पल्लवी घोष-  पहले मेरे राज्य में आपका बहुत-बहुत आगमन एंड वेलकम

पीएम मोदी- मैं बहुत आभारी हूं, आपका भी आभारी हूं, पूरे बंगाल का आभारी हूं, और मेरे जीवन की शुरुआत में बंगाल की बहुत बड़ी भूमिका रही है और आज मुझे मां के चरणों में जाकर के यहां पर आशीर्वाद लेने का मौका मिला तो मेरे लिए शुभ अवसर है। 

पल्लवी घोष- प्रधानमंत्री जी सुबह से तृणमूल का कहना है कि आप आउटसाइडर हो बीजेपी का कहना है कि बंगल मने रोदी हमारे मन में प्रधानमंत्री है आप अपने आप को आउटसाइडर तो नहीं समझते हो आपका जवाब क्या होगा तृणमूल कांग्रेस को। 

पीएम मोदी - ऐसा है शायद कुछ लोगों की इतनी बैंक्रप्सी है कि वो पोलिटिकल नैरेटिव गढ़ नहीं पा रहे हैं। आइडियोलॉजी पर, विजन पर डेवलपमेंट के प्रोग्राम पर, उस पर कोई बात करे तो उसका एक वैल्यू है जब वो कुछ नहीं होता है तो फिर ऐसी बातें करनी पड़ती है जो किसी भी देशवासी को अपमानित करती है। और उनको अंदाज नहीं है कि इसका नुकसान देश में बंगाली समाज को भी होता है। यह कभी नहीं करना चाहिए इस देश का किसी भी कोने में रहने वाला व्यक्ति उसके प्रति हमारा वही भाव होना चाहिए और वैसे तो हम लोग वसुधैव कुटुंबकम वाले हैं, पूरे विश्व को परिवार मानते हैं, तो हमें ये शोभा नहीं देता है।

पल्लवी घोष- प्रधानमंत्री जी मैं संदेशखाली से हाल ही में होकर आई हूं और वहां पर मैंने बहुत सारी महिलाओं से बात करने की कोशिश की लेकिन कुछ सहमे हुए हैं उनको उम्मीद है कि वोट से शायद उनको वो मौका मिलेगा बोलने का आप नारीशक्ति पर बहुत जोर डालते हैं संदेशखाली को लेकर आपको क्या कहना है?

पीएम मोदी- मैं बताता हूं, सबसे पहले तो मैं संदेशखाली के उन सभी बहनों का चरण स्पर्श करता हूं। उन्होंने इतनी हिम्मत दिखाई उन्होंने व्यक्तिगत प्रतिष्ठा की चिंता नहीं की, क्या परिणाम होगा उसकी चिंता नहीं की और वह इतने बड़े भयंकर षड्यंत्र को उन्होंने लोगों के सामने उजागर किया। मैंने आज मेरी एक सभा थी बहन रेखा पात्रा जी हमारी उम्मीदवार है मैंने उसका भाषण सुना मैं आश्चर्य चकित था। क्या एनर्जी थी क्या आइडियोजी थी, क्या फ्लो था शायद टीएमसी के पास रेखा पात्रा जैसा भी एक ओरेटर नहीं होगा। झूग्गी- झोपड़ी में पली हुई, मतलब वो भीतर से उसके दिल की आवाज बोल रही थी। जहां तक बीजेपी का सवाल है हमने दो दिशाओं में काम किया है। एक नारी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कानूनी जैसे हमने रेप के मामले में फांसी की सजा उस दिशा में हम लोग गए हैं। उसी प्रकार से हमने आरक्षण की व्यवस्था की महिलाओं के लिए। हम तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने के लिए काम कर रहे हैं। हमने घर की मालकिन महिलाओं को बनाया, तो एंपावरमेंट ऑफ वूमेन, एक तरफ वो काम है, दूसरी तरफ हम देश में एक वातावरण, आपको मालूम होगा लाल किले पर मेरा पहला भाषण था मैं बिल्कुल नया था और मैंने एक सवाल पूछा कोई मुझे बताए कि बेटी अगर शाम को आने से देर हो जाए तो पूरा परिवार पूछता है कहां गई थी? क्यों देर से आई? क्या कर रही थी? लेकिन बेटा अगर रात को 11 बजे भी आ जाए तो मां पूछती बेटा खाना खाया ना? यह क्यों? ये लाल किले से मैंने बोला था। क्योंकि मैं मानता हूं हमारी सामाजिक मनःस्थिथि में में भी यह बदलाव लाना जरूरी है। और मैं कोशिश कर रहा हूं और मुझे विश्वास है कि बंगाल की महिलाओं के मन में यह जो एक असुरक्षा का भाव है, यह सबसे बड़ा चिंता का विषय है। हमारी कोशिश रहेगी कि हम उस दिशा में कानून का उपयोग स्टेट गवर्नमेंट को समझा करके या डायरेक्ट अफसरों से बात करके कोई ना कोई रास्ता खोजना पड़ेगा। 

पल्लवी घोष- बांग्ला विरोधी मोदी भी आपको कहा जाता है मैं बात कर रही हूं ओबीसी कोलकाता हाईकोर्ट का जो ऑर्डर है उस पर आपको क्या कहना है? 

पीएम मोदी- यह बहुत महत्त्वपूर्ण मुद्दा है यह किसी के विरोध में नहीं है। भारत की संविधान सभा ने आरक्षण किसको मिले उसकी बड़ी चर्चा की थी। और भारत के बाबासाहब आंबेडकर कहो डॉक्टर राजेंद्र बाबू कहो पंडित नेहरू कहो, सबने सहमति से तय किया कि धर्म के आधार पर एक बार देश बट गया अब धर्म के आधार पर देश के टुकड़े नहीं होने चाहिए। और उसी में से आया धर्म के नाम पर आरक्षण नहीं होना चाहिए। अब इन्होंने क्या किया मुसलमानों को आरक्षण वोट बैंक के लिए... 

पल्लवी घोष- राहुल गांधी भी यही कहते है... 

पीएम मोदी-  ये आंध्र ने भी किया, कर्नाटक ने किया। लेकिन अदालतों ने इसको मना कर दिया कि भाई यहां नहीं कर सकते हो। तो इन्होने पिछले दरवाजे से रातोंरात मुस्लिम समाज के अलग-अलग समुदायों को ओबीसी बना दिया। और ओबीसी का जो हक था उसको लूट लिया, डाका डाल दिया। मैं कलकता हाईकोर्ट का आभारी हूं कि चर्चा चल रही थी लेकिन कोई उस पर ठप्पा नहीं मार पाया।   ज्यूटिशियरी ने ये सारे पाप को उजागर कर दिया है और इसके कारण देश में एक जो चर्चा पोलिटिकली लगती थी, वो पोलिटिकल चर्चा नहीं थी। लोगों के अधिकारों की चर्चा थी और उसको एक बहुत बड़ा बल मिला है। और इसके कारण बोखला करके अदालत को गाली देना, जजेज को गाली देना, ये तरीका शोभा नहीं देता है। 

पल्लवी घोष-  प्रधानमंत्री जी मैं ज्यादा सब टाइम आपका नहीं लूंगी मैं जानती हूं आप... एक सवाल और पूछूंगी यहां पर एक प्रॉब्लम है,  सुवेंदु दा भी अक्सर हमें बोलते थे नौकरियों की... गूगल और आमेजन जैसे बड़े इनवेस्टमेंट कंपनीज यहां दुकान नहीं खोलना चाहते... बहुत युवाओं ने मुझे ये कहा है... आपका एक सपना है, आपने कहा है एक इंटरव्यू में कि तीसरे कार्यकाल में आप इन पर जोर देंगे बंगाल के लड़कों के और लड़कियों के लिए क्या सपना है। 

पीएम मोदी - आप देखिए हिंदुस्तान का इतिहास पूरे देश को बंगाल ने लीडरशिप दी है, देश की इकोनॉमी को बंगाल ड्राइव करता था, अंग्रेजों के भी मुंह में पानी छूट गया था कोलकाता को लेकर के। पूरी दुनिया पागल होकर के कोलकाता आना चाहती थी, ये महान विरासत है इस जगह की, यहां के लोगों की टैलेंट यहां के लोगों का सामर्थ्य, यहां की भूमि की ताकत इतनी पदावर भूमि है, यहां के मिनरल्स, यानी एक प्रकार से समृद्धि का भंडार है। लेकिन इन्वेस्टर भाग गए, क्योंकि पहले लाल झंडे वालों ने बर्बाद करके रख दिया। छुट्टियां, हर दिन हड़ताल, हर दिन हड़ताल, इन्होंने आकर के उसी मॉडल को ले लिया और इन्होंने तो शुरुआत की कोई इंडस्ट्री ना आए, इसकी लड़ाइयां लड़ी। आज एक तरफ आपने इंडस्ट्री को भगाया, अब इन्वेस्टर समिट कर रही हो, तो किसी के गले नहीं उतड़ रहा है। घर आई हुई इंडस्ट्री को आपने लात मार कर के भगा दिया, अब आप इन्वेस्टर समिट का नाटक करोगी तो कौन आएगा। आज उत्तर प्रदेश में बहुत बड़ी मात्रा में इन्वेस्टमेंट आ रहा है, क्यों? उन्होंने सुरक्षा का प्रबंध किया, उन्होंने ट्रांसपेरेंसी का प्रबंध किया, उन्होंने ब्यूरोक्रेसी को मोबिलाइज किया। उत्तर प्रदेश जहां पहले आने से लोग डरते थे, आज पूरी कतार खड़ी हो गई है, ये मैं बंगाल में भी देख सकता हूं। सिर्फ पांच साल के भीतर-भीतर एक बार यहां की सरकार अपनी आदतें बदले, दुनिया यहां आने को तैयार है। 

पल्लवी घोष- वायलेंस का डर है यहां पर पोस्ट पोल वायलेंस? 

पीएम मोदी- इसलिए मैं कहता हूं सुरक्षा, सुरक्षा बहुत बड़ी बात है, वरना कोई नहीं आता है। बहुत-बहुत धन्यवाद जी...

पल्लवी घोष- थैंक यू वेरी मच हमसे बात करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

  • Pintu Sen May 06, 2025

    joy Shree ram
  • Jitendra Kumar May 02, 2025

    ❤️🇮🇳🙏
  • Shubhendra Singh Gaur April 03, 2025

    जय श्री राम ।
  • Shubhendra Singh Gaur April 03, 2025

    जय श्री राम
  • बबिता श्रीवास्तव February 01, 2025

    हर हर मोदी घर घर मोदी
  • Jayanta Kumar Bhadra January 24, 2025

    om 🕉 🕉 namaste namaste namaste
  • PawanJatasra January 19, 2025

    🙏🙏
  • krishangopal sharma Bjp January 04, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌹🌷🌷🌷🌷
  • krishangopal sharma Bjp January 04, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌹🌷🌷🌷🌷🌷
  • krishangopal sharma Bjp January 04, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷
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Let this Yoga Day mark the beginning of Yoga for Humanity 2.0, where Inner Peace becomes Global Policy: PM Modi
June 21, 2025
QuoteYoga has united the entire world: PM
QuoteYoga is for Everyone, Beyond Boundaries, Beyond Backgrounds, Beyond age or ability: PM
QuoteYoga leads us on a journey towards oneness with the world, It teaches us that we are not isolated individuals but part of nature: PM
QuoteYoga is a system that takes us from Me to We: PM
QuoteYoga is the pause button humanity needs, to breathe, to balance, to become whole again: PM
QuoteLet this Yoga Day mark the beginning of Yoga for Humanity 2.0, where Inner Peace becomes Global Policy: PM

आंध्र प्रदेश के राज्यपाल सैयद अब्दुल नजीर जी, यहां के लोकप्रिय मुख्यमंत्री, मेरे परम मित्र चंद्रबाबू नायडू गारू, केंद्रीय कैबिनेट के मेरे सहयोगी, के. राममोहन नायडू जी, प्रतापराव जाधव जी, चंद्रशेखर जी, भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा जी, राज्य के डिप्टी सीएम पवन कल्याण गारू, अन्य महानुभाव और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों! आप सबको नमस्कार!

देश और दुनियाभर के सभी लोगों को इंटरनेशनल योग डे की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आज 11वीं बार पूरा विश्व 21 जून को एक साथ योग कर रहा है। योग का सीधा-साधा अर्थ होता है जुड़ना और ये देखना सुखद है कि कैसे योग ने पूरे विश्व को जोड़ा है। मैं बीते एक दशक में योग की यात्रा को जब देखता हूं, तो बहुत कुछ याद आता है। वो दिन जब संयुक्त राष्ट्र में भारत ने प्रस्ताव रखा कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता मिले और तब कम से कम समय में दुनिया के 175 देश हमारे इस प्रस्ताव के साथ खड़े हुए। आज की दुनिया में ऐसी एकजुटता, ऐसा समर्थन सामान्य घटना नहीं है। ये सिर्फ एक प्रस्ताव का समर्थन भर नहीं था, ये मानवता के भले के लिए दुनिया का सामूहिक प्रयास था। आज 11 साल बाद, हम देख रहे हैं कि योग दुनियाभर में करोड़ों लोगों की जीवन शैली का हिस्सा बन चुका है। मुझे गर्व होता है, जब मैं देखता हूँ कि हमारे दिव्यांग साथी ब्रेल में योग शास्त्र पढ़ते हैं, वैज्ञानिक अंतरिक्ष में योग करते हैं, गांव-गांव में युवा साथी योग ओलंपियाड में भाग लेते हैं। यहां सामने देखिये, ये नेवी के सभी जहाजों में भी अभी बहुत शानदार योगा कार्यक्रम चल रहा है। चाहे सिडनी ओपेरा हाउस की सीढ़ियाँ हों, या एवरेस्ट की चोटी हो, या फिर समंदर का विस्तार हो, हर जगह से एक ही संदेश आता है— योग सभी का है, और सभी के लिए है। Yoga is for Everyone, Beyond Boundaries, Beyond Backgrounds, Beyond age or ability.

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साथियों,

आज मुझे इस बात की खुशी है कि हम सभी विशाखापट्टनम में हैं। ये शहर प्रकृति और प्रगति, दोनों की संगम स्थली है। यहां के लोगों ने इतना अच्छा आयोजन किया है। मैं चंद्रबाबू नायडू गारु और पवन कल्याण गारू को बधाई देता हूं, आपके नेतृत्व में आंध्र प्रदेश ने योगांध्रा अभियान का एक शानदार initiative लिया। मैं विशेष तौर पर नारा लोकेश गारू के प्रयासों की भी विशेष प्रशंसा करना चाहता हूं। योग का सोशल सेलिब्रेशन कैसे होना चाहिए, समाज के हर वर्ग को कैसे जोड़ना चाहिए, ये उन्होंने बीते एक डेढ़ महीने के इस योगांध्रा अभियान में करके दिखाया है, और इसके लिए भाई लोकेश अनेक अनेक बधाई के पात्र हैं। और मैं तो देशवासियों को भी कहूंगा कि ऐसे अवसरों को आप किस प्रकार से सामाजिक स्तर पर गहराई से ले जाया जा सकता है, भाई लोकेश ने जो काम किया है, उसको एक नमूने के रूप में देखना चाहिए।

साथियों,

मुझे बताया गया है कि योगांध्रा अभियान से दो करोड़ से ज्यादा लोग जुड़े हैं। पब्लिक पार्टिसिपेशन की यही वो स्पिरिट है, जो विकसित भारत का मुख्य आधार है। जब जनता खुद आगे बढ़कर किसी मुहिम को थाम लेती है, किसी लक्ष्य को Own कर लेती है, तो उस लक्ष्य की प्राप्ति से हमें कोई रोक नहीं पाता। जनता-जनार्दन की ये सद-इच्छा औऱ आपके प्रयास यहां इस आयोजन में हर तरफ नजर आ रहे हैं।

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Friends,

The theme of this year’s International Day of Yoga is ‘Yoga for One Earth, One Health’. This theme reflects a deep truth. The health of every entity on Earth is interconnected. Human well-being depends on the health of the soil that grows our food, on the rivers that give us water, on the health of the animals that share our eco-systems, on the plants that nourish us. Yoga awakens us to this inter-connected-ness. Yoga leads us on a journey towards oneness with the world. It teaches us that we are not isolated individuals but part of nature. Initially we learn to take good care of our own health and wellness. Gradually, our care and concern extends to our environment, society and planet. Yoga is a great personal discipline . At the same time, it is a system that takes us from Me to We.

साथियों,

Me to We’ का ये भाव ही भारत की आत्मा का सार है। जब व्यक्ति अपने हित से ऊपर उठकर समाज की सोचता है, तभी पूरी मानवता का हित होता है। भारत की संस्कृति हमें सिखाती है, सर्वे भवन्तु सुखिनः, यानी सभी का कल्याण ही मेरा कर्तव्य है। ‘मैं’ से ‘हम’ की ये यात्रा ही सेवा, समर्पण और सह-अस्तित्व का आधार है। यही सोच सामाजिक समरसता को बढ़ावा देती है।

साथियों,

दुर्भाग्य से आज पूरी दुनिया किसी न किसी तनाव से गुजर रही है। कितने ही क्षेत्रों में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है। ऐसे में योग से हमें शांति की दिशा मिलती है। Yoga is the pause button that humanity needs to breathe to balance to become whole gain.

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मैं विश्व समुदाय से आज के इस महत्वपूर्ण अवसर पर एक आग्रह करूंगा। Let this Yoga Day mark the beginning of Yoga for Humanity 2.O, where Inner Peace becomes Global Policy. जहां योग सिर्फ personal practice न रहे, बल्कि global partnership का माध्यम बने। जहां हर देश, हर समाज, योग को जीवनशैली और लोकनीति का हिस्सा बनाए। जहां हम मिलकर एक शांत, संतुलित और sustainable विश्व को गति दें। जहां योग, विश्व को टकराव से सहयोग, और तनाव से समाधान की ओर ले जाए।

साथियों,

विश्व में योग के प्रसार के लिए भारत, योग की साइंस को आधुनिक रिसर्च से और अधिक सशक्त कर रहा है। देश के बड़े-बड़े मेडिकल संस्थान योग पर रिसर्च में जुटे हैं। योग की वैज्ञानिकता को आधुनिक चिकित्सा पद्धति में स्थान मिले, ये हमारा प्रयास है। हम देश के मेडिकल और रिसर्च इंस्टीट्यूशन्स में, योगा के क्षेत्र में एविडेंस बेस्ड थेरेपी को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं। इस दिशा में दिल्ली के एम्स ने भी बहुत अच्छा काम करके दिखाया है। एम्स की रिसर्च में सामने आया है कि योग की Cardiac और न्यूरोलॉजी डिस्ऑर्डर्स के उपचार और वूमन हेल्थ और Mental Well-being में अहम भूमिका है।

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साथियों,

National Ayush Mission के ज़रिए भी योग और वेलनेस के मंत्र को आगे बढ़ाया जा रहा है। डिजिटल टेक्नोलॉजी ने भी इसमें बड़ी भूमिका निभाई है। Yoga Portal और YogAndhra Portal के ज़रिए, देशभर में 10 लाख से अधिक इवेंट्स का रजिस्ट्रेशन हुआ है। आज देश के कोने-कोने में इतनी सारी जगहों पर आयोजन हो रहे हैं। ये भी दिखाता है कि योग का दायरा कितना ज्यादा बढ़ रहा है।

साथियों,

हम सभी जानते हैं, आज हील इन इंडिया का मंत्र भी दुनिया में काफी पॉपुलर हो रहा है। भारत-दुनिया के लिए हीलिंग का बेस्ट डेस्टिनेशन बन रहा है। योग की इसमें भी बड़ी भूमिका है। मुझे खुशी है कि योग के लिए Common Yoga Protocol बनाया गया है। Yoga Certification Board के साढ़े छह लाख से अधिक trained वॉलंटियर्स, करीब 130 मान्यता प्राप्त संस्थान और मेडिकल कॉलेजों में 10 दिन का योग मॉड्यूल, ऐसे अनेक प्रयास, एक होलिस्टिक इकोसिस्टम तैयार कर रहे हैं। देशभर में हमारे जो आयुष्मान आरोग्य मंदिर हैं, वहां trained योग टीचर तैनात किए जा रहे हैं। दुनियाभर के लोगों को भारत के इस वेलनेस इकोसिस्टम का फायदा मिले, इसलिए विशेष ई-आयुष वीज़ा दिए जा रहे हैं।

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साथियों,

आज योग दिवस पर मैं ओबेसिटी की तरफ भी फिर से सभी का ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा। बढ़ती ओबेसिटी पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा चैलेंज है। मैंने मन की बात कार्यक्रम में भी, इस पर विस्तार से चर्चा की थी। इसके लिए अपने खान-पान में 10 परसेंट ऑयल कम करने का चैलेंज भी शुरु किया था। मैं एक बार फिर देशवासियों से, दुनियाभर के लोगों को इस चैलेंज से जुड़ने का आह्वान करता हूं। अपने खाने में कैसे हम कम से कम 10 परसेंट ऑयल कंजम्शन कम करें, इसके लिए जागरूकता फैलानी है। ऑयल की खपत कम करना, unhealthy diet से बचना और योग करना, ये बेहतर फिटनेस की जड़ी बूटी है।

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साथियों,

आइए, हम सब मिलकर योग को एक जन आंदोलन दोलन बनाएं। एक ऐसा आंदोलन, जो विश्व को शांति, स्वास्थ्य और समरसता की ओर ले जाए। जहां हर व्यक्ति दिन की शुरुआत योग से करे और जीवन में संतुलन पाए। जहां हर समाज योग से जुड़े और तनाव से मुक्त हो। जहां योग मानवता को एक सूत्र में पिरोने का माध्यम बने। और जहां ‘Yoga for One Earth, One Health’ एक वैश्विक संकल्प बन जाए। एक बार फिर आंध्र के नेतृत्व को बधाई देते हुए, आंध्र के लोगों को बधाई देते हुए और विश्वभर में फैले हुए योग practitioners और योग प्रेमियों को बधाई देते हुए, आप सबको अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। धन्यवाद!