കാർഗിൽ മുതൽ കന്യാകുമാരി വരെ, കച്ച് മുതൽ കാംരൂപ് വരെ, നിങ്ങൾ യാത്ര ചെയ്താൽ, എത്ര വേഗതത്തിലാണ് നിർമ്മാണ പ്രവർത്തനങ്ങൾ നടക്കുന്നെതെന്നത് നിങ്ങൾക്ക് അറിയാൻ കഴിയും: പ്രധാനമന്ത്രി
ഞങ്ങൾ വരുംതലമുറക്കായി അടിസ്ഥാനസൗകര്യങ്ങൾ സൃഷ്ടിക്കാൻ ശ്രമിക്കുകയാണ്: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി
എല്ലാവർക്കും വീട് എന്ന കേന്ദ്ര സർക്കാരിന്റെ സ്വപ്നത്തെ പ്രധാനമന്ത്രി മോദി വീണ്ടു ആവർത്തിച്ചു
ജനങ്ങൾക്ക് "സുഗമമായ ജീവിതം" നൽകുക എന്നതാണ് നമ്മുടെ ലക്ഷ്യം: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി
സ്റ്റാര്‍ട്ടപ്പ് ഇന്ത്യ, അടല്‍ ഇന്നവേഷന്‍ മിഷന്‍ എന്നിവയിലൂടെ ഇന്ത്യ സാങ്കേതിക വിദ്യയുടെ കേന്ദ്രമായി വികസിച്ചുകൊണ്ടിരിക്കുകയാണ്: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി
അടൽജിയുടെ സർക്കാരിന്റെ കാലഘട്ടത്തിലാണ് ഡെൽഹി മെട്രോയുടെ പദ്ധതി ആരംഭിച്ചത്. ഇന്ന് ഡൽഹി മുഴുവൻ മെട്രോയുമായി ബന്ധപ്പെട്ടിരിക്കുന്നു: പ്രധാനമന്ത്രി
നാലാമത്തെ വ്യാവസായിക വിപ്ളവത്തിന് ആവശ്യമായ അടിസ്ഥാനസൗകര്യങ്ങൾ നമ്മുടെ കൈയ്യിലുണ്ട് . ഇവിടെയുള്ള യുവ സഹപ്രവർത്തകരേപ്പോലെ നൂതന ആശയങ്ങളുള്ള നൂറുകണക്കിന് ആളുകളെ സ്വാഗതം ചെയ്യാൻ ഞങ്ങൾ തയ്യാറാണ്: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി

यहां पधारे भाइयो और बहनों, महाराष्‍ट्र का आज ये मेरा चौथा कार्यक्रम है। इससे पहले मैं ठाणे में था। वहां भी हजारों-करोड़ के विकास कार्यों का शिलान्‍यास और लोकार्पण किया गया है।

इसमें गरीबों के घर के प्रोजेक्‍ट्स भी थे और मेट्रो के विस्‍तार से जुड़े प्रोजेक्‍ट भी थे।

थोड़ी देर पहले यहां 8 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा की लागत से बन रही पुणे मेट्रो लाइन के तीसरे phase का अभी मुझे शिलान्‍यास करने का अवसर मिला है। हिंजवड़ी से शिवाजी नगर को जोड़ने वाले इस मेट्रो प्रोजेक्‍ट से देश के सबसे व्‍यस्‍त आईटी सेंटर में से एक, इस क्षेत्र को बड़ी सुविधा मिलने वाली है।

महाराष्‍ट्र और देश के कोने-कोने से यहां काम करने पहुंचे IT Professionalsको, यहां के स्‍थानीय लोगों काजीवन इससे सुगम होने वाला है।

साथियो, दो साल पहले मुझे पुणे मेट्रो प्रोजेक्‍ट का शुभारंभ करने का सौभाग्‍य मिला था। मुझे बहुत खुशी है कि जिन दो Corridors पर काम शुरू किया गया, वहां तेज गति से काम चल रहा है। मुझे उम्‍मीद है कि अगले साल के अंत तक पुणे में 12 किलोमीटर के route पर मेट्रो दौड़ने लगेगी।

अब शिवाजी नगर से तीसरे phase का भी आज शुभारंभ हो गया है। ऐसे में जब ये phase पूरा होगा, तो लोगों को पुणे और पिंपरी चिंदवाड़ के चार अलग-अलग कोने से हिंजवड़ी आईटी पार्क पहुंचने में बहुत सहूलियत हो जाएगी।

यहां उपस्थित IT सेक्‍टर से जुड़े Professionalsको मैं इसकी विशेष बधाई देता हूं। आज यहां पर जिन भी प्रोजेक्‍ट्स पर काम शुरू हुआ है, ये केंद्र और महाराष्‍ट्र की सरकार के उस व्‍यापक विजन का हिस्‍सा है, जिसके केंद्र में Infrastructure है, बुनियादी सुविधाएं हैं।

आप बीते चार-साढ़े चार वर्षों से निरंतर देख रहे हैं कि कैसे Infrastructure पर सरकार का फोकस है।

देश भर में connectivity, यानी highway, railway, airway, waterway और I-way को विस्‍तार-रफ्तार देने का काम तेज गति से चल रहा है।

साथियो, कारगिल से ले करके कन्‍याकुमारी तक, कच्‍छ से लेकर कामरूप तक, आप यात्रा करेंगे तो पता चलेगा कि किस गति से और कितने बडे स्‍तर पर काम चल रहा है।

ये सब अगर हो पा रहा है तो इसके पीछे सरकार की प्रतिबद्धता है ही, स्‍थानीय लोगों, किसानों, कामगारों, प्रोफेशलन की इच्‍छा-आकांक्षा और सहयोग भी है।

विकास के हाईवे से आज कोई भी अछूता रहना नहीं चाहता। आर्थिक और सामाजिक रूप से भले कोई कितना भी समर्थ और असमर्थ हो, लेकिन सिर्फ आवागमन में ही वो अपना समय व्‍यर्थ नहीं करना चाहता। वो नहीं चाहता कि connectivity के अभाव में उसकी फसलें, उपज, उसका दूध-दही, उसका उत्‍पाद बरबाद हो जाए। वो चाहता है कि स्‍कूल आने-जाने में उसके बच्‍चों का कम से कम समय लगे, ताकि वो पढ़ाई और खेलकूद को ज्‍यादा समय दे पाएं। वो घंटों ट्रैफिक जाम में फंसकर आठ-नौ घंटे के ऑफिस टाइम को 12-13 घंटे नहीं होने देना चाहता। वो अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहता है। अपने समय का सही उपयोग करना चाहता है। यही कारण है कि आज गांव से लेकर शहरों तक, next generation infrastructure और transport sector केintegration पर ध्‍यान दिया जा रहा है।

साथियो, इसी सोच के साथ केन्‍द्र सरकार यहां देवेन्‍द्र फडणवीस जी की सरकार के साथ मिलकर महाराष्‍ट्र के पुणे के infrastructure को मजबूत करने में जुटी है।

हिंजवडी-शिवाजीनगरमेट्रो लाइन तो एक और मायने में भी खास है। सरकार ने देश में मेट्रो के विकास के लिए पहली बार जो मेट्रो पॉलिसी बनाई है, उसके तहत बनने वाला ये प्रोजेक्ट पहला प्रोजेक्‍ट है। ये प्रोजेक्‍ट PPPयानी public private partnership में बनाया जा रहा है।

एक साल पहले जो नई मेट्रो रेल पॉलिसी सरकार ने बनाई है, ये देश में मेट्रो के विस्‍तार के प्रति हमारे संकल्‍प को दिखाती है। इसी policy के आने के बाद मेट्रो के निर्माण में तेजी आ रही है, क्‍योंकि नियम-कायदे स्‍पष्‍ट हुए हैं।

शहरों में transport sector की अलग-अलग एजेंसियों के बीच तालमेल के तौर-तरीके तय किए गए हैं। ये मेट्रो रेल पॉलिसी reform oriented बनाई गई है। ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि सिर्फ मेट्रो ट्रेन के साथ-साथ मेट्रो स्‍टेशन तक फीडर बसों, नए walk-ways, नए path-ways को भी साथ ही साथ विकसित किया जाए।

अब मेट्रो में Unified Urban Transport Authority के जरिए single command system के तहत काम हो रहा है। इससे लोगों की असली जरूरत तो पता लग ही रही है, परेशानियों को भी कम किया जा रहा है।

भाइयो और बहनों, मेट्रो आज देश के शहरों की life-line बनती जा रही है। बीते चार वर्षों में सरकार ने देश के दर्जन भर शहरों तक इसको विस्‍तार दिया है, और आने वाले समय में अनेक और शहर इससे जुड़ने वाले हैं।

पिछले चार साल में 300 किलोमीटर की नई लाइनों को कमीशन कर दिया है और 200 किलोमीटर के नए प्रस्‍ताव को भी पास किया गया है। इसी का परिणाम है कि इस समय देश में 500 किलोमीटर से ज्‍यादा की मेट्रो लाइन चल रही है और करीब 650 किलोमीटर से ज्‍यादा की लाइनें पूरी होने को हैं।

महाराष्‍ट्र में भी केन्‍द्र और राज्‍य सरकार मिलकर 200 किलोमीटर से अधिक की मेट्रो लाइनों का निर्माण कर रही हैं।

भाइयो और बहनों, आज देश में मेट्रो का जो भी विस्‍तार हो रहा है, उसको सही मायने में गति अटलजी की सरकार ने दी थी। शहर और गांव में infrastructure पर अटलजी ने जो बल दिया, उसको 10 वर्ष बाद हमारी सरकार ने स्‍पीड भी दी और स्‍केल भी बढ़ाई।

मुझे कहते हुए जरा भी संकोच नहीं है कि अगर अटलजी की सरकार को थोड़ा समय और मिलता तो शायद आज मुम्‍बई और इसके आसपास के इलाकों को, महाराष्‍ट्र के अनेक शहरों को मेट्रो से जोड़ा जा चुका होता।

दिल्‍ली में अटलजी की सरकार के दौरान मेट्रो पर काम शुरू हुआ था। आज करीब-करीब पूरी दिल्‍ली मेट्रो से जुड़ चुकी है।

साथियो, पहले जो सरकार रही, उसकी प्राथमिकता में transport और infrastructure उतना नहीं रहा, जितना होना चाहिए था।

साथियो, उनको- उनकी सोच मुबारक, हमारी सोच है देश का कोना-कोना, कण-कण जुड़े, देश का संतुलित विकास हो। हम एक भारत-श्रेष्‍ठ भारत बनाने के लिए इस मिशन पर निकले हुए लोग हैं।

हां, इतना मैं जरूर याद दिला दूं कि 2004 से- 2004 का कालखंड और 2018 में, एक पीढ़ी का अंतर आ गया है, सोच का अंतर आ गया है, आकांक्षाओं का अंतर आ गया है।

भाइयो और बहनों, केंद्र सरकार की प्राथमिकता ease of living और ease of doing business सुनिश्चित करने में है। यही कारण है कि देशभर में करीब hundred smart city विकसित की जा रही हैं।

पुणे समेत महाराष्‍ट्र में भी 8 शहरों को स्‍मार्ट बनाया जा रहा है। देशभर में इस मिशन के तहत 5 हजार से ज्‍यादा परियोजनाओं का चयन किया गया है।

इन प्रोजेक्‍ट्स पर आने वाले दिनों में दो लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा खर्च किए जाएंगे। 10 हजार करोड़ के प्रोजेक्‍ट पूरे हो चुके हैं और 53 हजार करोड़ रुपये के 1700 प्रोजेक्‍ट को तेजी से पूरा किया जा रहा है।

साथियो, पुणे समेत महाराष्‍ट्र के 8 शहरों में smart city mission के तहत करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपये के काम पूरे हो चुके हैं जबकि साढ़े तीन हजार करोड़ के काम तेजी से पूरे कएि जा रहे हैं।

पुणे का integrated command and control system शुरू हो चुका है। यहीं से अब पूरे शहर की व्‍यवस्‍थाओं की निगरानी का काम किया जा रहा है।

इतना ही नहीं Amrut mission के तहत महाराष्‍ट्र के 41 से अधिक शहरों में भी काम तेजी से चल रहा है। सड़क, बिजली, पानी, सीवेज; ऐसी प्राथमिक सुविधा से जुड़े करीब 6 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्‍ट्स जल्‍द पूरे होने की स्थिति में हैं।

इसके साथ-साथ शहरों को रोशन करने के लिए, उनकी सुंदरता को बढ़ाने के लिए, कम बिजली से अधिक रोशनी के लिए LED Street Lights लगाई जा रही हैं।

महाराष्‍ट्र में करीब एक लाख ऐसी Street Lights अलग-अलग शहरों में लगाई जा चुकी हैं। इससे सैंकड़ों करोड़ रुपये की बिजली की बचत हो रही है।

साथियो, सामान्‍य जन को बचत हो; इसके साथ-साथ उसकी सरकारी सेवाओं तक आसानी से पहुंच हो, इसके लिए डिजिटल इंडिया अभियान व्‍यापक स्‍वरूप ले चुका है।

आज जन्‍म प्रणामपत्र से लेकर जीवन प्रणामपत्र तक, ऐसी सैंकड़ों सुविधाएं online हैं।

बिजली, पानी के बिल से लेकर अस्‍पतालों में appointment, बैंकों का लेन-देन, पेंशन, provident fund, admission, reservation, करीब-करीब हर सुविधा को online किया गया है। ताकि कतारें न लगें और corruptionकी गुंजाइश कम हो।

अब Digi-Locker में आपके सब सर्टिफिकेट्स सुरक्षित रह सकते हैं। करीब डेढ़ करोड़ खाते देशभर में खुल चुके हैं।

इतना ही नहीं, अब Driving License समेत तमाम दूसरे दस्‍तावेज को साथ रखने की भी जरूरत नहीं रहेगी। मोबाइल फोन पर उसकी Soft copy या फिर Digi-Locker के जरिए ही काम चल जाएगा।

भाइयो और बहनों, सरकार का प्रयास है कि हमारे professionals, उनकी दिनचर्या हमारे उद्योगों और देश की नई जरूरत के हिसाब से नियम-कानून बनाएं और बदले जाएं। नियम सरल भी हों और सुगमता और पारदर्शिता भी सु‍निश्चित करें।

डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया ने सरकार के इन प्रयासों को गति दी है। आज अगर सामान्‍य से सामान्‍य व्‍यक्ति तक तकनीक पहुंच पा रही है तो सस्‍ता मोबाइल फोन, सस्‍ता और तेज इंटरनेट डेटा बड़ी भूमिका निभा रहा है।

मोबाइल फोन इसलिए सस्‍ते हुए, क्‍योंकि अब भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन बनाने वाला देश बन गया है। करीब सवा सौ मोबाइल फोन मैन्‍युफैक्‍चरिंग यूनिट्स देश भर में चल रही हैं। जबकि चार वर्ष पहले सिर्फ-सिर्फ दो ही ऐसी फैक्‍टरियां थीं। साढ़े चार से पांच लाख युवा इन फैक्‍टरियों में काम कर रहे हैं। अभी इसमें और विस्‍तार होने वाला है। मोबाइल समेत पूरे electronics manufacturing का एक बड़ा हब भारत बन रहा है।

साथियो, हार्डवेयर के साथ-साथ सस्‍ते और तेज डेटा को गांव-गांव, गली-गली तक पहुंचाने का काम चल रहा है। देशभर की करीब सवा लाख ग्राम पंचायतों तकoptical fibre networkपहुंचाया जा चुका है।

तीन लाख से अधिक common service centreगांवों में काम कर रहे हैं। इनमें काम कर रहे करीब दस लाख युवा, गांवों को ऑनलाइन सुविधा दे रहे हैं।

डेढ़ लाख से अधिक पोस्‍ट ऑफिस अब ऑनलाइन बैंकिंग के माध्‍यम तो बन ही रहे हैं, होम डिलीवरी सर्विस के भी सेंटर बनने जा रहे हैं।

देश के करीब 700 रेलवे स्‍टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई की सुविधा दी जा रही है।

साथियो, 2014 से पहले देश में जहांdigital लेनदेनहोता था, वो अब 6 गुना से ज्‍यादा बढ़ चुका है। देश में अब तक 50 करोड़ से ज्‍यादा रुपे, डेविट कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। सिर्फ बीते 2 वर्षों के दौरान ही यूपीआई, भीम और दूसरे डिजिटल प्‍लेटफार्म्‍स के माध्‍यम से लेनदेन में लाखों गुना बढ़ोत्‍तरी हुई है।

भाइयो और बहनों, पुणे- एजुकेशन, आईटी, इंजीनियरिंग और बिजनेस का भी सेंटर है। ये knowledge का सेंटर है, तकनीक का सेंटर है। यही न्‍यू इंडियाकी पहचान होने वाली है।

चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए आवश्‍यक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर हमारे पास तैयार है और यहां मौजूद हजारों युवा साथियों की तरह, एक से एक innovative minds की फौज भी हमारे पास तैयार है।

Startup India और Atal innovation mission के माध्‍यम से भारत भविष्‍यकी तकनीक का एक बड़ा सेंटर बनता जा रहा है। र्स्‍टाटअप के मामले में भारत दुनिया का दूसरा बड़ा eco system बन चुका है। देश के करीब 500 जिलों में 14 हजार से अधिक Startups को Startup India अभियान के तहत recognize किया जा चुका है।

हमारे देश में आइडियाज की कमी कभी नहीं रही। कमी थी इनको दिशा देने की, हाथ पकड़कर आगे बढ़ाने की, hand holding की। अब सरकार आइडिया को इं‍डस्‍ट्री बनाने की दिशा में काम कर रही है।

कम उम्र में ही technology के लिए temperament विकसित किया जा रहा है। स्‍कूलों में Atal tinkering labखोली जा रही है तो starts ups के लिए Atal incubationcentreदेशभर में खोले जा रहे हैं।

न्‍यू इंडिया के नए सेंटर्स में देश का भविष्‍य तैयार होगा। दुनिया का सबसे बड़ा talent pool तैयार होगा। नए भारत के निर्माण में आप सभी का, पुणे का, महाराष्ट्र का अहम् रोल रहने वाला है।

इसी विश्‍वास के साथ एक बार फिर आप सभी को मेट्रो लाइन का काम शुरू होने पर बहुत-बहुत बधाई देता हूं, बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। और इतनी बड़ी संख्‍या में आप आशीर्वाद देने के लिए आए, इसके लिए मैं हृदयपूर्वक आपका आभार व्‍यक्‍त करता हूं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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Prime Minister Welcomes Release of Commemorative Stamp Honouring Emperor Perumbidugu Mutharaiyar II
December 14, 2025

Prime Minister Shri Narendra Modi expressed delight at the release of a commemorative postal stamp in honour of Emperor Perumbidugu Mutharaiyar II (Suvaran Maran) by the Vice President of India, Thiru C.P. Radhakrishnan today.

Shri Modi noted that Emperor Perumbidugu Mutharaiyar II was a formidable administrator endowed with remarkable vision, foresight and strategic brilliance. He highlighted the Emperor’s unwavering commitment to justice and his distinguished role as a great patron of Tamil culture.

The Prime Minister called upon the nation—especially the youth—to learn more about the extraordinary life and legacy of the revered Emperor, whose contributions continue to inspire generations.

In separate posts on X, Shri Modi stated:

“Glad that the Vice President, Thiru CP Radhakrishnan Ji, released a stamp in honour of Emperor Perumbidugu Mutharaiyar II (Suvaran Maran). He was a formidable administrator blessed with remarkable vision, foresight and strategic brilliance. He was known for his commitment to justice. He was a great patron of Tamil culture as well. I call upon more youngsters to read about his extraordinary life.

@VPIndia

@CPR_VP”

“பேரரசர் இரண்டாம் பெரும்பிடுகு முத்தரையரை (சுவரன் மாறன்) கௌரவிக்கும் வகையில் சிறப்பு அஞ்சல் தலையைக் குடியரசு துணைத்தலைவர் திரு சி.பி. ராதாகிருஷ்ணன் அவர்கள் வெளியிட்டது மகிழ்ச்சி அளிக்கிறது. ஆற்றல்மிக்க நிர்வாகியான அவருக்குப் போற்றத்தக்க தொலைநோக்குப் பார்வையும், முன்னுணரும் திறனும், போர்த்தந்திர ஞானமும் இருந்தன. நீதியை நிலைநாட்டுவதில் அவர் உறுதியுடன் செயல்பட்டவர். அதேபோல் தமிழ் கலாச்சாரத்திற்கும் அவர் ஒரு மகத்தான பாதுகாவலராக இருந்தார். அவரது அசாதாரண வாழ்க்கையைப் பற்றி அதிகமான இளைஞர்கள் படிக்க வேண்டும் என்று நான் கேட்டுக்கொள்கிறேன்.

@VPIndia

@CPR_VP”