India will prosper only when development reaches every corner of the country: PM Modi #ParivartanRally
Bihar needs 'Vikas-Raj' not 'Jungle-Raj': PM Modi #ParivartanRally
Youth of Bihar can do wonders. They are extremely talented: PM #ParivartanRally
Those who practise casteism & do vote bank politics can never think of developing Bihar: PM #ParivartanRally
I have a dream that by 2022, every Indian must have their homes, 24/7 electricity & water: PM #ParivartanRally
'Mahaswarthbandhan' has ruined Bihar. NDA is dedicated to development of Bihar: PM Modi #ParivartanRally
Bihar has no place for 'Shaitan': PM #ParivartanRally
According to police, there have been over 4000 kidnapping cases. This proves the situation of Bihar under 'Jungle-Raj': PM

भारत माता की जय, भारत माता की जय

मिथिला पावन धरती के नमन करै छी। मंच पर विराजमान केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी श्रीमान रविशंकर प्रसाद जी, भाजपा के लोकप्रिय सांसद श्रीमान नित्यानंद राय जी, लोजपा के नेता श्री रामचंद्र पासवान जी, भाजपा के सांसद श्रीमान कीर्ति आज़ाद जी, भाई मुकेश सहनी जी और जिनको हमने जीवन भर एक तपस्वी के रूप में काम करते देखा है, पांच-पांच पीढ़ी राजनीति में जिनसे प्रेरणा लेती रही है, वैसे कैप्टन निशाद जी आज हमें आशीर्वाद देने आये हैं, मैं उनका बहुत आभारी हूँ कल्याणपुर से लोजपा के उम्मीदवार प्रिंस राज, वारिसनगर से लोजपा के उम्मीदवार चंद्रशेखर यादव, समस्तीपुर से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमती रेणु कुशवाहा जी, रालोसपा के उम्मीदवार कुमार आनंद, मोरवा से भाजपा के उम्मीदवार सुरेश राय, सरायरंजन से भाजपा के उम्मीदवार श्री रंजीत निर्गुणी जी, मोइउद्दीन नगर से भाजपा के उम्मीदवार सत्येन्द्र सिंह जी, विभूतिपुर से लोजपा के उम्मीदवार रमेश कुमार राय, रोसड़ा से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमती मंजू हजारी जी, हसनपुर से रालोसपा के उम्मीदवार श्री विनोद चौधरी जी और मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महानुभाव।

चारों तरफ़ जहाँ भी मेरी नज़र पहुँचती है, मुझे लोग ही लोग नज़र आ रहे हैं। इतनी भयंकर गर्मी में आप घंटों से तपस्या कर रहे हैं। आपमें से किसी को कुछ भी नहीं चाहिए फिर भी आप लोग इतना कष्ट उठा रहे हैं। इतने भयंकर ताप में तप रहे हैं क्योंकि आप बिहार की बेहाली से परेशान हैं और बिहार को बचाना चाहते हैं। मेरे प्यारे भाईयों-बहनों, मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं आपकी तपस्या कभी बेकार जाने नहीं दूंगा। बिहार के भाग्य को बदलने के लिए आपने जो यज्ञ शुरू किया है, इस यज्ञ में मेरी भी कुछ आहूति होगी।

समस्तीपुर की धरती, हम सब के प्रेरक एवं जिनका जीवन दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित लोगों के लिए प्रेरणा रहा है, ऐसे जननायक स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर की इस जन्मभूमि को मैं प्रणाम करता हूँ। मैं उनसे प्रार्थना करता हूँ कि वे जहाँ हैं, वहीँ से हमें आशीर्वाद दें ताकि हम आपके सपनों को पूरा कर सकें।

आज 8 अक्टूबर को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि है। ये राजनीति का रंग देखिये, सत्ता सुख के लिए राजनीति में रंग बदलने वाले लोगों को देखिये, उनके कारनामे देखिये ये वही लोग हैं जो कर्पूरी ठाकुर का नाम लेकर गरीबों के कल्याण की बातें करते थे, कांग्रेस के खिलाफ़ जंग लड़ने की बातें करते थे; ये लोग कभी जयप्रकाश नारायण के नाम के साये में अपना राजनीतिक कार्यक्रम चलाते थे। जयप्रकाश नारायण ने कांग्रेस के कुशासन एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ़ एक जंग छेड़ा था, देश के नौजवानों को प्रेरणा दी थी। कल तक जो लोकनायक के गीत गाते थे, कर्पूरी ठाकुर की बातें सुनाते थे, आज वे कांग्रेस की गोद में जाकर बैठ गए हैं। मैं कल्पना कर सकता हूँ कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण, कर्पूरी ठाकुर, राम मनोहर लोहिया जी की आत्मा जहाँ भी होगी, इन लोगों के आचरण के कारण उनकी आत्मा सबसे ज्यादा दुखी होती होगी।

कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि देने का सही समय यह चुनाव है। ऐसे लोगों को उखाड़ कर फेंक देना ही कर्पूरी ठाकुर को सही श्रद्धांजलि होगी। मेरे बिहारवासी, आप बताएं कि बिहार में प्रगति, यहाँ का विकास होना चाहिए कि नहीं? नौजवानों को रोजगार मिलना चाहिए कि नहीं? कांग्रेस के नेता हों, लालू जी हों, यहाँ के मुख्यमंत्री जी हों, ये तीनों लोगों को जानना जरुरी है। कांग्रेस ने बिहार में 35 साल सरकार चलाई लेकिन क्या 35 साल राज करने के बाद भी बिहार का भला हुआ? जो 35 साल कुछ नहीं कर पाए, वे 5 साल में कुछ कर पाएंगे? लालू जी और यहाँ के मुख्यमंत्री जी, बड़ा भाई और छोटा भाई, बड़ा भाई ऐसा है जो छोटे भाई को कभी हत्यारा तो कभी तोता कहता है; इन्होंने बिहार में 25 साल राज किया लेकिन अगर 25 साल में कुछ नहीं कर पाए, वे 5 साल में कुछ कर पाएंगे क्या? इन तीनों ने मिलाकर बिहार में 60 साल राज किया है। 60 साल में कुछ भला हुआ क्या?

आप देखिये कि पहले ये तीनों एक-दूसरे के खिलाफ़ लड़ते थे, एक-दूसरे को बदनाम करते थे लेकिन आज ये तीनों सत्ता के लिए मिल गए बिहार की भलाई के लिए पहले कभी ये एक हुए क्या? ये सिर्फ़ सत्ता के लिए इकट्ठे हुए हैं। आप मुझे बताईये कि महास्वार्थबंधन के ये सारे कट्टे-बट्टे जब आपके पास वोट मांगने आएं तो इन्हें अपने काम का हिसाब देना चाहिए कि नहीं? बिहार को क्या वादे किये थे, और कौन-कौन से वादे पूरे किए, ये उन्हें बताना चाहिए कि नहीं? मुझे बताईये कि चुनाव के इतने दिन हो गए, ये अपने काम का हिसाब दे रहे हैं क्या? जो अपने 60 साल के काम का हिसाब नहीं दे रहे हैं, उन्हें फिर से 5 साल के लिए मौका देना चाहिए क्या?

आज पहली बार दिल्ली में ऐसी सरकार आई है जो बिहार के लिए समर्पित है, बिहार का भाग्य बदलने के लिए समर्पित है और ये मैं आज से नहीं कह रहा। 2013 में सितम्बर महीने में भाजपा का अधिवेशन हुआ था। उस अधिवेशन का मेरा कोई भाषण निकाल कर देख ले, उसमें मैंने कहा था कि अगर हमें हिंदुस्तान का भाग्य बदलना है तो भारत के हर कोने, हर राज्य का विकास होना जरुरी है। अगर सिर्फ भारत के पश्चिमी छोर का विकास हो और पूर्वोत्तर का न हो तो भारत कभी महान नहीं बन सकता है। केरल, कर्नाटक, गुजरात, गोवा, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब आदि आगे बढे और अगर उड़ीसा, बिहार, बंगाल, असम, पूर्वोत्तर क्षेत्र पीछे रह जाए तो मेरा देश कभी आगे बढेगा क्या? मैं मानता हूँ कि अगर हिंदुस्तान को आगे ले जाना है तो पूर्वी हिंदुस्तान को और गति, और ताक़त देनी पड़ेगी।

बिहार के लिए घोषित 1 लाख 65 हज़ार का विकास का पैकेज सिर्फ़ बिहार का भला करेगा ऐसा नहीं है, ये पैकेज जब बिहार की धरती पर काम में आएंगे तो ये पूरे हिंदुस्तान की शक्ल-सूरत बदलने में मदद करेंगे। एक बार बिहार आगे बढ़ गया तो हिंदुस्तान कभी पीछे नहीं रह सकता। ये ताक़त है बिहार की। इसलिए मेरी पूरी कोशिश है कि बिहार के नौजवान को अवसर कैसे मिले, बिहार को ताक़त कैसे मिले। बिहार की शक्ति अभूतपूर्व है। अभी मैं अमेरिका गया था वहां मुझे बिहार के नागरिकों का एक दल मुझसे मिला। जब मेरा उनसे परिचय हुआ तो एक से बढकर एक होनहार लोग मेरे देश के नौजवान अमेरिका में इतना काम कर रहे हैं और खासकर बिहार के, इतना आनंद हुआ देखकर। जब उनसे बातें हुई तो उन्होंने यही कहा कि साहब हम आशा कर रहे हैं कि चुनाव के बाद बिहार की काया-पलट होनी शुरू हो जाएगी। मैंने अमेरिका में भी बिहार की चिंता करने वाले बिहार के लोगों को देखा। मुझे लगा कि जिस राज्य के पास ऐसे सामर्थ्यवान, शक्तिवान नौजवान हो, वो राज्य कभी पीछे नहीं रह सकता।

हम बिहार की सभी आवश्यकताओं पर बल दे रहे हैं। चुनाव और राजनीति में उन राजनेताओं को हम भली-भांति जानते हैं जिन्होंने जातिवाद और सम्प्रदायवाद का जहर घोला है। ये जातिवाद और सम्प्रदायवाद का जहर फैलाकर राजनीति करने वाले लोग कभी भी बिहार का भला नहीं कर पाएंगे। और इसलिए बिहार को जो जंगलराज झेलना पड़ा है, उसके बाद मैं यह पूछना चाहता हूँ कि क्या हमें यह जंगलराज फिर से वापस लाना है? भाईयों-बहनों, अगर बिहार को आगे ले जाना है तो बिहार को चाहिए – विकासराज। जंगलराज से पीछा छुड़ाईए और विकासराज का रास्ता पकड़िए और मैं आपके पास विकास की सौगात लेकर आया हूँ।

मैं हैरान हूँ कि पिछले दिनों से महास्वार्थबंधन के लोग ऐसे गुस्से में हैं कि उन्होंने बिहार के यदुवंश के लोगों को घोर अपमानित कर दिया और क्या खाते हैं, ऐसा बोला है कि मैं तो अपने मुख से बोल नहीं सकता। ये पाप मैं नहीं कर सकता। जब यदुवंश के लोगों और मीडिया ने उन्हें घेर लिया तो उन्होंने कहा कि मेरे अन्दर शैतान आ गया था, इसलिए मैंने ऐसा बोला। अब मेरे मन में सवाल है कि सारी दुनिया में अरबों-खरबों लोग हैं, हिंदुस्तान में करोड़ों लोग हैं, बिहार में करोड़ों लोग हैं लेकिन मुझे आश्चर्य हो रहा है कि शैतान को इन्हीं का ठिकाना मिला क्या, यही पता मिला क्या।

आप देखिये कि अगर आपको हार्ट अटैक आता है और आप डॉक्टर के पास जाते हैं तो डॉक्टर कहता है कि आपकी ये आदत गलत है, बुरी है इसके कारण ये हुआ है। अगर आपको डायबिटिज है और आप डॉक्टर के पास जाते हैं तो डॉक्टर कहता है कि आपकी ये आदत गलत है, खाने का ये स्वभाव ख़राब है, काम करने की यह पद्धति गलत है और इसके कारण आपको डायबिटिज हुआ है। लालू जी, बिहार जानना चाहता है कि आपमें ऐसी कौन सी बुराई है जो शैतान आपके अन्दर प्रवेश कर गया। शैतान को यही ठिकाना क्यों मिला, यह बड़ी खोज का विषय है। बिहार की जनता खोज कर निकाले कि इन्हीं के पास शैतान क्यों गया। हमें उनलोगों को चुनना है जिनके पास इंसान और इंसानियत हो। जिनके पास शैतान आकर बसते हों, ऐसे लोगों के लिए बिहार में जगह नहीं है। मैं आज आपसे आग्रह करने आया हूँ कि आप भाजपा के नेतृत्व में एनडीए के गठबंधन, जो बिहार के विकास के लिए काम करना चाहती है, को आशीर्वाद दें।

आप मुझे बताएं कि बिहार को रास्ते, अस्पताल, शिक्षक चाहिए कि नहीं? गरीबों को स्कूल, घर, नौजवान को रोजगार चाहिए कि नहीं? हमारा एक ही एजेंडा है कि बिहार विकास करे और इतना आगे बढे कि पूरा हिंदुस्तान आगे बढ़ जाए। मैं इसी सपने के साथ आपके पास आया हूँ। बिहार के लिए घोषित पैकेज बिहार के इतिहास की सबसे बड़ी घटना है और वो इसलिए है क्योंकि मैं बिहार की ताक़त को भली-भांति जानता हूँ। मैं तो कहता हूँ कि बिहार का पानी और बिहार की जवानी, इन दोनों का अगर सही उपयोग हो तो सिर्फ़ बिहार नहीं, पूरा हिंदुस्तान बदल जाएगा। यहाँ इतना पानी है लेकिन वही पानी कभी विनाश करता है तो कभी दूसरे इलाके में सूखे के लिए मजबूर करता है क्योंकि 60 साल यहाँ जिन्होंने राज किया, उन्हें यहाँ के पानी की परवाह नहीं थी। यहाँ की जवानी हिंदुस्तान या दुनिया में जहाँ भी जाती है, हिंदुस्तान का नाम रौशन कर देती है लेकिन उस जवानी को पलायन करना पड़ता है। अगर उन्हें बिहार में अवसर मिले तो बिहार बदल जाएगा कि नहीं? इसलिए भाईयों-बहनों, बिहार का पानी भी काम आना चाहिए और बिहार की जवानी भी काम आनी चाहिए।

मैं आज आपके पास विकास का मंत्र लेकर आया हूँ। हमारा सपना गरीबों को घर देने का है, उन घरों में बिजली पहुँचाने का सपना है। गरीबों की बातें करने वाले लोगों को कभी यह विचार आया था कि हमारी गरीब माताओं को खुले में शौच जाना पड़ता है और उन्हें अपमानित महसूस करना पड़ता है। गरीबों की बातें करने वाले लोगों ने कभी यह सोचा कि उनके लिए कम-से-कम शौचालय ही बना दें। इनमें से किसी को गरीबों के बारे में बात करने का अधिकार नहीं है जो 60 साल सरकार चलाने के बाद गरीबों को शौचालय तक नहीं दे पाए, वो हमें गरीबी सिखाने आए हैं।

इंदिरा गाँधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था और कहा था कि गरीबों के लिए बैंक अकाउंट खोलने होंगे, बैंकों का पैसा गरीबों को मिलना चाहिए। आप मुझे बताईये कि गरीबों को बैंक तक जाने का मौका मिला था क्या? बैंक के दरवाजे गरीब ने कभी देखे थे क्या? 60 साल तक गरीब बैंकों से दूर रहा। हमने एक साल के भीतर देश के सभी नागरिकों का बैंकों में खाता खुलवा दिया। गरीबों के लिए काम कैसे क्या जाता है, ये इसका उदाहरण है। आने वाले दिनों में मुझे गरीबों को रहने के लिए घर देना है। 2022 में जब देश की आज़ादी के 75 वर्ष होंगे तो देश के हर परिवार के पास अपना घर हो, ये सपना पूरा करने के लिए मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए।

भाईयों-बहनों, आपके मुख्यमंत्री ने 2010 चुनाव में आपको बिजली देने का वादा किया था? बिजली मिली? उन्होंने ये कहा था कि अगर बिजली नहीं दूंगा तो 2015 में वोट मांगने नहीं आऊंगा, ये कहा था? अभी फिर से वोट मांगने आये न? बिजली आई क्या? उनकी बातों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। ये अहंकार की भाषा देखिये, घर में बिजली नहीं पहुँचाने के बावजूद वे आज फिर से वोट मांगने आये हैं। ये झूठे और खोखले वादे करके बिहार को फिर से जंगलराज बनाने के खेल खेले जा रहे हैं।

मुझे बताईये कि जंगलराज में सबसे बड़ा उद्योग कौन सा चला – अपहरण का उद्योग, अपहरण करो और फिर फ़िरौती मांगो। क्या फिर से अपहरण का राज चलने देना है? जनवरी महीने से जुलाई तक बिहार सरकार की पुलिस के आंकड़े के अनुसार 4000 अपहरण की घटनाएँ घटी हैं। आने वाले दिनों में दुर्गापूजा का अवसर आएगा। जब जंगलराज था तो लोग शाम में रामलीला देखने नहीं जा पाते थे क्योंकि डर लगता था कि कहीं कोई आकर के तकलीफ़ न कर जाए। कोई नई गाड़ी नहीं खरीद सकता था क्योंकि डर था कि अगर किसी नेता को पता लग गया तो गाड़ी जाएगी, पैसा भी जाएगा और मांगने जाऊंगा तो पिटाई होगी वो अलग। यही कारोबार चला था न? मैं इससे मुक्ति के लिए आपके पास आया हूँ। हमें फिर से जंगलराज आने नहीं देना है।

मैं आपके पास विकास के लिए वोट मांगने आया हूँ। मुझे विश्वास है कि ये जो जन सैलाब मैं देख रहा हूँ, मैं साफ़ कहता हूँ कि बिहार की जनता ने अहंकारवादियों का जो हाल लोकसभा के चुनाव में किया, उनका उससे भी बुरा हाल होने वाला है। कांग्रेस का अहंकार सातवें आसमान पर था। एक समय था जब जनता ने इन्हें लोकसभा में 440 सदस्य दिए थे, लेकिन अहंकार इतनी सीमा पर पहुंचा कि इसी जनता-जनार्दन ने उन्हें 40 पर लाकर बिठा दिया। जो लोग अहंकार में जी रहे हैं, वे समझें कि ये जनता-जनार्दन सबकुछ जानती है। जनता गलतियों को माफ़ करती है लेकिन धोखा कभी माफ़ नहीं करती।

बिहार का भाग्य बदलने के लिए और इसे विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए पहली बार दिल्ली से सरकार कंधे से कंधा मिलाकर चलने आई है। हमें आशीर्वाद दीजिए और हमारे सभी उम्मीदवारों को विजयी बनाईए। सभी मेरे साथ मुट्ठी बंद करके बोलें –
भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय!

बहुत-बहुत धन्यवाद

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‘Restoring Balance’ is a global urgency: PM Modi highlights global health challenges at WHO Global Summit on Traditional Medicine
December 19, 2025
It is India’s privilege and a matter of pride that the WHO Global Centre for Traditional Medicine has been established in Jamnagar: PM
Yoga has guided humanity across the world towards a life of health, balance, and harmony: PM
Through India’s initiative and the support of over 175 nations, the UN proclaimed 21 June as International Yoga Day; over the years, yoga has spread worldwide, touching lives across the globe: PM
The inauguration of the WHO South-East Asia Regional Office in Delhi marks another milestone. This global hub will advance research, strengthen regulation & foster capacity building: PM
Ayurveda teaches that balance is the very essence of health, only when the body sustains this equilibrium can one be considered truly healthy: PM
Restoring balance is no longer just a global cause-it is a global urgency, demanding accelerated action and resolute commitment: PM
The growing ease of resources and facilities without physical exertion is giving rise to unexpected challenges for human health: PM
Traditional healthcare must look beyond immediate needs, it is our collective responsibility to prepare for the future as well: PM

WHO के डायरेक्टर जनरल हमारे तुलसी भाई, डॉक्टर टेड्रोस़, केंद्रीय स्वास्थ्य में मेरे साथी मंत्री जे.पी. नड्डा जी, आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव जी, इस आयोजन से जुड़े अन्य देशों के सभी मंत्रीगण, विभिन्न देशों के राजदूत, सभी सम्मानित प्रतिनिधि, Traditional Medicine क्षेत्र में काम करने वाले सभी महानुभाव, देवियों और सज्जनों !

आज दूसरी WHO Global Summit on Traditional Medicine का समापन दिन है। पिछले तीन दिनों में यहां पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े दुनिया भर के एक्सपर्ट्स ने गंभीर और सार्थक चर्चा की है। मुझे खुशी है कि भारत इसके लिए एक मजबूत प्लेटफार्म का काम कर रहा है। और इसमें WHO की भी सक्रिय भूमिका रही है। मैं इस सफल आयोजन के लिए WHO का, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय का और यहां उपस्थित सभी प्रतिभागियों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

ये हमारा सौभाग्य है और भारत के लिए गौरव की बात है कि WHO Global Centre for Traditional Medicine भारत के जामनगर में स्थापित हुआ है। 2022 में Traditional Medicine की पहली समिट में विश्व ने बड़े भरोसे के साथ हमें ये दायित्व सौंपा था। हम सभी के लिए खुशी की बात है कि इस ग्लोबल सेंटर का यश और प्रभाव locally से लेकर के globally expand कर रहा है। इस समिट की सफलता इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इस समिट में Traditional knowledge और modern practices का कॉन्फ्लूएंस हो रहा है। यहां कई नए initiatives भी शुरू हुए हैं, जो medical science और holistic health के future को transform कर सकते हैं। समिट में विभिन्न देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रतिनिधियों के बीच विस्तार से संवाद भी हुआ है। इस संवाद ने ज्वाइंट रिसर्च को बढ़ावा देने, नियमों को सरल बनाने और ट्रेनिंग और नॉलेज शेयरिंग के लिए नए रास्ते खोले हैं। ये सहयोग आगे चलकर Traditional Medicine को अधिक सुरक्षित, अधिक भरोसेमंद बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

साथियों,

इस समिट में कई अहम विषयों पर सहमति बनना हमारी मजबूत साझेदारी का प्रतिबिंब है। रिसर्च को मजबूत करना, Traditional Medicine के क्षेत्र में डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ाना, ऐसे रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार करना जिन पर पूरी दुनिया भरोसा कर सके। ऐसे मुद्दे Traditional Medicine को बहुत सशक्त करेंगे। यहां आयोजित Expo में डिजिटल हेल्थ टेक्नोलॉजी, AI आधारित टूल्स, रिसर्च इनोवेशन, और आधुनिक वेलनेस इंफ्रास्ट्रक्चर, इन सबके जरिए हमें ट्रेडिशन और टेक्नोलॉजी का एक नया collaboration भी देखने को मिला है। जब ये साथ आती हैं, तो ग्लोबल हेल्थ को अधिक प्रभावी बनाने की क्षमता और बढ़ जाती है। इसलिए, इस समिट की सफलता ग्लोबल दृष्टि से बहुत ही अहम है।

साथियों,

पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली का एक अहम हिस्सा योग भी है। योग ने पूरी दुनिया को स्वास्थ्य, संतुलन और सामंजस्य का रास्ता दिखाया है। भारत के प्रयासों और 175 से ज्यादा देशों के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को योग दिवस घोषित किया गया था। बीते वर्षों में हमने योग को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचते देखा है। मैं योग के प्रचार और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले हर व्यक्ति की सराहना करता हूं। आज ऐसे कुछ चुनींदा महानुभावों को पीएम पुरस्कार दिया गया है। प्रतिष्ठित जूरी सदस्यों ने एक गहन चयन प्रक्रिया के माध्यम से इन पुरस्कार विजेताओं का चयन किया है। ये सभी विजेता योग के प्रति समर्पण, अनुशासन और आजीवन प्रतिबद्धता के प्रतीक हैं। उनका जीवन हर किसी के लिए प्रेरणा है। मैं सभी सम्मानित विजेताओं को हार्दिक बधाई देता हूं, अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

मुझे ये जानकर भी अच्छा लगा कि इस समिट के आउटकम को स्थायी रूप देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया हैं। Traditional Medicine Global Library के रूप में एक ऐसा ग्लोबल प्लेटफॉर्म शुरू किया गया है, जो ट्रेडिशनल मेडिसिन से जुड़े वैज्ञानिक डेटा और पॉलिसी डॉक्यूमेंट्स को एक जगह सुरक्षित करेगा। इससे उपयोगी जानकारी हर देश तक समान रूप से पहुंचने का रास्ता आसान होगा। इस Library की घोषणा भारत की G20 Presidency के दौरान पहली WHO Global Summit में की गई थी। आज ये संकल्प साकार हो गया है।

साथियों,

यहां अलग-अलग देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने ग्लोबल पार्टनरशिप का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। एक साझेदार के रूप में आपने Standards, safety, investment जैसे मुद्दों पर चर्चा की है। इस संवाद से जो Delhi Declaration इसका रास्ता बना है, वो आने वाले वर्षों के लिए एक साझा रोडमैप की तरह काम करेगा। मैं इस joint effort के लिए विभिन्न देशों के माननीय मंत्रियों की सराहना करता हूं, उनके सहयोग के लिए मैं आभार जताता हूं।

साथियों,

आज दिल्ली में WHO के South-East Asia Regional Office का उद्घाटन भी किया गया है। ये भारत की तरफ से एक विनम्र उपहार है। ये एक ऐसा ग्लोबल हब है, जहां से रिसर्च, रेगुलेशन और कैपेसिटी बिल्डिंग को बढ़ावा मिलेगा।

साथियों,

भारत दुनिया भर में partnerships of healing पर भी जोर दे रहा है। मैं आपके साथ दो महत्वपूर्ण सहयोग साझा करना चाहता हूं। पहला, हम बिमस्टेक देशों, यानी दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में हमारे पड़ोसी देशों के लिए एक Centre of Excellence स्थापित कर रहे हैं। दूसरा, हमने जापान के साथ एक collaboration शुरू किया है। ये विज्ञान, पारंपरिक पद्धितियों और स्वास्थ्य को एक साथ जोड़ने का प्रयास है।

साथियों,

इस बार इस समिट की थीम है- ‘Restoring Balance: The Science and Practice of Health and Well-being’, Restoring Balance, ये holistic health का फाउंडेशनल थॉट रहा है। आप सब एक्स्पर्ट्स अच्छी तरह जानते हैं, आयुर्वेद में बैलेन्स, अर्थात् संतुलन को स्वास्थ्य का पर्याय कहा गया है। जिसके शरीर में ये बैलेन्स बना रहता है, वही स्वस्थ है, वही हेल्दी है। आजकल हम देख रहे हैं, डायबिटीज़, हार्ट अटैक, डिप्रेशन से लेकर कैंसर तक अधिकांश बीमारियों के background में lifestyle और imbalances एक प्रमुख कारण नजर आ रहा है। Work-life imbalance, Diet imbalance, Sleep imbalance, Gut Microbiome Imbalance, Calorie imbalance, Emotional Imbalance, आज कितने ही global health challenges, इन्हीं imbalances से पैदा हो रहे हैं। स्टडीज़ भी यही प्रूव कर रही हैं, डेटा भी यही बता रहा है कि आप सब हेल्थ एक्स्पर्ट्स कहीं बेहतर इन बातों को समझते हैं। लेकिन, मैं इस बात पर जरूर ज़ोर दूँगा कि ‘Restoring Balance, आज ये केवल एक ग्लोबल कॉज़ ही नहीं है, बल्कि, ये एक ग्लोबल अर्जेंसी भी है। इसे एड्रैस करने के लिए हमें और तेज गति से कदम उठाने होंगे।

साथियों,

21वीं सदी के इस कालखंड में जीवन के संतुलन को बनाए रखने की चुनौती और भी बड़ी होने वाली है। टेक्नोलॉजी के नए युग की दस्तक AI और Robotics के रूप में ह्यूमन हिस्ट्री का सबसे बड़ा बदलाव आने वाले वर्षों में जिंदगी जीने के हमारे तरीके, अभूतपूर्व तरीके से बदलने वाले हैं। इसलिए हमें ये भी ध्यान रखना होगा, जीवनशैली में अचानक से आ रहे इतने बड़े बदलाव शारीरिक श्रम के बिना संसाधनों और सुविधाओं की सहूलियत, इससे human bodies के लिए अप्रत्याशित चुनौतियां पैदा होने जा रही हैं। इसलिए, traditional healthcare में हमें केवल वर्तमान की जरूरतों पर ही फोकस नहीं करना है। हमारी साझा responsibility आने वाले future को लेकर के भी है।

साथियों,

जब पारंपरिक चिकित्सा की बात होती है, तो एक सवाल स्वाभाविक रूप से सामने आता है। ये सवाल सुरक्षा और प्रमाण से जुड़ा है। भारत आज इस दिशा में भी लगातार काम कर रहा है। यहां इस समिट में आप सभी ने अश्वगंधा का उदाहरण देखा है। सदियों से इसका उपयोग हमारी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में होता रहा है। COVID-19 के दौरान इसकी ग्लोबल डिमांड तेजी से बढ़ी और कई देशों में इसका उपयोग होने लगा। भारत अपनी रिसर्च और evidence-based validation के माध्यम से अश्वगंधा को प्रमाणिक रूप से आगे बढ़ा रहा है। इस समिट के दौरान भी अश्वगंधा पर एक विशेष ग्लोबल डिस्कशन का आयोजन किया गया। इसमें international experts ने इसकी सुरक्षा, गुणवत्ता और उपयोग पर गहराई से चर्चा की। भारत ऐसी time-tested herbs को global public health का हिस्सा बनाने के लिए पूरी तरह कमिटेड होकर काम कर रहा है।

साथियों,

ट्रेडिशनल मेडिसिन को लेकर एक धारणा थी कि इसकी भूमिका केवल वेलनेस या जीवन-शैली तक सीमित है। लेकिन आज ये धारणा तेजी से बदल रही है। क्रिटिकल सिचुएशन में भी ट्रेडिशनल मेडिसिन प्रभावी भूमिका निभा सकती है। इसी सोच के साथ भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि आयुष मंत्रालय और WHO-Traditional Medicine Center ने नई पहल की है। दोनों ने, भारत में integrative cancer care को मजबूत करने के लिए एक joint effort किया है। इसके तहत पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को आधुनिक कैंसर उपचार के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। इस पहल से evidence-based guidelines तैयार करने में भी मदद मिलेगी। भारत में कई अहम संस्थान स्वास्थ्य से जुड़े ऐसे ही गंभीर विषयों पर क्लिनिकल स्टडीज़ कर रहे हैं। इनमें अनीमिया, आर्थराइटिस और डायबिटीज़ जैसे विषय भी शामिल हैं। भारत में कई सारे स्टार्ट-अप्स भी इस क्षेत्र में आगे आए हैं। प्राचीन परंपरा के साथ युवाशक्ति जुड़ रही है। इन सभी प्रयासों से ट्रेडिशनल मेडिसिन एक नई ऊंचाई की तरफ बढ़ती दिख रही है।

साथियों,

आज पारंपरिक चिकित्सा एक निर्णायक मोड़ पर खड़ी है। दुनिया की बड़ी आबादी लंबे समय से इसका सहयोग लेती आई है। लेकिन फिर भी पारंपरिक चिकित्सा को वो स्थान नहीं मिल पाया था, जितना उसमें सामर्थ्य है। इसलिए, हमें विज्ञान के माध्यम से भरोसा जीतना होगा। हमें इसकी पहुंच को और व्यापक बनाना होगा। ये जिम्मेदारी किसी एक देश की नहीं है, ये हम सबका साझा दायित्व है। पिछले तीन दिनों में इस समिट में जो सहभागिता, जो संवाद और जो प्रतिबद्धता देखने को मिली है, उससे ये विश्वास गहरा हुआ है कि दुनिया इस दिशा में एक साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार है। आइए, हम संकल्प लें कि पारंपरिक चिकित्सा को विश्वास, सम्मान और जिम्मेदारी के साथ मिलकर के आगे बढ़ाएंगे। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद।