एक तरफ श्री अमरनाथ यात्रा चल रही है, बड़ा पवित्र माहौल है दूसरी तरफ रमजान का पवित्र महीना चल रहा है और तीसरी तरफ आज माता वैष्णों देवी के चरणों में भारत भर से भक्तों को लाने की सुविधा प्रदान करने का एक मंगल प्रारंभ हो रहा है। एक प्रकार से सब ओरएक पवित्रता का माहौल हैऔर पवित्रता के माहौल में इस मंगल कार्य का आरंभ हो रहा है। प्रदेश के माता वैष्णों देवी के चरणों में आने वाले करोड़ों-करोड़ों भक्तों को शुभकामनाएं देता हूँ और आज ये सुविधा सिर्फ जम्मू-कश्मीर के लिए सुविधा नहीं है और न ही यह सिर्फ जम्मू-कश्मीर को भेंट है, यह भेंट पूरे हिन्दुस्तान को है,सवा सौ करोड़ देशवासियों को है जो जम्मू-कश्मीर आने के लिए लालायित रहते हैं, जो माता वैष्णों देवी के चरणों में आने के लिए आतुर रहते हैं। ऐसे कोटि-कोटिजनों के लिए ये सुविधा है और उनके चरणों में ये समर्पित करते हुए मैं गर्व महसूस कर रहा हूँ और उनको मंगल कामनाएं देता हूँ। ये रेल सुविधा आज प्रारंभ हो रही है।
मैंने रेल मंत्री को सुझाया था किदिल्ली से कटरा तक की जो सुविधा है और आगे चलकर और स्थानों से भी जुड़करकेदेश के भिन्न-भिन्न कोने से यात्रियों को कटरा तक लाने का जो प्रबंध हो रहा है। इस ट्रेन को “श्री शक्तिएक्सप्रेस” के रूप में जाना जाए ताकिमाता वैष्णों देवी के चरणों में हम जा रहे हैं इसकी अनुभूतियात्रियों को लगातार होती रहे। मैं ‘माता वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड’ का भी अभिनंदन करना चाहता हूँ। गवर्नर साहब का भी अभिनंदन करना चाहता हूँ कियहां रेलवे स्टेशन पर भी यात्रियों के लिए आवश्यक आई-कार्ड निकालने की सुविधाओं का प्रबंध हुआ है। टैक्नोलॉजी का प्रबंध हुआ है और इसीलिए हिन्दुस्तान के किसी भी कोने से आने वाले यात्री के लिए ये बहुत सुनिश्चित हो जाएगा कियात्री का समय न खराब होते हुए उसके आगे की यात्रा के लिए जो भी प्रबंध होना चाहिए उसके लिए पूरी व्यवस्था मिलेगी, पूरा मार्गदर्शन मिलेगा।
जब विकास होता है तो कभी-कभार ऐसा लगता है किवहां पर ये हुआ तो मेरा क्या होगा जैसे मुख्यमंत्री जी ने जम्मू के लोगों की चिंता का जिक्र किया। मैं अनुभव से कह सकता हूँ किजम्मू के विकास को कभी कोई रूकावट नहीं आएगी। जब सुविधाएं बढ़ती है तो लोग भी अपने समय का सदुपयोग और जगह पर जाने के लिए करते हैं और इसीलिए जो सीधा कटरा आएगा वो जम्मू गए बिना जाएगा नहीं ऐसा मैं नहीं मानता और इसलिए जम्मू की विकास यात्रा और अधिक क्वालिटी की बन पाएगी, ऐसा मेरा पूरा विश्वास है और साथ-साथ जम्मू-कश्मीर की विकास यात्रा में कटरा का जुड़ना, कटरा का सेंटर स्टेज पर आना, आने वाले 10 साल की आप कल्पना कीजिए कटरा इतनी तेजी से विकास करेगा, इतनी तेजी से विकास करेगा जो पूरे जम्मू-कश्मीर के विकास के अंदर एक नया योगदान करने वाला एक आर्थिक प्रभुत्तिका केन्द्र बन जाएगा। जब व्यवस्था विकसित होती है और विकास के केन्द्र बिंदु में हमेशा इनफ्रास्ट्रक्चर का सबसे बड़ा महत्व होता है। जैसे ही इंफ्रास्ट्रक्चर बना आप मानके चलिए किउसके अगल-बगल में व्यवस्थाएं विकसित होना शुरू हो जाएगी। मुझे अभी बताया जा रहा था किट्रेन तो अभी आज शुरू हो रही है लेकिन स्टेशन के अगल-बगल व्यापारियों ने अपनी-अपनी जगह बना ली है और काम शुरू कर दिया है। अगर उनको समय दे किविकास के अंदर कैसे फायदा उठाना, विकास को कैसे भागीदार बनाना है और इसलिए ये सिर्फ एक रेलवे है, एक यात्रा करने की सुविधा है ऐसा नहीं है।
ये एक प्रकार से विकास की जननी बन जाती है और मेरे हिसाब से जम्मू-कश्मीर को रेल से जोड़ने का अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जो शुभारंभ किया है उसको हमें और आगे बढ़ाना है और आने वाले दिनों में बनिहाल तक जाने की जो व्यवस्था है उसको भी आगे बढ़ाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इतना ही नहीं, हिन्दुस्तान में पहली बार राज्य और केन्द्र मिल करके एक नवीन व्यवस्था को आज प्रारंभ कर रहे हैं। एक प्रकार से हाइब्रिड व्यवस्था है। रेल और बस की कनेक्टिविटी को कॉम्बिनेशन बनाया गया है। अब जो लोग श्रीनगर जाना चाहते होंगे उनको रेलवे से ही रेलवे की भी टिकट मिलेगी और कटरा से बनिहाल तक जो किजहां रेल-मार्ग नहीं है वहां बस की भी टिकट मिलेगी, कटरा वो उतरेगा, बस उपलब्ध होगी, बनिहाल पहुंचेगा, रेल उपलब्ध होगी और तुरंत वो आगे श्रीनगर पहुंचेगा। एक ही टिकट में रेल और बस दोनों का ट्रेवलिंग हो और पैसेंजर को कठिनाई न हो, यात्री को कठिनाई न हो ऐसी सुविधा का आरंभ राज्य और केन्द्र की रेल मिल करके ये दे रहे हैं और भविष्य में भी रेलवे का विकास करने के लिए केन्द्र और राज्य की पार्टनरशिप का मॉडल जितना ज्यादा विकसित होगा उतना फायदा होने वाला है।
मैं मुख्यमंत्री जी की इस बात से सहमत हूँ किहमारे रेलवे स्टेशन ऐसे पुराने क्या होने की जरूरत है,क्यों न हिन्दुस्तान के महत्वपूर्ण स्थानों के रेलवे स्टेशन एयरपोर्ट से भी बढ़िया क्यों न हो और मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ,सिर्फ जम्मू वासियों को नहीं, मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूँ किहम रेलवे के विकास में, प्राथमिकता मेट्रो सिटीज़ में जम्मू जैसे महत्वपूर्ण स्टेशन को और उसके जैसे रेलवे स्टेशनों को अतिआधुनिक बनाना, एयरपोर्ट से भी रेलवे स्टेशन ज्यादा अधिक सुविधाजनक हो, ये बनाने का हमारा सपना है और ये बन सकता है। ये कोई कठिन काम नहीं है और ये इकनॉमिकली वाइबल प्रोजेक्ट बन सकता है। मैंने पिछले दिनों रेलवे के मित्रों के साथ बड़े विस्तार से समय निकालकर चर्चा की है और मैंने इसके विषय पर उनको डिटेल में प्रारूप दिया है और अब देखिए देखते ही देखते आपको बदलाव नजर आएगा और इसमें प्राइवेट पार्टी भी इनवेस्टमेंट करने के लिए तैयार हो जाएगी क्योंकिये आर्थिक रूप से एक अच्छी योजना होगी। जो सबको लाभ पहुंचाने वाली होगी एक विन-विन सिचुएशन वाला प्रोजेक्ट होगा। उस दिशा में हम आने वाले दिनों में जरूर आगे बढ़ना चाहते हैं, आज जब हम इस रेल सुविधा को दे रहे हैं यह भी मेरे लिए अत्यंत खुशी की बात है। भारत के विभिन्न राज्यों से कटरा तक छह जोड़ी रेल गाड़ियाँ तुरंत चलाई जाएगी। यानि उसका विस्तार और जगहों पर भी किया जाएगा। उसके अतिरिक्त जम्मू और उधमपुर तक चलने वाली तीनजोड़ी डेमू रेलगाड़ियों का कटरा तक, आज से विस्तार भी किया जा रहा है। जो जम्मू से चलने वाली उधमपुर वाली जो डेमू ट्रेन्स है उसको भी कटरा से जोड़ने का काम हो रहा है।
आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर में विकास एक नयी ताकत कैसे बनेगी, देखिए आज का दिन एक प्रकारसे महत्वपूर्ण है। महत्वपूर्ण इसलिए है किआज का दिवस जम्मू कश्मीर को नयी गतिभी देने जा रहा है और आज का दिन जम्मू कश्मीर को नयी ऊर्जा भी देने जा रहा है। आज मुझे दो कार्यक्रम करने का अवसर मिला है एक इस रेल कनेक्टिविटी, जो जम्मू कश्मीर को गतिदेगा और उरी में जा करके पावर प्रोजेक्ट का उद्घाटन जो जम्मू कश्मीर को ऊर्जा देगा, विकास की ऊर्जा देगा और जम्मू कश्मीर को विकास की ऊर्जा चाहिए, जम्मू कश्मीर को विकास की गतिचाहिए और एक प्रकार से आज के ये दोनों कार्यक्रम उस निमित्त बड़े महत्वपूर्ण हैं।
मैं मानता हूँ किहमारे देश के जो हिमालयन स्टेट्स हैं, उन हिमालयन् स्टेट्स के विकास के लिए एक अलग से रूप-रेखा की आवश्यकता है। सारे हिमालयन् रेजिंग स्टेटस की कई एक समान कठिनाइयां है कई प्रकार की एक समान अवसर भी हैं अगर उनका एक कॉमन मॉडल विकसित किया जाएगा तो समस्याओं का समाधान भी बहुत जल्दी होगा। केंद्र के पास भी स्पष्ट विज़न होगा। राज्यों की अपेक्षाओं को समझने में केन्द्र सामर्थ बनेगा और हिमालयन स्टेट्स जो है उसके विकास में इस नयी परिधिमें हम जाना चाहते हैं और जिसका लाभ जम्मू कश्मीर को भी मिलेगा और उधर नार्थ-ईस्ट तक हिमालयन रेंज की विकास की यात्रा का लाभ उन सभी राज्यों को मिलेगा और उस दिशा में भी हम आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आज मैं जम्मू कश्मीर की धरती पर आया हूँ माता वैष्णोदेवी के चरणों में आया हूँ और जब चुनाव अभियान प्रारंभ किया था तब भी माता वैष्णोदेवी का आशीर्वाद ले करके गया था और आज विकास यात्रा का आरंभ कर रहा हूँ वो भी माता वैष्णोदेवी के आशीर्वाद से कर रहा हूँ और इसलिए मुझे विश्वास है किभारत की विकास यात्रा को और अधिक शक्तिमिलेगी, और अधिक ताकत मिलेगी और अधिक सामर्थ्यवान विस्तार के साथ हम इस विकास यात्रा को आगे बढ़ाएंगे।
टूरिज्म में यात्रियों की सुविधा के साथ रेलवे एक प्रकार से Environment Friendly व्यवस्था होती है और जम्मू-कश्मीर में Environment Friendly Transportation, वो दुनिया को आकर्षित करने का कारण बनता है। हम इस मार्ग के माध्यम से विश्व के अंदर जम्मू-कश्मीर में Environment Friendly यातायात को भी बल दे रहे हैं यह अपने आप में एक अच्छे प्रयोग के रूप में हम दुनिया के सामने प्रस्तुत कर सकते हैं।
और हिमालयन में जितना विकास हम करना चाहेंगे, वो Environment Friendly विकास हो सकता है। उसको हम बल भी दे सकते है, उसकी सुरक्षा करते हुए यात्रियों की सुविधा भी बढ़ा सकते हैं, Environment की सुरक्षा भी हो, यात्रियों की सुविधा भी बढ़े, उस दिशा में हम प्रयास करते हैं, मैं जब यहां रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करने गया, वहां का जो मैंने द़श्य ऐसा, ऐसा रेलवे स्टेशन देखने को मिलता बहुत कम है, क्योंकि ऊपर पहाड़ से नीचे स्टेशन पर जाना होता है, तो छोटी पहाड़ी पर से पूरा स्टेशन दिख रहा है, तो कितना बड़ा तामझाम है उसका दर्शन होता है। मैंने तुरंत कहा-हिंदुस्तान का ये ऐसा रेलवे स्टेशन बन सकता है कि जिसको पूरा हम सोलर रेलवे स्टेशन के रूप में कनवर्ट कर सकते हैं। इतनी संभावनाएं पड़ी है। रेलवे चेयमैन ने मुझे कहा मैं साहब, तुरंत इस काम को हाथ में लूंगा और मैं कटरा का पूरा रेलवे स्टेशन, देश का एक रेलवे स्टेशन, Environment Friendly Movement का एक हिस्सा... और बहुत संभावना पड़ी है, उसको जब करेंगे तो जब यात्री आएंगे और ऊपर स्टेशन पे जब जाते होंगे तो उसको देखकर कोर्ठ भी जान लेगा कि सोलर एा उपयोग कैसे और कहां हो सकता है और मुझे विश्वास है कि बहुत जल्दी रेलवे विभाग पूरे रेलवे स्टेशन पर सोलर पैनल का उपयोग करके एक-एक इंच की जगह का उपयोग कर करके उस ऊर्जा का भी उपयोग आने वाले दिनों में कैसे कर सके उस पर प्रयास होगाऔर ऐसा मुझे पूरा विश्वास है।
जम्मू-कश्मीर अनेक समस्याओं से गुजरा है, अनेक कठिनाईयों से गुजरा है और एक भारत के हर नागरिक की इच्छा है, भारत के हर नागरिक का दायित्व है किहमारा जम्मू-कश्मीर सुखी हो, समृद्ध हो। हर एक की इच्छा है और इसको पूरा करना हम सबका दायित्व है। चाहे हम शासन व्यवस्था में हो तो भी, हम शासन व्यवस्था में न हो तो भी। यह हम सबका दायित्व है। यहां के नौजवानों को रोजगार मिले, रोजगार के नए अवसर मिले। उनको नई जिंदगी जीने का अवसर मिले। मैं अभी जब कटरा स्टेशन पर बच्चे ट्रेन में जा रहे थे तो उनको मैंने पूछा किआपमें से कितने लोग है जिन्होंने पहले कभी ट्रेन देखी है, कितने है जो ट्रेन में बैठे है। 21वीं सदी का पहला दशक चला गया उन बच्चों में 80 प्रसेंट बच्चों ने हाथ ऊपर किया किहमने पहली बार ट्रेन में बैठे है आज। उन बच्चों के लिए आनंद का विषय है। लेकिन हमारे लिए सोचने का विषय है किहमविकास यात्रा को कैसे चलाया कि कटरा, इतने निकट के भी बच्चों को जीवन में पहली बार रेल को देखने का 21वीं सदी आने के बाद अवसर मिला है। हमारा दायित्व बनता है किहमारे देश के दूर-सूदूर कोने में बैठे हुए लोगों को भी विकास का लाभ मिलना चाहिए। विकास से प्राप्त सुविधाएं सामान्य मानव तक पहुंचनी चाहिए, आखिरी छोर पर बैठे हुए मानव तक पहुंचनी चाहिए। हम लोगों का प्रयास यही है और मुझे विश्वास है देश की जनता ने जो आशीर्वाद दिए हैं उस आर्शीवाद के बलबूते पर अंतिम छोर पर बैठे हुए गरीब से गरीब व्यक्तिके कल्याण में ये विकास की यात्रा आगे बढ़ेगी, विकास के नए मार्ग स्थापित होंगे और सामान्य व्यक्तिके जीवन को.. उसकी Quality of life में चेंज आएगा।
उसकी आशा अपेक्षा के अनुकूल जीवन व्यवस्था विकसित हो, उस दिशा में हम प्रयास करेंगे। मैं जम्मू कश्मीर के नागरिकों को यही संदेश देना चाहता हूं, अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जिस यात्रा को प्रारंभ किया है, उस यात्रा को हम आगे बढ़ाना चाहते हैं और हमारा मकसद राजनीतिक जय-पराजय वाला नहीं होता है। हमारा मकसद होता है जम्मू-कश्मीर के हर नागरिक का दिल जीतना है और मैं जम्मू-कश्मीर के नागरिकों का दिल जीतना यही मेरी प्राथमिकता है और यह प्राथमिकता उसी को विकास के माध्यम से करना है यहां के लोगों के कल्याण के माध्यम से करना है। यहां के लोगों की भलाई के माध्यम से करना है और मुझे विश्वास है इस स्वप्न को हम बहुत ही जल्द, बहुत तेजी गतिसे पूरा करते जाएंगे। इसी सद्भावना के साथ फिर एक बार यह श्री शक्तिएक्सप्रेस राष्ट्र को समर्पित कर रहा हूँ। माता वैष्णों देवी के चरणों में आने वाले कोटिकोटिभक्तों को समर्पित करता हूँ और जम्मू-कश्मीर के टूरिज्म के विकास के लिए यह यात्रा अहम भूमिका अदा करेगी। जम्मू–कश्मीर के टूरिज्म को बहुत बल मिलेगा। जम्मू-कश्मीर के विकास को बहुत बल मिलेगा। इस शुभकामनाओं के साथ बहुत-बहुत धन्यवाद।


भारत माता की... भारत माता की...
बोरोरा आमार प्रोणाम नेबेन छोटोरा भालोबासा। जय मां काली, जय मां दुर्गा! ये सावन का पवित्र महीना है। ऐसे पावन समय में... मुझे पश्चिम बंगाल के विकास पर्व में हिस्सा लेने का मौका मिला है। थोड़ी देर पहले ही, 5 हजार चार सौ करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया है। बीजेपी ने पश्चिम बंगाल के लिए बड़े सपने देखे हैं। बीजेपी...एक समृद्ध पश्चिम बंगाल बनाना चाहती है। बीजेपी...एक विकसित पश्चिम बंगाल का निर्माण करना चाहती है। ये सारी परियोजनाएं, इस सपने को साकार करने का ही हमारा नम्र प्रयास हैं।
साथियों,
पश्चिम बंगाल की ये धरती...प्रेरणाओं से भरी हुई है...
मैं देख रहा हूं कई छोटे-छोटे बच्चे चित्र बनाकर ले आए हैं, शायद वो देना चाहते हैं। अगर आपने अपना नाम और पता उस पर लिख दिया है तो मैं आपको चिट्ठी भेजूंगा और मैं अपने एसपीजी के लोगों से कहता हूं कि जो सब बच्चे कुछ ना कुछ अपनी कला लेकर के आए हैं जरूर आप ले लिजिए इनसे। आप लोग लंबे समय से इंतजार कर रहे थे, बीच में बारिश भी बड़ी तेज आ गई, आपने वो मुकाबला भी कर लिया।
साथियों,
पश्चिम बंगाल की ये धरती...प्रेरणाओं से भरी हुई है... ये देश के पहले उद्योग मंत्री, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की धरती है। उन्होंने भारत के औद्योगिक विकास की नींव रखी...देश को पहली इंडस्ट्रियल पॉलिसी दी। ये बीसी रॉय जैसे विजनरी नेतृत्व की धरती है...जिन्होंने दुर्गापुर को बड़े सपनों, बड़े संकल्पों के लिए चुना था। पश्चिम बंगाल ने देश को...द्वारकानाथ टैगोर जी जैसे रिफॉर्मर दिए...जिन्होंने गुलामी के कालखंड में बैंकिंग रिफॉर्म्स पर काम किया.. उद्योगों-उद्यमों से कैसे समाज का भला हो सकता है, ये करके दिखाया। इस भूमि पर सर बीरेन मुखर्जी हुए...जिनके विजन से भारत में स्टील उद्योग को मजबूत नींव मिली। ऐसे महान लोगों ने ही पश्चिम बंगाल की महान विरासत को आगे बढ़ाया है। और तभी पश्चिम बंगाल, एक समय में भारत के विकास के विकास का केंद्र हुआ करता था। यहां उद्योग फले फूले, व्यापार-कारोबार को बल मिला। लोग यहां देशभर से रोज़गार के लिए आते थे। लेकिन आज स्थिति पूरी तरह उलट गई है। आज पश्चिम बंगाल का नौजवान... पलायन के लिए मजबूर है। छोटे-छोटे काम के लिए भी उसे दूसरे राज्यों की तरफ जाना पड़ रहा है। दुर्गापुर, बर्धमान और आसनसोल...ये पूरा क्षेत्र भारत के औद्योगिक विकास को किसी जमाने मे गति दे रहे थे। लेकिन आज यहां नए उद्योग लगने के बजाय, जो है उसको भी ताले लग रहे हैं।
साथियों,
हमें बंगाल को इस बुरे दौर से बाहर निकालना है और आज जो परियोजनाएं यहां शुरू हुई हैं...वो इसी का प्रतीक हैं। बंगाल बदलाव चाहता है, बंगाल विकास चाहता है, बांग्ला...पोरिबोर्तन चाहे, बांग्ला...उन्नयन चाहे।
साथियों,
बंगाल के प्रबुद्ध लोग जानते हैं कि 21वीं सदी का ये समय नई टेक्नोलॉजी का है। बंगाल के उद्योगों को भी नई टेक्नोलॉजी की जरूरत है। आज जो गैस आधारित इकोनॉमी का काम आगे बढ़ा है...स्टील प्लांट को आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस करने का काम हुआ है..वो भारत सरकार की इसी सोच का नतीजा है। दुर्गापुर-कोलकाता गैस पाइपलाइन से यहां के उद्योगों को नया जीवनदान मिलेगा। ये जो गैस-पाइपलाइन है, इस पर केंद्र की भाजपा सरकार हज़ारों करोड़ रुपए खर्च कर रही है। ताकि यहां CNG वाली गाड़ियां चल पाएं... आपके पैसे बचे, यहां नए-नए कारखानों को बल मिले... और सबसे बड़ी बात...इससे बंगाल के नौजवानों के लिए रोजगार के नए मौके बनेंगे।
साथियों,
आज़ादी के अनेक दशकों तक पश्चिम बंगाल के लाखों परिवारों के लिए गैस कनेक्शन एक सपना था। बीते सालों में ऐसे परिवारों को गैस कनेक्शन मिला। अब हमारा प्रयास है कि बहनों के किचन में, रसोई घर में जैसे नल से पानी आता है वैसे ही पाइप से सस्ती गैस आपके किचन तक पहुंचे। अभी कुछ देर पहले जो कार्यक्रम हुआ है...वो आपका जीवन भी आसान बनाएगा और यहां उद्योगों को भी गति देगा।
साथियों,
मैं आज आपको...पश्चिम बंगाल के नौजवानों को...ये यकीन दिलाने आया हूं, बंगाल की बदहाल स्थिति को बदला जा सकता है। बीजेपी सरकार आने के बाद...कुछ ही वर्षों में...पश्चिम बंगाल, देश के टॉप इंडस्ट्रियल राज्यों में से एक बन सकता है। ये मेरा दृढ़ विश्वास है। और मेरे इस विश्वास का कारण है... पश्चिम बंगाल में समर्थ और प्रतिभाशाली मेरे नौजवान भाई-बहन हैं, यहां नदियां भी हैं और समंदर भी है। पश्चिम बंगाल, सैकड़ों वर्षों से इंपोर्ट-एक्सपोर्ट का केंद्र रहा है... यहां पोर्ट्स का बहुत बड़ा नेटवर्क है। यहां प्राकृतिक संसाधन हैं... यानि मेक इन इंडिया को गति देने के लिए मिशन मैन्यूफैक्चरिंग में तेजी लाने के लिए पश्चिम बंगाल के पास हर शक्ति मौजूद है। बस यहां की टीएमसी सरकार...बंगाल के विकास के आगे दीवार बनकर खड़ी है। जिस दिन टीएमसी सरकार की दीवार बंगाल में गिरी...उसी दिन से बंगाल विकास की नई तेजी पकड़ लेगा। टीएमसी की सरकार जाएगी, तभी असली परिवर्तन आएगा टीएमसी जाबे, तबेई आशोल पोरिबोर्तोन आशबे
साथियों,
विकसित भारत बनाने में पश्चिम बंगाल की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसी संकल्प के साथ...बीजेपी आपका आशीर्वाद मांग रही है। आप अपने आसपास देखिए...असम में लंबे समय बाद बीजेपी को अवसर मिला। आज असम तेज़ गति से प्रगति कर रहा है। बगल में त्रिपुरा की क्या स्थिति थी ये भी किसी से छिपी नहीं है। आज बीजेपी सरकार त्रिपुरा को विकास की नई रफ्तार दे रही है। अब ओडिशा में भी भाजपा सरकार बन चुकी है। आप देखिएगा...ओडिशा भी बहुत जल्द देश के सबसे तेज़ी से विकसित होने वाले राज्यों में से अपनी जगह बना लेगा। इसलिए, भाजपा की तरफ से मेरा ये आग्रह है कि आप एक बार भाजपा को अवसर दें... एक ऐसी सरकार बनाएं...जो ईमानदार हो, कामदार हो और दमदार हो। बिकोशितो बांग्ला, मोदीर गारंटी! बिकोशितो बांग्ला, बीजेपीर शंकल्पो!
साथियों,
हमें दुर्गापुर का, पश्चिम बंगाल का पुराना गौरव वापस लाना है। इसके लिए ज़रूरी है कि पश्चिम बंगाल में नया निवेश आए..लोग यहां उद्योग लगाने के लिए आगे आएं...यहां के नौजवानों की शिक्षा और कौशल पर ज्यादा निवेश हो...लेकिन जब तक यहां TMC की सरकार रहेगी...ये कभी भी नहीं होने देगी। बीते दशकों में...जो स्थितियां यहां पैदा की गई हैं...वो बंगाल में निवेश विरोधी हैं, नौकरी विरोधी है। आप ज़रा सोचिए...जहां मुर्शीदाबाद जैसे दंगे होते हों...छोटी-छोटी बातों पर हिंसा हो जाती हो...और पुलिस एकतरफा कार्रवाई करे...जहां न्याय की कोई उम्मीद ना हो... वहां कोई कैसे निवेश कर सकता है। यहां की राज्य सरकार, लोगों की जान और उनकी दुकान की सुरक्षा नहीं कर सकती... तो निवेशकों को भी चिंता होती है। मैं जानता हूं कि पश्चिम बंगाल में जितनी संभावनाएं हैं... उनको देखते हुए दुनियाभर के निवेशक यहां पैसा लगाने आना चाहेंगे... लेकिन जब वो यहां सिंडिकेट राज देखते हैं.. वो ये देखते हैं कि कैसे यहां उगाही होती है। बिजनेस करने वालों से पैसे मांगे जाते हैं... कैसे टीएमसी के लोग...धमकाते हैं, तोड़फोड़ करने की, काम बंद करने की धमकियां देते हैं... वो भी डरकर भाग जाते हैं। ये जो TMC का गुंडा टैक्स है...ये बंगाल में निवेश को रोकता है। यहां संसाधनों पर माफिया का कब्ज़ा है...वो बंगाल में निवेश को रोकता है। यहां की सरकार, नीतियां ही अपने नेताओं को भ्रष्टाचार की खुली छूट देने के लिए बनाती है। कब कौन सी नीति पलट दी जाए...इसकी भी कोई गारंटी नहीं। यही कारण है कि टीएमसी के राज में सैकड़ों कंपनियां पश्चिम बंगाल छोड़ चुकी हैं। तभी तो यहां नौजवानों को आगे बढ़ने के अवसर नहीं मिल रहे...तभी तो बंगाल का हाल बेहाल हो गया है। इसलिए आज हर कोई कह रहा है...टीएमसी हटाओ, बंगाल बचाओ टीएमसी के शोराओ, बांग्ला के बाचाओ
साथियों,
युवाओं की शिक्षा और कौशल के साथ जो कुछ यहां हो रहा है, वो और ज्यादा चिंता बढ़ाने वाला है। प्राइमरी एजुकेशन हो या फिर हायर एजुकेशन...सबको बर्बाद किया जा रहा है। टीएमसी, यहां के एजुकेशन सिस्टम पर, करप्शन और क्राइम का डबल अटैक कर रही है। ये जो हज़ारों शिक्षक बेरोजगार हुए हैं...इसका कारण टीएमसी का भ्रष्टाचार है। इससे हजारों परिवारों उनपर तो संकट आया ही है, स्कूलों में जो लाखों बच्चे पढ़ रहे हैं...उनका भविष्य भी टीचर्स की कमी के कारण अंधेरे में है। हालत ये है कि कोर्ट को भी कहना पड़ा कि - ये सिस्टमिक फ्रॉड है। टीएमसी ने बंगाल के नौजवानों के वर्तमान और भविष्य...दोनों को संकट में डाल दिया है।
साथियों,
मां, माटी, मानुष की बात करने वाली पार्टी की सरकार में...बेटियों के साथ जो अन्याय हो रहा है, वो पीड़ा भी देता है और आक्रोश से भर भी देता है। ये उस धरती पर हो रहा है...जिसने कादंबिनी गांगुली जैसी बेटी को संस्कार दिए... जो भारत की पहली वेस्टर्न मेडिसिन डॉक्टर थीं। आज उनका जन्मदिन भी है। लेकिन आज पश्चिम बंगाल में अस्पताल भी बेटियों के लिए सुरक्षित नहीं है। और आप सबने देखा है... जब यहां डॉक्टर बेटी के साथ अत्याचार हुआ तो कैसे टीएमसी सरकार अपराधियों को बचाने में जुट गई। इस घटना से देश अभी बाहर निकला भी नहीं था कि एक और कॉलेज में एक बेटी के साथ भयंकर अत्याचार किया गया। इसमें भी जो आरोपी हैं, उनका कनेक्शन टीएमसी से निकला है। टीएमसी के बड़े नेता, मंत्री... आरोपियों के बजाय, पीड़ित को ही दोषी ठहराते रहे। ऐसे कई उदाहरण हैं...जो टीएमसी की निर्ममता के साक्षी हैं। हमें मिलकर के बंगाल को इस निर्ममता से मुक्ति दिलानी है।
साथियों,
पश्चिम बंगाल, भारत की सांस्कृतिक विरासत की भी आत्मा है। आज प्रसिद्ध बांग्ला कवि...बिष्णु डे जी का भी जन्मदिवस है। बांग्ला भाषा को समृद्ध करने में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। टीएमसी और लेफ्ट ने सालों तक दिल्ली में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चलाई। इस दौरान इनको बांग्ला भाषा की याद तक नहीं आई। ये भाजपा सरकार है, जिसने बांग्ला को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया। ऐसा करके हमने बांग्ला साहित्य की सेवा करने वाले बिष्णु डे जी जैसे अनेक साहित्यकारों को भी श्रद्धांजलि दी है।
साथियों,
भाजपा, ऐसी राष्ट्रीय पार्टी है....जिसका बीज बंगाल की मिट्टी में पनपा है। भाजपा की वैचारिक नींव को...बंगाल के सपूत, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपने खून से सींचा है। डॉक्टर मुखर्जी ने, एक देश एक संविधान का जो सपना देखा...वही भाजपा का संकल्प बना...और उसे हमने पूरा करके भी दिखाया। भाजपा, बांग्ला भाषा को प्रेरणा, परंपरा और पहचान का माध्यम मानती है। भाजपा के लिए बांग्ला अस्मिता सर्वोपरि है। देश में जहां भी भाजपा है, वहां बांग्ला का सम्मान है, पश्चिम बंगाल के लोगों का सम्मान है। लेकिन यहां पश्चिम बंगाल में क्या हो रहा है? यहां टीएमसी ने अपने स्वार्थ में पश्चिम बंगाल की पहचान को भी दांव पर लगा दिया है। इसके लिए यहां घुसपैठ को बढ़ावा दिया जा रहा है...घुसपैठियों के फर्जी कागज़ बनाए जा रहे हैं...इसका एक पूरा इकोसिस्टम यहां डवलप किया गया है। ये पश्चिम बंगाल की, देश की सुरक्षा के लिए खतरा है...ये बांग्ला संस्कृति के लिए खतरा है...लेकिन तुष्टिकरण के लिए टीएमसी हर हद पार कर रही है। आज जब देश के सामने टीएमसी की साजिशें उजागर हो गई हैं...तो उसने घुसपैठियों के पक्ष में नई मुहिम शुरू कर दी है। ये देश के संविधान को, संवैधानिक संस्थाओं को भी चुनौती दे रहे हैं। टीएमसी अब उनके समर्थन में खुलकर उतर आई है। लेकिन मैं दुर्गापुर की धरती से साफ-साफ कह दूं... जो भारत का नागरिक नहीं है.. फिर से सुन लिजिए.. जो भारत का नागरिक नहीं है.जो घुसपैठ करके आया है...उसके साथ भारत के संविधान के तहत न्याय-सम्मत कार्रवाई होती रहेगी। बंगाल की अस्मिता के खिलाफ होने वाली किसी भी साजिश को बीजेपी, कामयाब नहीं होने देगी। ये आपको...मोदी की गारंटी है।
साथियों,
पश्चिम बंगाल को बीजेपी की डबल इंजन की सरकार की जरूरत है। यहां भाजपा सरकार इसलिए भी चाहिए...ताकि दिल्ली से भेजा एक-एक रुपया आपकी सुविधा के लिए लगे। गरीब कल्याण की, आदिवासी कल्याण की जो योजनाएं पूरे देश में लागू हैं, उनका लाभ पश्चिम बंगाल के लोगों को भी मिले। टीएमसी सरकार...केंद्र की योजनाओं को या तो रोक लेती है या फिर उनमें भ्रष्टाचार करती है। रोड, रेल, टेलिकॉम ऐसे अनेक विभागों से जुड़े...अनेक प्रोजेक्ट हैं, जो यहां लटके हुए हैं। केंद्र सरकार इनके लिए हजारों करोड़ रुपए दे रही है...फिर भी इन परियोजनाओं को जानबूझकर लटकाया जा रहा है। हमने पूरे देश में हर घर जल का अभियान चलाया है। देश में कई राज्य ऐसे हैं...जहां हर घर में नल लग चुका है। लेकिन पश्चिम बंगाल में दुर्भाग्य से एक जिला भी ऐसा नहीं है, जहां शत-प्रतिशत नल से जल पहुंचा हो। देशभर में 4 करोड़ गरीब परिवारों को पीएम आवास योजना के तहत पक्के घर दिए जा चुके हैं। लेकिन पश्चिम बंगाल के लाखों गरीब परिवारों को उनके पक्के घर नहीं मिल पा रहे है।
साथियों,
5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज देने वाली आयुष्मान स्कीम पूरे देश में चल रही है। करोड़ों लोग इसका फायदा उठा चुके हैं...लेकिन टीएमसी निर्ममता के साथ यहां इसे लागू नहीं कर रही। अगर बंगाल का मेरा कोई भाई इंटरव्यू के लिए कहीं गया है टूरिज्म के लिए कहीं गया है, रिश्तेदार को मिलने गया है और वहां कुछ हो गया तो उसको आयुष्मान कार्ड के अभाव में वहां मुफ्त इलाज नहीं मिल पा रहा।
साथियों,
गरीब हो या आदिवासी...अपनी राजनीति के लिए टीएमसी सभी को वंचित कर रही है। केंद्र की ऐसी कई योजनाएं हैं...जिनको टीएमसी ने यहां रोक रखा है। भाजपा सरकार बनते ही...इन सभी योजनाओं का फायदा पश्चिम बंगाल के हर परिवार को मिलेगा...ये मोदी की गारंटी है।
साथियों,
भाजपा...बंगाल को संकट से बाहर निकालने के लिए प्रतिबद्ध है। बंगाल को माफिया नहीं...काबिल शिक्षक चाहिए। बंगाल को परिवारवाद नहीं...प्रतिभा का सम्मान चाहिए। बंगाल को सिंडिकेट नहीं...स्टार्टअप का इकोसिस्टम चाहिए। बंगाल को ऐसी सरकार चाहिए...जो शांति और सुरक्षा की गारंटी दे सके। भाजपा...इसी संकल्प को लेकर आगे बढ़ रही है। ये पश्चिम बंगाल के पुनर्जागरण का कालखंड है। मैं यहां के गांव-गांव में एक नई उम्मीद, नई लहर देख रहा हूं। मैं यहां के नौजवानों में एक नया जोश अनुभव कर रहा हूं।
हमें मिलकर...नया सवेरा लाना है...परिवर्तन का कमल खिलाना है। बीकोशितो बांग्ला, मोदीर गारंटी!
एक बार फिर...आप सभी का इतनी बड़ी संख्या में आशीर्वाद देने के लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं।
मेरे साथ बोलिए
भारत माता की
दोनों मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से बोलिए..
भारत माता की...जय
भारत माता की...जय
वंदे... वंदे... वंदे... वंदे... वंदे... वंदे... वंदे...
बहुत-बहुत धन्यवाद!