Published By : Admin |
January 13, 2019 | 11:00 IST
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গুরু গোবিন্দ সিংজী অসাধারণ যোদ্ধা ছিলেন। ছিলেন দার্শনিক কবি এবং সদগুরু: প্রধানমন্ত্রী মোদী
অবিচার এবং উৎপীড়ণের বিরুদ্ধে গুরু গোবিন্দ সিংজী লড়ে গিয়েছেন। ধর্ম, জাতপাতের অনুশাসনকে ভেঙে এগিয়ে যাওয়াই তাঁর লক্ষ্য ছিল: প্রধানমন্ত্রী মোদী
আগামী বছরগুলিতে গুরু গোবিন্দ সিং-জীর মূল্যবোধ এবং উপদেশ আমাদের উদ্বুদ্ধ করবে: প্রধানমন্ত্রী মোদী
গুরু গোবিন্দ সিং-জীর জন্মবার্ষিকী উদযাপন উপলক্ষ্যে আজ ৩৫০ টাকার একটি মুদ্রা প্রকাশ করলেন প্রধানমন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদী। এই অনুষ্ঠানে ভাষণ দিতে গিয়ে প্রধানমন্ত্রী গুরু গোবিন্দ সিংজীর মহৎ মূল্যবোধের প্রসঙ্গ উত্থাপন করে মানবসেবায় তাঁর নিঃস্বার্থ সেবার কথা স্মরণ করেন। পাশাপাশি, তাঁর নির্ভীকতা, ভক্তি এবং আত্মত্যাগের কথাও স্মরণ করেন প্রধানমন্ত্রী। দেশের জনসাধারণকে গুরু গোবিন্দ সিং-জীর পথ অবলম্বন করার আর্জিও জানান শ্রী মোদী।
লোক কল্যাণ মার্গে তাঁর বাসভবনে নির্দিষ্ট সমাবেশের সামনে ভাষণ দিতে গিয়ে প্রধানমন্ত্রী বলেন, গুরু গোবিন্দ সিং-জী অসাধারণ যোদ্ধা ছিলেন। ছিলেন দার্শনিক কবি এবং সদগুরু। অবিচার এবং উৎপীড়ণের বিরুদ্ধে তিনি লড়ে গিয়েছেন। ধর্ম, জাতপাতের অনুশাসনকে ভেঙে এগিয়ে যাওয়াই তাঁর লক্ষ্য ছিল, বলে মতপ্রকাশ করেন শ্রী মোদী। তিনি আরও বলেন, গুরু গোবিন্দ সিং-জীর প্রেম, শান্তি এবং আত্মত্যাগের বার্তা আজও প্রাসঙ্গিক।
শ্রী মোদী বলেন, আগামী বছরগুলিতে গুরু গোবিন্দ সিং-জীর মূল্যবোধ এবং উপদেশ আমাদের উদ্বুদ্ধ করবে। তাঁর বক্তব্য অনুযায়ী, গুরু গোবিন্দ সিং-জীকে সম্মান জানানোর একটি ছোট প্রচেষ্টা স্মারক মুদ্রা প্রকাশ। গুরু গোবিন্দ সিং-জী যে ১১ দফা পথের সন্ধান দিয়েছেন সেটিকে অবলম্বন করে এগোনোর পরামর্শ-ও দেন প্রধানমন্ত্রী।
শ্রী মোদী এর পাশাপাশি, লোহরি উপলক্ষ্যে দেশবাসীকে শুভেচ্ছা জানান।
প্রসঙ্গত, ২০১৮-র ৩০ ডিসেম্বর মাসিক রেডিও অনুষ্ঠান ‘মন কি বাত’-এ প্রধানমন্ত্রী শ্রী গুরু গোবিন্দ সিং-জীর আত্মত্যাগ ও ভক্তি অবলম্বন করে চলার আহ্বান জানান। ২০১৭-র ৫ জানুয়ারি পাটনায় গুরু গোবিন্দ সিং-জীর ৩৫০-৩ম জন্মবার্ষিকী উদযাপন অনুষ্ঠানে প্রধানমন্ত্রী উপস্হিত-ও ছিলেন।
২০১৬-র ১৫ আগস্ট স্বাধীনতার দিবসে লালকেল্লার প্রাকার থেকে ভাষণ দিতে গিয়ে প্রধানমন্ত্রী গুরু গোবিন্দ সিং-জীর মূল্যবোধ অনুসরণ করার আহ্বান জানান।
India–Russia friendship has remained steadfast like the Pole Star: PM Modi during the joint press meet with Russian President Putin
December 05, 2025
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Your Excellency, My Friend, राष्ट्रपति पुतिन, दोनों देशों के delegates, मीडिया के साथियों, नमस्कार! "दोबरी देन"!
आज भारत और रूस के तेईसवें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक milestones के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी Strategic Partnership की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारी साझेदारी को "Special and Privileged Strategic Partnership” का दर्जा मिला।
पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपने नेतृत्व और दूरदृष्टि से इन संबंधों को निरंतर सींचा है। हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का, मेरे मित्र का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।
Friends,
पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुज़रना पड़ा है। और इन सबके बीच भी भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है।परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की हर कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की। आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाना हमारी साझा प्राथमिकता है। इसे साकार करने के लिए आज हमने 2030 तक के लिए एक Economic Cooperation प्रोग्राम पर सहमति बनाई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश diversified, balanced, और sustainable बनेगा, और सहयोग के क्षेत्रों में नए आयाम भी जुड़ेंगे।
आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे India–Russia Business Forum में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि ये मंच हमारे business संबंधों को नई ताकत देगा। इससे export, co-production और co-innovation के नए दरवाजे भी खुलेंगे।
दोनों पक्ष यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ FTA के शीघ्र समापन के लिए प्रयास कर रहे हैं। कृषि और Fertilisers के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग,food सिक्युरिटी और किसान कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ाते हुए अब दोनों पक्ष साथ मिलकर यूरिया उत्पादन के प्रयास कर रहे हैं।
Friends,
दोनों देशों के बीच connectivity बढ़ाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है। हम INSTC, Northern Sea Route, चेन्नई - व्लादिवोस्टोक Corridors पर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे। मुजे खुशी है कि अब हम भारत के seafarersकी polar waters में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे।
उसी प्रकार से Shipbuilding में हमारा गहरा सहयोग Make in India को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है। यह हमारेwin-win सहयोग का एक और उत्तम उदाहरण है, जिससे jobs, skills और regional connectivity – सभी को बल मिलेगा।
ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। Civil Nuclear Energy के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, Clean Energy की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस win-win सहयोग को जारी रखेंगे।
Critical Minerals में हमारा सहयोग पूरे विश्व में secure और diversified supply chains सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे clean energy, high-tech manufacturing और new age industries में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।
Friends,
भारत और रूस के संबंधों में हमारे सांस्कृतिक सहयोग और people-to-people ties का विशेष महत्व रहा है। दशकों से दोनों देशों के लोगों में एक-दूसरे के प्रति स्नेह, सम्मान, और आत्मीयताका भाव रहा है। इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए हमने कई नए कदम उठाए हैं।
हाल ही में रूस में भारत के दो नए Consulates खोले गए हैं। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम होगा, और आपसी नज़दीकियाँ बढ़ेंगी। इस वर्ष अक्टूबर में लाखों श्रद्धालुओं को "काल्मिकिया” में International Buddhist Forum मे भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का आशीर्वाद मिला।
मुझे खुशी है कि शीघ्र ही हम रूसी नागरिकों के लिए निशुल्क 30 day e-tourist visa और 30-day Group Tourist Visa की शुरुआत करने जा रहे हैं।
Manpower Mobility हमारे लोगों को जोड़ने के साथ-साथ दोनों देशों के लिए नई ताकत और नए अवसर create करेगी। मुझे खुशी है इसे बढ़ावा देने के लिए आज दो समझौतेकिए गए हैं। हम मिलकर vocational education, skilling और training पर भी काम करेंगे। हम दोनों देशों के students, scholars और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान भी बढ़ाएंगे।
Friends,
आज हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। यूक्रेन के संबंध में भारत ने शुरुआत से शांति का पक्ष रखा है। हम इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।
आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस City Hall पर किया गया कायरतापूर्ण आघात — इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है।
भारत और रूस के बीच UN, G20, BRICS, SCO तथा अन्य मंचों पर करीबी सहयोग रहा है। करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ते हुए, हम इन सभी मंचों पर अपना संवाद और सहयोग जारी रखेंगे।
Excellency,
मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी मित्रता हमें global challenges का सामना करने की शक्ति देगी — और यही भरोसा हमारे साझा भविष्य को और समृद्ध करेगा।
मैं एक बार फिर आपको और आपके पूरे delegation को भारत यात्रा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ।