Solutions to all the problems is in development: PM Modi in West Bengal

Published By : Admin | April 7, 2016 | 20:07 IST
QuoteI have come here so ensure proper education for children, opportunities for youth and for development: PM Modi
QuoteI have only three agendas: Development, fast-paced development & all-round development
QuoteFor 34 years the Left front ruled and ruined Bengal; TMC stands for Terror, Maut, Corruption: PM Modi
QuoteLeft and Congress contest against one another in Kerala but in spite of ideological differnces are allies in West Bengal: PM
QuoteAfter coming to power, Mamata Di said Maa, Maati, Manush but now it's all about only Maut and Money: PM
QuoteSolutions to all the problems is in development: PM Modi in West Bengal
QuoteWe will ensure overall development of Bengal and eliminate all the problems people face in the state: PM
 

मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महानुभाव और विशाल संख्या में पधारे हुए आसनसोल के मेरे प्यारे भाईयों एवं बहनों 

आज मैं सुबह से पश्चिम बंगाल में दौरा कर रहा हूँ। टीवी पर आता है कि इस बार जून महीने में जो गर्मी पड़ती है, वो गर्मी अप्रैल महीने में शुरू हो गई है और इतनी भयंकर गर्मी के बीच पश्चिम बंगाल में चुनावी गर्मी है और आप लोगों का इतना जबर्दस्त उत्साह है। दिल्ली में बैठकर किसी को अंदाजा नहीं सकता कि पश्चिम बंगाल के चुनाव का मिजाज़ क्या है, यहाँ के लोगों का इरादा क्या है। मैंने ऐसा उत्साह पश्चिम बंगाल में कभी देखा नहीं था। मैं आप लोगों से एक शिकायत करना चाहता हूँ जब 2014 में लोकसभा का चुनाव था और मैं ख़ुद प्रधानमंत्री का उम्मीदवार था और इसी मैदान में आया था और तब इसकी आधी भीड़ भी नहीं थी। आज पश्चिम बंगाल का भविष्य तय करने के लिए आप जो उत्साह दिखा रहे हैं, ये मेरी शिकायत नहीं है, आपका अभिनंदन है। 

लेफ़्ट और टीएमसी और उसके पीछे भाग रही कांग्रेस, आने वाले दिनों में ये सभा देखने के बाद सोचेंगे कि कौन से गुंडे हैं जिनको आसनसोल भेजा जाए ताकि ये लोग मतदान न कर सकें, घपलेबाजी हो, हिंसा हो। ये सभा दीदी की भी नींद खराब कर देंगे और लेफ़्ट और सोनिया जी की भी नींद खराब कर देंगे। आप लोगों ने पूरे पश्चिम बंगाल को ये सन्देश दिया है कि अब पश्चिम बंगाल इन दोनों से मुक्ति चाहता है। क्या मिला पश्चिम बंगाल को? 34 साल तक लेफ्ट वालों ने बंगाल की प्रतिष्ठा, सम्मान को मिट्टी में मिला दिया और जब बाद में दीदी आई तो उन्होंने कहा था कि मां, माटी और मानुष लेकिन हमने 5 साल में हर दिन देखा – मौत का कारोबार, पैसों का कारोबार। 

यहाँ जिस प्रकार से बंगाल के लोगों के साथ धोखा किया गया, शारदा चिटफंड को कोई भूल सकता है क्या? गरीबों के पैसे डूबे हैं और ये पाप करने वाले जेलों में होने चाहिए थे, दीदी को ऐसे लोगों के खिलाफ़ कठोर कदम उठाने चाहिए थे लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। ये सरकार गरीबों का धन लूटने वालों पर मेहरबानी करने वाली सरकार है। गरीब बेचारा कुछ सपने देखकर पैसे रखता था, बेटी की शादी हो या बच्चों की पढ़ाई लेकिन इन लुटेरों ने गरीब के पैसे हज़म कर लिये और उन्हें बेघर बना दिया। 

जब अच्छी एवं ईमानदार सरकार होती है तो गरीबों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं बनाती हैं। इन्होंने चिटफंड चलाया और हम प्रधानमंत्री जन-धन योजना लेकर आए; उन्होंने चिटफंड के नाम पर गरीबों से पैसे बनाए और हमने बिना पैसे गरीबों के खाते खोल दिए और मुफ़्त में अकाउंट खोलने की व्यवस्था कर दी। हमने गरीबों को रूपये कार्ड दिया ताकि उनके परिवार में कभी कोई संकट आ गया तो उसमें 2 लाख का बीमा होगा और परिवार को ये पैसा मिल जाएगा। अनेकों को ये मिला भी और जन-धन योजना के तहत हमने हिंदुस्तान के करोड़ों गरीबों के लिए बैंक के दरवाजे खोल दिए। असम हो, उड़ीसा हो, बंगाल हो, इन्होंने कहीं के गरीबों को नहीं छोड़ा। गरीबों को लूटने वालों को क्या चुनाव जीतना चाहिये? 

मैं आज आपसे आग्रह करने आया हूँ कि जिन-जिन लोगों ने गरीबों के पेट पर लात मारी है, ऐसे लोगों को इस चुनाव में एक पल के लिए भी स्वीकार नहीं करना चाहिए। 34 साल तक बंगाल में लेफ़्ट वालों की सरकार रही और उन्होंने बंगाल को बर्बाद कर दिया। दूर जाने की जरुरत नहीं है, 5 साल पहले चुनाव में कांग्रेस के नेता ने लेफ़्ट के खिलाफ़ क्या-क्या बोला था, ये आप वीडियो निकाल के सुन लो तो पता चल जाएगा कि लेफ़्ट वाले क्या करते थे और ये अजूबा देखो कि कांग्रेस वाले लेफ़्ट का कुर्ता पकड़ कर चल पड़े। जिस कांग्रेस पार्टी ने पहली बार केरल में लेफ़्ट की सरकार को धारा 356 लगाकर भंग कर दिया था और जिस कांग्रेस को लेफ़्ट के प्रति गुस्सा रहता था, आज पूरी कांग्रेस पार्टी लेफ़्ट के चरणों में जाकर बैठ गई है। ये जनता-जनार्दन जब देती है तो छप्पर फाड़कर देती है लेकिन जब ये लेती है तो कूड़े-कचरे की तरह साफ़ कर देती है। 

एक जमाना था जब कांग्रेस पार्टी 400 लोगों के साथ संसद में बैठती थी और जनता का गुस्सा ऐसा फूटा कि वे 40 पर आ गए। आज कांग्रेस की हालत देखो कि जीने-मरने के लिए लेफ़्ट के सामने झुकना पड़ा है और इनकी बेईमानी देखो - विचारधारा से अगर झगड़ा होता है तो ये केरल में भी होना चाहिए और वहां भी आमने-सामने लड़ना चाहिए लेकिन कांग्रेस का कमाल देखो कि केरल में वे कम्युनिस्ट को गाली दे रहे हैं और उनसे लड़ रहे हैं और बंगाल में कम्युनिस्ट को कंधे पर बिठाकर नाच रहे हैं। समझ नहीं आ रहा कि केरल में कुश्ती और बंगाल में दोस्ती? ये आप लोगों की आँखों में धूल झोंक रहे हैं। केरल में दोनों एक-दूसरे को गालियां देते हैं और बंगाल में कहते हैं कि बहुत अच्छे हैं और सबका भला करेंगे। 

एक जमाना था जब दीदी भ्रष्टाचार का नाम सुनती थी तो कुर्सी फेंक कर चली जाती थी लेकिन अब दीदी को क्या हो गया, ऐसा परिवर्तन कैसे आ गया। वो तो भ्रष्टाचार के खिलाफ़ रोड पर निकलती थीं, लाठियां झेलती थीं; आज इतना बड़ा स्कैंडल आ गया, टेंडर का सौदा होता है, नोटों की थप्पियाँ दी जा रही हैं और सब कैमरा पर है लेकिन इसके बावजूद दीदी ने कोई कदम नहीं उठाया। इसका मतलब है कि अब दीदी भ्रष्टाचार से एडजस्ट हो गई हैं; अब दीदी को ये सब ठीक लग रहा है। ये लुटते रूपये जनता के हैं और ये लूट बंद होना चाहिए। ये चुनाव एक ऐसा मौका है जब ऐसा करने वालों को राजनीति से हमेशा के लिए विदा कर देना चाहिए। 

मैं कभी कभी सोचता हूँ कि ये टीएमसी क्या है – टी फॉर टेरर, एम फॉर मौत और सी फॉर करप्शन। पांच सालों में टीएमसी का यह सीधा-सीधा मतलब निकल कर आया है। जब हम छोटे थे और लेफ़्ट वाले चुनाव जीतते थे तो हम लोगों से पूछते थे कि ये लेफ़्ट वाले चुनाव कैसे जीतते हैं तो समझदार लोग मुझे बताते थे कि यहाँ का चुनाव साइंटिफिक रिजीम करके जीता जाता था। साइंटिफिक रिजीम तो मैंने सुना था लेकिन दीदी के राज़ में मैं देख रहा हूँ - साइंटिफिक करप्शन। टेंडर का कारोबार टेंडर निकलने से पहले तय हो जाता है। 

अभी कोलकाता में करप्शन का भंडा फूट गया। विवेकानंद ब्रिज अनेकों की ज़िन्दगी को तबाह कर गया जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदना है लेकिन दीदी मौत पर भी राजनीति कर रही हैं। ब्रिज गिरा है, लाशें पड़ी हैं, घायल लोग कराह रहे हैं और दीदी मदद करने के नाम पर कुछ नहीं बोलती हैं और कहती हैं इस ब्रिज का कॉन्ट्रैक्ट तो लेफ़्ट वालों ने दिया था। मैं पूछता हूँ कि अगर ये ब्रिज बन जाता तो आप उद्घाटन करने जाती कि नहीं और आप ब्रिज बनाने के क्रेडिट लेने की कोशिश करती कि नहीं। अगर लेफ़्ट वालों ने पाप किया तो उस पाप को आपने आगे क्यों बढ़ाया। पूरे पश्चिम बंगाल में जो लेफ़्ट वाले करके गए, उसे ही आगे बढ़ाने का काम दीदी कर रही हैं और इसलिए पश्चिम बंगाल को लेफ़्ट और दीदी, दोनों से मुक्ति चाहिए। 

जिस प्रकार से टेरर का माहौल बनाया जा रहा है, अपने विरोधियों को ख़त्म करने की कोशिश हो रही है, ये लोकतंत्र और उसके प्रति आस्था का प्रतीक नहीं है। इस चुनाव में जो डिबेट चल रही है, उससे मैं हैरान हूँ। वो पूछते हैं कि ममता जी के राज़ में कितनी हत्याएं हुईं तो ममता जी कहती हैं कि आपके राज़ में इतनी हत्याएं हुईं, लेफ़्ट वाले कहते हैं कि आपके ज़माने में इतनी बलात्कार की घटनाएँ हुईं तो ममता जी कहती हैं कि आपके ज़माने में इतनी हुईं, दोनों के बीच दंगों की गिनती हो रही है। मैं पूछता हूँ कि चुनाव में यही डिबेट चलेगा क्या? ये आरोप-प्रत्यारोप गलत है। अच्छा होता कि ये कहते कि लेफ़्ट वालों ने इतना रास्ता बनाया था और हमने उससे ज्यादा बना दिया; लेफ़्ट वालों ने इतने स्कूल खोले थे और हमने उससे ज्यादा स्कूल खोल दिए, ये स्पर्धा होनी चाहिए थी लेकिन यहाँ स्पर्धा इस बात की हो रही है कि कौन ज्यादा बुरा है। 

भाईयों-बहनों, हमारी सरकार को 2 साल होने को आए हैं। आपने कभी अपने सांसद बाबुल सुप्रियो जो मेरी सरकार में महत्वपूर्ण मंत्री हैं, उनके ऊपर एक भी आरोप सुना है क्या? 2 साल से हम बैठे हैं, हमने एक भी पाप नहीं किया, ऐसे सरकार चलाई जाती है। हमारी सभी समस्याओं का समाधान चुनावी खोखलेबाजी से नहीं होने वाला है। मेरा 3 एजेंडा है – पहला विकास, दूसरा तेज़ गति से विकास और तीसरा चारों तरफ विकास, जिस पर मैं पिछले साल से काम कर रहा हूँ और यहाँ भी करना चाहता हूँ। आप मुझे सेवा करने का मौका दीजिए। हमारी सभी समस्याओं का समाधान विकास में है। 

आप हैरान होंगे कि ये पश्चिम बंगाल इतना प्यारा और प्रगतिशील था कि अंग्रेजों को भी कोलकाता में आकर अपना काम करने का मन कर गया था, ऐसा शानदार और जानदार हुआ करता था हमारा बंगाल। बंगाल पूरे देश को दिशा दिखाता था लेकिन आज इस बंगाल की स्थिति देखिये। सुभाष भाई के भतीजे, चन्द्र कुमार बोस भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं और दीदी ऐसी घबरा गई हैं और दीदी ने ऐसा टेरर दिया है कि कोई चन्द्र बोस को दफ्तर खोलने की जगह नहीं दे रहा है। लोग कहते हैं कि हम वोट दे देंगे लेकिन जब तक दीदी हैं तब तक हम आपको मकान नहीं दे पाएंगे वर्ना हम जिंदा नहीं रह पाएंगे। ये लोकतंत्र है क्या? 

आसनसोल सुंदर नगरी के रूप में जाना जाता था। अभी भारत सरकार पूरे देश में लगातार स्पर्धा करती है और ज्यूरी निष्पक्षता से उसकी जाँच करती है। 2016 के शुरू में इस देश के 72 शहरों में सफ़ाई को लेकर स्पर्धा हुई। दो महीने का समय दिया गया कि आपको क्या-क्या करना है। आपको जानकर दुःख होगा कि आसनसोल उस सूची में नीचे से दूसरे पायदान पर था। दीदी ने आसनसोल को ऐसा बना दिया कि पूरे हिंदुस्तान में इसकी इज्ज़त को मिट्टी में मिला दिया। आसनसोल एक औद्योगिक नगरी रही है, साफ़-सुथरा होना चाहिए लेकिन न बंगाल की सरकार को परवाह है और न यहाँ बैठे हुए लोगों को परवाह है। 

मैं कहता हूँ कि आप इन लोगों से मुक्ति लेकर बंगाल में भाजपा को स्वीकार करें। दिल्ली पूरी ताक़त लगाएगा और जितनी बुराईयाँ यहाँ पिछले कई वर्षों से हैं, उसे निकालने के लिए मैं कंधे से कंधा मिलकर काम करूँगा। साइंटिफिक रिजीम और साइंटिफिक करप्शन; पश्चिम बंगाल में सिंडिकेट के नाम पर सारा कारोबार हड़प लिया जाता है। कोयले की कालाबाजारी में सिंडिकेट का क्या नाता है और ये सिंडिकेट लेफ़्ट वालों ने शुरू किया और तृणमूल वालों ने उसे आगे बढ़ाया है। मैंने पहले भी कहा है कि जिन्होंने देश का कोयला भी नहीं छोड़ा, उन्हें हम नहीं छोड़ेंगे। आपने कुछ दिन पहले देखा होगा कि कोयले की कालाबाजारी करने वाले कुछ लोगों को सजा भी हो गई और जेल भी हो गया और अब आगे औरों की भी बारी है। 

हमने करप्शन के खिलाफ़ लड़ाई चलाई है और मैं जानता हूँ कि मैं जितना इन चीजों को ठीक करता हूँ, उतना इन लोगों को परेशानी ज्यादा होती है। इसलिए वे जोर से चिल्लाते हैं क्योंकि उनको पता है कि अब उनके जेल में जाने के दिन आ रहे हैं। विकास की बात को छोड़कर और बातें जो उठाई जा रही हैं, उसका मूल कारण यही है कि मुसीबत अब उनके कदमों तक पहुँचने की तयारी कर रही है। कहीं भी जोर से आवाज़ सुनाई दे तो समझ लेना कि मोदी ने कोई ऐसा कदम उठाया है जिससे बेईमान लोगों के लिए परेशानी आनी शुरू हो गई है। 

मैं आपके पास वोट मांगने आया हूँ। मुझे वोट चाहिए – बच्चों की पढ़ाई के लिए, नौजवानों की कमाई के लिए, बुजुर्गों की दवाई के लिए, अच्छी शिक्षा के लिए, अच्छे जीवन के लिए, विकास के लिए। आप पूरी तरह समर्थन देकर भाजपा के उम्मीदवारों को विजयी बनाईए। 

बहुत-बहुत धन्यवाद!
  • Gobinda Sutradhar April 18, 2025

    West Bengal 356 Dhara
  • Gobinda Sutradhar April 18, 2025

    modi ji
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ਹਰ ਭਾਰਤੀ ਦਾ ਖੂਨ ਖੌਲ ਰਿਹਾ ਹੈ: ਮਨ ਕੀ ਬਾਤ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ ਮੋਦੀ

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ਆਦਮਪੁਰ ਏਅਰ ਬੇਸ ‘ਤੇ ਬਹਾਦਰ ਹਵਾਈ ਸੈਨਾ ਦੇ ਯੋਧਿਆਂ ਅਤੇ ਸੈਨਿਕਾਂ ਦੇ ਨਾਲ ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ ਦੀ ਗੱਲਬਾਤ ਦਾ ਮੂਲ-ਪਾਠ
May 13, 2025
Quoteਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਰਾਖੀ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਸਾਡੇ ਹਵਾਈ ਯੋਧਿਆਂ ਅਤੇ ਸੈਨਿਕਾਂ ਦੀ ਹਿੰਮਤ ਅਤੇ ਪੇਸ਼ੇਵਰਤਾ ਸ਼ਲਾਘਾਯੋਗ ਹੈ: ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ
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Quoteਆਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਸਿੰਦੂਰ ਭਾਰਤ ਦੀ ਨੀਤੀ, ਨੀਅਤ ਅਤੇ ਫੈਸਲਾਕੁੰਨ ਸਮਰੱਥਾ ਦਾ ਇੱਕ ਤ੍ਰਿਮੂਰਤੀ ਹੈ: ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ
Quoteਜਦੋਂ ਸਾਡੀਆਂ ਭੈਣਾਂ ਅਤੇ ਬੇਟੀਆਂ ਦਾ ਸਿੰਦੂਰ ਮਿਟਾਇਆ ਗਿਆ, ਤਾਂ ਅਸੀਂ ਅੱਤਵਾਦੀਆਂ ਨੂੰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਟਿਕਾਣਿਆਂ ਵਿੱਚ ਕੁਚਲ ਦਿੱਤਾ: ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ
Quoteਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਮਾਸਟਰਮਾਈਂਡ ਹੁਣ ਜਾਣਦੇ ਹਨ ਕਿ ਭਾਰਤ ਵਿਰੁੱਧ ਅੱਖ ਚੁੱਕਣ ਨਾਲ ਤਬਾਹੀ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਕੁਝ ਨਹੀਂ ਮਿਲੇਗਾ: ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ
Quoteਪਾਕਿਸਤਾਨ ਵਿੱਚ ਨਾ ਸਿਰਫ਼ ਅੱਤਵਾਦੀ ਟਿਕਾਣੇ ਅਤੇ ਹਵਾਈ ਅੱਡੇ ਤਬਾਹ ਕੀਤੇ ਗਏ, ਬਲਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਦੁਸ਼ਟ ਇਰਾਦਿਆਂ ਅਤੇ ਗੁਸਤਾਖ਼ੀ ਨੂੰ ਵੀ ਹਰਾ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ: ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ
Quoteਅੱਤਵਾਦ ਵਿਰੁੱਧ ਭਾਰਤ ਦੀ ਲਕਸ਼ਮਣ ਰੇਖਾ ਹੁਣ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੈ, ਜੇਕਰ ਕੋਈ ਹੋਰ ਅੱਤਵਾਦੀ ਹਮਲਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਭਾਰਤ ਜਵਾਬ ਦੇਵੇਗਾ ਅਤੇ ਇਹ ਇੱਕ ਫੈਸਲਾਕੁੰਨ ਜਵਾਬ ਹੋਵੇਗਾ: ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ
Quoteਆਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਸਿੰਦੂਰ ਦਾ ਹਰ ਪਲ ਭਾਰਤ ਦੀਆਂ ਹਥਿਆਰਬੰਦ ਸੈਨਾਵਾਂ ਦੀ ਤਾਕਤ ਦਾ ਪ੍ਰਮਾਣ ਹੈ: ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ
Quoteਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਆਪਣੇ ਸੈਨਿਕਾਂ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਰਿਵਾਰਾਂ ਦੀਆਂ ਕੁਰਬਾਨੀਆਂ ਨੂੰ ਸਵੀਕਾਰ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਪੂਰੇ ਦੇਸ਼ ਵੱਲੋਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਸ਼ੁਕਰੀਆ ਅਦਾ ਕੀਤਾ
Quoteਉਨ੍ਹਾਂ ਐਲਾਨ ਕੀਤਾ ਕਿ ਜਦੋਂ ਭਾਰਤ ਦੀਆਂ ਸੈਨਾਵਾਂ ਪ੍ਰਮਾਣੂ ਬਲੈਕਮੇਲ ਦੀਆਂ ਧਮਕੀਆਂ ਨੂੰ ਖਤਮ ਨਸ਼ਟ ਕਰਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਅਸਮਾਨ ਅਤੇ ਧਰਤੀ 'ਤੇ ਸਿਰਫ਼ ਇੱਕ ਹੀ ਸੰਦੇਸ਼ ਗੂੰਜਦਾ ਹੈ - 'ਭਾਰਤ ਮਾਤਾ ਕੀ ਜੈ'

ਭਾਰਤ ਮਾਤਾ ਕੀ ਜੈ!

ਭਾਰਤ ਮਾਤਾ ਕੀ ਜੈ!

ਭਾਰਤ ਮਾਤਾ ਕੀ ਜੈ!

 ਇਸ ਨਾਅਰੇ ਦੀ ਤਾਕਤ ਹੁਣੇ-ਹੁਣੇ ਦੁਨੀਆ ਨੇ ਦੇਖੀ ਹੈ। ਭਾਰਤ ਮਾਤਾ ਕੀ ਜੈ, ਇਹ ਸਿਰਫ ਨਾਅਰਾ ਨਹੀਂ ਹੈ, ਇਹ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਹਰ ਉਸ ਸੈਨਿਕ ਦੀ ਸਹੁੰ ਹੈ, ਜੋ ਮਾਂ ਭਾਰਤੀ ਦੀ ਮਾਣ-ਮਰਿਆਦਾ ਦੇ ਲਈ ਜਾਨ ਦੀ ਬਾਜ਼ੀ ਲਗਾ ਦਿੰਦਾ ਹੈ। ਇਹ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਹਰ ਉਸ ਨਾਗਰਿਕ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਹੈ, ਜੋ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਲਈ ਜਿਉਣਾ ਚਾਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਕੁਝ ਕਰ ਗੁਜ਼ਰਣਾ ਚਾਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਭਾਰਤ ਮਾਤਾ ਕੀ ਜੈ, ਮੈਦਾਨ ਵਿੱਚ ਵੀ ਗੂੰਜਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਮਿਸ਼ਨ ਵਿੱਚ ਵੀ। ਜਦੋਂ ਭਾਰਤ ਦੇ ਸੈਨਿਕ ਮਾਂ ਭਾਰਤੀ ਦੀ ਜੈ ਬੋਲਦੇ ਹਨ, ਤਾਂ ਦੁਸ਼ਮਣ ਦੇ ਕਲੇਜੇ ਕੰਬ ਜਾਂਦੇ ਹਨ। ਜਦੋਂ ਸਾਡੇ ਡ੍ਰੋਨਸ, ਦੁਸ਼ਮਣ ਦੇ ਕਿਲੇ ਦੀਆਂ ਦੀਵਾਰਾਂ ਨੂੰ ਢਾਹ ਦਿੰਦੇ ਹਨ, ਜਦੋਂ ਸਾਡੀਆਂ ਮਿਜ਼ਾਈਲਾਂ ਸਨਸਨਾਉਂਦੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਨਿਸ਼ਾਨੇ ‘ਤੇ ਪਹੁੰਚਦੀਆਂ ਹਨ, ਤਾਂ ਦੁਸ਼ਮਣ ਨੂੰ ਸੁਣਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੈ- ਭਾਰਤ ਮਾਤਾ ਕੀ ਜੈ! ਜਦੋਂ ਰਾਤ ਦੇ ਹਨੇਰੇ ਵਿੱਚ ਵੀ, ਜਦੋਂ ਅਸੀਂ ਸੂਰਜ ਉਗਾ ਦਿੰਦੇ ਹਾਂ, ਤਾਂ ਦੁਸ਼ਮਣ ਨੂੰ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੈ- ਭਾਰਤ ਮਾਤਾ ਕੀ ਜੈ! ਜਦੋਂ ਸਾਡੀਆਂ ਫੌਜਾਂ, ਨਿਊਕਲੀਅਰ ਬਲੈਕਮੇਲ ਦੀ ਧਮਕੀ ਦੀ ਹਵਾ ਕੱਢ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਤਾਂ ਅਸਮਾਨ ਤੋਂ ਪਾਤਾਲ ਤੱਕ ਇੱਕ ਹੀ ਗੱਲ ਗੂੰਜਦੀ ਹੈ- ਭਾਰਤ ਮਾਤਾ ਕੀ ਜੈ!

 ਸਾਥੀਓ,

ਵਾਕਈ, ਆਪ ਸਭ ਨੇ ਕੋਟਿ-ਕੋਟਿ ਭਾਰਤੀਆਂ ਦਾ ਸੀਨਾ ਚੌੜਾ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਹਰ ਭਾਰਤੀ ਦਾ ਮੱਥਾ ਮਾਣ ਨਾਲ ਉੱਚਾ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਹੈ। ਤੁਸੀਂ ਇਤਿਹਾਸ ਰਚ ਦਿੱਤਾ ਹੈ। ਅਤੇ ਮੈਂ ਅੱਜ ਸਵੇਰੇ-ਸਵੇਰੇ ਤੁਹਾਡੇ ਦਰਮਿਆਨ ਆਇਆ ਹਾਂ, ਤੁਹਾਡੇ ਦਰਸ਼ਨ ਕਰਨ ਦੇ ਲਈ। ਜਦੋਂ ਵੀਰਾਂ ਦੇ ਪੈਰ ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਪੈਂਦੇ ਹਨ, ਤਾਂ ਧਰਤੀ ਧੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਦੋਂ ਵੀਰਾਂ ਦੇ ਦਰਸ਼ਨ ਦਾ ਅਵਸਰ ਮਿਲਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਜੀਵਨ ਧੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਅਤੇ ਇਸ ਲਈ ਮੈਂ ਅੱਜ ਸਵੇਰੇ-ਸਵੇਰੇ ਹੀ ਤੁਹਾਡੇ ਦਰਸ਼ਨ ਕਰਨ ਦੇ ਲਈ ਇੱਥੇ ਪਹੁੰਚਿਆ ਹਾਂ। ਅੱਜ ਤੋਂ ਅਨੇਕ ਦਹਾਕੇ ਬਾਅਦ ਵੀ ਜਦੋਂ ਭਾਰਤ ਦੇ ਇਸ ਪਰਾਕ੍ਰਮ ਦੀ ਚਰਚਾ ਹੋਵੇਗੀ, ਤਾਂ ਉਸ ਦੇ ਸਭ ਤੋਂ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਅਧਿਆਏ ਤੁਸੀਂ ਅਤੇ ਤੁਹਾਡੇ ਸਾਥੀ ਹੋਣਗੇ। ਤੁਸੀਂ ਸਾਰੇ ਵਰਤਮਾਨ ਦੇ ਨਾਲ ਹੀ ਦੇਸ਼ ਦੀਆਂ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਪੀੜ੍ਹੀਆਂ ਦੀ, ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਲਈ ਵੀ ਨਵੀਂ ਪ੍ਰੇਰਣਾ ਬਣ ਗਏ ਹਨ। ਮੈਂ ਵੀਰਾਂ ਦੀ ਇਸ ਧਰਤੀ ਤੋਂ ਅੱਜ ਏਅਰਫੋਰਸ, ਨੇਵੀ ਅਤੇ ਆਰਮੀ ਦੇ ਸਾਰੇ ਜਾਂਬਾਜਾਂ, BSF ਦੇ ਆਪਣੇ ਸੂਰਵੀਰਾਂ ਨੂੰ ਸੈਲਿਊਟ ਕਰਦਾ ਹਾਂ। ਤੁਹਾਡੇ ਪਰਾਕ੍ਰਮ ਦੀ ਵਜ੍ਹਾ ਨਾਲ ਅੱਜ ਓਪਰੇਸ਼ਨ ਸਿੰਦੂਰ ਦੀ ਗੂੰਜ ਹਰ ਕੋਨੇ ਵਿੱਚ ਸੁਣਾਈ ਦੇ ਰਹੀ ਹੈ। ਇਸ ਪੂਰੇ ਓਪਰੇਸ਼ਨ ਦੌਰਾਨ ਹਰ ਭਾਰਤੀ ਤੁਹਾਡੇ ਨਾਲ ਖੜ੍ਹਾ ਰਿਹਾ, ਹਰ ਭਾਰਤੀ ਦੀ ਪ੍ਰਾਰਥਨਾ ਆਪ ਸਭ ਦੇ ਨਾਲ ਰਹੀ। ਅੱਜ ਹਰ ਦੇਸ਼ਵਾਸੀ, ਆਪਣੇ ਸੈਨਿਕਾਂ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਰਿਵਾਰਾਂ ਦਾ ਧੰਨਵਾਦੀ ਅਤੇ ਰਿਣੀ ਹੈ।

ਸਾਥੀਓ,

ਓਪਰੇਸ਼ਨ ਸਿੰਦੂਰ ਕੋਈ ਸਧਾਰਣ ਸੈਨਾ ਅਭਿਯਾਨ ਨਹੀਂ ਹੈ। ਇਹ ਭਾਰਤ ਦੀ ਨੀਤੀ, ਨੀਅਤ ਅਤੇ ਨਿਰਣਾਇਕ ਸਮਰੱਥਾ ਦੀ ਤ੍ਰਿਵੇਣੀ ਹੈ। ਭਾਰਤ ਬੁੱਧ ਦੀ ਵੀ ਧਰਤੀ ਹੈ ਅਤੇ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੀ ਵੀ ਧਰਤੀ ਹੈ। ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਕਿਹਾ ਸੀ- “ਸਵਾ ਲਾਖ ਸੇ ਏਕ ਲੜਾਊਂ, ਚਿੜੀਯਨ (ਚਿੜੀਓ) ‘ਤੇ ਮੈਂ ਬਾਜ਼ ਤੁੜਾਊਂ, ਤਬੈ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਨਾਮ ਕਹਾਊਂ।” ਅਧਰਮ ਦੇ ਨਾਸ਼ ਅਤੇ ਧਰਮ ਦੀ ਸਥਾਪਨਾ ਦੇ ਲਈ ਹਥਿਆਰ ਉਠਾਉਣਾ, ਇਹ ਸਾਡੀ ਪਰੰਪਰਾ ਹੈ। ਇਸ ਲਈ ਜਦੋਂ ਸਾਡੀਆਂ ਭੈਣਾਂ, ਬੇਟੀਆਂ ਦਾ ਸਿੰਦੂਰ ਖੋਹਿਆ ਗਿਆ, ਤਾਂ ਅਸੀਂ ਅੱਤਵਾਦੀਆਂ ਦੇ ਫਨ ਨੂੰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਘਰ ਵਿੱਚ ਵੜ੍ਹ ਕੇ ਕੁਚਲ ਦਿੱਤਾ। ਉਹ ਕਾਇਰਾਂ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਛਿਪ ਕੇ ਆਏ ਸੀ, ਲੇਕਿਨ ਉਹ ਇਹ ਭੁੱਲ ਗਏ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਜਿਸ ਨੂੰ ਲਲਕਾਰਿਆ ਹੈ, ਉਹ ਹਿੰਦ ਦੀ ਸੈਨਾ ਹੈ। ਤੁਸੀਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸਾਹਮਣੇ ਤੋਂ ਹਮਲਾ ਕਰਕੇ ਮਾਰਿਆ,ਤੁਸੀਂ ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਤਮਾਮ ਵੱਡੇ ਅੱਡਿਆਂ ਨੂੰ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਮਿਲਾ ਦਿੱਤਾ, 9 ਅੱਤਵਾਦੀ ਠਿਕਾਣੇ ਬਰਬਾਦ ਹੋਏ, 100 ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਅੱਤਵਾਦੀਆਂ ਦੀ ਮੌਤ ਹੋਈ, ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਆਕਾਵਾਂ ਨੂੰ ਹੁਣ ਸਮਝ ਆ ਗਿਆ ਹੈ, ਭਾਰਤ ਦੇ ਵੱਲ ਨਜ਼ਰ ਉਠਾਉਣ ਦਾ ਇੱਕ ਹੀ ਅੰਜਾਮ ਹੋਵੇਗਾ- ਤਬਾਹੀ! ਭਾਰਤ ਵਿੱਚ ਨਿਰਦੋਸ਼ ਲੋਕਾਂ ਦਾ ਖੂਨ ਵਹਾਉਣ ਦਾ ਇੱਕ ਹੀ ਅੰਜਾਮ ਹੋਵੇਗਾ- ਵਿਨਾਸ਼ ਅਤੇ ਮਹਾਵਿਨਾਸ਼! ਜਿਸ ਪਾਕਿਸਤਾਨੀ ਸੈਨਾ ਦੇ ਭਰੋਸੇ ਇਹ ਅੱਤਵਾਦੀ ਬੈਠੇ ਸੀ, ਭਾਰਤ ਦੀ ਸੈਨਾ, ਭਾਰਤ ਦੀ ਏਅਰਫੋਰਸ ਅਤੇ ਭਾਰਤ ਦੀ ਨੇਵੀ ਨੇ, ਉਸ ਪਾਕਿਸਤਾਨੀ ਸੈਨਾ ਨੂੰ ਵੀ ਧੂਲ ਚਟਾ ਦਿੱਤੀ ਹੈ। ਤੁਸੀਂ ਪਾਕਿਸਤਾਨੀ ਫੌਜ ਨੂੰ ਵੀ ਦੱਸ ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਵਿੱਚ ਅਜਿਹਾ ਕੋਈ ਠਿਕਾਣਾ ਨਹੀਂ ਹੈ, ਜਿੱਥੇ ਬੈਠ ਕੇ ਅੱਤਵਾਦੀ ਚੈਨ ਦਾ ਸਾਹ ਲੈ ਸਕਣ। ਅਸੀਂ ਘਰ ਵਿੱਚ ਵੜ੍ਹ ਕੇ ਮਾਰਾਂਗੇ ਤੇ ਬਚਣ ਦਾ ਇੱਕ ਮੌਕਾ ਤੱਕ ਨਹੀਂ ਦਿਆਂਗੇ। ਅਤੇ ਸਾਡੇ ਡ੍ਰੋਨਸ, ਸਾਡੀਆਂ ਮਿਜ਼ਾਈਲਾਂ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਬਾਰੇ ਤਾਂ ਸੋਚ ਕੇ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਨੂੰ ਕਈ ਦਿਨਾਂ ਤੱਕ ਨੀਂਦ ਨਹੀਂ ਆਵੇਗੀ। ਕੌਸ਼ਲ ਦਿਖਲਾਇਆ ਚਾਲੋਂ ਮੇਂ, ਉੜ ਗਯਾ ਭਿਆਨਕ ਭਾਲੋਂ ਮੇਂ। ਨਿਰਭੀਕ ਗਿਆ ਵਹ ਢਾਲੋਂ ਮੇਂ, ਸਰਪਟ ਦੌੜਾ ਕਰਵਾਲੋਂ ਮੇਂ। (कौशल दिखलाया चालों में, उड़ गया भयानक भालों में। निर्भीक गया वह ढालों में, सरपट दौड़ा करवालों में।) ਇਹ ਪੰਕਤੀਆਂ ਮਹਾਰਾਣਾ ਪ੍ਰਤਾਪ ਦੇ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਘੋੜੇ ਚੇਤਕ ‘ਤੇ ਲਿਖੀਆਂ ਗਈਆਂ ਹਨ, ਲੇਕਿਨ ਇਹ ਪੰਕਤੀਆਂ ਅੱਜ ਦੇ ਆਧੁਨਿਕ ਭਾਰਤੀ ਹਥਿਆਰਾਂ ‘ਤੇ ਵੀ ਫਿੱਟ ਬੈਠਦੀਆਂ ਹਨ।

ਮੇਰੇ ਵੀਰ ਸਾਥੀਓ,

ਓਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਸਿੰਦੂਰ ਨਾਲ ਤੁਸੀਂ ਦੇਸ਼ ਦਾ ਆਤਮਬਲ ਵਧਾਇਆ ਹੈ, ਦੇਸ਼ ਨੂੰ ਏਕਤਾ ਦੇ ਸੂਤਰ ਵਿੱਚ ਬੰਨ੍ਹਿਆ ਹੈ, ਅਤੇ ਤੁਸੀਂ ਭਾਰਤ ਦੀਆਂ ਸਰਹੱਦਾਂ ਦੀ ਰੱਖਿਆ ਕੀਤੀ ਹੈ, ਭਾਰਤ ਦੇ ਸਵੈਮਾਣ ਨੂੰ ਨਵੀਂ ਉਚਾਈ ਦਿੱਤੀ ਹੈ। 

ਸਾਥੀਓ,

ਤੁਸੀਂ ਉਹ ਕੀਤਾ, ਜੋ ਬੇਮਿਸਾਲ ਹੈ, ਕਲਪਨਾ ਤੋਂ ਪਰ੍ਹੇ ਹੈ, ਅਦਭੁੱਤ ਹੈ। ਸਾਡੀ ਏਅਰਫੋਸ ਨੇ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਵਿੱਚ ਇੰਨਾ ਡੀਪ, ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਅੱਡਿਆਂ ਨੂੰ ਟਾਰਗੈੱਟ ਕੀਤਾ। ਸਿਰਫ 20-25 ਮਿੰਟਾਂ ਦੇ ਅੰਦਰ, ਸੀਮਾ ਪਾਰ ਟੀਚਿਆਂ ਨੂੰ ਹਿਟ ਕਰਨਾ, ਬਿਲਕੁਲ ਪਿੰਨ ਪੁਆਇੰਟ ਟਾਰਗੈੱਸਟ ਨੂੰ ਹਿਟ ਕਰਨਾ, ਇਹ ਸਿਰਫ਼ ਇੱਕ ਮੌਡਰਨ ਟੈਕਨੋਲੋਜੀ ਨਾਲ ਲੈਸ, ਪ੍ਰੋਫੈਸ਼ਨਲ ਫੋਰਸ ਹੀ ਕਰ ਸਕਦੀ ਹੈ। ਤੁਹਾਡੀ ਸਪੀਡ ਅਤੇ ਪ੍ਰਿਸੀਜਨ, ਇਸ ਲੈਵਲ ਦੀ ਸੀ, ਕਿ ਦੁਸ਼ਮਣ ਹੱਕਾ-ਬੱਕਾ ਰਹਿ ਗਿਆ। ਉਸ ਨੂੰ ਪਤਾ ਹੀ ਨਹੀਂ ਚਲਿਆ ਕਿ ਕਦੋਂ ਉਸ ਦਾ ਸੀਨਾ ਛਲਣੀ ਹੋ ਗਿਆ। 

ਸਾਥੀਓ,

ਸਾਡਾ ਟੀਚਾ, ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੇ ਅੰਦਰ terror ਹੈੱਡਕੁਆਰਟਰਸ ਨੂੰ ਹਿਟ ਕਰਨ ਦਾ ਸੀ, ਅੱਤਵਾਦੀਆਂ ਨੂੰ ਹਿਟ ਕਰਨ ਦਾ ਸੀ। ਲੇਕਿਨ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਨੇ ਆਪਣੇ ਯਾਤਰੀ ਜਹਾਜ਼ਾਂ ਨੂੰ ਸਾਹਮਣੇ ਕਰਕੇ ਜੋ ਸਾਜਿਸ਼ ਰਚੀ, ਮੈਂ ਕਲਪਨਾ ਕਰ ਸਕਦਾ ਹਾਂ, ਉਹ ਪਲ ਕਿੰਨਾ ਕਠਿਨ ਹੋਵੇਗਾ, ਜਦੋਂ ਸਿਵਿਲੀਅਨ ਏਅਰਕ੍ਰਾਫਟ ਦਿਸ ਰਿਹਾ ਹੈ, ਅਤੇ ਮੈਨੂੰ ਮਾਣ ਹੈ ਤੁਸੀਂ ਬਹੁਤ ਸਾਵਧਾਨੀ ਨਾਲ, ਬਹੁਤ ਚੌਕਸੀ ਨਾਲ ਸਿਵਿਲੀਅਨ ਏਅਰਕ੍ਰਾਫਟ ਨੂੰ ਨੁਕਸਾਨ ਪਹੁੰਚਾਏ ਬਿਨਾ, ਤਬਾਹ ਕਰਕੇ ਦਿਖਾਇਆ, ਉਸ ਦਾ ਜਵਾਬ ਦੇ ਦਿੱਤਾ ਤੁਸੀਂ। ਮੈਂ ਮਾਣ ਨਾਲ ਕਹਿ ਸਕਦਾ ਹਾਂ, ਕਿ ਤੁਸੀਂ ਸਾਰੇ ਆਪਣੇ ਟੀਚਿਆਂ ‘ਤੇ ਬਿਲਕੁਲ ਖਰ੍ਹੇ ਉਤਰੇ ਹੋ। ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਵਿੱਚ ਅੱਤਵਾਦੀ ਠਿਕਾਣਿਆਂ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਏਅਰਬੇਸ ਹੀ ਤਬਾਹ ਨਹੀਂ ਹੋਏ, ਸਗੋਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਨਾਪਾਕ ਇਰਾਦੇ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਗੁਸਤਾਖੀ, ਦੋਵਾਂ ਦੀ ਹਾਰ ਹੋਈ ਹੈ। 

ਸਾਥੀਓ,

ਓਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਸਿੰਦੂਰ ਤੋਂ ਪਰੇਸ਼ਾਨ ਦੁਸ਼ਮਣ ਨੇ ਇਸ ਏਅਰਬੇਸ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ, ਸਾਡੇ ਅਨੇਕ ਏਅਰਬੇਸ ‘ਤੇ ਹਮਲਾ ਕਰਨ ਦੀ ਕਈ ਵਾਰ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕੀਤੀ। ਵਾਰ-ਵਾਰ ਉਸ ਨੇ ਸਾਨੂੰ ਟਾਰਗੈੱਟ ਕੀਤਾ, ਲੇਕਿਨ ਪਾਕਿ ਦੇ ਨਾਕਾਮ, ਨਾਪਾਕ ਇਰਾਦੇ ਹਰ ਵਾਰ ਨਾਕਾਮ ਹੋ ਗਏ। ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੇ ਡ੍ਰੋਨ, ਉਸ ਦੇ UAV, ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੇ ਏਅਰਕ੍ਰਾਫਟ ਅਤੇ ਉਸ ਦੀਆਂ ਮਿਜ਼ਾਈਲਾਂ, ਸਾਡੇ ਸਸ਼ਕਤ ਏਅਰ ਡਿਫੈਂਸ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਸਭ ਦੇ ਸਭ ਢੇਰ ਹੋ ਗਏ। ਮੈਂ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਸਾਰੇ ਏਅਰਬੇਸ ਨਾਲ ਜੁੜੀ ਲੀਡਰਸ਼ਿਪ ਦੀ, ਭਾਰਤੀ ਹਵਾਈਸੈਨਾ ਦੇ ਹਰ ਏਅਰ-ਵੌਰੀਅਰ ਦੀ ਦਿਲੋਂ ਸਰਾਹਨਾ ਕਰਦਾ ਹਾਂ, ਤੁਸੀਂ ਵਾਕਈ ਬਹੁਤ ਸ਼ਾਨਦਾਰ ਕੰਮ ਕੀਤਾ ਹੈ।

ਸਾਥੀਓ,

ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਵਿਰੁੱਧ ਭਾਰਤ ਦੀ ਲਕਸ਼ਮਣ ਰੇਖਾ ਹੁਣ ਇਕਦਮ ਸਪਸ਼ਟ ਹੈ। ਹੁਣ ਫਿਰ ਕੋਈ ਟੈਰਰ ਅਟੈਕ ਹੋਇਆ , ਤਾਂ ਭਾਰਤ ਜਵਾਬ ਦੇਵੇਗਾ, ਪੱਕਾ ਜਵਾਬ ਦੇਵੇਗਾ। ਇਹ ਅਸੀਂ ਸਰਜੀਕਲ ਸਟ੍ਰਾਇਕ ਦੇ ਸਮੇਂ ਦੇਖਿਆ ਹੈ, ਏਅਰ ਸਟ੍ਰਾਇਕ ਦੇ ਸਮੇਂ ਦੇਖਿਆ ਹੈ, ਅਤੇ ਹੁਣ ਤਾਂ ਓਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਸਿੰਦੂਰ, ਭਾਰਤ ਦਾ ਨਿਊ ਨੌਰਮਲ ਹੈ। ਅਤੇ ਜਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਮੈਂ ਕੱਲ੍ਹ ਵੀ ਕਿਹਾ, ਭਾਰਤ ਨੇ ਹੁਣ ਤਿੰਨ ਸੂਤਰ ਤੈਅ ਕਰ ਦਿੱਤੇ ਹਨ, ਪਹਿਲਾ - ਜੇਕਰ ਭਾਰਤ 'ਤੇ ਕੋਈ ਅੱਤਵਾਦੀ ਹਮਲਾ ਹੋਇਆ, ਤਾਂ ਅਸੀਂ ਆਪਣੇ ਤਰੀਕੇ ਨਾਲ, ਆਪਣੀਆਂ ਸ਼ਰਤਾਂ 'ਤੇ ਅਤੇ ਆਪਣੇ ਸਮੇਂ 'ਤੇ ਜਵਾਬ ਦੇਵਾਂਗੇ। ਦੂਸਰਾ-ਕੋਈ ਵੀ ਨਿਊਕਲੀਅਰ ਬਲੈਕਮੇਲ ਭਾਰਤ ਬਰਦਾਸ਼ਤ ਨਹੀਂ ਕਰੇਗਾ । ਤੀਸਰਾ-ਅਸੀਂ ਅੱਤਵਾਦ ਦੀ ਸਰਪ੍ਰਸਤ ਸਰਕਾਰ ਅਤੇ ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਆਕਾਵਾਂ ਨੂੰ ਅਲੱਗ-ਅਲੱਗ ਨਹੀਂ ਦੇਖਾਂਗੇ। ਦੁਨੀਆ ਵੀ ਭਾਰਤ ਦੇ ਇਸ ਨਵੇਂ ਰੂਪ ਨੂੰ, ਇਸ ਨਵੀਂ ਵਿਵਸਥਾ ਨੂੰ ਸਮਝਦੇ ਹੋਏ ਵੀ ਅੱਗੇ ਵਧ ਰਹੀ ਹੈ। 

ਸਾਥੀਓ,

ਓਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਸਿੰਦੂਰ ਦਾ ਇੱਕ-ਇੱਕ ਪਲ ਭਾਰਤ ਦੀਆਂ ਸੈਨਾਵਾਂ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਦੀ ਗਵਾਹੀ ਦਿੰਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਦੌਰਾਨ ਸਾਡੀਆਂ ਸੈਨਾਵਾਂ ਦਾ ਕੋ-ਆਰਡੀਨੇਸ਼ਨ, ਵਾਕਈ ਮੈਂ ਕਹਾਂਗਾ, ਸ਼ਾਨਦਾਰ ਸੀ। ਆਰਮੀ ਹੋਵੇ, ਨੇਵੀ ਹੋਵੇ ਜਾਂ ਏਅਰਫੋਰਸ, ਸਭ ਦਾ ਤਾਲਮੇਲ ਬਹੁਤ ਜ਼ਬਰਦਸਤ ਸੀ। ਨੇਵੀ ਨੇ ਸਮੁੰਦਰ ‘ਤੇ ਆਪਣਾ ਦਬਦਬਾ ਬਣਾਇਆ। ਸੈਨਾ ਨੇ ਬੌਰਡਰ ‘ਤੇ ਮਜ਼ਬੂਤੀ ਦਿੱਤੀ। ਅਤੇ, ਭਾਰਤੀ ਹਵਾਈਸੈਨਾ ਨੇ ਅਟੈਕ ਵੀ ਕੀਤਾ ਅਤੇ ਡਿਫੈਂਡ ਵੀ ਕੀਤਾ। BSF ਅਤੇ ਦੂਸਰੇ ਬਲਾਂ ਨੇ ਵੀ ਅਦਭੁੱਤ ਸਮਰੱਥਾਵਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਨ ਕੀਤਾ ਹੈ। Integrated air and land combat systems ਨੇ ਸ਼ਾਨਦਾਰ ਕੰਮ ਕੀਤਾ ਹੈ। ਅਤੇ ਇਹੀ ਤਾਂ ਹੈ, jointness, ਇਹ ਹੁਣ ਭਾਰਤੀ ਸੈਨਾਵਾਂ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਦੀ ਇੱਕ ਮਜ਼ਬੂਤ ਪਹਿਚਾਣ ਬਣ ਚੁੱਕੀ ਹੈ। 

ਸਾਥੀਓ,

ਓਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਸਿੰਦੂਰ ਵਿੱਚ ਮੈਨਪਾਵਰ ਦੇ ਨਾਲ ਹੀ ਮਸ਼ੀਨ ਦਾ ਕੋ-ਆਰਡੀਨੇਸ਼ਨ ਵੀ ਅਦਭੁੱਤ ਰਿਹਾ ਹੈ। ਭਾਰਤ ਦੇ ਟ੍ਰੈਡੀਸ਼ਨਲ ਏਅਰ ਡਿਫੈਂਸ ਸਿਸਟਮ ਹੋਣ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਕਈ ਲੜਾਈਆਂ ਦੇਖੀਆਂ ਹਨ, ਜਾਂ ਫਿਰ ਆਕਾਸ਼ ਜਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਾਡੇ ਮੇਡ ਇਨ ਇੰਡੀਆ ਪਲੈਟਫਾਰਮ ਹੋਣ, ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ S-400 ਜਿਹੇ ਆਧੁਨਿਕ ਅਤੇ ਸਸ਼ਕਤ ਡਿਫੈਂਸ ਸਿਸਟਮ ਨੇ ਬੇਮਿਸਾਲ ਮਜ਼ਬੂਤੀ ਦਿੱਤੀ ਹੈ। ਇੱਕ ਮਜ਼ਬੂਤ ਸੁਰੱਖਿਆ ਕਵਚ ਭਾਰਤ ਦੀ ਪਹਿਚਾਣ ਬਣ ਚੁੱਕੀ ਹੈ। ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੀਆਂ ਲੱਖ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ਾਂ ਦੇ ਬਾਅਦ ਵੀ, ਸਾਡੇ ਏਅਰਬੇਸ ਹੋਣ, ਜਾਂ ਫਿਰ ਸਾਡੇ ਦੂਸਰੇ ਡਿਫੈਂਸ ਇਨਫ੍ਰਾਸਟ੍ਰਕਚਰ, ਇਨ੍ਹਾਂ ‘ਤੇ ਆਂਚ ਤੱਕ ਨਹੀਂ ਆਈ। ਅਤੇ ਇਸ ਦਾ ਕ੍ਰੈਡਿਟ ਤੁਹਾਨੂੰ ਸਾਰਿਆਂ ਨੂੰ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਅਤੇ ਮੈਨੂੰ ਮਾਣ ਹੈ ਤੁਹਾਡੇ ਸਾਰਿਆਂ ‘ਤੇ, ਬੌਰਡਰ ‘ਤੇ ਤੈਨਾਤ ਹਰ ਸੈਨਿਕ ਨੂੰ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਓਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਨਾਲ ਜੁੜੇ ਹਰ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਇਸ ਦਾ ਕ੍ਰੈਡਿਟ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। 

ਸਾਥੀਓ,

ਅੱਜ ਸਾਡੇ ਕੋਲ ਨਵੀਂ ਅਤੇ cutting edge technology ਦੀ ਅਜਿਹੀ ਸਮਰੱਥਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਦਾ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਮੁਕਾਬਲਾ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦਾ। ਬੀਤੇ ਦਹਾਕੇ ਵਿੱਚ ਏਅਰਫੋਰਸ ਸਹਿਤ, ਸਾਡੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਸੈਨਾਵਾਂ ਕੋਲ, ਦੁਨੀਆ ਦੀ ਸ਼੍ਰੇਸ਼ਠ ਟੈਕਨੋਲੋਜੀ ਪਹੁੰਚੀ ਹੈ। ਲੇਕਿਨ ਅਸੀਂ ਸਾਰੇ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, ਨਵੀਂ ਟੈਕਨੋਲੋਜੀ ਦੇ ਨਾਲ ਚੁਣੌਤੀਆਂ ਵੀ ਉਨੀਆਂ ਹੀ ਵੱਡੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ। Complicated ਅਤੇ sophisticated systems ਨੂੰ ਮੈਟੇਨ ਕਰਨਾ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ efficiency ਦੇ ਨਾਲ ਔਪਰੇਟ ਕਰਨਾ, ਇੱਕ ਬਹੁਤ ਵੱਡੀ ਸਕਿੱਲ ਹੈ। ਤੁਸੀਂ tech ਨੂੰ tactics ਨਾਲ ਜੋੜ  ਕੇ ਦਿਖਾ ਦਿੱਤਾ ਹੈ। ਤੁਸੀਂ ਸਿੱਧ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਹੈ ਕਿ ਤੁਸੀਂ ਇਸ ਗੇਮ ਵਿੱਚ, ਦੁਨੀਆ ਵਿੱਚ ਬਿਹਤਰੀਨ ਹਨ। ਭਾਰਤ ਦੀ ਹਵਾਈ ਸੈਨਾ ਹੁਣ ਸਿਰਫ਼ ਹਥਿਆਰਾਂ ਨਾਲ ਹੀ ਨਹੀਂ, ਡੇਟਾ ਅਤੇ ਡ੍ਰੋਨ ਨਾਲ ਵੀ ਦੁਸ਼ਮਣ ਨੂੰ ਹਰਾਉਣ ਵਿੱਚ ਮਾਹਰ ਹੋ ਗਈ ਹੈ। 

ਸਾਥੀਓ,

ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੀ ਗੁਹਾਰ ਦੇ ਬਾਅਦ ਭਾਰਤ ਨੇ ਸਿਰਫ਼ ਆਪਣੀ ਸੈਨਿਕ ਕਾਰਵਾਈ ਨੂੰ ਮੁੱਅਤਲ ਕੀਤਾ ਹੈ। ਜੇਕਰ, ਜੇਕਰ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਨੇ ਮੁੜ ਤੋਂ ਅੱਤਵਾਦੀ ਗਤੀਵਿਧੀ ਜਾਂ ਸੈਨਿਕ ਗੁਸਤਾਖੀ ਕੀਤੀ, ਤਾਂ ਅਸੀਂ ਉਸ ਦਾ ਮੂੰਹ ਤੋੜ ਜਵਾਬ ਦਿਆਂਗੇ। ਇਹ ਜਵਾਬ, ਆਪਣੀਆਂ ਸ਼ਰਤਾਂ ‘ਤੇ, ਆਪਣੇ ਤਰੀਕੇ ਨਾਲ ਦਿਆਂਗੇ। ਅਤੇ ਇਸ ਫੈਸਲੇ ਦਾ ਨੀਂਹ ਪੱਥਰ, ਇਸ ਦੇ ਪਿੱਛੇ ਛੁਪਿਆ ਵਿਸ਼ਵਾਸ, ਤੁਹਾਡਾ ਸਾਰਿਆਂ ਦਾ ਧੀਰਜ, ਸ਼ੌਰਯ, ਸਾਹਸ ਅਤੇ ਚੌਕਸੀ ਹੈ। ਤੁਹਾਨੂੰ ਇਹ ਹੌਂਸਲਾ, ਇਹ ਜਨੂੰਨ, ਇਹ ਜਜ਼ਬਾ, ਅਜਿਹੇ ਹੀ ਬਰਕਰਾਰ ਰੱਖਣਾ ਹੈ। ਸਾਨੂੰ ਲਗਾਤਾਰ ਮੁਸਤੈਦ ਰਹਿਣਾ ਹੈ, ਸਾਨੂੰ ਤਿਆਰ ਰਹਿਣਾ ਹੈ। ਸਾਨੂੰ ਦੁਸ਼ਮਣ ਨੂੰ ਯਾਦ ਦਿਲਾਉਂਦੇ ਰਹਿਣਾ ਹੈ, ਇਹ ਨਵਾਂ ਭਾਰਤ ਹੈ। ਇਹ ਭਾਰਤ ਸ਼ਾਂਤੀ ਚਾਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਲੇਕਿਨ, ਜੇਕਰ ਮਾਨਵਤਾ ‘ਤੇ ਹਮਲਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਇਹ ਭਾਰਤ ਯੁੱਧ ਦੇ ਮੋਰਚੇ ‘ਤੇ ਦੁਸ਼ਮਣ ਨੂੰ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਮਿਲਾਉਣਾ ਵੀ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਜਾਣਦਾ ਹੈ। ਇਸੇ ਸੰਕਲਪ ਦੇ ਨਾਲ, ਆਓ ਇੱਕ ਵਾਰ ਫਿਰ ਬੋਲੀਏ-

ਭਾਰਤ ਮਾਤਾ ਕੀ ਜੈ। ਭਾਰਤ ਮਾਤਾ ਕੀ ਜੈ। 

ਭਾਰਤ ਮਾਤਾ ਕੀ ਜੈ।

ਵੰਦੇ ਮਾਤਰਮ। ਵੰਦੇ ਮਾਤਰਮ।

ਵੰਦੇ ਮਾਤਰਮ। ਵੰਦੇ ਮਾਤਰਮ।

ਵੰਦੇ ਮਾਤਰਮ। ਵੰਦੇ ਮਾਤਰਮ।

ਵੰਦੇ ਮਾਤਰਮ। ਵੰਦੇ ਮਾਤਰਮ।

 

ਵੰਦੇ ਮਾਤਰਮ। 

 

ਬਹੁਤ-ਬਹੁਤ ਧੰਨਵਾਦ।