India-Indonesia ties are special: PM Modi
We are all proud of the manner in which the Indian diaspora has distinguished itself in Indonesia: PM Modi
In the last four years, India has witnessed unparalleled transformation, says PM Modi in Indonesia
Both India and Indonesia are proud of their democratic ethos and their diversity: PM Modi
In 2014 the people of India voted for a Government headed by a person belonging to a poor background. Similarly, the people of Indonesia elected President Widodo whose background is also humble: PM
Indian diaspora in Indonesia further strengthens the vibrant people-to-people ties between both our countries: PM Modi
Ensuring a corruption-free, citizen-centric and development-friendly ecosystem is our priority: PM Modi
GST has enhanced the tax compliance system in India; it has ensured a better revenue system: PM Modi
To enhance ‘Ease of Living’, we are focussing on modern infrastructure; we are creating a system which is transparent as well as sensitive: PM Modi

इंडोनेशिया में इंडिया को जीने वाले आप सभी बंधुओं को मेरा नमस्कार।

सलामत सोरे, तमान – तमान। (Good Evening Friends)

आपा काबार? (आप कैसे हैं।)

साया सनांग सकाली बर- अदा दी सिनी (मुझे यहां आकर बहुत खुशी है)

मैं इंडोनेशिया की जनता, आप सभी का और विशेषतौर पर राष्ट्रपति विडोडो का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने रमज़ान के इस पवित्र महीने में मेरा स्वागत किया। आज सुबह इंडोनेशिया की विविधता की झलक भी देखने को मिली। विभिन्न पोशाक पहने हुए नागरिकों और बच्चों ने मेरा स्वागत किया। इसने मेरे ह्रदय को छू लिया।

साथियों,

कुछ महीने पहले ही हमने सभी 10 आसियान नेताओं के साथ भारत का गणतंत्र दिवस मनाया। आसियान में इन्डोनेशिया सबसे बड़ी जनसंख्या का एक अहम सदस्य है। मैं राष्ट्रपति विडोडो का आभारी हूं कि उन्होंने हमें तब उनके आतिथ्य सत्कार का अवसर दिया। यह एक संयोग मात्र ही नहीं है कि सन् 1950 में भारत के पहले गणतंत्र दिवस में भी इंडोनेशिया के राष्ट्रपति मुख्य अतिथि थे।

साथियों,

बीते चार वर्षों में सवा सौ करोड़ भारतीयों के प्रतिनिधि के रुप में दुनिया में जहां-जहां भी मैं गया, मेरा प्रयास रहा है कि आप जैसे उन लाखों बंधुओं और बहनों से मिलूं, जिनका मूल भारत भूमि में है। इस दौरान मेरी जितनी भी बातचीत हुई, उसमें एक बात समान रही है। वो बात है मां भारती के प्रति अटूट श्रद्धा और सम्मान। यहां इंडोनेशिया में भी यही भावना मैं अपने सामने देख सकता हूं। इंडोनेशिया के प्रति आपकी जितनी भक्ति है, उतनी ही प्रबल भावना अपनी जड़ों से जुड़ने की है। आप में से अधिकांश इंडोनेशिया के नागरिक हैं लेकिन हृद्य के एक कोने में कहीं भारत भी बसा हुआ है।

साथियों,

हमारा संस्कृत और संस्कृति का रिश्ता है। और आप सभी जो यहां इंडोनेशिया में आज रच बस गए हैं, हमारे इस रिश्ते की मजबूत कड़ी हैं। आप में से यहां कई चार-पांच पीढ़ियों से हैं तो, ऐसे भी तमाम लोग हैं जो बीते दो-तीन दशकों से यहां पहुंचे हैं। आज आप में से कोई कपड़े के कारोबार से जुड़ा है तो कोई स्पोर्ट्स के सामान का व्यापार कर रहा है। कोई इंजीनियर है, कोई कंसल्टेंट। कोई सीए है तो कोई बैंकर तो कोई अध्यात्मिक गुरू। भारत से ही संबंध रखने वाले श्री गुरुनाम सिंह जी ने 1962 के जकार्ता एशियन गेम्स में इंडोनेशिया के लिए मेडल भी जीता था। मुझे बहुत प्रसन्नता भी है और गर्व भी, कि अपने तप से, कठिन परिश्रम से ना सिर्फ आप सभी ने यहां के परिवेश को अनुकूल बनाया, बल्कि आज आप इंडोनेशिया के विकास में भी बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं।

साथियों,

एक दौर वो भी था, जब आपके पूर्वजों को अलग-अलग परिस्थितियों की वजह से भारत छोड़ना पड़ा। आज एक दौर वो भी है जब दुनिया भर में भारत की मजबूत पहचान बनी है। पिछले 4 वर्षों में भारत ने दुनिया की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने का काम किया है।

  • आज भारत दुनिया की सबसे open economies में से एक है। भारत में रिकॉर्ड स्तर पर विदेशी निवेश हो रहा है।
  • भारत का Foreign Exchange Reserve लगभग 300 बिलियन डॉलर से बढ़कर 400 बिलियन डॉलर के पार पहुंच गया है।
  • Greenfield FDI को आकर्षित करने वाला भारत दुनिया का नंबर वन देश बन गया है।
  • FDI Confidence Index में भारत top two emerging market में से एक है।
  • वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के Global Competitiveness Index में भारत की रैंकिंग 71 से सुधरकर 40 हो गई है।
  • Ease of Doing Business की रैंकिंग में भारत 142 से सौवें नंबर पर आ गया है।
  • Logistics Performance Index में 19 अंकों का सुधार हुआ है।
  • Global Innovation Index में भारत की रैकिंग 21 अंक उछली है।
  • अंकटाड की रिपोर्ट में भारत को भविष्य की मजबूत अर्थव्यवस्थाओं में Top तीन में रखा गया है।
  • पिछले 14 वर्षों में पहली बार Moody's ने भारत की क्रेडिट रैंटिंग में सुधार किया है।

भाइयों और बहनों,

भारत जहां दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है वहीं इंडोनेशिया में भी लोकतंत्र की जड़ें बहुत मजबूत हैं। यही कारण है कि जिस प्रकार सवा सौ करोड़ भारतीयों ने मुझ जैसे साधारण नागरिक को प्रधान सेवक बनने का अवसर दिया, वैसे ही इंडोनेशिया की जनता ने भी विडोडो जी को अपना राष्ट्रपति चुना। साथियों, भारत और इंडोनेशिया सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता और सद्भाव के प्रतीक हैं। यहां अनेक भाषाएं बोलियां हैं, सैकड़ों समुदाय रहते हैं, तो भारत में भी कोस-कोस पर बदले पानी, चार कोस पर वाणी की कहावत मशहूर है। मैंने कहीं पढ़ा है कि इंडोनेशिया के बोर्नियो द्वीप में सत्रह सौ साल पहले के अवशेष हैं जो भारत के साथ संबंधों के सबूत हैं। अभी तीन-चार दिन पहले ही मैं ओडिशा के कटक में था। वहां पर जिस मैदान में विशाल जनसभा का आयोजन किया गया, उसका नाम था ‘बालीजात्रा’। बालीजात्रा का क्या मतलब है? इंडोनेशिया के बाली की यात्रा। सैकड़ों वर्ष पूर्व ओडिशा के महान नाविक, कटक से निकलकर ही जावा-सुमात्रा और बोर्नियो तक आते थे। आज भी हर साल अक्तूबर-नवंबर में ओडिशा में ‘बालीजात्रा’ का उत्सव बहुत ही शान, बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है।इंडोनेशिया का गुजरात से भी पुराना नाता रहा है। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तो एक बार मुझे किसी ने कहा था कि 12वीं सदी के आसपास कच्छ में रहने वाले जो मुसलमान निकले, उनमें से काफी यहां इंडोनेशिया में भी आकर बसे थे। उन लोगों के साथ गुजराती भाषा, गुजराती खान-पान भी इंडोनेशिया पहुंची थी। मुझे बताया गया है कि बुबुर गुजरात, गुजराती खिचड़ी इंडोनेशिया में कई मुस्लिम परिवारों में भी बनाई जाती है। आज भी कई ऐसे शब्द इस्तेमाल में हैं जो भारत इंडोनेशिया के संबंधों की प्राचीनता और घनिष्ठता पर प्रकाश डालते हैं । जैसे भाई के लिए 'सहोदर', निधन के लिए 'माटी', रंगों या colourके लिए 'वर्ण', Group के लिए 'समूह' या 'समूअ', 'उपवास' और 'पुवास', 'बहासा' और 'भाषा'; 'रूपियाह' और 'रुपया'। ऐसे शब्दों को इकट्ठा करें तो पूरी डिक्शनरी बन जाएगी।ये समानताएं स्वाभाविक हैं। भारत और इंडोनेशिया के बीच सिर्फ 90 नॉटिकल मील का फासला है। यानि, हम 90 नॉटिकल मील दूर नहीं, 90 नॉटिकल मील पास हैं। पड़ोसी हैं।

साथियों,

मुझे बताया गया है कि भारत और इंडोनेशिया के गहरे सांस्कृतिक संबंधों को यहाँ कई प्रकार से मनाया जाता है।यहां ‘इंडोनेशिया तमिल संगम’ के सांस्कृतिक आयोजनों को भी एक अलग पहचान मिली है। पिछले वर्ष जकार्ता व अन्य स्थानों पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित सफल कार्यक्रमों के बारे में भी मुझे बताया गया है। मुझे यह भी जानकारी मिली है कि बाली में मशहूर भारतीय Traditional medicines के सेंटर, पंचकर्म-आयुर्वेद सेंटरों की लोकप्रियता निरंतर बढ़ रही है। हाल के वर्षों में Holistic Healthcare के प्रति दुनिया भर में आकर्षण बढ़ा है। आपके लिए भी पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों का Ambassador बनने का ये बेहतरीन अवसर है।

साथियों,

वैसे, ये भी एक संयोग ही है कुछ दिन पूर्व ही मुझे नेपाल के जनकपुर में मां जानकी का आशीर्वाद लेने का अवसर मिला था। और अब में यहां इंडोनेशिया में हूँ, जहां पर रामकथा को एक नयी भूमि और नये परिवेश मिले। ये अपने आप में इंडोनेशिया की विशेषता है कि यहां रामायण का मंचन करने वाले कलाकार मुस्लिम हैं। आज कुछ समय पहले राष्ट्रपति विडोडो और मैंने पतंगों की एक प्रदर्शनी देखी। यह देख कर बहुत ख़ुशी हुई की रामायण और महाभारत जैसी कथाओं और परम्पराओं को इंडोनेशिया के सामान्य जनजीवन में आज भी विशेष स्थान प्राप्त है।आस्था और संस्कृति किस प्रकार साथ-साथ पल्लवित और पोषित होते है, उसकी ये बहुत बड़ी मिसाल है।

साथियों,

पिछली सदी में जब हम दोनों देश आज़ाद हुए तब से ही हम वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर एक दूसरे के साथ सहयोग कर रहे हैं। बीते चार वर्षों से हमारे संबंधों में और प्रगाढ़ता आई है। आज भारत और इंडोनेशिया के बीच संबंध नई ऊंचाई पर हैं। राजनयिक हो, स्ट्रैटेजिक या फिर आर्थिक सहयोग, भारत और इंडोनेशिया साथ मिलकर चुनौतियों का मुकाबला कर रहे हैं, अवसरों का उपयोग कर रहे हैं। आज भारत और इंडोनेशिया ने अपनी स्ट्रैटेजिक साझेदारी को एक अलग स्तर पर ले जाने का निर्णय लिया है। राष्ट्रपति विडोडो और मैंने आज इसे एक कदम और आगे बढ़ाकर ‘काम्प्रिहेन्सिव स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप’ का दर्जा दिया है। हमारी सेनाओं के बीच सम्मिलित अभ्यास हो रहे हैं। सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भी हमारे बीच तालमेल बढ़ रहा है। आज इंडोनेशिया ASEAN देशों में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। आज हमारा व्यापार 18 अरब डॉलर से अधिक तक पहुंच चुका है।

साथियों,

भारत और इंडोनेशिया के बीच मजबूत संबंधों का एक और आधार है हमारे लोग । यानि आप सब। हमारे यहां एक बहुत बड़ी आबादी ऐसी है जो 35 वर्ष से कम उम्र की है। इनकी ऊर्जा को सही दिशा और प्रोत्साहन देने का प्रयास बीते चार वर्षों से भारत में हमारी सरकार ने किया है। इसीलिए, मेरी सरकार के काम करने की स्पीड तेज़ है और scale बहुत व्यापक है। देश के लोगों की आशाओं-अपेक्षाओं के अनुरूप हमने Good Governance पर बल दिया है, Minimum Government, Maximum Governance पर बल दिया है। हम Citizen-First के मंत्र को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। सरकार बहुत ग्राउंड लेवल पर जाकर बड़े प्रशासनिक, वित्तीय और कानूनी कदम उठा रही है।हमारी सरकार के लिए Corruption Free, Citizen-Centric और Development Friendly Ecosystem सबसे बड़ी प्राथमिकता है। पासपोर्ट के लिए अब भारत में महीनों या हफ्तों का इंतजार नहीं करना पड़ता, दो से तीन दिन में पासपोर्ट लोगों के घर पहुंच जाता है। इंडोनेशिया समेत 163 देशों के लोगों को e-Visa की सुविधा दी गई है। e-Visa पर भारत आने वाले टूरिस्टों की संख्या में करीब-करीब 150 प्रतिशत की बढोतरी हुई है।बीते वर्षों में भारत में 1400 से ज्यादा पुराने कानून खत्म किए जा चुके हैं। Goods and Service Tax - GST ने भारत को एक बेहतर Tax Compliance सिस्टम, बेहतर Revenue सिस्टम दिया है।

साथियों,

हम देश के नागरिकों के लिए Ease of Living और देश के लिए Modern Infrastuructureके Unique Combination पर काम कर रहे हैं। हम भारत में एक ऐसे सिस्टम का निर्माण कर रहे हैं जो ना सिर्फ Transparent हो बल्कि Sensitive भी हो।

  • रेलवे लाइनों को ब्रॉड गेज में बदलने की रफ्तार दोगुनी हो गई है।
  • रेल लाइनों का बिजलीकरण तीन गुनी रफ्तार से हो रहा है।
  • गांवों में सड़कें और नेशनल हाइवेज मेरी सरकार दोगुनी रफ्तार से बना रही है।
  • पहले जिस स्पीड से पावर ट्रांसमिशन लाइन बिछाई जा रही थी, आज यही काम उससे दोगुनी रफ्तार से हो रहा है।
  • पहले सिर्फ 59 गांव पंचायतों के मुकाबले हमने 1 लाख 10 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ दिया है।
  • पहले सिर्फ 28 सरकारी योजनाओं के मुकाबले अब 400 से ज्यादा योजनाओं का पैसा लोगों को सीधे बैंक खाते में मिल रहा है।
  • यहां तक की जो LED बल्ब पहले साढ़े तीन सौ रुपए में मिला करता था, वो भी अब 40-50 रुपए में मिलने लगा है।
  • पहले जहां भारत में सिर्फ 2 मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियां थीं, वहीं अब इनकी संख्या बढ़कर 120 हो गई है। भारत में बन रहे मोबाइल ने Import करने का खर्च भी घटाकर आधा कर दिया है।

भारत में आज बड़ी संख्या में नए इंजीनियरिंग कॉलेज खुल रहे हैं, मैनेजमेंट कॉलेज, मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं। सिर्फ पिछले ढाई साल में भारत में 9 हजार से ज्यादा स्टार्ट अप रजिस्टर किए गए हैं। दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा Start-up ecosystem भारत में बना है।आज दुनिया भर में भारत के पासपोर्ट की ताकत बढ़ी है। दुनिया की शक्तिशाली व्यवस्थाओं का भारत हिस्सा बना है। भारत Solar Energy को मानव कल्याण के हित में ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने के लिए International Solar Alliance की अगुवाई करने वाले देशों में से एक है। हमारी सरकार भारत को 21वीं सदी की आवश्यकताओं- आशाओं-अपेक्षाओं के अनुरूप तैयार करने का काम कर रही है। आज भारत न्यू इंडिया के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। हमें न्यू इंडिया बनाना है 2022 तक, जब स्वतंत्र भारत 75 वर्ष का होगा।

साथियों,

यहां इंडोनेशिया में सुख-दुख में एक दूसरे का साथ देने की परंपरा और वसुधैव कुंटुबकम के मंत्र पर आप अडिग हैं। मुझे बताया गया है कि हाल में बाली में जो ज्वालामुखी का हादसा हुआ, उसमें फंसे हज़ारों भारतीय पर्यटकों को बाली और सूराबाया के लोगों ने न सिर्फ बचाया बल्कि उन्हें स्वदेश भेजने का प्रबंध भी किया। इस मानवीय व्यव्हार के लिए मैं आपकी दिल से प्रशंसा करता हूँ। और आपको धन्यवाद भी देता हूँ।मानवीय मूल्यों का यही संरक्षण भारत की विरासत का अभिन्न अंग रहा है। हम इसे भारत में भी उतने ही गौरव के साथ जी रहे हैं। चाहे नेपाल में भूकंप हो या श्रीलंका में बाढ़ की आपदा, भारत की पहचान संकट के समय सबसे पहले उपस्थित रहने वाला देश के तौर पर बन रही है। संकट में फंसे 90,000 भारतीयों को एनडीए सरकार के दौरान सुरक्षित वापस लाया गया है।

साथियों,

India और Indonesia सिर्फ नाम से ही मिलते जुलते नहीं हैं। यह तालमेल सिर्फ तुक यानि Rhyme का ही नहीं, ताल यानि Rhythm का भी है। यह तालमेल हमारी संस्कृति का है, हमारी परंपराओं का है। हमारी आस्था का है, व्यवस्था का है। लोक संपर्क का है, लोकतंत्र का है।

भाइयों और बहनों,

भारत और इंडोनेशिया सांस्कृतिक बंधन से बंधे हुए हैं। हमारे बहुत पुराने संबंध हैं। लेकिन आज हम सभी के सामने ये भी सवाल है कि क्या ये पुरातत्व का ही विषय रहेगा? हमारी आने वाली पीढ़ियां, भविष्य में हमारा People to People Contacts और कैसे बढ़े, कैसे मजबूत हो, जीवंत रहे, इस पर भी हमें मिलकर काम करना होगा।आप में अनेक ऐसे होंगे जो कभी भारत नहीं गए। ऐसे भी कई लोग होंगे जिनका काफी सालों से स्वदेश जाना नहीं हुआ होगा। मेरा आपसे आग्रह है कि, एक बार अपने दोस्तों के साथ भारत ज़रूर आएं। भारत में किस प्रकार बदलाव आ रहा है ये आप अनुभव कर पाएंगे। मैं आपको बताना चाहता हूँ कि इंडोनेशिया के नागरिकों को 30 दिन के लिए भारत यात्रा के निशुल्क वीसा की व्यवस्था की जा रही है।अगले कुछ महीनों में एक बड़ा अवसर आपका इंतज़ार कर रहा है। अगले वर्ष जनवरी में उत्तर प्रदेश के प्रयाग में कुंभ का आयोजन होने वाला है। आस्था का ये मेला आपके लिए एक नया अनुभव होगा। यहां आपको अपने भारत की समृद्ध आध्यात्मिकता का दर्शन तो होगा ही, New India की झांकी भी मिलेगी। आपको मैं New India में बन रहे नए अवसरों से जुड़ने का आमंत्रण देता हूं। आप आइए और बदले माहौल का लाभ भी उठाइए। तथा उसे और बदलने में अपना योगदान भी कीजिये।

आपने मुझे यहां इतना मान दिया, सम्मान दिया, इसके लिए फिर एक बार आपका और इंडोनेशिया की सरकार को यहां के प्रशासन को मैं बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं।

तेरीमा कासिह कालियान तलह बर-अदा दी सिनी (यहां आने के लिए आप सब का बहुत बहुत धन्यवाद)
सलामत रमादान !

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‘Restoring Balance’ is a global urgency: PM Modi highlights global health challenges at WHO Global Summit on Traditional Medicine
December 19, 2025
It is India’s privilege and a matter of pride that the WHO Global Centre for Traditional Medicine has been established in Jamnagar: PM
Yoga has guided humanity across the world towards a life of health, balance, and harmony: PM
Through India’s initiative and the support of over 175 nations, the UN proclaimed 21 June as International Yoga Day; over the years, yoga has spread worldwide, touching lives across the globe: PM
The inauguration of the WHO South-East Asia Regional Office in Delhi marks another milestone. This global hub will advance research, strengthen regulation & foster capacity building: PM
Ayurveda teaches that balance is the very essence of health, only when the body sustains this equilibrium can one be considered truly healthy: PM
Restoring balance is no longer just a global cause-it is a global urgency, demanding accelerated action and resolute commitment: PM
The growing ease of resources and facilities without physical exertion is giving rise to unexpected challenges for human health: PM
Traditional healthcare must look beyond immediate needs, it is our collective responsibility to prepare for the future as well: PM

WHO के डायरेक्टर जनरल हमारे तुलसी भाई, डॉक्टर टेड्रोस़, केंद्रीय स्वास्थ्य में मेरे साथी मंत्री जे.पी. नड्डा जी, आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव जी, इस आयोजन से जुड़े अन्य देशों के सभी मंत्रीगण, विभिन्न देशों के राजदूत, सभी सम्मानित प्रतिनिधि, Traditional Medicine क्षेत्र में काम करने वाले सभी महानुभाव, देवियों और सज्जनों !

आज दूसरी WHO Global Summit on Traditional Medicine का समापन दिन है। पिछले तीन दिनों में यहां पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े दुनिया भर के एक्सपर्ट्स ने गंभीर और सार्थक चर्चा की है। मुझे खुशी है कि भारत इसके लिए एक मजबूत प्लेटफार्म का काम कर रहा है। और इसमें WHO की भी सक्रिय भूमिका रही है। मैं इस सफल आयोजन के लिए WHO का, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय का और यहां उपस्थित सभी प्रतिभागियों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

ये हमारा सौभाग्य है और भारत के लिए गौरव की बात है कि WHO Global Centre for Traditional Medicine भारत के जामनगर में स्थापित हुआ है। 2022 में Traditional Medicine की पहली समिट में विश्व ने बड़े भरोसे के साथ हमें ये दायित्व सौंपा था। हम सभी के लिए खुशी की बात है कि इस ग्लोबल सेंटर का यश और प्रभाव locally से लेकर के globally expand कर रहा है। इस समिट की सफलता इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इस समिट में Traditional knowledge और modern practices का कॉन्फ्लूएंस हो रहा है। यहां कई नए initiatives भी शुरू हुए हैं, जो medical science और holistic health के future को transform कर सकते हैं। समिट में विभिन्न देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रतिनिधियों के बीच विस्तार से संवाद भी हुआ है। इस संवाद ने ज्वाइंट रिसर्च को बढ़ावा देने, नियमों को सरल बनाने और ट्रेनिंग और नॉलेज शेयरिंग के लिए नए रास्ते खोले हैं। ये सहयोग आगे चलकर Traditional Medicine को अधिक सुरक्षित, अधिक भरोसेमंद बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

साथियों,

इस समिट में कई अहम विषयों पर सहमति बनना हमारी मजबूत साझेदारी का प्रतिबिंब है। रिसर्च को मजबूत करना, Traditional Medicine के क्षेत्र में डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ाना, ऐसे रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार करना जिन पर पूरी दुनिया भरोसा कर सके। ऐसे मुद्दे Traditional Medicine को बहुत सशक्त करेंगे। यहां आयोजित Expo में डिजिटल हेल्थ टेक्नोलॉजी, AI आधारित टूल्स, रिसर्च इनोवेशन, और आधुनिक वेलनेस इंफ्रास्ट्रक्चर, इन सबके जरिए हमें ट्रेडिशन और टेक्नोलॉजी का एक नया collaboration भी देखने को मिला है। जब ये साथ आती हैं, तो ग्लोबल हेल्थ को अधिक प्रभावी बनाने की क्षमता और बढ़ जाती है। इसलिए, इस समिट की सफलता ग्लोबल दृष्टि से बहुत ही अहम है।

साथियों,

पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली का एक अहम हिस्सा योग भी है। योग ने पूरी दुनिया को स्वास्थ्य, संतुलन और सामंजस्य का रास्ता दिखाया है। भारत के प्रयासों और 175 से ज्यादा देशों के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को योग दिवस घोषित किया गया था। बीते वर्षों में हमने योग को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचते देखा है। मैं योग के प्रचार और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले हर व्यक्ति की सराहना करता हूं। आज ऐसे कुछ चुनींदा महानुभावों को पीएम पुरस्कार दिया गया है। प्रतिष्ठित जूरी सदस्यों ने एक गहन चयन प्रक्रिया के माध्यम से इन पुरस्कार विजेताओं का चयन किया है। ये सभी विजेता योग के प्रति समर्पण, अनुशासन और आजीवन प्रतिबद्धता के प्रतीक हैं। उनका जीवन हर किसी के लिए प्रेरणा है। मैं सभी सम्मानित विजेताओं को हार्दिक बधाई देता हूं, अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

मुझे ये जानकर भी अच्छा लगा कि इस समिट के आउटकम को स्थायी रूप देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया हैं। Traditional Medicine Global Library के रूप में एक ऐसा ग्लोबल प्लेटफॉर्म शुरू किया गया है, जो ट्रेडिशनल मेडिसिन से जुड़े वैज्ञानिक डेटा और पॉलिसी डॉक्यूमेंट्स को एक जगह सुरक्षित करेगा। इससे उपयोगी जानकारी हर देश तक समान रूप से पहुंचने का रास्ता आसान होगा। इस Library की घोषणा भारत की G20 Presidency के दौरान पहली WHO Global Summit में की गई थी। आज ये संकल्प साकार हो गया है।

साथियों,

यहां अलग-अलग देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने ग्लोबल पार्टनरशिप का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। एक साझेदार के रूप में आपने Standards, safety, investment जैसे मुद्दों पर चर्चा की है। इस संवाद से जो Delhi Declaration इसका रास्ता बना है, वो आने वाले वर्षों के लिए एक साझा रोडमैप की तरह काम करेगा। मैं इस joint effort के लिए विभिन्न देशों के माननीय मंत्रियों की सराहना करता हूं, उनके सहयोग के लिए मैं आभार जताता हूं।

साथियों,

आज दिल्ली में WHO के South-East Asia Regional Office का उद्घाटन भी किया गया है। ये भारत की तरफ से एक विनम्र उपहार है। ये एक ऐसा ग्लोबल हब है, जहां से रिसर्च, रेगुलेशन और कैपेसिटी बिल्डिंग को बढ़ावा मिलेगा।

साथियों,

भारत दुनिया भर में partnerships of healing पर भी जोर दे रहा है। मैं आपके साथ दो महत्वपूर्ण सहयोग साझा करना चाहता हूं। पहला, हम बिमस्टेक देशों, यानी दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में हमारे पड़ोसी देशों के लिए एक Centre of Excellence स्थापित कर रहे हैं। दूसरा, हमने जापान के साथ एक collaboration शुरू किया है। ये विज्ञान, पारंपरिक पद्धितियों और स्वास्थ्य को एक साथ जोड़ने का प्रयास है।

साथियों,

इस बार इस समिट की थीम है- ‘Restoring Balance: The Science and Practice of Health and Well-being’, Restoring Balance, ये holistic health का फाउंडेशनल थॉट रहा है। आप सब एक्स्पर्ट्स अच्छी तरह जानते हैं, आयुर्वेद में बैलेन्स, अर्थात् संतुलन को स्वास्थ्य का पर्याय कहा गया है। जिसके शरीर में ये बैलेन्स बना रहता है, वही स्वस्थ है, वही हेल्दी है। आजकल हम देख रहे हैं, डायबिटीज़, हार्ट अटैक, डिप्रेशन से लेकर कैंसर तक अधिकांश बीमारियों के background में lifestyle और imbalances एक प्रमुख कारण नजर आ रहा है। Work-life imbalance, Diet imbalance, Sleep imbalance, Gut Microbiome Imbalance, Calorie imbalance, Emotional Imbalance, आज कितने ही global health challenges, इन्हीं imbalances से पैदा हो रहे हैं। स्टडीज़ भी यही प्रूव कर रही हैं, डेटा भी यही बता रहा है कि आप सब हेल्थ एक्स्पर्ट्स कहीं बेहतर इन बातों को समझते हैं। लेकिन, मैं इस बात पर जरूर ज़ोर दूँगा कि ‘Restoring Balance, आज ये केवल एक ग्लोबल कॉज़ ही नहीं है, बल्कि, ये एक ग्लोबल अर्जेंसी भी है। इसे एड्रैस करने के लिए हमें और तेज गति से कदम उठाने होंगे।

साथियों,

21वीं सदी के इस कालखंड में जीवन के संतुलन को बनाए रखने की चुनौती और भी बड़ी होने वाली है। टेक्नोलॉजी के नए युग की दस्तक AI और Robotics के रूप में ह्यूमन हिस्ट्री का सबसे बड़ा बदलाव आने वाले वर्षों में जिंदगी जीने के हमारे तरीके, अभूतपूर्व तरीके से बदलने वाले हैं। इसलिए हमें ये भी ध्यान रखना होगा, जीवनशैली में अचानक से आ रहे इतने बड़े बदलाव शारीरिक श्रम के बिना संसाधनों और सुविधाओं की सहूलियत, इससे human bodies के लिए अप्रत्याशित चुनौतियां पैदा होने जा रही हैं। इसलिए, traditional healthcare में हमें केवल वर्तमान की जरूरतों पर ही फोकस नहीं करना है। हमारी साझा responsibility आने वाले future को लेकर के भी है।

साथियों,

जब पारंपरिक चिकित्सा की बात होती है, तो एक सवाल स्वाभाविक रूप से सामने आता है। ये सवाल सुरक्षा और प्रमाण से जुड़ा है। भारत आज इस दिशा में भी लगातार काम कर रहा है। यहां इस समिट में आप सभी ने अश्वगंधा का उदाहरण देखा है। सदियों से इसका उपयोग हमारी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में होता रहा है। COVID-19 के दौरान इसकी ग्लोबल डिमांड तेजी से बढ़ी और कई देशों में इसका उपयोग होने लगा। भारत अपनी रिसर्च और evidence-based validation के माध्यम से अश्वगंधा को प्रमाणिक रूप से आगे बढ़ा रहा है। इस समिट के दौरान भी अश्वगंधा पर एक विशेष ग्लोबल डिस्कशन का आयोजन किया गया। इसमें international experts ने इसकी सुरक्षा, गुणवत्ता और उपयोग पर गहराई से चर्चा की। भारत ऐसी time-tested herbs को global public health का हिस्सा बनाने के लिए पूरी तरह कमिटेड होकर काम कर रहा है।

साथियों,

ट्रेडिशनल मेडिसिन को लेकर एक धारणा थी कि इसकी भूमिका केवल वेलनेस या जीवन-शैली तक सीमित है। लेकिन आज ये धारणा तेजी से बदल रही है। क्रिटिकल सिचुएशन में भी ट्रेडिशनल मेडिसिन प्रभावी भूमिका निभा सकती है। इसी सोच के साथ भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि आयुष मंत्रालय और WHO-Traditional Medicine Center ने नई पहल की है। दोनों ने, भारत में integrative cancer care को मजबूत करने के लिए एक joint effort किया है। इसके तहत पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को आधुनिक कैंसर उपचार के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। इस पहल से evidence-based guidelines तैयार करने में भी मदद मिलेगी। भारत में कई अहम संस्थान स्वास्थ्य से जुड़े ऐसे ही गंभीर विषयों पर क्लिनिकल स्टडीज़ कर रहे हैं। इनमें अनीमिया, आर्थराइटिस और डायबिटीज़ जैसे विषय भी शामिल हैं। भारत में कई सारे स्टार्ट-अप्स भी इस क्षेत्र में आगे आए हैं। प्राचीन परंपरा के साथ युवाशक्ति जुड़ रही है। इन सभी प्रयासों से ट्रेडिशनल मेडिसिन एक नई ऊंचाई की तरफ बढ़ती दिख रही है।

साथियों,

आज पारंपरिक चिकित्सा एक निर्णायक मोड़ पर खड़ी है। दुनिया की बड़ी आबादी लंबे समय से इसका सहयोग लेती आई है। लेकिन फिर भी पारंपरिक चिकित्सा को वो स्थान नहीं मिल पाया था, जितना उसमें सामर्थ्य है। इसलिए, हमें विज्ञान के माध्यम से भरोसा जीतना होगा। हमें इसकी पहुंच को और व्यापक बनाना होगा। ये जिम्मेदारी किसी एक देश की नहीं है, ये हम सबका साझा दायित्व है। पिछले तीन दिनों में इस समिट में जो सहभागिता, जो संवाद और जो प्रतिबद्धता देखने को मिली है, उससे ये विश्वास गहरा हुआ है कि दुनिया इस दिशा में एक साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार है। आइए, हम संकल्प लें कि पारंपरिक चिकित्सा को विश्वास, सम्मान और जिम्मेदारी के साथ मिलकर के आगे बढ़ाएंगे। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद।