अपने 12वें स्वतंत्रता दिवस संबोधन के अवसर पर, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले को भारत के उत्थान के अगले अध्याय के लिए एक शुभारंभ-स्थल में बदल दिया। 79वें स्वतंत्रता दिवस पर, उन्होंने कई साहसिक घोषणाएँ कीं, जो एक ऐसे राष्ट्र का संकेत देती हैं, जो भविष्य में केवल कदम रखने के लिए नहीं, बल्कि छलांग लगाने के लिए तैयार है।

भारत की पहली सेमीकंडक्टर चिप बनाने से लेकर जेट इंजन बनाने तक, दस गुना परमाणु ऊर्जा विस्तार से लेकर युवाओं के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के रोज़गार प्रोत्साहन तक, उनका संदेश स्पष्ट था: भारत अपना भाग्य स्वयं परिभाषित करेगा, अपनी शर्तें स्वयं निर्धारित करेगा और 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य रखेगा।

प्रमुख घोषणाएँ:

सेमीकंडक्टर: खोए हुए दशकों से लेकर मिशन मोड तक

यह याद करते हुए कि कैसे 50-60 साल पहले सेमीकंडक्टर कारखाने स्थापित करने के प्रयास "शुरुआत के समय ही समाप्त" हो गए थे, जबकि अन्य देश समृद्ध हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि भारत अब मिशन मोड में है। इस वर्ष के अंत तक, देश अपनी पहली मेड इन इंडिया चिप का शुभारंभ करेगा।

2047 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता में दस गुनी वृद्धि होगी

अगले दो दशकों में परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता को दस गुना से अधिक बढ़ाने के भारत के मिशन के तहत 10 नए परमाणु रिएक्टरों पर काम चल रहा है।

जीएसटी सुधार - एक दिवाली उपहार

अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों का दिवाली पर अनावरण किया जाएगा, जिसके तहत आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स कम होंगे और एमएसएमई, स्थानीय विक्रेताओं और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।

10 ट्रिलियन डॉलर के भारत के लिए सुधार कार्य बल

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अगली पीढ़ी के सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए एक समर्पित सुधार कार्य बल के गठन की घोषणा की। इसका कार्यादेश होगा: आर्थिक विकास में तेज़ी लाना, लालफीताशाही कम करना, शासन का आधुनिकीकरण करना और 2047 तक भारत को 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ज़रूरतों के लिए तैयार करना।

1 लाख करोड़ रुपये की पीएम विकसित भारत रोज़गार योजना

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 1 लाख करोड़ रुपये की एक बड़ी रोज़गार योजना की शुरुआत की, जिसके तहत नए रोज़गार पाने वाले युवाओं को प्रति माह 15,000 रुपये मिलेंगे। इस योजना का उद्देश्य 3 करोड़ युवा भारतीयों को लाभान्वित करना है, जिससे स्वतंत्र भारत से समृद्ध भारत तक का सेतु मज़बूत होगा।

उच्च-स्तरीय जनसांख्यिकी मिशन

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सीमावर्ती क्षेत्रों में घुसपैठ और अवैध प्रवास के कारण जनसांख्यिकीय असंतुलन के ख़तरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए एक उच्च-स्तरीय जनसांख्यिकी मिशन शुरू करने की घोषणा की, ताकि भारत के नागरिकों की एकता, अखंडता और अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।

ऊर्जा स्वतंत्रता - समुद्र मंथन की शुरुआत

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने रेखांकित किया कि भारत के बजट का एक बड़ा हिस्सा अभी भी पेट्रोल, डीज़ल और गैस के आयात में खर्च हो जाता है। उन्होंने समुद्री संसाधनों के उपयोग के लिए राष्ट्रीय डीपवाटर अन्वेषण मिशन की शुरुआत तथा सौर, हाइड्रोजन, जलविद्युत और परमाणु ऊर्जा में बड़े विस्तार की घोषणा की।

भारत में निर्मित जेट इंजन - एक राष्ट्रीय चुनौती

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि जिस तरह हमने कोविड के दौरान टीके बनाए और डिजिटल भुगतान के लिए यूपीआई का उपयोग किया, उसी तरह हमें अपने जेट इंजन भी बनाने चाहिए। उन्होंने अपने वैज्ञानिकों और युवाओं से इसे एक सीधी चुनौती के रूप में लेने का आग्रह किया।

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कैबिनेट ने दिल्ली मेट्रो के फेज V (A) प्रोजेक्ट के अंतर्गत तीन नए कॉरिडोर्स को स्वीकृति दी
December 24, 2025

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली मेट्रो के फेज-V (ए) परियोजना के हिस्से के रूप में तीन नए कॉरिडोर को मंजूरी दी है: 1. आर.के. आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी), 2. एरोसिटी से आई.जी.डी. एयरपोर्ट टी-1 (2.263 किमी) और 3. तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी)। यह 16.076 किलोमीटर लंबी परियोजना राष्ट्रीय राजधानी के भीतर कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगी। दिल्ली मेट्रो के फेज-V (ए) की कुल लागत 12014.91 करोड़ रुपये है, जिसे भारत सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय वित्त पोषण एजेंसियों द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा।

सेंट्रल विस्टा कॉरिडोर सभी कर्तव्य भवनों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिससे इस क्षेत्र के कार्यालय जाने वालों और आगंतुकों को सीधे ऑफिस तक पहुंचने में आसानी होगी। इस कनेक्टिविटी से दैनिक आधार पर लगभग 60,000 कार्यालय जाने वाले कर्मचारियों और 2 लाख आगंतुकों को लाभ होगा। ये कॉरिडोर प्रदूषण और जीवाश्म ईंधन के उपयोग को और कम करेंगे, जिससे जीवन जीने की सुगमता में वृद्धि होगी।

विवरण:

आर.के. आश्रम मार्ग – इंद्रप्रस्थ सेक्शन, बॉटनिकल गार्डन - आर.के. आश्रम मार्ग कॉरिडोर का विस्तार होगा। यह सेंट्रल विस्टा क्षेत्र को मेट्रो कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिसका वर्तमान में पुनर्विकास किया जा रहा है। एयरोसिटी – आईजीडी एयरपोर्ट टर्मिनल 1 और तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज सेक्शन, एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर का विस्तार होंगे। यह विस्तार हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी को राष्ट्रीय राजधानी के दक्षिणी हिस्सों जैसे तुगलकाबाद, साकेत, कालिंदी कुंज आदि क्षेत्रों के साथ मजबूत करेगा। इन विस्तारों में कुल 13 स्टेशन शामिल होंगे, जिनमें से 10 स्टेशन भूमिगत और 03 स्टेशन एलिवेटेड होंगे।

पूरा होने के बाद, कॉरिडोर-1 यानी आर.के. आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी) पश्चिमी, उत्तरी और पुरानी दिल्ली की सेंट्रल दिल्ली के साथ कनेक्टिविटी में सुधार करेगा। वहीं अन्य दो कॉरिडोर— एयरोसिटी से आईजीडी एयरपोर्ट टी-1 (2.263 किमी) और तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी)— दक्षिण दिल्ली को साकेत, छतरपुर आदि के माध्यम से घरेलू हवाई अड्डे टर्मिनल-1 से जोड़ेंगे, जिससे राष्ट्रीय राजधानी के भीतर कनेक्टिविटी में जबरदस्त वृद्धि होगी।

फेज-V (ए) परियोजना के ये मेट्रो विस्तार मध्य दिल्ली और घरेलू हवाई अड्डे तक दिल्ली मेट्रो नेटवर्क की पहुंच बढ़ाएंगे, जिससे अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती मिलेगी। मजेंटा लाइन और गोल्डन लाइन के ये विस्तार सड़कों पर भीड़भाड़ को कम करेंगे। इस प्रकार, मोटर वाहनों के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।

आरके आश्रम मार्ग - इंद्रप्रस्थ सेक्शन पर जो स्टेशन बनेंगे, वे हैं: आर.के. आश्रम मार्ग, शिवाजी स्टेडियम, सेंट्रल सेक्रेटेरिएट, कर्तव्य भवन, इंडिया गेट, वॉर मेमोरियल - हाई कोर्ट, बड़ौदा हाउस, भारत मंडपम, और इंद्रप्रस्थ।

तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज सेक्शन के स्टेशन सरिता विहार डिपो, मदनपुर खादर और कालिंदी कुंज होंगे, जबकि एयरोसिटी स्टेशन को आगे आईजीडी टी-1 स्टेशन से जोड़ा जाएगा।

फेज-IV का निर्माण कार्य, जिसमें 111 किमी लंबाई और 83 स्टेशन शामिल हैं, वर्तमान में प्रगति पर है। आज की स्थिति के अनुसार, फेज-IV के (3 प्राथमिकता वाले) कॉरिडोर का लगभग 80.43 प्रतिशत सिविल निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। फेज-IV के इन तीनों प्राथमिकता वाले कॉरिडोर के दिसंबर 2026 तक चरणों में पूरा होने की संभावना है।

आज, दिल्ली मेट्रो प्रतिदिन औसतन 65 लाख यात्रियों को सर्विस देती है। अब तक की सर्वाधिक यात्रा का रिकॉर्ड 8 अगस्त 2025 को 81.87 लाख दर्ज किया गया है। दिल्ली मेट्रो समयपालन, विश्वसनीयता और सुरक्षा जैसे एमआरटीएस के मुख्य मानकों में उत्कृष्टता का प्रतीक बनकर शहर की जीवनरेखा बन गई है।

वर्तमान में दिल्ली और एनसीआर में डीएमआरसी द्वारा लगभग 395 किमी लंबाई वाली कुल 12 मेट्रो लाइनों का संचालन किया जा रहा है, जिनमें 289 स्टेशन शामिल हैं। आज, दिल्ली मेट्रो भारत का सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है और दुनिया के सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्कों में से भी एक है।