Quoteപ്രധാനമന്ത്രി മോദി അസോചമിന്റെ ശതാബ്ദിയാഘോഷങ്ങളെ അഭിസംബോധന ചെയ്തു.‘ഈസ് ഓഫ് ഡുയിംഗ് ബിസിനസ്’ എന്ന് പറയാൻ നാല് വാക്കുകൾ മാത്രം മതി, എന്നാൽ സർക്കാരും മുഴുവൻ സംവിധാനവും താഴേത്തട്ടിലേക്ക് ഇറങ്ങി രാവും പകലും പ്രവർത്തിക്കുമ്പോൾ മാത്രമാണ് റാങ്കിംഗ് മെച്ചപ്പെടുന്നത്.: പ്രധാനമന്ത്രി
Quoteഇന്ന്, ലോകമെമ്പാടുമുള്ള ഏറ്റവും ബിസിനസ്സ് സൗഹൃദ രാജ്യങ്ങളിലൊന്നാണ് ഇന്ത്യ: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി
Quoteനികുതി സമ്പ്രദായത്തിൽ സുതാര്യത, കാര്യക്ഷമത, ഉത്തരവാദിത്തം എന്നിവ കൊണ്ടുവരുന്നതിനായി ഞങ്ങൾ 'ഫെയ്‌സ്ലെസ് ടാക്സ് അഡ്മിനിസ്ട്രേഷനിലേക്ക്' നീങ്ങുകയാണ്: പ്രധാനമന്ത്രി

ASSOCHAM के प्रेसिडेंट बालकृष्ण गोयनका जी, सेकेट्री जनरल दीपक सूद जी, ASSOCHAM के लाखों सदस्यगण, भारतीय उद्योग जगत के दिग्गज, यहां उपस्थित अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों !!!

ASSOCHAMने आज एक बहुत अहम पड़ाव पार किया है।सौ वर्ष का अनुभव व्यक्ति हो या संस्था बहुत बड़ी पूंजी होता है। मैं ASSOCHAMके सभी सदस्यों को, बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

मुझे बताया गया है कि करीब-करीब सौ लोकेशन्स पर ये आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से लाइव दिखाया जा रहा है।

इस कार्यक्रम में सम्मिलित सभी व्यक्तियों को, उद्यमियों को और विशेषकर MSME सेक्टर से जुड़े लोगों का मैं अभिनंदन करता हूं।

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Friends,

2019 में अब सिर्फ कुछ ही दिन बचे हैं। 2020 का नया वर्ष और नया दशक, आप सभी के लिए सुख, समृद्धि और सफलता लेकर आए, आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करें, इस कामना के साथ मैं अपनी बात शुरू करूंगा।

साथियों,

आपने अपने सेन्टेनरी सेलीब्रेशन की जो थीम रखी है, वो देश के, देशवासियों के लक्ष्यों और सपनों के साथ जुड़ी है। और 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की बात अचानक आई हो,ऐसा नहीं है। बीते पाँच वर्षों में देश ने खुद को इतना मजबूत किया है कि इस तरह के लक्ष्य रखे भी जा सकते हैं और उन्हें प्राप्त भी किया जा सकता है। ये आप अच्छी तरह जानते हैं कि 5-6 साल पहले हमारी अर्थव्यवस्था Disaster की तरफ बढ़ रही थी। हमारी सरकार ने न सिर्फ इसे रोका है बल्कि अर्थव्यवस्था में एक Discipline लाने का प्रयास किया है।

भारत की अर्थव्यवस्था तय नियमों से चले, तय लक्ष्यों की तरफ बढ़े, इसके लिए हमने व्यवस्था में आधारभूत परिवर्तन किए हैं, चौतरफा फैसले लिए हैं, उद्योग जगत की दशकों पुरानी मांगों को पूरा करने पर ध्यान दिया है। और इसलिए आज 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के लिए एक मजबूत आधार बना है। हम भारत की अर्थव्यवस्था को Formalization और Modernization के दो महत्वपूर्ण Pillars पर खड़ा कर रहे हैं। डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ाने के लिए तमाम उपायों से लेकर GST तक, आधार Linked Payment से लेकर DBT तक,

हमने अर्थव्यवस्था के ज्यादातर आयामों को Formal व्यवस्था में लाने का प्रयास किया है। इसके साथ ही हम अर्थव्यवस्था को आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए Modernize और Speed-Up करने की दिशा में भी आगे बढ़े हैं।

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अब कई हफ्तों के बदले कुछ घंटों में Company Registration हो जाना, Trading Across Borders में Automation के जरिए समय कम करना, Infrastructure की बेहतर Linkage के जरिए Port और Airport पर Turn Around Time का कम होना, ये सब आधुनिक होती अर्थव्यवस्था के ही उदाहरण हैं।

साथियों,

आज देश में वो सरकार है जो उद्योग जगत की सुनती है, उनकी आवश्यकताओं को समझती है और उनके सुझावों पर पूरी संवेदनशीलता के साथ काम करती है। क्या उद्योग जगत नहीं चाहता था कि देश में टैक्स का जाल कम हो, हर राज्य में अलग-अलग दरों की परेशानी से उसे मुक्ति मिले? हमारी सरकार ने दिन रात एक करके आपकी इस मांग को पूरा किया, हम GST लेकर आए। इतना ही नहीं, व्यापारी जगत से जो-जो Feed Back मिला, हम GST में सुधार भी करते रहे।

साथियों,

बरसों से भारत का उद्योग जगत Business को आसान बनाने की मांग कर रहा था, प्रक्रियाओं को Transparent और Simple करने की मांग कर रहा था। आपकी इस मांग पर भी हमारी ही सरकार ने काम किया। आज भारत दुनिया के उन टॉप टेन देशों में शामिल है जिसने Ease of Doing Business की रैकिंग में,पिछले तीन वर्षों में लगातार सबसे अच्छा सुधार किया है। 190 देशों की रैंकिंग में हम 142 से अब 63वीं रैंक पर आ गए हैं। क्या ये आसान बात है?

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Ease of Doing Business कहने में चार शब्द लगते हैं लेकिन इसकी रैंकिंग में बदलाव तब होता है जब दिन-रात मेहनत की जाती है, जमीनी स्तर पर जाकर नीतियों में, नियमों में बदलाव होता है।

चाहे बिजली कनेक्शन देने की बात हो, कंस्ट्रक्शन परमिट की बात हो, Export-Import पर Clearance की बात हो, सैकड़ों प्रक्रियाओं के सरल बनाने के बाद, अनेकों रुकावटों को पूरी तरह हटाने के बाद इस तरह की रैंकिंग में सुधार होता है। हम इसे आगे भी लगातार सुधारने के लिए काम कर रहे हैं।

Friends,

आप लोग इस बात को भी जानते हैं कि CompaniesAct में सैकड़ों ऐसे प्रावधान थे, जिसमें छोटी-छोटी गलतियों के लिए Criminal Action की व्यवस्था थी। हमारी सरकार ने इसमें से अनेक प्रावधानों को अब De-Criminalise कर दिया है। कई और प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर निकालने की प्रक्रिया अभी जारी है।

इसी तरह हमारी सरकार Inverted Duty खत्म करने की दिशा में लगातार काम कर रही है। पिछले वर्षों में आए बजट में इसका ध्यान रखा गया है। इसकी वजह से भारत में Manufacturing पर होने वाला खर्च भी कम हो रहा है।

साथियों,

इस साल अक्तूबर से देश के टैक्स सिस्टम से जुड़ी एक और ऐतिहासिक शुरुआत हुई है। हमने उस दिशा की तरफ कदम बढ़ाया है जहां Taxpayer और Income Tax Department के बीच Human Interface नहीं होगा। टैक्स सिस्टम में Transparency, Efficiency और Accountability लाने के लिए हम Faceless Tax Administration की ओर बढ़ रहे हैं।

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Friends,

Corporate Tax कम करने, उसका Process Simplify करने को लेकर भी बरसों से देश में तमाम चर्चाएं होती थीं। इसे लेकर भी ठोस कदम किसने उठाया? हमारी ही सरकार ने। देश में जितना CorporateTax आज है, उतना कम कभी नहीं रहा है। मतलब उद्योग जगत से सबसे कम CorporateTax लेने वाली सरकार अगर कोई है, तो वो हमारी सरकार है।

साथियों,

Labor Reforms की बातें भी बहुत वर्षों से देश में चलती रही हैं। कुछ लोग ये भी मानते थे कि इस क्षेत्र में कुछ न करना ही लेबर वर्ग के हित में है। यानि उन्हें अपने हाल पर छोड़ दो, जैसे चलता रहा है, वैसे ही आगे भी चलेगा। लेकिन हमारी सरकार ऐसा नहीं मानती।

हम मानते हैं कि जो Labour Force हैउसकी भी हर तरह से देखभाल होनी चाहिए। उनका जीवन आसान बने, उनको प्रोविडेंट फंड समय से मिले, स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिले, इन सारे क्षेत्रों में सरकार ने काम किया है।

इसलिए लेबर यूनियनों के सुझावों को ध्यान में रखते हुए, इंडस्ट्री के सुझावों को ध्यान में रखते हुए, हमने लेबर कानून में बहुत से ऐसे बदलाव भी किए हैं जो समय की मांग हैं। लेकिन Friends, अर्थव्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए, उसे मजबूत बनाने के लिए, उद्योग जगत के हित में उठाए जा रहे ऐसे हर फैसले पर सवाल उठाना ही कुछ लोगों ने अपना दायित्व समझ लिया है।

जब 2014 से पहले के बरसों में अर्थव्यवस्था तबाह हो रही थी, उस समय अर्थव्यवस्था को संभालने वाले लोग किस तरह तमाशा देखते रहे, ये देश को कभी नहीं भूलना चाहिए।

हमें विरासत में किस तरह की अर्थव्यवस्था मिली थी, तब अखबारों में किस तरह की बातें होती थीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की साख कहां थी, मैं इसके विस्तार में नहीं जाना चाहता। लेकिन उस दौरान जो स्थितियां थीं, उनके प्रभावों को कम करने के लिए जो स्थाई उपाय हमने किए,वो 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत बड़ा आधार बने हैं।

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Friends,

आप ये भी भली-भांति जानते हैं कि 2014 से पहले देश का बैंकिंग सिस्टम किस तरह के संकट में था। तब हालत ये थी कि बैंकों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए करीब-करीब 6 लाख करोड़ रुपए की पूंजी की प्रोविजिनिंग करनी पड़ी थी। इसमें सरकार द्वारा पहले इंद्रधनुष प्लान के तहत 70 हजार करोड़ रुपए और फिर recap के माध्यम से 2 लाख 36 हजार करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए।

साथियों,

सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की वजह से अब 13 बैंक मुनाफे में वापस आ चुके हैं।6 बैंक PCA से भी बाहर निकल चुके हैं। हमने बैंकों का एकीकरण भी तेज किया है। बैंक अब अपना देशव्यापी नेटवर्क बढ़ा रहे हैं और अपनी ग्लोबल पहुंच कायम करने की ओर अग्रसर हैं। हमारी सरकार ने बैंकों के कारोबारी फैसलों में, किसी तरह की दखलअंदाजी को समाप्त कर दिया है।

सरकार के दखल के बिना काबिल लोगों की पारदर्शी तरीके से नियुक्ति हो, इसके लिए बैंक बोर्ड ब्‍यूरो का गठन किया गया है। इसमें आरबीआई और बाहरी एक्‍सपर्ट्स रखकर उन्हें पूरी ऑटोनॉमी दी गई है। अब आप बैंकों में सीनियर पदों पर नियुक्ति होने पर कोई murmuring नहीं सुनते होंगे !!!

Friends,

हमारी सरकार मानती है कि बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था में कई बार हमें कंपनियों की असफलता को, उनके Failures को भी स्वीकार करना पड़ता है। सारी असफलताएं, किसी आर्थिक अपराध की वजह से हों, ऐसा भी नहीं हैं। इसलिए, कंपनियों को, कंपनियां चलाने वालों को एक बेहतर Exit Route मिले, इस ओर भी सरकार ने ध्यान दिया है।

IBC-Insolvency and Bankruptcy Code आज ऐसी अनेक कंपनियों का मददगार बन रहा है, जो किसी वजह से Failures का सामना कर रही हैं।

ये सरकार की तरफ उद्योग जगत की एक तरह से Hand Holding का प्रयास है ताकि ऐसी कंपनियां अपने अनुभवों से सीख सकें, भविष्य में कुछ और अच्छा कर सकें।

साथियों,

ये जितने भी फैसले मैंने बताए हैं, वो उद्योग जगत को, उसकी पूंजी को Safe-Guard करने में बहुत मदद करने वाले हैं।

मैं आज ASSOCHAM के इस मंच से, देश की बैंकिंग से जुड़े लोगों को, कॉरपोरेट जगत के लोगों को ये विश्वास दिलाना चाहता हूं कि अब जो पुरानी कमजोरियां थीं, उस पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। इसलिए खुलकर फैसले लें, खुलकर निवेश करें, खुलकर खर्च करें। मैं विश्वास दिलाता हूं कि सही निर्णयों पर और GenuineCommercial Decision पर कोई अनुचित कार्रवाई नहीं होगी।

Friends,

आज हम ये कह सकते हैं कि देश की बैकिंग प्रणाली की नींव अब इतनी पारदर्शी और मजबूत हुई है कि वो 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के लक्ष्य को Power दे सकती है, ऊर्जा दे सकती है। आज भी हम दुनियाके 10 सर्वश्रेष्ठ FDI destinations में से एक हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारत में FDI आने की गति बढ़ी है।

मेरा मानना है कि एफडीआई के दो अर्थ हैं। अवसर के हिसाब से मैं उन दोनों का उपयोग करता हूं। एक अर्थ विदेशी प्रत्यक्ष निवेश है जिसे आप में से अधिकांश लोग जानते हैं, और अन्य मेरे लिए "पहले विकसित भारत" है। पिछले 20 वर्ष में जितनी FDI देश में आई उसकी लगभग 50 प्रतिशत पिछले 5 वर्षों में आई है। हमने पिछले सालों में अपनी global competitiveness में भी व्यापक सुधार किया है। आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा Start-Up Ecosystem हमारे देश में है। देश में Innovation और Enterprise का एक नया वातावरण बना है। आज दुनिया के ज्यादातर निवेशक भारत की तरफ पूरे विश्वास और आशा के साथ देख रहे हैं। भारत की क्षमता को लेकर दुनिया में अभूतपूर्व भरोसा उत्पन्न हुआ है।

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साथियों,

इसी Positivity के आधार पर हम 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी की तरफ बढ़ने वाले हैं। आने वाले वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपए का निवेश, इसे ताकत देगा। देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर 25 लाख करोड़ रुपए का निवेश इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा। हर घर तक जल पहुंचाने के लिए होने वाला साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए का निवेश इसे नई शक्ति देगा।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2 करोड़ नए घरों का निर्माण हो या हर देशवासी तक Affordable Healthcare पहुंचाने का संकल्प, किसानों की आय को दोगुना करने के प्रयास हों यादेश के लाखों MSMEs, करोड़ों सेल्फ हेल्प ग्रुप के लिए आसान फंडिंग, ऐसे अनेक प्रयास, 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को प्राप्त करने के लिए नई ऊर्जा देंगे, नया विश्वास देंगे।

साथियों,

भारत की अर्थव्यवस्था को करीब-करीब दोगुना करने के लिए हमारे प्रयास सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं हैं, इसके लिए हम राज्यों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। Manufacturing और Export को बढ़ाने के लिए, Make In India को विस्तार देने के लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। टेक्नॉलॉजी और डिफेंस के क्षेत्र में मैन्युफैक्चरिंग हमारी प्राथमिकता में है। इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को लेकर हम तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं।

साथियों,

इस सारी बातों के बीच अर्थव्यवस्था को लेकर आज जो चर्चाएं हो रही हैं, मैं उससे भी भली-भांति परिचित हूं। लेकिन उन चर्चाओं के बीच हमें ये भी याद करना होगा कि पहले की सरकार के समय एक क्वार्टर में GDP की विकास दर 3.5 Percent तक पहुंच गई थी।

याद करिए, उस दौर में CPI headline inflation कहां तक पहुंची? 9.4 percent तक। CPI core inflation कहां थी? 7.3 percent..!!! WPI inflation कितने तक पहुंची थी? 5.2 percent तक। Fiscal Deficit कहां तक गया था?GDP के 5.6 percent तक। उस समय GDP के अनेक क्वार्टर्स ऐसे गए जो अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ज्यादा निराशाजनक थे। मैं इस विवाद में नहीं पड़ना चाहता कि उस समय कुछ लोग क्यों चुप रहे।

Friends,

देश की अर्थव्यवस्था में ऐसे उतार-चढ़ाव पहले भी आए हैं। लेकिन देश में वो सामर्थ्य है कि वो हर बार ऐसी स्थिति से बाहर निकला है और पहले से ज्यादा मजबूत होकर निकला है। इसलिए अभी की स्थिति से भी भारत अवश्य बाहर निकलेगा।

साथियों,

भविष्य के लिए हमारे इरादे भी साफ हैं और हौसले भी बुलंद हैं। इस सरकार की पहचान ही यही है कि जो कहती है वो करती है। 5 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य भी इसलिए संभव है क्योंकि ऐसी अनेक बातें, जो पहले भी असंभव लगती थीं, उन्हें देश ने संभव करके दिखाया है। 60 महीने में 60 करोड़ आबादी को खुले में शौच से मुक्ति दिलाना असंभव दिखता था, आज ये संभव हुआ है। 3 साल से भी कम समय में 8 करोड़ घरों तक गैस कनेक्शन पहुंचाना, 10 लाख से अधिक गैस डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर खड़े करना, असंभव लगता था लेकिन संभव हुआ है।

हर परिवार को इतने कम समय में बैंकिंग से जोड़ना पहले असंभव लगता था, लेकिन संभव हुआ है। देश की एक बड़ी आबादी तक डिजिटल बैंकिंग को पहुंचाना भी पहले असंभव दिखता था। आज देश में हर रोज करोड़ों डिजिटल ट्रांजेक्शन हो रहे हैं। BHIM app और Rupay card भी इस देश में इतने प्रचलित हो जाएंगे, ये किसने सोचा था? लेकिन आज ये संभव हुआ है। हर बेघर को अपना पक्का घर देना असंभव लगता था, लेकिन ये संभव हो रहा है। अब इसमें मैं बीते 6 महीने के उदाहरण और देने लगूंगा, तो आपका लंच ब्रेक तो गया समझिए।

साथियों,

संकल्प से सिद्धि के, इसी सकारात्मक और पारदर्शी माहौल में, आपके लिए भी अवसरों का विस्तार हो रहा है।

आपका हौसला पहले से बेहतर हो, कृषि से लेकर कंपनियों तक में Production पहले से बेहतर हो, और आपके द्वारा Wealth Creation और Job Creation भी पहले से बेहतर हो, इसके लिए सरकार हर तरह से भारत के उद्योग जगत के साथ खड़ी है। मैं इस मंच के माध्यम से, देश के उद्यमी को यही कहूंगा कि आप आगे बढ़िए, आप समर्थ हैं, सक्षम हैं। पूरी दुनिया का बाजार हमारे सामने है। पूरी दुनिया को टक्कर देने का साहस हमारे भीतर है। आपका संकल्प, आपका सामर्थ्य 5 ट्रिलियन डॉलर के भारत के सपने को पूरा करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है।

आपकी समृद्ध परंपरा, 21वीं सदी के न्यू इंडिया को भी विस्तार देने वाली है, मजबूत करने वाली है। आप सभी अपने प्रयासों में सफल हों, इसी कामना के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं।

एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।

धन्यवाद !!!

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PM chairs 47th Annual General Meeting of Prime Ministers Museum and Library (PMML) Society in New Delhi
June 23, 2025
QuotePM puts forward a visionary concept of a “Museum Map of India”
QuotePM suggests development of a comprehensive national database of all museums in the country
QuoteA compilation of all legal battles relating to the Emergency period may be prepared and preserved in light of the completion of 50 years after the Emergency: PM
QuotePM plants a Kapur (Cinnamomum camphora) tree at Teen Murti House symbolizing growth, heritage, and sustainability

Prime Minister Shri Narendra Modi chaired the 47th Annual General Meeting of the Prime Ministers Museum and Library (PMML) Society at Teen Murti Bhawan in New Delhi, earlier today.

During the meeting, Prime Minister emphasised that museums hold immense significance across the world and have the power to make us experience history. He underlined the need to make continuous efforts to generate public interest in museums and to enhance their prestige in society.

Prime Minister put forward a visionary concept of a “Museum Map of India”, aimed at providing a unified cultural and informational landscape of museums across the country.

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Underlining the importance of increased use of technology, Prime Minister suggested development of a comprehensive national database of all museums in the country, incorporating key metrics such as footfall and quality standards. He also suggested organising regular workshops for those managing and operating museums, with a focus on capacity building and knowledge sharing.

Prime Minister highlighted the need for fresh initiatives, such as creation of a committee consisting of five persons from each State below the age of 35 years in order to bring out fresh ideas and perspectives on museums in the country.

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Prime Minister also highlighted that with the creation of museum on all Prime Ministers, justice has been done to their legacy, including that of the first Prime Minister of India Shri Jawaharlal Nehru. This was not the case before 2014.

Prime Minister also asked for engaging top influencers to visit the museums and also invite the officials of various embassies to Indian museums to increase the awareness about the rich heritage preserved in Indian Museums.

Prime Minister advised that a compilation of all the legal battles and documents relating to the Emergency period may be prepared and preserved in light of the completion of 50 years after the Emergency.

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Prime Minister highlighted the importance of preserving and documenting the present in a systematic manner. He noted that by strengthening our current systems and records, we can ensure that future generations and researchers in particular will be able to study and understand this period without difficulty.

Other Members of the PMML Society also shared their suggestions and insights for further enhancement of the Museum and Library.

Prime Minister also planted a Kapur (Cinnamomum camphora) tree in the lawns of Teen Murti House, symbolizing growth, heritage, and sustainability.