सभी विशिष्‍ट महानुभाव और विशालसंख्‍या में आए हुए प्‍यारे भाईयों और बहनों,

Seychelles की मेरी पहली मुलाकात है, लेकिन लग रहा है आप लोगों से बहुत पहले से जुड़ा हुआ हूं।

8 PM Modi in Seychelles At Civic Reception SPEECH (1)

कल मैं रात देर से आया उसके बावजूद भी पूरे रास्‍ते भर मैं Seychelles के लोगों के प्‍यार को अनुभव कर रहा था। जिस प्रकार का स्‍वागत सम्‍मान किया, इसके लिए मैं यहां की सरकार का, यहां के नागरिकों का और आप सबका हृदय से बहुत-बहुत धन्‍यवाद करता हूं।

Seychelles और भारत - विज्ञान यह कहता है कि हजारों साल पहले हम एक ही धरती थे, लेकिन जब प्रलय होता है तो सब बिखर जाता है। यह धरती और भारत की धरती, इसके बीच हजारों साल पहले हजारों मील का फासला हो गया। प्रकृति ने धरती को अलग किया, लेकिन हमारे दिलों को जुदा नहीं किया।

और कभी-कभी लगता है कि भारत और हमारे Seychelles के बीच में एक बहुत बड़ा समंदर है। लेकिन यह समंदर हमें बिछड़ने के लिए नहीं है, यह समंदर है जो हमें जोड़ता है। समंदर के तट पर खड़े होकर के हम ऊंगली करके कह सकते हैं उधर मेरा मुंबई है, उधर मेरा चेन्‍नई है, उधर मेरा कोच्चि है। यह नजदीकी, ये अपनापन.. और इस अर्थ में, समझता हूं कि हम लोगों का एक विशेष नाता है।

आज भारत इस बात का गर्व करता है कि आप भारतवासी जहां भी गए, जिस अवस्‍था में गए, जिस कठिनाइयों के बीच जिंदगी को जीये, शताब्‍दीभर - कुछ कम समय नहीं होता है - कहते हैं शुरू में 1717 में कुछ लोग यहां आए थे, और तब से सिलसिला चला। सौ सवा सौ वर्ष, बहुत बड़ी मात्रा में आना जाना हुआ। लेकिन इस पूरे कालखंड में आपके व्‍यवहार से आपकी वाणी से यहां के लोगों ने आपको अपना बना लिया और आपने इस देश को अपना बना लिया है। यही तो हमारी मूल सांस्‍कृति धरोहर है - वसुदेव कुटुम्‍बकम - पूरा विश्‍व एक परिवार है। और जो इन संस्‍कारों से पले-बढ़े हैं, जिनके लिए पृथ्‍वी यह माता है, उनके लिए अपनेपन के लिए भौगोलिक सीमाएं नहीं होती है।

8 PM Modi in Seychelles At Civic Reception SPEECH (4)

देश की सीमाएं उनकी भावनाओं को बांटकर के नहीं रखती है। भावनाएं आपार सागर की तरह फैली होती है, और आपके व्‍यवहार से वो देश गर्व अनुभव करता है कि आपने सारी दुनिया में... आज भी कहीं पर भी जाओ दुनिया में कांतिलाल जीवन शाह का नाम दोगे। अब तो हमारे बीच रहे नहीं, लेकिन उन्होंने काम के द्वारा दुनिया में Seychelles का भी नाम रोशन किया, एक मूल भारतीय के नाते भी नाम रोशन किया। विश्व ने उनको सम्मानित किया। अनेक Award मिले उनको। और वो सिर्फ आर्थिक कारोबार के कारण नहीं है। उन्होंने ज्यादातर चिंता की थी प्रकृति की रक्षा के लिए। आज जिस Climate change को लेकर के दुनिया चिंतित है, कांतिलाल शाह अपनी जवानी के समय से उन मुद्दों को लेकर के Seychelles के अंदर लोगों को जागरुक करने का काम कर रहे थे, लोगों को जगा रहे थे। सामूहिक की संपदा के लिए लोगों को जगा रहे थे, संवेदनाएं पैदा कर रहे थे। एक भारतीय के नाते इस प्रकार का उनका जीवन, इस प्रकार का उनका काम, हर हिंदुस्तानी को गर्व देता है, अभिमान देता है। और ऐसे तो यहां अनगिनत लोग हैं जिन्होंने अपनी बुद्धि, शक्ति, क्षमता, कल्पना शक्ति, समार्थ्य, धन - इन सबके द्वारा Seychelles के निर्माण में बहुत बड़ा योगदान दिया है।

इतनी बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय यहां रहता है। और हम गुजरात के लोग तो एक पुरानी घटना से बड़े परिचित हैं कि जब ईरान से पारसी आए और राजा ने भरा हुआ दूध का कटोरा भेजा और पारसी समुदाय ने उसमें चीनी मिलाई और वापिस भेजा। कटोरा भरा हुआ था लेकिन जब चीनी मिलाकर के भेजा तो दूध बाहर नहीं गया अंदर ही रहा। पूरा भरा रहा लेकिन दूध मीठा हो गया। और तब ये symbolic संदेश था कि पारसी ने संदेश दिया कि भले ही हम ईरान से आए हैं लेकिन हम हिंदुस्तान की धरती पर ऐसे घुल-मिल जाएंगे जिसके कारण आपकी sweetness में बढ़ोतरी होगी। मैं समझता हूं उसी परंपरा... भारतीय समुदाय के लोग यहां आ के Seychelles में उसी तरह घुल-मिल गए हैं कि जिसने Seychelles की sweetness को बढ़ाया है उसकी रोशनी को उजागर किया है, उसको सामर्थ्य दिया है। और इस प्रकार से अपने व्यवहार से, अपने आचरण से, जब कोई मेरा भारतीय भाई दुनिया के किसी भी कोने में जाकर के उस समाज की भलाई के लिए जीता है, उस समाज की भलाई के लिए काम करता है, उस धरती के लिए अपना जीवन लगा देता है, तब भारत के नाते हम लोगों को बड़ा गर्व होता है। मैं आज आपके बीच मेरे गर्व की अभिव्‍यक्ति आपके सामने कर रहा हूं। आनंद की अभिव्यक्ति कर रहा हूं, आपका अभिनंदन कर रहा हूं। और मुझे विश्‍वास है कि आने वाली हमारी पीढि़या भी इन संस्‍कारों को इन परंपराओं को बनाए रखेगी, और विश्‍व में भारत का गौरव भारत की पहचान बनाने में हमारी अहम भूमिका रहेगी।

भाईयों-बहनों, कुछ महीने पहले भारत में चुनाव हुए और बहुत वर्षों के बाद, करीब-करीब 30 वर्ष के बाद भारत में पूर्ण बहुमत से चुनकर के लोगों ने एक सरकार बनाई। और मुझे बताया गया कि भारत में जब चुनावी नतीजे आ रहे थे, result आ रहे थे, तब आप भी यहां उत्‍सव मना रहे थे। यह उत्‍सव इस बात से भी जुड़ा हुआ था कि आप भी - Seychelles की प्रगति तो चाहते ही चाहते हैं, उसके लिए प्रयास भी करते हैं - लेकिन आपके दिल में यह भी है कि भारत भी प्रगति करे, भारत भी नई ऊंचाईयों को पाएं।

और हम तो वो लोग हैं जो वसुदेव कुटुम्‍ब कहते हैं तो हमारी तो कल्‍पना है पूरा विश्‍व आगे बढ़े, पूरा विश्‍व शांति से जीए, पूरा विश्‍व प्रगति करे। यही तो हमारे सपने हैं, यही तो हमारे संस्‍कार हैं, यही हमारा संकल्‍प है कि हम जय जगत वाले लोग हैं, विश्‍व कल्‍याण वाले लोग हैं। और उस काम को करने के लिए भारत को भी अपनी जिम्‍मेवारी निभाने के लिए सक्षम होना पड़ेगा। अगर भारत गरीब रहा, भारत पिछड़ा रहा, भारत दुर्लभ रहा तो दुनिया की आशा-आकांक्षा वो पूरी करने में भारत कोई भूमिका नहीं निभा सकता। तो विश्‍व कल्‍याण की भी अगर भूमिका निभानी है तो भारत का मजबूत होना जरूरी है, भारत का सामर्थ्‍यवान होना जरूरी है, भारत का सुख-शांति से हरा-भरा देश बनना जरूरी है। और इसलिए पिछले नौ-दस महीने में कोशिश की गई है कि देश विकास की नई ऊंचाईयों को पार करे। भारत का सर्वांगीण विकास हो और भारत विश्‍व से ज्‍यादा से ज्‍यादा जुड़े।

आज दुनिया के छोटे-छोटे देश जो टापुओं पर बसे हैं, आईलैंड्स पर बसे हैं, उन सबकी एक सबसे बड़ी चिंता है। दुनिया को कौन nuclear बम बनाता है कौन नहीं बनाता है - यह आईलैंड में रहने वाले लोगों की चिंता का विषय नहीं है, लेकिन उनकी चिंता का विषय है कि “यह Global Warming होता रहेगा तो हम रहेंगे कि नहीं रहेंगे? कहीं यह हमारा टापू पानी के अंदर चला तो नहीं जाएगा? सदियों से जिसको संजोया है, दो-दो, तीन-तीन पीढ़ी जिसमें खप गई है, कहीं यह तो डूब नहीं जाएगा?”

और दुनिया को बचाने का काम सिर्फ आईलैंड पर बैठे हुए लोग अपनी रक्षा के लिए कुछ करें और इसलिए सब हो जाएगा, ऐसा नहीं है। पूरे विश्‍व ने मिलजुल करके climate change की उतनी ही चिंता करनी पड़ेगी, जितनी आज विश्व Terrorism की चर्चा करता है। जितना संकट आतंकवाद से नजर आता है गहरा लगता है उतना ही, इन छोटे-छोटने Island पर रहने वाले लोगों के लिए, Climate change के कारण संकट महसूस होता है।

भारत ने... सदियों से हमारे तो संस्कार रहे हैं, हमें तो वो संस्कार मिले हैं कि बालक सुबह बिस्‍तर से उठकर के पैर जमीन पर रखता है तो उसे सिखाया जाता है कि तुम ये पैर पृथ्वी माता के ऊपर रख रहे हो। पहले पृथ्वी माता की माफी मांगो। यानि हमें इस मां को पीड़ा देने का कोई हक नहीं है, ये हमारी संस्कृति और संस्कार में है। प्रकृति से प्यार करो, प्रकृति से संवाद करो, प्रकृति से सीखो - यही तो हमें सिखाया गया है। पूरे ब्रहमांड को एक परिवार के रूप में माना गया है, और इसलिए विश्व को इस संकट से बचाने का काम भी - हम जिस परंपरा से बने-पले हैं, जिस संस्कारों से हम आगे बढ़े हैं, जिस संस्कृति को हमने विरासत में पाया है - अगर हम उसे जीना सीख लें, लोगों को जीने का रास्ता दिखा दें और जगत उसे जीने की आदत बना ले, तो हो सकता है इतने बड़े संकट से बाहर निकलने के लिए पूरी मानव जात सरलता से एक रास्ते पर चल सकती है और आगे बढ़ सकती है

। हम वो लोग हैं जो नदी को मां मानते हैं, वो लोग हैं जो पौधे में परमात्मा देखते हैं। यही तो बातें हैं, जो Climate की रक्षा के साथ जुड़े हुए हैं। लेकिन इन परंपराओं के साथ-साथ, आधुनिक चीजों पर भी बल देना पड़ता है। हमें विकास की उस राह को अपनाना होगा जो सदियों के बाद भी मानव जात के कल्याण में रुकावट पैदा न कर सके। हम सबको परमात्मा ने हमारे लिए जो दिया है, उसका तो उपभोग करने का अधिकार है। लेकिन हम लोगों को हमारी संतानों के लिए जो दिया गया है, उसका उपभोग करने का अधिकार नहीं है। ऐसा कोई मां-बाप होते हैं क्या? दुनिया में ऐसे कोई मां-बाप होते हैं क्या जो अपने बच्चों का भी खा जाएं? कोई मां-बाप ऐसा नहीं होते। और इसलिए आज से 100 साल बाद आपके बच्चों के बच्चे होंगे, बच्चों के बच्चे होंगे, बच्चों के बच्चे होंगे। उनको पानी मिलेगा क्या नहीं मिलेगा? उनको शुद्ध हवा मिलेगी कि नहीं मिलेगी? उनको रहने के लिए अच्छी पृथ्वी मिलेगी कि नहीं मिलेगी? हमें उनको वो विरासत में देकर के जाना है तो हमें आज अपनी जिंदगी को बदलना पड़ेगा। और इसलिए उस दिशा में हम काम करें।

भारत ने एक बहुत बड़ा बीड़ी उठाया है। और वो बीड़ी है Solar energy और Wind energy का। हम चाहते हैं कि दुनिया को इस संकट से बचाने के लिए भारत की जो भूमिका है, उस भूमिका को अदा करना चाहिए और उस भूमिका को अदा करने के लिए 100 Giga Watt Solar energy का संकल्प हमने लिया है 2022 में - जब भारत की आजादी के 75 साल होंगे। जब भारत अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मनाएगा, हम दुनिया को एक सौगात देना चाहते हैं ताकि विश्व को Global Warming में से बचाने में भारत भी अपनी अहम भूमिका निभाए। हम 60 Gigawatt Wind energy की ओर जा रहे हैं। ये Target बहुत बड़े हैं, छोटे नहीं हैं। लेकिन इन संकल्पों को हम इसलिए लेकर के चले हैं क्‍योंकि हमारी प्रेरणा... हमारी प्रेरणा सिर्फ हिंदुस्‍तान के किसी घर में दीया जले, वो नहीं है। हमारी प्रेरणा इन छोटे-छोटे टापुओं पर जो लोग जीते हैं, रह रहे हैं, छोटे-छोटे देशों के रूप में उनके जीवन की रक्षा करना यह हमारी प्रेरणा है, यह हमारा संकल्‍प है। और इसलिए सोलर पावर होगा तो हिंदुस्‍तान में लेकिन सीधा-सीधा फायदा मिलेगा Seychelles की भावी पीढ़ी को, यह सपने लेकर के हम काम कर रहे हैं।

आज भारत के पास दुनिया को देने के लिए बहुत कुछ है। भारत आज विश्‍व का सबसे युवा देश है। 65% जनसंख्‍या हिंदुस्‍तान की 35 age group से नीचे है। जिस देश में करोड़ों लोग नौजवान हो, वो दुनिया का भी भाग्‍य बदल सकते हैं अगर उन्‍हें अवसर मिल जाए। इस नई सरकार की कोशिश यह है कि हम नौजवानों को अधिकतम अवसर कैसे दें, ज्‍यादा से ज्‍यादा अवसर उनकों विकास के लिए कैसे मिले। उस दिशा में हमारा प्रयास है। और इसलिए Make In India यह हमने अभियान चलाया है। मैं दुनिया को निमंत्रण दे रहा हूं आइए, आप जो कुछ भी बना रहे हैं, मेरे देश में आकर के बनाइये।

और मैं विश्‍वास दिलाता हूं आप जो बनाते हैं उससे कम खर्चे में बनेगा, जल्‍दी बनेगा, अच्‍छा बनेगा। आज आपकी product पांच देशों में जाती हैं, हिंदुस्‍तान में बनाइये, 50 देशों में पहुंचना शुरू हो जाएगी। आज आपकी Balance Sheet में पाँच, दस, जीरो होंगे। देखते ही देखते आपकी Balance Sheet में और पाँच, दस जीरों जुड़ जाएंगे, यह ताकत है। और मैं देख रहा हूं कि दुनिया में आकर्षण पैदा हुआ है।

भारत की रेलवे की बड़ी चर्चा है। इतनी बड़ी विशाल रेल। यानी हिंदुस्‍तान में अगर 24 घंटे में हिंदुस्तान में रेलवे में कितने Passenger Travel करते हैं, इसका अगर मैं हिसाब लगाऊं, तो शायद hundred Seychelles, at a time, हिंदुस्‍तान में रेलवे के डिब्‍बे में हो। आप कल्‍पना कर सकते हैं कि रेलवे में कितने विकास की संभावना है। रेलवे को हम आधुनिक बनाना चाहते हैं। रेलवे को हम दूर-सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचाना चाहते हैं। और यह रेलवे के लोगों के हम पीछे क्‍यों लगे हैं? सिर्फ भारत के लोगों को Transportation की सुविधा मिले इतना मकसद नहीं है। रेलवे वो व्‍यवस्‍था है जो Global Warming के संकट को बचाने के जो अनेक साधन है, उसमें वो भी एक साधन है। Mass Transportation से emission कम होता है। और जब emission कम होता है तो Global Warming में कमी आती है। और Global Warming में कमी आती है तो Climate Change की चिंता टलती है और Climate Change की चिंता टलती है मतलब Seychelles को जीने की गारंटी पैदा होती है।

रेलवे वहां बनेगी, रेलवे वहां बढ़ेगी, लेकिन लाभ इन छोटे-छोटे टापुओं पर बसने वाले दुनिया के इन छोटे-छोटे देशों के नागरिकों को होने वाला है। क्‍योंकि भारत इतना बड़ा देश है। हम चाहते हैं भारत की रेल तेज गति से चले। हम चाहते हैं भारत की रेल आगे विस्‍तृत हो, हम चाहते हैं भारत की रेल आधुनिक बने और इसलिए हमने 100 percent Foreign Direct Investment के लिए रास्ते खोल दिए हैं। मैंने दुनिया को कहा कि आपके पास Technology है, आईए। आपके पास धन है, आईए। आप अपने व्यापार का विस्तार करना चाहते हैं, आईए। भारत की रेल भी दुनिया के अनेक देशों की Economy को बढ़ा सके, इतनी ताकतवर है। और इसलिए मैं Make in India में इस काम को लगा रहा हूं।

सेशेल्स जैसे छोटे-छोटे देश, क्या उनकी रक्षा नहीं होनी चाहिए क्या? छोटे-छोटे देशों से piracy के कारण जो समस्या होती हैं। उनके सारे समुद्री व्यापार संकट में पड़ जाते हैं। क्या इस सामुहिक रक्षा का चिता होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए? क्या भारत का दायित्व नहीं है कि Indian Ocean में सुरक्षा की गारंटी में भारत भी अपना हाथ बढ़ाए, पूरी ताकत से बढ़ाए? ताकि सेशेल्स जैसे नागरिकों को विश्व व्यापार में आगे बढ़ना है ताकि पाइरेसी जैसे संकटों से इस समुद्री तट को बचाया जा सके? अगर वो बचाना है तो भारत को Defence Sector में आगे बढ़ना पड़ेगा और बढ़ने के लिए हमने भारत में Make in India में Defence Sector में Manufacturing को बल दिया है। Indigenous व्यवस्थाएं हम विकसित करना चाहते हैं।

आज यहां मैंने एक राडार का लोकार्पण किया है। इस राडार के लोकार्पण के कारण सेशेल्स की सामुद्रिक सुरक्षा के लिए एक नई ताकत मिलती है, नई दृष्टि मिलती, नई आंख मिलती है। वो देख सकते हैं 150 किलोमीटर की रेंज में कहीं कुछ हलचल, गड़बड़ तो नहीं हो रही है। ये काम भारत कैसे कर पाया? क्योंकि भारत में indigenous manufacturing की संभावना पैदा हुई है। हम आगे चलकर के Defence के Sector में और चीजों को बढ़ाना चाहते हैं ताकि उसका लाभ मिले। लाभ किसको मिलेगा? आप जैसे हमारे मित्र देशों को मिलेगा, पड़ोसी देशों को मिलेगा, इस Indian Ocean की Security को मिलेगा। और इसलिए हमारे हर कदम, भारत की धरती पर होने वाले हर कदम वैश्विक कल्याण की हमारी जो संकल्पना है, उसके अनुरूप और अनुकूल बनाने की हमारी कोशिश है और उसका लाभ आपको मिलने वाला है।

हम Skill development पर बल दे रहे हैं। आज पूरे विश्व को, विश्व के बहुत बड़े-बड़े देश, बड़ी-बड़ी Economy वो एक संकट से जूझ रही है और जिसका उपाय उनके पैसों में संभव नहीं है। जिसका उपाय उनकी Technology से संभव नहीं है। और वो है Man power. हर किसी को Work force चाहिए। दुनिया की Fastest Economy को भी Talented Workforce की जरूरत है। आने वाले 20 साल में पूरी दुनिया को सबसे ज्यादा Workforce देने की ताकत है तो हिंदुस्तान की है। क्योंकि वो देश है, उसके हाथ में हुनर हो, Skill हो, दुनिया को जिस प्रकार के मानव बल की आवश्यकता है, उस प्रकार का मानव बल तैयार हो - उस दिशा में हमारा प्रयत्न है। Skill development को हमने एक Mission रूप में लिया है। और हम Skill development के द्वारा ऐसे नौजवान तैयार करना चाहते हैं जो स्वंय अच्छे entrepreneur बन सकें। जो entrepreneur नहीं बन सकते हैं वो स्वंय Skilled manpower के रूप में Job प्राप्त कर सकें। कुछ Job seekers हैं, उनको अच्छी Job मिल सके। कुछ Job creator बन सकें। एक प्रकार से विश्व की आवश्यकताओं की पूर्ति में जो चीजों काम आ सकें, उन-उन चीजों को बल देकर के और भारत की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।

आज हमने कई महत्वपूर्ण निर्णय़ लिए हैं। राष्ट्रपतिजी Michel के साथ आज मेरी विस्तार से बातें हुई हैं। और भारत और Seychelles मिलकर के हम कितनी ताकत से आगे बढ़ सकते हैं। हमने एक महत्वपूर्ण निर्णय किया है। आप सबको बहुत खुशी होगी सुनकर के। सुनाऊं? भारत सरकार ने निर्णय किया है कि Seychelles के जो नागरिक हिंदुस्तान आने चाहते हैं, उनको तीन महीने का वीजा मुफ्त में दिया जाएगा। उतना ही नहीं, अब आपको यहां जाकर के दफ्तर में कतार लगाकर के खड़े नहीं रहना पड़ेगा। Embassy के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अब Visa On Arrival होगा। आप Airport पर आए ठप्पा लग गया, आ जाओ।

हम चाहते हैं भारत और सेश्लस के बीच में Tourism बढ़ना चाहिए। और यहां जो गुजराती लोग हैं, उनको तो मालूम है। गुजराती लोग तो ढूढते रहते हैं कि Sunday को कहां जाऊं? इस Weekend पर कहां जाऊं? हम चाहते हैं कि Air Frequency बढ़े, Direct flights बढ़े। हिंदुस्तान के भिन्न-भिन्न कोने से Seychelles को सीधे हवाई जहाज जाएं। वहां से यहां आएं। उससे Tourism को बढ़ावा मिलेगा और Tourism को बढ़ावा मिलेगा तो उसके कारण Seychelles से जो लोग हिंदुस्तान जाएंगे वो भारत को अच्छी तरह जानेंगे। और भारत से जो लोग यहाँ आएंगे वो Seychelles की Economy को ताकतवर बनाएंगे।

8 PM Modi in Seychelles At Civic Reception SPEECH

और मैं मानता हूं Tourism दुनिया में तेज गति से बढ़ रहा व्यवसाय है, तेज गति से। लेकिन Tourism मानव जाति को जोड़ने का एक बहुत बड़ा माध्यम है। विश्व को जानना-समझना, अपना बनाने का एक बहुत बड़ा अवसर है। और उस अवसर को हम आगे बढ़ाना चाहते हैं।

भाईयों-बहनों आज समय की सीमा है। कुछ ही घंटों के लिए मैं आया हूं, पहली बार आया हूं। लेकिन लगता ऐसा है कि अच्छा होता, मैं ज्यादा समय के लिए आया होता। अब आप लोगों ने इतना प्यार दिया है तो फिर तो आना ही पड़ेगा। ज्यादा समय लेकर के आना पड़ेगा, आप सबके बीच रहना होगा, इस सुंदर देश को देखना होगा। तो मैं फिर एक बार आपके प्यार के लिए आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। और मेरी तरफ से समग्र देशवासियों की तरफ से आपको मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं। और स्वागत सम्मान के लिए आपका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।

आवजो। नमस्ते।

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आज जॉर्डन के हर बिजनेस, हर इन्वेस्टर के लिए भी भारत में अवसरों के नए द्वार खुल रहे हैं: भारत-जॉर्डन बिजनेस फोरम में पीएम मोदी
December 16, 2025

His Majesty किंग Abdulla,
The Crown Prince,
दोनों देशों के delegates,
बिजनेस जगत के लीडर्स,

नमस्कार।

Friends,

दुनिया में कई देशों के borders मिलते ही हैं, कई देशों के मार्केट्स भी मिलते हैं। लेकिन भारत और जॉर्डन के संबंध ऐसे है, जहाँ ऐतिहासिक विश्वास और भविष्य के आर्थिक अवसर एक साथ मिलते हैं।

कल His Majesty के साथ मेरी बातचीत का सार भी यही था। geography को opportunity में और opportunity को growth में कैसे बदला जाए, इस पर हमने विस्तार से चर्चा की।

Your Majesty,

आपकी लीडरशिप में, जॉर्डन एक ऐसा Bridge बना है जो अलग-अलग रीजन्स के बीच सहयोग और तालमेल बढ़ाने में बहुत मदद कर रहा है। कल हमारी मुलाकात में आपने बताया कैसे भारतीय companies जॉर्डन के मार्ग से USA, कनाडा, और अन्य देशों की मार्केटस तक पहुँच सकती हैं। मैं यहाँ आई भारतीय कॉम्पनियों से इन अवसरों का पूरा लाभ उठाने का अनुरोध करूँगा।

Friends,

भारत आज जॉर्डन का तीसरा सबसे बड़ा Trading partner है। मैं जानता हूं कि बिजनेस की दुनिया में नंबर्स का महत्व होता है। लेकिन यहां हम सिर्फ numbers गिनने नहीं आए हैं, बल्कि हम long term relationship बनाने आए हैं।

एक ज़माना था, जब गुजरात से Petra के रास्ते यूरोप तक का व्यापार होता था। हमारी फ्यूचर prosperity के लिए हमें वो links फिर से revive करने होंगे। और इसको साकार करने मे आप सभी का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।

Friends,

आप सभी जानते हैं कि भारत, Third Largest Economy की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। भारत की ग्रोथ रेट Eight percent से ऊपर है। ये ग्रोथ नंबर, productivity-driven governance और Innovation driven policies का नतीजा है।

आज जॉर्डन के हर बिजनेस, हर इन्वेस्टर के लिए भी भारत में अवसरों के नए द्वार खुल रहे हैं। भारत की तेज़ ग्रोथ में आप सहयोगी बन सकते हैं, और अपने निवेश पर शानदार रिटर्न भी पा सकते हैं।

Friends,

आज दुनिया को नए growth engines चाहिए। दुनिया को एक trusted supply chain की ज़रूरत है। भारत और Jordan मिलकर, दुनिया की ज़रूरतों को पूरा करने में बड़ा रोल निभा सकते हैं।

मैं आपसी सहयोग के कुछ key sectors की चर्चा आपके साथ ज़रूर करना चाहूंगा। ऐसे सेक्टर, जहाँ vision, viability और velocity, ये तीनों मौजूद हैं।

पहला, Digital Public Infrastructure और IT. इसमें भारत का अनुभव जॉर्डन के भी बहुत काम आ सकता है। भारत ने डिजिटल टेक्नॉलॉजी को inclusion और efficiency का model बनाया है। हमारे UPI, Aadhaar, डिजिलॉकर जैसे frameworks आज global benchmarks बन रहे हैं। His Majesty और मैंने इन frameworks को Jordan के सिस्टम्स से जोड़ने पर चर्चा की है। हम दोनों देश, Fintech, Health-tech, Agri-tech ऐसे अनेक सेक्टर्स में अपने startups को directly connect कर सकते हैं। एक shared ecosystem बना सकते हैं, जहाँ हम ideas को capital से, और innovation को scale से कनेक्ट कर सकते हैं।

Friends,

Pharma और Medical Devices के क्षेत्र में भी अनेक संभावनाएं हैं। आज healthcare सिर्फ एक sector नहीं है, बल्कि एक strategic priority है।

जॉर्डन में भारतीय कंपनियां मेडिसन बनाएं, मेडिकल डिवाइस बनाएं, इससे जॉर्डन के लोगों को तो फायदा होगा ही. West Asia और Africa के लिए भी जॉर्डन एक reliable hub बन सकता है। Generics हों, vaccines हों, आयुर्वेद हो या wellness, India brings trust and Jordan brings reach.

Friends,

अब अगला सेक्टर Agriculture का है। भारत को dry climate में खेती का बहुत अनुभव है। हमारा ये experience, जॉर्डन में real difference ला सकता है। हम Precision farming और micro-irrigation जैसे solutions पर काम कर सकते हैं। Cold chains, food parks और storage facilities बनाने में भी हम मिलकर काम कर सकते हैं। जैसे Fertilisers में हम Joint Venture कर रहे हैं, वैसे ही अन्य क्षेत्रों में भी हम आगे बढ़ सकते हैं।

Friends,

Infrastructure और Construction तेज ग्रोथ के लिए बहुत ज़रूरी हैं। इन क्षेत्रों में हमारा collaboration हमें Speed और Scale, दोनों देगा।

His Majesty ने जॉर्डन में रेलवे और नेक्स्ट-gen इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने का विज़न साझा किया है। मैं उनको विश्वास दिलाना चाहता हूँ, कि हमारी कॉम्पनियाँ उनके विज़न को साकार करने के लिए सक्षम भी है, और उत्सुक भी।

कल हमारी मुलाकात में His Majesty ने सिरिया में इंफ्रास्ट्रक्चर reconstruction की जरूरतों के बारे में भी बताया। भारत और जॉर्डन की कॉम्पनीस इन जरूरतों को पूरा करने पर मिलकर काम कर सकती हैं।

Friends,

आज की दुनिया Green Growth के बिना आगे नहीं बढ़ सकती। Clean Energy अब केवल विकल्प नहीं है, बल्कि एक need बन चुकी है। Solar, wind, green hydrogen, energy storage इसमें भारत बहुत बड़ी इन्वेस्टर के रूप में काम कर रहा है। जॉर्डन के पास भी बहुत बड़ा potential है, जिसे हम Unlock कर सकते हैं।

ऐसे ही Automobile और Mobility का सेक्टर है। भारत आज Affordable EVs, two-wheelers और CNG mobility solutions में दुनिया के टॉप देशों में से एक है। इस क्षेत्र में भी हमें ज्यादा से ज्यादा काम मिलकर करना चाहिए।

Friends,

भारत और जॉर्डन, दोनों देश अपने कल्चर, अपनी हैरिटेज पर बहुत गर्व करते हैं। हैरिटेज और कल्चरल टूरिज्म के लिए भी दोनों देशों में बहुत अधिक स्कोप है। मैं समझता हूं कि दोनों देशों के इन्वेस्टर्स को इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।

भारत में, इतनी सारी फिल्म्स बनती हैं। इन फिल्मों की शूटिंग जॉर्डन में हो, यहां joint film festivals हों, इसके लिए भी ज़रूरी प्रोत्साहन दिए जा सकते हैं। भारत में होने वाली अगले WAVES समिट में हम जोर्डन से एक बड़े delegation की अपेक्षा करते हैं।

Friends,

geography, जॉर्डन की strength है, और भारत के पास, स्किल भी है और स्केल भी। दोनों की strength जब एक साथ आएंगी, तो इससे दोनों देशों के नौजवानों को नए अवसर मिलेंगे।

दोनों देशों की सरकारों का विजन बिल्कुल स्पष्ट है। अब बिजनेस वर्ल्ड के आप सभी साथियों को अपनी imagination, innovation और entrepreneurship से इसको ज़मीन पर उतारना है।

अंत में मैं आपसे फिर कहूंगा।

Come…
Let us invest together
Innovate Together
And Grow Together

Your Majesty,

मैं एक बार फिर आपका, जॉर्डन सरकार का और इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी महानुभावों का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ।

'शुक्रान'।
बहुत-बहुत धन्यवाद।