Published By : Admin | October 30, 2020 | 18:43 IST
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Lays Foundation Stone for various projects under Integrated Development of Kevadia
Flags-off Ekta Cruise Service to the Statue of Unity
وزیر اعظم جناب نریندر مودی نے کیوڈیا نے سردار پٹیل زولوجیکل پارک اور چڑیا گھر کا افتتاح کیا۔ انھوں نے کیوڈیا کی مربوط ترقی کے تحت 17 پروجیکٹوں کو قوم کے نام وقف کیا اور 4 نئے پروجیکٹوں کا سنگ بنیاد رکھا۔ان پروجیکٹوں میں نیوگیشن چینل، نیا گورا برج، گروڈیشور پشتہ، سرکاری کوارٹرس، بس بے ٹرمنس، ایکتا نرسری، کھلوانی ایکوٹورزم اور ٹرائبل ہوم اسٹے شامل ہیں۔ انھوں نے مجسمہ اتحاد تک ایکتا کروز سروس کا جھنڈی دکھا کر آغاز کیا۔
The Fly High Indian Aviary would be a treat for those interested in birdwatching. Come to Kevadia and visit this aviary, which is a part of the Jungle Safari Complex. It will be a great learning experience. pic.twitter.com/RiZjDTcfOx
وزیر اعظم نے کہا کہ ”اونچائی پر واقع یہ بھارتی چڑیا گھر ان لوگوں کے لیے بڑی نعمت ثابت ہوگا جوپرندوں کا مطالعہ کرتے ہیں۔ کیوڈیا آیئے اور اس چڑیا گھر کی سیر کیجیے جو جنگل سفاری کمپلیکس کا ایک حصہ ہے۔اس سے بہت کچھ سیکھنے کو ملے گا‘‘۔
جنگل سفاری ایک جدید زولوجیکل پارک ہے جو29 سے لے کر 180 میٹر تک کی مختلف سطحوں پر 375 ایکڑ کے رقبے میں پھیلا ہوا ہے۔ اس میں 1100 سے زیادہ پرندے اور جانور نیز 5 لاکھ پودے ہیں۔ یہ سب سے تیز رفتاری سے تعمیر کیا گیا جنگل سفاری ہے۔ زولوجیکل پارک میں دو چڑیا خانے ہیں ایک دیسی پرندوں کے لیے اور دوسرا غیر ملکی پرندوں کے لیے۔ یہ دنیا کا سب سے بڑا اونچائی پر واقع چڑیا گھر ہے۔ پرندوں کو کٹہروں میں رکھا جائے گا اور انھیں چھونے سے ایک عجیب فرحت محسوس ہوگی۔ یہاں مختلف جانور ہیں مثلاً لمبی دم والے طوطے، کلغی دار طوطے، خرگوش اور ولایتی چوہے وغیرہ۔
ایکتا کروز سروس
ایکتا کروز سروس کے ذریعے شریشٹھا بھارت بھون سے مجسمہ اتحاد تک فیری کشتی کے ذریعے سیر کا لطف اٹھایا جاسکتا ہے، جس سے 6 کلو میٹر کا فاصلہ طے کیا جائے گا۔ 40 منٹ کے اس سفر میں ایک فیری میں بیک وقت 200 مسافر جاسکتے ہیں۔ نیا گورا برج خاص طور پر فیری سروس کو چلانے کے لیے بنایا گیا ہے۔ مجسمہ ا تحاد جانے والے سیاحوں کے لیے بوٹنگ خدمات فراہم کرنے کی خاطر بوٹنگ چینل تعمیر کیا گیا ہے۔
India is rapidly moving towards the next step of the digital revolution: PM Modi
March 22, 2023
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Unveils Bharat 6G Vision Document and launches 6G R&D Test Bed
Launches ‘Call before u Dig’ App
India is a role model for countries looking for digital transformation to grow their economies: ITU Secy Gen
“India has two key strengths - trust and scale. We can not take technology to all corners without trust and scale”
“Telecom technology for India is not a mode of power, but a mission to empower”
“India is rapidly moving towards the next step of the digital revolution”
“The vision document presented today will become a major basis for the 6G rollout in the next few years”
“India is working with many countries to change the work culture of the whole world with the power of 5G”
“World Telecommunications Standardization Assembly of ITU will be held in October next year in Delhi”
“This decade is India's tech-ade”
केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी डॉक्टर एस जयशंकर जी, श्री अश्विनी वैष्णव जी, श्री देवुसिंह चौहान जी, ITU की सेक्रेटरी जनरल, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों !
आज का दिन बहुत विशेष है, बहुत पवित्र है। आज से ‘हिन्दू कैलेंडर’ का नया वर्ष शुरू हुआ है। मैं आप सभी को और सभी देशवासियों को विक्रम संवत 2080 की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। हमारे इतने विशाल देश में, विविधता से भरे देश में सदियों से अलग-अलग कैलेंडर्स प्रचलित हैं। कोल्लम काल का मलयालम कैलेंडर है, तमिल कैलेंडर है, जो सैकड़ों वर्षों से भारत को तिथिज्ञान देते आ रहे हैं। विक्रम संवत भी 2080 वर्ष पहले से चल रहा है। ग्रेगोरियन कैलेंडर में अभी वर्ष 2023 चल रहा है, लेकिन विक्रम संवत उससे भी 57 वर्ष पहले का है। मुझे खुशी है कि नव वर्ष के पहले दिन टेलिकॉम, ICT और इससे जुड़े इनोवेशन को लेकर एक बहुत बड़ी शुरुआत भारत में हो रही है। आज यहां International Tele-communication Union (ITU) के एरिया ऑफिस और सिर्फ एरिया ऑफिस नहीं, एरिया ऑफिस और इनोवेशन सेंटर की स्थापना हुई है। इसके साथ-साथ आज 6G Test-Bed को भी लॉन्च किया गया है। इस टेक्नोलॉजी से जुड़े हमारे विजन डॉक्यूमेंट को unveil किया गया है। ये डिजिटल इंडिया को नई ऊर्जा देने के साथ ही साउथ एशिया के लिए, ग्लोबल साउथ के लिए, नए समाधान, नए इनोवेशन लेकर आएगा। खासकर हमारे एकेडिमिया, हमारे इनोवेटर्स-स्टार्ट अप्स, हमारी इंडस्ट्री के लिए इससे अनेक नए अवसर बनेंगे।
Friends,
आज जब भारत, जी-20 की प्रेसीडेंसी कर रहा है, तो उसकी प्राथमिकताओं में Regional Divide को कम करना भी है। कुछ सप्ताह पहले ही भारत ने Global South Summit का आयोजन किया है। Global South की Unique जरूरतों को देखते हुए, Technology, Design और Standards की भूमिका बहुत अहम है। Global South, अब Technological Divide को भी तेजी से Bridge करने में जुटा है। ITU का ये एरिया ऑफिस एवं इनोवेशन सेंटर, इस दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है। मैं ग्लोबल साउथ में यूनिवर्सल कनेक्टिविटी के निर्माण को लेकर भारत के प्रयासों को भी ये अत्यंत गति दायक और गति देने वाला होगा। इससे साउथ एशियाई देशों में ICT सेक्टर में cooperation और collaboration भी मजबूत होगा और इस अवसर पर विदेश के भी बहुत-बहुत मेहमान आज हमारे यहां मौजूद हैं। मैं आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं, बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।
साथियों,
जब हम टेक्नॉलॉजिकल डिवाइड को ब्रिज करने की बात करते हैं तो भारत से अपेक्षा करना भी बहुत स्वाभाविक है। भारत का सामर्थ्य, भारत का इनोवेशन कल्चर, भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर, भारत का स्किल्ड और इनोवेटिव मैनपावर, भारत का Favorable policy environment, ये सारी बातें इस अपेक्षा का आधार हैं। इनके साथ ही भारत के पास जो दो प्रमुख शक्तियां हैं, वो हैं Trust और दूसरा है Scale. बिना Trust और Scale, हम टेक्नॉलॉजी को कोने-कोने तक नहीं पहुंचा सकते हैं और मैं तो कहूंगा कि Trust की ये टेक्नॉलॉजी जो वर्तमान की है, उसमें Trust एक पूर्व शर्त है। इस दिशा में भारत के प्रयासों की चर्चा आज पूरी दुनिया कर रही है। आज भारत, 100 करोड़ मोबाइल फोन के साथ Most connected democracy of the world है। सस्ते स्मार्टफोन और सस्ते इंटरनेट डेटा ने भारत के डिजिटल वर्ल्ड का कायाकल्प कर दिया है। आज भारत में हर महीने 800 करोड़ से अधिक UPI आधारित डिजिटल पेमेंट्स होते हैं। आज भारत में हर दिन 7 करोड़ e-authentications होते हैं। भारत के कोविन प्लेटफार्म के माध्यम से देश में 220 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज लगी है। बीते वर्षों में भारत ने 28 लाख करोड़ रुपए से अधिक, सीधे अपने Citizens के बैंक खातों में भेजे हैं, Direct Benefit Transfer। जनधन योजना के माध्यम से हमने अमेरिका की कुल आबादी से भी ज्यादा लोगों के बैंक खाते खोले हैं। और उसके बाद यूनिक डिजिटल आइडेंटिटी यानि आधार के द्वारा उन्हें authenticate किया, और फिर 100 करोड़ से ज्यादा लोगों को मोबाइल के द्वारा कनेक्ट किया। जनधन – आधार – मोबाइल- JAM, JAM ट्रिनिटी की ये ताकत विश्व के लिए एक अध्ययन का विषय है।
साथियों,
भारत के लिए टेलीकॉम टेक्नोलॉजी, mode of power नहीं है। भारत में टेक्नोलॉजी सिर्फ mode of power नहीं है बल्कि mission to empower है। आज डिजिटल टेक्नॉलॉजी भारत में यूनिवर्सल है, सबकी पहुंच में है। पिछले कुछ वर्षों में भारत में बड़े स्केल पर digital inclusion हुआ है। अगर हम ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की बात करें तो 2014 से पहले भारत में 6 करोड़ यूजर्स थे। आज ब्रॉडबैंड यूजर्स की संख्या 80 करोड़ से ज्यादा है। 2014 से पहले भारत में इंटरनेट कनेक्शन की संख्या 25 करोड़ थी। आज ये 85 करोड़ से भी ज्यादा है।
साथियों,
अब भारत के गांवों में इंटरनेट यूजर्स की संख्या शहरों में रहने वाले इंटरनेट यूजर्स से भी अधिक हो गई है। ये इस बात का प्रमाण है कि डिजिटल पावर कैसे देश के कोने-कोने में पहुंच रही है। पिछले 9 वर्षों में, भारत में सरकार और प्राइवेट सेक्टर ने मिलकर 25 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछाया है। 25 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर, इन वर्षों में ही लगभग 2 लाख ग्राम पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया है। देशभर के गांवों में आज 5 लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर, डिजिटल सर्विस दे रहे हैं। इसी बात का प्रभाव है और ये सबका प्रभाव है कि आज हमारी डिजिटल इकोनॉमी, देश की ओवरऑल इकोनॉमी से भी लगभग ढाई गुना तेजी से आगे बढ़ रही है।
साथियों,
डिजिटल इंडिया से नॉन डिजिटल सेक्टर्स को भी बल मिल रहा है और इसका उदाहरण है हमारा पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान। देश में बन रहे हर प्रकार के इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े डेटा लेयर्स को एक प्लेटफार्म पर लाया जा रहा है। लक्ष्य यही है कि इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास से जुड़े हर रिसोर्स की जानकारी एक जगह हो, हर स्टेकहोल्डर के पास रियल टाइम इंफॉर्मेशन हो। आज यहां जिस ‘Call Before you Dig’ इस ऐप की लॉन्चिंग हुई है और वो भी इसी भावना का विस्तार है और ‘Call Before you Dig’ का मतलब ये नहीं कि इसको political field में उपयोग करना है। आप भी जानते हैं कि अलग-अलग प्रोजेक्टस के लिए जो Digging का काम होता है, उससे अक्सर टेलीकॉम नेटवर्क को भी नुकसान उठाना पड़ता है। इस नए ऐप से खुदाई करने वाली एजेंसियों और जिनका अंडरग्राउंड असेट है, उन विभागों के बीच तालमेल बढ़ेगा। इससे नुकसान भी कम होगा और लोगों को होने वाली परेशानियां भी कम होंगी।
साथियों,
आज का भारत, डिजिटल रिवॉल्यूशन के अगले कदम की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है। आज भारत, दुनिया में सबसे तेजी से 5G रोलआउट करने वाला देश है। सिर्फ 120 दिन में, 120 दिनों में ही 125 से अधिक शहरों में 5G रोल आउट हो चुका है। देश के लगभग साढ़े 300 जिलों में आज 5G सर्विस पहुंच गई है। इतना ही नहीं, 5G रोलआउट के 6 महीने बाद ही आज हम 6G की बात कर रहे हैं और ये भारत का कॉन्फिडेंस दिखाता है। आज हमने अपना विजन डॉक्यूमेंट भी सामने रखा है। ये अगले कुछ वर्षों में 6G रोलआउट करने का बड़ा आधार बनेगा।
साथियों,
भारत में विकसित और भारत में सफल टेलीकॉम टेक्नोलॉजी आज विश्व के अनेक देशों का ध्यान अपनी तरफ खींच रही है। 4G और उससे पहले, भारत टेलीकॉम टेक्नोलॉजी का सिर्फ एक यूज़र था, consumer था। लेकिन अब भारत दुनिया में telecom technology का बड़ा exporter होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। 5G की जो शक्ति है, उसकी मदद से पूरी दुनिया का Work-Culture बदलने के लिए, भारत कई देशों के साथ मिलकर के काम कर रहा है। आने वाले समय में भारत, 100 नई 5G labs की स्थापना करने जा रहा है। इससे 5G से जुड़ी opportunities, business models और employment potential को जमीन पर उतारने में बहुत मदद मिलेगी। ये 100 नई लैब्स, भारत की unique needs के हिसाब से 5G applications डेवलप करने में मदद करेंगी। चाहे 5जी स्मार्ट क्लासरूम हों, फार्मिंग हो, intelligent transport systems हों या फिर healthcare applications, भारत हर दिशा में तेजी से काम कर रहा है। भारत के 5Gi standards, Global 5G systems का हिस्सा हैं। हम ITU के साथ भी future technologies के standardization के लिए मिलकर के काम करेंगे। यहां जो Indian ITU Area office खुल रहा है, वो हमें 6G के लिए सही environment बनाने में भी मदद करेगा। मुझे आज ये घोषणा करते हुए भी खुशी हो रही है कि ITU की World Tele-communications Standardization Assembly, अगले वर्ष अक्टूबर में दिल्ली में ही आयोजित की जाएगी। इसमें भी विश्व भर के प्रतिनिधि भारत आएंगे। मैं अभी से इस इवेंट के लिए आप सबको शुभकामनाएं तो देता हूं। लेकिन मैं इस क्षेत्र के विद्वानों को चुनौती भी देता हूं कि हम अक्टूबर के पहले ऐसा कुछ करें जो दुनिया के गरीब से गरीब देशों को अधिक से अधिक काम आए।
साथियों,
भारत के विकास की इसी रफ्तार को देखकर कहा जाता है ये decade, भारत का tech-ade है। भारत का टेलीकॉम और डिजिटल मॉडल smooth है, secure है, transparent है और trusted and tested है। साउथ एशिया के सभी मित्र देश इसका लाभ उठा सकते हैं। मेरा विश्वास है, ITU का ये सेंटर इसमें एक अहम भूमिका निभाएगा। मैं फिर एक बार इस महत्वपूर्ण अवसर पर विश्व के अनेक देशों के महानुभाव यहां आए हैं, उनका स्वागत भी करता हूं और आप सबको भी अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।