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मेरे साथ आप लोग बोलेंगे, मैं कहूंगा सरदार पटेल आप लोग कहेंगे अमर रहे, अमर रहे,… सरदार पटेल, (अमर रहे) सरदार पटेल, (अमर रहे) सरदार पटेल (अमर रहे)।

मंच पर विराजमान मंत्रिपरिषद के हमारे वरिष्‍ठ साथी, आदरणीय सुषमा जी, आदरणीय वैंकेया जी, श्रीमान रविशंकर जी, दिल्‍ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर और सारे नौजवान साथियों

आज सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की जन्‍म जयंती का प्रेरक पर्व है। जो देश इतिहास को भूला देता है, वह देश कभी भी इतिहास का निर्माण नहीं कर सकता है। और इसलिए एक जीवंत राष्‍ट्र के लिए, एक आशा-आकांक्षाओं के साथ भरे हुए राष्‍ट्र के लिए सपनों को सजा कर बैठी युवा पीढ़ी के लिए अपने ऐतिहासिक धरोहर सदा-सर्वदा प्रेरणा देती है और हमारे देश ने इस बात को भी कभी भी भूलना नहीं होगा कि हम इतिहास को विरासतों को अपने वैचारिक दायरे में न बांटे। इतिहास पुरूष, राष्‍ट्र पुरूष इतिहास की वो धरोहर हाते हैं जो आने वाली पीढि़यों के लिए नया उमंग और नया उत्‍साह भरते हैं।

आज श्रीमती इंदिरा गांधी जी की भी पुण्‍य तिथि है। सरदार साहब का जीवन देश की एकता के लिए आहूत हो गया। बैरिस्‍टर के नाते, सफल बैरिस्‍टर गांधी के चरणों में समर्पित हो गए, और हिंदुस्‍तान के किसानों को आजादी के आंदोलन में जोड़कर के उन्‍होंने अंग्रेज सल्‍तनत को हिला दिया था। अंग्रेज सल्‍तनत ने भांप लिया था अगर देश का गांव, देश का किसान आजादी के आंदोलन का हिस्‍सा बन गया तो अंग्रेज सल्‍तनत की कोई ताकत नहीं है कि वो आजादी के दीवानों के खिलाफ लड़ाई लड़ सके।

कभी-कभी जब हम रामकृष्‍ण परमहंस को देखते हैं तो लगता है कि स्‍वामी विवेकानंद के बिना रामकृष्‍ण परमहंस अधूरे लगते हैं। वैसे ही जब महात्‍मा गांधी को देखते हैं तो लगता है कि सरदार साहब के बिना गांधी भी अधूरे लगते थे। यह एक अटूट नाता था। यह अटूट जोड़ी थी। जिस दांडी यात्रा ने हिंदुस्‍तान की आजादी को एक नया मोड़ दिया था। पूरे विश्‍व को सबसे पहले ताकतवर मैसेज देने का अवसर दांडी यात्रा में से पैदा हुआ था। उस दांडी यात्रा में एक सफल संगठक के रूप में, एक कार्यकर्ता के रूप में सरदार साहब की जो भूमिका थी, वो बेजोड़ थी। और महात्‍मा गांधी ने दांडी यात्रा की पूरी योजना सरदार साहब के हवाले की थी। हम कल्‍पना कर सकते थे कि देश की आजादी आंदोलन के अलग-अलग पढ़ाव में, महात्‍मा गांधी के साथ रहकर के सरदार साहब की कितनी अहम भूमिका रही थी और आजादी के बाद सरदार साहब का लाभ देश को बहुत कम मिला। बहुत कम समय तक हमारे बीच रहे। लेकिन इतने कम समय में सरदार साहब ने अंग्रेजों के सारे सपनों को धूल में मिला दिया था, चूर-चूर कर दिया था। अपनी दूर दृष्टि के द्वारा, अपने कूटनीति सामर्थ्‍य के द्वारा, अपनी राष्‍ट्र भक्ति के द्वारा। अंग्रेज चाहते थे कि देश आजाद होने के बाद सैकड़ों टुकड़ों में बिखर जाए। आपस में लड़ते रहे, मर मिटते रहे, यह अंग्रेजों का इरादा था, लेकिन सरदार साहब ने अपनी कूटनीति के द्वारा, अपनी दीर्घ दृष्टि के द्वारा, अपने लोखंडित मनोबल के द्वारा साढ़े पांच सौ से भी अधिक रियासतों को एक सूत्र में बांध दिया। जिसे सम्‍मान देने की जरूरत थी, उसे सम्‍मान दिया। जिसको पुचकारने की जरूरत थी, उसको पुचकारा और जिसको आंख दिखाने की जरूरत थी उसको आंख दिखाने में भी सरदार पटेल ने कभी हिचक नहीं की, संकोच नहीं किया। उस सामर्थ्‍य का परिचय दिया था। और उसी महापुरूष ने, एक प्रकार से आज जब हिंदुस्‍तान देख रहे हैं वो एक भारत का सफलदृष्‍टा उसके नियंता सरदार पटेल को देश कभी भूल नहीं सकता है।

शताब्दियों पहले इतिहास में चाणक्‍य का उल्‍लेख इस बात के लिए आता है कि उन्‍होंने अनेक राजे-रजवाड़ों को एक करके, एक सपना लेकर के, राष्‍ट्र के पुनरूद्धार का सपना देकर के सफल प्रयास किया था। चाणक्‍य के बाद उस महान काम को करने वाले एक महापुरूष हैं, जिनका आज हम जन्‍म जयंती पर्व मना रहे हैं, वो सरदार वल्‍लभ भाई पटेल हैं। लेकिन यह कैसा दुर्भाग्‍य है, जिस व्‍यक्ति ने देश की एकता के लिए अपने आप को खपा दिया था, आलोचनाएं झेली थी, विरोध झेले थे। अपने राजनीतिक यात्रा में रूकावटें महसूस की थी। लेकिन उस लक्ष्‍य की पूर्ति के मार्ग से कभी विचलित नहीं हुए थे, और वो लक्ष्‍य था भारत की एकता। उसी देश में, उसी महापुरूष की जन्‍म जयंती पर, 30 साल पहले भारत की एकता को गहरी चोट पहुंचाने वाली एक भयंकर घटना ने आकार लिया। हमारे ही अपने लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। और वो घटना किसी सम्‍प्रदाय के लोगों के सीने पर लगे घाव की नहीं थी, वो घटना भारत के हजारों साल के महान व्यवस्था के सीने पर लगा हुआा एक छूरा था, एक खंजर था, भयंकर आपत्तिजनक था। लेकिन दुर्भाग्‍य रहा इतिहास का कि उसे महापुरूष के जयंती के दिन यह हो गया। और तब जाकर के देश की एकता के लिए, हम लोगों ने अधिक जागरूकता के साथ, अधिक जिम्‍मेवारी के साथ। सरदार साहब ने हमें एक भारत दिया, श्रेष्‍ठ भारत बनाना हमारी जिम्‍मेवारी है। ‘एक भारत श्रेष्‍ठ भारत’ इस सपने को पूरा करने के लिए भारत की जो महान विरासत है वो विरासतें विविधता में एकता की है। उस विविधता में एकता की विरासत को लेकर के, जातिवाद से परे उठकर के, भाषावाद से परे उठकर के, सम्‍प्रदायवाद से परे उठकर के एक भारत समृद्ध भारत, ऊंच-नीच के भेदभाव से मुक्‍त भारत यह सपने को साकार करने के लिए आज से उत्‍तम पर्व नहीं हो सकता, जो हमें आने वाले दिनों के लिए प्रेरणा देता रहे।

और युवा पीढ़ी आज इस राष्ट्रीय एकता दिवस पर पूरे हिंदुस्‍तान में Run for Unity के लिए दौड़ रही है। मैं समझता हूं यह हमारा प्रयास एकता के मंत्र को निरंतर जगाए रखना चाहिए। और हमारे शास्‍त्रों में कहा है राष्‍ट्रयाम जाग्रयम वयम.. हर पल हमें जागते रहना चाहिए अपने सपनों को लेकर के, सोचते रहना चाहिए, उसके अनुरूप काम करते रहना चाहिए तभी संभव होता है। भारत विविधताओं से भरा हुआ देश है। अनेक विविधताओं से भरा हुआ देश है। विविधता में एकता यही हमारी विशेषता है। हम कभी एकरूपता के पक्षकार नहीं रहे। हम विविधताओं से भरे हुए रहते हैं। एक ही प्रकार के फूलों से बना गुलदस्‍ता और रंग-बिरंगे फूलों से बने गुलदस्‍ते में कितना फर्क होता है। भारत उन विशेषताओं से भरा हुआ देश है, उन विशेषताओं को बनाते हुए एकता के सूत्र को जीवंत रखना, एकता के सूत्र को बलवंत बनाना यही हम लोगों का प्रयास है और यही एकता का संदेश है। राज्‍य अनेक राष्‍ट्र एक, पंथ अनेक लक्ष्‍य एक, बोली अनेक स्‍वर एक, भाषा अनेक भाव एक, रंग अनेक तिरंगा एक, समाज अनेक भारत एक, रिवाज अनेक संस्‍कार एक, कार्य अनेक संकल्‍प एक, राह अनेक मंजिल एक, चेहरे अनेक मुस्‍कान एक, इसी एकता के मंत्र को लेकर के यह देश आगे बढ़े।

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October 01, 2023
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तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदराराजन जी, केंद्र सरकार में मेरे सहयोगी मंत्री, जी. किशन रेड्डी जी, संसद में मेरे साथी श्रीमान संजय कुमार बंडी जी, यहां उपस्थित अन्य सभी महानुभाव, देवियों और सज्जनों, नमस्कार!

देश में त्योहारों का मौसम शुरू हो गया है। संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम को पास कराकर हमने नवरात्रि से पहले ही शक्ति पूजा के भाव को स्थापित कर दिया है। आज, तेलंगाना में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है, इससे यहां उत्सव का रंग और खिल उठा है। मैं तेलंगाना के लोगों को 13 हजार 500 करोड़ रुपए की योजनाएं, अलग-अलग परियोजनाएं, इसके लिए मैं आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा।

मुझे खुशी है कि आज मैंने कई ऐसे रोड कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण किया है, जिससे यहां के लोगों के जीवन में बहुत बड़े बदलाव आएंगे। नागपुर-विजयवाड़ा कॉरिडोर के जरिए तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में आवाजाही बहुत आसान होने वाली है। इसके कारण इन तीनों राज्यों में Trade, Tourism और Industry को भी काफी बढ़ावा मिलेगा। इस कॉरिडोर में कुछ महत्वपूर्ण Economic Hubs इसकी पहचान की गई है। इसमें Eight स्पेशल इकनॉमिक जोन, Five मेगा फूड पार्क, Four Fishing seafood clusters, Three Pharma & Medical clusters और एक टेक्सटाइल क्लस्टर भी होगा। इसके कारण हनमकोंडा, वारंगल, महबूबाबाद और खम्मम जिलों के युवाओं के लिए रोजगार के अनेक अवसर खुलने वाले हैं। इन जिलों के किसानों की फसलों में भी Food Processing के कारण Value Addition हो पाएगा। ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा।

तेलंगाना जैसे Landlocked State के लिए ऐसी रोड और रेल कनेक्टिविटी की बहुत जरूरत है, जो यहां बने सामानों को समुद्री तट तक पहुंचा पाए और इनके एक्सपोर्ट को बढ़ावा दे। दुनिया का बाजार मेरे तेलंगाना के लोग कब्जा करें। इसी कारण देश के कई प्रमुख इकॉनॉमिक कॉरिडोर तेलंगाना से होकर गुज़र रहे हैं। ये सभी राज्यों को ईस्ट और वेस्ट कोस्ट से जोड़ने का माध्यम बनेंगे। हैदराबाद विशाखापट्टनम कॉरिडोर का सूर्यपेट-खम्मम सेक्शन भी इसमें बहुत मदद करने वाला है। इसके कारण ईस्ट कोस्ट तक पहुंचने में मदद मिलेगी। साथ ही इंडस्ट्रीज और बिजनेस की logistics costs में बहुत कमी आएगी। जकलैर और कृष्णा सेक्शन के बीच बन रही रेलवे लाइन भी यहां के लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण होगी। ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा।

भारत Turmeric का, हल्दी का प्रमुख उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक देश है। तेलंगाना में यहां के किसान भी बड़ी मात्रा में हल्दी की पैदावार करते हैं। कोरोना के बाद हल्दी को लेकर जागरूकता भी बढ़ी है और उसकी दुनिया भर में डिमांड भी बढ़ी है। आज ये आवश्यक है कि हल्दी की पूरे वैल्यू चेन में उत्पादन से लेकर निर्यात और रिसर्च तक और अधिक professional way में ध्‍यान देने की जरूरत है, initiative लेने की जरूरत है। इससे जुड़े एक बड़े फैसले की आज मैं तेलंगाना की धरती से घोषणा कर रहा हूं। केन्द्र सरकार ने हल्दी किसानों के हित के लिए और उनकी आवश्यकता को देखते हुए और उनके लिए भावी जो संभावनाएं हैं, उसे देखते हुए ‘National Turmeric Board’ के गठन का निर्णय किया है। ‘National Turmeric Board’, सप्लाई चेन में वैल्यू एडिशन से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्यों तक, किसानों की मदद करेगा। मैं तेलंगाना और देश के सभी हल्दी पैदा करने वाले किसानों को ‘National Turmeric Board’ की उसके गठन के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा।

आज पूरी दुनिया में Energy और Energy Security इस पर बहुत चर्चा हो रही है। भारत ने ना सिर्फ अपने उद्योगों बल्कि घरेलू लोगों के लिए भी Energy Ensure की है। देश में एलपीजी कनेक्शंस की जो संख्या 2014 में 14 करोड़ के आसपास थी, वो 2023 में 32 करोड़ से ज्यादा हो गई है। हाल ही में हमने गैस सिलेंडरों की कीमतों में भी कमी की है। भारत सरकार, एलपीजी एक्सेस को बढ़ाने के साथ अब इसके Distribution Network का भी विस्तार करना जरूरी समझती है। हासन-चेरलापल्ली एलपीजी पाइपलाइन अब इस क्षेत्र के लोगों को Energy Security देने में बहुत बड़ी सहायता करेगी। यहां पर कृष्णापटनम से हैदराबाद के बीच Multi Product Pipeline का भी शिलान्यास हुआ है। इसके कारण तेलंगाना के विभिन्न जिलों में हजारों Direct और Indirect Jobs भी बनेंगे। ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा।

मैंने आज हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में विभिन्न भवनों का उद्घाटन किया। हैदराबाद विश्वविद्यालय को भाजपा सरकार ने Institution of Eminence का दर्जा दिया है और विशेष fund उपलब्ध कराया है। आज मैं आपके बीच, एक और बड़ी घोषणा करने जा रहा हूं। भारत सरकार, मुलुगु जिले में एक Central Tribal University की स्थापना करने जा रहा है। और इस विश्वविद्यालय का नाम पूज्यनीय आदिवासी देवियां सम्मक्का-सारक्का के नाम पर रखा जाएगा। सम्मक्का-सारक्का Central Tribal University इस पर 900 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। मैं तेलंगाना के लोगों को इस Central Tribal University के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। एक बार फिर तेलंगाना के लोगों को उनके प्रेम और स्नेह के लिए मैं बहुत बहुत धन्यवाद देता हूं। अभी तो मैं ये सरकारी कार्यक्रम में हूं तो मैंने अपने आपको वहीं पर सीमित रखा है। अब 10 मिनट के बाद मैं जरा खुले मैदान में जाऊंगा तो वहां जरा खुले मन से बातें करूंगा और ये मैं वादा करता हूं, मैं जो भी कहूंगा वो तेलंगाना की दिल की बातें करूंगा। यहां के लोगों के दिल की बातें करूंगा।

बहुत-बहुत धन्यवाद!