ਆਰਥਿਕ ਮਾਮਲਿਆਂ ਬਾਰੇ ਕੈਬਨਿਟ ਕਮੇਟੀ ਨੇ ਪ੍ਰਸਾਰ ਭਾਰਤੀ ਯਾਨੀ ਆਲ ਇੰਡੀਆ ਰੇਡੀਓ (ਏਆਈਆਰ) - ਅਕਾਸ਼ਵਾਣੀ ਅਤੇ ਦੂਰਦਰਸ਼ਨ (ਡੀਡੀ) ਦੇ ਬੁਨਿਆਦੀ ਢਾਂਚੇ ਦੇ ਵਿਕਾਸ ਲਈ 2,539.61 ਕਰੋੜ ਰੁਪਏ ਦੀ ਲਾਗਤ ਨਾਲ ਕੇਂਦਰੀ ਸੈਕਟਰ ਯੋਜਨਾ "ਪ੍ਰਸਾਰਣ ਬੁਨਿਆਦੀ ਢਾਂਚਾ ਅਤੇ ਨੈੱਟਵਰਕ ਵਿਕਾਸ" (ਬ੍ਰਾਡਕਾਸਟਿੰਗ ਇਨਫ੍ਰਾਸਟ੍ਰਕਚਰ ਐਂਡ ਨੈੱਟਵਰਕ ਡਿਵੈਲਪਮੈਂਟ)(ਬੀਆਈਐੱਨਡੀ) ਬਾਰੇ ਸੂਚਨਾ ਅਤੇ ਪ੍ਰਸਾਰਣ ਮੰਤਰਾਲੇ ਦੇ ਪ੍ਰਸਤਾਵ ਨੂੰ ਮਨਜ਼ੂਰੀ ਦੇ ਦਿੱਤੀ ਹੈ। ਮੰਤਰਾਲੇ ਦੀ "ਪ੍ਰਸਾਰਣ ਬੁਨਿਆਦੀ ਢਾਂਚਾ ਅਤੇ ਨੈੱਟਵਰਕ ਵਿਕਾਸ" ਯੋਜਨਾ ਪ੍ਰਸਾਰ ਭਾਰਤੀ ਨੂੰ ਇਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸਾਰਣ ਬੁਨਿਆਦੀ ਢਾਂਚੇ ਦੇ ਵਿਸਤਾਰ ਅਤੇ ਅੱਪਗ੍ਰੇਡੇਸ਼ਨ, ਸਮੱਗਰੀ ਵਿਕਾਸ ਅਤੇ ਸੰਗਠਨ ਨਾਲ ਸਬੰਧਤ ਸਿਵਲ ਕਾਰਜਾਂ ਨਾਲ ਸਬੰਧਿਤ ਖਰਚਿਆਂ ਲਈ ਵਿੱਤੀ ਸਹਾਇਤਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਨ ਦਾ ਸਾਧਨ ਹੈ।

ਪ੍ਰਸਾਰ ਭਾਰਤੀ, ਦੇਸ਼ ਦੇ ਜਨਤਕ ਪ੍ਰਸਾਰਕ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਦੂਰਦਰਸ਼ਨ ਅਤੇ ਆਲ ਇੰਡੀਆ ਰੇਡੀਓ (ਆਕਾਸ਼ਵਾਣੀ) ਰਾਹੀਂ ਖਾਸ ਤੌਰ 'ਤੇ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਦਰ-ਦੁਰਾਜ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਲੋਕਾਂ ਲਈ ਸੂਚਨਾ, ਸਿੱਖਿਆ, ਮਨੋਰੰਜਨ ਅਤੇ ਰੁਝੇਵੇਂ ਦਾ ਸਭ ਤੋਂ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਮਾਧਿਅਮ ਹੈ। ਪ੍ਰਸਾਰ ਭਾਰਤੀ ਨੇ ਕੋਵਿਡ ਮਹਾਮਾਰੀ ਦੌਰਾਨ ਜਨ ਸਿਹਤ ਸੰਦੇਸ਼ਾਂ ਅਤੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਜਾਗਰੂਕਤਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਸ਼ਾਨਦਾਰ ਭੂਮਿਕਾ ਨਿਭਾਈ।

ਬੀਆਈਐੱਨਡੀ ਯੋਜਨਾ ਜਨਤਕ ਪ੍ਰਸਾਰਕ ਨੂੰ ਬਿਹਤਰ ਬੁਨਿਆਦੀ ਢਾਂਚੇ ਦੇ ਨਾਲ ਆਪਣੀਆਂ ਸਹੂਲਤਾਂ ਦਾ ਇੱਕ ਵੱਡਾ ਅੱਪਗ੍ਰੇਡ ਕਰਨ ਦੇ ਯੋਗ ਬਣਾਏਗੀ ਜੋ ਐੱਲਡਬਲਿਊਈ, ਸਰਹੱਦੀ ਅਤੇ ਰਣਨੀਤਕ ਖੇਤਰਾਂ ਸਮੇਤ ਇਸਦੀ ਪਹੁੰਚ ਨੂੰ ਵਧਾਏਗੀ ਅਤੇ ਦਰਸ਼ਕਾਂ ਨੂੰ ਉੱਚ ਗੁਣਵੱਤਾ ਵਾਲੀ ਸਮੱਗਰੀ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰੇਗੀ। ਇਸ ਯੋਜਨਾ ਦਾ ਇੱਕ ਹੋਰ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਤਰਜੀਹੀ ਖੇਤਰ ਘਰੇਲੂ ਅਤੇ ਅੰਤਰਰਾਸ਼ਟਰੀ ਦੋਵਾਂ ਦਰਸ਼ਕਾਂ ਲਈ ਉੱਚ-ਗੁਣਵੱਤਾ ਵਾਲੀ ਸਮੱਗਰੀ ਦਾ ਵਿਕਾਸ ਹੈ ਅਤੇ ਹੋਰ ਚੈਨਲਾਂ ਨੂੰ ਅਨੁਕੂਲ ਕਰਨ ਲਈ ਡੀਟੀਐੱਚ ਪਲੇਟਫਾਰਮ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਨੂੰ ਅਪਗ੍ਰੇਡ ਕਰਕੇ ਦਰਸ਼ਕਾਂ ਲਈ ਵਿਭਿੰਨ ਸਮੱਗਰੀ ਦੀ ਉਪਲਬਧਤਾ ਨੂੰ ਯਕੀਨੀ ਬਣਾਉਣਾ ਹੈ। ਓਬੀ ਵੈਨਾਂ ਦੀ ਖਰੀਦ ਅਤੇ ਡੀਡੀ ਅਤੇ ਏਆਈਆਰ ਸਟੂਡੀਓਜ਼ ਨੂੰ ਐੱਚਡੀ ਲਈ ਤਿਆਰ ਕਰਨ ਲਈ ਡਿਜੀਟਲ ਅਪਗ੍ਰੇਡ ਕਰਨਾ ਵੀ ਪ੍ਰੋਜੈਕਟ ਦਾ ਹਿੱਸਾ ਹੈ।

ਵਰਤਮਾਨ ਵਿੱਚ, ਦੂਰਦਰਸ਼ਨ 28 ਖੇਤਰੀ ਚੈਨਲਾਂ ਸਮੇਤ 36 ਟੀਵੀ ਚੈਨਲਾਂ ਦਾ ਸੰਚਾਲਨ ਕਰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਆਲ ਇੰਡੀਆ ਰੇਡੀਓ 500 ਤੋਂ ਵੱਧ ਪ੍ਰਸਾਰਣ ਕੇਂਦਰਾਂ ਦਾ ਸੰਚਾਲਨ ਕਰਦਾ ਹੈ। ਇਹ ਸਕੀਮ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਏਆਈਆਰ ਐੱਫਐੱਮ ਟ੍ਰਾਂਸਮੀਟਰਾਂ ਦੀ ਕਵਰੇਜ ਨੂੰ ਕ੍ਰਮਵਾਰ 59% ਅਤੇ 68% ਤੋਂ ਵਧਾ ਕੇ ਭੂਗੋਲਿਕ ਖੇਤਰ ਦੇ 66% ਅਤੇ ਆਬਾਦੀ ਦੇ 80% ਤੱਕ ਵਧਾਏਗੀ। ਇਹ ਯੋਜਨਾ ਦੂਰ-ਦੁਰਾਡੇ, ਕਬਾਇਲੀ, ਐੱਲਡਬਲਿਊਈ ਅਤੇ ਸਰਹੱਦੀ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਵਾਲੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ 8 ਲੱਖ ਤੋਂ ਵੱਧ ਡੀਡੀ ਫ੍ਰੀ ਡਿਸ਼ ਐੱਸਟੀਬੀਜ਼ ਦੀ ਮੁਫਤ ਵੰਡ ਦੀ ਵੀ ਕਲਪਨਾ ਕਰਦੀ ਹੈ।

ਜਨਤਕ ਪ੍ਰਸਾਰਣ ਦੇ ਦਾਇਰੇ ਨੂੰ ਵਧਾਉਣ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ, ਪ੍ਰਸਾਰਣ ਬੁਨਿਆਦੀ ਢਾਂਚੇ ਦੇ ਆਧੁਨਿਕੀਕਰਨ ਅਤੇ ਵਾਧੇ ਲਈ ਪ੍ਰੋਜੈਕਟ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਸਾਰਣ ਉਪਕਰਣਾਂ ਦੀ ਸਪਲਾਈ ਅਤੇ ਸਥਾਪਨਾ ਨਾਲ ਸਬੰਧਿਤ ਨਿਰਮਾਣ ਅਤੇ ਸੇਵਾਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਅਸਿੱਧੇ ਰੋਜ਼ਗਾਰ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਵੀ ਹੈ। ਏਆਈਆਰ ਅਤੇ ਡੀਡੀ ਲਈ ਸਮੱਗਰੀ ਉਤਪਾਦਨ ਅਤੇ ਸਮੱਗਰੀ ਦੀ ਨਵੀਨਤਾ ਵਿੱਚ ਟੀਵੀ/ਰੇਡੀਓ ਉਤਪਾਦਨ, ਪ੍ਰਸਾਰਣ ਅਤੇ ਮੀਡੀਆ ਨਾਲ ਸਬੰਧਿਤ ਸੇਵਾਵਾਂ ਸਮੇਤ ਸਮੱਗਰੀ ਉਤਪਾਦਨ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਮੀਡੀਆ ਖੇਤਰਾਂ ਦੇ ਵੱਖੋ-ਵੱਖਰੇ ਅਨੁਭਵ ਵਾਲੇ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਦੇ ਅਪ੍ਰਤੱਖ ਰੋਜ਼ਗਾਰ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਹੈ। ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ, ਡੀਡੀ ਫ੍ਰੀ ਡਿਸ਼ ਦੀ ਪਹੁੰਚ ਦੇ ਵਿਸਤਾਰ ਦੇ ਪ੍ਰੋਜੈਕਟ ਤੋਂ ਡੀਡੀ ਫ੍ਰੀ ਡਿਸ਼ ਡੀਟੀਐੱਚ ਬਾਕਸਾਂ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਵਿੱਚ ਰੋਜ਼ਗਾਰ ਦੇ ਮੌਕੇ ਪੈਦਾ ਹੋਣ ਦੀ ਉਮੀਦ ਹੈ।

ਭਾਰਤ ਸਰਕਾਰ ਦੂਰਦਰਸ਼ਨ ਅਤੇ ਆਕਾਸ਼ਵਾਣੀ (ਪ੍ਰਸਾਰ ਭਾਰਤੀ) ਬੁਨਿਆਦੀ ਢਾਂਚੇ ਅਤੇ ਸੇਵਾਵਾਂ ਦੇ ਵਿਕਾਸ, ਆਧੁਨਿਕੀਕਰਣ ਅਤੇ ਮਜ਼ਬੂਤੀ ਲਈ ਆਪਣੀ ਵਚਨਬੱਧਤਾ ਨੂੰ ਦੁਹਰਾਉਂਦੀ ਹੈ, ਜੋ ਕਿ ਇੱਕ ਨਿਰੰਤਰ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਹੈ।

 

  • Prof Sanjib Goswami February 16, 2025

    While surfing the net, my eyes fell on a Jan 2023 news. Never in history of Bharat has a ministry reshuffle taken place in parliament recess, yet media made a news. That's their credibility. ❌️
  • Gireesh Kumar Upadhyay February 25, 2024

    bjp
  • Gireesh Kumar Upadhyay February 25, 2024

    bjp
  • Gireesh Kumar Upadhyay February 25, 2024

    modi
  • Gireesh Kumar Upadhyay February 25, 2024

    .
  • Pt Deepak Rajauriya jila updhyachchh bjp fzd December 23, 2023

    जय हिन्द
  • Bhaikan arandhara January 17, 2023

    সুন্দৰ পদক্ষেপ
  • A. Sakthikumar January 10, 2023

    எல்லைகள் விரியட்டும் எல்லோருக்கும் தர்ஷன் கிடைக்கட்டும்
  • CHANDRA KUMAR January 07, 2023

    Double Spirals Cone Economy (द्वि चक्रीय शंकु अर्थव्यवस्था) वर्तमान समय में भारतीय अर्थव्यवस्था को नई आकृति प्रदान करने की जरूरत है। अभी भारतीय अर्थव्यवस्था वृत्ताकार हो गया है, भारतीय किसान और मजदूर प्राथमिक वस्तु का उत्पादन करता है, जिसका कीमत बहुत कम मिलता है। फिर उसे विश्व से महंगी वस्तु खरीदना पड़ता है, जिसका कीमत अधिक होता है। इस चक्रीय अर्थव्यवस्था में प्राथमिक सस्ता उत्पाद विदेश जाता है और महंगा तृतीयक उत्पाद विदेश से भारत आता है। यह व्यापार घाटा को जन्म देता है। विदेशी मुद्रा को कमी पैदा करता है। अब थोड़ा अर्थव्यवस्था को आकृति बदलकर देखिए, क्योंकि अर्थव्यवस्था का आकृति बदलना आसान है। लेकिन भारत सरकार अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ाने के प्रयास में लगा है, वह भी विदेशी निवेश से, यह दूरदर्शिता नहीं है। भारतीय अर्थव्यवस्था में दो तरह की मुद्रा का प्रचलन शुरू करना चाहिए, 80% मुद्रा डिजिटल करेंसी के रूप में और 20% मुद्रा वास्तविक मुद्रा के रूप में। 1. इसके लिए, भारत सरकार अपने कर्मचारियों को वेतन के रूप में 80% वेतन डिजिटल करेंसी में और 20% वेतन भारतीय रुपए में दिया जाए। 2. अनुदान तथा ऋण भी 80% डिजिटल करेंसी के रूप में और 20% भारतीय रुपए के रूप में दिया जाए। 3. इसका फायदा यह होगा कि भारतीय मुद्रा दो भागों में बंट जायेगा। 80% डिजिटल करेंसी से केवल भारत में निर्मित स्वदेशी सामान ही खरीदा और बेचा जा सकेगा। 4. इससे स्वदेशी वस्तुओं का उपभोग बढ़ेगा, व्यापार घाटा कम होगा। 5. महंगे विदेशी सामान को डिजिटल करेंसी से नहीं खरीदा जा सकेगा। 6. वर्तमान समय में सरकारी कर्मचारी अपने धन का 70 से 80% का उपयोग केवल विदेशी ब्रांडेड सामान खरीदने में खर्च होता है। इससे घरेलू अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और सरकार का अधिकतम धन विदेशी अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करता है। इसीलिए भारत सरकार को चाहिए की जो वेतन सरकारी कर्मचारियों को दिया जा रहा है उसका उपयोग घरेलू अर्थव्यवस्था को गति देने में किया जाना चाहिए। 7. भारत के उद्योगपति और अत्यधिक संपन्न व्यक्ति अपने धन का उपयोग स्वदेशी वस्तुओं को खरीदने में करे। व्यर्थ का सम्मान पाने के लिए विदेशी ब्रांड पर पैसा खर्च न करे। इसके लिए भी, यह अनिवार्य कर दिया जाए कि यदि किसी व्यक्ति को 20% से अधिक का लाभ प्राप्त होता है तो उसके लाभ का धन दो भागों में बदल दिया जायेगा, 80% भाग डिजिटल करेंसी में और 20% भाग वास्तविक रुपए में। 8. वर्तमान समय में जब वैश्विक मंदी दस्तक देने वाला है, ऐसी समय में भारतीयों को ब्रांडेड वस्तुओं को तरफ आकर्षित होने के बजाय, घरेलू अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए, स्वदेशी वस्तुओं का खरीद करना चाहिए। इससे रोजगार सृजन होगा। अब थोड़ा समझते हैं, द्वि चक्रीय शंकु अर्थव्यवस्था को। 1. इसमें दो शंकु है, एक शंकु विदेशी अर्थव्यवस्था को दर्शाता है, और दूसरा शंकु घरेलू अर्थव्यवस्था को दर्शाता है। 2. दोनों शंकु के मध्य में भारत सरकार है, जिसे दोनों अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करना चाहिए। यदि आप नाव को नियंत्रित नहीं करेंगे, तब वह नाव दिशाहीन होकर समुद्र में खो जायेगा, इसका फायदा समुद्री डाकू उठायेगा। 3. भारत सरकार को चाहिए की वह दोनों शंकु को इस तरह संतुलित करे की , धन का प्रवाह विदेश अर्थव्यवस्था की तरफ नकारात्मक और घरेलू अर्थव्यवस्था की तरफ सकारात्मक हो। 4. इसके लिए, भारत सरकार को चाहिए की वह अपना बजट का 80% हिस्सा डिजिटल करेंसी के रूप में घरेलू अर्थव्यवस्था को दे, जबकि 20% छपाई के रुपए के रूप में विदेशी अर्थव्यवस्था हेतु उपलब्ध कराए। 5. घरेलू अर्थव्यवस्था को विदेशी अर्थव्यवस्था से अलग किया जाए। विदेशी वस्तुओं की बिक्री हेतु भारत में अलग स्टोर बनाने के लिए बाध्य किया जाए। विदेशी वस्तुओं को खरीदने के लिए अलग मुद्रा (छपाई के रुपए) का इस्तेमाल को ही स्वीकृति दिया जाए। 6. जब दूसरा देश दबाव डाले की हमें भारत में व्यापार करने में बढ़ा उत्पन्न किया जा रहा है, तब उन्हें स्पष्ट कहा जाना चाहिए की हम अपने देश में रोजगार सृजन करने , भुखमरी को खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं। 7. दूसरे देशों के राष्ट्रध्यक्ष को धोखा देने के लिए, उन्हें कहा जाए की अभिभ्रात में लोकसभा चुनाव है। लोकसभा चुनाव खत्म होते ही भारतीय अर्थव्यवस्था आप सभी के लिए खोल देंगे, ताकि विदेशियों को भारत में व्यापार करना सुगम हो जाए। 8. अभी भारतीय श्रमिक और मजदूर स्पाइरल शंकु के सबसे नीचे है और एक बार हाथ से पैसा बाजार में खर्च हो गया तो अगले कई दिनों बाद अथवा अगले वर्ष ही पैसा हाथ में आता है। क्योंकि कृषि उत्पाद वर्ष में 2 बार हो बेचने का मौका मिलता है किसानों को। 9. spiral cone में पैसा जितनी तेजी से निम्न वर्ग से उच्च वर्ग को तरफ बढ़ता है, उतनी ही तेजी से निम्न वर्ग का गरीबी बढ़ता है, परिणाम स्वरूप स्वदेशी अर्थव्यवस्था का शंकु का शीर्ष छोटा होता जाता है और निम्न वर्ग का व्यास बढ़ता जाता है। 10. भारत सरकार को अब अनुदान देने के बजाय, निवेश कार्य में धन लगाना चाहिए। ताकि घरेलू अर्थव्यवस्था में वृद्धि हो। 11. अभी भारत सरकार का पैसे जैसे ही भारतीय श्रमिक, भारतीय नौकरशाह को मिलता है। वैसे ही विदेशी कंपनियां, ब्रांडेड सामान का चमक दिखाकर( विज्ञापन द्वारा भ्रमित कर), उस धन को भारतीय घरेलू अर्थव्यवस्था से चूस लेता है और विदेश भेज देता है। 12. ऐसा होने से रोकने के लिए, भारतीयों को दो प्रकार से धन मुहैया कराया जाए। ताकि विदेशी ब्रांडेड सामान खरीद ही न पाए। जो भारतीय फिर भी अपने धन का बड़ा हिस्सा विदेशी सामान खरीदने का प्रयास करे उन्हें अलग अलग तरीके से हतोत्साहित करने का उपाय खोजा जाए। 13. भारत में किसी भी वस्तु के उत्पादन लागत का 30% से अधिक लाभ अर्जित करना, अपराध घोषित किया जाए। इससे भारतीय निम्न वर्ग कम धन में अधिक आवश्यक सामग्री खरीद सकेगा। 14. विदेश में कच्चा कृषि उत्पाद की जगह पैकेट बंद तृतियक उत्कृष्ट उत्पाद भेजा जाए। डोमिनोज पिज्जा की जगह देल्ही पिज्जा को ब्रांड बनाया जाए। 15. कच्चा धात्विक खनिज विदेश भेजने के बजाय, घरेलू उद्योग से उत्कृष्ट धात्वीक सामग्री बनाकर निर्यात किया जाए। 16. उद्योग में अकुशल मजदूर को बुलाकर ट्रेनिंग देकर कुशल श्रमिक बनाया जाए। 17. विदेशी अर्थव्यवस्था वाले से शंकु से धन चूसकर, घरेलू अर्थव्यवस्था वाले शंकु की तरफ प्रवाहित किया जाए। यह कार्य दोनों शंकु के मध्य बैठे भारत सरकार को करना ही होगा। 18. यदि भारत सरकार चीन को सरकार की तरह सक्रियता दिखाए तो भारतीय अर्थव्यवस्था का स्वर्णिम दौर शुरू हो सकता है। 19. अभी तो भारतीय अर्थव्यवस्था से धन तेजी से विदेश को ओर जा रहा है, और निवेश एक तरह का हवा है जो मोटर से पानी निकालने के लिए भेजा जाता है। 20. बीजेपी को वोट भारतीय बेरोजगारों, श्रमिकों और किसानों से ही मांगना है तो एक वर्ष इन्हें ही क्यों न तृप्त किया जाए। फिर चुनाव जीतकर आएंगे, तब उद्योगपतियों और पूंजीपतियों के लिए चार वर्ष तक जी भरकर काम कीजिएगा।
  • पुरूषोत्तम कुमार महतो January 07, 2023

    मित्रों, एक विचार आया है कि अब जमीन खरीदने से अच्छा है, रेलवे का , एयर फोर्स का, एयर पोर्ट का , बस स्टैंड का जमीन हड़प लूं, सुप्रीम कोर्ट छूट तो दे देगी।
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Canadian PM calls PM Modi, extends invitation for G7 Summit
June 06, 2025
QuoteThe two leaders acknowledge the deep people-to-people ties between India and Canada

The Prime Minister, Shri Narendra Modi got a call from Canadian Prime Minister, Mr. Mark Carney.

During conversation, Shri Modi congratulated Canadian Prime Minister, Mr. Mark Carney on his recent election victory and thanked him for the invitation to the G7 Summit in Kananaskis later this month.

The two leaders acknowledged the deep people-to-people ties between India and Canada and reaffirmed their commitment to work together with renewed vigour, guided by mutual respect and shared interests.

Prime Minister, Shri Modi conveyed that he looks forward to their meeting at the Summit.

In a X post, Shri Modi wrote;

"Glad to receive a call from Prime Minister @MarkJCarney of Canada. Congratulated him on his recent election victory and thanked him for the invitation to the G7 Summit in Kananaskis later this month. As vibrant democracies bound by deep people-to-people ties, India and Canada will work together with renewed vigour, guided by mutual respect and shared interests. Look forward to our meeting at the Summit."