मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महनुभाव, और भारत माता की सेवा के लिए अपने आप को समर्पित करने वाले सभी वीर बहादुर जवानों,
ये बड़ा सौभाग्य है की आज मातृभूमि के लिए जीवन अर्पण करने वाले वीर शहीदों को नमन करने का मुझे अवसर मिला I मुझे विश्वास है कि भारत माँ की सेवा करने वाले इन वीर शहीदों को स्मरण करते हुए उनको नमन किया है तब, मुझे उन सभी वीर शहीद आत्माओं का आशीर्वाद मिलेगा, जो मुझे देश की सेवा करने की और अधिक ताक़त देगा I त्याग तपस्या में कोई कमी न रहे, इसके लिए उनका जीवन, हम जैसे नागरिकों के लिए भी प्रेरक है I आप लोग मातृभूमि के लिए अपना घर-बार-गाँव, यार-दोस्त-परिवार छोड़ कर के उन कठिन क्षेत्रों में काम करते हैं, जिस कठिनाई का अंदाज़ सामान्य जीवन जीने वाले नागरिकों को होना बहुत मुश्किल होता है I लेकिन आप ये जो साधना करते हैं, जो तपस्या करते हैं, उसी की बदौलत देश के कोटि कोटि नागरिक सुख-चैन की ज़िंदगी जी सकते हैं I कोटि कोटि जनों के आशीर्वाद आपके साथ हैं, और जब कोटि कोटि जनों के आशीर्वाद आपके साथ हैं, तो आपकी रक्षा जो कोटि-कोटि जनों के आशीर्वाद से बना रहता है। इस से बड़ा कोई रक्षा-कवच नहीं हो सकता है I
मैं इस मत का हूँ कि अगर देश विकास करना चाहता है, देश अगर प्रगति करना चाहता है, तो देश में सुख, शांति, सद्भावना, भाईचारा, ये अनिवार्य होता है, और उसी की नीव पर देश विकास की नयी उँचाइयों को पाता रहता है I ये सुख शांति तब तक प्राप्त नहीं होती है, जब तक हम हमारी सीमाओं को सुरक्षित न करें, हमारे सुरक्षा बलों को समर्थ न करें, हमारे सुरक्षा बलों को आधुनिक न करें, तब तक ये संभव नहीं होगा और राष्ट्र के विकास के लिए भी सुरक्षा का क्षेत्र सबसे ज़्यादा सशक्त होना, समय की माँग है I
मैं सैन्य-बल के आधुनिकरण के पक्ष का हूँ I ना सिर्फ़ सैन्य-बल, सब प्रकार के सुरक्षा बलों के आधुनिकरण के पक्ष का हूँ I विज्ञान बहुत आगे बढ़ चुका है I टेक्नालजी बहुत आगे बढ़ चुकी है I अब शायद आने वाले नज़दीक के भविष्य में आमने-सामने लड़ाई के कुछ अवसर ही रहने वाले हैं I बहुत बढ़ा बदलाव आने वाला है I और तब जाकर के सेना को आधुनिक बनाना, वैज्ञानिक बनाना, टेक्नालजी से सू-सज्य बनाना, यह समय की माँग है, और हमारी यह प्राथमिकता रही है I आज देखिए हमारी कठिनाई कैसी है, कि सेना के जवानों के लिए जितना खर्च करना चाहिए, सुरक्षा बलों के लिए जितना खर्च करना चाहिए, उससे काफ़ी ज़्यादा हमारा बजट, हमारे सुरक्षा के संसाधनों को import करने में जाता है I अगर हम defence offset में आत्म-निर्भर होते हैं, सेना के लिए आवश्यक आधुनिक से आधुनिक प्रकार के शस्त्र हम अपने यहाँ उत्पादित करते हैं तो बजट का काफ़ी हिस्सा, जो आज विदेशों में जा रहा है, वो हमारे सैन्य-बल के लोगों के कल्याण के लिए खर्च किया जा सकता है I अगर हम शस्त्र-अस्त्रों का उत्पादन अपने देश में करने पर बल दें, तो हमारे देश के नौजवानों को रोज़गार उपलब्ध होता है, और जो देश शस्त्र-अस्त्र उत्पादन करने की क्षमता रखता है, वो सेना के जवानों के साथ-साथ उस देश के नागरिकों का मनोबल भी बहुत ऊँचा होता हैI उनको विश्वास होता है कि मेरी सेना के जवानों के हाथ खाली नहीं हैं,उनकी भुजाओं में सामर्थ्यवान अस्त्र-शस्त्र भरे पड़े हैंI जो उसके दिल दिमाग़ में जुझारूपन है और दिल दिमाग के जुझारूपन के साथ अस्त्र-शस्त्र का बल अनिवार्य है, और इसलिए, भारत को आत्म-रक्षा के लिए शस्त्र-अस्त्र के उत्पादन में आत्म-निर्भर होना बहुत आवश्यक है I आत्म-निर्भर व्यक्ति ही जैसे आत्म-गौरव से जी सकता है, वैसे आत्म निर्भर देश भी आत्म-गौरव के साथ विश्व के सामने सर ऊँचा करके जी सकता हैI
बदले हुए कालखण्ड में पूरा विश्व भारत की तरफ बड़ी आशा के साथ से देख रहा हैI विश्व भी, जो शांति की तलाश में है, उसे भी लगता है की भारत एक catalytic agent के रूप में एक बहुत बड़ी भूमिका अदा कर सकता हैI
विश्व के सामर्थ्यवान देश आज भारत के साथ बराबरी के साथ बात करने के लिए उत्सुक हैं I ये तभी संभव हुआ है के हम सामर्थ के साथ खड़े हैं I
मेरे नौजवान साथियो, आपकी ये तपस्या कभी बेकार नहीं जाएगी I आपका कल्याण, आपके परिवारजनों का कल्याण, आपकी संतानों का उज्ज्वल भविष्य, ये भारत की सामूहिक ज़िम्मेवारी है, और मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूँ क्योंकि मेरी सरकार इस विषय में प्रतिबद्ध है, और सेना के जवान के परिवार की चिंता अगर देश करता है, तो जवान हंसते-हंसते देश की चिंता करता है. इस मंत्र को मैं भली भाँति समझता हूँ, और इसलिए, वन्दे-मातरम का मंत्र लेकर के, देश की आज़ादी के लिए कितने लोगों ने जीवन दे दिया I
आज , हर दो कदम पर जय हिंद- जय हिंद- जय हिंद सुनाई देता है I एक जवान दूसरे जवान को मिलता है तो जय हिंद कह करके ग्रीट करता है I ये जय हिंद करने के लिए सीमा पर जवान, देश में किसान, 65% नौजवान – गाओं हो, खेत हो, खलिहान हो, शहर हो, सीमा हो – हर कोने पर ये “जय हिंद” का नारा, ये “भारत माँ की जय” की ललकार, हमें देश को आगे बढ़ाने की ताक़त दे I हम देश को और नयी उँचाइयों पर ले जायें I सवा सौ करोड़ देशवासियों के सपनो को पूरा करने का संकल्प लेकर के हम आगे बढ़ें I और उन संकल्पों की सुरक्षा भी आपके हाथों में है I मुझे विश्वास है, सवा सौ करोड़ देशवासियों को विश्वास है, के देश को कभी दुनिया की कोई ताक़त आपके रहते हुए ना झुका सकती है, ना कभी उसे पराजित कर सकती है I ये विजय का विश्वास लेकर के निकले हुए आप लोग कभी पराजित हो नही सकते, और जहाँ विजयश्री का मंत्र होता है, वहाँ ईश्वर का भी आशीर्वाद रहते हैं, और कभी हम अकेले नहीं होते I दूर-दूर पहाड़ी-नदी में कभी आप अकेले सेना के साथ अपनी ज़िम्मेदारी अगर निभा रहे हो, दूर-दूर चले गए हों आपके अगल-बगल में कोई दिखता नहीं होगा, लेकिन आप विश्वास करना कि आप अकेले नहीं होंगे, एक प्लस-वन आपके साथ होगा, वो ईश्वरीय शक्ति आपके साथ होती है हर पल होती है, क्यों? इसलिए की आप नि-स्वार्थ भाव से पवित्र कार्य करने के लिए चल पड़े हैं और जो नि-स्वार्थ भाव से पवित्र कार्य करता है, उसके ईश्वर हमेशा साथ रहता है I और जिसके साथ ईश्वर रहता है, वहाँ पराजय की कभी संभावना नहीं होती I वहाँ सिर्फ़ जै ही जै लिखा हुआ होता है I और वही जै अल्टिमेट्ली जय -हिंद का मंत्र बन जाता है I ये जय हिन्द का मंत्र हम सबको देश को आगे ले जाने की प्रेरणा देता है I
मैं आज, आप सभी जवानों को मेरी तरफ से बहुत बहुत शुभकामनायें देता हूँ, और मैं आपको विश्वास देता हूँ की चाहे सरकार हो या समाज हो, पूरा देश आपके साथ खड़ा है I जैसा अभी बताया गया, देश के जवान कई सालों से प्रतीक्षा कर रहे थे, की आज़ाद हिन्दुस्तान में एक हमारा नैशनल वॉर म्यूज़ीयम बनाना चाहिए, नैशनल वॉर मेमोरियल बनाना चाहिए I मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ, और वैसे भी, मैं जबसे शासकीय व्यवस्था में आया हूँ, जब कभी गुजरात का मुख्यमंत्री रहा, या अभी प्रधानमंत्री बना, मेरा अनुभव रहा है कि जो अच्छे-अच्छे काम हैं, वो मेरे लिए बाकि रह गये हैं I वो सारे अच्छे-अच्छे काम मुझे ही करने हैं, और मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ की जो सौभाग्य मुझे मिला है, वो सौभाग्य मैं पूरा करके रहूँगा और सम्मान प्राप्त हों। देश की आम इंसान को गौरव हो इसके लिए आवश्यक सारे कदम उठाउँगाI मैं फिर एक बार, आप सबको बहुत बहुत शुभ-कामनायें देता हूँ और आपकी रक्षा राष्ट्र की रक्षा के लिए बहुत अनिवार्य है, इस बात को समझते हुए, आपको हर प्रकार से सज्य करना, ये शासन का दायित्व है I त्याग और तपस्या की आपकी भावना बहुत उँची होने के बावजूद भी आपकी रक्षा करने की भावना भी शासन के लिए सर्वोपरि रहनी चाहिए, इस मंत्र को लेकर के हम काम करते हैं I फिर एक बार, आपके बीच आने का मुझे अवसर मिला, आपसे मिलने का अवसर मिला – मैं आप सबका बहुत बहुत शुक्रगुज़ार हूँ, और आप सबको बहुत बहुत शुभकामनायें देता हूँ I
जय हिंद I
ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ !
ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ !
ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ !
ଏହି ଜୟଘୋଷର ଶକ୍ତିକୁ ଏବେ ଏବେ ସାରା ଦୁନିଆଁ ଦେଖୁଛି। ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ, ଏହା କେବଳ ଏକ ଘୋଷଣା ନୁହେଁ, ଏହା ଦେଶର ପ୍ରତିଟି ସେଇ ସୈନିକଙ୍କର ଶପଥ ଅଟେ, ଯିଏ ଦେଶମାତୃକାର ସମ୍ମାନ ଓ ମର୍ଯ୍ୟାଦା ପାଇଁ ଜୀବନକୁ ବାଜି ଲଗାଇ ଥାଏ। ଏହା ଦେଶର ପ୍ରତିଟି ନାଗରିକଙ୍କର ସ୍ୱର, ଯିଏ ଦେଶ ପାଇଁ ବଂଚିବାକୁ ଇଚ୍ଛା କରନ୍ତି, ଯିଏ କିଛି କରିବାକୁ ଇଚ୍ଛା କରନ୍ତି।
ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ, ଯୁଦ୍ଧକ୍ଷେତ୍ରରେ ମଧ୍ୟ ଶୁଣାଯାଏ ଏବଂ ଅଭିଯାନରେ ମଧ୍ୟ ଶୁଣାଯାଏ। ଯେତେବେଳେ ଭାରତୀୟ ସେନା ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ ଉଚ୍ଚାରଣ କରନ୍ତି, ସେତେବେଳ, ଶତ୍ରୁଙ୍କର କଲିଜାରେ କମ୍ପନ ସୃଷ୍ଟି ହୁଏ। ଯେତେବେଳେ ଆମର ଡ୍ରୋନ୍ସ, ଶତ୍ରୁଙ୍କ ଦୁର୍ଗର ପ୍ରାଚୀରକୁ ଧ୍ୱଂସ କରେ, ଯେତେବେଳେ ଆମର ମିସାଇଲ୍ମାନ କ୍ଷୀପ୍ରଗତିରେ ଲକ୍ଷ୍ୟସ୍ଥଳରେ ପହଁଚିଥାଏ, ସେତେବେଳେ ଶତ୍ରୁକୁ ଶୁଣାଯାଏ ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ! ଯେତେବେଳେ ରାତିର ଅନ୍ଧକାର ମଧ୍ୟରେ ମଧ୍ୟ ଆମେ ସୂର୍ଯ୍ୟଙ୍କ ଉଦୟ କରିଥାଉ ସେତେବେଳେ ଶତ୍ରୁଙ୍କୁ ଦେଖାଯାଏ ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ! ଯେତେବେଳେ ଆମର ସେନା ପରମାଣୁ ଧମକର ଜବାବ ଦିଏ, ସେତେବେଳେ ଆକାଶରୁ ପାତାଳ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଗୋଟିଏ କଥା ଶୁଭିଥାଏ! ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ!
ବନ୍ଧୁଗଣ,
ବାସ୍ତବରେ, ଆପଣମାନେ ସମସ୍ତେ କୋଟି-କୋଟି ଭାରତୀୟଙ୍କର ଛାତି ପ୍ରଶସ୍ତ କରି ଦେଇଛନ୍ତି, ପ୍ରତ୍ୟେକ ଭାରତୀୟଙ୍କ ମଥା ଗର୍ବରେ ଉଚ୍ଚା କରିଦେଇଛନ୍ତି। ଆପଣମାନେ ଇତିହାସ ସୃଷ୍ଟି କରିଛନ୍ତି ଏବଂ ମୁଁ ଆଜି ସକାଳେ ଆପଣମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟକୁ ଆସିଛି, ଆପଣଙ୍କୁ ସାକ୍ଷାତ କରିବାକୁ। ଯେତେବେଳେ ବୀରଙ୍କ ପାଦ ଧରଣୀରେ ପଡ଼େ, ସେତେବେଳେ ଧରଣୀ ମା’ ଧନ୍ୟ ହୋଇଯାଏ। ଯେତେବେଳେ ବୀରଙ୍କର ଦର୍ଶନ କରିବାର ସୁଯୋଗ ମିଳେ, ସେତେବେଳେ ଜୀବନ ଧନ୍ୟ ହୋଇଥାଏ। ସେଥିପାଇଁ, ମୁଁ ଆଜି ସକାଳୁ ସକାଳୁ ଆପଣଙ୍କୁ ସାକ୍ଷାତ କରିବାକୁ ଏଠାରେ ପହଁଚିଛି। ଆଜିଠାରୁ ବହୁ ଦଶକ ପରେ ମଧ୍ୟ ଯେତେବେଳେ ଭାରତର ଏହି ପରାକ୍ରମର ଚର୍ଚ୍ଚା ହେବ, ସେତେବେଳେ ସର୍ବପ୍ରଥମ ଆପଣ ଏବଂ ଆପଣମାନଙ୍କ ସାଥୀଙ୍କ ଚର୍ଚ୍ଚା ପ୍ରମୁଖ ବିଷୟବସ୍ତୁ ହେବ। ଆପଣମାନେ ବର୍ତ୍ତମାନ ସମୟ ସହିତ ଦେଶର ଆସନ୍ତା ପିଢି ପାଇଁ ମଧ୍ୟ ନୂତନ ପ୍ରେରଣା ସୃଷ୍ଟି କରିପାରିଛନ୍ତି। ମୁଁ ଏହି ଭୂମିରୁ ବର୍ତ୍ତମାନ ସବୁ ବାୟୁସେନା, ଜଳସେନା ଏବଂ ସ୍ଥଳସେନାର ପ୍ରତ୍ୟେକ ଯୋଦ୍ଧାଙ୍କୁ ସାଲ୍ୟୁଟ୍ କରୁଛି। ଆପଣଙ୍କର ପରାକ୍ରମ ପାଇଁ ଆଜି ସାରା ଦେଶର କୋଣ ଅନୁକୋଣରେ ଅପରେସନ ସିନ୍ଦୁରର ଗୁଞ୍ଜରଣ ଶୁଣାଯାଉଛି। ଏହି ସମସ୍ତ କାର୍ଯ୍ୟକଳାପରେ ପ୍ରତିଟି ଭାରତୀୟ ଆପଣଙ୍କ ସହିତ ଛିଡ଼ା ହୋଇଛନ୍ତି, ପ୍ରତିଟି ଭାରତୀୟଙ୍କର ପ୍ରାର୍ଥନା ଆପଣଙ୍କ ସହିତ ରହିଛି। ଆଜି ପ୍ରତିଟି ଦେଶବାସୀ ତାଙ୍କର ସୈନିକ ଏବଂ ସେମାନଙ୍କ ପରିବାରଙ୍କ ପ୍ରତି କୃତଜ୍ଞତା ଜ୍ଞାପନ କରୁଛି, ସେମାନଙ୍କର ଋଣୀ ରହିଛି।
ବନ୍ଧୁଗଣ,
ଅପରେସନ୍ ସିନ୍ଦୁର କୌଣସି ସାଧାରଣ ସେନା ଅଭିଯାନ ନୁହେଁ। ଏହା ଭାରତର ନୀତି, ପ୍ରଣାଳୀ ଏବଂ ନିର୍ଣ୍ଣାୟକ ଶକ୍ତିର ତ୍ରିବେଣୀ। ଭାରତ ବୁଦ୍ଧଙ୍କର ମଧ୍ୟ ଭୂମି ଏବଂ ଗୁରୁ ଗୋବିନ୍ଦ ସିଂହଙ୍କର ମଧ୍ୟ ଭୂମି। ଗୁରୁ ଗୋବିନ୍ଦ ସିଂହ କହିଥିଲେ- ‘’ସୱା ଲାକ୍ଷ ସେ ଏକ ଲଡ଼ାଓଁ, ଚିଡ଼ିଅନ୍ ତେ ମେଁ ବାଜ ତୁଡାଓଁ, ତବେ ଗୁରୁ ଗୋବିନ୍ଦ ସିଂହ ନାମ କହାଁଉଁ।” ଅଧର୍ମର ନାଶ ଓ ଧର୍ମର ସ୍ଥାପନା ପାଇଁ ଶସ୍ତ୍ର ଉଠେଇବା, ଏହା ଆମର ପରମ୍ପରା। ସେଥିପାଇଁ ଯେତେବେଳେ ଆମର ଭଉଣୀ ଓ ଝିଅମାନଙ୍କ ସିନ୍ଦୂର ଛଡାଇ ନିଆଗଲା, ସେତେବେଳେ ଆମେ ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କର ଘରେ ପଶି ତାଙ୍କର ଫଣାକୁ ଦଳି ଦେଇଥିଲୁ। ସେମାନେ ଭୀରୁ କାପୁରୁଷ ପରି ଲୁଚି କି ଆସିଥିଲେ, କିନ୍ତୁ ସେମାନେ ଭୁଲିଯାଇଥିଲେ, ସେମାନେ ଯାହାକୁ ଆହ୍ୱାନ ଦେଉଛନ୍ତି, ସେମାନେ ଭାରତୀୟ ସେନା ଅଟନ୍ତି ବୋଲି। ଆପଣମାନେ ସେମାନଙ୍କୁ ସାମ୍ନାରୁ ଆକ୍ରମଣ କରି ହତ୍ୟା କରିଛନ୍ତି, ଆପଣମାନେ ଆତଙ୍କର ସମସ୍ତ ବଡ଼ ଆଡ୍ଡାଗୁଡିକୁ ମାଟିରେ ମିଶାଇ ଦେଇଛନ୍ତି, ୯ଟି ଆତଙ୍କୀ ଆଡ୍ଡା ଧ୍ୱଂସ ପାଇଛି। ୧୦୦ରୁ ଅଧିକ ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ମୃତ୍ୟୁ ହୋଇଛି, ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ସର୍ଦ୍ଦାରର ଏବେ ଜ୍ଞାନ ଉଦୟ ହୋଇଛି, ଭାରତ ଆଡେ ନଜର ଉଠାଇଲେ ଏହିପରି ଏକମାତ୍ର ପରିଣାମ ହେଉଛି ଧ୍ୱଂସ! ଭାରତରେ ନିର୍ଦ୍ଦୋଷ ଲୋକମାନଙ୍କର ରକ୍ତ ବୁହାଇଲେ ଏକମାତ୍ର ପରିଣାମ ହେବ ବିନାଶ ଓ ମହାବିନାଶ! ଯେଉଁ ପାକିସ୍ତାନୀ ସେନାର ସମର୍ଥନରେ ଏହି ଆତଙ୍କବାଦୀ ବସିଥିଲେ, ଭାରତର ସ୍ଥଳସେନା, ଭାରତର ବାୟୁ ସେନା ଓ ଭାରତର ଜଳସେନା, ସେହି ପାକିସ୍ତାନୀ ସେନାକୁ ଧୂଳିସାତ୍ କରିପାରିଛି। ଆପଣ ପାକିସ୍ତାନୀ ସେନାକୁ ମଧ୍ୟ ଜଣେଇ ଦେଇଛନ୍ତି ପାକିସ୍ତାନରେ ଏପରି କୌଣସି ସ୍ଥାନ ନାହିଁ, ଯେଉଁଠାରେ ବସି ଆତଙ୍କବାଦୀମାନେ ଆରାମରେ ନିଃଶ୍ୱାସ ନେଇପାରିବେ। ଆମେ ଘରେ ପଶି ମାରିବୁ ଏବଂ ବଂଚିବାର ଗୋଟିଏ ବି ସୁଯୋଗ ଦେବୁନାହିଁ। ଆମର ଡ୍ରୋନ୍, ଆମର ମିସାଇଲ୍, ବିଷୟରେ ଚିନ୍ତା କରି ପାକିସ୍ତାନକୁ କେତେ ଦିନ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ନିଦ୍ରା ଆସିବ ନାହିଁ। ‘କୌଶଳ ଦିଖାୟା ଚାଲୋ ମେଁ ଉଡଗୟା ଭୟାନକ ଭାଲୋ ମେଁ’ । ନିର୍ଭୀକ ଗୟା ବହ ଢାଲୋ ମେଁ ସରପଟ ଦୌଡା କର ବାଲୋ ମେଁ ‘ । ଏହି ଉକ୍ତିଗୁଡିକ ମହାରାଣା ପ୍ରତାପଙ୍କର ଏକ ପ୍ରସିଦ୍ଧ ଘୋଡା ଚେତକ ଉପରେ ଲିଖିତ। କିନ୍ତୁ ଏହି ଉକ୍ତିଗୁଡିକ ଆଜିର ଆଧୁନିକ ଭାରତୀୟ ଅସ୍ତ୍ରଶସ୍ତ୍ର ସହିତ ମେଳ ଖାଉଛି।
ମୋର ବୀର ବନ୍ଧୁଗଣ,
ଅପରେସନ୍ ସିନ୍ଦୂର ମାଧ୍ୟମରେ ଆପଣ ଦେଶର ଆତ୍ମବଳକୁ ବୃଦ୍ଧି କରିଛନ୍ତି, ଦେଶକୁ ଏକତାର ସୂତ୍ରରେ ବାନ୍ଧିଛନ୍ତି, ଏବଂ ଆପଣ ଭାରତର ସୀମାଗୁଡିକୁ ସୁରକ୍ଷିତ କରିଛନ୍ତି, ଭାରତର ସ୍ୱାଭିମାନକୁ ନୂତନ ଉଚ୍ଚତା ଦେଇଛନ୍ତି।
ବନ୍ଧୁଗଣ,
ଆପଣ ସେହି କାମ କରିଛନ୍ତି, ଯାହା ଅଭୂତପୂର୍ବ, ଅକଳ୍ପନୀୟ, ଅଦ୍ଭୁତ। ଆମର ଏୟାରଫୋର୍ସ ପାକିସ୍ତାନରେ ଏତେ ଗଭୀର, ଆତଙ୍କୀ ଆଡ୍ଡାକୁ ଲକ୍ଷ୍ୟଧାର୍ଯ୍ୟ କରିଛି। କେବଳ ୨୦-୨୫ ମିନିଟ ମଧ୍ୟରେ, ସୀମା ପାର ଲକ୍ଷ୍ୟକୁ ଭେଦ କରିଛି। ଏହା ଏକ ଆଧୁନିକ ଜ୍ଞାନ କୌଶଳରେ ପରିପୂର୍ଣ୍ଣ ଏକ ପ୍ରୋଫେସନାଲ୍ ଶକ୍ତି ହିଁ କରିପାରିବ। ଆପଣଙ୍କର ଗତି ଓ ସଠିକତା, ଏହି ସ୍ତରରେ ଥିଲା ଯେ ଯାହା ଫଳରେ ଶତ୍ରୁମାନେ ଆବା-କାବା ହୋଇଗଲେ। ତାଙ୍କୁ ଜଣାପଡିଲା ନାହିଁ କେତେବେଳେ ତାଙ୍କର ଛାତି ଚିରି ହୋଇଗଲା।
ବନ୍ଧୁଗଣ,
ଆମର ଲକ୍ଷ୍ୟ ଥିଲା ପାକିସ୍ତାନ ମଧ୍ୟରେ ଥିବା ଆତଙ୍କବାଦୀ ଆଡ୍ଡାକୁ ଧ୍ୱଂସ କରବା। ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କୁ ଧ୍ୱଂସ କରିବା। କିନ୍ତୁ ପାକିସ୍ତାନ ତାଙ୍କର ଯାତ୍ରୀବାହୀ ବିମାନକୁ ଆଗରେ ରଖି ଯେଉଁ ଷଡଯନ୍ତ୍ର କରିଥିଲା ମୁଁ କଳ୍ପନା କରିପାରୁଛି ସେହି ସମୟ କେତେ କଠିନ ହୋଇଥିବ। ଯେତେବେଳେ ସିଭିଲିୟନ ଏୟାରକ୍ରାଫ୍ଟ ଦେଖିବାକୁ ମିଳିଥିଲା। ମୋତେ ଗର୍ବ ହେଉଛି ଆପଣ ଖୁବ ସାବଧାନ, ଖୁବ ସତର୍କତାର ସହିତ ସିଭିଲିୟନ ଏୟାରକ୍ରାଫ୍ଟକୁ କୌଣସି କ୍ଷତି ନ କରି ଏହାକୁ ଧ୍ୱଂସ କରି ଦେଖାଇଛ। ତାହାର ଉତ୍ତର ତୁମେ ଦେଇଛ। ମୁଁ ଗର୍ବର ସହିତ କହିପାରିବି, ଯେ ତୁମେ ସମସ୍ତେ ନିଜ ନିଜର ସଠିକ୍ ଲକ୍ଷ୍ୟ ହାସଲ କରିପାରିଛ। ପାକିସ୍ତାନରେ କେବଳ ଆତଙ୍କବାଦୀ ଆଡ୍ଡା ଧ୍ୱଂସ ପାଇ ନଥିଲା ବରଂ ଆତଙ୍କବାଦୀମାନଙ୍କ ଖରାପ ଚିନ୍ତାଧାରା ଏବଂ ତାଙ୍କର ଦୁଃସାହସ ଦୁଇଟି ଯାକର ପରାଜୟ ହୋଇଥିଲା।
ବନ୍ଧୁଗଣ,
ଅପରେସନ ସିନ୍ଦୂର ଅଭିଯାନ ଦ୍ୱାରା ଭୟଭୀତ ଶତ୍ରୁ ଏହି ଏୟାର ବେସ୍ ବ୍ୟତୀତ ଆମର ଆହୁରି ଅନେକ ଏୟାର ବେସ୍ ଉପରେ ଆକ୍ରମଣ କରିବାର ଅନେକ ଥର ଉଦ୍ୟମ କରିଛି। ବାରମ୍ବାର, ସେମାନେ ଆମକୁ ଲକ୍ଷ୍ୟ କରିଛନ୍ତି। କିନ୍ତୁ ପାକିସ୍ତାନର ନୀଚ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟ ସବୁ ଥରକ ନିଷ୍ଫଳ ହୋଇଛି। ପାକିସ୍ତାନର ଡ୍ରୋନ, ତାଙ୍କର ୟୁଏଭି, ତାଙ୍କର ବିମାନ ଏବଂ ତାଙ୍କର ମିସାଇଲ, ଆମର ସଶକ୍ତ ଏୟାର ଡିଫେନ୍ସର ସାମ୍ନାରେ ହାର୍ ମାନିଛି। ମୁଁ ଦେଶର ସମସ୍ତ ଏୟାରବେସ୍ ସହିତ ଜଡିତ ନେତୃତ୍ୱକୁ, ଭାରତୀୟ ବାୟୁ ସେନାର ପ୍ରତିଟି ବୀର ବାୟୁ ଯୋଦ୍ଧାଙ୍କୁ ହୃଦୟରୁ ପ୍ରଶଂସା କରୁଛି, ଆପଣମାନେ ପ୍ରକୃତରେ ବହୁତ ଭଲ କାମ କରିଛନ୍ତି।
ବନ୍ଧୁଗଣ,
ଆତଙ୍କବାଦ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଭାରତର ଲକ୍ଷ୍ମଣ ରେଖା ବର୍ତ୍ତମାନ ସ୍ପଷ୍ଟ ହୋଇଛି। ଏବେ ପୁନର୍ବାର ଯଦି କୌଣସି ଆତଙ୍କବାଦୀ ଆକ୍ରମଣ ହୁଏ ତେବେ ଭାରତ ଜବାବ ଦେବ, ନିଶ୍ଚୟ ଜବାବ ଦେବ। ଏହା ସଜିର୍କାଲ ଷ୍ଟ୍ରାଇକ ସମୟରେ ଦେଖିଛୁ, ଏବଂ ବର୍ତ୍ତମାନ ଅପରେସନ୍ ସିନ୍ଦୂର, ଭାରତଙ୍କ ନ୍ୟୁ ନର୍ମାଲ ଅଟେ। ଆଉ ଯେମିତି ମୁଁ କାଲି କହିଥିଲି, ଭାରତ ଏବେ ତିନି ସୂତ୍ରରେ ହସ୍ତକ୍ଷେପ ନିଷ୍ପତ୍ତି ନେଇଛି। ପ୍ରଥମରେ- ଭାରତ ଉପରେ ଯଦି ଆତଙ୍କବାଦୀ ଆକ୍ରମଣ ହୁଏ ତେବେ ଆମେ ଆମ ଉପାୟରେ, ଆମ ସର୍ତ୍ତରେ ଆମ ସମୟରେ ଜବାବ ଦେବୁ। ଦ୍ୱିତୀୟରେ- କୌଣସି ପ୍ରକାରର ନ୍ୟୁକ୍ଲିୟର୍ ବ୍ଲ୍ୟାକମେଲ୍ ଭାରତ ସହିବ ନାହିଁ। ତୃତୀୟରେ- ଆମେ ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କୁ ସମର୍ଥନ କରୁଥିବା ସରକାର ଏବଂ ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ସର୍ଦ୍ଦାରକୁ ଭିନ୍ନ ଦୃଷ୍ଟିରେ ଦେଖିବୁ ନାହିଁ। ବିଶ୍ୱ ମଧ୍ୟ ଭାରତର ଏହି ନୂତନ ରୂପକୁ, ଏହି ନୂତନ ବ୍ୟବସ୍ଥାକୁ ବୁଝି ଆଗକୁ ଅଗ୍ରସର ହେଉଛି।
ବନ୍ଧୁଗଣ,
ଅପରେସନ୍ ସିନ୍ଦୂରର ପ୍ରତ୍ୟେକଟି କ୍ଷଣ ଭାରତର ସେନା ସାମର୍ଥ୍ୟର ସାକ୍ଷୀ ଦେଉଛି। ଏହି ସମୟରେ ଆମର ସେନାଙ୍କର ତାଳେମେଳ, ମୁଁ କହିବି ବାସ୍ତବରେ ଉତ୍କୃଷ୍ଟ ଥିଲା। ଆର୍ମୀ ହେଉ, ନେଭୀ ହେଉ କିମ୍ବା ଏୟାର ଫୋର୍ସ, ସମସ୍ତଙ୍କର ତାଲମେଳ ବହୁତ ଜବରଦସ୍ତ ଥିଲା। ନେଭୀ ସମୁଦ୍ରରେ ତାଙ୍କର ପରାକ୍ରମ ଦେଖାଇଥିଲା। ସେନା ସୀମାରେ ତା’ର ସୁଦୃଢତା ଜାହିର କଲା ଏବଂ, ଭାରତୀୟ ବାୟୁ ସେନା ଆକ୍ରମଣ କରିଛି ଏବଂ ରକ୍ଷା ମଧ୍ୟ କରିଛି। ବିଏସ୍ଏଫ ଏବଂ ଅନ୍ୟାନ୍ୟ ଶକ୍ତିଗୁଡିକ ମଧ୍ୟ ଅଦ୍ଭୁତ କ୍ଷମତା ପ୍ରଦର୍ଶନ କରିଛନ୍ତି। ଇଣ୍ଟିଗ୍ରେଟେଡ୍ ଏୟାର ଆଣ୍ଡ ଲ୍ୟାଣ୍ଡ କୋମ୍ବାଟ୍ ସିଷ୍ଟମ୍ ପ୍ରଶଂସନୀୟ କାମ କରିଛି। ଏହା ହେଉଛି, ଏକତା, ଏହା ଏବେ ଭାରତୀୟ ସେନା ସାମର୍ଥ୍ୟର ଏକ ଶକ୍ତିଶାଳୀ ପରିଚୟ ସୃଷ୍ଟି କରିଛି।
ବନ୍ଧୁଗଣ,
ଅପରେସନ୍ ସିନ୍ଦୂରରେ ଜନବଳ ସହ ମେଶିନ ସାମର୍ଥ୍ୟର ତାଳମେଳ ମଧ୍ୟ ଅଦ୍ଭୁତ ଥିଲା। ଭାରତର ପାରମ୍ପରିକ ଏୟାର୍ ଡିଫେନ୍ସ୍ ସିଷ୍ଟମ୍ ହେଉ, ଯାହା ବହୁତ ଲଢେଇ ଦେଖିଛି, କିମ୍ବା ଆକାଶ ପରି ଆମର ମେଡ ଇନ୍ ଇଣ୍ଡିଆ ପ୍ଲାଟଫର୍ମ ହେଉ, ଯାହାକୁ S-400 ଭଳି ଆଧୁନିକ ଓ ସଶକ୍ତ ଡିଫେନ୍ସ୍ ସିଷ୍ଟମ୍ ଅଭୂତପୂର୍ବ ମଜବୁତି ଦେଇଛି। ଏହି ମଜବୁତ ସୁରକ୍ଷା କବଚ ଭାରତର ପରିଚୟ ହୋଇପାରିଛି। ପାକିସ୍ତାନର ଲକ୍ଷେ ଚେଷ୍ଟା ପରେ ମଧ୍ୟ, ଆମର ଏୟାରବେସ୍ ହେଉ କିମ୍ବା ଆମର ଅନ୍ୟ ଡିଫେନ୍ସ୍ ଭିତ୍ତିଭୂମି, ଏହା ଉପରେ ଆଞ୍ଚ ମଧ୍ୟ ଆସିନାହିଁ। ଏହାର ସବୁ ଶ୍ରେୟ ଆପଣମାନଙ୍କୁ ଯାଉଛି, ମୋତେ ଗର୍ବ ଅନୁଭବ ହେଉଛି ଆପଣମାନଙ୍କ ଉପରେ, ସୀମାରେ ନିୟୋଜିତ ଥିବା ପ୍ରତ୍ୟେକ ସୈନିକ, ଏହି ଅପରେସନ୍ରେ ଜଡିତ ସମସ୍ତ ବ୍ୟକ୍ତିଙ୍କୁ ଏହାର ଶ୍ରେୟ ଯାଉଛି।
ବନ୍ଧୁଗଣ,
ଆଜି ଆମ ପାଖରେ ନୂତନ ଏବଂ cutting edge technology ର ଏମିତି ସାମର୍ଥ୍ୟ ଅଛି, ଯାହା ପାକିସ୍ତାନ ମୁକାବିଲା କରିପାରିବ ନାହିଁ। ବିଗତ ଦଶକରେ ଏୟାରଫୋର୍ସ ସହିତ, ଆମର ସମସ୍ତ ସେନାଙ୍କ ପାଖରେ, ବିଶ୍ୱର ଶ୍ରେଷ୍ଠ ବୈଷୟିକ ଜ୍ଞାନକୌଶଳ ପହଞ୍ଚିପାରିଛି। କିନ୍ତୁ ଆମେ ସମସ୍ତେ ଜାଣିଛୁ, ନୂତନ ଟେକ୍ନୋଲୋଜୀ ସହ ଗୁଡ଼ିଏ ସମସ୍ୟା ମଧ୍ୟ ଆସିଥାଏ। ଜଟିଳ ଏବଂ ସଂକୀର୍ଣ୍ଣ ପ୍ରଣାଳୀଗୁଡ଼ିକର ଭାରସାମ୍ୟ ରଖିବା, ସେଗୁଡିକର କାର୍ଯ୍ୟ କ୍ଷମତା ସହିତ ଉପଯୋଗ କରିବା ଏକ ବହୁତ ବଡ଼ କୌଶଳ। ଆପଣମାନେ ଟେକ୍ନୋଲୋଜୀକୁ କୌଶଳ ସହିତ ଯୋଡ଼ି ଦେଖାଇଛନ୍ତି। ଆପଣ ପ୍ରମାଣିତ କରିଛନ୍ତି ଯେ ଆପଣମାନେ ଏହି ଖେଳରେ, ଦୁନିଆରେ ସର୍ବୋତ୍ତମ ଅଟନ୍ତି। ଭାରତର ବାୟୁସେନା ବର୍ତ୍ତମାନ କେବଳ ଅସ୍ତ୍ରଗୁଡ଼ିକରୁ ନୁହେଁ, ତଥ୍ୟ ଏବଂ ଡ୍ରୋନ୍ଗୁଡ଼ିକ ମାଧ୍ୟମରେ ମଧ୍ୟ ଶତ୍ରୁ ପକ୍ଷକୁ ହରାଇବାରେ କୁଶଳୀ ହୋଇପାରିଛନ୍ତି।
ବନ୍ଧୁଗଣ,
ପାକିସ୍ତାନର ନିବେଦନ ପରେ ଭାରତ କେବଳ ସୈନ୍ୟ କାର୍ଯ୍ୟକାଳାପକୁ ସ୍ଥଗିତ ରଖିଛି। ଯଦି ପାକିସ୍ତାନ ପୁନର୍ବାର ଆତଙ୍କବାଦୀ କାର୍ଯ୍ୟକଳାପ କରେ କିମ୍ବା ସେନା ଦୁଃସାହସ ଦେଖାଏ, ତେବେ ଆମେ ତାହାର ଉଚିତ ଜବାବ ଦେବୁ। ଏହି ଜବାବ, ଆମର ସର୍ତ୍ତରେ, ଆମର ଢଙ୍ଗରେ ହେବ। ଏହି ନିର୍ଣ୍ଣୟର ମୂଳ ଆଧାର ହେଉଛି, ଏହା ପଛରେ ଲୁଚିଥିବା ବିଶ୍ୱାସ, ଆପଣଙ୍କର ସହନଶୀଳତା, ସାହସ, ଶୌର୍ଯ୍ୟ ଏବଂ ସତର୍କତା। ଆପଣଙ୍କୁ ଏହି ଦୃଢତା, ଏହି ଚେଷ୍ଟା, ଏହି ଉତ୍ସାହକୁ ଏମିତି ଭାବରେ ନିରନ୍ତର ଜାରି ରଖିବାକୁ ହେବ। ଆମକୁ ନିରନ୍ତର ସଜାଗ ରହିବାକୁ ହେବ, ଆମକୁ ପ୍ରସ୍ତୁତ ରହିବାକୁ ହେବ। ଆମେ ଶତ୍ରୁଙ୍କୁ ଭୁଲାଇ ଦେବା ନାହିଁ ଯେ ଏହା ହେଉଛି ନୂତନ ଭାରତ। ଏହି ଭାରତ ଶାନ୍ତି ଚାହୁଛି, କିନ୍ତୁ ଯଦି ମାନବତା ବିରୁଦ୍ଧରେ ଆକ୍ରମଣ ହୁଏ, ତେବେ ଏହି ଭାରତ ଯୁଦ୍ଧକ୍ଷେତ୍ରରେ ଶତ୍ରୁଙ୍କୁ ମାଟିରେ ମିଶାଇବାର କ୍ଷମତା ଭଲ ଭାବରେ ଜାଣିଛି। ଏହି ସଂକଳ୍ପ ସହିତ ଆସନ୍ତୁ, ଆଉ ଥରେ କୁହନ୍ତୁ.......
ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ ! ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ !
ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍। ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍।
ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍। ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍।
ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍। ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍।
ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍। ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍।
ବନ୍ଦେ ମାତରମ୍।
ବହୁତ-ବହୁତ ଧନ୍ୟବାଦ।