൃത്തുക്കളെ,

ലോകമെമ്പാടും ഗണ്യമായ താൽപ്പര്യം സൃഷ്ടിക്കുന്ന ഡിജിറ്റൽ ഇന്ത്യ, യുപിഐ എന്നിവയിലൂടെ ഭാരതത്തിന്റെ പുതിയ കഴിവുകൾ ലോകം ഇപ്പോൾ കാണുകയും തിരിച്ചറിയുകയും ചെയ്യുന്നു. ഫിൻടെക് ലോകത്ത് യുപിഐ സ്വയം ഒരു സവിശേഷ സ്ഥാനം സൃഷ്ടിച്ചിട്ടുണ്ട്. തത്സമയ ഡിജിറ്റൽ ഇടപാടുകളിൽ ഭാരതം ഇപ്പോൾ ലോകത്തെ നയിക്കുന്നു.

സുഹൃത്തുക്കളെ,

അടുത്തിടെ, അന്താരാഷ്ട്ര തൊഴിലാളി സംഘടനയുടെ ഒരു ആഗോള സമ്മേളനം നടന്നു, അവിടെ ഭാരതം ഒരു പ്രധാന നാഴികക്കല്ല് പിന്നിട്ടു. ILO പ്രകാരം, ഭാരതത്തിലെ 90 കോടിയിലധികം ആളുകൾ ഇപ്പോൾ സാമൂഹിക സുരക്ഷയുടെ പരിധിയിൽ വരുന്നു - അത് തന്നെ ഒരു വലിയ നേട്ടമാണ്. അതുപോലെ, ലോകാരോഗ്യ സംഘടന (WHO) ഭാരതത്തെ മഴക്കാലത്ത് സാധാരണയായി കാണപ്പെടുന്ന ഒരു നേത്രരോഗമായ ട്രാക്കോമയിൽ നിന്ന് മുക്തമായതായി പ്രഖ്യാപിച്ചിരുന്നു. പൊതുജനാരോഗ്യ മേഖലയിൽ ഭാരതത്തിന് മറ്റൊരു പ്രധാന നേട്ടമാണിത്.

 

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സുഹൃത്തുക്കളെ,

പഹൽഗാമിലെ ക്രൂരമായ കൊലപാതകങ്ങളും, അതിക്രമങ്ങളും, കൂട്ടക്കൊലയും ലോകത്തെ മുഴുവൻ ഞെട്ടിച്ചു. തീവ്രവാദികളിലേക്കും അവരുടെ സൂത്രധാരന്മാരിലേക്കും ശ്രദ്ധ തിരിഞ്ഞു. ആ നിമിഷം, പാർട്ടി താൽപ്പര്യങ്ങൾ മാറ്റിവെച്ച് ദേശീയ താൽപ്പര്യത്തിനായി പ്രവർത്തിച്ചുകൊണ്ട്, മിക്ക രാഷ്ട്രീയ പാർട്ടികളുടെയും സംസ്ഥാനങ്ങളുടെയും പ്രതിനിധികൾ ലോകമെമ്പാടും വിവിധ രാജ്യങ്ങളിലേക്ക് സഞ്ചരിച്ച് തീവ്രവാദത്തിന്റെ കേന്ദ്രമായ പാകിസ്ഥാനെ ലോകത്തിന് മുന്നിൽ തുറന്നുകാട്ടുന്നതിനായി വിജയകരമായ ഒരു പ്രചാരണത്തിന് നേതൃത്വം നൽകി. ഇന്ന്, ദേശീയ താൽപ്പര്യത്തിനായി നടത്തിയ ഈ സുപ്രധാന പ്രവർത്തനത്തിന് എല്ലാ പാർലമെന്റ് അംഗങ്ങളെയും രാഷ്ട്രീയ പാർട്ടികളെയും ഞാൻ അഭിനന്ദിക്കുന്നു. അവരുടെ ശ്രമങ്ങൾ രാജ്യത്ത് ഒരു പോസിറ്റീവ് അന്തരീക്ഷം സൃഷ്ടിച്ചു. ഭാരതത്തിന്റെ വീക്ഷണം കേൾക്കുന്നതിനും അംഗീകരിക്കുന്നതിനും ലോകം അതിന്റെ വാതിലുകൾ തുറന്നു. ഇതിനായി നമ്മുടെ പാർലമെന്റ് അംഗങ്ങളെയും രാഷ്ട്രീയ പാർട്ടികളെയും അഭിനന്ദിക്കുന്നത് എനിക്ക് ലഭിച്ച ബഹുമതിയായി ഞാൻ കരുതുന്നു.

സുഹൃത്തുക്കളെ,

ഐക്യത്തിന്റെയും കൂട്ടായ ശബ്ദത്തിന്റെയും ചൈതന്യം രാജ്യത്തെ എത്രമാത്രം ആവേശഭരിതരാക്കുന്നുവെന്ന് നമുക്കറിയാം. ഈ വിജയാഘോഷം വർഷകാല സമ്മേളനത്തിലും അതേ ആവേശത്തോടെ പ്രതിഫലിക്കും - ഇത് നമ്മുടെ സായുധ സേനയുടെ ശക്തിയെ അഭിനന്ദിക്കുകയും, രാജ്യത്തിന്റെ കഴിവുകളെ മഹത്വപ്പെടുത്തുകയും, 140 കോടി ഇന്ത്യക്കാർക്ക് പ്രചോദനത്തിന്റെ ഒരു പുതിയ സ്രോതസ്സായി വർത്തിക്കുകയും ചെയ്യും. നാം ഒരുമിച്ച്  പ്രതിരോധ മേഖലയിൽ സ്വാശ്രയത്വത്തിനായുള്ള നമ്മുടെ ശ്രമങ്ങളെ ശക്തിപ്പെടുത്തണമെന്നും, നമ്മുടെ സായുധ സേനയുടെ ശക്തിയെ അഭിനന്ദിക്കണമെന്നും ഞാൻ ഉറച്ചു വിശ്വസിക്കുന്നു. ഇന്ന്, രാജ്യത്തെ ജനങ്ങളോടും എല്ലാ രാഷ്ട്രീയ പാർട്ടികളോടും ഞാൻ പറയുന്നു, ഐക്യത്തിന്റെ ശക്തിയും ഒരു കൂട്ടായ ശബ്ദത്തിന്റെ ശക്തിയും രാജ്യം കണ്ടിട്ടുണ്ട്. ബഹുമാനപ്പെട്ട പാർലമെന്റ് അംഗങ്ങൾ സഭയ്ക്കുള്ളിൽ ഈ മനോഭാവത്തെ ശക്തിപ്പെടുത്തുകയും മുന്നോട്ട് കൊണ്ടുപോകുകയും വേണം. രാഷ്ട്രീയ പാർട്ടികൾ വ്യത്യസ്തമാണെന്ന യാഥാർത്ഥ്യം ഞാൻ അംഗീകരിക്കുന്നു - ഓരോന്നിനും അതിന്റേതായ അജണ്ടയുണ്ട്, അതിന്റേതായ കടമയുണ്ട്. എന്നാൽ ഈ സത്യവും ഞാൻ അംഗീകരിക്കുന്നു: പാർട്ടി താൽപ്പര്യങ്ങൾക്കായി മനസ്സുകൾ ഒത്തുചേരുന്നില്ലെങ്കിലും, ദേശീയ താൽപ്പര്യത്തിനായി അവർ ഒന്നിക്കണം. ഈ വികാരത്തോടെ, രാജ്യത്തിന്റെ വികസന യാത്രയെ ശക്തിപ്പെടുത്തുന്നതും, രാജ്യത്തിന്റെ പുരോഗതിയെ മുന്നോട്ട് കൊണ്ടുപോകുന്നതും, പൗരന്മാരെ ശാക്തീകരിക്കുന്നതും ആയ നിരവധി സുപ്രധാന ബില്ലുകൾ ഈ വർഷകാല സമ്മേളനത്തിൽ നിർദ്ദേശിക്കപ്പെട്ടിട്ടുണ്ട്. സഭ വിശദമായ ചർച്ചകൾ നടത്തി അവ പാസാക്കുമെന്ന് ഞാൻ ഉറച്ച് വിശ്വസിക്കുന്നു.

അർത്ഥവത്തായതും ക്രിയാത്മകവുമായ സംവാദങ്ങൾക്ക് എല്ലാ ബഹുമാനപ്പെട്ട പാർലമെന്റ് അംഗങ്ങൾക്കും എന്റെ ആശംസകൾ.

വളരെ നന്ദി!