उपस्थित सभी महानुभाव और मेरे परिवार के सभी सदस्य, बंधु गण, मैंने ये कहा कि मेरे परिवार के! दो कारण से - एक तो मैं बनारस का हो गया हूं और दूसरा बचपन से एक ही याद रही है, वो है, रेल। इसलिए रेल से जुड़ा हर व्यक्ति मेरे परिवार का सदस्य है और इस अर्थ में मैं परिवार जनों के बीच आज आया हूं। मुझे खुशी है कि आज यहां दो महत्वपूर्ण प्रकल्प, एक तो 4,500 horse power capacity का डीज़ल इजिंन राष्ट्र को समर्पित हो रहा है और ये हमारी capability है। भारत को आगे बढ़ना है, तो इस बात पर बल देना होगा कि हम, हमारे आत्मबल पर, हमारी शक्ति के आधार पर हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति करने का काम करें।

एक समय था, ये देश पेट भरने के लिए अन्न बाहर से लाता था। जब विदेशों से अन्न आता था, तब हमारा पेट भरता था। लेकिन इस देश में एक ऐसे महापुरूष हुए जिसने बेड़ा उठाया, देश के किसानों को ललकारा, आवाह्न किया, उनको प्रेरणा दी, जय जवान जय किसान का मंत्र दिया और देश के किसानों ने अन्न के भंडार भर दिए। आज हिंदुस्तान अन्न विदेशों में दे सके, ये ताकत आ गई है। वो काम किया था, इसी धरती के लाल, लाल बहादुर शास्त्री ने। अगर हमारे किसान देश को आत्मनिर्भर बना सकते हैं, अन्न के भंडार भर सकते हैं, तो देश की उस ताकत को पहचान करके हमने देश की उस युवा शक्ति का आवाह्न किया है - Make in India! हमारी जितनी आवश्यकताएं हैं, उसका निर्माण देश में क्यों नहीं होना चाहिए? क्या कमी है! जिस देश के पास होनहार नौजवान हों, 65 प्रतिशत 35 साल से कम उम्र के नौजवान हों, वो देश क्या नहीं कर सकता है?

इसलिए भाइयों, बहनों, लाल बहादुर शास्त्री का मंत्र था- जय जवान जय किसान और उन्होंने देश के अन्न के भंडार भर दिए। हम Make in India का मंत्र ले करके आए हैं इंडिजिनस! भारत की विधा से, भारत के संसाधनों से भारत अपनी चीज़ों को बनाए। आज, डिफेंस के क्षेत्र में हर चीज़ हम बाहर से लाते हैं। अश्रु गैस भी बाहर से आता है, बताईए! रोने के लिए भी बाहर से हमको साधन लाने पड़ते हैं। ये बदलना है मुझे और उसमें एक महत्वपूर्ण पहल आज आपके यहां से.. indigenous .. मुझे बताया गया, ये जो इंजिंन बना है, इसमें 96% कंपोनेंट यहीं पर बने हैं, आप ही लोगों ने बनाए हैं। मैंने कहा है कि वो 4% भी नहीं आना चाहिए। बताइए कैसे करोगे? उन्होंने कहा- हम बीड़ा उठाते हैं, हम करेंगे। डिफेंस..सब चीज़ें हम बाहर से ला रहे हैं, मोबाइल फोन बाहर से ला रहे हैं, बताईए! हमारे देश में हमें एक वायुमंडल बनाना है और इस पर हम कोशिश कर रहे हैं।

रेलवे! आप ने मुझे, जब से प्रधानमंत्री बना हूं, बार बार मेरे मुंह से रेलवे के बारे में सुना होगा। घूम फिर करके कहीं भी भाषण करता हूं तो रेलवे तो आ ही जाता है। एक तो बचपन से आदत है और दूसरा, मेरा स्पष्ट मानना है कि भारत में रेलवे देश को आगे ले जाने की इतनी बड़ी ताकत रखती है, लेकिन हमने उसकी उपेक्षा की है। मेरे लिए रेलवे एक बहुत बड़ी प्राथमिकता है। आप कल्पना कर सकते हो, इतना बड़ा infrastucture! इतनी बड़ी संख्या में manpower! इतना पुराना experience! और विश्व में सर्वाधिक लोगों को ले जाने लाने वाला ये इतना बड़ा organization हमारे पास हो। इसको अगर आधुनिक बनाया जाए, इसको अगर technology upgradation किया जाए, management perfection किया जाए। service oriented बनाया जाए तो क्या हिंदुस्तान की शक्ल सूरत बदलने में रेलवे काम नहीं आ सकती? भाइयों, बहनों मैं ये सपना देख करके काम कर रहा हूं। इसलिए रेलवे तो आगे बढ़ना ही है, लेकिन रेलवे के माध्यम से मुझे देश को आगे बढ़ाना है। और, अब तक क्या हुआ है, रेल मतलब- दो-पांच किलोमीटर नई पटरी डाल दो, एक आद दो नई ट्रेन चालू कर दो, इसी के आस-पास चला है। हम उसमें आमूल-चूल परिवर्तन चाहते हैं।

उसी प्रकार से human resource development. हम जानते हैं कि रेलवे में अभी भी बहुत लोगों को रोज़गार मिलने की संभावनाएं हैं। लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी है कि वे हिम्मत नहीं करते। अगर आर्थिक रूप से उनको मजबूत बनाया जाए तो हज़ारो नौजवान रेलवे अभी भी absorb कर सकता है, इतनी बड़ी ताकत है। इसलिए योग्य manpower के लिए हम चार युनिवर्सिटी बनाना चाहते हैं, हिंदुस्तान के चार कोनों में। उस युनिवर्सिटी में जो आएंगे उन नौजवानों की शिक्षा दीक्षा होगी और उनको रेलवे के अंदर नौकरी मिलेगी। हमारे कई रेलवे के कर्मचारी हैं। उनकी संतानों को अगर वहां पर पढ़ने का अवसर मिलेगा तो अपने आप रेलवे में नौकरी करने के लिए उसकी सुविधा बढ़ जाएगी। उसको भटकना नहीं पड़ेगा। कुछ लोग अफवाहें फैलाते हैं। आप में से कई लोग होंगे जो 20 साल की उम्र के बाद, 22 साल की उम्र के बाद, पढ़ाई करने के बाद रेलवे से जुड़े होंगे। मैं जन्म से जुड़ा हुआ हूं। इसलिए आप लोगों से ज्यादा रेलवे के प्रति मेरा प्यार है, क्योंकि मेरा तो जीवन ही उसके कारण बना है। जो लोग अफवाहें फैला रहे हैं कि रेलवे का privatization हो रहा है, वो सरासर गलत है। मुझ से ज्यादा इस रेलवे को कोई प्यार नहीं कर सकता और इसलिए ये जो गप्प चलाए जा रहे हैं, भाईयों, बहनों न ये हमारी इच्छा है, न इरादा है, न सोच है। हम इस दिशा में कभी जा नहीं सकते, आप चिंता मत कीजिए। हम क्या चाहते हैं - आज देश के गरीबों के लिए जो पैसा काम आना चाहिए, स्कूल बनाने के लिए, अस्पताल बनाने के लिए, रोड बनाने के लिए, गांव के अंदर गरीब आदमी की सुविधा के लिए, उन सरकारी खजाने के पैसे हर साल रेलवे में डालने पड़ते हैं। क्यों? रेलवे को जि़ंदा रखने के लिए। हम कितने साल तक हिंदुस्तान के गरीबों की तिजोरी से पैसे रेल में डालते रहेंगे? और अगर कहीं और से पैसा मिलता है, तो समझदारी इसमें है कि गरीबों के पैसे रेल में डालने के बजाए, जो धन्ना सेठ हैं, उनके पैसे रेल में डालने चाहिए। इसलिए कम ब्याज से आज दुनिया में पैसे मिलते हैं। हम उन पैसों को रेलवे के विकास के लिए लगाना चाहते हैं, जिसके कारण, आप जो रेलवे में काम कर रहे हैं, उनका भी भला होगा और हिंदुस्तान का भी भला होगा। रेलवे का privatization नहीं होने वाला है।

अब मुझे बताईए, ये युनियन वालों को मैं पूछना चाहता हूं कि रूपया रेलवे में आए, डालर आए, पाउंड आए, अरे आपको क्या फर्क पड़ता है भई! आपका तो पैसा आ रहा है। दूसरी बात, रेलवे के स्टेशन जितने हैं, हमारे.. अब मुझे बताइए, मुझे रेलवे युनिवर्सिटी बनानी है..अगर रेलवे युनिवर्सिटी में मुझे जापान से मदद मिलती है, चाइना से मदद मिलती है, टेक्नॉलोजी की मदद मिलती है, expertise की मदद मिलती है, तो लेनी चाहिए कि नहीं लेनी चाहिए? ज़रा बताईए, सच्चा बोलिए, दिल से बोलिए- लेनी चाहिए कि नहीं लेनी चाहिए? यही काम ये सरकार करना चाहती है भाईयों! और इतना ही नहीं इतना ही नहीं. आज हम देखें हमारे रेलवे स्टेशन कैसे हैं? रेलवे स्टेशन पर रेलवे में 12-12 घंटे प्लेटफार्म पर काम करने वाले रेलवे के कर्मचारी को बैठने के लिए जगह नहीं होती है। ये सच्चाई है कि नहीं है? उसको बेचारे को बैठ करके खाना खाना हो, उसके लिए जगह नहीं है। क्या हमारे रेलवे स्टेशन सुविधा वाले होने चाहिए कि नहीं होने चाहिए? रेलवे पर आने वाले लोगों को सुविधा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? मैंने सर्वे किया कि बनारस स्टेशन पे जितने पैसेंजर आते हैं, उनको बैठने के लिए सीट है क्या? और मैं हैरान हो गया कि बहुत कम सीट हैं। ज्यादातर बेचारे बूढ़े पैसेंजर भी घंटों तक रेलवे के इंतज़ार में खड़े रहते हैं। क्या उनको बैठने की सुविधा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? मैंने क्या किया, मेरे MPLAD का जो फंड था, मैंने रेलवे वालों को कहा, सबसे ज्यादा, जितनी बैंच लगा सकते हो, प्लेटफार्म पर लगाओ ताकि यहां गरीब से गरीब व्यक्ति को रेलवे के इंतज़ार में बैठा है तो उसको बैठने की जगह मिले। और मैंने सभी एमपी को कहा है, हिंदुस्तान भर में सभी रेलवे स्टेशन पर वो अपने MPLAD फंड में से पैसे लगा करके वहां पर वहां पर बैंचें डलवाएं ताकि रेलवे स्टेशन पर आने वाले पैसेंजर की सुविधा बढ़े। मुझे बताईए, ये सुविधा बढ़ेगी तो आशीर्वाद आपको मिलेगा कि नहीं मिलेगा? सीधी सीधी बात है, सब आपके फायदे के लिए हो रहा है भई। आप मुझे बताईए आज रेलवे स्टेशन जो हैं बड़े बड़े, heart of the city हैं! दो दो चार किलोमीटर लंबे स्टेशन हैं। नीचे तो आपकी मालिकी मुझे मंज़ूर है लेकिन रेलवे में आसमान में कोई इमारत बना देता है और रेलवे के खजाने में हजार करोड़, दो हजार करोड़ आज जाते हैं तो रेलवे मजबूत बनेगी कि नहीं बनेगी? वो प्लेटफार्म के ऊपर, हवा में, आकाश में अपनी इमारत बनाता है, रेलवे के फायदे में जाएगी कि नहीं जाएगी? मालिकी रेलवे की रहेगी कि नहीं रहेगी? रेलवे के कर्मचारियों का भला होगा कि नहीं होगा? हम जो विकास की दिशा ले करके चल रहे हैं, ये चल रहे हैं, privatization की हमारी दिशा नहीं है। हमें दुनिया भर का धन लाना है, रेलवे में लगाना है। रेलवे को बढ़ाना है, रेलवे को आगे ले जाना है और रेल के माध्यम से देश को आगे ले जाना है। हमारे देश में रेलवे को केवल यातायात का साधन माना गया था, हम रेलवे को देश के आर्थिक विकास की रीढ़ की हड्डी के रूप में देखना चाहते हैं।

इसलिए मेरे भाईयों, बहनों मैं देश भर के रेल कर्मचारियों को आज आग्रह करता हूं- आइए! हिंदुस्तान में सबसे उत्तम सेवा कहां की तो रेलवे की ये सपने को हम साकार करें। इन दिनों जो स्वच्छता का अभियान हमने चलाया है, कभी-कभार ट्विटर पर खबरें सुनने को मिलती हैं कि साहब मै पहले भी रेलवे में जाता था अब भी जाता हूं लेकिन अब जरा डिब्बे साफ-सुथरे नजर आते हैं, सफाई दिखती है देखिए लोगों को कितना संतोष मिलता है, आशीर्वाद मिलता है और ये कोई उपकार नहीं है, हमारी जिम्मेवारी का हिस्सा है। It is a part of our duty. धीरे-धीरे उस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। हमारा पूरा रेलवे व्यवस्था तंत्र साफ-सुथरा क्यों न हो उसका सबसे ज्यादा लाभ गरीब लोगों को कैसे मिले, मैं तो देख रहा हूं. रेलवे Infrastructure का उपयोग देश के विकास में इतना हो सकता है जिसकी किसे ने कल्पना नहीं की थी। हमारे देश में पोस्ट ऑफिस का नेटवर्क और रेलवे का नेटवर्क इन दोनों का अगर बुद्धिपूर्वक उपयोग किया जाए तो हमारे देश के ग्रामीण विकास की वह धरोहर बन सकते हैं।

मैं उदाहरण देता हूं- रेलवे के पास बिजली होती है, कहीं पर भी जाइए रेलवे के पास बिजली का कनेक्शन है। हिंदुस्तान की हर जगह पर। रेलवे के पास Infrastructure है। छोटे-छोटे गांव पर भी, छोटे-छोटे स्टेशन बने हुए हैं, भले ही वहां पर एक ट्रेन आती हो तो भी कोई न कोई वहां बैठा है, कोई न कोई व्यवस्था है। बाकी 24 घंटे वो खाली पड़ा रहता है उसी प्रकार से पोस्ट ऑफिस गांव-गांव तक उसका नेटवर्क है लेकिन वो पुराने जमाने की चल रही है उसमें बदलाव लाना है ये मैंने तय किया है और बदलाव लाने वाला हूं। अब मुझे बताइए गांव के अंदर जो रेलवे के स्टेशन हैं वहां पर दिन में मुश्किल से एक ट्रेन आती है मेरे हिसाब से हजारों की तादाद में ऐसी जगहें हैं, जहां बिजली हो, जहां Infrastructure हो वहीं पर अगर एक-दो कमरे और बना दिए जाएं और उन कमरों में Skill Development की Classes शुरू की जाएं क्योंकि Skill Development करना है तो Machine tools चाहिए और Machine tools के लिए बिजली चाहिए लेकिन बिजली गांव में नहीं है लेकिन रेलवे स्टेशन पर है, गांव के बच्चे Daily रेलवे स्टेशन पर आएंगे और रेलवे स्टेशन पर जो दो कमरें बने हुए होंगे उनमें जो Tools लगे हुए होंगे। Turner, Fitter के Course चलेंगे। एक साथ हिंदुस्तान में Extra पैसे खर्च किए बिना रेलवे की मदद से देश में हजारों की तादाद में Skill Development Centres खड़े हो सकते हैं कि नहीं।

मेरे भाईयों-बहनों थोड़ा दिमाग का उपयोग करने की जरुरत है, आप देखिए चीजें बदलने वाली हैं। मैं रेलवे के मित्रों से कहना चाहता हूं ऐसे स्टेशनों को Identify कीजिए जहां पर बिजली की सुविधा है वहां पर सरकार अपने खर्चे सेदो-तीन कमरे और बना दे और वहां पर उस इलाके के जो 500-1000 बच्चे हो उनके लिए Skill Development के Institutions चलें। ट्रेन ट्रेन का और Institutions, Institutions का काम करें रेलवे को Income हो जाए और गांव के बच्चों का Skill Development हो जाए। एक साथ हम अनेक व्यवस्थाएं विकसित कर सकते हैं और उस दिशा में हम आगे बढ़ना चाहते हैं।

आज एक तो सोलर प्लांट भी इसके साथ जुड़ रहा है। आधुनिक Loco shed का Expansion हो रहा है, करीब 300 करोड़ रुपए जब पूरा होगा। 300 करोड़ रुपए की लागत से यहां Expansion होने के कारण इस क्षेत्र के अनेक नौजवानों को रोजगार की नई संभावनाएं बढ़ने वाली हैं।

मैं फिर एक बार रेल विभाग को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। श्रीमान सुरेश प्रभु जी के नेतृत्व में बहुत तेज गति से रेल का विकास होगा। आजादी के बाद जितना विकास हुआ है उससे ज्यादा विकास मुझे आने वाले दिनों में करना है। रेलवे के बैठे सभी मेरे साथियों आप सभी मेरे परिवारजन हैं और इसलिए मेरा आप पर हक बनता है, रेलवे वालों पर मेरा सबसे ज्यादा हक बनता है कि हम सब मिलकर के रेल को सेवा का एक बहुत बड़ा माध्यम बनाएं, सुविधा का माध्यम बनाएं और राष्ट्र की आर्थिक गति को तेज करने का एक माध्यम बना दें। उस विश्वास के साथ आगे बढ़ें, इसी एक अपेक्षा के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद.

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भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की...

सूर्य देव के इ पावन भूमि के हम नमन करीत ही! उम्गेश्वरी माता एवं देवकुंड के इ वैभवशाली भूमि पर अपने सब के अभिनन्दन करीत ही !

साथियों,

औरंगाबाद, तप-त्याग और बलिदान की भूमि है। इस मिट्टी ने अनुग्रह बाबू और जगतपति जगदेव जी के रूप में महान स्वतंत्रता सेनानी दिए। औरंगाबाद हो या गयाजी हो...ये पक्के इरादे वाली धरती है। दशरथ मांझी जी...इसी का प्रतीक रहे हैं। मैं इस क्षेत्र की सभी महान विभूतियों को नमन करता हूं।

साथियों,

कल ही बिहार ने पहले चरण का मतदान किया है। और वाकई बिहार के लोगों ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बिहार के इतिहास का अब तक का सबसे अधिक मतदान हुआ है। और इसमें हमारी माताएं-बहने सुबह से ही कतार लगा के खड़ी हो गई और उन्होंने तो सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पहले चरण में करीब पैंसठ परसेंट वोटिंग हुई है...ये दिखाता है कि NDA सरकार की वापसी का मोर्चा...खुद बिहार की जनता ने संभाला हुआ है। बिहार के नौजवानों ने संभाला है, बिहार की माताओं बहनों ने संभाला है, बिहार के किसान भाइयों ने संभाला है। साथियों, पहले चरण के मतदान से ये स्पष्ट है... बिहार के लोग अब किसी भी कीमत पर जंगलराज को लौटने देना नहीं चाहते। बिहार का नौजवान...RJD के झूठे वादों पर नहीं...NDA के ईमानदार इरादों पर वोट दे रहा है। आरजेडी ने झूठे वादों का भ्रम फैलाने की भरसक कोशिश की...इनके वादों पर तो खुद कांग्रेस को ही भरोसा नहीं है... इसलिए वो RJD के घोषणापत्र की बात ही नहीं करती। बिहार के लोगों ने...बिहार के नौजवानों ने भी...RJD के झूठ के पिटारे को खारिज कर दिया है।

साथियों,

बिहार का मतदाता...नरेंद्र-नीतीश के ट्रैक रिकॉर्ड पर भरोसा कर रहा है...हमारे पक्के इरादों को समर्थन दे रहा है। पहले चरण के मतदान से ये तय है...फिर एक बार...NDA सरकार! फिर एक बार... फिर एक बार... फिर एक बार...बिहार में फिर से...सुशासन सरकार!

साथियों,

मुझे बिहार के सामर्थ्य पर भरोसा है। बिहार के पास मां गंगा का आशीर्वाद है...यहां इतनी ऊपजाऊ भूमि है,यहां इतने परिश्रमी लोग हैं... बिहार को समृद्ध बनाने का संकल्प सच हो सकता है।

साथियों,

आप याद रखिए... आपने जब यहां नीतीश जी को अवसर दिया...तो उनके कार्यकाल के पहले नौ साल दिल्ली में RJD-कांग्रेस की सरकार थी। तब इन लोगों ने मिलकर दिल्ली में बैठे-बैठे दिन-रात एक ही काम किया बिहार से बदला लेना। और वो लगातार बिहार के विकास में रोड़े अटकाते रहते थे। नीतीश जी को काम नहीं करने देते थे। बिहार का एक काम होने नहीं देते थे। 2014 में जब आपने मुझे सेवा का अवसर दिया...जब पहली बार बिहार में डबल इंजन की सरकार बनी। हमारी डबल इंजन की सरकार ने बिहार के विकास के लिए तीन गुना ज्यादा पैसा दिया...आज बिहार के हर इलाके में...सड़कें बन रही हैं...लंबे-लंबे पुल बन रहे हैं...रेलवे के ट्रैक बन रहे हैं... नए अस्पताल और नए कॉलेज बन रहे हैं।

साथिय़ों,

अब NDA की डबल इंजन सरकार ने बिहार के उज्जवल भविष्य के लिए नए संकल्प लिए हैं। हमने अपने घोषणापत्र में बताया है कि इन संकल्पों को सिद्धि का रास्ता क्या है। हम इसे कैसे करेंगे ये भी बताया है। अपनी घोषणाओं को हम कैसे पूरा करने वाले हैं।

साथियों,

NDA के पास हर क्षेत्र से और उसकी आवश्यकता के अनुसार वहां के लोगों की जरूरत के हिसाब से अलग-अलग योजना है। कहीं फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योग पर बल दिया जा रहा है। कहीं टूरिज्म का विकास हो रहा है। कहीं टेक्नोलॉजी से जुड़ी कंपनियों का विस्तार करने वाले हैं। कहीं मैन्युफेक्चरिंग से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। यानि जहां जैसा सामर्थ्य है, वहां वैसी ही इंडस्ट्री लगाई जा रही है। जैसे मगध का हमारा ये क्षेत्र है...यहां हज़ारों एकड़ इलाके में उद्योगों का खाका खींचा गया है। इसके लिए बिजली, सड़क, रेल का नेटवर्क, तेज़ी से बनाया जा रहा है। गया जी में बिहार का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बन रहा है। इसका फायदा...इस पूरे क्षेत्र को होगा।


साथियों,

मोदी और नीतीश जी का ट्रैक रिकॉर्ड सबके सामने है। अब आप याद कीजिए, जब मैं कहता हूं ये करने वाला हूं तो मैं उसे करके ही रहता हूं। मैं आपको याद दिलाता हूं, बिहार के मेरे भाई-बहन मोदी ने कहा था, मोदी ने कहा था- राम मंदिर बनेगा...आप मुझे बताइए, मंदिर बना की नहीं बना? मंदिर बना की नहीं बना? डंके की चोट पर बना कि नहीं बना। 500 साल का अधूरा काम पूरा किया कि नहीं किया। मोदी ने देश को वादा किया था और मैंने कहा था आर्टिकल 370 की दीवार गिरेगी...आप मुझे बताइए.. 370 हटा कि नहीं हटा? और मोदी ने बिहार की इसी धरती से पहलगाम हमले का बदला लेने की बात भी कही थी... और फिर आपने ऑपरेशन सिंदूर में तबाह होते पाकिस्तान को भी देखा है… मैंने बिहार की धरती से जो कहा था वो किया कि नहीं किया?

साथियों,

मोदी ने वन रैंक वन पेंशन,हमारे देश की रक्षा करने वालों, हमारे देश के वीर जवानों, हमारे फौजियों को वादा किया था, हम वन रैंक वन पेंशन लागू करेंगे। आज 7 नवंबर को ही वन रैंक वन पेंशन लागू हुए 11 वर्ष हो रहे हैं,.. 11 वर्ष। हमारे सैनिक परिवार...चार दशकों से OROP की मांग कर रहे थे। लेकिन कांग्रेस हर बार उनसे झूठ बोलती रही। कांग्रेस ने पांच सौ करोड़ रुपए दिखाकर कहा था कि लो OROP लागू हो गया। और इसके बाद भी उसने पूर्व फौजियों से किया वायदा कभी नहीं निभाया। आप मुझे बताइए अपने फौज के जवानों के किया वादा कोई धोखा कर सकता है क्या?. धोखा करना चाहिए क्या? अगर वे ऐसा धोखा करते हैं तो वो कितने निकम्मे लोग हैं। वो आप जानते हैं कि नहीं जानते हैं? मैंने अपने सैनिक भाइयों को OROP लागू करने की गारंटी दी थी। आप मुझे बताइए, ये गारंटी मैंने पूरी कि नहीं की। ये गारंटी मैंने पूरी कि नहीं की? और साथियों ये ऐसे ही गारंटी पूरी नहीं हुई है। आप जानते हैं इन 11 सालों में हमारे जो फौजी भाई-बहन हैं, जो निवृत्त फौजी भाई-बहन हैं, उनके परिवारों को कितना पैसा मिला है, आप अंदाजा कर सकते हैं। अब तक OROP लागू करने के कारण एक लाख करोड़.. कितना? कितना? कितना? ये आरजेडी वालों को एक लाख करोड़ रुपए कैसे लिखना, एक के पीछे कितने बिंदू लगेंगे, उनको इतना भी समझ नहीं आएगा। एक लाख करोड़ रुपया देश के खजाने से फौजियों के खाते में गए हैं। बताइए...कांग्रेस-आरजेडी वाले ये लोग 500 करोड़ का झूठ बोल रहे थे। यही इनकी सच्चाई है...इनकी राजनीति झूठ पर ही टिकी हुई है।

इसलिए साथियों,

जब हम कहते हैं कि बिहार में एक करोड़ नए रोजगार देंगे...तो देश के बिहार के नौजवानों को हमारी बात पर भरोसा होता है। बीते कुछ सालों में ही बिहार में लाखों भर्तियां हुई हैं...पूरी ईमानदारी से भर्तियां हुई हैं। जबकि साथियों, आपके सामने RJD-कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड भी है...ये वो लोग हैं... जो बिहार के युवाओं से नौकरी के बदले जमीन लिखवा लेते हैं… आपको नौकरी चाहिए तो आपके खेत मेरे परिवारवालों के नाम कर दो, ये खेल चला अदालत ने भी माना और आज ये जमानत पर बैठे हुए हैं। जांच एजेंसियां इनकी जांच कर रही हैं..ये जंगलराज वाले जमानत पर चल रहे हैं...ये आरजेडी-कांग्रेस वाले बिहार के युवाओं को कभी भी नौकरी नहीं दे सकते।

साथियों,

आप औरंगाबाद के लोग तो नक्सलवाद...माओवादी आतंक से भी पीड़ित रहे हैं। वो दिन भुलाए नहीं भूलते...जब अंधेरा होने से पहले ही यहां सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता था। यहां से आने-जाने वाली बसों को सुरक्षित चलने के लिए नक्सलियों को रंगदारी देनी होती थी। स्कूटर-मोटरसाइकिल से तो आने-जाने की कोई सोच भी नहीं पाता था। इस क्षेत्र की चर्चा...देश और दुनिया में नरसंहारों के लिए होती थी।

साथियों,

जैसे ही जंगलराज की सरकार गई...नीतीश जी के नेतृत्व में आप सुशासन लाए... तो नरसंहार की घटनाएं बंद हो गईं। जब आपने दिल्ली में मोदी को बिठाया...तो मैंने तय किया... कि नक्सलवाद..माओवादी आतंक की कमर तोड़कर करके रहूंगा। हमने नक्सलवाद, माओवादी आतंक के खिलाफ कार्रवाई की। आज बिहार...माओवादी आतंक के डर से मुक्त हो रहा है। माओवादी आतंक अब समाप्ति के कगार पर है। और य़े इसलिए हुआ है...क्योंकि बिहार में डबल इंजन की सरकार है।

साथियों,

जंगलराज और सुशासन राज में क्या अंतर आया है...ये हमने कल मतदान वाले दिन भी देखा है। कल बिहार के हर गरीब..दलित-महादलित, पिछड़े-अतिपिछड़े सबने, बिना किसी रोकटोक के वोट डाला। जबकि हमने जंगलराज का वो दौर भी देखा है। जब बूथ लूटे जाते थे...मतदान के दिन...गोलियां चलती थीं, बम फटते थे। खून की नदियां बहाई जाती थीं...गरीबों, दलितों, पिछड़ों की आवाज़ कुचल दी जाती थी।

साथियों,

जंगलराज के गुर्गे...साजिश तो अभी भी बहुत कर रहे हैं...लेकिन मैं चुनाव आयोग की प्रशंसा करूंगा। मैं चुनाव आयोग को बधाई दूंगा कि प्रथम चरण के चुनाव इतने अच्छे तरीके से संपन्न कराए हैं। और मुझे कुछ लोगों ने बताया कि कल जो मतदान का लोकतंत्र का उत्सव चल रहा था । बहुत सारे विदेश के लोग ये हमारे चुनाव देखने के लिए आए थे। हमारा मतदान देखने के लिए आए थे, मतदाताओं के उत्साह उमंग देख करके वो भूरि-भूरि प्रशंसा कर रहे थे।

साथियों,

आपको एक बात हमेशा याद रखनी है। जंगलराज वालों के पास हर वो चीज़ है, जो निवेश और नौकरी के लिए खतरा हैं। ये जंगलराज वालों का खतरा है। ये अभी से बच्चों तक को रंगदार बनाने की बातें कर रहे हैं। खुलेआम कर रहे हैं। ये लोग खुली घोषणा कर रहे हैं...कि भइया की सरकार आएगी तो...कट्टा, दु-नाली, फिरौती, रंगदारी, यही सब चलेगा। और इसलिए आपको इन लोगों से बहुत सतर्क रहना है। बिहार को कट्टा सरकार नहीं चाहिए...बिहार को कुशासन सरकार नहीं चाहिए…



साथियों,

बिहार को भाजपा-NDA पर भरोसा है। क्योंकि NDA ने बिहार को जंगलराज से बाहर निकाला। अब बिहार को विश्वास है...कि NDA ही बिहार को विकसित बना करके ही रहेगी। इसलिए बिहार...NDA के ईमानदार संकल्प पत्र पर विश्वास करता है। बिहार की बहनें-बेटियां सब देख रही हैं।

((साथियों ये उमंग और उत्साह यहां पंडाल से भी ज्यादा लोग बाहर हैं.. चारो तरफ जो मैं उत्साह उमंग देख रहा हूं माताओं-बहनों में जो उत्साह देख रहा हूं मैं बिहार का उज्जवल भविष्य देख रहा हूं।))

साथियों

ये एनडीए ही है जिसने पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया...ये NDA ही है...NDA ने सरकारी नौकरी में भी महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया.ये NDA ही है...जिसने विधानसभा और लोकसभा में भी महिलाओं को आरक्षण दिया.. और ये NDA ही है...जो बहनों-बेटियों को स्व-रोजगार के अवसर दे रहा है। लखपति दीदी का अभियान चल रहा है।

साथियो,

ये लोग जो संविधान दिखाने वाले लोग हैं न, उन्हें समान्य समाज के गरीबों की कभी याद नहीं आई। ये मोदी है जिसने सामान्य समाज के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण दे करके उनकी जिंदगी बदलने का काम किया है। हम सिर्फ घोषणाएं नहीं करते...काम करते हैं। जैसे मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना है..बिहार की एक करोड़ 40 लाख बहनों के खाते में...दस-दस हज़ार रुपए पहुंच चुके हैं। इस पैसे से किसी ने सिलाई मशीन खरीदी...किसी ने कुछ सामान बेचना शुरू किया...हमने जो कहा वो करके दिखाया... इसलिए बहनों को भरोसा है कि...NDA ही उनको जीवन के हर कदम पर आगे भी मदद करेगी।

साथियों,

अभी हमारे सम्राट जी लालटेन वाले की झूठ की बात कह रहे थे मैं आपको 2019 की बात याद दिलाता हूं। 2019 में जनवरी फरवरी महीने में हमने पीएंम किसान सम्मान योजना शुरू की और किसानों के खातों में दो-दो हजार रुपया भेजना शुरू किया तो बिहार झारखंड और बंगाल जैसे राज्यों में ये पराजय के कारण भयभीत लोग झूठ फैलाने में लगे किसानों को जाके कहने लगे देखिए ये मोदी जी ने जो पैसा भेजा है ना वो आपसे सूद समेत वापस लेने वाला है। डरा रहे थे और झारखंड के एक इलाके में तो लोगों ने पैसा जमा करने से मना कर दिया इतना झूठ चलाते थे आज उस बात को 2019 से 2025 आ गया आज भी किसानों को पैसे देने का काम जारी है। मोदी जो कहता है ना वो काम पूरा करता है।

साथियों,

मोदी वंचितों को वरीयता देता है...पिछड़ों को प्राथमिकता देता है। आप देखिए...बिहार में साठ लाख गरीबों को पक्के आवास मिले हैं। 60 लाख ये पक्के घर...हमारे गरीब परिवारों को, हमारे दलित परिवारों को, हमारे माहदलित परिवारों को मेरे पिछड़े परिवारों को, मेरे अतिपिछड़े परिवारों के टोलों में बनाए गए हैं। उनको एक नई जिंदगी देने का काम किया। घर-घर बिजली, नल, शौचालय, मुफ्त गैस कनेक्शन...ये सबकुछ पहुंच रहा है। इसका फायदा भी वंचितों को ही सबसे ज्यादा हुआ है। मुफ्त अनाज हो या मुफ्त इलाज...इससे गरीब का, वंचित का फायदा हो रहा है।

साथियों,

कांग्रेस ने छोटे किसानों को कभी पूछा तक नहीं। ये मोदी है जो छोटे किसानों की चिंता करता है। हमारी सरकार किसानों के खाते में छह-छह हज़ार रुपए जमा कराती है। और अब तो बिहार एनडीए ने घोषणा की है...जब फिर से यहां NDA सरकार बनेगी, तो तीन हज़ार रुपए बिहार के किसानों को अतिरिक्त दिए जाएंगे। यानि डबल इंजन सरकार...बिहार के किसानों को नौ हज़ार रुपए देगी।

साथियों,

कांग्रेस और RJD ने...आप किसानों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसाया था। आप याद कीजिए...उत्तर कोयल बांध परियोजना की चर्चा कबसे चल रही थी... इस क्षेत्र के किसानों ने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी। इस बांध के निर्माण का काम पूरा हो...इसके लिए हमने अतिरिक्त पैसा दिया और अब बांध का काम तेजी से चल रहा है। और मुझे मालूम है ये सुशील जी जब सांसद के रूप में काम को लेकर के दिन-रात मेहनत करते थे।

साथियों,

लालटेन वालों ने खेत को सिंचाई के लिए तरसाया...और बिहार को अंधेरे में रखा। हमारी सरकार बिजली कारखाने लगा रही है। कुछ महीने पहले ही...मुझे नबीनगर कारखाने के अगले चरण का शिलान्यास करने का अवसर मिला था। इससे आपको बिजली भी मिलेगी...और नौजवानों को रोजगार भी मिलेगा।

साथियों,

कांग्रेस और आरजेडी वाले सत्ता के लिए किसी को भी धोखा दे सकते हैं। औरंगाबाद तो इसका सबसे बड़ा साक्षी है। यहां जो कुटुंबा सीट है...उस पर क्या हुआ, ये पूरे बिहार ने देखा। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तक को आरजेडी ने अपमानित किया। आरजेडी ने कांग्रेस को सिर्फ वही सीटें दीं...जहां वो 35-40 साल से नहीं जीत पाई है। आरजेडी ने कांग्रेस की कनपट्टी पर कट्टा रखकर...मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी भी चोरी कर ली... आज भी अनेकों सीटों पर आरजेडी-कांग्रेस वाले आमने-सामने हैं। आप मुझे बताइए...जो अपने साथियों को धोखा दे सकते हैं...वो आपके सगे हो सकते हैं क्या? आपका भला कर सकते हैं क्या? ये वादे पूरे कर सकते हैं क्या?

साथियों,

कांग्रेस और आरजेडी...सिर्फ अपमान की, गाली-गलौज की राजनीति करते हैं। आपने देखा...कांग्रेस के शाही परिवार के नामदार ने छठी मैया की पूजा को ड्रामा कहा। ये लोग महाकुंभ को भी फालतू कहते हैं...इन्हें हमारे हर पर्व-त्योहार से चिढ़ है। ये नामदार...हमारी आस्था को ऐसे ही अपमानित करते हैं। मैं जरा अपनी माताओ-बहनों से पूछना चाहता हूं..छठी मैया का महापर्व हमारी माताएं-बहनें पानी तक नहीं पीती पानी तक नहीं पीती ऐसी साधना करती हैं। अब उनको नौटंकी कहना.. ड्रामा कहना वो छठी मैया का अपमान है कि नहीं है? अपमान है कि नहीं है? जिन्होंने इस महान तपस्या का अपमान किया है उनको सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? इस चुनाव में उनको सजा दोगे कि नहीं दोगे? सारी माताएं-बहने पूरी ताकत से सजा दोगे कि नहीं दोगे?

साथियों,

याद रखना...11 नवंबर को अपने एक वोट से इन्हें सज़ा देनी है। आपका वोट उन्हे सजा देने की ताकत रखता है। NDA की अब तक की सबसे बड़ी विजय इस चुनाव में पक्की है दोस्तों। और इसलिए 14 तारीख के बाद आपको मैं कह रहा हूं विजयोत्सव की तैयारी कर लीजिए। जनता का मिजाज बताता है और कांग्रेस वालों की बातें भी बताती है कि वो पराजय के कारण अभी से ढूंढने में लग गए हैं। अभी से क्यों हार गए बिहार इसके लिए क्या-क्या कहना है अभी से इसकी प्रैक्टिस करना चालू कर दिया है उन्होंने... और इसलिए भाइयों-बहनों विजयी की ओर आगे बढ़ना है आपके आशीर्वाद से। मैं सभी उस्मीदवारों से आग्रह करूंगा कि जरा आगे आइए.. एक-एक दो-दो कदम आपके इन सभी उम्मीदवारों को आशीर्वाद चाहिए।

मेरे साथ बोलिए..

भारत माता की... जय!

भारत माता की... जय!

भारत माता की... जय!

वंदे.. वंदे.. वंदे.. वंदे.. वंदे..