Quoteനിര്‍മിതബുദ്ധി, യന്ത്രപഠനം, ഇന്റര്‍നെറ്റ്, ബ്ലോക്ക്‌ചെയ്ന്‍, ബിഗ് ഡാറ്റ എന്നീ വികസിച്ചുവരുന്ന മേഖലകള്‍ ഇന്ത്യയെ വികസനത്തിന്റെ പുതിയ ഔന്നത്യങ്ങളിലേക്കു നയിക്കാനും പൗരന്‍മാരുടെ ജീവിതനിലവാരം മെച്ചപ്പെടുതുകയും ചെയ്തു: പ്രധാനമന്ത്രി
Quoteഇന്ത്യയില്‍ പിന്നോക്കം പോവാത്ത വളര്‍ച്ച സുസാധ്യമാക്കാനുള്ള കരുത്ത് 'ഇന്‍ഡസ്ട്രി 4.0'ന് ഉണ്ട്: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി
Quoteഇന്ത്യയില്‍ നടന്നുകൊണ്ടിരിക്കുന്ന പ്രവര്‍ത്തനങ്ങള്‍ക്ക് ആവശ്യമായ വേഗവും വ്യാപ്തിയും നേടിയെടുക്കാന്‍ ഇതു സഹായകമാകും: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി
Quoteലോക്കൽ' പരിഹാരം മുതൽ 'ആഗോളപരമായ പ്രയോഗം' വരെ ... ഞങ്ങൾ ഈ പാതയിൽ മുന്നോട്ട് നീങ്ങുകയാണ്‌ : പ്രധാനമന്ത്രി മോദി
Quoteനാലാമത് വ്യാവസായിക വിപ്ളവത്തിൽ ഇന്ത്യ നൽകുന്ന സംഭാവന ലോകത്തെ ആശ്ചര്യപ്പെടുത്തുമെന്ന് നരേന്ദ്രമോദി പറയുന്നു
Quote#DigitalIndia ഗ്രാമങ്ങളിലേക്ക് ഡാറ്റ എത്തിച്ചു ; ലോകത്തെ ഏറ്റവും ഉയർന്ന മൊബൈൽ ഡാറ്റ ഉപഭോഗം ഇന്ത്യയിലാണ് , കൂടാതെ ഏറ്റവും കുറഞ്ഞ വിലയിൽ ഡാറ്റ ലഭിക്കുന്ന രാജ്യം കൂടിയാണ്: പ്രധാനമന്ത്രി

World Economic Forum के President श्री BorgeBrendeउद्योग जगत के सम्‍मानित सदस्‍य, देश-विदेश से आए अन्‍य अतिथिगण और मेरे साथियो।

आप सभी का इस विशेष कार्यक्रम में आने के लिए मैं अभिवादन करता हूं, आभार व्‍यक्‍त करता हूं। मेरे लिए ये बहुत ही सुखद है कि World Economic Forum ने मुझे भारत के पहले और विश्‍व के चौथे Centre of the fourth Industrial Revolution के शुभारंभ पर याद किया।Such a industries for 4.0, सुनने में पहली बार लगता है कि हम इंडस्‍ट्री की बात कर रहे हैं। लेकिन इसके जो component है, जो इसकी ताकत है वो मानव जीवन के वर्तमान और भविष्‍य को बदलने की क्षमता रखती है।

आज के वैश्विक परिदृश्‍य में जिस तरह disruptive, interconnected technologies का उदय हो रहा है वह अभूतपूर्व है। अलग-अलग technologies के बीच ये सामंजस्‍य, समन्‍वय fourth Industrial Revolution या चौथी औद्योगिक क्रांति का आधार बन रहा है। इन technologies के अलग-अलग आयाम पूरी दुनिया में हर स्‍तर परहर समाज में लोगों के रहने का तरीका, कार्य करने का तरीका, संवाद का तरीका लगातार बदल रहा है। ऐसी परिस्थितियों में सनफ्रांसिस्‍को, टोकियो और बीजिंग के बाद अब भारत में इस महत्‍वपूर्ण सेंटर का खुलना भविष्‍य की असीम संभावनाओं के द्वार खोलता है।

मैं World Economic Forum को इस पहल के लिए बहुत-बहुत बधाई और धन्‍यवाद देता हूं।Fourth Industrial Revolutionको कैसे विस्‍तार मिल रहा है, कैसे ये दुनियाभर में अपना प्रभाव दिखा रहा है, ये आप भलीभांति जानते हैं। आप इसके experts हैं, इनकी बारीकियों को समझते हैं। इसकी महत्‍ता से आगे बढ़कर आज हम सभी के लिए ये समझना बहुत आवश्‍यक है कि ये Revolutionभारत के लिए क्‍यों महत्‍वपूर्ण है और क्‍यों भारत में आज पूरा सामर्थ्‍य है इस Revolutionका पूरा लाभ उठाने का। इससे जुड़ी तमाम तकनीकों का पूरी क्षमता के साथ लागू करने का, artificial intelligence, machine learning, internet of things, block chain, big data , और ऐसी तमाम नई तकनीकों में भारत के विकास को नई ऊंचाई पर ले जाने, रोजगार के लाखों नए अवसर बनाने और देश के प्रत्‍येक व्‍यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने की क्षमता है।

भारत की युवा ऊर्जा, information technology के क्षेत्र में उसका दशकों का अनुभव, startups का vibrant eco system इस क्षमता को और बढ़ाता है। आज जब भारत New India के संकल्‍प के साथ आगे बढ़ रहा है, अपने सामर्थ्‍य और संसाधनों को मजबूत कर रहा है, तो उसे Fourth Industrial Revolutionका साथ मिलना सोने पर सुहागे की तरह हो गया है।

भारत इसे सिर्फ Industry में परिवर्तन के तौर पर नहीं, बल्कि इसे सामाजिक परिवर्तन के आधार के तौर पर भी देख रहा है।Industry एक प्‍लेटफॉर्म है, production एक process है और technology एक tool है, लेकिन इसका अंतिम लक्ष्‍य समाज की आखिरी पंक्ति में बैठे व्‍यक्ति के जीवन को आसान बनाना है, उसमें बदलाव लाना है।

साथियो, मैं Industry 4.0 में वो ताकत देख रहा हूं जो सामाजिक एवं आर्थिक व्‍यवस्‍था से जुड़ी अनेक कमजोरियों को हमेशा-हमेशा केलिए खत्‍म कर सकती है। भारत में एकe-reversible positive change लाएगी।मेरा दृढ़ विश्‍वास है कि Industry 4.0 का इस्‍तेमाल करके भारत की गरीबी को समाप्‍त करने में बहुत अहम भूमिका निभाई जा सकती है। देश के गरीब, वंचित वर्ग को, समाज के उपेक्षित वर्ग के जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है।

भारत जैसे विशाल और विविधता से भरे देश में जिस speed और scale से काम करने की जरूरत है, उसमें E-revolution हमारी बहुत मदद कर सकता है।

सा‍थियो, बिना नींव के कोई भी इमारत खड़ी नहीं हो सकती। Industry 4.0 की सफलता भी इसी पर टिकी है कि किस देश में इसके लिए आवश्‍यक नींव तैयार है, सबसे मजबूत है। आज मुझे गर्व है कि पिछले साढ़े चार साल में हमारी सरकार ने चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए भारत को तैयार करने में कई महत्‍वपूर्ण initiative लिए हैं और सफलता हासिल की है। मेरे इस आत्‍मविश्‍वास के पीछे, इस उत्‍साह के पीछे जो वजह है उसे भी मैं आपके सामने विस्‍तार से रखना चाहता हूं।

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Friends, Industry 4.0 में सिर्फ एक शब्‍द निकाल दिया जाए तो उसके कोई मायने नहीं रह जाएंगे। ये शब्‍द है digital, लेकिन यही शब्‍द आज बदलते हुए भारत की बड़ी पहचान है।Digital India अभियान ने data को भारत के गांव-गांव तक पहुंचा दिया है।पिछले चार-साढ़े चार वर्षों में देश के telecom infrastructure को मजबूत करने के लिए सरकार ने पहले के मुकाबले छह गुना ज्‍यादा निवेश किया है।

साथियो, twenty fourteen में भारत के 61 करोड़ लोगों के पास digital identity थी। आज भारत के 120 करोड़ से ज्‍यादा लोगों के पास आधार कार्ड है, अपनी digital पहचान है।Twenty fourteen में भारत में आठ लाख से कम mobile based trans-receiver stations थे, आज इनकी संख्‍या 18 लाख से ज्‍यादा हो चुकी है।Twenty fourteen में भारत में overall tally densityseventy five percent थी, आज ये बढ़ करके ninety three percent हो गई है।Twenty fourteen मेंभारत मेंmobile internet subscription की संख्‍या 23 करोड़ थी, आज ये बढ़कर दोगुने से ज्‍यादा यानी करीब 50 करोड़ हो चुकी है। भारत में पिछले चार साल में internet coverage seventy five प्रतिशत से भी ज्‍यादा बढ़ी है। इन वर्षों में भारत सरकार ने तीन लाख किलोमीटर से ज्‍यादा optical fiber बिछाया है। इसी का परिणाम है कि जहांtwenty fourteen से पहले सिर्फ देश की fifty nine पंचायतें हीoptical fiber से जुड़़ी थीं, आज एक लाख से भी ज्‍यादा पंचायतों तक optical fiber पहुंच चुका है। बहुत जल्‍द हम देश की सभी ढाई लाख पंचायतों को इस fiber से जोड़ने के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने जा रहे हैं।

साथियो, twenty fourteen में देश में सिर्फ eighty three thousand common service centreथे। आज भारत में तीन लाख से ज्‍यादा common service centre काम कर रहे हैं। देश के ग्रामीण इलाकों में, दूर-दराज वाले इलाकों में सरकार 32 हजार से ज्‍यादा Wi-Fi hot spots मुहैया कराने पर काम कर रही है।Digital India अभियान ने पिछले चार वर्षों में भारतीयों के जीवन जीने का तरीका बदल दिया है।

साथियो, ये सब Industry 4.0 ही है कि twenty fourteen में एक भारतीय नागरिक जितने mobile data का इस्‍तेमाल करता था, आज उससे तीस गुना से भी ज्‍यादा mobile data इस्‍तेमाल कर रहा है। ये भी दिलचस्‍प है कि आज जहां पूरी दुनिया में सबसे ज्‍यादा mobile data consumption भारत में हो रहा है, वहीं पूरी दुनिया में सबसे सस्‍ता data भी भारत में ही उपलब्‍ध है। इसकी वजह है कि twenty fourteen के बाद से भारत में mobile data की कीमत में ninety प्रतिशत से ज्‍यादा की कमी आई है।

साथियो, ऐसी growth story आपको दुनिया के किसी देश में सुनने को नहीं मिलेगी। भारत की ये success story अप्रत्‍याशित है। आज भारत दुनिया के सबसे विशाल digital infrastructure वाले देशों में से एक है। आधार, unified payment interface यानी UPI, e-sign, e-national agriculture market यानी ENAM, government e-market place यानी GEM, digi-locker जैसे unique interfaces भारत को artificial intelligence के माध्‍यम से technology leader बनने में मदद कर रहे हैं। इनकी वजह से ज्‍यादा से ज्‍यादा लोग तेजी के साथ digital technology से जुड़ रहे हैं। भारत के digital infrastructure ने देश के startups को भी इन platform पर innovate करने का मौका दिया है। ये innovations देश के MSME sector को मजबूत करने का भी काम कर रहे हैं।

साथियो, भारत में artificial intelligence पर रिसर्च से जुड़ा robbers eco system तैयार करने के लिए national strategy कुछ महीने पहले ही बनाई जा चुकी है। ‘सबका साथ-सबका विकास’ के vision पर चलते हुए artificial intelligence for all का नाम दिया गया है। कैसे research eco system बनाया जाएगा, adaption को promote किया जाएगा, skilling challenges को निपटा जाएगा; इन सभी महत्‍वपूर्ण विषयों पर इसमें विस्‍तार से चर्चा की गई है।

विशेष ध्‍यान उन सेक्‍टरों पर दिया गया है जो भारतीय जनमानस से भी जुड़ते हैं, जैसे-कृषि, स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा। इन क्षेत्रों में सरकार द्वारा अनेक pilot project पर काम शुरू किया जा चुका है। इसी कड़ी में पिछले दिनों mobility पर एक बड़ी conference भी हमने यहीं पर आयोजित की है।

साथियो, मुंबई में WEF का ये नया सेंटर इस कड़ी को और मजबूत करने का काम करेगा। ये सेंटर ‘सबका साथ-सबका विकास’ की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के लिए प्रेरक और पूरक की तरह काम करेगा। ये सेंटर नई-नई उभरती technologies के इर्द-गिर्द सरकार की नीतियों को डिजाइन करने में मदद करेगा। ये सेंटर भारत के public sector, private sector, विभिन्‍न राज्‍य सरकारों के काम में नई चेतना जगाने, industry 4.0 के नए आयामों को आगे ले जाने में बहुत बड़ी मात्रा में मदद करेगा।

मुझे बताया गया है कि महाराष्‍ट्र सरकार के साथ इस सेंटर ने grown और internet up thinks के माध्‍यम से government services को सुधारने के लिए एक प्रोजेक्‍ट पर काम शुरू कर दिया है। और इसके लिए मैं महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री को जरूर बधाई देता हूं। मुझे उम्‍मीद है कि आने वाले समय में हर राज्‍य में ऐसी अनेक परियोजनाएं शुरू होंगी।

सा‍थियो, भारत में industry 4.0 की मजबूती से, artificial intelligence के विस्‍तार से जहां एक तरफ देश के लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़ी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, वहीं इलाज पर होने वाला उनका खर्च भी कम होगा। कृषि क्षेत्र में इसका विस्‍तार होने से एक तरफ किसानों की उपज बढ़ेगी, अनाज की बरबादी रुकेगी तो दूसरी तरफ उनकी आय में भी वृद्धि होगी। ये तकनीक भारत के किसानों को मौसम, फसल और बीज बोने के चक्र के संबंध में सही फैसला लेने में मदद कर सकती है। ये smart city और भारत में 21वीं सदी के infrastructure को मजबूत करने के साथ ही देश के गांव-गांव तक connectivity बढ़ाने में मदद कर सकती है।

Smart mobility से लेकर transportation तक और शहरों में जाम की समस्‍या से छुटकारा दिलाने में भी नई तकनीकों से भारत को सहायता मिलने वाली है। हमारा देश भाषाई विविधता से सम्‍पन्‍न है।artificial intelligence की मदद से अलग-अलग बोलियों और भाषाओं में विचारों का आदान-प्रदान और आसान हो सकता है।

ऐसे ही भारत के मेरे दिव्‍यांग भाई-बहनों के सामर्थ्‍य को और मजबूत करने में, उनके जीवन में आने वाली परेशानियों को कम करने में भी artificial intelligence की बहुत बड़ी भूमिका है, उसके अनेक उपयोग हैं।

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साथियो, इन सभी प्रमुख विषयों में अलग-अलग स्‍तर पर भारत में काम शुरू हो चुका है। इन कार्यों में solve for India, solve for the World का लक्ष्‍य भी समाहित है। हम local solution से global application की तरफ भी बढ़ रहे हैं। इसमें एक और technology की भूमिका बहुत महत्‍वपूर्ण है, ये है block chain. ये technologyminimumgovernment, maximum governance की सरकार के vision के साथ जुड़ती है, उसे आगे बढ़ाती है। इसकी मदद से self governance और self certificationको और विस्‍तार दिया जा रहा है और भविष्‍य की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। तमाम सरकारी प्रक्रियाओं, उलझनों, अड़चनों को इसकी मदद से दूर किया जा सकता है। इन प्रक्रियाओं में सुधार से पारदर्शिता बढ़ेगी, भ्रष्‍टाचार कम होगा, अपराध कम होंगे और इन सबका सीधा प्रभाव भातर के नागरिकों की ease of living पर पड़ेगा ।

साथियो, black block chain technology का विस्‍तार भारत कोease of doing business ranking में बहुत ऊपर लाने की भी क्षमता रखता है। सरकार की तमाम सेवाएं, प्राकृतिक संसाधनों का management, संपत्ति का रजिस्‍ट्रेशन, contract, power connection, कितने ही कार्यों में इसकी मदद से और तेजी लाई जा सकती है। यही समझते हुए भारत मेंblock chain पर भी national strategy बनाने के लिए तेजी से काम हो रहा है। इसमें उसे मुंबई में WEF के इस नए सेंटर से भी मदद मिलेगी।

मैं आपको ये भी जानकारी देना चाहता हूं कि भारत बहुत ही जल्‍दी अपनी drones policy का भी ऐलान करने वाला है। सा‍थियो, जब पहली औद्योगिक क्रांति हुई तो भारत गुलाम था। जब दूसरी औद्योगिक क्रांति हुई, तब भी भारत गुलाम था। जब तीसरी औद्योगिक क्रांति हुई तो भारत स्‍वतंत्रता के बाद मिली चुनौतियों से ही निपटने में संघर्ष कर रहा था। लेकिन अब 21वीं सदी का भारत बदल चुका है। मैं आज पूरे विश्‍वास से अपने देश के 130 करोड़ लोगों के सामर्थ्‍य से कह रहा हूं कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति के लाभ से वंचित नहीं रहेगा, बल्कि मैं मानता हूं कि चौथी औद्योगिक क्रांति में भारत का योगदान पूरे विश्‍व को चौंकाने वाला होगा; अभूतपूर्व, अप्रत्‍याशित, अकल्‍पनीय योगदान भारत का होगा।

हमारी विविधता, हमारी demographic potential, fast growing market size और digital infrastructure भारत को research और implementation का global hub बनाने की क्षमता रखता है। भारत में होने वाले innovations का लाभ पूरी दुनिया को मिलेगा, पूरी मानवता को मिलेगा।

साथियो, आज इस मंच पर मैं एक और महत्‍वपूर्ण विषय पर अपनी बात रखना चाहता हूं। कुछ लोग चिंता करते हैं कि technology का ये उत्‍थान रोजगार कम कर देगा, लेकिन सच्‍चाई ये है कि मानव जीवन की जिन-जिन वास्‍तविकताओं को हमने आज तक छुआ तक नहीं है, उसके द्वार अब industry 4.0 द्वारा खुलने वाले हैं। ये nature of job को काफी हद तक बदलेगा, नए अवसर पैदा करेगा। इस वास्‍तविकता को समझते हुए ही भारत सरकार Skill India Mission, Start Up India, Stand Up India, Attal Innovation mission जैसे कार्यक्रम चला रही है। हमारे देश का युवा बदलती हुई तकनीकों के लिए तैयार हो सके, उस पर पहले से काम किया जा रहा है।

साथियो, दस साल बाद ये दुनिया कहां होगी, इस हॉल में बैठा हुआ कोई व्‍यक्ति नहीं बता सकता। ये भी कोई नहीं बता सकता कि पांचवी औद्योगिक क्रांति अब कितनी दूर है। ठीक है, पहले की तीन औद्योगिक क्रांति लगभग 100 साल के अंतराल पर आईं, लेकिन हम ये भी तो देख रहे हैं कि चौथी क्रांति ने 30-40 साल पहले ही दस्‍तक दे दी है। पिछले एक-दो दशक को ही देखें तो अनगिनत चीजों का आविष्‍कार हुआ और वो लुप्‍त भी हो गईं।Technology ने समय को जैसे squeeze कर दिया है। Industry 4.0 से 5.0 का बदलाव अब 100 साल इंतजार नहीं करेगा, इसलिए भारतIndustry 4.0 को लेकर बहुत गंभीर है। यही समय है अपने पूरे सामर्थ्‍य के साथ जुट जाने का।

मैं ये भी चाहता हूं कि हम आने वाले कुछ महीनों में ही भारत में एक Industries 4.0पार्क भी स्‍थापित हो। मैं आप सभी का, देश के उद्योग जगत का, सभी राज्‍य सरकारों का, civil society का, enterporaresका आह्वान करता हूं कि इस क्रांति के साथ आएं, साथ जुटें और इसे मिल करके, हम सब मिल करके धरातल पर उतारें।

सा‍थियो, हमारी सरकार की सोच खुली हुई है। हमारे विचार खुले हुए हैं। जो भी frame work बनाना हो, जो भी protocol तय करना हो, जो भी policy बनानी हो, नए भारत के हित में, भारतीयों के हित में जो कुछ भी करना हो, हम करने के लिए हमेशा तैयार हैं। आपके हर सुझाव, आपके हर अनुभव का हम हमेशा स्‍वागत करते हैं। सरकार हर समय तैयार है, तत्‍पर है। हम ये ठानकर बैठे हैं कि अब इस बार भारत को झुकने नहीं देंगे।

मैं एक बार फिर आप सभी कोCentre for Fourth Industrial Revolution के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं और मैं मेरी बात को समाप्‍त करता हूं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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PM chairs 48th PRAGATI meeting
June 25, 2025
QuotePM reviews key projects in Mines, Railways, and Water Resources; calling for time-bound execution
QuoteFocus on Health equity: PM urges States to fast-track development of Health Infrastructure in remote and Aspirational districts
QuotePM highlights strategic role of Defence self-reliance; encourages nationwide adoption of best practices

Prime Minister Shri Narendra Modi chaired the 48th meeting of PRAGATI, the ICT-enabled, multi-modal platform aimed at fostering Pro-Active Governance and Timely Implementation, by seamlessly integrating efforts of the Central and State governments, at South Block, earlier today.

During the meeting, Prime Minister reviewed certain critical infrastructure projects across the Mines, Railways, and Water Resources sectors. These projects, pivotal to economic growth and public welfare, were reviewed with a focus on timelines, inter-agency coordination, and issue resolution.

Prime Minister underscored that delays in project execution come at the dual cost of escalating financial outlays and denying citizens timely access to essential services and infrastructure. He urged officials, both at the Central and State levels, to adopt a results-driven approach to translate opportunity into improving lives.

During a review of Prime Minister-Ayushman Bharat Health Infrastructure Mission (PM-ABHIM), Prime Minister urged all States to accelerate the development of health infrastructure, with a special focus on Aspirational Districts, as well as remote, tribal, and border areas. He emphasized that equitable access to quality healthcare must be ensured for the poor, marginalized, and underserved populations, and called for urgent and sustained efforts to bridge existing gaps in critical health services across these regions.

Prime Minister emphasised that PM-ABHIM provides a golden opportunity to States to strengthen their primary, tertiary and specialised health infrastructure at Block, District and State level to provide quality health care and services.

Prime Minister reviewed exemplary practices fostering Aatmanirbharta in the defence sector, undertaken by various Ministries, Departments, and States/UTs. He lauded these initiatives for their strategic significance and their potential to spur innovation across the defence ecosystem. Underscoring their broader relevance, Prime Minister cited the success of Operation Sindoor, executed with indigenous capabilities, as a powerful testament to India’s advancing self-reliance in defence sector.

Prime Minister also highlighted how the States can avail the opportunity to strengthen the ecosystem and contribute to Aatmanirbharta in defence sector.