പ്രധാനമന്ത്രി നരേന്ദ്രമോദി  നാലാം വ്യാവസായിക വിപ്ലവം, തൊഴിൽ, യുവാക്കൾക്കിടയിൽ നൈപുണ്യവികസനത്തിനെ    പ്രാധാന്യം എന്നതിനെ കുറിച്ചു  സംസാരിച്ചു.വരും കാലങ്ങളിൽ വ്യാവസായിക ഉത്പാദനം, ഡിസൈൻ, മാനുഫാക്ചറിങ് തുടങ്ങിയ മേഖലകളിൽ സമൂലമായ മാറ്റമുണ്ടാകും:പ്രധാനമന്ത്രി മോദിയുവജനങ്ങളെ ഭാവിക്കായി തയാറാക്കുന്നതിനുള്ള പഠനപദ്ധതി, സ്കൂളുകളും സർവ്വകലാശാലകളും തയാറാക്കണം: പ്രധാനമന്ത്രി

Your Excellencies,President Cyril Ramaphosa, 
President Temer, 
President Putin, 
President Xi Jinping, 

आज दुनिया अनेक प्रकार के बदलावों से चौराहे पर है।

नई औद्योगिक technology और digital इंटरफ़ेस जिस नई दुनिया का निर्माण कर रहे हैं, वह एक अवसर भी है, और एक चुनौती भी।

नई प्रणालियों और उत्पादों से आर्थिक प्रगति के नए रास्ते खुलेंगे।

विकास और प्रगति के केंद्र में हमेशा लोग और मानवीय मूल्य सबसे महत्वपूर्ण हैं। इसलिए technology जगत में चौथी औद्योगिक क्रांति के उन परिणामों पर भी हमें गंभीर विचार करने कीज़रुरत है जो हम जैसे देशों की जनता और अर्थव्यवस्था पर दूरगामी प्रभाव डालेंगे।

Industry 4.0 (four point zero) का एक स्वागत योग्य परिणाम होगा अधिक नजदीकी संपर्क। The World will be flatter. जो इसका लाभ उठा सकेंगे वे अधिक प्रगति कर सकेंगे। अनेक वंचित वर्ग technology और विकास की कई अवस्थाओं के पार बड़ी छलांग लगा पाएंगे।

परन्तु, बढ़ती असमानताएं और तेज परिवर्तनों का समाज पर और मानवीय मूल्यों पर क्या प्रभाव होगा, यह कहना मुश्किल है।

Fourth Industrial Revolution में पूंजी से ज्यादा महत्व प्रतिभा का होगा। High-skill परन्तु अस्थाई work रोजगार का नया चेहरा होगा।

Industrial production, design, और manufacturing में मौलिक बदलाव आएंगे। Digital platforms, automation, और data-flows से भौगोलिक दूरियों का महत्व कम हो जाएगा। Digital platforms, e-commerceऔर marketplaces जब ऐसी technologies से जुड़ेंगे, तो एक नए प्रकार के industry और business leaders सामने आएंगे।

वे जिस प्रकार से और जितनी तेज़ी से जितनी संपत्ति, संसाधनों और विचारों पर नियंत्रण कर सकते हैं, या नियंत्रण खो सकते हैं, वह मानव के इतिहास में पहले कभी संभव नहीं था। हम यह नहीं जानते कि इसका परिणाम क्या होगा, लेकिन यह स्पष्ट है कि जो भी होगा गहरा और गंभीर होगा।

ऐसे में, मैं मानता हूँ कि BRICS framework में हमारी चर्चा हमें fourth Industrial revolution के लिए तैयार करने में मदद करेगी।

हमें इस बात पर चर्चा करनी चाहिए कि हम आने वाले समय के लिए अपने आप को किस तरह अच्छी तरह से तैयार कर सकते हैं।

एक अहम सवाल रोजगार के प्रकार और अवसरों का होगा। जहाँ तक हम देख सकते हैं, Traditional manufacturing हमारे युवाओं के लिए रोजगार का एक प्रमुख जरिया बनी रहेगी। दूसरी ओर, हमारे workers के लिए यह अत्यंत आवश्यक होगा कि वे अपनी skills में बदलाव ला सकें।

इसलिए, शिक्षा और कौशल विकास के लिए हमारी नज़रिए और नीतियों में तेज़ी से बदलाव लाना होगा।

School और University पाठ्यक्रम को इस तरह बनाना होगा जिससे ये हमारे युवाओं को भविष्य के लिए तैयार कर सकें। हमें बहुत सजग रहना होगा कि technology के क्षेत्र में आने वाले तेज बदलाव कम से कम उसी गति से पाठ्यक्रमों में स्थान पा सकें।

भारत में, इस उद्देश्य के लिए National Skill Development Mission की शुरूआत की गई है। इसका उद्देश्य हमारे युवाओं को relevant technical और vocational skills प्रदान करना है।

हमारी सरकार का जोर यह सुनिश्चित करने पर है कि affordable और quality technical, vocational तथा उच्च शिक्षा तक महिलाओं, पुरूषों और समाज के सभी वर्गों की समान रूप से पहुंच हो।

Excellencies, 

नए अवसरों का उचित उपयोग एक ओर रोजगार मांगने वालों को रोजगार देने वाला बना सकता है। वहीं दूसरी ओर रोजगार विहीनों के लिए सामाजिक सुरक्षा की सशक्त व्यवस्था अनिवार्य होगी।

सामाजिक सुरक्षा लाभों की portability से डिजिटल युग में skilled workers की mobility सुनिश्चित होगी।

Excellencies, 

बेहतर service delivery, productivity levels बढ़ाने और labour issues के बेहतर management के लिए technological innovations सहायता कर सकते हैं।

भारत में हमारा अनुभव इस मामले में बहुत सकारात्मक रहा है। श्रम कानूनों का पालन, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य बीमा और अनेक सरकारी योजनाओं का लाभार्थियों को सीधा भुगतान technology द्वारा बेहतर delivery का उदाहरण है।

आज के समय में technology सबसे बड़ा disruptor बन चुकी है। Industry 4.0(four point zero) के परिणामों की कल्पना करना भी मुश्किल है।

इस प्रकार के disruption से globalization और migration को बेहतर multilateral coordination और collaboration के माध्यम से manage करना होगा।

खास तौर पर Unorganised sector में skilled, semi-skilled और un-skilled, सभी कामगारों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराना और भी महत्वपूर्ण हो जाएगा।

Cyber Security की चुनौतियों से और उनसे निबटने के लिए एकजुट हो कर काम करने के महत्त्व से हम सब भली भांति परिचित हैं। Industry 4.0 (four point zero) इन चुनौतियों और ज़रूरतों को और भी बढ़ा देगा।

भारत Fourth Industrial Revolution के विषयपर BRICS देशों के साथ मिलकर काम करना चाहता है। इस संबंध में हमें मिलकर best practices और policies साझा करनी चाहिए।

आजकल हो रहे और भविष्य में होने वाले technology परिवर्तनों का BRICS देशों और पूरी दुनिया के लिए महत्त्व को ध्यान में रखते हुए मैं यह सुझाव देना चाहूँगा कि हमारे मंत्रिइस विषय पर और विस्तार से विचार करें। और आवश्यकतानुसार विशेषज्ञों की मदद भी लें।

आप सभी का धन्यवाद।

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It is a matter of immense pride for India that Archbishop George Koovakad will be created as a Cardinal by His Holiness Pope Francis: Prime Minister
December 07, 2024

The Prime Minister remarked today that it was a matter of immense pride for India that Archbishop George Koovakad will be created as a Cardinal by His Holiness Pope Francis.

The Prime Minister’s Office handle in a post on X said:

“It is a matter of immense pride for India that Archbishop George Koovakad will be created as a Cardinal by His Holiness Pope Francis.

The Government of India sent a delegation led by Union Minister Shri George Kurian to witness this Ceremony.

Prior to the Ceremony, the Indian delegation also called on His Holiness Pope Francis.

@Pontifex

@GeorgekurianBjp”