नमस्ते। वनक्कम।

आप सबको नमस्कार। इंडोनेशिया आने के बाद, बाली आने के बाद हर हिन्दुस्तानी को एक अलग ही अनुभूति होती है, एक अलग ही एहसास होता है और मैं भी वही vibrations फील कर रहा हूं। जिस जगह के साथ भारत का हज़ारों वर्षों का रिश्ता रहा हो और जिसके बारे में सुनते रहते हो कि हज़ारों साल में अनेकों पीढ़ीयां आई, चली गई लेकिन उस परम्परा को कभी ओझल नहीं होने दिया, हज़ारों साल से उस परम्परा को जीना, पीढ़ी दर पीढ़ी उस परम्परा को जानना और हर पल उस परम्परा से जुड़े रहना। वहां के लोग, वो धरती एक अलग ही आनंद देती है, एक अलग ही आनंद की अनुभूति कराती है। आप कल्पना कर सकते है आज जिस समय मैं आपसे बात कर रहा हूं। हम यहां बाली में बैठे हैं, बाली की परंम्पराओं के गीत गा रहे हैं उसी समय जब मैं आपसे बात कर रहा हूं इसी पल बाली से डेढ़ हज़ार किलोमीटर दूर भारत के कटक शहर में महानदी के किनारे बाली यात्रा का महोत्सव चल रहा है जिसे बाली जात्रा कहते है। और ये बाली जात्रा है क्या? ये महोत्सव भारत और इंडोनेशिया के बीच हज़ारों वर्षों के trade relations को celebrate करता है। इंडोनिशिया के लोग इस बार की बाली जात्रा के फोटो इंटरनेट पर देखेंगे तो उन्हें वाकई गर्व होगा, आनंद होगा, उत्साह से भर जाऐंगे। अब कई वर्षों बाद बीच में कोरोना के कारण जो दिक्कतें आई उसके कारण कुछ रूकावटें आई थीं। और अब कई वर्षों बाद बाली जात्रा, ये महोत्सव ओडिशा में बहुत ही बड़े स्केल पर भव्यता के साथ, दिव्यता के साथ लाखों लोगों की भागीदारी के साथ mass participations के साथ अभी मनाया जा रहा है। मुझे बताया गया कि वहां के लोग ये बाली जात्रा के स्मरण में एक स्पर्धा चला रहे हैं, कहते हैं कि कागज के नाव बनाकर के बहाए जाऐंगे और वो world record करने के मूड में हैं। इसका मतलब ये हुआ ओडिशा में आज जो लोग इकट्ठा हुए हैं उनका शरीर वहां हैं लेकिन मन बाली में है, आप लोगों के बीच में है।

साथियों,

हम लोग अक्सर बीतचीत में कहते हैं ‘It’s a small world’ भारत और इंडोनेशिया कें संबंधों को देखें तो ये शब्द नहीं है ये हमे सच्चाई नज़र आती है सटीक बैठता है। समंदर की विशाल लहरों ने भारत और इंडोनेशिया के संबंधों को लहरों की तरह ही उमंग से भरा है, जीवंत रखा है कभी थकान महसूस नहीं हुई वो लहरें जैसे चलती रहती हैं हमार नाता भी वैसा ही जीवंत रहता है। एक समय था जब कलिंग मेदांग जैसे साम्राज्यों के माध्यम से भारत का दर्शन, भारत की संस्कृति इंडोनेशिया की धरती तक पहुंची। आज एक ये समय है जब भारत और इंडोनेशिया 21वीं सदी में विकास के लिए एक-दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहें है। इंडोनेशिया की जमीन ने भारत से आए हुए लोगों को प्यार से accept किया, उन्हें अपने समाज में सम्मलित किया। इसी वज़ह से आज आप सभी इंडोनेशिया के विकास और समृद्धि में अपना योगदान दे रहे हैं। हमारे बहुत से सिंधी परिवार यहां रहते हैं। और भारत से आए हुए हमारे सिंधी परिवार के भाई-बहनों ने यहां के textile sector में sports good sector में इतना ही नहीं फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में भी काफी कुछ contribute किया हैं। गुजरात से जुड़े हुए काफी लोग यहां है gems, diamonds, mines even खेती, किसानी उसमें भी वो लोग नज़र आते हैं। भारत से आए हुए engineers, charted accountants, professionals इंडोनेशिया के विकास के सहयात्री बने हुए हैं। कितने ही तमिल भाषी कलाकार यहां की संस्कृति, यहां के आर्ट्स को और समृद्ध करने में अपना योगदान दे रहे हैं। मुझे याद है जब 3-4 साल पहले इंडोनेशिया के बप्पा Nyoman Nuarta को भारत ने पद्माश्री से सम्मानित किया था उस समय भारत का राष्ट्रपति भवन तालियों की गड़गढ़ाहत से गूंजता ही रहता था। उनका बनाई कलाकृति गरूड़ विष्णु केनकाना का कोई शायद हिन्दुस्तानी ऐसा नहीं होगा जो उसकी प्रशंसा न करता हो। ऐसे ही इंडोनेशिया के Wayan Dibia और Agus Indra Udayana जी को जब पद्म सम्मान मिला था तो मुझे निर्णय करने से पहले उनके बारे में काफी कुछ जानने का मौका मिला। Agus Indra Udayana जी आप भलीभाती परिचित है उनसे और आज यहां मौजूद भी है। वो बाली में महात्मा गांधी के विचारों को आगे बढ़ाने के लिए जी-जान से जुट़े हुए है। मैंने कही उनका एक इंटरव्यू देखा था उसमें वो कह रहे थे कि भारत की सबसे बड़ी विशेषता अतिथि देवा भव की है। यानि अतिथि देवो भव ये भावना जो है ये हर भारतीय की रगो में है अपनत्व का ये भाव प्रकट होता है मुझे इंटरव्यू पढ़कर अच्छा लगा लेकिन एक बात और भी बतानी चाहिए अपनत्व के विषय में भारत की तारीफ हो रही होगी लेकिन इंडोनेशिया के लोगों का भी अपनत्व कम नहीं है। जब मैं यहां पिछली बार जकार्ता में आया था इंडोनेशिया के लोगों ने जो स्नेह दिया, जो प्यार दिया मैंने उसे करीब़ से देखा था महसूस किया था, इतना मान, सम्मान, प्यार, स्नेह, अपनापन क्या कुछ नहीं था। और मुझे याद है राष्ट्रपति जोको विडोडो जी के साथ पतंग उड़ाने में मुझे जो मजा आया था, हम दोनों पतंग उड़ाने चले गये थे। वो अद्भुत था और मेरी तो गुजरात में संक्रांति पर पतंग उड़ाने की बड़ी ट्रेनिंग रही है और मुझे पता यहां इंडोनेशिया में भी संक्रांति पर खूब पतंग उड़ाई जाती हैं। और ऐसा नहीं है कि भारत और इंडोनेशिया का साथ सिर्फ सुख का है, आनंद का है, अच्छा है तब नाता है ऐसा नहीं है, हम सुख-दुख के साथी हैं अगर सुख में साथी तो हम दुख में भी उतने ही साथी हैं। हम सुख-दुख में एक-दूसरे के सुख-दुख को बाट़ने वाले लोग है। जब 2018 में इंडोनेशिया में इतना बड़ा भूकंप आया तो भारत ने तुरंत ऑपरेशन समुद्र मैत्री शुरू किया था। इसलिए ही उस साल मैं जकार्ता आया था और मैंने एक बात कही थी, मैंने कहा कि भारत और इंडोनेशिया में 90 नॉटीकल मील का फासला भले हो लेकिन हकीकत तो ये हम 90 नॉटीकल मील दूर नहीं है, हम 90 नॉटीकल मील पास है।

साथियों,

जीवन के पग-पग पर, क्षण-क्षण में ऐसा कितना कुछ है जिसे भारत और इंडोनेशिया ने मिलकर के अबतक सहज कर रखा है। बाली की ये भूमि महर्षि मार्कण्डेय और महर्षि अगस्त के तब से पवित्र है। भारत में अगर हिमालय है तो बाली में अगुंग पर्वत है। भारत में अगर गंगा है तो बाली में तीर्थ गंगा है। हम भी भारत में हर शुभ कार्य का श्री गणेश करते हैं यहां भी श्री गणेश घर-घर विराजमान है, सार्वजिनक स्थानों पर शुभता फैला रहे हैं। पूर्णिमा का व्रत, एकाद़शी की महिमा, त्रिकाल संध्या के जरिए सूर्य उपासना का परम्परा, मां सरस्वती के रूप में ज्ञान की अराधना अनगिनत चीजें हम कह सकते हैं ऐसी बहुत सी बातें हैं जो हमें जोड़ रखती हैं, जोड़ती रहती हैं। बाली का जन-जन महाभारत की गाथाओं के साथ बड़ा होता हैं। और मैं तो द्वारकाधीश भगवान कृष्ण की धरती गुजरात से पला-बड़ा हूं, मेरा तो जीवन वहीं बीता हुआ है। बाली के लोगों की जैसी आस्था महाभारत के लिए है, भारत में लोगों की वैसी आत्मीयता बाली के लोगों के लिए भी है। आप यहां पर भगवान विष्णु और भगवान राम की अराधना करते हैं और हम जब भारत में भगवान राम की जन्मभूमि पर भव्य राममंदिर की नींव रखी जाती है तो इंडोनेशिया की रामायण परम्परा को भी गर्व से याद करते हैं। कुछ साल पहले जब भारत में रामायण festival का आयोजन हुआ था तो इंडोनेशिया के भी कई कलाकार, यहां से कई कलावृद्ध भारत आए थे और अहमदाबाद में, हैदराबाद में, लखनऊ में अनेक शहरों में वो अपना कार्यक्रम करते-करते वो अयोध्या आए थे उनका आखिरी समापन कार्यक्रम अयोध्या में हुआ था और बहुत वाहावाही हुई थी। हिन्दुस्तान में जहां गए अखबार भरे पड़े रहते थे।

भाइयों और बहनों,

बाली में ऐसा शायद ही कोई व्यक्ति होगा जिसकी अभीलाषा नहीं होगी कि अपने जीवन में एक बार अयोध्या या द्वारिका के दर्शन ने करे ऐसा शायद कोई भी इंसान नहीं होगा। भारत में भी लोग प्रमबनन मंदिर और गरूड़ विष्णु किनकाना की भव्य प्रतिमा के दर्शन करने के लिए बहुत ही उत्सुक रहते हैं। कोरोना काल से पहले एक साल में ही 5 लाख से ज्यादा भारतीयों का अकेले बाली आना ही इसकी गवाही देता है।

साथियों,

जब विरासत साझा होती है, जब मानवता के प्रति आस्था समान होती है तो प्रगति के लिए भी समान रास्ते बनते जाते हैं। कुछ महिनें पहले ही 15 अगस्त को भारत ने अपनी स्वतंत्रता के 75 साल पूरे किए हैं। इंडोनेशिया का Independence Day भारत के स्वतंत्रता दिवस के 2 दिन बाद 17 अगस्त को आता है लेकिन इंडोनेशिया को भारत से 2 साल पहले स्वतंत्र होने का सौभाग्य मिला हुआ था। इंडोनेशिया से सिखने के लिए भारत के पास बहुत कुछ है और अपनी 75 वर्षों की विकास यात्रा से भारत के पास भी इंडोनेशिया को देने के लिए बहुत कुछ है भारत का टेलेंट, भारत की टेक्नोनॉजी, भारत का इनोवेशन, भारत की इंडस्ट्री। आज इन सारी बातों ने दुनिया में अपनी एक पहचान बनाई है। आज विश्व की अगगिनत कंपनियां ऐसी हैं, कई बड़ी कंपनियां ऐसी हैं जिसके सीईओ भारतीय मूल के हैं। आज दुनिया में जितनी यूनिकॉर्न बनते है ना दस में से एक यूनिकॉर्न भारत का होता है। आज भारत दुनिया की fastest growing large economy है। आज भारत डिजिटल लेन-देन में दुनिया में नंबर वन है। आज भारत global fintech के मामले में दुनिया में नंबर वन है। आज भारत ITBPN के लिए outsourcing में दुनिया में नंबर वन है। आज भारत smart phone data consumption में दुनिया में नंबर वन है। आज भारत कितनी ही दवाइयों की सप्लाई में, अनेकों वैक्सीन की manufacturing में दुनिया में नंबर वन है।

साथियों,

2014 के पहले और 2014 के बाद के भारत में बहुत बड़ा फर्क जो है, वो जो बहुत बड़ा फर्क है वो मोदी नहीं है वो बहुत बड़ा फर्क है स्पीड और स्कील में। आज भारत अभूतपूर्व स्पीड पर काम कर रहा है। और अप्रत्याशी स्केल पर काम कर रहा है अब भारत छोटा सोचता ही नहीं है। स्टेचू बनाएगा तो दुनिया में सबसे बड़ा, स्टेडियम बनाएगा तो दुनिया में सबसे बड़ा। 2014 के बाद से भारत ने 320 मिलियन से अधिक बैंक अकाउंट खोले हैं, बैंक में खाते खोले हैं। इसका मतलब ये हुआ कि अमेरिका की कुल जनसंख्या जितनी है उतने हमने बैंक खाते खोले हैं। 2014 के बाद से भारत ने करीब़ 3 करोड़ गरीब नागरिकों के लिए मुफ्त घर बनाए हैं और घर ऐसे नहीं बनता है जब घर मिल जाता है ना तो इंसान रातों-रात लखपति बन जाता है। और जब मैं 3 करोड़ घर की बात करता हूं तो इसका मतलब क्या है, इसका मतलब ये है ऑस्ट्रेलिया के हर परिवार को नहीं, ऑस्ट्रेलिया के हर नागरिक को घर मिल जाए, इतने घर बनाए हैं। पिछलें 7-8 साल में भारत ने 55 हज़ार किलोमीटर नेशनल हाईवे बनाए है। यानि, स्केल बता रहा हूं मैं पूरी धरती के लगभग डेढ़ चक्कर लगाने के बराबर है। आज भारत आयुष्मान भारत योजना के तहत जितने लोगों को 5 लाख रूपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दे रहा है, 5 लाख रूपये तक अगर उसका मेडिकल बिल एक साल तक बनता है तो जिम्मा सरकार उठाती है, इसका बेनिफिट कितने लोगों को मिलता है, 5 लाख रूपये तक कि मेडिकल सुविधा जो मिलती है वो पूरे यूरोपियन यूनियन की कुल आब़ादी से ज्यादा लेागों को मिलती हैं। कोरोना काल में भारत ने जितनी वैक्सीन डोज अपने नागरिकों को लगाई और मुफ्त में लगाई, वो जो वैक्सीन डोज है ना उसकी अगर में संख्या का हिसाब लगाऊ तो अमेरिका और यूरोपियन यूनियन उन दोनों की कुल आब़ादी जो है उससे ढ़ाई गुना ज्यादा डोज हमने हिन्दुस्तान में लगाए। ये जब सुनते है तो आपका सीना चौड़ा होता है कि नहीं होता है, आपको गर्व होता है कि नहीं होता है, आपका माथा उंचा होता है कि नहीं होता है। और इसलिए मैं कहता हूं कि भारत बदला है।

साथियों,

आज का भारत अपनी विरासत पर गर्व करते हुए, अपनी विरासत को समृद्ध करते हुए जड़ो से जुड़े रहकर के आसमान छूने के लक्ष्य के साथ विकसित भारत बनाने के लक्ष्य के लेकर के अब निकल पड़ा है। लेकिन भारत का ये लक्ष्य सिर्फ अपने लिए नहीं है, हम स्वार्थी लोग नहीं है, हमारे संस्कार नहीं है। 21वीं सदी में आज विश्व की भारत से अपेक्षाएं है, जो आशाएं है भारत उसे अपनी एक जिम्मेदारी समझता है, एक दायित्व के रूप में देखता है और हम दुनिया की भलाई के लिए, अपने आप को आगे बढ़ाने के लिए मक्कम है, संकल्पबद्ध है। आज अपने विकास के लिए भारत जब अमृतकाल का रोड़मेप तैयार करता है तो उसमें दुनिया की आर्थिक, राजनीतिक आकाक्षाओं का भी समावेश है। आज जब भारत आत्मनिर्भर भारत का vision सामने रखता है तो उसमें ग्लोबल गुड़ की भावना भी समाहित है। renewable energy के क्षेत्र में भारत ने one sun, one world, one grid का मंत्र दिया है। वैश्विक स्वास्थ्य को मज़बूत करने के लिए भारत ने one earth, one health इसका अभियान चलाया है। climate change जैसी चुनौती से निपटनें के लिए और जो island countries होती है उनके लिए तो भारत एक वरदान के रूप में काम कर रहा है। climate change की जो मुसीबतें है उससे निपटनें के लिए भारत ने विश्व को mission life का समाधान दिया है, mission life याने life style for environment, mission life यानि पृथ्वी के प्रत्येक नागरिक द्वारा ऐसी life style को आत्मसाथ करना जो पर्यावरण के अनुकूल हो, जो climate change की चुनौती हर हर पल निपटती हो। आज जब पूरा विश्व environment friendly और holistic healthcare की तरफ आकर्षित हो रहा है तो भारत का योग, हमारा आयुर्वेद ये पूरी मानवता के लिए तोफा है। और साथियों जब आयुर्वेद की बात आई है तो मुझे भारत इंडोनेशिया के एक और जुड़ाव का ध्यान आ रहा है। मुझे याद है जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तो गुजरात आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी और यहां की यूनिवर्सिटीस हिंदू इंडोनेशिया इसके बीच समझौता हुआ था। मुझे खुशी है इसके कुछ ही वर्ष बाद यहां की इस यूनिवर्सिटी में आयुर्वेद हॉस्पिटल की भी स्थापना हुई।

साथियों,

वसुधैव कुटुम्बकम, यानि पूरे विश्व को एक परिवार मानने की भारत की यही भावना, यही संस्कार विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। कोरोना काल में हमने देखा है भारत ने दवाइयों से लेकर वैक्सीन तक जरूरी संसाधनों के लिए आत्मनिर्भरता हासिल की और उसका लाभ पूरी दुनिया को मिला। भारत के सामर्थ्य ने कितने ही देशों के लिए एक सुरक्षा कवच का काम किया। इंडोनेशिया जैसे हमारे पड़ोसी और मित्र देशों के लिए हम विशेष रूप से कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए हैं। इसी तरह आज भारत अंतरिक्ष में स्पेस के क्षेत्र में प्रमुख वैश्विक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है तो उसका लाभ south asian देशों को विशेष रूप से मिल रहा हैं। रक्षा के क्षेत्र में भी जो भारत दशकों तक केवल विदेशी आयात पर निर्भर था वो आज अपनी क्षमताएं बढ़ा रहा है। ब्रह्मोस मिसाइल हो या तेजस फाइटर प्लेन इनका आकर्षण विश्व में लगातार बढ़ रहा है। आज भारत बड़े लक्ष्य तय कर रहा है और उन्हें प्राप्त करने के लिए भी पूरी मेहनत कर रहा है। संकल्प से सिद्धि का ये ही मंत्र आज 21वीं सदी के नए भारत की प्रेरणा बना हुआ है। आज इस अवसर पर मैं आप सबको अगले प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए भी निमंत्रण देता हूं। जनवरी महीने में 9 जनवरी को ये कार्यक्रम होता है। इस बार ये आयोजन मध्य प्रदेश के इंदौर में होगा और इंदौर वो नगर है जो पिछले 5-6 बार से देश में स्वच्छ शहर के नाम पर हिन्दुस्तान में नंबर एक रहता है। और इसलिए आप इंदौर के प्रवासी भारतीय कार्यक्रम में जरूर जुड़िए, अपने निजी काम के लिए आज रहे तो भी तारीख उसके साथ एडजस्ट कीजिए। और जब आप इंदौर आएंगे उसके 1-2 दिन के बाद ही अहमदाबाद में kite festival होता है, इंडोनेशिया वाले kite festival में न जाए ऐसा हो सकता है क्या। और जब आप आए अकेले मत आना, सिर्फ अपने ही परिवार को लेकर के आकर रूक मत जाना। कुछ इंडोनेशियन परिवारों को भी साथ ले आइए। मुझे विश्वास है भारत और इंडोनेशिया के संबंधों को मजबूत करने में आपका सहयोग और सक्रिय योगदान निरंतर बना रहेगा। आप सब पूरी मेहनत से, आपकी इस कर्मभूमि के कल्याण के लिए, आप इस कर्मभूमि में जितना ज्यादा योगदान दे सके, देते ही रहेंगे ये भारत के संस्कार है और देने भी चाहिए ये हमारा दायित्व बनता है और मैं देख रहा हूं हमारे बोहरा समाज के बहुत साथी यहां आए है। और ये मेरा सौभाग्य रहा है कि सैय्यदना साहब के साथ मेरा बड़ा निकट संबंध रहा है। मुझे बहुत प्रसन्नता होती है दुनिया में कही पर भी जाओ, कोई मिले या न मिले मेरे बोहरा परिवार के लोग तो आएंगे ही।

साथियों,

आप इतनी बड़ी तादाद में यहां आए, समय निकाल कर के आए और उमंग और उत्साह से भरे हुए हैं और मैं देख रहा हूं कि ओडिशा में बाली यात्रा में जितना उमंग है, उतना ही उमंग यहां नज़र आ रहा है मुझे। आपके इस प्यार के लिए, आपके स्नेह के लिए भारत के प्रति आपकी ये श्रद्धा के लिए ह्दय से आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं, अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।

धन्यवाद साथियों।

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ഓരോ ഭാരതീയന്റെയും രക്തം തിളയ്ക്കുന്നു: മൻ കി ബാത്തിൽ പ്രധാനമന്ത്രി മോദി

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After Operation Sindoor, a diminished terror landscape

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PM Modi's address to the nation
May 12, 2025
Today, every terrorist knows the consequences of wiping Sindoor from the foreheads of our sisters and daughters: PM
Operation Sindoor is an unwavering pledge for justice: PM
Terrorists dared to wipe the Sindoor from the foreheads of our sisters; that's why India destroyed the very headquarters of terror: PM
Pakistan had prepared to strike at our borders,but India hit them right at their core: PM
Operation Sindoor has redefined the fight against terror, setting a new benchmark, a new normal: PM
This is not an era of war, but it is not an era of terrorism either: PM
Zero tolerance against terrorism is the guarantee of a better world: PM
Any talks with Pakistan will focus on terrorism and PoK: PM

പ്രിയ ദേശവാസികളെ, നമസ്കാരം
നമ്മളെല്ലാം കഴിഞ്ഞ ദിവസങ്ങളിൽ രാജ്യത്തിന്റെ ശക്തിയും സംയമനവും കണ്ടു.
ഞാൻ ആദ്യമായി ഭാരതത്തിലെ പരാക്രമശാലികളായ സൈനിക‍ർക്ക്, സായുധസേനാ വിഭാഗങ്ങളെ, നമ്മുടെ ശാസ്ത്രജ്ഞരെയും ഓരോ ഭാരതീയരുടേയും പേരിൽ സല്യൂട്ട് ചെയ്യുകയാണ്
നമ്മുടെ വീരസൈനികർ ഓപ്പറേഷൻ സിന്ദൂറിന്റെ ലക്ഷ്യപ്രാപ്തിക്കായി അതിരുകളില്ലാത്ത ധൈര്യം പ്രകടിപ്പിച്ചു.
ഞാൻ അവരുടെ ധീരതയെ-സാഹസത്തെ-പരാക്രമശൈലിയെ ആദരിക്കുന്നു
അതിനായി ഇന്ന് സമ‍ർപ്പിക്കുന്നു
നമ്മുടെ രാജ്യത്തെ ഓരോ അമ്മമാ‍ർക്കും രാജ്യത്തെ ഓരോ പെൺമക്കൾക്കും ഈ പരാക്രമത്തെ ഇന്ന് സമർപ്പിക്കുന്നു
സുഹൃത്തുക്കളേ,
ഏപ്രിൽ 22ന് പഹൽഗാമിൽ തീവ്രവാദികൾ കാട്ടിയ കാടത്തം രാജ്യത്തെയും ലോകത്തെയും വേദനയിലാഴ്ത്തി
അവധിക്കാലം ആഘോഷിക്കാനെത്തിയ നിർദോഷികളായ സാധാരണ പൗരൻമാരെ മതം ചോദിച്ച് അവരുടെ കുടുംബാംഗങ്ങൾക്ക് മുന്നിൽ വെച്ച് ക്രൂരമായി കൊലപ്പെടുത്തി
ഇത് ഭീകരവാദികളുടെ ബീഭത്സമായ മുഖമായിരുന്നു, ക്രൂരതയായിരുന്നു
ഇത് രാജ്യത്തിന്റെ സദ്ഭാവനയെ ഇല്ലാതാക്കാനുള്ള ശക്തമായ പരിശ്രമമായിരുന്നു
എന്നെ സംബന്ധിച്ച് ഇത് വ്യക്തിപരമായി വളരെയധികം വേദനിപ്പിച്ചു
ഈ ഭീകരവാദ ആക്രമണത്തിന് ശേഷം രാജ്യം മുഴുവൻ-ഓരോ പൗരനും-മുഴുവൻ സമൂഹവും-ഓരോ വിഭാഗവും-ഓരോ രാഷ്ട്രീയ പാ‍ർട്ടിയും-ഒരേ സ്വരത്തിൽ തീവ്രവാദികൾക്കെതിരെ ശക്തമായ നടപടികൾ സ്വീകരിക്കണമെന്ന ആവശ്യവുമായി മുന്നോട്ടുവന്നു.
ഞങ്ങൾ തീവ്രവാദികളെ ഇല്ലാതാക്കാൻ ഭാരതീയ സൈനിക‍ർക്ക് പൂർണമായ അധികാരം നൽകി
ഇന്ന് ഓരോ തീവ്രവാദിയും-ഓരോ തീവ്രവാദി സംഘടനയും ഇത് മനസിലാക്കിയിട്ടുണ്ട്
അതായത് നമ്മുടെ സഹോദരിമാരുടെ-പെൺമക്കളുടെ നെറ്റിയിലെ സിന്ദൂരം മായ്ച്ചാൽ അവസ്ഥ എന്താകുമെന്ന്.

സുഹൃത്തുക്കളേ,
ഓപ്പറേഷൻ സിന്ദൂ‍ർ കേവലം ഒരു പേര് മാത്രമല്ല
ഇത് രാജ്യത്തെ കോടാനുകോടി ആളുകളുടെ ഭാവനകളുടെ പ്രതിബിംബമാണ്.
ഓപ്പറേഷൻ സിന്ദൂ‍ർ നീതിക്ക് വേണ്ടിയുള്ള അഖണ്ഡമായ പ്രതിജ്ഞയാണ്
മെയ് 6ആം തീയതി അ‍ർധരാത്രി, മെയ് 7ന് അതിരാവിലെ, ലോകം ഈ പ്രതിജ്ഞയുടെ ഫലപ്രാപ്തി തിരിച്ചറിഞ്ഞു
ഭാരതീയ സൈനിക‍ർ പാകിസ്ഥാന്റെ തീവ്രവാദി കേന്ദ്രങ്ങളിൽ, അവരുടെ പരിശീലന കേന്ദ്രങ്ങളിൽ അവരുടെ പരിശീലന കേന്ദ്രങ്ങളിൽ ശക്തിയായ ആക്രമണം നടത്തി.
തീവ്രവാദികൾ സ്വപ്നത്തിൽ പോലും വിചാരിച്ചിരുന്നില്ല, ഭാരതം ഇത്ര ശക്തമായ തീരുമാനം കൈക്കൊള്ളുമെന്ന്
എന്നാൽ ഇന്ന് രാജ്യം ഒരുമിച്ച് നിൽക്കുന്നു
രാഷ്ട്രം പ്രഥമം എന്ന ഭാവനയിൽ ഉറച്ച് നിൽക്കുന്നു
എല്ലാത്തിനും മുകളിൽ രാഷ്ട്രം എന്ന ചിന്തക്ക് പ്രാധാന്യം നൽകുന്നു
ശക്തമായ, ഉറച്ച തീരുമാനം കൈക്കൊള്ളുന്നു.
അതിന്റെ ഫലവും കാണുന്നു.
പാകിസ്ഥാന്റെ തീവ്രവാദ കേന്ദ്രങ്ങളിൽ ഭാരതീയ മിസൈലുകൾ ആക്രമിച്ചപ്പോൾ, ഭാരതീയ ഡ്രോണുകൾ ആക്രമിച്ചപ്പോൾ അത് തീവ്രവാദ സംഘടനകളുടെ കെട്ടിടങ്ങൾ മാത്രമല്ല തക‍ർത്തത്.
അവരുടെ ആവേശത്തെയും അത് ഇല്ലാതാക്കി.
ബഹാവൽപൂ‍ർ, മുരിദ്കെ തുടങ്ങിയ തീവ്രവാദ കേന്ദ്രങ്ങൾ ഇവയെല്ലാം ഒരുതരത്തിൽ ആഗോള തീവ്രവാദത്തിന്റെ സ‍ർവകലാശാലകളാണ്.
ലോകത്താകമാനം നടന്ന തീവ്രവാദ ആക്രമണങ്ങൾ- 9/11 ആയാലും ലണ്ടൻ ട്യൂബ് ബോംബിംഗുകൾ അല്ലെങ്കിൽ ഭാരതത്തിന് നേരെ ദശകങ്ങളായി നടന്ന വലിയ തീവ്രവാദ ആക്രമണങ്ങൾ ആയാലും അതിന്റെയെല്ലാം അടിസ്ഥാന വേര് ഒരു തരത്തിൽ ഈ തീവ്രവാദ കേന്ദ്രങ്ങളായിരുന്നു.

തീവ്രവാദികൾ നമ്മുടെ സഹോദരിമാരുടെ സിന്ദൂരം മായ്ച്ചു.

അതിനാൽ ഭാരതം ഭീകര തീവ്രവാദത്തിന്റെ ഈ ഹെഡ് ക്വാട്ടേഴ്‌സ് അടിച്ച് തകർത്തു. ഭാരതത്തിന്റെ ഈ ആക്രമണങ്ങളിൽ നൂറിലധികം ഭീകരന്മാർ കൊല്ലപ്പെട്ടു.

ഭീകരവാദത്തിന്റെ ശക്തി കേന്ദ്രങ്ങൾ കഴിഞ്ഞ രണ്ടര - മൂന്ന് ദശകങ്ങളായി പാകിസ്ഥാനിൽ പരസ്യമായി ചുറ്റി തിരിഞ്ഞിരുന്നവർ..

അവർ ഭാരതത്തിനെതിരായി പ്രവർത്തിച്ച് വന്നിരുന്നു.

അവരെ ഭാരതം ഒരു ആക്രമണത്തിലൂടെ ഇല്ലാതാക്കി.

സുഹൃത്തുക്കളെ....
ഭാരതത്തിന്റെ ഈ പ്രവർത്തനത്തിലൂടെ പാകിസ്ഥാൻ കടുത്ത നിരാശയിലകപ്പെട്ടു.

നിരാശയുടെ പടുകുഴിയിലകപ്പെട്ടു.

ഇതിനിടയിൽ അവർ ഒരു ദുഃസ്സാഹസം കാട്ടി.

ഭാരതം ഭീകര വാദത്തിനെതിരെ കൈകൊണ്ട നടപടിക്കെതിരായി പാകിസ്ഥാൻ ഭാരതത്തെ ആക്രമിക്കാൻ ആരംഭിച്ചു.

പാകിസ്ഥാൻ നമ്മുടെ സ്കൂളുകളും കോളേജുകളും, ഗുരുദ്വാരകളും, ക്ഷേത്രങ്ങളും, സാധാരണക്കാരുടെ വീടുകളും ലക്ഷ്യം വച്ചു.

പാകിസ്ഥാൻ നമ്മുടെ സൈനിക കേന്ദ്രങ്ങൾ ലക്‌ഷ്യം വച്ചു.

എന്നാൽ ഇവിടെയും പാകിസ്ഥാൻ സ്വയം പരാജയപ്പെട്ടു.

പാകിസ്താന്റെ ഡ്രോണുകളും മിസൈലുകളും ഭാരതത്തിന് മുന്നിൽ പുല്കൊടിയെ പോലെ ചിതറിയാത്ത ലോകം കണ്ടു.


ഭാരതത്തിന്റെ ശക്തമായ എയർ ഡിഫെൻസ് സിസ്റ്റം, അവയെല്ലാം ആകാശത്ത് വച്ച് തന്നെ നശിപ്പിച്ചു.

പാകിസ്ഥാൻ അതിർത്തിയിൽ ആക്രമണം നടത്തുന്നതിനും തയ്യാറായി.

എന്നാൽ, ഭാരതം പാകിസ്ഥാന്റെ നെഞ്ചിന് നേരെ നിറയൊഴിച്ചു.

ഭാരതീയ ഡ്രോണുകളും ഭാരതീയ മിസൈലുകളും ശക്തമായി തിരിച്ചടിച്ചു.

പാകിസ്ഥാൻ വായു സേനയുടെ ബസുകൾക്ക് കേടുപാടുകൾ വരുത്തി.


ഇതിൽ പാകിസ്ഥാൻ അഹങ്കരിച്ചിരുന്നു.


ഭാരതം ആദ്യത്തെ മൂന്ന് ദിവസങ്ങൾക്കുള്ളിൽ തന്നെ പാകിസ്ഥാനിൽ വരുത്തിയ നാശം, അത് അവർ ഒരിക്കലും പ്രതീക്ഷിച്ചിരുന്നില്ല.

അതിനാൽ.

ഭാരതത്തിന്റെ ശക്തമായ ആക്രമണത്തിന് ശേഷം - പാകിസ്ഥാൻ രക്ഷാമാർഗം ചിന്തിച്ച് തുടങ്ങി.

പാകിസ്ഥാൻ - ലോകത്താകമാനം ആക്രമണം ലഘൂകരിക്കുന്നതിനുള്ള മാർഗം തേടി.

വളരെ അധികം നാശ നഷ്ടങ്ങൾ ഉണ്ടായ ശേഷം നിർബന്ധിതമായി മെയ് പത്തിന് ഉച്ചയ്ക്ക് പാകിസ്ഥാൻ സൈന്യം നമ്മുടെ DGMO യുമായി ബന്ധപ്പെട്ടു.


അതിനിടയിൽ നാം തീവ്രവാദത്തിൻറെ അടിസ്ഥാന കേന്ദ്രങ്ങളെ വലിയ രീതിയിൽ നശിപ്പിച്ചു.

ഭീകരവാദികളെ മൃത്യുവിൻറെ മാർഗ്ഗത്തിലേയ്ക്ക് നയിച്ചു.

പാകിസ്ഥാന്റെ നെഞ്ചിൽ തഴച്ച് വളർന്ന തീവ്രവാദ കേന്ദ്രങ്ങളെ

നാം നിലംപരിശാക്കി.


അതിനാൽ പാകിസ്ഥാന്റെ ഭാഗത്ത് നിന്നും അഭ്യർഥന വരാൻ തുടങ്ങി.
പാകിസ്ഥാൻ ഇത് പറഞ്ഞപ്പോൾ-ഇനി അവരുടെ ഭാഗത്ത് നിന്നും ഭീകരവാദ പ്രവ‍ർത്തനങ്ങളും ആക്രമണവും ഉണ്ടാകില്ലെന്ന് പറഞ്ഞപ്പോൾ ഭാരതം അതിനെക്കുറിച്ച് ചിന്തിച്ചു.
ഞാൻ വീണ്ടും ആവ‍ത്തിക്കുകയാണ്, നാം പാകിസ്ഥാന്റെ തീവ്രവാദ-സൈനിക കേന്ദ്രങ്ങൾക്കെതിരെ സ്വീകരിച്ച മറുപടി നടപടികൾ ഇപ്പോൾ കേവലം നിർത്തിവെച്ചിരിക്കുകയാണ്.
വരും ദിവസങ്ങളിൽ നാം പാകിസ്ഥാന്റെ ഓരോ ചുവടും പ്രത്യേകം നിരീക്ഷിക്കും-അളക്കും.
അവ‍ർ സ്വീകരിക്കുന്ന നടപടികൾ എന്താണെന്ന് നിരീക്ഷിക്കും.

സുഹൃത്തുക്കളേ,
ഭാരതത്തിന്റെ മൂന്ന് സൈനിക വിഭാഗങ്ങൾ-നമ്മുടെ എയ‍ഫോഴ്സ്-നമ്മുടെ ആ‍ർമി-നമ്മുടെ നേവി-നമ്മുടെ ബോർഡർ സെക്യൂരിറ്റി ഫോഴ്സ്-BSF-ഭാരതീയ അ‍ധസൈനിക വിഭാഗങ്ങൾ ഇവരെല്ലാം ജാഗരൂകരാണ്.
സ‍ജിക്കൽ സ്ട്രൈക്ക് - എയ‍ർ സ്ട്രൈക്ക് എന്നിവക്ക് ശേഷം ഇപ്പോൾ ഓപ്പറേഷൻ സിന്ദൂർ തീവ്രവാദത്തിനെതിരായ ഭാരതത്തിന്റെ നീതിയാണ്.
ഓപ്പറേഷൻ സിന്ദൂ‍ർ തീവ്രവാദത്തിനെതിരായ യുദ്ധത്തിൽ ഒരു അതിര് നിശ്ചയിച്ചിരിക്കുകയാണ്. പുതിയ അതിര്.
ന്യൂ നോർമൽ നിശ്ചയിച്ചിരിക്കുകയാണ്.
ആദ്യം- ഭാരതം തീവ്രവാദത്തിനെതിരായി ശക്തമായ മറുപടി നൽകി.
നാം നമ്മുടെ രീതിയിൽ -നമ്മുടെ തീരുമാനങ്ങളിൽ മറുപടി നൽകുക തന്നെ ചെയ്യും.
തീവ്രവാദത്തിന്റെ വേരുകൾ പിഴുതെറിയാൻ നാം ഓരോ സ്ഥലത്തും കടന്നുചെന്ന് ശക്തമായ നടപടി സ്വീകരിക്കും.
രണ്ടാമത്-ഒരിക്കലും ആരിൽ നിന്നുമുള്ള ന്യൂക്ലിയ‍ർ ബ്ലാക്മെയിലിംഗ് ഭാരതം സഹിക്കില്ല.
ന്യൂക്ലിയർ ബ്ലാക്മെയിലിംഗിന്റെ തണലിൽ വള‍ർന്ന ഭീകരവാദ കേന്ദ്രങ്ങൾ ഭാരതം ശക്തമായി നശിപ്പിച്ചു.
മൂന്നാമത്- തീവ്രവാദികളെ പിന്തുണക്കുന്ന സ‍ർക്കാരിനെയും തീവ്രവാദികളെയും നാം വ്യത്യസ്തമായി കാണുന്നില്ല.
ഓപ്പറേഷൻ സിന്ദൂറിന് ശേഷം ലോകം പാകിസ്ഥാന്റെ യാദാ‍ർഥ്യം തിരിച്ചറിഞ്ഞു.
മരണപ്പെട്ട തീവ്രവാദികളുടെ സംസ്കാരച്ചടങ്ങ്-അതിൽ വലിയ വലിയ പാകിസ്ഥാൻ സൈനിക ഓഫീസ‍ർമാർ പങ്കെടുത്തു.
സ്റ്റേറ്റ് സ്പോൺസേർഡ് ടെററിസത്തിന് ഇത് ഉത്തമ ഉദാഹരണമാണ്.
നാം ഭാരതത്തിന്റെ, നമ്മുടെ ദേശവാസികളുടെ-രക്ഷക്കായി അപകടത്തിൽ നിന്നും മോചിപ്പിക്കാനായി തുട‍ർച്ചയായി ശക്തമായ നടപടികൾ സ്വീകരിക്കും

സുഹൃത്തുക്കളേ,
യുദ്ധമൈതാനത്ത് നാം ഓരോ തവണയും പാകിസ്ഥാനെ പരാജയപ്പെടുത്തിയിട്ടുണ്ട്.
ഇപ്രാവശ്യം ഓപ്പറേഷൻ സിന്ദൂർ പുതിയ മാതൃകയാണ്.
നാം മരുഭൂമിയിലും, പ‍ർവ്വതത്തിലും സ്വന്തം ശക്തി, ശക്തമായി പ്രകടിപ്പിക്കുന്നു.
ഒപ്പം ന്യൂ ഏജ് വാ‍ർഫെയറിനും സ്വന്തം ശക്തി തെളിയിക്കുന്നു.
ഈ ഓപ്പറേഷന് ശേഷം നാം മെയ്ഡ് ഇൻ ഇന്ത്യ ആയുധങ്ങളുടെ ശക്തി തിരിച്ചറിയുന്നു.
അത് ലോകം കണ്ടു.
21ാം നൂറ്റാണ്ടിലെ വാ‍ർഫെയറിൽ മെയ്ഡ് ഇൻ ഇന്ത്യ പ്രതിരോധ ഉപകരണങ്ങളുടെ സമയം വന്നു വഴിഞ്ഞു.

സുഹൃത്തുക്കളേ,
ഇങ്ങനെ തീവ്രവാദത്തിനെതിരായി നാം ഒത്തുചേരുന്നതാണ് നമ്മുടെ ഐക്യം.
അതാണ് നമ്മുടെ ഏറ്റവും വലിയ ശക്തി.
തീ‍ർച്ചയായും ഈ യുഗം യുദ്ധത്തിന്റേതല്ല.
എന്നാൽ ഈ യുഗം തീവ്രവാദ
അതിനാൽ പാകിസ്ഥാന്റെ ഭാഗത്ത് നിന്നും അഭ്യർഥന വരാൻ തുടങ്ങി.
പാകിസ്ഥാൻ ഇത് പറഞ്ഞപ്പോൾ-ഇനി അവരുടെ ഭാഗത്ത് നിന്നും ഭീകരവാദ പ്രവ‍ർത്തനങ്ങളും ആക്രമണവും ഉണ്ടാകില്ലെന്ന് പറഞ്ഞപ്പോൾ ഭാരതം അതിനെക്കുറിച്ച് ചിന്തിച്ചു.
ഞാൻ വീണ്ടും ആവ‍ത്തിക്കുകയാണ്, നാം പാകിസ്ഥാന്റെ തീവ്രവാദ-സൈനിക കേന്ദ്രങ്ങൾക്കെതിരെ സ്വീകരിച്ച മറുപടി നടപടികൾ ഇപ്പോൾ കേവലം നിർത്തിവെച്ചിരിക്കുകയാണ്.
വരും ദിവസങ്ങളിൽ നാം പാകിസ്ഥാന്റെ ഓരോ ചുവടും പ്രത്യേകം നിരീക്ഷിക്കും-അളക്കും.
അവ‍ർ സ്വീകരിക്കുന്ന നടപടികൾ എന്താണെന്ന് നിരീക്ഷിക്കും.

സുഹൃത്തുക്കളേ,
ഭാരതത്തിന്റെ മൂന്ന് സൈനിക വിഭാഗങ്ങൾ-നമ്മുടെ എയ‍ഫോഴ്സ്-നമ്മുടെ ആ‍ർമി-നമ്മുടെ നേവി-നമ്മുടെ ബോർഡർ സെക്യൂരിറ്റി ഫോഴ്സ്-BSF-ഭാരതീയ അ‍ധസൈനിക വിഭാഗങ്ങൾ ഇവരെല്ലാം ജാഗരൂകരാണ്.
സ‍ജിക്കൽ സ്ട്രൈക്ക് - എയ‍ർ സ്ട്രൈക്ക് എന്നിവക്ക് ശേഷം ഇപ്പോൾ ഓപ്പറേഷൻ സിന്ദൂർ തീവ്രവാദത്തിനെതിരായ ഭാരതത്തിന്റെ നീതിയാണ്.
ഓപ്പറേഷൻ സിന്ദൂ‍ർ തീവ്രവാദത്തിനെതിരായ യുദ്ധത്തിൽ ഒരു അതിര് നിശ്ചയിച്ചിരിക്കുകയാണ്. പുതിയ അതിര്.
ന്യൂ നോർമൽ നിശ്ചയിച്ചിരിക്കുകയാണ്.
ആദ്യം- ഭാരതം തീവ്രവാദത്തിനെതിരായി ശക്തമായ മറുപടി നൽകി.
നാം നമ്മുടെ രീതിയിൽ -നമ്മുടെ തീരുമാനങ്ങളിൽ മറുപടി നൽകുക തന്നെ ചെയ്യും.
തീവ്രവാദത്തിന്റെ വേരുകൾ പിഴുതെറിയാൻ നാം ഓരോ സ്ഥലത്തും കടന്നുചെന്ന് ശക്തമായ നടപടി സ്വീകരിക്കും.
രണ്ടാമത്-ഒരിക്കലും ആരിൽ നിന്നുമുള്ള ന്യൂക്ലിയ‍ർ ബ്ലാക്മെയിലിംഗ് ഭാരതം സഹിക്കില്ല.
ന്യൂക്ലിയർ ബ്ലാക്മെയിലിംഗിന്റെ തണലിൽ വള‍ർന്ന ഭീകരവാദ കേന്ദ്രങ്ങൾ ഭാരതം ശക്തമായി നശിപ്പിച്ചു.
മൂന്നാമത്- തീവ്രവാദികളെ പിന്തുണക്കുന്ന സ‍ർക്കാരിനെയും തീവ്രവാദികളെയും നാം വ്യത്യസ്തമായി കാണുന്നില്ല.
ഓപ്പറേഷൻ സിന്ദൂറിന് ശേഷം ലോകം പാകിസ്ഥാന്റെ യാദാ‍ർഥ്യം തിരിച്ചറിഞ്ഞു.
മരണപ്പെട്ട തീവ്രവാദികളുടെ സംസ്കാരച്ചടങ്ങ്-അതിൽ വലിയ വലിയ പാകിസ്ഥാൻ സൈനിക ഓഫീസ‍ർമാർ പങ്കെടുത്തു.
സ്റ്റേറ്റ് സ്പോൺസേർഡ് ടെററിസത്തിന് ഇത് ഉത്തമ ഉദാഹരണമാണ്.
നാം ഭാരതത്തിന്റെ, നമ്മുടെ ദേശവാസികളുടെ-രക്ഷക്കായി അപകടത്തിൽ നിന്നും മോചിപ്പിക്കാനായി തുട‍ർച്ചയായി ശക്തമായ നടപടികൾ സിവീകരിക്കും.

സുഹൃത്തുക്കളേ,
യുദ്ധമൈതാനത്ത് നാം ഓരോ തവണയും പാകിസ്ഥാനെ പരാജയപ്പെടുത്തിയിട്ടുണ്ട്.
ഇപ്രാവശ്യം ഓപ്പറേഷൻ സിന്ദൂർ പുതിയ മാതൃകയാണ്.
നാം മരുഭൂമിയിലും, പ‍ർവ്വതത്തിലും സ്വന്തം ശക്തി, ശക്തമായി പ്രകടിപ്പിക്കുന്നു.
ഒപ്പം ന്യൂ ഏജ് വാ‍ർഫെയറിനും സ്വന്തം ശക്തി തെളിയിക്കുന്നു.
ഈ ഓപ്പറേഷന് ശേഷം നാം മെയ്ഡ് ഇൻ ഇന്ത്യ ആയുധങ്ങളുടെ ശക്തി തിരിച്ചറിയുന്നു.
അത് ലോകം കണ്ടു.
21ാം നൂറ്റാണ്ടിലെ വാ‍ർഫെയറിൽ മെയ്ഡ് ഇൻ ഇന്ത്യ പ്രതിരോധ ഉപകരണങ്ങളുടെ സമയം വന്നു വഴിഞ്ഞു.

സുഹൃത്തുക്കളേ,
ഇങ്ങനെ തീവ്രവാദത്തിനെതിരായി നാം ഒത്തുചേരുന്നതാണ് നമ്മുടെ ഐക്യം.
അതാണ് നമ്മുടെ ഏറ്റവും വലിയ ശക്തി.
തീ‍ർച്ചയായും ഈ യുഗം യുദ്ധത്തിന്റേതല്ല.
എന്നാൽ ഈ യുഗം തീവ്രവാദ ത്തിന്റേതുമല്ല.

തീവ്രവാദത്തിനെതിരായി സീറോ ടോളറൻസ് എന്നതാണ് ഒരു മികച്ച മാർഗം ലോകത്തിൻറെ ഗ്യാരന്റി.

സുഹൃത്തുക്കളെ..

പാകിസ്ഥാൻ സേന - പാകിസ്ഥാൻ സർക്കാർ എങ്ങനെയാണോ തീവ്രവാദത്തെ പരിപോക്ഷിപ്പിക്കുന്നത്- അത് ഒരു ദിവസം പാകിസ്ഥാനെ തന്നെ ഇല്ലാതാക്കും.

പാകിസ്ഥാന് രക്ഷപ്പെടണമെന്നുണ്ടെങ്കിൽ അവർ തീവ്രവാദത്തെ തുടച്ച് നീക്കണം.

ഇതല്ലാതെ സമാധാനത്തിന് മറ്റൊരു മാർഗമില്ല.

ഭാരതത്തിന്റെ അഭിപ്രായം വ്യക്തമാണ്.


തീവ്രവാദവും - സംഭാഷണവും ഒരുമിച്ച് മുന്നോട്ട് പോകില്ല.

തീവ്രവാദവും വ്യാപാരവും ഒരുമിച്ച് പോകില്ല.

വെള്ളവും രക്തവും ഒരുമിച്ച് ഒഴുകില്ല.

എനിക്ക് ലോകത്തോട് പറയാനുള്ളത് നമ്മുടെ നീതിയുടെ പ്രഖ്യാപനം പാകിസ്താനുമായി സംസാരിക്കുന്നുണ്ടെങ്കിൽ അത് തീവ്രവാദത്തിന് എതിരായി.

പാകിസ്ഥാനുമായി സംസാരിക്കുന്നെങ്കിൽ അത് പാക് occupied kashmir നെ പറ്റിയായിരിക്കും.

പ്രിയ ദേശവാസികളെ,

ഇന്ന് ബുദ്ധ പൂർണിമ. ഭഗവാൻ ബുദ്ധൻ നമുക്ക് സമാധാനത്തിന്റെ മാർഗം കാട്ടിത്തന്നു. സമാധാനത്തിന്റെ മാർഗവും ശക്തി പകരുന്നു. മാനവ - സമാധാനം - സമൃദ്ധി എന്നിവ കൊണ്ടുവരും. ഓരോ ഭാരതീയനും സമാധാനത്തോടെ ജീവിക്കണം. വികസിത ഭാരതമെന്ന സ്വപനം പൂര്തത്തീകരിക്കണം. അതിനായി ഭാരതം കൂടുതൽ ശാക്തീകരിക്കേണ്ടത് ആവശ്യമാണ്. ആവശ്യമുണ്ടെങ്കിൽ ഈ ശക്തി പ്രയോജനപ്പെടുത്താം. കഴിഞ്ഞ കുറച്ച് ദിവസങ്ങളിൽ ഭാരതം അതാണ് ചെയ്തത്. ഒരിക്കൽ കൂടി ഭാരതീയ സൈനികർക്ക് - സായുധ സെനങ്ങൾക്ക്ക് അഭിവാദ്യങ്ങൾ. നാം ഭാരതീയയുടെ ഐക്യം ഒരുമ എന്നിവയെ ഞാൻ നമിക്കുന്നു.

നന്ദി

ഭാരത് മാതാ കീ ജയ്

ഭാരത് മാതാ കീ ജയ്

ഭാരത് മാതാ കീ ജയ്