QuoteDevelopment is the only solution for all problems related to poverty and unemployment: PM
QuoteIndia will progress only through the development of the States and for this the Centre and States have to work together: PM

देवियों और सज्‍जनों,

आज यहां अनेक शिलान्‍यास के और उद्घाटन के कार्यक्रम हुए। हम सब इस बात को अब भलीभांति समझने लगे हैं कि विकास का कोई पर्याय नहीं है। अगर हमें गरीबी से लड़ना है तो विकास करना होगा, हमें बेरोजगारी से लड़ना है, तो विकास करना होगा, हमें अशिक्षा से लड़ना है तो विकास करना होगा, यदि हमें आरोग्‍य की सुविधाएं मुहैया करानी होंगी तो विकास करना होगा। सब दुखों की अगर कोई एक दवाई है तो वो दवाई है – विकास। यह अच्‍छी बात है कि इन दिनों राज्‍यों के बीच भी विकास को लेकर एक स्‍पर्धा का माहौल बनता चला जा रहा है। राज्‍यों को लगने लगा है कि वो राज्‍य उस बात में मुझसे आगे निकल गया, अब हम कुछ कोशिश करेंगे, हम आगे निकलेंगे। आखिरकार देश को आगे बढ़ाना है तो राज्‍यों के विकास से ही आगे बढ़ने वाला है। इसलिए देश के विकास के लिए राज्‍यों का विकास.. इस मूलमंत्र को ले करके, केंद्र हो या राज्‍य हो, सबने मिलकर के काम करना, काम को आगे बढ़ाना, यह आवश्‍यक होता है।

विकास के कामों में राजनीति कितना नुकसान करती है उसका ब्‍यौरा आदरणीय मुख्‍यमंत्री जी ने विस्‍तार से दिया। अटल जी के समय में जो काम.. छ: महीने मिलते तो पूरा हो जाता, उसको पूरा होते-होते आज 2015 आ गया। मैं नीतीश जी की बात से सहमत हूं कि अटल जी की सरकार का चुनाव यदि थोड़ी देर से होता, छ: महीने मिल जाते तो उस समय अटल जी के मार्गदर्शन में.. और यही के रेल मंत्री थे नीतीश जी, यह काम पूरा हो गया होता। वो सही बोल रहे हैं। लेकिन बाद में सरकार बदल गई और रेल मंत्री यहां से ऐसे आए कि काम को रोक दिया गया और हमारे आने के बाद उसको चालू किया गया। अब, राजनीति जो करते हैं करें लेकिन नुकसान बिहार का हुआ, बिहार की जनता का हुआ। नीतीश कुमार की इस व्‍यथा के साथ मैं भी अपना स्‍वर मिलाता हूं।



लेकिन मैं इस मत का हूं कि हमें विकास की यात्रा को निरंतर गति देना चाहिए। आज नीतीश जी ने बहुत अच्‍छी बातें बताई कि भई IIT है, हमें यहां की आवश्‍यकताओं के अनुसार और यहां की क्षमता के अनुसार नई-नई faculties को लाना चाहिए। मुझे विश्‍वास है कि नए परिसर की क्षमता इतनी है, 500 बीघा ज़मीन है.. यह होगा। हम तो कोशिश यह कर रहे हैं कि दुनिया में जो top cost faculties हों उनको भी भारत में लाया जाए ताकि भारत के हमारे युवकों को देश के लिए जो आवश्‍यक है, जिस राज्‍य में IIT हैं, वहां जो आवश्‍यक है, उन विषयों को बल दिया जाए। सिर्फ दिल्‍ली में बैठ करके योजनाएं बनाने का वक्‍त पूरा हो गया। अब तो राज्य के मन में जो भाव उठते हैं, उसकी जो आवश्यकताएं होती हैं, उसके अनुसार ही दिल्ली को ढलना चाहिए, ये मेरी सोच है औऱ मैं उसी को आगे बढ़ा रहा हूं।

आज यहां एक Incubation centre का प्रारंभ हो रहा है। ये Incubation centre मैं मानता हूं, ये एक बहुत बड़ा नजराना है। IIT complex, इमारत से भी ज्यादा, ये Incubation centre बहुत बड़ा महत्वपूर्ण हमारा initiative है। इसलिए मैं इस बात से convince हूं। मैं जिस प्रदेश से आया हूं, लोगों ने परिश्रम किया होगा, परमात्मा ने कृपा की होगी, लक्ष्मी ने वहां जाना पसंद किया होगा लेकिन ये भूमि है, जहां सरस्वती वास करती है। यहां के नौजवान तेजस्‍वी हैं। और मैं मानता हूं, यहां की जो तेजस्विता है वो पूरे हिंदुस्तान को तेजस्वी बना सके, ऐसी तेजस्विता इस धरती पर है। ..और मुझे विश्वास है कि ये जो Incubation centre हम सोच रहे हैं, बनाने जा रहे हैं, वो भी एक विशेष मकसद से है।

आज हम देख रहे हैं कि Medical services, health sector ये सिर्फ डॉक्टर नाड़ी पकड़ लें, चार सवाल पूछ लें और निर्णय नहीं होता कि बीमारी क्या है, दवाई क्या दें? ढेर सारे मशीनों के अंदर से शरीर को गुजारा जाता है, भांति-भांति मशीनों को शऱीर पर लगाया जाता है उसके बाद बीमारी तय होती है, उसके बाद उपचार तय होता है। पूरे Health Sector में Technology का प्रभाव इतना बढ़ा है, इतने नये-नये संसाधनों का आविष्‍कार हो रहा है। आज भारत को गरीब व्‍यक्ति को अगर इन संसाधनों को मुहैया कराना पड़े.. विदेशों से लाना बहुत महंगा पड़ रहा है। इस पटना की धरती पर बिहार के मेरे नौजवानों की प्रतिभा को एक अवसर दिया जा रहा है कि इस incubation centre में प्रमुख रूप से Electronic and Digital mechanics के साथ किस प्रकार से हम Health Sector के नये विषयों में आविष्‍कार करें, उसका उत्‍पादन करें ताकि हमारे गरीब से गरीब के लिए हमारे अस्‍पतालों में भारत में बने हुए उत्‍तम से उत्‍तम साधन तैयार हों, जिसका लाभ गरीब को मिले, उस दिशा में हम काम करें। इसलिए यह incubation Centre भले ही पटना की धरती पर बनने वाला हो, लेकिन वह हिंदुस्‍तान के गरीबों के आरोग्‍य की आवश्‍यकताओं की पूर्ति करने का एक अहम कार्यक्रम बनेगा, यह मैं देख रहा हूं।

आखिरकार विकास करना है तो infrastructure का बहुत महत्‍व होता है। अगर infrastructure को बहुत महत्‍व नहीं दिया गया तो हम बहुत पिछड़कर रह जाएंगे। बिहार में चाहे rail हो, road हो air हो, उसको infrastructure मिलें, उसकी connectivity बढ़े, capacity बढ़ें, इस पर हम बल दे रहे हैं। हिंदुस्‍तान में शायद अधिकतम रेलमंत्री यदि किसी राज्‍य ने दिये है तो बिहार ने दिये हैं। जमाने से जैसे यह रेल डिपार्टमेंट बिहार के लिए reservation है। रेल मंत्री तो मिले हैं, रेल देने का काम मेरे दिमाग में भरा पड़ा है। मैं रेल के माध्‍यम से बिहार के दूर-सुदूर इलाकों को कैसे जोड़ पाऊं, मुख्‍य धारा में विकास की.. यहां infrastructure आता है, उसको कैसे आगे बढ़ाऊं, इस दिशा में योजनाएं लेकर के आगे चल रहा हूं।

आज एक महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम हमने launch किया है। वैसे नीतीश जी ने धर्मेंद्र प्रधान जी की इतनी तारीफ कर दी है, उसी से मुझे समझ आता है कि इस प्रोजेक्‍ट का कितना महत्‍व है। नीतीश जी की बात सही है, आने वाले दिनों में जिस प्रकार से रोड का महत्‍व है, रेल का महत्‍व है वैसे ही गैस ग्रिड का भी महत्‍व है। पूरी economy में गैसे आधारित economy shape ले रही है और गैस पहुंचाने के लिए महंगा खर्चीला नेटवर्क खड़ा करना पड़ता है, infrastructure बनाना पड़ता है। मैं देख रहा हूं कि energy के sector में गैस की उपलब्धि उस देश की पूरी economy को बदल देती है। बिहार की economy को बदलने का एक बहुत बड़ा ताकतवर प्रयास.. गंगा तो हमारे पास है ही है, हम ऊर्जा गंगा को लेकर के आ रहे हैं आपके पास।



गैस पाइप लाइन बिछाएंगे सैंकड़ों किलोमीटर। पटना में पाइप लाइन से घर-घर गैस कैसे पहुंचे.. जैसे हमारे घर में गृहणी के kitchen में tap चालू करते ही पानी आता है, वैसे ही tap चालू करते ही गैस आ जाए, इसके लिए यह योजना है। हर परिवार को यह पहुंचे हैं .. सैंकड़ों किलोमीटर से दूर से पाइप लाइन आएगी, हां बड़ा महंगा कारोबार है लेकिन एक बार अगर वह लग गया तो सालों साल तक यहां के जीवन को भी लाभ होगा और यहां के quality of life में भी बहुत बड़ा फायदा होगा, economy में भी फायदा होगा।

जैसा नीतीश जी ने कहा कि बिजली का पैसा तक माफ कर दिया है, fertilizer कारखाने का। उस समय हमारे सुशील जी आया करते थे कि साहब हमसे 300 करोड़ क्‍यों ले रहे हो। लेकिन फिर भी बिहार ने तकलीफ झेल करके भी इस काम को किया है। वित्‍त मंत्री थे हमारे सुशील जी, कठिनाई होने के बावजूद भी किया। यह करने के बावजूद भी 10 साल बीत गए साहब, fertilizer कारखाने की किसी को याद नहीं आई। क्‍या गुनाह है बिहार का? बिहार की जेब से पैसा निकाल करके यहां की सरकार ने तकलीफ होने के बावजूद भी दिया लेकिन उसको रोक दिया गया। हमने तय किया है कि यह बिहार का यह हक है। यह fertilizer का काम चालू होगा। यहां के किसानों को सस्‍ता fertilizer मिले, यह काम हम करेंगे। बिहार की जनता का या बिहार की सरकार का कोई दोष नहीं था। बिहार की सरकार आगे आई थी। लेकिन काम रोक दिया गया। लेकिन भाईयों बहनों मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं कि यह काम भी पूरा होगा और नौजवानों को रोजगार भी मिलेगा और किसान को fertilizer भी पहुंचेगा, इसका पूरा प्रबंध करके हम आगे बढ़ेंगे।

भाईयों बहनों, विकास की इस अवधारणा में हमने यह भी हमेशा निरंतर प्रयास किया है, cooperative federalism का। हमारा मत है कि राज्‍यों को अगर सहायता मिले, राज्‍यों को अगर अवसर मिले तो देश के आगे बढ़ने की ताकत बहुत बढ़ जाएगी। इसलिए 14th finance commission जो कि लागू हुआ है, उसके कारण बहुत बड़ा लाभ राज्‍यों को हो रहा है। एक राज्‍य को हो रहा है, एक को नहीं हो रहा है, ऐसा नहीं है। सभी राज्‍यों को हो रहा है। इसलिए कोई बिहार को कम मिला, अधिक मिला, किसी और राज्‍य को कम मिला, अधिक मिला, ऐसा नहीं है। क्‍योंकि हमारी योजना है। आज स्थिति ऐसी है.. एक जमाना था भारत का खजाना जो था, केंद्र का और राज्‍य का उसमें से 65-70% खजाना दिल्‍ली की सरकार की तिजौरी में रहता था। 38-35% सभी राज्‍यों की मिला करके तिजौरी में रहता था। हमने ऐसा एक महत्‍वपूर्ण फैसला किया है, कठिन काम लिया है सर पर। लेकिन जैसा नीतीश जी ने कहा कि मोदी जी आप पर हमारी आशा है, उसको पूरा करने के लिए हमने एक महत्‍वपूर्ण फैसला किया है। वो फैसला है vote in finance commission जिसके कारण आने वाले दिनों में बिहार को .. अगर पांच साल के finance commission का मैं देखूं तो बिहार को 2015 से 2020 के दरम्यिान finance commission के द्वारा करीब-करीब पौने चार लाख करोड़ के करीब रुपया मिलने वाले हैं। पौने चार लाख करोड़ के करीब रुपया मिलने वाले हैं, जो पहले सिर्फ बीते हुए समय में सिर्फ डेढ़ लाख करोड़ रुपया मिला था। डेढ़ लाख का पौने चार लाख करोड़ रुपया आने वाले दिनों में.. क्‍योंकि हम मानते हैं कि यह प्रदेश आगे बढ़ना चाहिए।

मेरा यह विश्‍वास है कि पूरब में जब तक प्रगति नहीं होती है, देश कभी आगे नहीं बढ़ सकता। चाहे बिहार हो, चाहे पूर्वी उत्‍तर प्रदेश हो, चाहे ओडि़शा हो, चाहे पश्चिम बंगाल हो, चाहे झारखंड हो असम हो, नागालैंड हो, मिजोरम हो, यह सारा हिंदुस्‍तान का पूर्वी भाग यह जब विकसित नहीं होता है, यह भारत माता हमारी समृध नहीं हो सकती है। इसलिए बिहार का विकास, यह हमारा प्राइम एजेंडा है। पूर्वी भारत का विकास, हमारा मकसद है, हमारा लक्ष्‍य है। उसको आगे बढ़ाने के लिए अनेक विध हम नई योजनाएं लाने वाले हैं, उसको पूरा करेंगे।

आने वाले कुछ दिनों में हमारे कुछ साथियों से मैंने कहा है कि आप जाइये, शिलान्‍यास कीजिए, उद्घाटन कीजिए, काम को आगे बढ़ाइये। जैसे मुजफ्फरपुर स्‍वर्ण-वर्ष नेशनल हाइवे, 77 किलोमीटर को double lane करने का काम पूर्ण हो चुका है। करीब छ: सौ करोड़ रुपया की लागत लगी है। पटना-गया-डोबी रोड के four laning का काम मंजूर हो गया है। करीब 1231 करोड़ रुपये की लागत है। पटना-कोयलावर-भोजपुर और भोजपुर-बक्‍सर रोड के भी four laning का काम मंजूर हो चुका है। लागत है करीब 2012 करोड़ रुपया। भागलपुर बाइपास का काम मंजूर हो गया है। लागत है करीब 230 करोड़ रुपया। शिवहरी-सीतामढ़ी-जयनगर-निरहिया रोड का भी सुधार मंजूर कर दिया गया है। लागत है करीब 701 करोड़ रुपया। फतवा-हरनोद-बारा रोड का काम भी मंजूर कर दिया है। लागत है करीब 590 करोड़ रुपया। यह सारे नेशनल हाइवे के प्रोजेक्‍ट जो इस सरकार ने already मंजूर कर दिये हैं, इन सबकी लागत होती है करीब-करीब पांच हजार करोड़ रुपया। क्‍योंकि मैं जानता हूं कि बिहार को विकास की नई ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए इन चीजों का भरपूर उपयोग होना चाहिए। और हम इसको करना चाहते हैं।



आपको याद होगा पिछले लोकसभा के चुनाव में मैं यहां आया था। गांधी मैदान में बम धमाकों के बीच, मैं भाषण कर रहा था। उस समय मैंने कहा था कि केंद्र में हम सत्‍ता में आएंगे तो बिहार को विशेष पैकेज देंगे। उस समय मैंने घोषणा की थी.. चुनाव के पहले मैंने घोषणा की थी, मैंने कहा था कि 50 हजार करोड़ रुपयों का पैकेज बिहार को दिया जाएगा। भाईयों बहनों मैं जब दिल्‍ली में बैठा, बारीकी से चीजों को देखा तो मैं इस नतीजे पर पहुंचा कि मेरे दिल दिमाग में बिहार की जो कल्‍पना है, बिहार को अगर मुझे उस ऊंचाई पर ले जाने में बिहार को साथ लेकर के चलना है तो 50 हजार करोड़ से बात बनने वाली नहीं है। उसे और अधिक करने की आवश्‍यकता है। मैं आज उसकी घोषणा नहीं करूंगा, मैं सही समय पर आ करके उसकी घोषणा करूंगा, लेकिन मैं इतना कहता हूं कि मैंने जो वादा किया उसको तो निभाऊंगा, उससे भी आगे मामला ले जाऊंगा, यह आपको मैं वादा करने आया हूं। ताकि बिहार को विकास की यात्रा में कोई रूकावट नहीं आनी चाहिए और विकास की यात्रा तेज गति से आगे बढ़नी चाहिए।

इसी एक अपेक्षा के साथ, मुझे विश्‍वास है कि आज जिन योजनाओं का आरंभ हुआ है, जिन कार्यक्रमों की शुरूआत हो गई है, और भी हमारे मंत्रिगण के लोग आने वाले हैं, वो इस बात को आगे बढ़ाएंगे। आज यहां पर देशभर के कृषि वैज्ञानिकों को मैंने बुलाया है, पटना की धरती पर। अब इस कार्यक्रम के बाद उनके साथ बैठने वाला हूं, क्‍योंकि मैं मानता हूं कि हिंदुस्‍तान की second green revolution की संभावना अगर कहीं है, तो हिंदुस्‍तान के पूर्वी इलाके में हैं। बिहार में है, बंगाल में है, असम में है, पूर्वी उत्‍तर प्रदेश में है। second green revolution की संभावना इस इलाके में है। इसलिए मैंने देशभर के कृषि वैज्ञानिकों को आज पटना की धरती पर बुलाया है। वो यहां बैठ करके विचार-विमर्श करने वाले हैं। आने वाले दिनों में यहां के कृषि क्षेत्र को एक नई ताकत देने की दिशा में प्रयास करने वाले हैं।

मैं फिर एक बार बिहार सरकार का, बिहार की जनता-जर्नादन का, यहां के मुख्‍यमंत्री जी का स्‍वागत सम्‍मान के लिए हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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भारत माता की, भारत माता की।

बोरोरा आमार// प्रोणाम नेबेन// छोटारा भालोबासा। दक्षिणेश्वर काली मंदिर और कालीघाट मंदिर, श्री श्री 108 करुणामयी काली माता मंदिर, दमदम बालाजी हनुमान, रामकृष्ण सेवा मंदिर, इन सभी पावन स्थानों में विराजमान देवी-देवताओं को मैं आस्थापूर्वक नमन करता हूं। आज कौशकी अमावस्या का पावन दिन भी है। मैं आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,
मैं ऐसे समय में कोलकाता आया हूं, जब दुर्गापूजा की तैयारियां शुरु हो गई हैं। कुमरटुली में, माता दुर्गा की प्रतिमा गढ़ी जा रही है। बड़ा बाजार से पार्क स्ट्रीट तक, कोलकाता नए रंग में, नई रौनक के साथ सज रहा है। आस्था और आनंद के पर्व के साथ, जब विकास का पर्व भी जुड़ जाता है, तो खुशी दोगुनी हो जाती है। यहां से कुछ ही दूरी पर मुझे कोलकाता मेट्रो और हाईवे से जुड़े बड़े प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण का अवसर मिला है। मैं दमदम के, कोलकाता के आप सभी लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

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साथियों,
पश्चिम बंगाल आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्यों में से एक है। इसलिए, जबतक पश्चिम बंगाल का सामर्थ्य नहीं बढ़ेगा तबतक विकसित भारत की यात्रा सफल नहीं हो पाएगी। क्योंकि बीजेपी का conviction है, बीजेपी मानती है, बीजेपी की श्रद्धा है... बांग्लार उदोय// तबेई// विकोशितो भारोतेर जॉय! इसलिए बीते 11 वर्षों में केंद्र की बीजेपी सरकार ने पश्चिम बंगाल के विकास के लिए लगातार हर प्रकार की मदद दी है। बंगाल में नेशनल हाईवे के निर्माण के लिए जितना पैसा कांग्रेस की यूपीए सरकार ने अपने 10 साल में दिया था, उससे तीन गुना ज्यादा पैसा भारत सरकार ने पश्चिम बंगाल को दिया। रेलवे के लिए भी बंगाल का बजट, पहले की तुलना में तीन गुणा बढ़ाया गया है। लेकिन साथियों, बंगाल में विकास कार्यों के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती भी है। चुनौती ये कि बंगाल के लिए जो पैसा हम राज्य सरकार को सीधे भेजते हैं, उसका ज्यादातर हिस्सा यहां लूट लिया जाता है। जो पैसा भारत सरकार दिल्ली से भेजती है वो पैसा आप पर नहीं खर्च होता, वो पैसा महिलाओं का जीवन आसान बनाने के लिए नहीं खर्च होता, वो पैसा TMC काडर पर खर्च होता है। इसलिए गरीब कल्याण की अनेक योजनाओं में बंगाल देश के दूसरे राज्यों से पिछड़ा हुआ है।

साथियों,
यही स्थिति कुछ साल पहले हमारे पड़ोस में असम की थी, त्रिपुरा की थी। लेकिन जब से असम और त्रिपुरा में भाजपा सरकार बनी है, गरीब कल्याण की योजनाओं का लाभ वहां जनता को मिलने लगा है। आज इन राज्यों में हर घर जल का काम तेजी से चल रहा है। आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज हर गरीब को मिल रहा है। गरीबों के पक्के घर बन रहे हैं। बंगाल में भी जनता तक सारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए जरूरी है कि यहां पश्चिम बंगाल में भाजपा सरकार होनी चाहिए। ये अब तय है टीएमसी जाबे//बीजेपी आशबे!

भाइयों और बहनों,
ये धरती सतीश चंद्र दासगुप्त, सुरेंद्रनाथ बंद्दोपाध्याय, गोष्ठ पाल और हरिनाथ डे...ऐसी अनेक विभूतियों की धरती है। इस धरती ने, देश को, समाज को समय-समय पर नई चेतना दी है। ये धरती पुनर्जागरण का केंद्र रही है। यहीं वो अमर वाणी गूंजी है, जो कहती है “जागो// ओठो// नबोजीबोनेर गाने नबो आलोक// जालाओ// प्राणे-प्राणे।”

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साथियों,
आज पश्चिम बंगाल को सच में नई रोशनी की ज़रूरत है, सच्चे परिवर्तन की ज़रूरत है। पश्चिम बंगाल ने, आज़ादी के बाद पहले कांग्रेस और फिर लेफ्ट का लंबा दौर देखा है। इसके बाद, 15 साल पहले, पश्चिम बंगाल के आप लोगों ने परिवर्तन करने का फैसला किया था। आप लोगों ने मां-माटी-मानुष के नारे पर भरोसा किया था। लेकिन हालात पहले से भी ज्यादा खराब हो गए। भर्ती घोटालों से नौजवानों का भविष्य खराब हो गया। बहनों-बेटियों पर अत्याचार बढ़ गए। क्राइम और करप्शन, ये टीएमसी सरकार की पहचान बन गए। ये पक्का है कि जब तक बंगाल में TMC की सरकार रहेगी, तब तक बंगाल का विकास अवरुद्ध रहेगा, रुका रहेगा। इसलिए आज बंगाल का जन-जन कह रहा है- टीएमसी जाएगी तभी असली बदलाव आएगा। टीएमसी जाबे// तॉबेई,// आशोल // पोरिबोर्तोन //आशबे।

साथियों,
21वीं सदी के 25 साल तो बीत चुके हैं। आने वाले साल देश की तरह ही बंगाल के लिए भी बहुत अहम हैं। हमें ये समय ऐसे ही नहीं निकलने देना है। इसलिए बंगाल को चाहिए--सच्चा परिवर्तन। आशोल पोरिबोर्तोन परिवर्तन, जो नारे में नहीं, काम में दिखे। परिवर्तन, जो उद्योग लगाए, घर के बेटे-बेटी को बंगाल में ही नौकरी दे। परिवर्तन, जो बेटियों को सुरक्षा दे, मकान और दुकान को जलने से बचाए। परिवर्तन, जो किसान को सुविधा दे, सम्मान दे, फसल का सही दाम दे। परिवर्तन, जहां अपराधी और भ्रष्टाचारी, सरकार में नहीं जेल में होंगे। ऐसा परिवर्तन, जहां सुशासन होगा, गरीब से गरीब भी सम्मान का जीवन जीएगा। और ये सच्चा परिवर्तन सिर्फ और सिर्फ भाजपा ही ला सकती है। और इसीलिए बंगाल के घर-घर में हमें एक बात पहुंचानी है। बंगाल के हर कोने से एक ही आवाज आनी चाहिए- बाचते चाई,// बीजेपी ताई। यही बंगाल की असली पुकार है, यही बंगाल का भविष्य है।

साथियों,
ये वर्ष डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जन्म-जयंति का 125वां वर्ष है। भाजपा का तो जन्म ही डॉक्टर मुखर्जी के आशीर्वाद से हुआ है। वे भारत के औद्योगिक विकास के जनक रहे हैं। दुर्भाग्य से कांग्रेस ने कभी उनको इसका श्रेय नहीं दिया। देश के पहले उद्योग मंत्री के रूप में, भारत की पहली इंडस्ट्रियल पॉलिसी उन्होंने ही बनाई थी। उनकी नीतियों में बंगाल की इस धरती की कुशलता थी, यहां से मिला अनुभव था। अगर हम उसी नीति पर चले होते तो देश की तस्वीर कुछ और होती। लेकिन उन नीतियों को भुला दिया गया। फिर ऐसा भटकाव हुआ कि हम पूरी तरह से विदेशों पर निर्भर हो गए। मेरे प्यारे बंगाल के भाइयों-बहनों हमें गर्व है कि हम डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सैनिक हैं। हम मां भारती के सेवक हैं। जो सपने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देखे थे। उसके लिए एक सैनिक की तरह हम अपना जीवन खपा रहे हैं। बंगाल की प्रबुद्ध जनता जानती है कि दूसरों पर निर्भरता यानि आत्मसम्मान पर चोट। इस स्थिति से हमें देश को बाहर निकालना है। इसलिए आज देश ने आत्मनिर्भरता का मूलमंत्र लेकर के नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने का फैसला लिया है। मेक इन इंडिया आज एक बड़ी सिद्धि बन रहा है। जिसके लिए हमारा कोलकाता, हमारा बंगाल जाना जाता था। वो गौरवशाली अतीत हमें मिलकर फिर से लौटाना है। इसलिए आज बंगाल में एक ही गूंज है- टीएमसी के// शोराओ, बांग्ला के // बाचाओ !

साथियों,
भाजपा जो संकल्प लेती है, वो सिद्ध करके दिखाती है। इसका ताजा प्रमाण अभी हमने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखा है। हमारी सेना ने सीमापार आतंकियों और आतंक के आकाओं के अड्डों को खंडहर में बदल दिया। हमारी सेनाओं ने आतंकियों को ऐसा सबक सिखाया कि पाकिस्तान की आज भी नींद उड़ी हुई है। भारत की इस सफलता के पीछे बहुत बड़ी शक्ति, मेड इन इंडिया अस्त्र-शस्त्र की रही है। और मुझे गर्व है कि भारत की सेना को ताकत देने में बंगाल की, इस इलाके की भी बड़ी भूमिका है, बहुत बड़ा योगदान है। इच्छापुर में गुलामी के कालखंड में डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग का काम शुरु हुआ था। लेकिन कांग्रेस की सरकारों ने भारत की ऐसी डिफेंस इंडस्ट्री को बर्बाद कर दिया था। हमारी सेना को विदेशों पर निर्भर कर दिया था। अब भाजपा सरकार ने भारत की डिफेंस इंडस्ट्री को नई ऊर्जा दी। इसका लाभ, यहां की फैक्ट्री को भी मिला है। आज ये फैक्ट्री आधुनिक राइफल और अन्य हथियार बना रही है। इससे यहां छोटे-छोटे उद्यमियों के लिए भी नए अवसर बने हैं। इन कारखानों के कारण, दमदम–बैरकपुर क्षेत्र में हज़ारों लोगों को रोज़गार मिल रहा है।

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साथियों,
इच्छापुर डिफेंस फैक्ट्री सिर्फ एक उदाहरण है। आप यहां 2026 में भाजपा सरकार बनाइए, हम बंगाल को डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों का बंगाल बनाएंगे। बंद पड़े कारखाने फिर से खुलेंगे, नया निवेश और नए कारखाने लगेंगे और दमदम फिर से इंडस्ट्रियल हब बनेगा। ये भाजपा का संकल्प है। बीकोशितो// बांग्ला, मोदीर गारंटी।

साथियों,
भाजपा के पास पश्चिम बंगाल के विकास का एक ठोस प्लान है, एक रोडमैप है। लेकिन टीएमसी- विकास की दुश्मन है। इसका साक्षी ये दमदम क्षेत्र भी है। ये कोलकाता के सबसे अधिक भीड़भाड़ वाले इलाकों में से एक है। यहां की स्थिति क्या है, ये आप आए दिन महसूस करते हैं। देश के ऐसे शहरी क्षेत्रों के विकास के लिए स्मार्ट सिटी मिशन चल रहा है। लेकिन टीएमसी सरकार ने इस मिशन से जुड़ने से भी इनकार कर दिया है। लोगों को असुविधा होती रहे, विकास ठप्प होता रहे, लेकिन टीएमसी का मिशन, जैसे-तैसे बीजेपी को रोकना है, केंद्र की योजनाओं को रोकना है। मैं बंगाल के भद्रलोक से पूछता हूं। क्या ये तरीका सही है? क्या ऐसी पॉलिटिक्स से पश्चिम बंगाल का भला होगा? इसलिए, मुझे आप सभी का आशीर्वाद चाहिए। आप यहां भी भाजपा को एक बार अवसर देकर देखिए।

साथियों,
बंगाल में भाजपा आएगी, तो रेल और मेट्रो का तेज़ी से विस्तार होगा। मैं तो चाहूंगा कि यहीं पर इलेक्ट्रिक वीकल से जुड़ा व्यापक इंफ्रास्ट्रक्चर बने। यहां बहुत बड़ी मात्रा में इन्वेस्टमेंट आए, नौजवानों को रोजगार मिले। ये तभी होगा जब यहां कानून का राज आएगा। जब यहां भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और जब बंगाल में डबल इंजन की भाजपा सरकार होगी।

साथियों,
पश्चिम बंगाल के पास, इतिहास और संस्कृति की भी अनमोल धरोहर है। ये बांग्ला विरासत, विकसित बंगाल बनाने के अभियान को प्रेरणा देगी। बीजेपी सरकार पूरे गर्व के साथ बांग्ला भाषा और बांग्ला संस्कृति को सशक्त करने में जुटी है। ये हमारा सौभाग्य है कि हमें बांग्ला भाषा को, क्लासिकल लैंग्वेज यानि शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने का सौभाग्य मिला। साथियों, यहां बनने वाली भाजपा सरकार हैरिटेज टूरिज्म पर भी बल देगी।

साथियों,
हम गंगा जी पर जो इनलैंड वॉटरवे बना रहे हैं या फिर जो हमारा समंदर है, इसमें क्रूज़ टूरिज्म के लिए बहुत संभावनाएं हैं। ऐसी हर संभावना को भाजपा सरकार बनने के बाद तलाशा जाएगा। ताकि पश्चिम बंगाल के नौजवानों को काम के लिए कहीं और जाने के लिए मजबूर न होना पड़े।

साथियों,
इस बार लाल किले से मैंने देश की एक बहुत बड़ी चिंता की चर्चा की है। ये चिंता घुसपैठ के बढ़ते खतरे की है। कोलकाता के, पश्चिम बंगाल के लोग, समय से आगे की सोचते हैं। इसलिए आपके बीच मैं लगातार इस बहुत बड़ी राष्ट्रीय चुनौती की चर्चा करता रहा हूं। आजकल आप देखते हैं, जिन देशों को विकसित कहा जाता है, जिनके पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है, वहां घुसपैठियों के खिलाफ मुहिम चल रही है। ये देश अब घुसपैठियों को ज्यादा नहीं सह सकता। घुसपैठियों को निकालना चाहिए कि नहीं निकालना चाहिए? घुसपैठिए जाने चाहिए कि नहीं जाने चाहिए? उनको भगाना होगा कि नहीं भगाना होगा? कौन भगा सकता है? कौन भगा सकता है? घुसपैठियों से बंगाल को कौन मुक्त करा सकता है? साथियों, मोदी नहीं, भाजपा नहीं, आपका एक वोट करा सकता है, आपका एक वोट। एक बार वोट दे दीजिए, ये घुसपैठिए भाग जाने लग जाएंगे।

साथियों,
भारत के पास तो संसाधन सीमित हैं। हमें अपने नौजवानों को रोजगार देना है। अपने नागरिकों को सुविधाएं देनी हैं। जो घुसपैठिए, हमारे नौजवानों का रोजगार छीन रहे हैं, जो हमारे इंफ्रास्ट्रक्चर पर दबाव डाल रहे हैं, जो हमारी बहनों-बेटियों के साथ आत्याचार कर रहे हैं, ऐसे घुसपैठियों को हम भारत में नहीं रहने देंगे। इसलिए भारत सरकार ने घुसपैठियों के खिलाफ इतना बड़ा अभियान चलाया हुआ है। लेकिन साथियों, मुझे हैरानी है कि TMC- कांग्रेस समेत कुछ इंडी अलायंस के राजनीतिक दल, तुष्टिकरण के आगे घुटने टेक चुके हैं। ये राजनीतिक दल, सत्ता की भूख के लिए घुसपैठ को बढ़ावा दे रहे हैं। कुछ जगह पर दिख रहा है, उन्होंने घुसपैठियों की शरण ले ली है।

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साथियों,
पश्चिम बंगाल तो सीमावर्ती राज्य है। जिस प्रकार, बॉर्डर के इलाकों में डेमोग्राफी बदली जा रही है। ये पश्चिम बंगाल में सामाजिक संकट भी पैदा कर रहा है। खासतौर पर किसानों से धोखाधड़ी करके उनकी ज़मीन पर कब्जा किया जा रहा है। आदिवासियों को गुमराह करके उनकी जमीन हड़पी जा रही है। देश ये सहन नहीं कर सकता। इसको रोकना ही होगा। इसलिए, इस बार लाल किले से मैंने घुसपैठ के खिलाफ विशेष डेमोग्राफी मिशन की घोषणा की है। जो लोग सिर्फ यहां हमारे लोगों की रोज़ी-रोटी छीनने आए हैं, जो फर्जी तरीके से कागज बनाकर रुक गए हैं, उनको यहां से जाना ही होगा। और ये काम ईमानदारी से हो पूरा हो सके, इसके लिए टीएमसी सरकार को भी यहां से जाना ही होगा।

साथियों,
पिछले 11 साल से देश भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है। अब इसी दिशा में देश ने एक और बड़ा कदम उठाया है। इस बार लोकसभा में भाजपा सरकार एक बहुत बड़ा एंटी करप्शन बिल लेकर आई है। मैं बंगाल के लोगों से इस बिल के बारे में विशेष तौर पर बात करूंगा। साथियों, आप भी जानते हैं... हमारे देश में, अगर एक छोटा सा सरकारी कर्मचारी...चाहे वो कर्मचारी ड्राइवर हो, प्यून हो, सरकार की किसी कैंटीन में काम करता हो, सरकार में कहीं साफ-सफाई का काम करता हो, अगर उस कर्मचारी को किसी पुलिस वाले ने जेल में बंद कर दिया तो करीब-करीब 50 घंटे में अगर उसको जमानत नहीं मिली और 50 घंटे जेल में रह गया, तो ऑटोमेटिक उसकी नौकरी चली जाती है, सस्पेंड हो जाता है। एक छोटा मुलाजिम दो दिन अगर जेल में रहे तो उसकी जिंदगी तबाह करने के कानून है, लेकिन कोई मुख्यमंत्री, कोई मंत्री, प्रधानमंत्री अगर जेल चला जाए तो उसके लिए कोई कानून नहीं है। और हालत तो देखिए, आजकल ये लोग, इतने गिरे हैं, इतने गिरे हैं कि जेल से भी सरकार चलाने की कोशिश कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल ने ये साक्षात देखा है। बार-बार कई बार अनुभव किया है। टीएमसी के एक मंत्री टीचर्स घोटाले में आज तक जेल में हैं। शिक्षक भर्ती का गंभीर घोटाला, घर से नोटों का पहाड़ मिला, लेकिन तब भी वो मंत्री कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं थे। जनता की हर भावना को यहां निर्ममता से कुचला जाता रहा। इसी तरह, टीएमसी के एक और मंत्री पर गरीबों का राशन लूटने का आरोप है। इनकी भी करोड़ों रुपए की संपत्ति ज़ब्त हो चुकी है। ये मंत्री भी जेल जाने के बाद कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं थे। इन्होंने भी जनता की भावना की, संविधान की भावना की कोई परवाह नहीं की।

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साथियों,
आप मुझे बताइए, ऐसे लोग जो भ्रष्ट हैं, जो जनता को धोखा दे रहे हैं, क्या उन्हें सरकार में अपने पद पर रहने का हक है? हमने तो ये देखा है कि मुख्यमंत्री तक जेल जाते हैं लेकिन वो जेल से सरकार चलाते हैं। ये संविधान का, लोकतंत्र का सरासर अपमान है। और मोदी संविधान का ये अपमान होते नहीं देख सकता। इसलिए मैंने तय किया कि ये सब नहीं चल सकता। मंत्री और मुख्यमंत्री हो, और इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री को भी इस सख्त कानून के दायरे में ले आया हूं। अगर पीएम भी 30 दिन जेल में रहें और उन्हें जमानत ना मिले तो अगले दिन उनकी कुर्सी चली जाएगी। लेकिन साथियों, टीएमसी के लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ इस कार्रवाई पर भड़क गए हैं। वो इस कानून का विरोध कर रहे हैं। टीएमसी के लोगों ने संसद में इस बिल को फाड़ने की कोशिश की है। ये दिखाता है कि टीएमसी की पूरी राजनीति कैसे भ्रष्टाचार के पहाड़ पर टिकी है। इसलिए ये लोग इतने डरे हुए हैं भ्रष्टाचारियों को बचाने में जुटे हैं।

साथियों,
हर चुनौतियों को परास्त करते हुए पश्चिम बंगाल, फिर से भारत के विकास का पावर हाउस बनकर रहेगा। इस संकल्प को लेकर हमें आगे बढ़ना है। आप याद रखिए और औरों को भी बताइए, हर गली-मोहल्ले में, बंगाल के हर कोने में एक ही मंत्र एक ही नारा गूंजता रहना चाहिए ... बाचते चाई,// बीजेपी ताई। एक बार फिर, आप सभी को इतनी विशाल संख्या में, और इतनी ऊर्जा के साथ इस सभा को सफल बनाने के लिए मैं आपका आभार मानता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय ! भारत माता की जय ! भारत माता की जय !
वंदे, वंदे, वंदे, वंदे, वंदे, वंदे, वंदे, वंदे, वंदे, वंदे, वंदे, वंदे।