


প্রধানমন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদী আজ বারানসী সফর করেন। তিনি ২ হাজার ৪০০ কোটি টাকার বিভিন্ন প্রকল্পের উদ্বোধন ও শিলান্যাস করেন।
প্রধানমন্ত্রী গঙ্গানদীর ওপর মাল্টি-মডেল টার্মিনালটি জাতির উদ্দেশে উৎসর্গ করেন এবং প্রথম পণ্য পরিবাহী কার্গো’কে স্বাগত জানান। তিনি বারানসী রিং রোড ফেস – ১ – এর সূচনা করেন। জাতীয় সড়ক ৫৬ নম্বরের অন্তর্গত বাবদপুর – বারানসী শাখার সড়কে চার লেন করার প্রকল্পটি সূচনা করেন। এছাড়াও, বারানসীতে বিভিন্ন উন্নয়নমূলক প্রকল্পের উদ্বোধন ও শিলান্যাস করেন তিনি।
এক বিশাল জনসভায় ভাষণে প্রধানমন্ত্রী বলেন, পূর্ব ভারত তথা পূর্বাঞ্চল ও কাশীর জন্য সামগ্রিকভাবে সারা দেশের জন্য আজকের দিনটি ঐতিহাসিক। আজ যে উন্নয়নমূলক কাজ হয়েছে, তা আরও বহুযুগ আগেই শেষ হতে পারতো। তিনি বলেন, বারানসীর সঙ্গে সঙ্গে সারা দেশ এখন প্রত্যক্ষ করছে যে, কি করে পরবর্তী প্রজন্মের পরিকাঠামো যোগাযোগের মাধ্যমকে বদলে দিতে পারে।
বারানসীতে প্রথম আন্তঃজলপথ পণ্য পরিবাহী জাহাজটির আগমনের প্রসঙ্গ উত্থাপন করে প্রধানমন্ত্রী বলেন, পূর্ব উত্তর প্রদেশ বর্তমানে জলপথে বঙ্গোপসাগরের সঙ্গে সংযুক্ত।
সড়ক যোগাযোগ ও নমামি গঙ্গে সহ অন্যান্য যে প্রকল্পগুলির উদ্বোধন ও শিলান্যাস হয়েছে সেগুলির বিষয়েও তিনি উল্লেখ করেন।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, আন্তঃজলপথ যোগাযোগ ব্যবস্থা সময় ও অর্থ সাশ্রয় করবে। সড়কপথে ভিড় কমাতে সহায়ক হবে, জ্বালানি খরচ কমাবে এবং যানবাহন থেকে দূষণ ছড়ায় – তার পরিমাণও কম করবে।
তিনি বলেন, বাবদপুর বিমানবন্দরের সঙ্গে বারানসীর সংযোগকারী যে রাস্তাটি তৈরি হয়েছে, এটি চলাচলের সুবিধা প্রদানের পাশাপাশি পর্যটকদের জন্যও আকর্ষণীয় হবে।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, আধুনিক পরিকাঠামো ব্যবস্থা গত চার বছরে উন্নয়নে দ্রুত গতি এনেছে। দূরবর্তী এলাকায় বিমানবন্দর, উত্তর-পূর্ব ভারতের সঙ্গে রেল যোগাযোগ ব্যবস্থা ও নানা সড়ক কেন্দ্রীয় সরকারের কাজের পরিচয় বহন করছে।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, এখনও পর্যন্ত নমামি গঙ্গে প্রকল্পে ২৩ হাজার কোটি টাকার কাজের অনুমোদন দেওয়া হয়েছে। গঙ্গা তীরবর্তী গ্রামগুলি সহ প্রায় সব গ্রামই এখন খোলা জায়গায় শৌচমুক্ত। এই প্রকল্পগুলি গঙ্গাকে স্বচ্ছ ও পরিষ্কার করতে কেন্দ্রীয় সরকারের দায়বদ্ধতার পরিচায়ক।
इस बार मेरा सौभाग्य रहा कि मुझे दीपावली के दिन बाबा केदारनाथ के दर्शन करने का अवसर मिला।
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अब बाबा विश्वनाथ की नगरी में, आपसे आशीर्वाद लेने का मौका मिला है।
उत्तराखंड में, मैं माता भगीरथी की पूजा करके धन्य हुआ, तो आज यहां, अब से कुछ देर पहले मां गंगा के दर्शन भी किए: PM
काशी के लिए, पूर्वांचल के लिए, पूर्वी भारत के लिए, पूरे भारतवर्ष के लिए, आज का ये दिन बहुत ऐतिहासिक है।
— PMO India (@PMOIndia) November 12, 2018
आज वाराणसी और देश, विकास के उस कार्य का गवाह बना है, जो दशकों पहले हो जाना चाहिए था: PM
काशी के लिए, पूर्वांचल के लिए, पूर्वी भारत के लिए, पूरे भारतवर्ष के लिए, आज का ये दिन बहुत ऐतिहासिक है।
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आज वाराणसी और देश, विकास के उस कार्य का गवाह बना है, जो दशकों पहले हो जाना चाहिए था: PM
वाराणसी और देश, इस बात का गवाह बना है कि संकल्प लेकर जब कार्य समय पर सिद्ध किए जाते हैं, तो उसकी तस्वीर कितनी भव्य और कितनी गौरवमयी होती है
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वाराणसी और देश, इस बात का गवाह बना है कि Next Gen Infrastructure की अवधारणा, कैसे ट्रांसपोर्ट के तौर-तरीकों का कायाकल्प करने जा रही है: PM
कुछ देर पहले मैंने नदी मार्ग से पहुंचे देश के पहले कंटेनरवेसल का स्वागत किया।
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आज मैं प्रफल्लित हूं कि देश ने जो सपना देखा था वो आज साकार हुआ है।
ये कंटेनर वेसल चलने का मतलब है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वांचल और पूर्वी भारत जलमार्ग से अब बंगाल की खाड़ी से जुड़ गया है: PM
आज यहां बाबतपुर हवाई अड्डे से शहर को जोड़ने वाली सड़क, रिंग रोड, कनेक्टिविटी से जुड़े प्रोजेक्ट, बिजली के तारों को अंडरग्राउंड करने से जुड़ी परियोजना, मां गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के प्रयासों को बल देने वाली अनेक परियोजनाओं का भी लोकार्पण और शिलान्यास यहां किया गया है: PM
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इस जलमार्ग से समय और पैसा बचेगा,
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सड़क पर भीड़ भी कम होगी,
ईंधन का खर्च भी कम होगा और
गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण से भी राहत मिलेगी: PM
800 करोड़ रुपए की लागत से बाबतपुर एयरपोर्ट को शहर से जोड़ने वाली सड़क ना सिर्फ चौड़ी हो गई है, बल्कि देश-विदेश के पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करने लगी है।
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इस सड़क से काशी वासियों का, पर्यटकों का समय तो बचेगा ही, जौनपुर, सुल्तानपुर और लखनऊ तक की यात्रा भी सुगम हो जाएगी: PM
बीते 4 वर्षों में कितनी तेजी के साथ आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हुआ है, वो अब स्पष्ट दिखता है।
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दुर्गम स्थानों पर नए एयरपोर्ट,
नॉर्थईस्ट के दूर दराज के क्षेत्रों में पहली बार पहुंच रही ट्रेन,
ग्रामीण सड़कों और शानदार हाईवे का जाल,
ये हमारी सरकार की पहचान बन चुका है: PM
नमामि गंगे मिशन के तहत अब तक 23 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं को स्वीकृति दी जा चुकी है।
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गंगा के किनारे के करीब-करीब सारे गांव अब खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं।
ये प्रोजेक्ट्स गंगोत्री से लेकर गंगासागर तक गंगा को अविरल, निर्मल बनाने के हमारे संकल्प का हिस्सा हैं: PM