BJP believes in 'Rashtra Bhakti' and serving the society: PM Modi

Published By : Admin | May 8, 2018 | 14:01 IST
QuoteWe only have one mantra, 'Sabka Saath Sabka Vikas': PM Modi
QuoteCongress can go to any extent for power, their game is to plot brothers against each other, says the PM
QuoteProtecting the girl child is our commitment. We believe in the mantra of 'Beta Beti Ek Samaan': PM Modi in Koppal
QuoteWe have embarked on a journey to make our villages smoke-free, we are ensuring cooking gas for the poor women in villages, says the PM
QuoteCongress did nothing to promote tourism and rich history of Karnataka, alleges PM

मैं सबसे पहले आप सबसे क्षमा मांगना चाहता हूं। और मैं क्षमा इसलिए मांग रहा हूं कि यहां के जो हमारे व्यवस्थापक हैं। उन्होंने जो सभा की कल्पनी की थी। और उसके हिसाब से पंडाल बनाया था लेकिन यह पंडाल बहुत ही छोटा पड़ गया। पंडाल से भी चार गुणा लोग बाहर धूप में तप रहे हैं। आपको ताप में तपना पड़ रहा है। आपको कष्ट हुआ है। इसके लिए मैं आपसे क्षमा मांगता हूं लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाता हूं। आप जो ये ताप में तप कर रहे हो ...। ये आपका तप मैं बेकार नहीं जाने दूंगा। मैं आपका ये प्यार, आपका ये आशीर्वाद, आपकी ये तपस्या मैं इसे ब्याज समेत लौटाऊंगा। विकास करके लौटाऊंगा।

हमारा देश अगर भगवान राम का स्मरण करता है तो माता सबरी को भी कभी भूलता नहीं है। और राम-सबरी का संवाद निर्बाध प्रेम, आस्था, भक्ति, उसका प्रतीक हम सबको आज भी प्रेरणा देता है।

हम भारतीय जनता पार्टी के लोग भी राष्ट्रभक्ति, जनता जनार्दन की भक्ति, गरीबों की सेवा ...। उसी भाव को लेकर के आप सबकी सेवा में रत है। हम लोगों का एक ही मंत्र है सबका साथ, सबका विकास।

लेकिन दूसरी तरफ एक ऐसी पार्टी है जिसने आजादी के 70 साल में 60 साल तक खुद ने राज किया है। लेकिन उस पार्टी का मंत्र है - उनका परिवार, यही उनका संविधान है। उनका परिवार, यही उनकी सरकार है। वो सरकार चलाते हैं तो भी परिवार के लिए, सरकार गिराते हैं तो भी परिवार के लिए। सत्ता पाने के लिए वो किसी भी हद तक जा सकते हैं। देश तोड़ो, पंथ तोड़ो, जाति तोड़ो, परिवार तोड़ो, बिरादरी तोडो, भाई से भाई को लड़ाओ और उनकी कुर्सी बचाओ। यही उनका खेल है। कांग्रेस पार्टी की राजनीतिक सोच कितनी विकृत है। देश के भीतर कैसे जहर घोलने वाली है। आपको उनके कारनामे देखोगे तो साफ-साफ नजर आएगा।

येदुरप्पा जी जब कर्नाटक के सीएम थे तब उन्होंने कर्नाटक की समृद्ध विरासत के प्रचार, प्रसार, संरक्षण, संवर्धन के लिए एक अभियान चलाया था। और उसका प्रारंभ यहीं आपका क्षेत्र हम्पी से किया था। ताकि भावी पीढ़ियों को उससे प्रेरणा मिले। लेकिन मुझे बताया गया कि जैसे ही उनकी सरकार बनी। उन्होंने बच्चों के दिमाग में भी जहर घोलना शुरू किया। येदुरप्पा की योजना बंद कर दी। और स्कूल के बच्चों को भी स्कूल में अगर पर्यटन पर जाते हैं, ट्रिप जाने के लिए जाति के आधार पर स्थानों पर जाने का फैसला किया। इससे बड़ा दुर्दशा क्या हो सकता है।

बंधु भगनी।

आपके क्षेत्र मे एक से एक बढ़कर एक धरोहर है। हमारी पूर्वजों की दी हुई विरासत है। ये धरती तो जैन काशी के रूप में भी जानी जाती है लेकिन इस सरकार ने न उसके प्रचार के लिए कुछ किया, न प्रसार के लिए कुछ किया। न टूरिज्म डवलपमेंट के लिए कुछ किया और न ही यात्रा के लिए कुछ भी नहीं किया। कोई भी देश अपने इतिहास की, अपने सांस्कृतिक विरासत की, अपनी सामाजिक धरोहर की कभी भी उपेक्षा नहीं कर सकता है।

भाइयो बहनो।

देश की सांस्कृतिक विरासत का सामर्थ्य बने। इसके लिए भारत सरकार ने एक स्वदेश दर्शन योजना बनाई है। 5 हजार करोड़ रुपए की लागत से इस योजना के तहत लोगों को यात्रा करने की सुविधाएं बढ़े। अलग-अलग सर्किट डवलप हो, बुद्ध सर्किट हो, महात्मा गांधी हो, स्वतंत्रता सेनानी का सर्किट हो, भगवान राम का सर्किट हो, महावीर जैन सर्किट हो, रेगिस्तान का सर्किट हो, समुद्र तट का सर्किट हो। ऐसी एक स्वदेश दर्शन योजना का 5 हजार करोड़ रुपए की योजना हमने बनाई है ताकि एक भारत श्रेष्ठ भारत उसको बल मिले।

यहां के अनेगुंडी और हम्पी का भी महात्म्य है। यह क्षेत्र महावीर हनुमान की जन्मस्थली और भगवान राम के वनवास के अहम क्षेत्रों से जुड़ी हुई है। देश के कोने-कोने से लोग जा सके। इसलिए हमने हमने हवाई यात्रा का नेटवर्क बनाने की आकर्षक योजना बनाई है। अब हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज में बैठकरके ऐसे स्थानों पर जा सके, ये काम हमने किया है।

मैं भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक को और येदुरप्पा जी को भी बधाई देता हूं कि उन्होंने वचन पत्र में ये वादा किया है कि इस प्रकार के यात्रा स्थानों को विकास के लिए, टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए, देशभर से पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ...।

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बंधु भगनी।

दो साल पहले आपको याद होगा, मैंने इसी धरती की संतान मल्लमा ...। मल्लमा को मैंने मेरे मन की बात कार्यक्रम में उसका जिक्र किया था। इस गांव की छोटी-सी बच्ची मल्लमा, उसने शौचालय बनाने की जिद पकड़ी, शौचालय बनाने का अभियान चलाया और परिवर्तन कैसे आता है पूरे देश को दिखाने का काम यहां की बेटी मल्लमा ने किया था। मुझे खुशी है आज, मल्लमा जैसी लाखों बेटियां पूरे देश में स्वच्छ अभियान को आगे बढ़ा रही है। मैं इस धरती को विशेष नमन करता हूं जिस धरती ने हमारी मल्लमा जैसी बेटी को जन्म दिया।

भाइयो बहनो।

शौचालय ये सुविधा मात्र नहीं है। यह नारी के सम्मान के साथ जुड़ा हुआ है। ये नारी के इज्जत के साथ जुड़ा हुआ है। कोई कल्पना कर सकता है। गांव के अंदर हमारी मां-बहन, खुले में शौच जाना पड़ता है। वह अंधेरे का इंतजार करती है। सुबह सूरज उगने से पहले चली जाती है। दिनभर बेचारी जाती नहीं है। परेशानी हो तो भी जाती नहीं है। और शाम तक सूरज ढलने का इंतजार करती है। क्या मेरी माताओं-बहनों को इस अत्याचार से मुक्ति मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए ...।

भाइयो बहनो।

जब मैं लालकिले पर से शौचालय की बात कही तो लोगों ने मेरी आलोचना की, मेरा मजाक उड़ाया। और नामदार तो इस कामदार का मजाक उड़ाने में कभी पीछे ही नहीं रहते हैं। लेकिन सोने की चम्मच लेकरके पैदा हुए नामदार को  उस गरीब मां की मुसीबत का पता कैसे चलेगा। वो तो मजाक उड़ाएंगे। लेकिन हम तो गरीबों के लिए जीते हैं, गरीबों के लिए जिंदगी खपाने वाले लोग हैं।

भाइयो बहनो।

आपको जानकरके खुशी होगी कि देश को इस चीज की कितनी जरूरत थी। भले लोग मेरा मजाक उड़ाते हो। लेकिन 2014 में मेरी सरकार बनी। उसके पहले देश में गांवो में शौचालय का कवरेज सिर्फ 40 प्रतिशत था। 4 साल की कड़ी मेहनत, मल्लमा जैसी बेटियों के साथ, आज वो कवरेज 40 प्रतिशत से 4 साल में 80 प्रतिशत पहुंचा दिया है।

आपने कल्पना की है। हमारे देश में मां। गरीब मां। लकड़ी का चूल्हा जलाकरके खाना पकाती है। मैंने बचपन में मेरी मां को लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाते देखा है। पूरा घर धुएं से भर जाता था। हम बच्चे घर में खांसते रहते थे। मां परेशानी झेलती थी। लेकिन हमें खाना खिलाती थी। ऐसी करोड़ों माताएं, मेरे देश में जिंदगी गुजारती थी। और एक मां लकड़ी का चूल्हा जलाकरके खाना पकाती है तो 400 सिगरेट का धुआं हर दिन उसके शरीर में जाता है। उस मां के शरीर का हाल क्या होगा। और इसलिए हमने बीड़ा उठाया। मेरी गरीब से गरीब मां को, येलकड़ी के चूल्हे से खाना पकाने से मुक्ति दूंगा। उसको गैस का कनेक्शन दूंगा। और मुझे आज खुशी है कि इतने कम समय में 4 करोड़ परिवारों में मुफ्त गैस कनेक्शन देकरके, लकड़ी के चूल्हे के धुएं से माताओं-बहनों को मैंने मुक्ति दिलाई है।

भाइयो बहनो।

ये कांग्रेस का एक और पाप मैं आपको गिनाना चाहता हूं। आपको मालूम है कि आज देश में कई जिले ऐसे हैं जहां हजार अगर लड़के पैदा होते हैं तो सिर्फ 800, 850, 900 लड़कियां पैदा होती हैं। जबकि समाज में जितनी लड़के पैदा होने चाहिए, उतनी लड़कियां पैदा होनी चाहिए। लेकिन पुरानी सरकारों के दरम्यान मां के गर्भ में ही बेटियों को मार दिया जाता था। सरकार सोती रहती थी। बेटियों की संख्या कम होती गई। हमने बीड़ा उठाया है, बेटी बचाने का। मां के गर्भ में बेटियों को नहीं मारने देंगे। बेटा बेटी एक समान, इस अभियान को चलाया है। और उसका परिणाम है कि हजार बेटों के सामने नए जन्म होने वाली बेटियां पैदा होना शुरू हुआ है। आगे चलकरके ये गड्ढा भी भर जाएगा। ये काम हम कर रहे हैं।

बेटियों को शिक्षा मिले, 18 साल की उम्र के बाद, एक जीवन में सुरक्षा महसूस हो, इसके लिए सुकन्या समृद्धि योजना के तहत बेटियों के नाम अगर कोई पैसे जमा करता है तो अधिक ब्याज देने की योजना बनाई। और आज बैंकों में बेटियों के नाम करोड़ों-करोड़ रुपये के बैंकों के खाते में जमा हुए हैं। जब बेटी 18 साल की होगी, ये रुपया उनको ब्याज सहित मिलेगा।

कभी-कभी कुछ राक्षसी मनोवृत्ति वाले लोग, विकृत मानसिकता वाले लोग हमारी बेटियों पर राक्षसी कृत्य करके, बलात्कार करके, उनकी जिंदगी बर्बाद करते हैं, बेटियों को मौत के घाट उतार देते हैं।

भाइयो बहनो।

ये मोदी सरकार है जिसने फैसला लिया है कि अगर बेटियों के साथ ऐसी राक्षसी व्यवहार होगा तो ऐसा करने वालों को फांसी पर लटका दिया जाएगा। ये कानून हमने बनाया है।

साथियों।

मैं कर्नाटक भारतीय जनता पार्टी को बधाई देता हूं। श्रीमान येदुरप्पा जी को बधाई देता हूं कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के मेनिफेस्टों में, भारतीय जनता पार्टी के वचन पत्र में वादा किया है कि वे महिला सशक्तीकरण को और तेजी से आगे बढ़ाएंगे। येदियुरप्पा जी ने वादा किया है। 15 मई को भाजपा की सरकार बनने के बाद कर्नाटक की महिलाओं के लिए 10 हजार करोड़ रुपए की राशि से स्त्री उन्नति फंड बनाया जाएगा। महिलाओं के नेतृत्व में कॉ-ऑपरेटिव मूवमेंट चलाई जाएगी, महिलाओं की को-ऑपरेटिव सोसाइटियां बनाई जाएगी। स्त्री उन्नति स्टोर का पूरे राज्य के अंदर जाल बिछाया जाएगा।

कर्नाटक की महिला बहने माताएं।

एक बहुत बड़ा काम येदुरप्पा की सरकार करना चाहती है। 15 मई के बाद भाजपा सरकार बनके बाद करना चाहती है। जो वुमेन सेल्फ हेल्प ग्रुप है। अगर वो पैसे ब्याज से लेंगे तो सिर्फ एक प्रतिशत ब्याज से 2 लाख रुपये की राशि इन महिलाओं को दी जाएगी। ये बहुत बड़ा क्रांतिकारी विचार येदुरप्पा जी ने रखा है।

पशुपालन और डेयरी उद्योग को बल मिले, महिलाओं को एक अतिरिक्त काम मिले, गांव की महिलाओं को काम मिले। इसलिए सौ करोड़ रुपया डेयरी फार्मिंग की योजना के लिए उन्होंने तय किया है। महिला उद्यमियों के लिए 100 करोड़ की लागत से 30 नए क्लस्टर बनाए जाएंगे।

बंधु भगनी।

कर्नाटक की एक विशेषता रही है। यहां के संत, यहां की ऋषि परंपरा, यहां के महंत, यहां के मठ, यहां के मंदिर हर पल समाज के कल्याण के लिए कोई न कोई नई योजना बनाते हैं, कुछ न कुछ समाज के लिए लगातार कर रहे हैं, सदियों से कर रहे हैं। यही कर्नाटक की विशेष पहचान है।

जल संचय के क्षेत्र में कवि मठ जतरा ...। ये कवि मठ जतरा ने जो काम किया है। मैं समझता हूं कि आने वाली पीढ़ियां याद करेगी। ऐसी महान काम इस धरती पर करके देश को दिशा दी है। मुझे बताया गया है कि पिछले वर्ष जल दीक्षा कार्य चलाया गया। समाज को ताकतवर बनाने का कैसा बड़ा अभियान यहां लोग चलाते हैं। मैं उनको नमन करता हूं।

भाइयो बहनो।

हमारा किसान ...। हमारा किसान ऐसी ताकत रखता है, अगर किसान को पानी मिल जाए तो मेरा किसान मिट्टी में से सोना पैदा कर सकता है। कर्नाटक का ये हमारा क्षेत्र जो सदियों से भदखड़जा के रूप में जाना जाता था। चावल का कटोरा। आज बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा है। तुंगभद्रा और अला-मट्टी ऐसे डैम होने के बाद भी, ये सरकार सोई पड़ी है। और इसके कारण किसान पानी के बिना तरस रहा है। लेकिन ये कांग्रेस के एक अहंकारी नेता, ये अहंकारी सरकार, यहां का अहंकारी मुख्यमंत्री, खुद को कुछ समझ नहीं आता है लेकिन किसी से कुछ सीखने को भी तैयार नहीं है। अरे हिन्दुस्तान में और राज्यों ने पानी के लिए क्या काम किया है। बगल में महाराष्ट्र में डीसिल्टिंग का बड़ा काम किया है। उससे भी कुछ सीखते तो आज कर्नाटक के किसान का यह हाल न होता।

आपके 5 साल इस सरकार ने बर्बाद किए हैं। अरे बगल में महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार को अभी तो 2-3 साल हुआ है। और दो साल के भीतर-भीतर उन्होंने डिसिल्टिंग का अभियान चलाया, सारे बांधों को गहरा किया, पानी संरक्षण ज्यादा किया और किसानों को कम अधिक मात्रा में मदद करने में सफल हुए। और यहां की सरकार ने 5 साल बर्बाद कर दिया।

भाइयो बहनो।

मैं आपको एक विनती करता हूं। एक सवाल कांग्रेस के लोगों को पूछना। जो भी कांग्रेस वाला मिले। वोट मांगने आए। इस इलाके कि जनता उससे सवाल पूछे। पूछोगे ...। जरा जोर से बताओ। पक्का पूछोगे ...। आंख में आंख मिलाकर पूछोगे ...। उनसे जवाब मांगोगे ...। उनको इतना पूछिए। कृष्णा बी ...। कृष्णा बी सिंचाई योजना के लिए आपने 2 हजार करोड़ रुपये का वादा किया था कि नहीं किया था ...। अगर वादा किया थो 2 हजार करोड़ रुपया गया कहां ...। जरा जवाब दो ...। मुझे यहां से बता रहे हैं कि 2 हजार नहीं, 10 हजार करोड़ रुपए कहा था। जवाब मांगोगे ...।  जवाब मांगोगे ...। मांगोगे ...। अगर जवाब नहीं मिला तो सजा दोगे ...। सजा दोगे ...। 12 मई को उखाड़के फेंक दोगे ...।

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भाइयो बहनो।

जब जगदीश सत्तार हमारे मुख्यमंत्री थे। मेरे मित्र जगदीश सत्तार ने कृष्णा बी योजना की परिकल्पना की थी। लेकिन उनके जाने के बाद कांग्रेस सरकार ने ताले लगा दिए।

हमारा किसान शक्तिशाली हो, हमारा गांव सामर्थ्यवान हो, इसलिए किसान को सशक्त होना जरूरी है। हमने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत खेत में पानी पहुंचाने का बड़ा अभियान उठाया है। जो डैम 30-35 साल से कुछ काम नहीं होता था। वो सारे काम शुरू करवाए हैं। और आने वाले एक साल के भीतर-भीतर सारे काम पूरा करके किसानों को पानी पहुंचाने का अभियान चलाने वाले हैं।

भाइयो बहनो।

हमारे इस राज्य में भी 4 हजार करोड़ रुपये लगाकर पांच पड़े सिंचाई के बड़े प्रोजेक्ट भारत सरकार लागू कर रही है। एक पूरा हो गया है और बाकी चार भी जल्दी पूरे होने को है। लेकिन कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार करने से खाली हो तब किसानों का सोचेगी ना और पानी के बारे में सोचेगी ना। उनको पैसों में रुचि है किसान के लिए पानी में रुचि नहीं है।

भाइयो बहनो।

हमने एक बड़ा ऐतिहासिक निर्णय किया है। आजादी के बाद कोई सरकार नहीं कर सकी। ऐसा बड़ा ऐतिहासिक निर्णय हमने किया है। अब किसान अपने खेत में जो पैदा करेगा, उसको काम करने में जो खर्च लगेगा। अगर वो मजदूर लाता है, बीज लाता है, दवाई लाता है, फर्टिलाइजर लाता है, किसी से किराए पर मशीन लाता है, किराए पर पशु लाता है, खुद के परिवार के लोग मजदूरी करते हैं, जो खर्च होगा सारा गिनकर के एमएसपी का डेढ़ गुना दिया जाएगा। ये निर्णय हमने किया है। हमने 22 हजार ग्रामीण हाटों को अपग्रेड करने की योजना बनाई है। ताकि किसान को पांच-दस किमी के रास्ते पर अपनी पैदावार बेचने की उत्तम सुविधा मिल जाए और उसको अपनी पैदावार का सही दाम मिल जाए।

हमने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लाए हैं। एक प्रकार से यह किसान की जीवन रक्षा योजना है। हमारे ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रक्षा योजना है। ये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसान को बुआई से पहले, बुआई के दौरान, फसल पैदान होने के बाद, फसल बाजार में जाने से पहले अगर कोई भी प्राकृतिक नुकसान होगा तो सभी समय उसको फसल बीमा का पैसा मिलेगा। ये देश पहली बार हमने ऐसी योजना देश में लाए हैं। इसी वर्ष में इसी फसल बीमा योजना के तहत अकेले कर्नाटक के किसानों को 1100 करोड़ रुपये की क्लेम राशि मिली है। आप कल्पना कर सकते हैं कि इतनी बड़ी राशि किसानों के पास इस प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जिसकी तो अभी शुरुआत है। तो भी इसका लाभ पहुंचा है।

मेरे प्यारे भाइयो बहनो।

येदुरप्पा की सरकार बनानी है। किसानों की सरकार बनानी है। किसानों के कल्याण के लिए सरकार बनानी है। और इसलिए 12 मई को घर-घर जाना है। एक-एक मतदाता से मिलकरके पोलिंग बूथ तक लाना है और भारी से भारी, ज्यादा से ज्यादा मतदान कराना है।

भाइयो बहनो।

अब मतदान को 4 दिन बाकी है। मैं आपसे आग्रह करता हूं। क्या आप घर-घर जाएंगे ...। जोर से जवाब दीजिए। घर-घर जाएंगे ...। मतदाताओं को मिलेंगे ...। मतदान करवाएंगे ...। ज्यादा से ज्यादा मतदान करवाएंगे ...। कांग्रेस को उखाड़ फेकेंगे ...। भाजपा की सरकार आएंगे ...। भाजपा को जीताएंगे ...। येदुरप्पा की सरकार बनाएंगे ...। ये मिजाज आपका बताता है। 15 मई को जब परिणाम आएगा तो कांग्रेस कहीं नजर नहीं आएगी। स्वच्छ, सुंदर, सुरक्षित कर्नाटक निर्मिष सोना बन्नी ऐल्लरू कै जोड़ी सी। सरकार बदली सी, बीजेपी गेल्ली सी। सरकार बदली सी, बीजेपी गेल्ली सी। सरकार बदली सी, बीजेपी गेल्ली सी। सरकार बदली सी, बीजेपी गेल्ली सी। बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

 

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Let this Yoga Day mark the beginning of Yoga for Humanity 2.0, where Inner Peace becomes Global Policy: PM Modi
June 21, 2025
QuoteYoga has united the entire world: PM
QuoteYoga is for Everyone, Beyond Boundaries, Beyond Backgrounds, Beyond age or ability: PM
QuoteYoga leads us on a journey towards oneness with the world, It teaches us that we are not isolated individuals but part of nature: PM
QuoteYoga is a system that takes us from Me to We: PM
QuoteYoga is the pause button humanity needs, to breathe, to balance, to become whole again: PM
QuoteLet this Yoga Day mark the beginning of Yoga for Humanity 2.0, where Inner Peace becomes Global Policy: PM

आंध्र प्रदेश के राज्यपाल सैयद अब्दुल नजीर जी, यहां के लोकप्रिय मुख्यमंत्री, मेरे परम मित्र चंद्रबाबू नायडू गारू, केंद्रीय कैबिनेट के मेरे सहयोगी, के. राममोहन नायडू जी, प्रतापराव जाधव जी, चंद्रशेखर जी, भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा जी, राज्य के डिप्टी सीएम पवन कल्याण गारू, अन्य महानुभाव और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों! आप सबको नमस्कार!

देश और दुनियाभर के सभी लोगों को इंटरनेशनल योग डे की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आज 11वीं बार पूरा विश्व 21 जून को एक साथ योग कर रहा है। योग का सीधा-साधा अर्थ होता है जुड़ना और ये देखना सुखद है कि कैसे योग ने पूरे विश्व को जोड़ा है। मैं बीते एक दशक में योग की यात्रा को जब देखता हूं, तो बहुत कुछ याद आता है। वो दिन जब संयुक्त राष्ट्र में भारत ने प्रस्ताव रखा कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता मिले और तब कम से कम समय में दुनिया के 175 देश हमारे इस प्रस्ताव के साथ खड़े हुए। आज की दुनिया में ऐसी एकजुटता, ऐसा समर्थन सामान्य घटना नहीं है। ये सिर्फ एक प्रस्ताव का समर्थन भर नहीं था, ये मानवता के भले के लिए दुनिया का सामूहिक प्रयास था। आज 11 साल बाद, हम देख रहे हैं कि योग दुनियाभर में करोड़ों लोगों की जीवन शैली का हिस्सा बन चुका है। मुझे गर्व होता है, जब मैं देखता हूँ कि हमारे दिव्यांग साथी ब्रेल में योग शास्त्र पढ़ते हैं, वैज्ञानिक अंतरिक्ष में योग करते हैं, गांव-गांव में युवा साथी योग ओलंपियाड में भाग लेते हैं। यहां सामने देखिये, ये नेवी के सभी जहाजों में भी अभी बहुत शानदार योगा कार्यक्रम चल रहा है। चाहे सिडनी ओपेरा हाउस की सीढ़ियाँ हों, या एवरेस्ट की चोटी हो, या फिर समंदर का विस्तार हो, हर जगह से एक ही संदेश आता है— योग सभी का है, और सभी के लिए है। Yoga is for Everyone, Beyond Boundaries, Beyond Backgrounds, Beyond age or ability.

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साथियों,

आज मुझे इस बात की खुशी है कि हम सभी विशाखापट्टनम में हैं। ये शहर प्रकृति और प्रगति, दोनों की संगम स्थली है। यहां के लोगों ने इतना अच्छा आयोजन किया है। मैं चंद्रबाबू नायडू गारु और पवन कल्याण गारू को बधाई देता हूं, आपके नेतृत्व में आंध्र प्रदेश ने योगांध्रा अभियान का एक शानदार initiative लिया। मैं विशेष तौर पर नारा लोकेश गारू के प्रयासों की भी विशेष प्रशंसा करना चाहता हूं। योग का सोशल सेलिब्रेशन कैसे होना चाहिए, समाज के हर वर्ग को कैसे जोड़ना चाहिए, ये उन्होंने बीते एक डेढ़ महीने के इस योगांध्रा अभियान में करके दिखाया है, और इसके लिए भाई लोकेश अनेक अनेक बधाई के पात्र हैं। और मैं तो देशवासियों को भी कहूंगा कि ऐसे अवसरों को आप किस प्रकार से सामाजिक स्तर पर गहराई से ले जाया जा सकता है, भाई लोकेश ने जो काम किया है, उसको एक नमूने के रूप में देखना चाहिए।

साथियों,

मुझे बताया गया है कि योगांध्रा अभियान से दो करोड़ से ज्यादा लोग जुड़े हैं। पब्लिक पार्टिसिपेशन की यही वो स्पिरिट है, जो विकसित भारत का मुख्य आधार है। जब जनता खुद आगे बढ़कर किसी मुहिम को थाम लेती है, किसी लक्ष्य को Own कर लेती है, तो उस लक्ष्य की प्राप्ति से हमें कोई रोक नहीं पाता। जनता-जनार्दन की ये सद-इच्छा औऱ आपके प्रयास यहां इस आयोजन में हर तरफ नजर आ रहे हैं।

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Friends,

The theme of this year’s International Day of Yoga is ‘Yoga for One Earth, One Health’. This theme reflects a deep truth. The health of every entity on Earth is interconnected. Human well-being depends on the health of the soil that grows our food, on the rivers that give us water, on the health of the animals that share our eco-systems, on the plants that nourish us. Yoga awakens us to this inter-connected-ness. Yoga leads us on a journey towards oneness with the world. It teaches us that we are not isolated individuals but part of nature. Initially we learn to take good care of our own health and wellness. Gradually, our care and concern extends to our environment, society and planet. Yoga is a great personal discipline . At the same time, it is a system that takes us from Me to We.

साथियों,

Me to We’ का ये भाव ही भारत की आत्मा का सार है। जब व्यक्ति अपने हित से ऊपर उठकर समाज की सोचता है, तभी पूरी मानवता का हित होता है। भारत की संस्कृति हमें सिखाती है, सर्वे भवन्तु सुखिनः, यानी सभी का कल्याण ही मेरा कर्तव्य है। ‘मैं’ से ‘हम’ की ये यात्रा ही सेवा, समर्पण और सह-अस्तित्व का आधार है। यही सोच सामाजिक समरसता को बढ़ावा देती है।

साथियों,

दुर्भाग्य से आज पूरी दुनिया किसी न किसी तनाव से गुजर रही है। कितने ही क्षेत्रों में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है। ऐसे में योग से हमें शांति की दिशा मिलती है। Yoga is the pause button that humanity needs to breathe to balance to become whole gain.

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मैं विश्व समुदाय से आज के इस महत्वपूर्ण अवसर पर एक आग्रह करूंगा। Let this Yoga Day mark the beginning of Yoga for Humanity 2.O, where Inner Peace becomes Global Policy. जहां योग सिर्फ personal practice न रहे, बल्कि global partnership का माध्यम बने। जहां हर देश, हर समाज, योग को जीवनशैली और लोकनीति का हिस्सा बनाए। जहां हम मिलकर एक शांत, संतुलित और sustainable विश्व को गति दें। जहां योग, विश्व को टकराव से सहयोग, और तनाव से समाधान की ओर ले जाए।

साथियों,

विश्व में योग के प्रसार के लिए भारत, योग की साइंस को आधुनिक रिसर्च से और अधिक सशक्त कर रहा है। देश के बड़े-बड़े मेडिकल संस्थान योग पर रिसर्च में जुटे हैं। योग की वैज्ञानिकता को आधुनिक चिकित्सा पद्धति में स्थान मिले, ये हमारा प्रयास है। हम देश के मेडिकल और रिसर्च इंस्टीट्यूशन्स में, योगा के क्षेत्र में एविडेंस बेस्ड थेरेपी को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं। इस दिशा में दिल्ली के एम्स ने भी बहुत अच्छा काम करके दिखाया है। एम्स की रिसर्च में सामने आया है कि योग की Cardiac और न्यूरोलॉजी डिस्ऑर्डर्स के उपचार और वूमन हेल्थ और Mental Well-being में अहम भूमिका है।

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साथियों,

National Ayush Mission के ज़रिए भी योग और वेलनेस के मंत्र को आगे बढ़ाया जा रहा है। डिजिटल टेक्नोलॉजी ने भी इसमें बड़ी भूमिका निभाई है। Yoga Portal और YogAndhra Portal के ज़रिए, देशभर में 10 लाख से अधिक इवेंट्स का रजिस्ट्रेशन हुआ है। आज देश के कोने-कोने में इतनी सारी जगहों पर आयोजन हो रहे हैं। ये भी दिखाता है कि योग का दायरा कितना ज्यादा बढ़ रहा है।

साथियों,

हम सभी जानते हैं, आज हील इन इंडिया का मंत्र भी दुनिया में काफी पॉपुलर हो रहा है। भारत-दुनिया के लिए हीलिंग का बेस्ट डेस्टिनेशन बन रहा है। योग की इसमें भी बड़ी भूमिका है। मुझे खुशी है कि योग के लिए Common Yoga Protocol बनाया गया है। Yoga Certification Board के साढ़े छह लाख से अधिक trained वॉलंटियर्स, करीब 130 मान्यता प्राप्त संस्थान और मेडिकल कॉलेजों में 10 दिन का योग मॉड्यूल, ऐसे अनेक प्रयास, एक होलिस्टिक इकोसिस्टम तैयार कर रहे हैं। देशभर में हमारे जो आयुष्मान आरोग्य मंदिर हैं, वहां trained योग टीचर तैनात किए जा रहे हैं। दुनियाभर के लोगों को भारत के इस वेलनेस इकोसिस्टम का फायदा मिले, इसलिए विशेष ई-आयुष वीज़ा दिए जा रहे हैं।

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साथियों,

आज योग दिवस पर मैं ओबेसिटी की तरफ भी फिर से सभी का ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा। बढ़ती ओबेसिटी पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा चैलेंज है। मैंने मन की बात कार्यक्रम में भी, इस पर विस्तार से चर्चा की थी। इसके लिए अपने खान-पान में 10 परसेंट ऑयल कम करने का चैलेंज भी शुरु किया था। मैं एक बार फिर देशवासियों से, दुनियाभर के लोगों को इस चैलेंज से जुड़ने का आह्वान करता हूं। अपने खाने में कैसे हम कम से कम 10 परसेंट ऑयल कंजम्शन कम करें, इसके लिए जागरूकता फैलानी है। ऑयल की खपत कम करना, unhealthy diet से बचना और योग करना, ये बेहतर फिटनेस की जड़ी बूटी है।

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साथियों,

आइए, हम सब मिलकर योग को एक जन आंदोलन दोलन बनाएं। एक ऐसा आंदोलन, जो विश्व को शांति, स्वास्थ्य और समरसता की ओर ले जाए। जहां हर व्यक्ति दिन की शुरुआत योग से करे और जीवन में संतुलन पाए। जहां हर समाज योग से जुड़े और तनाव से मुक्त हो। जहां योग मानवता को एक सूत्र में पिरोने का माध्यम बने। और जहां ‘Yoga for One Earth, One Health’ एक वैश्विक संकल्प बन जाए। एक बार फिर आंध्र के नेतृत्व को बधाई देते हुए, आंध्र के लोगों को बधाई देते हुए और विश्वभर में फैले हुए योग practitioners और योग प्रेमियों को बधाई देते हुए, आप सबको अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। धन्यवाद!