Published By : Admin | October 31, 2014 | 10:30 IST
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मेरे साथ आप लोग बोलेंगे, मैं कहूंगा सरदार पटेल आप लोग कहेंगे अमर रहे, अमर रहे,… सरदार पटेल, (अमर रहे) सरदार पटेल, (अमर रहे) सरदार पटेल (अमर रहे)।
मंच पर विराजमान मंत्रिपरिषद के हमारे वरिष्ठ साथी, आदरणीय सुषमा जी, आदरणीय वैंकेया जी, श्रीमान रविशंकर जी, दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर और सारे नौजवान साथियों
आज सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्म जयंती का प्रेरक पर्व है। जो देश इतिहास को भूला देता है, वह देश कभी भी इतिहास का निर्माण नहीं कर सकता है। और इसलिए एक जीवंत राष्ट्र के लिए, एक आशा-आकांक्षाओं के साथ भरे हुए राष्ट्र के लिए सपनों को सजा कर बैठी युवा पीढ़ी के लिए अपने ऐतिहासिक धरोहर सदा-सर्वदा प्रेरणा देती है और हमारे देश ने इस बात को भी कभी भी भूलना नहीं होगा कि हम इतिहास को विरासतों को अपने वैचारिक दायरे में न बांटे। इतिहास पुरूष, राष्ट्र पुरूष इतिहास की वो धरोहर हाते हैं जो आने वाली पीढि़यों के लिए नया उमंग और नया उत्साह भरते हैं।
आज श्रीमती इंदिरा गांधी जी की भी पुण्य तिथि है। सरदार साहब का जीवन देश की एकता के लिए आहूत हो गया। बैरिस्टर के नाते, सफल बैरिस्टर गांधी के चरणों में समर्पित हो गए, और हिंदुस्तान के किसानों को आजादी के आंदोलन में जोड़कर के उन्होंने अंग्रेज सल्तनत को हिला दिया था। अंग्रेज सल्तनत ने भांप लिया था अगर देश का गांव, देश का किसान आजादी के आंदोलन का हिस्सा बन गया तो अंग्रेज सल्तनत की कोई ताकत नहीं है कि वो आजादी के दीवानों के खिलाफ लड़ाई लड़ सके।
कभी-कभी जब हम रामकृष्ण परमहंस को देखते हैं तो लगता है कि स्वामी विवेकानंद के बिना रामकृष्ण परमहंस अधूरे लगते हैं। वैसे ही जब महात्मा गांधी को देखते हैं तो लगता है कि सरदार साहब के बिना गांधी भी अधूरे लगते थे। यह एक अटूट नाता था। यह अटूट जोड़ी थी। जिस दांडी यात्रा ने हिंदुस्तान की आजादी को एक नया मोड़ दिया था। पूरे विश्व को सबसे पहले ताकतवर मैसेज देने का अवसर दांडी यात्रा में से पैदा हुआ था। उस दांडी यात्रा में एक सफल संगठक के रूप में, एक कार्यकर्ता के रूप में सरदार साहब की जो भूमिका थी, वो बेजोड़ थी। और महात्मा गांधी ने दांडी यात्रा की पूरी योजना सरदार साहब के हवाले की थी। हम कल्पना कर सकते थे कि देश की आजादी आंदोलन के अलग-अलग पढ़ाव में, महात्मा गांधी के साथ रहकर के सरदार साहब की कितनी अहम भूमिका रही थी और आजादी के बाद सरदार साहब का लाभ देश को बहुत कम मिला। बहुत कम समय तक हमारे बीच रहे। लेकिन इतने कम समय में सरदार साहब ने अंग्रेजों के सारे सपनों को धूल में मिला दिया था, चूर-चूर कर दिया था। अपनी दूर दृष्टि के द्वारा, अपने कूटनीति सामर्थ्य के द्वारा, अपनी राष्ट्र भक्ति के द्वारा। अंग्रेज चाहते थे कि देश आजाद होने के बाद सैकड़ों टुकड़ों में बिखर जाए। आपस में लड़ते रहे, मर मिटते रहे, यह अंग्रेजों का इरादा था, लेकिन सरदार साहब ने अपनी कूटनीति के द्वारा, अपनी दीर्घ दृष्टि के द्वारा, अपने लोखंडित मनोबल के द्वारा साढ़े पांच सौ से भी अधिक रियासतों को एक सूत्र में बांध दिया। जिसे सम्मान देने की जरूरत थी, उसे सम्मान दिया। जिसको पुचकारने की जरूरत थी, उसको पुचकारा और जिसको आंख दिखाने की जरूरत थी उसको आंख दिखाने में भी सरदार पटेल ने कभी हिचक नहीं की, संकोच नहीं किया। उस सामर्थ्य का परिचय दिया था। और उसी महापुरूष ने, एक प्रकार से आज जब हिंदुस्तान देख रहे हैं वो एक भारत का सफलदृष्टा उसके नियंता सरदार पटेल को देश कभी भूल नहीं सकता है।
शताब्दियों पहले इतिहास में चाणक्य का उल्लेख इस बात के लिए आता है कि उन्होंने अनेक राजे-रजवाड़ों को एक करके, एक सपना लेकर के, राष्ट्र के पुनरूद्धार का सपना देकर के सफल प्रयास किया था। चाणक्य के बाद उस महान काम को करने वाले एक महापुरूष हैं, जिनका आज हम जन्म जयंती पर्व मना रहे हैं, वो सरदार वल्लभ भाई पटेल हैं। लेकिन यह कैसा दुर्भाग्य है, जिस व्यक्ति ने देश की एकता के लिए अपने आप को खपा दिया था, आलोचनाएं झेली थी, विरोध झेले थे। अपने राजनीतिक यात्रा में रूकावटें महसूस की थी। लेकिन उस लक्ष्य की पूर्ति के मार्ग से कभी विचलित नहीं हुए थे, और वो लक्ष्य था भारत की एकता। उसी देश में, उसी महापुरूष की जन्म जयंती पर, 30 साल पहले भारत की एकता को गहरी चोट पहुंचाने वाली एक भयंकर घटना ने आकार लिया। हमारे ही अपने लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। और वो घटना किसी सम्प्रदाय के लोगों के सीने पर लगे घाव की नहीं थी, वो घटना भारत के हजारों साल के महान व्यवस्था के सीने पर लगा हुआा एक छूरा था, एक खंजर था, भयंकर आपत्तिजनक था। लेकिन दुर्भाग्य रहा इतिहास का कि उसे महापुरूष के जयंती के दिन यह हो गया। और तब जाकर के देश की एकता के लिए, हम लोगों ने अधिक जागरूकता के साथ, अधिक जिम्मेवारी के साथ। सरदार साहब ने हमें एक भारत दिया, श्रेष्ठ भारत बनाना हमारी जिम्मेवारी है। ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ इस सपने को पूरा करने के लिए भारत की जो महान विरासत है वो विरासतें विविधता में एकता की है। उस विविधता में एकता की विरासत को लेकर के, जातिवाद से परे उठकर के, भाषावाद से परे उठकर के, सम्प्रदायवाद से परे उठकर के एक भारत समृद्ध भारत, ऊंच-नीच के भेदभाव से मुक्त भारत यह सपने को साकार करने के लिए आज से उत्तम पर्व नहीं हो सकता, जो हमें आने वाले दिनों के लिए प्रेरणा देता रहे।
और युवा पीढ़ी आज इस राष्ट्रीय एकता दिवस पर पूरे हिंदुस्तान में Run for Unity के लिए दौड़ रही है। मैं समझता हूं यह हमारा प्रयास एकता के मंत्र को निरंतर जगाए रखना चाहिए। और हमारे शास्त्रों में कहा है राष्ट्रयाम जाग्रयम वयम.. हर पल हमें जागते रहना चाहिए अपने सपनों को लेकर के, सोचते रहना चाहिए, उसके अनुरूप काम करते रहना चाहिए तभी संभव होता है। भारत विविधताओं से भरा हुआ देश है। अनेक विविधताओं से भरा हुआ देश है। विविधता में एकता यही हमारी विशेषता है। हम कभी एकरूपता के पक्षकार नहीं रहे। हम विविधताओं से भरे हुए रहते हैं। एक ही प्रकार के फूलों से बना गुलदस्ता और रंग-बिरंगे फूलों से बने गुलदस्ते में कितना फर्क होता है। भारत उन विशेषताओं से भरा हुआ देश है, उन विशेषताओं को बनाते हुए एकता के सूत्र को जीवंत रखना, एकता के सूत्र को बलवंत बनाना यही हम लोगों का प्रयास है और यही एकता का संदेश है। राज्य अनेक राष्ट्र एक, पंथ अनेक लक्ष्य एक, बोली अनेक स्वर एक, भाषा अनेक भाव एक, रंग अनेक तिरंगा एक, समाज अनेक भारत एक, रिवाज अनेक संस्कार एक, कार्य अनेक संकल्प एक, राह अनेक मंजिल एक, चेहरे अनेक मुस्कान एक, इसी एकता के मंत्र को लेकर के यह देश आगे बढ़े।
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नमस्कार !
महाराष्ट्र के गवर्नर सी पी राधाकृष्णन जी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस जी, अजित पवार जी, अन्य सभी महानुभाव और महाराष्ट्र के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों...
महाराष्ट्रातील सर्व शिवप्रेमी बंधू-भगिनींना माझा नमस्कार ।
आज महाराष्ट्र को 10 मेडिकल कॉलेजों की सौगात मिल रही है। नागपुर एयरपोर्ट के आधुनिकीकरण और विस्तार का काम, शिर्डी एयरपोर्ट के लिए नए टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण आज इनफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े इन दो अहम प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास भी हुआ है। मैं इन सभी विकास कार्यों के लिए महाराष्ट्र के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। अभी पिछले हफ्ते ही मैं ठाणे और मुंबई गया था। यहाँ मेट्रो समेत 30 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट्स के शुभारंभ का अवसर मुझे मिला, इसके पहले भी अलग-अलग जिलों में हजारों करोड़ की विकास परियोजनाएं शुरू हुई हैं। कई शहरों में मेट्रो का विस्तार किया जा रहा है। कहीं एयरपोर्ट को अपग्रेड किया जा रहा है, तो कहीं सड़कों और हाइवे से जुड़े प्रोजेक्ट तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर, सोलर एनर्जी, टेक्सटाइल पार्क से जुड़ी परियोजनाएं लॉन्च की गई हैं। किसानों, पशुपालकों के हित में नई पहल की गई है। महाराष्ट्र में देश के सबसे बड़े कंटेनर पोर्ट, वधावन पोर्ट की नींव रखी गई है। महाराष्ट्र के इतिहास में इतनी तेज गति से, इतने बड़े स्केल पर, अलग-अलग क्षेत्रों में कभी भी विकास नहीं हुआ। हां, ये बात अलग है कि कांग्रेस के राज में इतनी ही तेज गति से, इतने ही स्केल पर, अलग-अलग क्षेत्रों में भ्रष्टाचार जरूर होता था।
भाइयों बहनों,
कुछ दिन पहले ही हमने मराठी भाषा को 'अभिजात भाषा' का दर्जा दिया। जब एक भाषा को उसका गौरव मिलता है, तब सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि पूरी पीढ़ी को नए बोल मिलते हैं। करोड़ों मराठी मानुष का दशकों पुराना सपना पूरा हुआ। महाराष्ट्र के लोगों ने जगह-जगह इसकी खुशी मनाई आज महाराष्ट्र के गाँव-गाँव से मुझे खुशी के संदेश भी भेज रहे हैं। महाराष्ट्र के लोग अपने संदेशों में मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा देने के लिए मुझे ढेर सारे धन्यवाद दे रहे हैं। लेकिन, मैं बताना चाहता हूँ। ये काम मैंने नहीं, आप सबके आशीर्वाद ने किया है। महाराष्ट्र के विकास का हर प्रयास छत्रपति शिवाजी महाराज, बाबा साहेब आंबेडकर, ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई फुले जैसी विभूतियों के आशीर्वाद से हो रहा है।
साथियों,
अभी कल ही हरियाणा और जम्मू कश्मीर के चुनाव परिणाम आए हैं। हरियाणा ने बता दिया है, देश का मूड क्या है, मिजाज क्या है! दो बार कार्यकाल पूरा करने के बाद लगातार तीसरी बार चुनकर आना ऐतिहासिक है। कांग्रेस का पूरा ecosystem, अर्बन नक्सल का पूरा गिरोह, जनता को गुमराह करने में जुटा था। लेकिन कांग्रेस की सारी साजिशें ध्वस्त हो गईं। इन्होंने दलितों के बीच झूठ फैलाने की कोशिश की, लेकिन दलित समाज ने इनके खतरनाक इरादों को भांप लिया। दलितों को एहसास हो गया कि कांग्रेस, उनका आरक्षण छीनकर, अपने वोट बैंक में बांटना चाहती है। आज हरियाणा के दलित वर्ग ने बीजेपी को रिकॉर्ड समर्थन दिया है। हरियाणा के ओबीसी, बीजेपी के विकास कार्यों को देखकर उसके साथ हैं। कांग्रेस ने किसानों को भड़काया। लेकिन किसानों को पता है कि उसे फसलों पर MSP किसने दी। हरियाणा के किसान, बीजेपी की किसान कल्याण योजनाओं से खुश हैं। कांग्रेस ने युवाओं को टारगेट किया और अलग-अलग तरीके से उन्हें भड़काने की कोशिश की। लेकिन हरियाणा के नौजवान, हमारी बहनें-बेटियां, अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए भाजपा पर ही भरोसा कर रहे हैं। कांग्रेस ने सारे हथकंडे अपनाए, लेकिन हरियाणा की जनता ने दिखा दिया, वो अब काँग्रेस और अर्बन नक्सल के नफरती षडयंत्रों का शिकार नहीं होने वाली!
साथियों,
कांग्रेस, हमेशा बांटो और सत्ता पाओ के फॉर्मूले पर चली है। कांग्रेस ने बार-बार ये सिद्ध किया है कि वो एक गैर-जिम्मेदार दल बन गया है। वो अभी भी देश को बांटने के लिए नए-नए नरैटिव गढ़ रही है। कांग्रेस, समाज को बांटने का फॉर्मूला लाती रहती है। कांग्रेस देश के मतदाताओं को गुमराह करने से बाज नहीं आ रही। कांग्रेस का फॉर्मूला साफ है कि मुसलमानों को डराते रहो, उनको भय दिखाओ, उनके वोटबैंक को convert करो और वोटबैंक को मजबूत करो। कांग्रेस के एक भी नेता ने आजतक कभी नहीं कहा कि हमारे मुस्लिम भाई-बहनों में कितनी जातियां होती हैं। मुस्लिम जातियों की बात आते ही कांग्रेस के नेता मुंह पर ताला लगाकर बैठ जाते हैं। लेकिन जब भी हिंदू समाज की बात आती है, तो कांग्रेस उनकी चर्चा जाति से ही शुरू करती है। कांग्रेस की नीति है, हिंदुओं की एक जाति को दूसरी जाति से लड़ाओ। कांग्रेस जानती है कि जितना हिंदू बंटेगा, उतना ही उसका फायदा होगा। कांग्रेस किसी भी तरीके से हिंदू समाज में आग लगाए रखना चाहती है, ताकि वो उस पर राजनीतिक रोटियां सेंकती रहे। भारत में जहां भी चुनाव होते हैं, वहां कांग्रेस यही फॉर्मूला लागू करती है। अपना वोटबैंक पक्का करने के लिए कांग्रेस समाज में जहर घोलने के हर हथकंडे अपना रही है। कांग्रेस पूरी तरह से सांप्रदायिक और जातिवाद का चुनाव लड़ती रहती है। हिंदू समाज को तोड़कर उसे अपनी जीत का फॉर्मूला बनाना, यही कांग्रेस की राजनीति का आधार है। कांग्रेस भारत के सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की भावना का दमन कर रही है, सनातन परंपरा का दमन कर रही है। जिस कांग्रेस ने इतने वर्षों तक देश पर राज किया, वो सत्ता में वापसी के लिए इतनी बेचैन है कि हर रोज नफरत की राजनीति कर रही है। कांग्रेस की पुरानी पीढ़ी के नेता भी बेबस हैं, असहाय हैं कि उनकी इस पार्टी की क्या स्थिति हो गई है। कांग्रेस की ये स्थिति होने वाली है, कांग्रेस नफरत फैलाने की सबसे बड़ी फैक्ट्री बनने वाली है। ये गांधी जी ने आजादी के बाद ही समझ लिया था। इसलिए ही गांधी जी ने कहा था कि कांग्रेस को खत्म कर देना चाहिए। कांग्रेस खुद खत्म नहीं हुई लेकिन आज देश को खत्म करने पर तुली हुई है। इसलिए हमें सावधान रहना है, सतर्क रहना है।
साथियों,
मेरा पक्का विश्वास है, समाज को तोड़ने की आज जो कोशिश हो रही है, ऐसी हर साजिश को महाराष्ट्र के लोग नाकाम करके रहेंगे। महाराष्ट्र के लोगों को देश के विकास को सर्वोपरि रखते हुए, एकजुट होकर बीजेपी-महायुति के लिए वोट करना है।
हरयाणा तर भाजपा जिंकली आता महाराष्ट्रात यापेक्षा मोठा विजय मिलवायचा आहे ।
साथियों,
पिछले 10 वर्ष में हमने देश के विकास के लिए आधुनिक इन्फ्रा बनाने का एक महायज्ञ शुरू किय़ा है। आज हम सिर्फ बिल्डिंग्स नहीं बना रहे, हम एक स्वस्थ और समृद्ध महाराष्ट्र की नींव रख रहे हैं। एक साथ 10 नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों की शुरुआत, ये केवल 10 नए संस्थानों को तैयार करना नहीं है। ये लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने का महायज्ञ है। ठाणे-अंबरनाथ, मुंबई, नासिक, जालना, बुलढाणा, हिंगोली, वाशिम, अमरावती, भंडारा और गढ़चिरौली, ये मेडिकल कॉलेज इन सभी जिलों में, और आस-पास के क्षेत्रों में लाखों परिवारों की सेवा का केंद्र बनेंगे। इनके चलते महाराष्ट्र में 900 मेडिकल सीटें बढ़ रही हैं। अब महाराष्ट्र में मेडिकल सीटों की संख्या लगभग 6 हजार हो जाएगी। इस बार लाल किले से देश ने संकल्प लिया है कि मेडिकल लाइन में 75 हजार नई सीटें जोड़ी जाएंगी। आज का य़े आयोजन इस दिशा में भी बड़ा कदम है।
साथियों,
हमने मेडिकल शिक्षा को सुलभ बनाया है। इससे महाराष्ट्र के युवाओं के लिए नए अवसरों के दरवाजे खुल गए हैं। हमारे गरीब और मध्यम वर्ग के ज्यादा से ज्यादा बच्चे डॉक्टर बनें, उनका सपना पूरा हो, ये हमारी सरकार की प्राथमिकता है। एक समय में इस तरह की पढ़ाई के लिए मातृभाषा में किताबें ना होना भी बड़ी चुनौती थी। हमने महाराष्ट्र के युवाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए, ये भेदभाव भी खत्म किया है। अब हमारे महाराष्ट्र के युवा मराठी भाषा में मेडिकल की पढ़ाई कर पाएंगे। मराठी भाषा में पढ़कर वो डॉक्टर बनने का सपना पूरा करेंगे।
साथियों,
जीवन को आसान बनाने का हमारा प्रयास, गरीबी के खिलाफ लड़ाई का बहुत बड़ा माध्यम है। काँग्रेस जैसी पार्टियों ने तो गरीबी को अपनी राजनीति का ईंधन बना रखा था। इसलिए वो गरीब को गरीब बनाए रखती थी। लेकिन हमारी सरकार ने एक दशक के भीतर-भीतर 25 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला है। और देश में स्वास्थ्य सेवाओं का कायाकल्प इसका एक बड़ा आधार बना है। आज हर गरीब के पास मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड है। अब सभी देशवासियों में, जो भी 70 के ऊपर के हैं, अब 70 साल की उम्र के बुजुर्गों को भी मुफ्त इलाज मिल रहा है। जन-औषधि केन्द्रों पर बेहद कम कीमत पर जरूरी दवाइयाँ मिल रही हैं। हार्ट मरीजों के लिए स्टेंट 80-85 प्रतिशत तक सस्ते किए गए हैं। हमने कैंसर के इलाज के लिए जरूरी दवाइयों के लिए उसके दाम भी कम किए हैं। सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों की संख्या बढ़ने से भी इलाज सस्ता हुआ है। आज गरीब से गरीब देशवासी को मोदी सरकार ने सामाजिक सुरक्षा का मजबूत कवच दिया है।
साथियों,
दुनिया किसी देश में तभी विश्वास करती है, जब वहाँ का युवा आत्मविश्वास से भरा होता है। आज युवा भारत का आत्मविश्वास, भारत के उज्ज्वल भविष्य की नई कहानी है। दुनिया के बड़े-बड़े देश आज भारत को मानव संसाधन के बड़े केंद्र के रूप में देख रहे हैं। हमारे युवाओं के पास पूरी दुनिया में शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर सॉफ्टवेयर तक, हर क्षेत्र में अपार अवसर हैं। इसलिए हम अपने युवाओं को ग्लोबल स्टैंडर्ड के मुताबिक skilled बना रहे हैं। आज हम महाराष्ट्र में विद्या समीक्षा केंद्र जैसे प्रकल्प भी शुरू कर रहे हैं। आज हमने मुंबई में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स का शुभारंभ भी किया है। इसमें युवाओं को Future-oriented training मिलेगी। उनके टैलेंट को बाजार की डिमांड के मुताबिक आगे बढ़ाया जाएगा। हमारी सरकार ने युवाओं को paid internship देने की शुरुआत भी की है। भारत के इतिहास में पहली बार इस तरह की पहल हुई है। अब युवाओं को 5 हजार रुपए इंटर्नशिप के तौर पर मिलेंगे। मुझे खुशी है कि हजारों कंपनियां इस अभियान में जुड़ने के लिए, युवाओं को internship में मदद करने के लिए रजिस्ट्रेशन करा रही हैं। इस पहल से युवाओं की नींव मजबूत होगी, उनको नया अनुभव मिलेगा और उनके लिए नए अवसरों की राह आसान होगी।
भाइयों बहनों,
युवाओं को लेकर भारत जो प्रयास कर रहा है, उसके परिणाम भी लगातार सामने आ रहे हैं। आज हमारे एजुकेशन institutes दुनिया के टॉप institutes की बराबरी कर रहे हैं। अभी कल ही वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग आई है। इस रैंकिंग के अनुसार भारत में युवाओं के लिए उच्च शिक्षा की, रिसर्च की क्वालिटी बदल रही है।
साथियों,
आज पूरी दुनिया की नजर भारत पर है। भारत दुनिया की पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। अब ग्लोबल इकॉनमी का फ्यूचर भारत से जुड़ा हुआ है! भारत की ये आर्थिक प्रगति नए अवसरों को लेकर आ रही है। ऐसे क्षेत्र, जिनकी दशकों तक कांग्रेस ने उपेक्षा की, आज वो क्षेत्र भी असीम अवसरों का स्रोत बन रही है। जैसे टूरिज़्म का उदाहरण है, महाराष्ट्र के पास कितनी अमूल्य विरासत है! महाराष्ट्र में कितने सुंदर प्राकृतिक स्थल हैं, आध्यात्मिक केंद्र हैं, इनके इर्द-गिर्द हजारों लाखों करोड़ की इकॉनमी विकसित हो सकती थी। लेकिन, इन अवसरों का वैसे उपयोग नहीं हुआ जैसा होना चाहिए था। काँग्रेस को न विकास से मतलब था, न विरासत से मतलब था। हमारी सरकार में विकास भी है, विरासत भी है। हम अपने समृद्ध अतीत से प्रेरणा लेकर उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर रहे हैं। इसीलिए, आज शिर्डी एयरपोर्ट के लिए नई टर्मिनल बिल्डिंग का शिलान्यास, नागपुर एयरपोर्ट का आधुनिकीकरण, ऐसे ही कितने ही विकास कार्य आज अनवरत महाराष्ट्र में चल रहे हैं। शिर्डी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल से साईं बाबा के भक्तों को काफी सुविधा होगी। देश विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहाँ आ सकेंगे। कुछ ही दिन पहले मैंने अपग्रेडेड सोलापुर एयरपोर्ट का लोकार्पण भी किया था। जब श्रद्धालु एक जगह आएंगे, शनि शिंगणापुर, तुलजा भवानी, कैलास मंदिर जैसे आस पास के दूसरे स्थानों पर भी जरूर जाएंगे। इससे महाराष्ट्र की पर्यटन इकॉनमी को बूस्ट मिलेगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
साथियों,
हमारी सरकार का हर निर्णय और हर नीति केवल-केवल एक ही लक्ष्य के लिए समर्पित है और वो लक्ष्य है- विकसित भारत! और इसके लिए हमारा विज़न है- गरीब, किसान, युवा और महिलाओं का कल्याण। इसलिए विकास का हर प्रोजेक्ट गाँव-गरीब, मजदूर-किसान के लिए समर्पित होता है। शिर्डी एयरपोर्ट में जो अलग कार्गो कॉम्पलेक्स बन रहा है, वो किसानों की बड़ी मदद करेगा। इस कॉम्पलेक्स के द्वारा विभिन्न प्रकार के कृषि उत्पादों को देश और विदेश में भेजा जाएगा। इसका फायदा शिर्डी, लासलगांव, अहिल्यानगर और नासिक के किसानों को होने वाला है। ये किसान प्याज, अंगूर, सैजन, अमरूद और अनार जैसे उत्पादों को बड़े बाजार तक आसानी से पहुंचा सकेंगे।
भाइयों बहनों,
हमारी सरकार किसानों के हित में लगातार जरूरी कदम उठा रही है। हमने बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य को खत्म कर दिया है। गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध भी हटा दिया गया है। परबॉइल्ड चावल पर निर्यात शुल्क भी आधा हो गया है। महाराष्ट्र के किसानों का मुनाफा बढ़े, इसके लिए सरकार ने प्याज पर लगने वाले एक्सपोर्ट टैक्स को भी आधा कर दिया है। हमने खाद्य तेलों के आयात पर 20 प्रतिशत टैक्स लगाने का फैसला किया है। Refined सोयाबीन, सूरजमुखी और पाम ऑयल पर कस्टम शुल्क को भी काफी बढ़ाया गया है, इसका लाभ किसे होगा? हमारे देश के किसानों को होगा। उन्हें सरसों, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसी फसलों की ज्यादा कीमत मिलेगी। आज सरकार, टेक्सटाइल इंडस्ट्री को जिस तरह सपोर्ट कर रही है, उससे महाराष्ट्र के कपास किसानों को भी बहुत फायदा होगा।
साथिय़ों,
आपको एक बात हमेशा याद रखनी है, महा-अघाड़ी, महाराष्ट्र को कमज़ोर करके सत्ता पाना चाहती है, जबकि महायुति का संकल्प महाराष्ट्र को मजबूत बनाने का है। मुझे खुशी है कि आज महाराष्ट्र एक बार फिर देश की प्रगति को नेतृत्व देने के लिए आगे बढ़ रहा है। मैं एक बार फिर, महाराष्ट्र के लोगों को इन सभी विकास कार्यों के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।