Gujarat Chief Minister sends letter to Prime Minister to forthwith lift ban on cotton export
“Stop conspiring with yarn manufacturers and textile mills”
“Let cotton growers earn foreign exchange for the nation”
- Narendra Modi asks Centre
Gandhinagar, Monday:Gujarat Chief Minister Narendra Modi has in a letter today urged the Prime Minister to forthwith lift ban, suddenly imposed on cotton exports with a doubly malicious intention of forcing farmers to distress sale and at the same time creating an artificial shortage of the commodity. He demanded that the Central Government should permanently lift ban on export of the superior ‘Shankar’ variety of cotton, looking to its great demand in the international market, and particularly China. Mr. Modi in an angry note strongly protested the Central Government’s annual dubious and deliberate exercise of banning export just before the harvest season inIndiawhen international prices rule high, thereby forcing the farmers to sell cotton at even lower than Minimum Support Price (MSP). And by the time the cotton prices fall in the global market, he said, the Centre lifts the ban, making Indian raw cotton uncompetitive. Since cotton growers inIndiado not have efficient means to stock the commodity, he said, they have to perforce depend on the whims and fancy of the traders. The Chief Minister said that this is done to help the Centre’s nexus with certain textiles mills and cotton yarn manufacturers. These mills should have an outstanding stock of 52-lakh bales of raw cotton at the beginning of the season, but they show it to be just 27-lakh bales, using their proximity to the powers that be to mischievously demand ban on export so that they could buy raw cotton at cheap prices. Even as cotton production is expected to be around 365-lakh bales this year, Gujarat’s production alone is likely to go up to 116-lakh bales against 98 lakhs last year. While Gujarat is the largest cotton producing state in the country, Mr. Modi pointed that the UPA Government’s action smacks of singling out and hitting the farmers ofGujaratthe most. Last year, the cotton growers ofGujarathad to bear a whopping loss of Rs.14,000-crore on account of the Centre’s anti-farmers policy.
मुख्यमंत्री ने लिखा प्रधानमंत्री को पत्र
कपास निर्यात पर से प्रतिबंध तत्काल हटाने की श्री मोदी की मांग
गुजरात के लाखों कपास उत्पादक किसानों के आर्थिक हितों के साथ खिलवाड़ बंद हो : मुख्यमंत्री
गांधीनगर, सोमवार: मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कपास निर्यात पर भारत सरकार की ओर से एकाएक लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर मांग की है कि कपास के निर्यात पर पाबंदी का यूपीए सरकार के प्रतिवर्ष किए जाने वाले ऐसे मनगढंत निर्णयों से सबसे ज्यादा नुकसान गुजरात के कपास किसानों को होता है और अरबों रुपये का आर्थिक घाटा सहन करना पड़ता है। इसलिए कपास पर से निर्यात का प्रतिबंध तत्काल खत्म किया जाना चाहिए। हर साल केंद्र की विकृत नीति का शिकार देश में सबसे ज्यादा गुजरात के कपास बनते हैं। गुजरात के शंकर कपास की उच्च गुणवत्ता की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी मांग है। इसलिए इसके निर्यात पर लगे केंद्रीय प्रतिबंध में से स्थायी मुक्ति दी जानी चाहिए। श्री मोदी ने प्रधानमंत्री का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया है कि पिछले वर्ष भी कपास के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय कर अचानक गुजरात के किसानों को 14 हजार करोड़ रुपये का भारी-भरकम आर्थिक घाटा करवाया गया और इसके बाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भाव नीचे जाने के बाद कपास के निर्यात की छूट दी गई। इससे भी किसानों को आर्थिक घाटा हुआ। कपास के निर्यात पर प्रतिबंध संबंधी अचानक किए जाने वाले निर्णय पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्रालयों और उसके साथ स्थापित हित रखने वाली कई टैक्सटाइल मिलों और कॉटन यार्न उत्पादक के बीच सांठगाठ हो गई है, क्योंकि इन टैक्सटाइल मिलों-यार्न उत्पादकों के पास 52 लाख कपास गांठों का स्टाक होना चाहिए। लेकिन अभी यह सिर्फ 27 लाख गांठे ही है, इससे साबित होता है कि जान-बूझकर ऐसी साजिश रची जाती है। भारत में कपास की कृत्रिम कमी का षड्यंत्र रचकर अब न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी कम भाव में किसानों का कपास खरीदा जाता है। यह किसान विरोधी षड्यंत्र ही है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गुजरात के शंकर कपास की उत्तम गुणवत्ता की वजह से भारी मांग है, ऐसे में कपास निर्यात पर अचानक प्रतिबंध लगा दिया गया है। कपास उत्पादक किसानों के पास इसका संग्रह करने की कोई व्यवस्था नहीं होती, इसलिए महंगे कपास को किसानों से निम्नतम भावों पर खरीद लेने की यह चाल है। श्री मोदी ने कहा कि गुजरात के कपास किसान कपास के अधिकतम उत्पादन और निर्यात द्वारा देश की अर्थव्यवस्था में भारी योगदान देते हैं, ऐसे में विशाल किसान समाज के हितों की सरेआम उपेक्षा कर राज्य सरकार के साथ परामर्श किए बगैर ऐसा किसान विरोधी निर्णय किस प्रकार लिया जा सकता है? क्या राज्य के कृषि हितों की कोई परवाह नहीं की जाती? श्री मोदी ने पत्र में लिखा है कि इस वर्ष भारत में 365 लाख कपास गांठों का उत्पादन हुआ है और गुजरात के किसानों ने पिछले वर्ष 98 लाख कपास गांठों का उत्पादन किया था। इसकी तुलना में इस वर्ष तो 116 लाख गांठ उत्पादन होने का अनुमान है। गुजरात के किसानों ने उत्तम क्वालिटी के शंकर की गुणवत्ता ऊपर लाने के लिए दस वर्ष से पसीना बहाया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में गुजरात के शंकर कपास की मांग अधिकतम रही है और भाव भी ऊंचे आ रहे हैं। ऐसे में, निर्णयात्मक समय पर गुजरात के लाखों कपास उत्पादकों पर निर्यात पाबंदी का डंडा चलाकर उन्हें कंगाल बनाने की साजिश केंद्र की यूपीए सरकार कर रही है। पिछले वर्ष भी ऐसा ही षड्यंत्र किया गया था और किसानों का आक्रोश बढऩे पर निर्यात पर से प्रतिबंध हटाने का नाटक किया गया था। तब, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भाव घट गए थे और स्थानीय बाजारों में भाव नीचे चले गए थे। तब गुजरात के किसान को कपास बेचने के लिए मजबूर किया गया था, जिससे उन्हें 14 हजार करोड़ रुपये का भारी नुकसान उठाना पड़ा था। केंद्र सरकार ने रातोंरात कपास के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है और इसके साथ ही किसानों द्वारा लिए गए निर्यात के रजिस्ट्रेशन लाइसेंस को भी रद्द कर तानाशाही की सीमाएं लांघ दी गई है। श्री मोदी ने कहा कि गुजरात के कपास की उत्तम गुणवत्ता की वजह से चीन इसका सबसे बड़ा खरीददार है। परन्तु गुजरात का उत्तम कपास ऊंचे भाव पर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बेचकर चीन लाभ कमाता है। जबकि वास्तव में यह फायदा गुजरात के किसान को मिलना चाहिए। इसके बावजूद केंद्र में स्थापित हित रखने वाले टैक्सटाइल मिलों के मालिकों को लाभ करवाने के लिए गुजरात के लाखों किसानों का आर्थिक नुकसान किया जा रहा है। गुजरात का किसान अब इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। मुख्यमंत्री ने कपास के निर्यात पर लगा प्रतिबंध तत्काल हटा लेने और गुजरात के शंकर कपास के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को स्थायी रूप से हटाने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि गुजरात के कपास उत्पादक किसानों के हितों के साथ अन्याय करने की हरकत केंद्र को भारी पड़ेगी।
We are making Delhi a model of growth that reflects the spirit of a developing India: PM Modi
August 17, 2025
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We are making Delhi a model of growth that reflects the spirit of a developing India: PM
The constant endeavour is to ease people's lives, a goal that guides every policy and every decision: PM
For us, reform means the expansion of good governance: PM
Next-generation GST reforms are set to bring double benefits for citizens across the country: PM
To make India stronger, we must take inspiration from Chakradhari Mohan (Shri Krishna), to make India self-reliant, we must follow the path of Charkhadhari Mohan (Mahatma Gandhi): PM
Let us be vocal for local, let us trust and buy products made in India: PM
केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे साथी नितिन गडकरी जी, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जी, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना जी, दिल्ली की मुख्यमंत्री बहन रेखा गुप्ता जी, केंद्र में मंत्री परिषद के मेरे साथी अजय टम्टा जी, हर्ष मल्होत्रा जी, दिल्ली और हरियाणा के सांसद गण, उपस्थित मंत्री गण, अन्य जनप्रतिनिधिगण और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों,
एक्सप्रेसवे का नाम द्वारका, जहां यह कार्यक्रम हो रहा है उस स्थान का नाम रोहिणी, जन्माष्टमी का उल्लास और संयोग से मैं भी द्वारकाधीश की भूमि से हूं, पूरा माहौल बहुत कृष्णमय हो गया है।
साथियों,
अगस्त का यह महीना, आजादी के रंग में, क्रांति के रंग में रंगा होता है। आज़ादी के इसी महोत्सव के बीच आज देश की राजधानी दिल्ली, देश में हो रही विकास क्रांति की साक्षी बन रही है। थोड़ी देर पहले, दिल्ली को द्वारका एक्सप्रेसवे और अर्बन एक्सटेंशन रोड की कनेक्टिविटी मिली है। इससे दिल्ली के, गुरुग्राम के, पूरे NCR के लोगों की सुविधा बढ़ेगी। दफ्तर आना-जाना, फैक्ट्री आना-जाना और आसान होगा, सभी का समय बचेगा। जो व्यापारी-कारोबारी वर्ग है, जो हमारे किसान हैं, उनको विशेष लाभ होने वाला है। दिल्ली-NCR के सभी लोगों को इन आधुनिक सड़कों के लिए, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
साथियों,
परसों 15 अगस्त को लाल किले से मैंने, देश की अर्थव्यवस्था, देश की आत्मनिर्भरता, और देश के आत्मविश्वास पर विश्वास से बात की है। आज का भारत क्या सोच रहा है, उसके सपने क्या हैं, संकल्प क्या हैं, ये सब कुछ आज पूरी दुनिया अनुभव कर रही है।
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और साथियों,
दुनिया जब भारत को देखती है, परखती है, तो उसकी पहली नज़र हमारी राजधानी पर पड़ती है, हमारी दिल्ली पर पड़ती है। इसलिए, दिल्ली को हमें विकास का ऐसा मॉडल बनाना है, जहां सभी को महसूस हो कि हां, यह विकसित होते भारत की राजधानी है।
साथियों,
बीते 11 साल से केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने इसके लिए अलग-अलग स्तरों पर निरंतर काम किया है। अब जैसे कनेक्टिविटी का विषय ही है। दिल्ली-NCR की कनेक्टिविटी में बीते दशक में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। यहां आधुनिक और चौड़े एक्सप्रेसवे हैं, दिल्ली-NCR मेट्रो नेटवर्क के मामले में, दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क इलाकों में से एक है। यहां नमो भारत जैसा, आधुनिक रैपिड रेल सिस्टम है। यानी बीते 11 वर्षों में दिल्ली-NCR में आना-जाना पहले के मुकाबले आसान हुआ है।
साथियों,
दिल्ली को बेहतरीन शहर बनाने का जो बीड़ा हमने उठाया है, वो निरंतर जारी है। आज भी हम सभी इसके साक्षी बने हैं। द्वारका एक्सप्रेसवे हो या फिर अर्बन एक्सटेंशन रोड, दोनों सड़कें शानदार बनी हैं। पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के बाद अब अर्बन एक्सटेंशन रोड से दिल्ली को बहुत मदद मिलने वाली है।
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साथियों,
अर्बन एक्सटेंशन रोड की एक और विशेषता है। यह दिल्ली को कूड़े के पहाड़ों से भी मुक्त करने में मदद कर रही हैं। अर्बन एक्सटेंशन रोड को बनाने में लाखों टन कचरा काम में लाया गया है। यानी कूड़े के पहाड़ को कम करके, उस वेस्ट मटेरियल का इस्तेमाल सड़क बनाने में किया गया है और वैज्ञानिक तरीके से किया गया है। यहां पास में ही भलस्वा लैंडफिल साइट है। यहां आसपास जो परिवार रहते हैं, उनके लिए ये कितनी समस्या है, यह हम सभी जानते हैं। हमारी सरकार, ऐसी हर परेशानी से दिल्ली वालों को मुक्ति दिलाने में जुटी हुई है।
साथियों,
मुझे खुशी है कि रेखा गुप्ता जी के नेतृत्व में दिल्ली की भाजपा सरकार, यमुना जी की सफाई में भी लगातार जुटी हुई है। मुझे बताया गया कि यमुना से इतने कम समय में 16 लाख मीट्रिक टन सिल्ट हटाई जा चुकी है। इतना ही नहीं, बहुत कम समय में ही, दिल्ली में 650 देवी इलेक्ट्रिक बसें शुरू की गई हैं और इतना ही नहीं, भविष्य में भी इलेक्ट्रिक बसें एक बहुत बड़ी मात्रा में करीब-करीब दो हज़ार का आंकड़ा पार कर जाएगी। यह ग्रीन दिल्ली-क्लीन दिल्ली के मंत्र को और मजबूत करता है।
साथियों,
राजधानी दिल्ली में कई बरसों के बाद भाजपा सरकार बनी है। लंबे अरसे तक हम दूर-दूर तक भी सत्ता में नहीं थे और हम देखते हैं कि पिछली सरकारों ने दिल्ली को जिस प्रकार से बर्बाद किया, दिल्ली को ऐसे गड्ढे में गिरा दिया था, मैं जानता हूं, भाजपा की नई सरकार को लंबे अरसे से मुसीबतें बढ़ती जो गई थी, उसमें से दिल्ली को बाहर निकालना कितना कठिन है। पहले तो वो गड्ढा भरने में ताकत जाएगी और फिर बड़ी मुश्किल से कुछ काम नजर आएगा। लेकिन मुझे भरोसा है, दिल्ली में जिस टीम को आपको चुना है, वह मेहनत करके पिछली कई दशकों से जो समस्याओं से गुजरे रहे हैं, उसमें से दिल्ली को बाहर निकाल के रहेंगे।
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साथियों,
यह संयोग भी पहली बार बना है, जब दिल्ली में, हरियाणा में, यूपी और राजस्थान, चारों तरफ भाजपा सरकार है। यह दिखाता है कि इस पूरे क्षेत्र का कितना आशीर्वाद भाजपा पर है, हम सभी पर है। इसलिए हम अपना दायित्व समझकर, दिल्ली-NCR के विकास में जुटे हैं। हालांकि कुछ राजनीतिक दल हैं, जो जनता के इस आशीर्वाद को अभी भी पचा नहीं पा रहे। वो जनता के विश्वास और जमीनी सच्चाई, दोनों से बहुत कट चुके हैं, दूर चले गए हैं। आपको याद होगा, कुछ महीने पहले किस तरह दिल्ली और हरियाणा के लोगों को एक दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की, दुश्मनी बनाने की साजिशें रची गईं, यह तक कह दिया गया कि हरियाणा के लोग दिल्ली के पानी में जहर मिला रहे हैं, इस तरह की नकारात्मक राजनीति से दिल्ली और पूरे एनसीआर को मुक्ति मिली है। अब हम NCR के कायाकल्प का संकल्प लेकर चल रहे हैं। और मुझे विश्वास है, यह हम करके दिखाएंगे।
साथियों,
गुड गवर्नेंस, भाजपा सरकारों की पहचान है। भाजपा सरकारों के लिए जनता-जनार्दन ही सर्वोपरि है। आप ही हमारा हाई कमांड हैं, हमारी लगातार कोशिश रहती है कि जनता का जीवन आसान बनाएं। यही हमारी नीतियों में दिखता है, हमारे निर्णयों में दिखता है। हरियाणा में एक समय कांग्रेस सरकारों का था, जब बिना खर्ची-पर्ची के एक नियुक्ति तक मिलना मुश्किल था। लेकिन हरियाणा में भाजपा सरकार ने लाखों युवाओं को पूरी पारदर्शिता के साथ सरकारी नौकरी दी है। नायब सिंह सैनी जी के नेतृत्व में ये सिलसिला लगातार चल रहा है।
साथियों,
यहां दिल्ली में भी जो झुग्गियों में रहते थे, जिनके पास अपने घर नहीं थे, उनको पक्के घर मिल रहे हैं। जहां बिजली, पानी, गैस कनेक्शन तक नहीं था, वहां यह सारी सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं। और अगर मैं देश की बात करूं, तो बीते 11 सालों में रिकॉर्ड सड़कें, देश में बनी हैं, हमारे रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प हो रहा है। वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें, गर्व से भर देती हैं। छोटे-छोटे शहरों में एयरपोर्ट बन रहे हैं। NCR में ही देखिए, कितने सारे एयरपोर्ट हो गए। अब हिंडन एयरपोर्ट से भी फ्लाइट कई शहरों को जाने लगी है। नोएडा में एयरपोर्ट भी बहुत जल्द बनकर तैयार होने वाला है।
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साथियों,
ये तभी संभव हुआ है, जब बीते दशक में देश ने पुराने तौर-तरीकों को बदला है। देश को जिस स्तर का इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिए था, जितनी तेजी से बनना चाहिए था, वो अतीत में नहीं हुआ। अब जैसे, हमारा ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे हैं। दिल्ली-NCR को इसकी जरूरत कई दशकों से महसूस हो रही थी। यूपीए सरकार के दौरान, इसको लेकर फाइलें चलनी शुरु हुईं। लेकिन काम, तब शुरू हुआ जब आपने हमें सेवा करने का अवसर दिया। जब केंद्र और हरियाणा में भाजपा सरकारें बनीं। आज ये सड़कें, बहुत बड़ी शान से सेवाएं दे रही हैं।
साथियों,
विकास परियोजनाओं को लेकर उदासीनता का यह हाल सिर्फ दिल्ली-एनसीआर का नहीं था, पूरे देश का था। एक तो पहले इंफ्रास्ट्रक्चर पर बजट ही बहुत कम था, जो प्रोजेक्ट सेंक्शन होते भी थे, वो भी सालों-साल तक पूरे नहीं होते थे। बीते 11 सालों में हमने इंफ्रास्ट्रक्चर का बजट 6 गुना से अधिक बढ़ा दिया है। अब योजनाओं को तेजी से पूरा करने पर जोर है। इसलिए आज द्वारका एक्सप्रेसवे जैसे प्रोजेक्ट तैयार हो रहे हैं।
और भाइयों और बहनों.
यह जो इतना सारा पैसा लग रहा है, इससे सिर्फ सुविधाएं नहीं बन रही हैं, यह परियोजनाएं बहुत बड़ी संख्या में रोजगार भी बना रही हैं। जब इतना सारा कंस्ट्रक्शन होता है, तो इसमें लेबर से लेकर इंजीनियर तक, लाखों साथियों को काम मिलता है। जो कंस्ट्रक्शन मटेरियल यूज़ होता है, उससे जुड़ी फैक्ट्रियों में, दुकानों में नौकरियां बढ़ती हैं। ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स में रोजगार बनते हैं।
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साथियों,
लंबे समय तक जिन्होंने सरकारें चलाई हैं, उनके लिए जनता पर शासन करना ही सबसे बड़ा लक्ष्य था। हमारा प्रयास है कि जनता के जीवन से सरकार का दबाव और दखल, दोनों समाप्त करें। पहले क्या स्थिति थी, इसका एक और उदाहरण मैं आपको देता हूं, दिल्ली में, यह सुनकर के आप चौंक जाएंगे, दिल्ली में हमारे जो स्वच्छता मित्र हैं, साफ-सफाई के काम में जुटे साथी हैं, यह सभी दिल्ली में बहुत बड़ा दायित्व निभाते हैं। सुबह उठते ही सबसे पहले उनको थैंक यू करना चाहिए। लेकिन पहले की सरकारों ने इन्हें भी जैसे अपना गुलाम समझ रखा था, मैं इन छोटे-छोटे मेरे सफाई बंधुओं की बात कर रहा हूं। यह जो लोग सर पर संविधान रखकर के नाचते हैं ना, वो संविधान को कैसे कुचलते थे, वह बाबा साहब की भावनाओं को कैसे दगा देते थे, मैं आज वो सच्चाई आपको बताने जा रहा हूं। आप मैं कहता हूं, सुनकर सन्न रह जाएंगे। मेरे सफाईकर्मी भाई-बहन, जो दिल्ली में काम करते हैं, उनके लिए एक खतरनाक कानून था इस देश में, दिल्ली में, दिल्ली म्युनिसिपल कारपोरेशन एक्ट में एक बात लिखी थी, यदि कोई सफाई मित्र बिना बताए काम पर नहीं आता, तो उसे एक महीने के लिए जेल में डाला जा सकता था। आप बताइए, खुद सोचिए, सफाई कर्मियों को ये लोग क्या समझते थे। क्या आप उन्हें जेल में डाल देंगे, वह भी एक छोटी सी गलती के कारण। आज जो सामाजिक न्याय की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, उन्होंने ऐसे कई नियम-कानून देश में बनाए रखे हुए थे। यह मोदी है, जो इस तरह के गलत कानूनों को खोद कर-कर, खोज-खोज करके खत्म कर रहा है। हमारी सरकार ऐसे सैकड़ों कानूनों को समाप्त कर चुकी है और ये अभियान लगातार जारी है।
साथियों,
हमारे लिए रिफॉर्म का मतलब है, सुशासन का विस्तार। इसलिए, हम निरंतर रिफॉर्म पर बल दे रहे हैं। आने वाले समय में, हम अनेक बड़े-बड़े रिफॉर्म्स करने वाले हैं, ताकि जीवन भी और बिजनेस भी, सब कुछ और आसान हो।
साथियों,
इसी कड़ी में अब GST में नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म होने जा रहा है। इस दिवाली, GST रिफॉर्म से डबल बोनस देशवासियों को मिलने वाला है। हमने इसका पूरा प्रारूप राज्यों को भेज दिया है। मैं आशा करता हूं कि सभी राज्य भारत सरकार के इस इनिशिएटिव को सहयोग करेंगे। जल्द से जल्द इस प्रक्रिया को पूरा करेंगे, ताकि यह दिवाली और ज्यादा शानदार बन सके। हमारा प्रयास GST को और आसान बनाने और टैक्स दरों को रिवाइज करने का है। इसका फायदा हर परिवार को होगा, गरीब और मिडिल क्लास को होगा, छोटे-बड़े हर उद्यमी को होगा, हर व्यापारी-कारोबारी को होगा।
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साथियों,
भारत की बहुत बड़ी शक्ति हमारी प्राचीन संस्कृति है, हमारी प्राचीन धरोहर है। इस सांस्कृतिक धरोहर का, एक जीवन दर्शन है, जीवंत दर्शन भी है और इसी जीवन दर्शन में हमें चक्रधारी मोहन और चरखाधारी मोहन, दोनों का परिचय होता है। हम समय-समय पर चक्रधारी मोहन से लेकर चरखाधारी मोहन तक दोनों की अनुभूति करते हैं। चक्रधारी मोहन यानी सुदर्शन चक्रधारी भगवान श्रीकृष्ण, जिन्होंने सुदर्शन चक्र के सामर्थ्य की अनुभूति कराई और चरखाधारी मोहन यानी महात्मा, गांधी जिन्होंने चरखा चलाकर देश को स्वदेशी के सामर्थ्य की अनुभूति कराई।
साथियों,
भारत को सशक्त बनाने के लिए हमें चक्रधारी मोहन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना है और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, हमें चरखाधारी मोहन के रास्ते पर चलना है। हमें वोकल फॉर लोकल को अपना जीवन मंत्र बनाना है।
साथियों,
यह काम हमारे लिए मुश्किल नहीं है। जब भी हमने संकल्प लिया है, तब-तब हमने करके दिखाया है। मैं छोटा सा उदाहरण देता हूं खादी का, खादी विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुकी थी, कोई पूछने वाला नहीं था, आपने जब मुझे सेवा का मौका दिया, मैंने देश को आहवान किया, देश ने संकल्प लिया और इसका नतीजा भी दिखा। एक दशक में खादी की बिक्री करीब-करीब 7 गुना बढ़ गई है। देश के लोगों ने वोकल फॉर लोकल के मंत्र के साथ खादी को अपनाया है। इसी तरह देश ने मेड इन इंडिया फोन पर भी भरोसा जताया। 11 साल पहले हम अपनी जरूरत के ज्यादातर फोन इंपोर्ट करते थे। आज ज्यादातर भारतीय मेड इन इंडिया फोन ही इस्तेमाल करते हैं। आज हम हर साल 30-35 करोड़ मोबाइल फोन बना रहे हैं, 30-35 करोड़, 30-35 करोड़ मोबाइल फोन बना रहे हैं और एक्सपोर्ट भी कर रहे हैं।
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साथियों,
हमारा मेड इन इंडिया, हमारा UPI, आज दुनिया का सबसे बड़ा रियल टाइम डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म बन चुका है, दुनिया का सबसे बड़ा। भारत में बने रेल कोच हों या फिर लोकोमोटिव, इनकी डिमांड अब दुनिया के दूसरे देशों में भी बढ़ रही है।
साथियों,
जब यह रोड इंफ्रास्ट्रक्चर की बात आती है, इंफ्रास्ट्रक्चर की बात आती है, भारत ने एक गति शक्ति प्लेटफॉर्म बनाया है, 1600 लेयर, वन थाउजेंड सिक्स हंड्रेड लेयर डेटा के हैं उसमें और किसी भी प्रोजेक्ट को वहां पर कैसी-कैसी परिस्थितियों से गुजरना पड़ेगा, किन नियमों से गुजरना पड़ेगा, वाइल्ड लाइफ है कि जंगल है कि क्या है, नदी है, नाला है क्या है, सारी चीजें मिनटों में हाथ लग जाती हैं और प्रोजेक्ट तेज गति से आगे बढ़ते हैं। आज गति शक्ति की एक अलग यूनिवर्सिटी बनाई गई है और देश की प्रगति के लिए गति शक्ति एक बहुत बड़ा सामर्थ्यवान मार्ग बन चुका है।
साथियों,
एक दशक पहले तक हम खिलौने तक बाहर से इंपोर्ट करते थे। लेकिन हम भारतीयों ने संकल्प लिया वोकल फॉर लोकल का, तो ना सिर्फ बड़ी मात्रा में खिलौने भारत में ही बनने लगे, लेकिन बल्कि आज हम दुनिया के 100 से ज्यादा देशों को खिलौने निर्यात भी करने लगे हैं।
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साथियों,
इसलिए मैं फिर आप सभी से, सभी देशवासियों से आग्रह करूंगा, भारत में बने सामान पर हम भरोसा करें। भारतीय हैं, तो भारत में बना ही खरीदें, अब त्योहारों का सीजन चल रहा है। अपनों के साथ, अपने लोकल उत्पादों की खुशियां बांटें, आप तय करें, गिफ्ट वही देना है, जो भारत में बना हो, भारतीयों द्वारा बनाया हुआ हो।
साथियों,
मैं आज व्यापारी वर्ग से, दुकानदार बंधुओं से भी एक बात कहना चाहता हूं, होगा कोई समय, विदेश में बना सामान आपने इसलिए बेचा हो, ताकि शायद आपको लगा हो, प्रॉफिट थोड़ा ज्यादा मिल जाता है। अब आपने जो किया सो किया, लेकिन अब आप भी वोकल फॉर लोकल के मंत्र पर मेरा साथ दीजिए। आपके इस एक कदम से देश का तो फायदा होगा, आपके परिवार का, आपके बच्चों का भी फायदा होगा। आपकी बेची हुई हर चीज से, देश के किसी मजदूर का, किसी गरीब का फायदा होगा। आपकी बेची गई हर चीज़ का पैसा, भारत में ही रहेगा, किसी न किसी भारतीय को ही मिलेगा। यानी यह भारतीयों की खरीद शक्ति को ही बढ़ाएगा, अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा और इसलिए यह मेरा आग्रह है, आप मेड इन इंडिया सामान को पूरे गर्व के साथ बेचें।
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साथियों,
दिल्ली, आज एक ऐसी राजधानी बन रही है, जो भारत के अतीत का भविष्य के साथ साक्षात्कार भी कराती है। कुछ दिन पहले ही देश को नया सेंट्रल सेक्रेटरिएट, कर्तव्य भवन मिला है। नई संसद बन चुकी है। कर्तव्य पथ नए रूप में हमारे सामने है। भारत मंडपम और यशोभूमि जैसे आधुनिक कॉन्फ्रेंस सेंटर्स आज दिल्ली की शान बढ़ा रहे हैं। यह दिल्ली को, बिजनेस के लिए, व्यापार-कारोबार के लिए बेहतरीन स्थान बना रहे हैं। मुझे विश्वास है, इन सभी के सामर्थ्य और प्रेरणा से हमारी दिल्ली दुनिया की बेहतरीन राजधानी बनकर उभरेगी। इसी कामना के साथ, एक बार फिर इन विकास कार्यों के लिए आप सबको, दिल्ली को, हरियाणा को, राजस्थान को, उत्तर प्रदेश को, पूरे इस क्षेत्र का विकास होने जा रहा है, मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं, बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद!