प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सोमवार 12 नवंबर, 2018 को वाराणसी में दो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्गों को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इनकी कुल लंबाई 34 किलोमीटर है और इसके निर्माण पर 1571.95 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक, केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, नौवहन, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके साथ होंगे। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हरदुआ में रिंग रोड तिराहा पर दोपहर बाद कार्यक्रम आयोजित होगा।

वाराणसी रिंग रोड के पहले चरण में 759.36 करोड़ रुपये की लागत से 16.55 किलोमीटर लंबे मार्ग का निर्माण पूरा किया गया है, जबकि 812.59 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय राजमार्ग-56 पर बाबतपुर-वाराणसी राजमार्ग को चार लेन बनाने के साथ ही 17.25 किलोमीटर मार्ग का निर्माण किया गया है।

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बाबतपुर हवाई अड्डा राजमार्ग वाराणसी को हवाई अड्डे से जोड़ेगा और जौनपुर, सुल्तानपुर और लखनऊ तक जाएगा। इस राजमार्ग पर हरदुआ में एक फ्लाईओवर और तर्ना में आरओबी के निर्माण से वाराणसी से हवाई अड्डे तक की यात्रा में लगने वाले समय में कमी आयेगी। इससे वाराणसी के लोगों, पर्यटकों और अन्य आगंतुकों को बड़ी राहत मिलेगी।

रिंग रोड पर दो आरओबी और एक फ्लाईओवर के निर्माण से राष्ट्रीय राजमार्ग 56 (लखनऊ - वाराणसी), राष्ट्रीय राजमार्ग 233 (आज़मगढ़ - वाराणसी), राष्ट्रीय राजमार्ग 29 (गोरखपुर - वाराणसी) और अयोध्या - वाराणसी राजमार्गों के यातायात को वाराणसी शहर बाईपास करने के लिए एक रास्ता उपलब्ध होगा। इससे शहर में यातायात भीड़ भी कम हो जाएगी और यातायात समय, ईंधन उपयोग और प्रदूषण में भी कमी आएगी। यह रिंग रोड बौद्ध तीर्थयात्रा के प्रमुख स्थल सारनाथ तक जाने के लिए अधिक आसान और सुविधाजनक रास्ता उपलब्ध कराएगी।

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इन परियोजनाओं से रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध होंगे। लघु और मध्यम उद्योगों के विकास से इस क्षेत्र में आर्थिक प्रगति को बढ़ावा मिलेगा। फिलहाल वाराणसी को पूर्वी उत्तर प्रदेश के अन्य स्थानों से जोड़ने के लिए 63,885 करोड़ रुपये की लागत से कुल 2833 किलोमीटर लम्बी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं।

इनमें से 1143 किलोमीटर की लंबी पंद्रह सड़क परियोजनाएं निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं। इनमें वाराणसी-जौनपुर, वाराणसी - सुल्तानपुर, सुल्तानपुर-लखनऊ, वाराणसी घाघरा ब्रिज, वाराणसी-आज़मगढ़ शामिल हैं। इन पर 3,0227 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। इसके अलावा, 8,265 करोड़ रुपये की लागत वाली 235 किलोमीटर लंबी सात लक्षित परियोजनाएं भी हैं। 25,323 करोड़ रुपये की लागत से 1455 किलोमीटर लंबी सड़कों के निर्माण के लिए 20 परियोजनाएं डीपीआर चरण में हैं। इस प्रकार वाराणसी क्षेत्र में 63,885 करोड़ रुपये की लागत से 2833 किलोमीटर सड़कें निर्माणाधीन हैं।

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प्रधानमंत्री उसी दिन वाराणसी में गंगा नदी पर अंतर्देशीय जलमार्ग टर्मिनल भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की विश्व बैंक से सहायता प्राप्त जल मार्ग विकास परियोजना के हिस्से के रूप में एनडब्ल्यू -1 (नदी गंगा) पर निर्मित होने वाले चार बहु-मॉडल टर्मिनलों में यह पहला टर्मिनल है। अन्य तीन टर्मिनल साहिबगंज, हल्दिया और गाजीपुर में निर्माणाधीन हैं। इस परियोजना से गंगा नदी पर 1500-2,000 डीडब्ल्यूटी की क्षमता वाले जहाजों को वाणिज्यिक नेविगेशन की क्षमता उपलब्ध होगी।

प्रधानमंत्री अंतर्देशीय जलमार्ग जहाज पर भेजे जाने वाले देश के पहले कंटेनर माल (स्वतंत्रता के बाद) को भी प्राप्त करेंगे। इस कंटेनर में खाद्य और पेय-पदार्थ कंपनी पेप्सिको का माल लदा है, जो अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में कोलकाता से चला है।

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PM hails India’s commitment and efforts towards building a green and sustainable future
July 15, 2025

The Prime Minister Shri Narendra Modi today hailed India’s commitment and efforts towards building a green and sustainable future.

Responding to a post by Union Minister Shri Pralhad Joshi on X, the Prime Minister said:

“This illustrates India’s commitment and efforts towards building a green and sustainable future.”