Villages are at the centre of all our policies and initiatives: PM

Published By : Admin | April 24, 2021 | 11:55 IST
ഈ പ്രയാസകരമായ സമയങ്ങളിൽ ഒരു കുടുംബവും പട്ടിണി കിടക്കരുതെന്നത് നമ്മുടെ ഉത്തരവാദിത്തമാണ്: പ്രധാനമന്ത്രി
പ്രധാൻ മന്ത്രി ഗരിബ് കല്യാൺ അന്ന യോജന 80 കോടി ഗുണഭോക്താക്കൾക്ക് 2 മാസത്തേക്ക് സൗജന്യ റേഷൻ നൽകും, കേന്ദ്രം 26,000 കോടിയിലധികം രൂപ പദ്ധതിക്കായി ചെലവഴിക്കുന്നു: പ്രധാനമന്ത്രി
കേന്ദ്രം അതിന്റെ എല്ലാ നയങ്ങളുടെയും സംരംഭങ്ങളുടെയും കേന്ദ്രമായി ഗ്രാമങ്ങളെ നിലനിർത്തുന്നു: പ്രധാനമന്ത്രി
കേന്ദ്ര ഗവണ്മെന്റ് ഇതഃപര്യന്തമില്ലാത്ത തരത്തിൽ 2.25 ലക്ഷം കോടി രൂപ പഞ്ചായത്തുകൾക്ക് അനുവദിച്ചു. ഇത് സുതാര്യതയുടെ ഉയർന്ന പ്രതീക്ഷയിലേക്കും നയിക്കുന്നു: പ്രധാനമന്ത്രി

कार्यक्रम में मेरे साथ जुड़ रहे पंचायती राज मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी, राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटका, हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, और उत्तराखंड के सभी आदरणीय मुख्यमंत्रीगण, हरियाणा के उप मुख्यमंत्री जी, राज्यों के पंचायती राज मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री, देशभर की ग्राम पंचायतों से जुड़े सभी जनप्रतिनिधि गण, और जैसा अभी नरेन्‍द्र सिंह जी बताया कि करीब पांच करोड़ लोगों ने इस कार्यक्रम में जुड़ने के लिए रजिस्‍ट्री करवाई है। इतनी बड़ी तादाद में गांवों का इस कार्यक्रम में सहभागी होना अपने-आप में ग्राम विकास की दिशा के जो कदम हैं उसे ताकत देता है। ऐसे सभी ये पांच करोड़ भाई-बहनों को मेरा आदरपूर्वक नमस्‍कार।

भाइयों और बहनों,

पंचायती राज दिवस का ये दिन ग्रामीण भारत के नवनिर्माण के संकल्पों को दोहराने का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। ये दिन हमारी ग्राम पंचायतों के योगदान और उनके असाधारण कामों को देखने, समझने और उनकी सराहना का भी दिन है।

अभी मुझे गाँव के विकास में सराहनीय काम करने वाली पंचायतों को सम्मानित करने, उनको अवार्ड देने का अवसर मिला है। मैं आप सभी को 'पंचायती राज दिवस' की अनेक-अनेक शुभकामनाएँ देता हूँ। हाल में अनेक राज्यों में पंचायत चुनाव संपन्न हुए हैं और बहुत जगह चल भी रहे हैं, इसलिए आज हमारे साथ बहुत से नए साथी भी हैं। मैं सभी नए जनप्रतिनिधियों को भी बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

आज गांव और गरीब को उसके घर का कानूनी दस्तावेज़ देने वाली बहुत ही बड़ी और अहम योजना, 'स्वामित्व योजना' को भी पूरे देश में लागू किया गया है। पिछले वर्ष जिन स्थानों पर ये योजना प्रारंभ की गई वहां के अनेक साथियों को प्रॉपर्टी कार्ड भी दिए गए हैं। इसके लिए भी इस काम में जुड़े हुए और समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ाने का प्रयास करने वाले सभी साथियों का भी मैं बहुत-बहुत अभिनंदन और शुभकामनाएं देता हूं। स्वामित्व योजना गाँव और गरीब के आत्मविश्वास को, आपसी विश्वास को और विकास को नई गति देने वाली है। इसके लिए भी मै सभी देशवासियों को बहुत बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

एक साल पहले जब हम पंचायती राज दिवस के लिए मिले थे, तब पूरा देश कोरोना से मुकाबला कर रहा था। तब मैंने आप सभी से आग्रह किया था कि आप कोरोना को गांव में पहुंचने से रोकने में अपनी भूमिका निभाएं। आप सभी ने बड़ी कुशलता से, ना सिर्फ कोरोना को गांवों में पहुंचने से रोका, बल्कि गांव में जागरूकता पहुंचाने में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई। इस वर्ष भी हमारे सामने जो चुनौती है, वो चुनौती पहले से जरा ज्‍यादा है कि गांवों तक इस संक्रमण को किसी भी हालत में पहुंचने नहीं देना है, उसे रोकना ही है।

पिछले साल जो आपने मेहनत की, देश के गांवों ने जो नेतृत्व दिखाया, वही काम इस बार भी आप बड़ी चुस्‍ती के साथ, बड़े discipline के साथ और ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों का साथ ले करके बहुत ही पक्‍का करेंगे, सफलता जरूर पाएंगे। क्‍योंकि आपने पिछली बार किया था, अब एक साल का अनुभव है। संकट के संबंध में ज्‍यादातर जानकारियां हैं, संकट से बचने के संबंध में रास्‍तों की जानकारी है। और इसलिए मुझे विश्‍वास है कि मेरे देश के, मेरे गांव के सारे लोग, गांव का नेतृत्‍व करने वाले लोग, गांव में कोरोना को प्रवेश करने से रोकने में सफल होंगे और बहुत उत्‍तम तरीके से व्‍यवस्‍था भी करेंगे। जो भी गाइडलाइंस समय-समय पर जारी होती हैं, उनका पूरा पालन गांव में हो, हमें ये सुनिश्चित करना होगा।

इस बार तो हमारे पास वैक्सीन का एक सुरक्षा कवच है। इसलिए, हमें सारी सावधानियों का पालन भी करना है, और ये भी सुनिश्चित करना है कि गाँव के हर एक व्यक्ति को वैक्सीन की दोनों डोज़ भी लगें। भारत सरकार अभी 45 आयु के ऊपर के हर व्यक्ति का मुफ्त टीकाकरण कर रही है; हिन्‍दुस्‍तान के हर राज्‍य में कर रही है। अब एक मई से 18 साल की उम्र से ऊपर के लोगों को टीका लगाने की प्रक्रिया शुरु होने वाली है। आप सभी साथियों के सहयोग से ही ये टीकाकरण अभियान सफल होगा।

साथियों,

इस मुश्किल समय में कोई भी परिवार भूखा ना सोए, गरीब से गरीब का भी चूल्‍हा जले, ये भी हमारी जिम्मेदारी है। कल ही भारत सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त राशन देने की योजना को फिर से आगे बढ़ाया है। मई और जून के महीने में देश के हर गरीब को मुफ्त राशन मिलेगा। इसका लाभ 80 करोड़ से ज्यादा देशवासियों को होगा। इस पर केंद्र सरकार 26 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च करेगी।

साथियों,

ये राशन गरीबों का है, देश का है। अन्न का हर दाना उस परिवार तक पहुंचे, तेज़ी से पहुंचे, समय पर पहुंचे…जिसको इसकी ज़रूरत है, ये सुनिश्चित करना भी हम सबका काम है और मुझे विश्‍वास है कि राज्‍य सरकारें और पंचायत के हमारे साथी बखूबी इसको भी निभाएंगे।

साथियों,

ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधि के रूप में आपका रोल लोकतंत्र को मजबूत करने का है और गांव की आकांक्षाओं की पूर्ति करने का है। हमारे गांव, भारत के विकास और आत्मनिर्भरता के अहम केंद्र रहे हैं। पूज्‍य महात्‍मा गांधी जी कहते थे- ''आत्मनिर्भरता से मेरा अर्थ है ऐसे गाँव जो अपनी मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए आत्मनिर्भर हों। लेकिन आत्मनिर्भर होने का मतलब ये नहीं है कि अपनी सीमाओं में हम बंध जाएं''। पूज्‍य बापू के विचार कितने स्‍पष्‍ट हैं, यानी, हमें नए नए अवसरों को, नई संभावनाओं को तलाशते हुये अपने गाँवों को विकास के रास्ते पर आगे लेकर जाना है।

साथियों,

पिछले साल जिन 6 राज्यों से स्वामित्व योजना की शुरुआत हुई थी, वहाँ एक साल के भीतर ही इसका प्रभाव भी दिखने लगा है। स्वामित्व योजना में ड्रोन से पूरे गाँव का, सम्पत्तियों का सर्वे किया जाता है, और जिनकी जो जमीन होती है, उसे उसका प्रॉपर्टी कार्ड ‘संपत्ति-पत्र’ भी दिया जाता है। थोड़ी देर पहले ही 5 हजार गाँवों में 4 लाख से ज्यादा संपत्ति मालिकों को 'e-property card' दिए गए हैं। स्वामित्व योजना की वजह से आज गाँवों में एक नया आत्मविश्वास लौटा है, सुरक्षा का एक भाव जागा है।

गांव के घर का नक्शा, अपनी संपत्ति का दस्तावेज़ जब हाथ में होता है तो अनेक प्रकार की आशंकाएं खत्म हो जाती हैं। इससे गांव में जमीन-जायदाद पर होने वाले झगड़े कम हुए हैं, कहीं-कहीं तो परिवार के झगड़े भी खत्‍म हुए हैं। गरीबों-दलितों का शोषण की संभावनाएं भी रुकी हैं, करप्शन का एक बड़ा रास्ता भी बंद हुआ है। कोर्ट-कचहरी के मामले भी बंद हो रहे हैं। जिन लोगों को अपनी जमीन के कागज मिल गए हैं, उन्हें बैंकों से लोन भी लेने में आसानी हो रही है।

साथियों,

स्वामित्व योजना की एक और विशेष बात है। इस योजना में ड्रोन सर्वे के बाद हर गाँव का एक पूरा नक्शा, जमीन का पूरा हिसाब-किताब भी बन जाता है। इससे पंचायतों को गाँव में विकास के कामों को एक लंबी सोच के साथ, एक विजन के साथ, व्यवस्थित ढंग से करने में भी ये नक्‍शा, ये मैप बहुत काम आने वाला है। और मैं सभी सरपंचों से आग्रह करूंगा इसको बड़ी समझदारी से आगे बढ़ाएं ताकि गावं व्‍यवस्थित रूप से विकसित हो।

एक प्रकार से गरीब की सुरक्षा, गांव की अर्थव्यवस्था और गांव में योजनाबद्ध विकास, इनको स्वनिधि योजना सुनिश्चित करने वाली है। मेरा देश के सभी राज्यों से भी आग्रह रहेगा कि इसके लिए सर्वे ऑफ इंडिया के साथ MOU साइन करने का काम जल्द से जल्द पूरा कर लें। कई राज्यों में इसके लिए भूमि कानूनों में बदलाव की भी ज़रूरत है। राज्यों को मेरा ये भी सुझाव है कि गांव के घरों के कागज़ बनने के बाद अगर कोई व्यक्ति बैंक लोन चाहता है, तो उसको बैंकों में अड़चन ना आए, ये सुनिश्चित किया जाए। मैं बैंको से भी अपील करूंगा कि वो property card का एक format बनाएं, जो बैंको में लोन के लिए स्वीकार्य हो। आप सभी पंचायत के प्रतिनिधियों को भी स्थानीय प्रशासन के साथ तालमेल और गांववालों को सही जानकारी देने के लिए काम करना होगा।

साथियों,

हमारे देश की प्रगति और संस्कृति का नेतृत्व हमेशा हमारे गाँवों ने ही किया है। इसीलिए, आज देश अपनी हर नीति और हर प्रयास के केंद्र में गाँवों को रखकर आगे बढ़ रहा है। हमारा प्रयास है कि आधुनिक भारत के गाँव समर्थ हों, आत्मनिर्भर हों। इसके लिए पंचायतों की भूमिका को बढ़ाया जा रहा है, पंचायतों को नए अधिकार दिये जा रहे हैं। पंचायतों को डिजिटल बनाने के लिए हर गाँव को फाइबर नेट से जोड़ने का काम भी तेजी से चल रहा है।

आज हर घर को शुद्ध जल देने के लिए चल रही 'जल जीवन मिशन' जैसी बड़ी योजना की ज़िम्मेदारी पंचायतों को ही सौंपी गई है। ये अपने-आप में एक बहुत बड़ा काम हमने आपके जिम्‍मे, आपकी भागीदारी से आगे बढ़ाया है। आज गांव में रोज़गार से लेकर गरीब को पक्का घर देने तक का जो व्यापक अभियान केंद्र सरकार चला रही है, वो ग्राम पंचायतों के माध्यम से ही आगे बढ़ रहा है।

गाँव के विकास के लिए प्राथमिकताएं तय करनी हों, उनसे जुड़े निर्णय लेने हों, इसमें भी पंचायतों की भूमिका बढ़ाई गई है। आप अपने गाँव की चिंता करें, गाँव की इच्छाओं-अपेक्षाओं के मुताबिक विकास को गति दें, इसके लिए देश आपसे अपेक्षा भी कर रहा है आपको संसाधन भी दे रहा है। यहां तक कि गांव के अनेक खर्चों से जुड़ी अनेक शक्तियां भी सीधे पंचायतों को दी जा रही हैं। छोटी-छोटी ज़रूरतों के लिए आपको सरकारी दफ्तरों में अब कम से कम जाना पड़े, इसकी चिन्‍ता कर रहे हैं। अब जैसे आज ही जो कैश प्राइज़ यहां दिए गए हैं, वो सीधे पंचायतों के बैंक अकाउंट में जमा किए गए हैं।

साथियों,

भारत सरकार ने सवा दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि ग्राम पंचायतों के हाथ में ही दी है। इतनी बड़ी धनराशि पंचायतों को इससे पहले कभी नहीं दी गई थी। इस पैसे से गाँव में साफ-सफाई से जुड़े कार्य…उसकी प्राथमिकता रखनी चाहिए, साफ पीने के पानी की व्यवस्था के लिए प्रयत्‍न करना चाहिए, स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए भरपूर प्रयास करना चाहिए। लेकिन जब गाँव के विकास के लिए इतना पैसा जाएगा, इतने काम होंगे तो अपने ग्रामवासी ये भी अपेक्षा करेंगे कि हर काम में पारदर्शिता होनी चाहिए। ये अपेक्षा आपसे ही है और आपसे ही की जाएगी, आपकी ही ये ज़िम्मेदारी होगी।

इसके लिए पंचायती राज मंत्रालय ने 'ई-ग्राम स्वराज' के जरिए पेमेंट्स की ऑनलाइन व्यवस्था की है। जो भी पेमेंट होगा, वो पब्लिक फाइनेंस मेनेजमेंट सिस्टम (PFMS) के माध्यम से होगा। इसी तरह खर्च में पारदर्शिता और ज़िम्मेदारी तय करने के लिए ऑनलाइन ऑडिट की व्यवस्था भी की गई है। मुझे खुशी है कि बड़ी संख्या में पंचायतें इस सिस्टम से जुड़ गई हैं। मैं देश के सभी पंचायत प्रधानों से अनुरोध करूंगा, कि अगर आपकी पंचायत इस सिस्टम से नहीं जुड़ी है, तो जल्द से जल्द आप इसमें जरूर जुड़ जाएँ।

साथियों,

इस वर्ष हम आज़ादी के 75वें वर्ष में प्रवेश करने वाले हैं। हमारे सामने चुनौतियां ज़रूर हैं, लेकिन विकास का पहिया हमें तेज़ गति से आगे बढ़ाते रहना है। आप भी अपने गांव के विकास के लक्ष्य तय करें और तय समय में उन्हें पूरा करें। जैसे कि, ग्राम सभा में आप स्वच्छता को लेकर, जल संरक्षण को लेकर, पोषण को लेकर, टीकाकारण को लेकर, शिक्षा को ले करके एक अभियान शुरू कर सकते हैं। आप गांव के घरों में जल संरक्षण से जुड़े लक्ष्य तय कर सकते हैं। आपके गांव में ग्राउंडवॉटर लेवल ऊपर कैसे आए इसके लिए लक्ष्य तय कर सकते हैं। खेती को फर्टिलाइज़र से मुक्त करना हो, कैमिकल फर्टिलाइजर से या फिर कम पानी में पैदा होने वाली अच्छी फसलों की तरफ गांव को आगे बढ़ाना हो...Per Drop More Crop...एक-एक बूंद पानी से_फसल कैसे प्राप्‍त करें, इसके लिए भी आप काम कर सकते हैं।

गाँव के सभी बच्चे और विशेषकर बेटियां स्कूल जाएँ, कोई भी बीच में पढ़ाई न छोड़े, आपको मिलकर ये ज़िम्मेदारी निभानी चाहिए। ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर ग्राम पंचायत अपने स्तर पर किस प्रकार गरीब बच्चों की मदद कर सकती है, इसमें आप ज़रूर अपना योगदान दें। 'मिशन अंत्योदय सर्वेक्षण' इसमें जो गाँव की जरूरतें, जो कमियाँ सामने आती हैं, हर ग्राम पंचायत को उन्हें दूर करने के लिए लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए।

अभी की इन परिस्थितियों में पंचायतों का मंत्र होना चाहिए- 'दवाई भी, कड़ाई भी।' और मुझे विश्‍वास है कोरोना की जंग में सबसे पहले विजयी जो होने वाला है, वो मेरे हिंदुस्‍तान के गांव विजयी होने वाले हैं, मेरे हिंदुस्‍तान का नेतृत्‍व विजयी होने वाला है, मेरे हिंदुस्‍तान के गांव के गरीब से गरीब नागरिक, गांव के सभी ना‍गरिक मिल करके विजयी होने वाले हैं। और देश और दुनिया को रास्‍ता भी आप गांव वाले इस सफलता के साथ दिखाने वाले हैं...ये मेरा आप पर भरोसा है, विश्‍वास है और पिछले साल के अनुभव के कारण है। और मुझे पक्‍का भरोसा है कि आप उसको बखूबी निभाएंगे...और बड़े प्रेम भरे वातावरण में निभाते हैं आप, ये भी आपकी विशेषता रहती है। कोई भूखा न रहे इसकी भी चिंता करते हैं और किसी को बुरा न लगे इसकी भी चिंता करते हैं।

मैं फिर से एक बार आपकी इस कोरोना की लड़ाई में जल्‍द से जल्‍द विजय प्राप्‍त हो, आपका गांव कोरोना-मुक्‍त गांव रहे, इसमें आप सफल हों। इसी एक विश्‍वास के साथ फिर एक बार आप सबका बहुत-बहुत धन्‍यवाद करता हूं। आपको बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद!

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Prime Minister shares Sanskrit Subhashitam highlighting the power of collective effort
December 17, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi, shared a Sanskrit Subhashitam-

“अल्पानामपि वस्तूनां संहतिः कार्यसाधिका।

तृणैर्गुणत्वमापन्नैर्बध्यन्ते मत्तदन्तिनः॥”

The Sanskrit Subhashitam conveys that even small things, when brought together in a well-planned manner, can accomplish great tasks, and that a rope made of hay sticks can even entangle powerful elephants.

The Prime Minister wrote on X;

“अल्पानामपि वस्तूनां संहतिः कार्यसाधिका।

तृणैर्गुणत्वमापन्नैर्बध्यन्ते मत्तदन्तिनः॥”