मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महनुभाव, और भारत माता की सेवा के लिए अपने आप को समर्पित करने वाले सभी वीर बहादुर जवानों,
ये बड़ा सौभाग्य है की आज मातृभूमि के लिए जीवन अर्पण करने वाले वीर शहीदों को नमन करने का मुझे अवसर मिला I मुझे विश्वास है कि भारत माँ की सेवा करने वाले इन वीर शहीदों को स्मरण करते हुए उनको नमन किया है तब, मुझे उन सभी वीर शहीद आत्माओं का आशीर्वाद मिलेगा, जो मुझे देश की सेवा करने की और अधिक ताक़त देगा I त्याग तपस्या में कोई कमी न रहे, इसके लिए उनका जीवन, हम जैसे नागरिकों के लिए भी प्रेरक है I आप लोग मातृभूमि के लिए अपना घर-बार-गाँव, यार-दोस्त-परिवार छोड़ कर के उन कठिन क्षेत्रों में काम करते हैं, जिस कठिनाई का अंदाज़ सामान्य जीवन जीने वाले नागरिकों को होना बहुत मुश्किल होता है I लेकिन आप ये जो साधना करते हैं, जो तपस्या करते हैं, उसी की बदौलत देश के कोटि कोटि नागरिक सुख-चैन की ज़िंदगी जी सकते हैं I कोटि कोटि जनों के आशीर्वाद आपके साथ हैं, और जब कोटि कोटि जनों के आशीर्वाद आपके साथ हैं, तो आपकी रक्षा जो कोटि-कोटि जनों के आशीर्वाद से बना रहता है। इस से बड़ा कोई रक्षा-कवच नहीं हो सकता है I
मैं इस मत का हूँ कि अगर देश विकास करना चाहता है, देश अगर प्रगति करना चाहता है, तो देश में सुख, शांति, सद्भावना, भाईचारा, ये अनिवार्य होता है, और उसी की नीव पर देश विकास की नयी उँचाइयों को पाता रहता है I ये सुख शांति तब तक प्राप्त नहीं होती है, जब तक हम हमारी सीमाओं को सुरक्षित न करें, हमारे सुरक्षा बलों को समर्थ न करें, हमारे सुरक्षा बलों को आधुनिक न करें, तब तक ये संभव नहीं होगा और राष्ट्र के विकास के लिए भी सुरक्षा का क्षेत्र सबसे ज़्यादा सशक्त होना, समय की माँग है I
मैं सैन्य-बल के आधुनिकरण के पक्ष का हूँ I ना सिर्फ़ सैन्य-बल, सब प्रकार के सुरक्षा बलों के आधुनिकरण के पक्ष का हूँ I विज्ञान बहुत आगे बढ़ चुका है I टेक्नालजी बहुत आगे बढ़ चुकी है I अब शायद आने वाले नज़दीक के भविष्य में आमने-सामने लड़ाई के कुछ अवसर ही रहने वाले हैं I बहुत बढ़ा बदलाव आने वाला है I और तब जाकर के सेना को आधुनिक बनाना, वैज्ञानिक बनाना, टेक्नालजी से सू-सज्य बनाना, यह समय की माँग है, और हमारी यह प्राथमिकता रही है I आज देखिए हमारी कठिनाई कैसी है, कि सेना के जवानों के लिए जितना खर्च करना चाहिए, सुरक्षा बलों के लिए जितना खर्च करना चाहिए, उससे काफ़ी ज़्यादा हमारा बजट, हमारे सुरक्षा के संसाधनों को import करने में जाता है I अगर हम defence offset में आत्म-निर्भर होते हैं, सेना के लिए आवश्यक आधुनिक से आधुनिक प्रकार के शस्त्र हम अपने यहाँ उत्पादित करते हैं तो बजट का काफ़ी हिस्सा, जो आज विदेशों में जा रहा है, वो हमारे सैन्य-बल के लोगों के कल्याण के लिए खर्च किया जा सकता है I अगर हम शस्त्र-अस्त्रों का उत्पादन अपने देश में करने पर बल दें, तो हमारे देश के नौजवानों को रोज़गार उपलब्ध होता है, और जो देश शस्त्र-अस्त्र उत्पादन करने की क्षमता रखता है, वो सेना के जवानों के साथ-साथ उस देश के नागरिकों का मनोबल भी बहुत ऊँचा होता हैI उनको विश्वास होता है कि मेरी सेना के जवानों के हाथ खाली नहीं हैं,उनकी भुजाओं में सामर्थ्यवान अस्त्र-शस्त्र भरे पड़े हैंI जो उसके दिल दिमाग़ में जुझारूपन है और दिल दिमाग के जुझारूपन के साथ अस्त्र-शस्त्र का बल अनिवार्य है, और इसलिए, भारत को आत्म-रक्षा के लिए शस्त्र-अस्त्र के उत्पादन में आत्म-निर्भर होना बहुत आवश्यक है I आत्म-निर्भर व्यक्ति ही जैसे आत्म-गौरव से जी सकता है, वैसे आत्म निर्भर देश भी आत्म-गौरव के साथ विश्व के सामने सर ऊँचा करके जी सकता हैI
बदले हुए कालखण्ड में पूरा विश्व भारत की तरफ बड़ी आशा के साथ से देख रहा हैI विश्व भी, जो शांति की तलाश में है, उसे भी लगता है की भारत एक catalytic agent के रूप में एक बहुत बड़ी भूमिका अदा कर सकता हैI
विश्व के सामर्थ्यवान देश आज भारत के साथ बराबरी के साथ बात करने के लिए उत्सुक हैं I ये तभी संभव हुआ है के हम सामर्थ के साथ खड़े हैं I
मेरे नौजवान साथियो, आपकी ये तपस्या कभी बेकार नहीं जाएगी I आपका कल्याण, आपके परिवारजनों का कल्याण, आपकी संतानों का उज्ज्वल भविष्य, ये भारत की सामूहिक ज़िम्मेवारी है, और मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूँ क्योंकि मेरी सरकार इस विषय में प्रतिबद्ध है, और सेना के जवान के परिवार की चिंता अगर देश करता है, तो जवान हंसते-हंसते देश की चिंता करता है. इस मंत्र को मैं भली भाँति समझता हूँ, और इसलिए, वन्दे-मातरम का मंत्र लेकर के, देश की आज़ादी के लिए कितने लोगों ने जीवन दे दिया I
आज , हर दो कदम पर जय हिंद- जय हिंद- जय हिंद सुनाई देता है I एक जवान दूसरे जवान को मिलता है तो जय हिंद कह करके ग्रीट करता है I ये जय हिंद करने के लिए सीमा पर जवान, देश में किसान, 65% नौजवान – गाओं हो, खेत हो, खलिहान हो, शहर हो, सीमा हो – हर कोने पर ये “जय हिंद” का नारा, ये “भारत माँ की जय” की ललकार, हमें देश को आगे बढ़ाने की ताक़त दे I हम देश को और नयी उँचाइयों पर ले जायें I सवा सौ करोड़ देशवासियों के सपनो को पूरा करने का संकल्प लेकर के हम आगे बढ़ें I और उन संकल्पों की सुरक्षा भी आपके हाथों में है I मुझे विश्वास है, सवा सौ करोड़ देशवासियों को विश्वास है, के देश को कभी दुनिया की कोई ताक़त आपके रहते हुए ना झुका सकती है, ना कभी उसे पराजित कर सकती है I ये विजय का विश्वास लेकर के निकले हुए आप लोग कभी पराजित हो नही सकते, और जहाँ विजयश्री का मंत्र होता है, वहाँ ईश्वर का भी आशीर्वाद रहते हैं, और कभी हम अकेले नहीं होते I दूर-दूर पहाड़ी-नदी में कभी आप अकेले सेना के साथ अपनी ज़िम्मेदारी अगर निभा रहे हो, दूर-दूर चले गए हों आपके अगल-बगल में कोई दिखता नहीं होगा, लेकिन आप विश्वास करना कि आप अकेले नहीं होंगे, एक प्लस-वन आपके साथ होगा, वो ईश्वरीय शक्ति आपके साथ होती है हर पल होती है, क्यों? इसलिए की आप नि-स्वार्थ भाव से पवित्र कार्य करने के लिए चल पड़े हैं और जो नि-स्वार्थ भाव से पवित्र कार्य करता है, उसके ईश्वर हमेशा साथ रहता है I और जिसके साथ ईश्वर रहता है, वहाँ पराजय की कभी संभावना नहीं होती I वहाँ सिर्फ़ जै ही जै लिखा हुआ होता है I और वही जै अल्टिमेट्ली जय -हिंद का मंत्र बन जाता है I ये जय हिन्द का मंत्र हम सबको देश को आगे ले जाने की प्रेरणा देता है I
मैं आज, आप सभी जवानों को मेरी तरफ से बहुत बहुत शुभकामनायें देता हूँ, और मैं आपको विश्वास देता हूँ की चाहे सरकार हो या समाज हो, पूरा देश आपके साथ खड़ा है I जैसा अभी बताया गया, देश के जवान कई सालों से प्रतीक्षा कर रहे थे, की आज़ाद हिन्दुस्तान में एक हमारा नैशनल वॉर म्यूज़ीयम बनाना चाहिए, नैशनल वॉर मेमोरियल बनाना चाहिए I मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ, और वैसे भी, मैं जबसे शासकीय व्यवस्था में आया हूँ, जब कभी गुजरात का मुख्यमंत्री रहा, या अभी प्रधानमंत्री बना, मेरा अनुभव रहा है कि जो अच्छे-अच्छे काम हैं, वो मेरे लिए बाकि रह गये हैं I वो सारे अच्छे-अच्छे काम मुझे ही करने हैं, और मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ की जो सौभाग्य मुझे मिला है, वो सौभाग्य मैं पूरा करके रहूँगा और सम्मान प्राप्त हों। देश की आम इंसान को गौरव हो इसके लिए आवश्यक सारे कदम उठाउँगाI मैं फिर एक बार, आप सबको बहुत बहुत शुभ-कामनायें देता हूँ और आपकी रक्षा राष्ट्र की रक्षा के लिए बहुत अनिवार्य है, इस बात को समझते हुए, आपको हर प्रकार से सज्य करना, ये शासन का दायित्व है I त्याग और तपस्या की आपकी भावना बहुत उँची होने के बावजूद भी आपकी रक्षा करने की भावना भी शासन के लिए सर्वोपरि रहनी चाहिए, इस मंत्र को लेकर के हम काम करते हैं I फिर एक बार, आपके बीच आने का मुझे अवसर मिला, आपसे मिलने का अवसर मिला – मैं आप सबका बहुत बहुत शुक्रगुज़ार हूँ, और आप सबको बहुत बहुत शुभकामनायें देता हूँ I
जय हिंद I

नमस्कार, केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी श्री अश्विनी वैष्णव जी, श्री देवुसिंह चौहान जी, डॉक्टर एल मुरुगन जी, टेलिकॉम और ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर से जुड़े सभी लीडर्स, देवियों और सज्जनों!
Telecom Regulatory Authority of India - TRAI इससे जुड़े सभी साथियों को सिल्वर जुबली की बहुत बहुत बधाई। ये सुखद संयोग है कि आज आपकी संस्था ने 25 साल पूरे किए हैं, तब देश आज़ादी के अमृतकाल में अगले 25 वर्षों के रोडमैप पर काम कर रहा है, नए लक्ष्य तय कर रहा है। थोड़ी देर पहले मुझे देश को अपना, खुद से निर्मित 5G Test-bed राष्ट्र को समर्पित करने का अवसर मिला है। ये टेलिकॉम सेक्टर में क्रिटिकल और आधुनिक टेक्नॉलॉजी की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम कदम है। मैं इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी साथियों को, हमारे IITs को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। साथ ही मैं देश के युवा साथियों को, researchers और companies को आमंत्रित करता हूं कि वो इस टेस्टिंग फैसिलिटी का उपयोग 5G टेक्नॉलॉजी के निर्माण के लिए करें। विशेष रूप से हमारे स्टार्ट अप्स के लिए अपने प्रोडक्ट टेस्ट करने का ये बहुत बड़ा अवसर है। यही नहीं, 5Gi के रूप में जो देश का अपना 5G standard बनाया गया है, वो देश के लिए बहुत गर्व की बात है। ये देश के गांवों में 5G टेक्नॉलॉजी पहुंचाने और उस काम में बड़ी भूमिका निभाएगा।
साथियों,
21वीं सदी के भारत में कनेक्टिविटी, देश की प्रगति की गति को निर्धारित करेगी। इसलिए हर स्तर पर कनेक्टिविटी को आधुनिक बनाना ही होगा। और इसकी बुनियाद का काम करेंगे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, आधुनिक टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल। 5G टेक्नोलॉजी भी, देश की गवर्नेंस में, ease of living, ease of doing business इन अनेक विषयों में सकारात्मक बदलाव लाने वाली है। इससे खेती, स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और logistics, हर सेक्टर में ग्रोथ को बल मिलेगा। इससे सुविधा भी बढ़ेगी और रोज़गार के भी नए अवसर बनेंगे। अनुमान है कि आने वाले डेढ़ दशक में 5G से भारत की अर्थव्यवस्था में 450 बिलियन डॉलर का योगदान होने वाला है। यानि ये सिर्फ इंटरनेट की गति ही नहीं, बल्कि प्रगति और Employment Generation की गति को भी बढ़ाने वाला है। इसलिए, 5G तेज़ी से rollout हो, इसके लिए सरकार और इंडस्ट्री, दोनों को collective efforts की ज़रूरत है। इस दशक के अंत तक हम 6G सर्विस भी लॉन्च कर पाएं, इसके लिए भी हमारी टास्क फोर्स काम करना शुरु कर चुकी है।
साथियों,
हमारा प्रयास है कि टेलीकॉम सेक्टर और 5G टेक्नोलॉजी में हमारे स्टार्ट अप्स तेज़ी से तैयार हों, ग्लोबल चैंपियन बनें। हम अनेक सेक्टर्स में दुनिया के एक बड़े डिज़ायन पावर हाउस हैं। Telecom equipment मार्केट में भी भारत के डिज़ायन चैंपियन्स का सामर्थ्य हम सभी जानते हैं। अब इसके लिए ज़रूरी R&D इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रक्रियाओं को आसान बनाने पर हमारा विशेष फोकस है। और इसमें आप सबकी भी बहुत बड़ी भूमिका है।
साथियों,
आत्मनिर्भरता और स्वस्थ स्पर्धा कैसे समाज में, अर्थव्यवस्था में multiplier effect पैदा करती है, इसका एक बेहतरीन उदाहरण हम सब गर्व से कह सकते हैं, हमारा टेलिकॉम सेक्टर है। हम जरा पुरानी तरफ नजर करें 2G का काल, 2G का काल यानि निराशा, हताशा, करप्शन, पॉलिसी पैरालिसिस और आज उस कालखंड से बाहर निकलकर देश ने 3G से 4G और अब 5G और 6G की तरफ तेज़ी से कदम बढ़ाए हैं। ये transition बहुत smoothly, बहुत transparency के साथ हो रहा है और इसमें TRAI की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। Retrospective taxation हो, या AGR जैसे मुद्दे, जब भी इंडस्ट्री के सामने चुनौतियां आई हैं, तो हमने उतनी ही गति से respond करने का प्रयास किया है और जहां-जहां जरूरत पड़ी हमने reform भी किया है। ऐसे ही प्रयासों ने एक नया विश्वास पैदा किया। इसी का परिणाम है कि 2014 से पहले एक दशक से ज्यादा समय में जितना FDI टेलिकॉम सेक्टर में आया है, उससे डेढ़ गुणा से अधिक सिर्फ इन 8 सालों में आया है। भारत के potential पर investors के इसी sentiment को मज़बूत करने की ज़िम्मेदारी हम सभी पर है।

साथियों,
बीते वर्षों में सरकार जिस तरह नई सोच और अप्रोच के साथ काम कर रही है, उससे आप सभी भली-भांति परिचित हैं। Silos वाली सोच से आगे निकलकर अब देश whole of the government approach के साथ आगे बढ़ रहा है। आज हम देश में tele-density (टेली-डेंसिटी) और internet users के मामले में दुनिया में सबसे तेज़ी से expand हो रहे हैं तो उसमें टेलीकॉम समेत कई सेक्टर्स की भूमिका रही है। सबसे बड़ी भूमिका internet की है।2014 में जब हम आए तो हमने सबका साथ, सबका विकास और इसके लिए टेक्नॉलॉजी के व्यापक उपयोग को अपनी प्राथमिकता बनाया। इसके लिए सबसे ज़रूरी ये था कि देश के करोड़ों लोग आपस में जुड़ें, सरकार से भी जुड़ें, सरकार की भी सभी इकाइयां चाहे केंद्र हो, राज्य हो, स्थानीय स्वराज संस्थाएं हों, वे भी एक प्रकार से एक आर्गेनिक इकाई बनकर के आगे बढ़े। आसानी से कम से कम खर्च में जुड़ें, बिना करप्शन के सरकारी सेवाओं का लाभ ले सकें। इसलिए हमने जनधन, आधार, मोबाइल की ट्रिनिटी को डायरेक्ट गवर्नेंस का माध्यम बनाना तय किया। मोबाइल गरीब से गरीब परिवार की भी पहुंच में हो, इसके लिए हमने देश में ही मोबाइल फोन की मैन्युफेक्चरिंग पर बल दिया। परिणाम ये हुआ कि मोबाइल मैन्युफेक्चरिंग यूनिट्स 2 से बढ़कर 200 से अधिक हो गईं। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल फोन मैन्युफेक्चरर है, और जहां हम अपनी ज़रूरत के लिए फोन इंपोर्ट करते थे, आज हम मोबाइल फोन एक्सपोर्ट के नए रिकॉर्ड बना रहे हैं।
साथियों,
मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए जरूरी था कि कॉल और डेटा महंगा ना हो। इसलिए टेलिकॉम मार्केट में healthy competition को हमने प्रोत्साहन किया। इसी का परिणाम है कि आज हम दुनिया के सबसे सस्ता डेटा प्रोवाइडर्स में से एक हैं। आज भारत देश के हर गांव तक ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने में जुटा है। आपको भी पता है कि 2014 से पहले भारत में सौ ग्राम पंचायतें भी ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी से नहीं जुड़ी थीं। आज हम करीब-करीब पौने दो लाख ग्राम पंचायतों तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचा चुके हैं। कुछ समय पहले ही सरकार ने देश के नक्सल प्रभावित अनेक जनजातीय जिलों में भी 4G कनेक्टिविटी पहुंचाने की बहुत बड़ी योजना को स्वीकृत किया है। ये 5G और 6G टेक्नॉलॉजी के लिए भी अहम है और मोबाइल और इंटरनेट के दायरे का भी इससे विस्तार होगा।
साथियों,
फोन और इंटरनेट तक ज्यादा से ज्यादा भारतीयों की पहुंच ने भारत के एक बहुत बड़े potential को खोल लिया है। इसने देश में एक सशक्त डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की नींव रखी है। इसने देश में सर्विस की एक बहुत बड़ी डिमांड पैदा की है। इसका एक उदाहरण, देश के कोने-कोने में बनाए गए 4 लाख कॉमन सर्विस सेंटर्स हैं। इन कॉमन सर्विस सेंटर्स से आज सरकार की सैकड़ों सर्विसेस, गांव के लोगों तक पहुंच रही है। ये कॉमन सर्विस सेंटर्स लाखों युवाओं को रोजगार का भी माध्यम बने हैं। मैं पिछले दिनों गुजरात में एक कार्यक्रम में गया था। वहां दाहोड जिला जो जनजाति एक क्षेत्र है आदिवासी विस्तार है। वहां का एक दिव्यांग कपल मिला मुझे। वो कॉमन सर्विस सेंटर चलाते हैं। उन्होंने कहा मैं दिव्यांग था तो मुझे ये थोड़ी मदद मिल गई और मेने शुरू किया, और आज वो 28-30 हजार रुपया आदिवासी क्षेत्र के दूर दराज गांव में कॉमन सर्विस सेंटर से कमा रहे हैं। मतलब ये हुआ कि आदिवासी क्षेत्र के नागरिक भी ये सेवाएं क्या हैं, ये सेवाएं कैसे ली जाती हैं, ये सेवा कितनी सार्थक है इसको भी जानते हैं और एक दिव्यांग कपल वहां छोटे से गांव में लोगों की सेवा भी करता है, रोजी रोटी भी कमाता है। ये digital technology किस प्रकार से बदलाव ला रही है।

साथियों,
हमारी सरकार टेक्नोलॉजी को निरंतर अपग्रेड करने के साथ-साथ देश के डिलिवरी सिस्टम को भी लगातार सुधार रही है। इसने देश में सर्विस और मैन्युफेक्चरिंग, दोनों से जुड़े स्टार्ट अप इकोसिस्टम को बल दिया है। ये भारत को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट अप इकोसिस्टम बनाने के पीछे एक अहम कारण है।
साथियों,
ये whole of the government Approach हमारे TRAI जैसे तमाम regulators के लिए भी वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए अहम है। आज regulation सिर्फ एक sector की सीमाओं तक सीमित नहीं है। टेक्नॉलॉजी अलग-अलग सेक्टर्स को inter-connect कर रही है। इसलिए आज collaborative regulation की ज़रूरत हर कोई स्वाभाविक रूप से अनुभव कर रहा है। इसके लिए ज़रूरी है कि तमाम रेगुलेटर्स साथ आएं, common platforms तैयार करें और बेहतर तालमेल के साथ समाधान निकालें। मुझे पूरा विश्वास है कि इस कॉन्फ्रेंस से इस दिशा में महत्वपूर्ण समाधान निकलकर आएगा। आपको देश के टेलीकॉम कंज्यूमर्स के Interests की भी सुरक्षा करनी है और दुनिया के सबसे आकर्षक टेलिकॉम मार्केट की ग्रोथ को भी प्रोत्साहित करना है। TRAI की सिल्वर जुबली कॉन्फ्रेंस, हमारी आज़ादी के अमृतकाल की ग्रोथ को गति देने वाली हो, उर्जा देने वाली हो, नया विश्वास पैदा करनी वाली हो, एक नई छलांग मारने के सपने देखने वाली हो और साकार करने के संकल्प वाली हो, इसी कामना के साथ आप सभी का बहुत-बहुत आभार! आप सबको अनेक – अनेक शुभकामनाएं बहुत–बहुत धन्यवाद !