सिविल सेवकों की भूमिका मिनिमम गवर्नमेंट और मैक्सिमम गवर्नेंस की होनी चाहिए : प्रधानमंत्री मोदी
मेरा यही आग्रह है कि सिविल सर्वेंट जो भी निर्णय लें, वो राष्ट्रीय संदर्भ में हों, देश की एकता-अखंडता को मजबूत करने वाले हों : पीएम
आज ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना, ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना, एक ‘नवीन भारत’ का निर्माण होते हुए देख रही है : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के केवड़िया से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एलबीएसएनएए, मसूरी में भारतीय लोक सेवाओं के प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ संवाद किया। यह 2019 में पहली बार शुरू किए गए ‘एकीकृत बुनियादी पाठ्यक्रम, आरंभ’ का हिस्सा है।

प्रशिक्षु अधिकारियों की ओर से दिए गए प्रस्तुतिकरण के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में प्रशिक्षु अधिकारियों से सरदार वल्लभभाई पटेल के सिद्धांत ‘देश के नागरिकों की सेवा ही एक लोक सेवक का सर्वोपरि कर्तव्य है’ को अपनाने का आग्रह किया।

श्री मोदी ने युवा अधिकारियों से देश के हितों के अनुरूप निर्णय लेने और देश की एकता और अस्मिता को मजबूत बनाने की दिशा में कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोक सेवकों की ओर से लिए जाने वाले निर्णय आम आदमी के हितों के अनुरूप होने चाहिए, भले ही अधिकारी किसी भी क्षेत्र अथवा विभाग में कार्यरत हों।

प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि देश के ‘इस्पाती ढांचे’ का ध्यान दिन-प्रतिदिन के कार्यों के संचालन का होने के बजाए राष्ट्र की प्रगति के लिए कार्य करना होना चाहिए और संकट की स्थितियों में यही सबसे अधिक अहम हो जाता है।

श्री नरेन्द्र मोदी ने नये उद्देश्यों को हासिल करने, नये दृष्टिकोण को अपनाने की दिशा में प्रशिक्षण की आवश्यकता और कौशल विकास के लिए उसकी वृह्त भूमिका पर भी जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पुराने समय के बजाए अब देश में मानव संसाधन के प्रशिक्षण में आधुनिक विधियों पर जोर दिया जा रहा है और पिछले दो-तीन वर्षों में लोक सेवकों के प्रशिक्षण पैटर्न में बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा कि एकीकृत बुनियादी पाठ्यक्रम आरंभ केवल एक शुरुआत ही नहीं है, बल्कि यह एक नई परम्परा का प्रतीक है।

श्री मोदी ने लोक सेवाओं में हाल ही में किए गए सुधारों में से एक मिशन कर्मयोगी का जिक्र किया और कहा कि यह लोक सेवकों की क्षमता निर्माण का एक प्रयास है, ताकि वे और अधिक सृजनात्मक और आत्म विश्वासी बन सकें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार शीर्ष से निम्न दृष्टिकोण पर काम नहीं करेगी और जिन लोगों के लिए नीतियां बनाई जा रही हैं, उनमें जनता का समावेश किया जाना बहुत आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के पीछे वास्तविक प्रेरक बल देश के लोग ही हैं। 

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देश की कार्य प्रणाली में सभी नौकरशाहों की भूमिका न्यूनतम सरकार और अधिकतम सुशासन को सुनिश्चित करने की है। श्री मोदी ने लोक सेवकों से यह सुनिश्चित करने को कहा ताकि नागरिकों की परेशानियां कम की जा सके और आम आदमी को अधिक से अधिक सशक्त बनाया जा सके।

 प्रधानमंत्री ने देश को आत्म निर्भर बनाने की दिशा में लोक सेवक प्रशिक्षु अधिकारियों से वोकल फॉर लोकल का मंत्र अपनाने का आग्रह किया।

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Prime Minister condoles loss of lives due to a mishap in Nashik, Maharashtra
December 07, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has expressed deep grief over the loss of lives due to a mishap in Nashik, Maharashtra.

Shri Modi also prayed for the speedy recovery of those injured in the mishap.

The Prime Minister’s Office posted on X;

“Deeply saddened by the loss of lives due to a mishap in Nashik, Maharashtra. My thoughts are with those who have lost their loved ones. I pray that the injured recover soon: PM @narendramodi”