Sports spirit will open doors of success for all athletes in the future: PM Modi

Published By : Admin | February 16, 2023 | 15:15 IST
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“Sports spirit will open doors of success for all athletes in the future”
“Competitions at the regional level not only enhance local talent but also boost the morale of players of the entire region”
“The Sansad Khel Mahakumbh is a new route, a new system”
“The Saansad Khel Mahakumbh has a huge role to play in highlighting the country’s potential in the world of sports”
“The Saansad Khel Mahakumbh lays the robust foundation of a grand infrastructure of the future of sports”
“Budget allocation of the Sports Ministry is almost 3 times more when compared to 2014”

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, गोरखपुर के सांसद रवि किशन शुक्ला जी, उपस्थित युवा खिलाड़ियों, कोचेस, अभिभावकगण और साथियों!

सबसे पहले मैं महायोगी गुरु गोरखनाथ की पवित्र धरती को नमन करता हूँ। सांसद खेल प्रतियोगिता में शामिल हो रहे सभी खिलाड़ियों को मैं बधाई देता हूं, अपनी शुभकामनाएं देता हूं। आप सभी ने बहुत मेहनत की है। इस प्रतियोगिता में कुछ खिलाड़ियों को जीत मिली होगी, कुछ को हार का सामना करना पड़ा होगा। खेल का मैदान हो या जीवन का मैदान, हार-जीत लगी रहती है। मैं खिलाड़ियों को यही कहूंगा कि अगर आप यहां तक पहुंचे हैं, तो आप हारे नहीं हैं। आपने जीतने के लिए बहुत कुछ सीखा है, ज्ञानार्जन किया है, अनुभव प्राप्त किया है और यही तो जीतने के लिए सबसे बड़ी पूंजी है । आप देखिएगा, आपकी स्पोर्ट्स स्पिरिट कैसे भविष्य में आपके लिए सफलताओं के दरवाजे खोल देगी।

मेरे युवा साथियों,

मुझे बताया गया है कि, इस प्रतियोगिता में कुश्ती, कबड्डी, हॉकी जैसे खेलों के साथ-साथ चित्रकारी, लोकगीत, लोकनृत्य और तबला-बांसुरी आदि के कलाकारों ने भी भाग लिया है। ये एक बहुत ही सुंदर, सराहनीय और प्रेरणा देने वाली पहल है। प्रतिभा चाहे खेल की हो या फिर कला-संगीत की, उसकी स्पिरिट और उसकी एनर्जी एक जैसी ही होती है। ख़ासकर जो हमारी भारतीय विधाएँ हैं, जो लोक-विधाएं हैं, उन्हें आगे बढ़ाने की नैतिक ज़िम्मेदारी भी हम सब पर साझी जिम्मेदारी है। रविकिशन जी खुद इतने प्रतिभावान कलाकार हैं, इसलिए स्वाभाविक है वो कला की अहमियत को बहुत अच्छे तरह से समझते हैं। मैं इस आयोजन के लिए रविकिशन जी को विशेष रूप से बधाई देता हूँ।

साथियों,

बीते कुछ सप्ताह में सांसद खेल महाकुंभ में ये मेरा तीसरा कार्यक्रम है। मैं मानता हूं कि अगर भारत को दुनिया की श्रेष्ठ स्पोर्टिंग पावर बनना है, तो उसके लिए हमें नए नए तौर तरीके ढूँढने होंगे, नए रास्ते चुनने होंगे, नई व्यवस्थाओं का भी निर्माण करना होगा। ये सांसद खेल महाकुंभ ऐसा ही एक नया मार्ग है, नई व्यवस्था है। खेल की प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए ये बहुत जरूरी है कि स्थानीय स्तर पर निरंतर खेल प्रतियोगिताएं होती रहें। लोकसभा स्तर पर इस तरह की प्रतियोगिताएं स्थानीय प्रतिभाओं को तो निखारती ही हैं, साथ ही पूरे क्षेत्र के खिलाड़ियों के मोराल को भी बूस्ट करती हैं। आप देखिए, इससे पहले जब गोरखपुर में खेल महाकुंभ हुआ था, तो उसमें करीब 18-20 हजार खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। इस बार ये संख्या बढ़कर करीब 24-25 हजार हो गई है। इनमें से करीब 9 हजार युवा खिलाड़ी हमारी बेटियाँ हैं। आपमें से हजारों की संख्या में ऐसे युवा हैं, जो किसी छोटे गाँव से आए हैं, छोटे कस्बे से आए हैं। ये दिखाता है कि सांसद खेल प्रतियोगिताएं, किस तरह, युवा खिलाड़ियों को नए अवसर देने का नया प्लेटफॉर्म बन रही हैं।

साथियों,

किशोर अवस्था में अक्सर हम देखते हैं कि बच्चे किसी ऊंची चीज से, किसी पेड़ की डाल को पकड़कर लटकने लगते हैं कि उनकी लंबाई थोड़ी और बढ़ जाए। यानि उम्र कोई भी हो, फिट रहने की एक भीतरी इच्छा हर किसी के मन में रहती है। हमारे यहां एक समय था जब गांव-देहात में होने वाले मेलों में खेल-कूद भी खूब होते थे। अखाड़ों में भी भांति-भांति के खेल कराए जाते थे। लेकिन समय बदला और ये सारी पुरानी व्यवस्थाएं धीरे-धीरे कम होने लगीं। हालात तो ये भी हो गए कि स्कूलों में जो पीटी के पीरियड होते थे, उन्हें भी टाइम पास का पीरियड माना जाने लगा। ऐसी सोच की वजह से देश ने अपनी तीन-चार पीढ़ियां गंवा दीं। ना भारत में खेल सुविधाएं बढ़ीं और ना ही नई खेल व्यवस्थाओं ने आकार लिया। आप लोग जो टीवी पर तमाम तरह के टेलेंट हंट कार्यक्रम देखते हैं तो ये भी पाते हैं कि उसमें कितने ही बच्चे छोटे-छोटे शहरों के होते हैं। ऐसे ही हमारे देश में बहुत सारा गुप्त और सुप्त सामर्थ्य है जो बाहर आने के लिए लालायित है। खेल की दुनिया में ऐसे सामर्थ्य को सामने लाने में सांसद खेल महाकुंभ की बड़ी भूमिका है। आज देश में भाजपा के सैकड़ों सांसद ऐसे खेल महाकुभों का आयोजन करा रहे हैं। आप कल्पना करिए, कितनी बड़ी संख्या में युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है। इन प्रतियोगिताओं से आगे बढ़कर कई खिलाड़ी राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर खेलेंगे। आपमें से ही ऐसी प्रतिभाएँ भी निकलेंगी जो आगे जाकर ओलंपिक्स जैसे अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में देश के लिए मेडल्स जीतेंगे। इसलिए मैं सांसद खेल महाकुंभ को उस मजबूत नींव की तरह मानता हूं जिस पर भविष्य की बहुत भव्य इमारत का निर्माण होने जा रहा है।

साथियों,

खेल महाकुंभ जैसे आयोजनों के साथ ही आज देश का जोर छोटे शहरों में स्थानीय स्तर पर खेल सुविधाओं के निर्माण का भी है। गोरखपुर का रीजनल स्पोर्ट्स स्टेडियम इसका एक बड़ा उदाहरण है। गोरखपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं के लिए भी सौ से ज्यादा खेल मैदान बनाए गए हैं। मुझे बताया गया है कि चौरीचौरा में ग्रामीण मिनी स्टेडियम भी बनाया जा रहा है। खेलो इंडिया मूवमेंट के तहत दूसरी खेल सुविधाओं के साथ-साथ खिलाड़ियों की ट्रेनिंग पर भी ध्यान दिया जा रहा है। अब देश एक holistic विज़न के साथ आगे बढ़ रहा है। इस साल के बजट में इसके लिए कई प्रावधान किए गए हैं। 2014 की तुलना में खेल मंत्रालय का बजट अब करीब-करीब 3 गुना ज्यादा है। आज देश में अनेकों आधुनिक स्टेडियम बन रहे हैं। TOPS जैसी योजनाओं के जरिए खिलाड़ियों को ट्रेनिंग के लिए लाखों रुपए की मदद दी जा रही है। खेलो इंडिया के साथ-साथ फिट इंडिया और योग जैसे अभियान भी आगे बढ़ रहे हैं। अच्छे पोषण के लिए मिलेट्स यानि मोटे अनाज पर ज़ोर दिया जा रहा है। ज्वार, बाजरा जैसे मोटे अनाज, सुपरफूड की श्रेणी में आते हैं। इसलिए अब देश ने इन्हें श्रीअन्न की पहचान दी है। आप सभी को इन अभियानों से जुड़ना है, देश के इस मिशन को लीड करना है। आज ओलंपिक्स से लेकर दूसरे बड़े टूर्नामेंट्स तक, जिस तरह भारत के खिलाड़ी मेडल्स जीत रहे हैं, उस legacy को आप जैसे युवा खिलाड़ी ही आगे बढ़ाएँगे।

मुझे पूरा विश्वास है, आप सब इसी तरह चमकेंगे, और अपनी सफलताओं की चमक से देश का नाम भी रोशन करेंगे। इसी शुभकामना के साथ, आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!

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Prime Minister pays tributes to Pandit Deendayal Upadhyay on his birth anniversary
September 25, 2023
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The Prime Minister, Shri Narendra Modi paid tributes to Pandit Deendayal Upadhyay on his birth anniversary.

Shri Modi said that the personality and work of Pandit Deendayal Upadhyay, the founder of Antyodaya, who dedicated his entire life to the service of Mother India, will always remain a source of inspiration for the countrymen.

The Prime Minister also shared his thoughts on Pandit Deendayal Upadhyay.

In a X post, the Prime Minister said;

“मां भारती की सेवा में जीवनपर्यंत समर्पित रहे अंत्योदय के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का व्यक्तित्व और कृतित्व देशवासियों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत बना रहेगा। उनकी जन्म-जयंती पर उन्हें मेरा सादर नमन।”