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وزیر اعظم ’اسپرنٹ چیلنجز‘ کی نقاب کشائی کریں گے جس کا مقصد ہندوستانی بحریہ میں مقامی ٹیکنالوجی کے استعمال کو فروغ دینا ہے

وزیر اعظم جناب نریندر مودی 18 جولائی 2022 کو شام 4:30 بجے ڈاکٹر امبیڈکر انٹرنیشنل سینٹرواقع نئی دہلی میں این آئی آئی او (بحری اختراعی اور درونِ ملک تیاری کی تنظیم) کے سیمینار 'سوولمبن' (خود انحصاری) سے خطاب کریں گے۔

آتم نربھر بھارت کا ایک اہم ستون دفاعی شعبے میں خود انحصاری حاصل کر رہا ہے۔اس کوشش کو آگے بڑھانے کے لئے، پروگرام کے دوران، وزیر اعظم 'اسپرنٹ چیلنجز' کی نقاب کشائی کریں گے جس کا مقصد ہندوستانی بحریہ میں مقامی ٹیکنالوجی کے استعمال کو فروغ دینا ہے۔ 'آزادی کے امرت مہوتسو' کے ایک حصے کے طور پر این آئی آئی او، دفاعی اختراعی تنظیم (ڈی آئی او) کے ساتھ مل کر، ہندوستانی بحریہ میں کم از کم 75 نئی مقامی ٹیکنالوجیز / مصنوعات کو شامل کرنا ہے۔ اس باہمی تعاون کے منصوبے کا نام اسپرنٹ (آئی ڈی ای ایکس، این آئی آئی او اور ٹی ڈی اے سی کے ذریعے تحقیق و ترقی میں پول والٹنگ کی معاونت) ہے۔

سیمینار کا مقصد دفاعی شعبے میں خود انحصاری حاصل کرنے کے لئے ہندوستانی صنعت اور تعلیمی اداروں کو شاملِ عمل کرنا ہے۔ دو روزہ سیمینار (18-19 جولائی) صنعت، متعلقہ تعلیمی برادری، خدمات فراہم کرنے والے اداروں اور حکومت کے رہنماؤں کے لئے ایک پلیٹ فارم فراہم کرے گا تاکہ وہ دفاعی شعبے کے لئے ایک مشترکہ پلیٹ فارم پر یکجا ہوں اور تجاویز پیش کریں۔ اجلاس اختراعی عمل، درونِ ملک تیاریوں، فوجی ساز و سامان اور ہوابازی کے لئے وقف ہوں گے۔ سیمینار کا دوسرا دن حکومت کے (خطے میں سب کے لئے سلامتی اور ترقی) کے وژن ساگر کے لحاظ سے بحر ہند کے علاقے تک رسائی میں گزرے گا۔

 

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Text of PM’s address to the media on his visit to Balasore, Odisha
June 03, 2023
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एक भयंकर हादसा हुआ। असहनीय वेदना मैं अनुभव कर रहा हूं और अनेक राज्यों के नागरिक इस यात्रा में कुछ न कुछ उन्होंने गंवाया है। जिन लोगों ने अपना जीवन खोया है, ये बहुत बड़ा दर्दनाक और वेदना से भी परे मन को विचलित करने वाला है।

जिन परिवारजनों को injury हुई है उनके लिए भी सरकार उनके उत्तम स्वास्थ्य के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। जो परिजन हमने खोए हैं वो तो वापिस नहीं ला पाएंगे, लेकिन सरकार उनके दुख में, परिजनों के दुख में उनके साथ है। सरकार के लिए ये घटना अत्यंत गंभीर है, हर प्रकार की जांच के निर्देश दिए गए हैं और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसको सख्त से सख्त सजा हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।

मैं उड़ीसा सरकार का भी, यहां के प्रशासन के सभी अधिकारियों का जिन्‍होंने जिस तरह से इस परिस्थिति में अपने पास जो भी संसाधन थे लोगों की मदद करने का प्रयास किया। यहां के नागरिकों का भी हृदय से अभिनंदन करता हूं क्योंकि उन्होंने इस संकट की घड़ी में चाहे ब्‍लड डोनेशन का काम हो, चाहे rescue operation में मदद की बात हो, जो भी उनसे बन पड़ता था करने का प्रयास किया है। खास करके इस क्षेत्र के युवकों ने रातभर मेहनत की है।

मैं इस क्षेत्र के नागरिकों का भी आदरपूर्वक नमन करता हूं कि उनके सहयोग के कारण ऑपरेशन को तेज गति से आगे बढ़ा पाए। रेलवे ने अपनी पूरी शक्ति, पूरी व्‍यवस्‍थाएं rescue operation में आगे रिलीव के लिए और जल्‍द से जल्‍द track restore हो, यातायात का काम तेज गति से फिर से आए, इन तीनों दृष्टि से सुविचारित रूप से प्रयास आगे बढ़ाया है।

लेकिन इस दुख की घड़ी में मैं आज स्‍थान पर जा करके सारी चीजों को देख करके आया हूं। अस्पताल में भी जो घायल नागरिक थे, उनसे मैंने बात की है। मेरे पास शब्द नहीं हैं इस वेदना को प्रकट करने के लिए। लेकिन परमात्मा हम सबको शक्ति दे कि हम जल्‍द से जल्‍द इस दुख की घड़ी से निकलें। मुझे पूरा विश्वास है कि हम इन घटनाओं से भी बहुत कुछ सीखेंगे और अपनी व्‍यवस्‍थाओं को भी और जितना नागरिकों की रक्षा को प्राथमिकता देते हुए आगे बढ़ाएंगे। दुख की घड़ी है, हम सब प्रार्थना करें इन परिजनों के लिए।