QuotePM Narendra Modi launches various development projects in Varanasi
QuotePM Narendra Modi launches Integrated Power Development Schemes in Varanasi
QuotePM Narendra Modi lays of foundation stone for Varanasi Ring Road Phase-I
QuotePM Narendra Modi lays of foundation stone for development of NH-56 from Varanasi to Babatpur
QuotePM lays of foundation stone for Chowk Substation of Varanasi under IPDS
QuotePM lays of foundation stone for Kajjatpur Substation of Varanasi under IPDS
QuotePM Narendra Modi dedicates Trauma Centre at Banaras Hindu University to the Nation
QuotePM Modi inaugurates passenger reservation facility at Ramnagar Post Office
QuoteI had urged you all to work on cleanliness and everyone worked together to make Varanasi clean: PM
QuoteIt is essential to give an impetus to tourism in Varanasi: PM
QuoteThrough Jan Bhagidari, we have to take India ahead: PM Modi
QuoteApart from public & private sectors, ‘personal’ sector is an important engine of economic growth: PM

विशाल संख्‍या में पधारे मेरे बनारस के प्‍यारे भाइयों और बहनों,

ये कार्यक्रम तो बनारस की धरती पर हो रहा है लेकिन ये कार्यक्रम पूरे हिंदुस्तान के लिए हो रहा है। ये बनारस की धरती है, जिसने सदियों से मानव जाति को ज्ञान का प्रकाश दिया और ज्ञान का प्रकाश देने वाली ये नगरी ऊर्जा वाला प्रकाश भी देने का नेतृत्‍व करने जा रही है और इसलिए मैं देशवासियों को बधाई देता हूं, बनारस वासियों को विशेष बधाई देता हूं।

वैसे तो ये समारोह एक है लेकिन इस एक समारोह में सात कार्यक्रम लगे हैं, सात। एक तो आपने अभी-अभी video देखा कि बिजली के क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन लाने के लिए पूरे देश में हम क्‍या करने जा रहे हैं। दूसरा, वाराणसी में एक कठिनाई लम्‍बे अर्से से चली है, वाराणसी वासियों की एक मांग अनेक वर्षों से रही है और वो है वाराणसी के रिंग रोड की मांग। आज इस मंच से उस रिंग रोड के कार्यक्रम का भी शिलान्‍यास हो रहा है। काशी तीर्थयात्रियों का धाम है, विश्‍व के टूरिस्‍टों का भी आकर्षण है, लेकिन एयरपोर्ट से काशी पहुंचने तक आने वाले यात्री के मन में से विश्‍वास उठा जाता है के मैं सही जगह पर जा रहा हूं कहीं और जा रहा हूं और उसका मूल कारण काशी से बाबतपुर हवाई अड्डे तक का जो मार्ग है उसकी दुर्दशा। आज यहां से उस काम का भी शिलान्‍यास हो रहा है कि जिसमें उस रास्‍ते को चौड़ा किया जाएगा, आधुनिक बनाया जाएगा, सौंदर्यीकरण किया जाएगा ताकि काशी पहुंचने वाला विश्‍व का या देश का कोई भी यात्री आते ही अनुमान करेगा कि मैं किस भव्‍य और पुरातन नगरी में प्रवेश कर रहा हूं उसका उसको अनुमान हो जाएगा।

आज ये जो देशभर के लिए IPDS योजना का प्रारंभ हुआ उस IPDS योजना को लागू करने के लिए बनारस में दो नए Substation…Chowk Substation का शिलान्‍यास भी आज इस मंच से हो रहा है और योजना को लागू करने का काम आज आरंभ हो रहा है। एक Chowk Substation, दूसरा Kazzakpura Substation, ये दो Substations का भी शिलान्‍यास आज इसी मंच से हो रहा है। बनारस में आरोग्य की सुविधा में एक नया नजराना...कुछ समय से जो Trauma Centre चालू हुआ है, यहां के नागरिकों को उसकी सेवाएं उपलब्‍ध हैं, आज उसका लोकार्पण भी यहां हो रहा है। उसी प्रकार से गंगा घाट पर ही बसा हुआ हमारा रामनगर, धीरे-धीरे उसकी आबादी बढ़ रही है, उस तरफ के नागरिकों के लिए सुविधा की आवश्‍यकता रहती थी कि रेलवे रिजर्वेशन के लिए उनको यहां तक आना पड़ता था अगर उसकी व्‍यवस्‍था वहां हो जाए तो आज रामनगर कस्‍बे में VSAT के माध्‍यम से रेलवे रिजर्वेशन सुविधा का भी आरंभ करने का यहां पर एक समारोह हो रहा है। एक प्रकार से इस एक मंच पर से देश के लिए एक योजना और काशीवासियों के लिए उस योजना के समेत कुल सात योजनाओं का लोकार्पण करते हुए मुझे गर्व हो रहा है।

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मैं काशी बहुत बार आता था। पार्टी कार्यकर्ता के नाते संगठन का काम करने के लिए आता था, इस धरती का एक आकर्षण था उसके लिए भी आता था, लेकिन हर बार ऊपर की तरफ नजर करता था तो मैं चौंक जाता था। जहां भी देखो तार ही तार लगे रहते थे। इतने पुरातन शहर की शोभा उन तार के झुंड को देखते ही खराब हो जाती थी। तो जब मैं सांसद चुना गया और एक नागरिक अभिवादन था उसमें मैंने कहा था भाई इसको तो हटाना है। और आज मुझे खुशी है कि 572 करोड़ रुपया पूरे काशी में एक नई ऊर्जा भर देगा। कभी-कभी बिजली बंद हो जाना, तार पुराने हो जाना, Transmission लाइनें खराब हो जाना, बाबा आदम के जमाने की चीजें लटकी पड़ी हुई हैं किसी को ठीक करने के लिए फुरसत नहीं है, गाड़ी चलती रहती है, ये खराब हुआ चलिए ठीक कर लो, उधर खराब हुआ, ठीक कर लो, patchwork का काम चलता रहा है। और ये मुसीबत सिर्फ बनारस की नहीं है। हिंदुस्‍तान के कई शहर हैं और जिसके कारण बिजली का line loss भी बहुत होता है, नागरिकों को परेशानी भी बहुत होती है, और इसलिए बिजली को पहुंचाने वाला जो पूरा Infrastructure है उसको आधुनिक बनाने की आवश्‍यकता है, Smart बनाने की आवश्‍यकता है। और एक प्रकार से बनारस को जो Smart City बनाने की कल्‍पना है उसकी पहली शुरूआत ये बिजली के माध्‍यम से हो रही है। और ये बनारस, आज जो पसंद किया गया है, पूरे देश की योजना को लागू करने के लिए, लोगों को लगता होगा कि प्रधानमंत्री यहां से MP है इसलिए हो रहा है। मैं रहस्‍य बता देता हूं। ये कारण तो बाद में आता है। पहला कारण ये है कि हमारे जो ऊर्जा मंत्री हैं पीयूष गोयल जी, उनके पिताजी बनारस में इंजीनियर हुए, BHU में। वो यहीं पढ़ते थे और यहीं से इंजीनियर बने थे और यहीं से समाज सेवा के लिए भी निकले थे, तो स्‍वाभाविक रीत है पीयूष जी को लगा होगा कि जो आपके पिताजी की शिक्षा-दीक्षा भूमि रही है वहीं से इस कार्यक्रम को आरंभ किया जाए, ताकि पिताजी को भी संतोष होगा और इसलिए आज बनारस से पूरे देश को ये नजराना मिल रहा है। पूरे देश में इस योजना के पीछे 45 हजार करोड़ रुपया लगने वाला है और उसके कारण ऊर्जा के क्षेत्र में जो धांधलियां चल रही हैं, जो परेशानियां चल रही हैं उनसे शहरी क्षेत्र को बहुत बड़ी मुक्‍ति मिलने वाली है। काम बड़ा है, काम कठिन है, लेकिन इसको किए बिना कोई चारा भी नहीं है और इसलिए क्‍योंकि हमारा एक सपना है कि 2022, जब देश आजादी के 75 साल मनाएगा। जब आजादी के 75 साल हम मनाएंगे तब जिन्‍होंने हमें आजादी दी, जो आजादी के लिए फांसी के तख्‍त पर चढ़ गए, जिन्‍होंने आजादी के लिए जवानी जेलों में खपा दी, जिन्‍होंने आजादी के लिए अपने शरीर पर ब्रिटिश सल्‍तनत के कोड़े झेले उनको हम जवाब क्‍या देंगे। यही देंगे कि आपने हमें आजादी दी, हमने मौज की। लेकिन जो सपना आपने देखा था वो तो हमने पूरा नहीं किया, ये बात तो हमें मंजूर नहीं हो सकती। क्‍या किसी हिन्‍दुस्‍तानी को ये बात मंजूर हो सकती है? क्‍या आजादी देने वाले को उनके सपनों के अनुकूल देश बनाके देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए। आजादी के 75 साल जब मनाए, तब देशवासियों का योगदान होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? देश में बदलाव होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? एक अच्‍छा हिन्‍दुस्‍तान, देशभक्‍तों के सपनों का हिन्‍दुस्‍तान पूरा करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए? उसमें एक महत्‍वपूर्ण काम है 24 घंटे, 365 दिन बिजली। आज बिजली चार घंटे, छ घंटे, आठ घंटे मिलती है। हमारा सपना है गांव हो, जंगलों का इलाका हो, दूर-सुदूर एक झोपड़ी हो, 2022 जब आजादी के 75 साल हो तब गरीब से गरीब के घर में भी 24 घंटे बिजली मिलती हो, ऐसी व्‍यवस्‍था होनी चाहिए और इसके लिए एक महत्‍वपूर्ण काम उसके infrastructure का जिसमें आज 45 हजार करोड़ रुपया और अकेले काशी के लिए 572 करोड़ रुपया लगाकर के ये बदलाव का आज प्रारंभ हो रहा है।

मुझे आप सब के आशीर्वाद चाहिए। बाबा भोलेनाथ के आशीर्वाद चाहिए ताकि, ताकि देश में ये ऊर्जा पहुंचाने का काम, देश को ऊर्जावान बनाने के लिए एक बहुत बड़ी नींव का पत्‍थर बना रहे, उस दिशा में हम आगे बढ़ना चाहते हैं। बनारस बढ़ता चला गया। अगल-बगल के जिलों से जो भी यातायात है, शहर के बीच से गुजरना पड़ता है। शहर के ट्रेफिक के मामले भी बड़े गंभीर है। परेशानियों का तो हिसाब लगाओ तो बढ़ती ही जाती है। उससे मुक्‍ति दिलाने के लिए एक महत्‍वपूर्ण काम था यहां रिंग रोड बनना चाहिए ताकि बाहर से जिसको गुजरना है शहर को disturb किए बिना वो काम चलता रहे। बहुत बड़ा काम है, करीब 600 करोड़ रुपयों का काम है। आज उसका भी शिलान्‍यास हुआ है और इस इलाके में काशी के साथ अगल-बगल के जितने जिले हैं उन जिलों को जोड़ने वाले रास्‍ते भी बनाने हैं ताकि उन सभी गांवों का लाभ हो। करीब-करीब 11 हजार करोड़ रुपया उसके लिए आबंटित करने का निर्णय किया गया है। आने वाले दिनों में अड़ोस-पड़ोस के जितने जिले हैं, काशी के साथ जुड़े हुए और तब जाकर के पूरा इलाका एक आर्थिक विकास का growth centre बन सकता है। एक बहुत बड़ा केन्‍द्र बन सकता है और इसलिए बिजली, पानी, सड़क ये तीन क्षेत्रों में हम इस प्रकार का यहां पर जाल बिछाएं ताकि जो पूर्वी उत्‍तर प्रदेश के विकास के सामने सवालिया निशान होते हैं उससे हम मुक्‍ति दिला सके। उन बातों को बनारस की धरती से भले शुरू होते हो, लेकिन पूरे उत्‍तर प्रदेश में, पूर्वी उत्‍तर प्रदेश में खास इस जाल को फैलाने की दिशा में हमने काम को आरंभ किया है और आने वाले दिनों में देखते ही देखते उसके नतीजे दिखेंगे।

अभी आपने देखा, आप लोग भी घाट पर जाते हैं और LED की रोशनी आने के बाद तो मुझे बताया गया कि बहुत लोग जाते हैं, देखने के लिए जाते हैं। आपने देखा होगा कितना बड़ा बदलाव आया है। हम चाहते हैं हर परिवार में, मेरे काशी के हर परिवार में बिजली का बिल कम होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए। आप चाहते हैं कि बिजली का बिल कम हो? आप चाहते हैं आपके पैसे बचे? सचमुच में चाहते हो? तो मेरी एक बात मानोगे, पक्‍का मानोगे? वादा करो, भोले बाबा को याद करके वादा करो। आप अपने घर में जितने बल्‍ब है, ट्यूब लाइट है, LED लगा दीजिए। आप देखिए, आपका बिजली का बिल एकदम से कम हो जाएगा, आपके पैसे बच जाएंगे और रोशनी बढ़ जाएगी। ये double मुनाफा वाले काम है और पूरे भारत में मुझे आंदोलन खड़ा करना है कि पुराने जो बिजली के बल्‍ब है उससे मुक्‍ति लीजिए। ये नई technology है, जो हमारी आंखों के लिए अच्‍छी है, रोशनी के लिए अच्‍छी है और जेब के लिए भी अच्‍छी है। हम काशी में एक आंदोलन चलाए। सब लोग उस बात को आगे बढ़ाए तो काशी के अंदर भी हम इसका लाभ ले सकते हैं और मैंने देखा है street light. काशी की जो Street light है उन Street light को भी LED में convert करना है उसके कारण काशी महानगर पालिका का जो बिजली का बिल है वो भी बहुत कम हो जाएगा और वो जो पैसे बचेंगे वो काशी को अगर स्‍वच्‍छता के लिए लगा दिए गए तो मेरा काशी चमकता रहेगा। शाम को रोशनी से चमकेगा और दिन में सफाई से चमकेगा और दुनिया के लोग आएंगे तो एक नई काशी को देखकर के जाएंगे।

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मैं काशीवासियों का आज हृदय से एक बात के लिए अभिनंदन करना चाहता हूं, आभार व्‍यक्‍त करना चाहता हूं। मैं जब चुनाव जीतकर के यहां आया था और गंगा आरती में बैठा था। मां गंगा के आशीर्वाद लेकर के मैं यहां से गया था, बाद में प्रधानमंत्री पद के शपथ लिए थे। पहले मैं आज इस धरती को नमन करने आया था और उस दिन मैंने कहा था, उस दिन मैंने कहा था कि बनारस के नागरिकों ने बनारस की सफाई की जिम्‍मेवारी लेनी चाहिए। बनारस के नागरिकों ने बनारस को साफ-सुथरा रखना चाहिए। ये बात मैंने कही थी। आज देश में इस प्रकार की बात करना सरल नहीं होता है। लेकिन मैंने देखा कि बनारस के लोगों ने मेरी इस बात को सर आंखों पर लिया और बनारस के नागरिकों के अनेक संगठन तैयार हुए, अनेक नौजवान तैयार हुए। महिलाएं, लड़कियां, कॉलेज की लड़कियां, इन लोगों ने बनारस को साफ बनाने का, स्‍वच्‍छ रखने का एक बड़ा अभियान उठाया है और उस अभियान के तहत बनारस को आगे सुंदर बनाने का काम चल रहा है।

मैं देख रहा हूं, मैं देख रहा हूं कि आज बनारस विकास की नई ऊंचाइयों पर जाने का एक केन्‍द्र बिन्‍दु बना है। चाहे road का infrastructure हो, चाहे रेल का infrastructure हो, चाहे बिजली की व्‍यवस्‍था हो, चाहे skill development का काम हो, चाहे हमारे बुनकरों के कल्‍याण का काम हो, इन सभी विषयों पर आज बनारस को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का एक बड़ा अभियान आज हमने प्रारंभ किया है और इसी काम के लिए आज मुझे यहां आने का अवसर मिला।

प्रधानमंत्री जन-धन योजना के द्वारा इस देश के गरीबों को बैंक account के द्वारा आने वाले दिनों में एक आर्थिक व्‍यवस्‍था के मूल केन्‍द्र में लाने में है। एक बड़ा सफल प्रयास हुआ है। मुझे विश्‍वास है कि इसके कारण आने वाले दिनों में परिवर्तन आएगा।

पिछले कुछ दिनों से उत्‍तर प्रदेश में शिक्षा मित्रों को लेकर के एक परिस्‍थिति पैदा हुई है। मैंने उत्‍तर प्रदेश सरकार से पूछा कि मामला क्‍या है, उन्‍होंने मुझे बताया कि अभी तक हमारे पास कोर्ट का ऑर्डर आया नहीं है। कोर्ट ने मौखिक सूचना दी है, लेकिन लिखित ऑर्डर नहीं आया है। आज मैंने शिक्षा मित्रों के कुछ नेताओं को बुलाया था। उनकी समस्‍या समझने का मैंने प्रयास किया और मैंने उनको कहा कि आप जरा मुझे बताइए तो उनकी भी तकलीफ थी कि उनके पास कोर्ट का ऑर्डर नहीं था। कोर्ट क्‍या कहना चाहती थी वो भी जानकारियां नहीं थी। मैंने उनसे कहा है कि कोर्ट का ऑर्डर आते ही मेरे पास भेजिए। भारत सरकार भी इसका अध्‍ययन करेगी और उत्‍तर प्रदेश सरकार को जो हमें सुझाव देने होंगे वो भी हम सुझाव देंगे। लेकिन मैं शिक्षक मित्रों से आज एक अनुरोध करना चाहता हूं। मैंने सुना था कि हमारे उत्‍तर प्रदेश के एक शिक्षा मित्र ने आत्‍महत्‍या की। मैं आज, मैं आपसे अनुरोध करना चाहता हूं। अभी कोर्ट का ऑर्डर नहीं आया है और हम अपने जीवन को संकट में डाले तो समस्‍या का समाधान नहीं होता है। शिक्षक मित्र, आत्‍महत्‍या करके वो तो चला जाएगा, लेकिन बाद में उस परिवार का क्‍या होगा, उन बच्‍चों का क्‍या होगा और इसलिए मेरी मेरे शिक्षक मित्रों से अनुरोध है कि जीवन में कभी लड़ाई हारनी नहीं चाहिए, हौसला खोना नहीं चाहिए। आत्‍महत्‍या का मार्ग हमारा नहीं हो सकता। एक बार कोर्ट का ऑर्डर आने दीजिए। उत्‍तर प्रदेश सरकार क्‍या कहना चाहती है, उसको देखकर के ज़रा सुने। मैं भी समझने का प्रयास करूंगा और उत्‍तर प्रदेश सरकार से मुझे जो भी बात करनी होगी उसको मैं करने की जिम्‍मेवारी लेता हूं और मैं आपकी बात उत्‍तर प्रदेश सरकार को आपके MP के नाते मैं अवश्‍य पहुंचाऊंगा और मुझे विश्‍वास है कि मेरे शिक्षक मित्र जो विद्यार्थियों के जीवन को तैयार करते हैं, जो विद्यार्थियों का हौसला बुलंद करते हैं। जो विद्यार्थियों को जीने की प्रेरणा देते हैं उनके जीवन में आत्‍महत्‍या का मार्ग कभी उचित नहीं हो सकता है। उत्‍तर प्रदेश की सरकार भी इन संवेदनशील मामलों को पूरी तरह गंभीरता से लेती है, ऐसा मुझे विश्‍वास है और इसलिए कोर्ट का ऑर्डर आने दीजिए। उत्‍तर प्रदेश सरकार को समय दीजिए। उत्‍तर प्रदेश सरकार मैं नहीं मानता हूं कि आपके साथ अन्‍याय करना चाहेगी और मैं भी उत्‍तर प्रदेश सरकार से बात करूंगा। समाधानकारी रास्‍ते क्‍या हो सकते हैं, इसका मार्ग खोजा जाएगा। भारत माता की।

भाइयों-बहनों आज काशी में tourism को बढ़ावा देना बहुत आवश्‍यक है। आज प्रात: मैंने tourism को बल मिले उस प्रकार की रिक्‍शाओं का भी लोकार्पण किया है। वो अपने आप में भविष्‍य में tourist सेंटरों के लिए एक मॉडल बनने वाला है। हम यहां के छोटे-छोटे लोगों को भी उस काम में जोड़ना चाहते हैं। आपने जब मैं बनारस आया तो बनारस के कुछ लोगों ने मुझे कहा था कि 7 अगस्‍त को Handloom Day घोषित करना चाहिए। बनारस के बुनकरों की मांग थी। आज मुझे गर्व से कहना है कि आज उसने हमें हैंडलूम दिवस घोषित कर दिया। चेन्‍नई के अंदर उसका बड़ा समारोह किया और मेरे काशी के बुनकर चेन्‍नई आए थे और उनका भी मान-सम्‍मान बढ़ाने का मुझे अवसर मिला था।

काशी की जो शक्‍ति है वो उसकी कलाकारी की विधि है। काशी की जो संस्‍कृति है वो उसकी कला विधि में है। काशी की जो शक्‍ति है वो उसकी संगीत की विरासत में है। काशी को आगे तो बढ़ना है, काशी को आधुनिक भी बनना है। लेकिन साथ-साथ काशी को अपनी इस विरासत को भी अपने साथ बचाए रखना है। इसको भी बचाए रखना है और उसको लेकर के हम काशी को आगे बढ़ाना चाहते हैं। अनेक क्षेत्रों में आपने देखा होगा हमारे केन्‍द्र के ढेर सारे मंत्री बारी-बारी से आए हैं। अनेक नई योजनाओं को उन्‍होंने बल दिया है। उन्‍होंने अनेक नई योजनाओं का एक cumulative effect होने वाला है कि काशी एक नई ऊंचाइयों को प्राप्‍त करेगा।

और मैं काशीवासियों को विश्‍वास दिलाता हूं कि आपने मुझे MP बनाया है और आप ही के लोग हो, जिनके कारण आज मुझे प्रधानमंत्री पद पर बैठने का और देश की सेवा करने का सौभाग्‍य मिला है। देश चहुं और विकास कैसे करे, देश में नौजवानों को रोजगार कैसे मिले और हो सके तो अपने ही इलाके में रोजगार कैसे मिले, उसको लेकर के skill development का एक बहुत बड़ा अभियान जिसके कारण देश के कोटि-कोटि नौजवान, जिसके हाथ में डिग्री का कागज तो होता है, लेकिन हाथों में हुनर नहीं होता है और सिर्फ कागज से गाड़ी चलती नहीं है। उसके हाथ में हुनर होना चाहिए, कौशल्‍य होना चाहिए। दुनिया में हम सबसे युवा है। 65 प्रतिशत जनसंख्‍या 35 साल से कम उम्र की है। 65 प्रतिशत जनसंख्‍या 35 साल से कम उम्र की है उन भुजाओं में अगर कौशल्‍य हो, तो पूरी दुनिया को महारत करने की ताकत हिन्‍दुस्‍तान के नौजवान में आ जाती है और इसी बात को लेकर के skill development के द्वारा पूरे देश में एक विकास की नई ऊंचाई बनाने के लिए हमने प्रयास किया है।

आपने देखा होगा मैंने 15 अगस्‍त को लाल किले पर से एक घोषणा की थी और मैंने कहा था ये जो interview नाम की चीज है। driver चाहिए तो भी interview, peon चाहिए तो भी interview, छोटा clerk चाहिए तो भी interview और उसके कारण लाखों नौजवान रोजगार के लिए किसी न किसी की सिफारिश ढूंढते हैं। कोई न कोई बिचौलिया उनके हाथ लग जाता है और नौकरी मिले या न मिले उसका जेब तो काट ही लेते हैं। और छोटी जगह पर बहुत बड़ी मात्रा में interview होते हैं। बहुत बड़ी मात्रा में लोग भर्ती करने पड़ते हैं। अगर एक-एक व्‍यक्‍ति से 5-5, 10-10 हजार रुपया भी लूटना शुरू करे तो गरीब आदमी के 10 हजार रुपया, वो जीवन भर का कर्जदार बन जाता है और इसलिए मेरी सरकार ने एक मैंने 15 अगस्‍त को सुझाव दिया था कि interview नाम की चीज बंद होनी चाहिए। और आज मैं नौजवानों को कहता हूं कि मेरी सरकार उस दिशा में बहुत तेजी से आगे बढ़ी है। कुछ department ने already काम चालू कर दिया है। अभी दो दिन पहले मुझे रेलवे वालों ने बता दिया कि उनकी एक level के नीचे की जो भर्ती है, बोले बिना interview लिए हम online exam लेकर के पूरा कर लेंगे। हमारे नौजवान को रोजगार के लिए इस प्रकार से परेशानियां भुगतनी पड़े और आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में भी जो बुराईयां घुस गई हैं उसकी सफाई होके रहेगी ये मैं नौजवानों को विश्‍वास दिलाना चाहता हूं।

हम सबने मिल करके जन-भागीदारी से देश को आगे कैसे बढ़ाया जा सकता है। आज पूरा दिन मैंने जो बिताया है, एक एक मिनट सिर्फ और सिर्फ विकास की बातों पर ही मैंने लगाया है। जब से मैं यहां Land किया हूं हर विषय जिनसे मिला जिनसे बातें कीं और आज मैं बनारस के सभी जीवन के क्षेत्र के लोगों से मुझे मिलने का सौभाग्‍य मिल गया है। बहुत बातें उनसे की मैंने। पूरे दिन भर उनकी बातें सुनता रहा। उनसे विषयों को समझता रहा और केंद्र बिंदु सिर्फ विकास था। और मेरा ये विश्‍वास है कि हमारी सारी समस्‍याओं का समाधान भी सिर्फ एक ही बात से होने वाला है, उस बात का नाम है विकास। अगर विकास होगा तो रोजगार मिलेंगे, रोजगार मिलेंगे तो गरीबी से लड़ाई लड़ पाएंगे, रोजगार मिलेंगे तो बच्‍चों को शिक्षा दे पाएंगे। रोजगार मिलेंगे विकास की नई ऊंचाईयां होंगी, व्‍यवस्‍थाएं विकसित होंगी और इसलिए सरकार व्‍यवस्‍थाओं को भी विकसित करना चाहती है और नागरिकों को सामर्थ्‍यवान भी बनाना चाहती है। आर्थिक सामर्थ्‍य देना चाहती है, शैक्षणिक सामर्थ्‍य देना चाहती है, आरोग्‍य की दृष्टि से अच्‍छे दिन आएं उसके जीवन में, उसके लिए लगातार प्रयास कर रही है।

आज पूरे विश्‍व ने भारत की जय-जयकार करना शुरू किया है ये पहले नहीं था। पूरी दुनिया भारत के प्रति देखने को तैयार नहीं थी। अभी हमने जून महीने में अंतर्राष्‍ट्रीय योगा दिवस- इसका हमने विश्‍व के समाने प्रस्‍ताव रखा। हर हिंदुस्‍तानी को खुशी होगी और बनारस वालों को ज्‍यादा खुशी होगी क्‍योंकि वो चीजें हैं जो बनारस की धरती से पनपी हैं। अंतर्राष्‍ट्रीय योगा दिवस किया और अंतर्राष्‍ट्रीय योगा दिवस को दुनिया के hundred and ninety three countries, 193 देशों ने उसको समर्थन किया और विश्‍व के सभी देशों ने योगा दिवस को मनाया। ये सिर्फ योगा दिवस को मनाना मतलब हाथ-पैर हिलाने वाला मसला नहीं है भारत के साथ जुड़ने का मसला है। ये योग विश्‍व को भारत के साथ योग करता है जुड़वाता है। ये वो योग है जो हमें जोड़ रहा है, एक ही बात कितना बड़ा बदलाव ला सकती है इसके उदाहरण हैं। आज पूरा विश्‍व भारत के प्रति‍ आशा की नजर से, गर्व की नजर से देख रहा है। और इसी बातों से देश को नई ऊंचाईयों पर ले जाने में एक अवसर पैदा होता है और उस अवसर की पूर्ति के लिए हम दिन-रात कोशिश कर रहे हैं। मां गंगा की सफाई का अभियान पांचों राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों को साथ ले करके जहां से गंगा गुजरती है, सभी पांचों राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों को साथ ले करके उस योजनाओं को लागू कर रहा हो और मैंने एक ही आग्रह किया है कि बाकी कुछ आप कर पाओ के न कर पाओ कम से कम गंगा में अब गंदगी नहीं चाहिए, गंदगी जानी नहीं चाहिए, कोई भी शहर अपना गट्टर का पानी गंगा में जाने न दे इतना प्रबंध राज्‍य सरकारों ने करना चाहिए। उसके लिए दंड देना पड़ेगा दें, दंड देने के लिए तैयार है। अभी माता अमृतानंदमयी केरल में है, आश्रम केरल में है लेकिन मां गंगा के लिए 100 करोड़ रुपयों का दान दे दिया। सवा सौ करोड़ देशवासियों के दिल में मां गंगा के प्रति‍ इतना भक्ति है, सब देशवासी गंगा के लिए कुछ न कुछ करने के लिए तैयार हैं लेकिन शुरूआत हमें करनी पड़ेगी। जिम्‍मेवारी हमें लेनी पड़ेगी। राज्‍यों के पास जो दायित्‍व हैं उसको राज्‍यों को पूरा करना पड़ेगा। और भारत सरकार कंधे से कंधा मिला करके राज्‍यों के साथ काम करेगी और मां गंगा की सफाई का काम हमें समय-सीमा में पूरा करना है।

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मैं जानता हूं ये काम कठिन है ।1984 से nineteen eighty four से ये विषय चल पड़ा है। हजारों करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं और इसलिए योजना की सफलता के प्रति आशंकाओं का कारण भी है। उसके बावजूद भी हमने अपने प्रयास छोड़ने नहीं चाहिए। हमने इतने बड़े देश ने इस एक काम को करके दिखाना चाहिए। और गंगा शुद्ध हो, गंगा साफ हो, गंगा गंदगी से मुक्‍त हो इस गंगा के बेटे के नाते हम सबका दायित्‍व बन जाता है और उस दायित्‍व को हम सबने निभाना चाहिए।

और मुझे विश्‍वास है भाइयो एक जागरूकता आई है। स्‍वच्‍छता का अभियान देख लीजिए, एक जागरूकता आई है, एक बदलाव आया है। घर में बच्‍चे भी कूड़ा-कचरा फेंकने वालों को टोकते हैं ये पहले कभी नहीं होता था। स्‍वच्‍छता एक दिन में आने वाली ऐसा कोई सोचता नहीं था। पहले भी कोई सोचता नहीं था। लेकिन पहली बार मैं नहीं मानता हिंदुस्‍तान की संसद ने स्‍वच्‍छता के ऊपर कभी debate की हो। लेकिन जबसे मैंने स्‍वच्‍छता अभियान चलाया है आज संसद भी स्‍वच्‍छता के विषय पर चर्चा करती है, विपक्ष में बैठे हुए हमारी आलोचना भी करते हैं, लेकिन कम से कम भारत की संसद को स्‍वच्‍छता के लिए बात करने के लिए फुरसत तो मिली। ये छोटी बात नहीं है और संसद, संसद स्‍वच्‍छता के लिए इतनी जागरूक हो जाए तो बात नीचे पहुंचेगी ये मेरा पूरा विश्‍वास है भाइयो।

हमारे देश में विकास के लिए दो शब्‍द हम हमेशा देखें हैं आर्थिक विकास औद्योगिक विकास। एक शब्‍द प्रयोग चलता है private sector, दूसरा शब्‍द प्रयोग चलता है public sector. यानी government के जो PSUs हैं वो हैं, या तो कॉरपोरेट हाउस हैं बड़े-बड़े उद्योग कार हैं। ये हमने आर्थिक जो विकास की पटरी है वो इन दो पटरी पर आर्थिक गाड़ी चलाने का प्रयास किया है। मैं मानता हूं ये दो पटरी पर जितनी गाड़ी तेज जानी चाहिए जा नहीं सकती है। Public Sector, Private Sector इन्‍हीं दो पिलर पर अगर हम हिंदुस्‍तान को आगे बढ़ाना चाहते हैं तो उतनी ताकत नहीं मिलेगी। और इसलिए मैं तीसरे सेक्‍टर पर बल दे रहा हूं। एक तरफ है Public Sector, Private Sector और मैं एक विचार ले करके चल रहा हूं, Personal Sector, एक individual भी देश की बहुत बड़ी अमानत है। ये Personal Sector कैसे आगे बढ़े? Private Sector, Public Sector की बराबरी में Personal Sector दो कदम आगे कैसे चले उस योजना को ले करके मैं काम कर रहा हूं।

और उस Personal Sector में आता है एक योजना हमने बनाई है मुद्रा बैंक की। हमारे देश में करीब 6-7 करोड़ लोग है जो छोटे और निम्‍न स्‍तर के व्‍यापारी है। छोटा-मोटा उद्योग चलाते हैं। एकाध-दो एकाध लोगों को रोजगार देते हैं। छोटा कारोबार चलाते हैं, लेकिन किसी के पास हाथ फैलाते नहीं, अपने बलबूते पर खड़े रहते हैं। इन लोगों की ताकत इतनी है कि करीब-करीब 15 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं, ये छोटे-छोटे लोग। दूध बेचने वाला भी एकाध बच्‍चे को इनको रोजगार देता है। अगर ये personal sector है। ये personal sector को अगर ताकत दी जाए। जो आज 15 करोड़ को नौकरी देता है वो कल 30 करोड़ को नौकरी दे सकता है, इतनी ताकत उसमें है। और इसलिए बाल काटने वाला हो, धोबी हो, चाय बेचने वाला हो, पकौड़े बेचने वाला हो, रिक्‍शा चलाने वाला हो, सब्‍जी बेचने वाला हो, फ्रूट बेचने वाला हो, छोटे-मोटे दुकान पर readymade कपड़े बेचता हो, प्रसाद बेचता हो छोटे-छोटे लोग। इस personal sector को ताकतवर बनाना है मुझे। उसको आर्थिक मदद करनी है और मुद्रा बैंक से किसी भी प्रकार की गारंटी के बिना 10 हजार से 50 हजार रुपए तक देना उस नागरिक को देना ताकि उसको साहूकार की ब्‍याज की चुंगल से बाहर निकले और वो अपने पैरों पर खड़ा हो जाए, उस दिशा में एक बहुत बड़ा अभियान चलाने वाले हैं। ये personal sector भारत के लिए बहुत बड़ी आर्थिक moment बन सकता है। हमने 50 साल तक private sector, public sector की बात की है, अब वक्‍त है हम personal sector पर बल दे और personal sector के द्वारा एक-एक व्‍यक्‍ति की उद्यमशीलता। उसको पैसे चाहिए पैसे दे, technology चाहिए technology दे, skill development करना है तो skill development दे, उसको नौजवान की जरूरत है, नौजवान दे, उसको उद्योग जगाने के लिए जगह चाहिए तो जगह दे, व्‍यापार करने के लिए अवसर चाहिए तो अवसर दे। पूरा खुला पल्ला दें, आप देखिए हिन्‍दुस्‍तान का ये सामान्‍य व्‍यक्‍ति, हिन्‍दुस्‍तान को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।

और इसलिए आज मैं काशी की धरती पर पहली बार ये personal sector के विषय को मैं प्रकट कर रहा हूं और आने वाले दिनों में इस personal sector काशी की धरती से आशीर्वाद लेकर के सवा सौ करोड़ देशवासी, 65 प्रतिशत लोग, 35 से कम आयु के लोग वो personal sector है जिसको एक ताकत देकर के मुझे देश को आगे बढ़ाना है। आप मुझे आशीर्वाद दीजिए, मेरे साथ बोलिए भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। बधुत-बहुत धन्‍यवाद।

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દરેક ભારતીયનું લોહી ઉકળી રહ્યું છે: મન કી બાતમાં વડાપ્રધાન મોદી

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આદમપુર એર બેઝ પર બહાદુર વાયુસેનાનાં યોદ્ધાઓ અને સૈનિકો સાથે પ્રધાનમંત્રીની વાતચીતનો મૂળપાઠ
May 13, 2025
Quoteવાયુસેનાના યોદ્ધાઓ અને સૈનિકો સાથે વાતચીત કરી, આપણા રાષ્ટ્રનું રક્ષણ કરવામાં તેમની હિંમત અને વ્યાવસાયિકતા પ્રશંસનીય છે: પીએમ
Quote'ભારત માતા કી જય' ફક્ત એક સૂત્ર નથી, આ દરેક સૈનિકની શપથ છે, જે પોતાના દેશના સન્માન અને ગરિમા માટે પોતાનો જીવ દાવ પર લગાવે છે: પીએમ
Quoteઓપરેશન સિંદૂર એક ત્રિમૂર્તિ છે ભારતની નીતિ, ઇરાદો અને નિર્ણાયક ક્ષમતા: પીએમ
Quoteજ્યારે આપણી બહેનો અને દીકરીઓનું સિંદૂર ભૂંસાયું, ત્યારે અમે આતંકવાદીઓને તેમના ઠેકાણાઓમાં કચડી નાખ્યા: પીએમ
Quoteઆતંકવાદના માસ્ટરમાઇન્ડ્સ હવે જાણે છે કે ભારત સામે નજર રાખવાથી વિનાશ સિવાય બીજું કંઈ નહીં થાય: પીએમ
Quoteપાકિસ્તાનમાં આતંકવાદી ઠેકાણા અને એરબેઝનો જ નાશ થયો નથી, પરંતુ તેમના દુષ્ટ ઇરાદાઓ અને હિંમતને પણ પરાજિત કરવામાં આવી: પીએમ
Quoteઆતંકવાદ સામે ભારતની લક્ષ્મણ રેખા હવે સ્પષ્ટ છે, જો બીજો આતંકવાદી હુમલો થાય છે, તો ભારત જવાબ આપશે અને તે નિર્ણાયક જવાબ હશે: પીએમ
Quoteઓપરેશન સિંદૂરની દરેક ક્ષણ ભારતના સશસ્ત્ર દળોની શક્તિનો પુરાવો છે: પીએમ
Quoteજો પાકિસ્તાન વધુ કોઈ આતંકવાદી પ્રવૃત્તિ કે લશ્કરી આક્રમણ બતાવશે, તો અમે નિર્ણાયક જવાબ આપીશું, આ જવાબ અમારી શરતો પર, અમારી રીતે હશે: પ્રધાનમંત્રી
Quoteઆ નવું ભારત છે! આ ભારત શાંતિ ઇચ્છે છે, પરંતુ જો માનવતા પર હુમલો થાય છે, તો ભારત યુદ્ધના મેદાનમાં દુશ્મનને કેવી રીતે કચડી નાખવો તે પણ જાણે છે: પ્રધાનમંત્રી

ભારત માતા કી જય!

ભારત માતા કી જય!

ભારત માતા કી જય!

દુનિયાએ હમણાં જ આ જયઘોષની શક્તિ જોઈ છે. ભારત માતા કી જય, આ ફક્ત એક જયઘોષ નથી, તે દેશના દરેક સૈનિકની શપથ છે. જે ભારત માતાના સન્માન અને ગરિમા માટે પોતાનો જીવ જોખમમાં મૂકે છે. આ દેશના દરેક નાગરિકનો અવાજ છે. જે દેશ માટે જીવવા માંગે છે અને તેના માટે કંઈક પ્રાપ્ત કરવા માંગે છે. ભારત માતા કી જય, ક્ષેત્રમાં અને મિશનમાં પણ ગુંજતો રહે છે. જ્યારે ભારતીય સૈનિકો જય મા ભારતીના નારા લગાવે છે, ત્યારે દુશ્મનનું હૃદય ધ્રૂજી જાય છે. જ્યારે આપણા ડ્રોન દુશ્મનના કિલ્લાની દિવાલોનો નાશ કરે છે, જ્યારે આપણા મિસાઇલો તીક્ષ્ણ અવાજ સાથે લક્ષ્ય સુધી પહોંચે છે, ત્યારે દુશ્મન સાંભળે છે - ભારત માતા કી જય! જ્યારે આપણે રાતના અંધારામાં પણ સૂર્ય ઉગાવીએ છીએ, ત્યારે દુશ્મન જોઈ શકે છે - ભારત માતા કી જય! જ્યારે આપણા દળો પરમાણુ બ્લેકમેલના ખતરાને નિષ્ફળ બનાવે છે, ત્યારે આકાશથી જમીન સુધી ફક્ત એક જ વાત ગુંજતી રહે છે - ભારત માતા કી જય!

મિત્રો,

ખરેખર, તમે બધાએ લાખો ભારતીયોને ગૌરવ અપાવ્યું છે; તમે દરેક ભારતીયને ગર્વની લાગણી અપાવી છે. તમે ઇતિહાસ રચ્યો છે. અને હું આજે વહેલી સવારે તમારી વચ્ચે તમને મળવા આવ્યો છું. જ્યારે વીરોના પગ ધરતીને સ્પર્શે છે, ત્યારે ધરતી ધન્ય બની જાય છે, જ્યારે વીરોને જોવાની તક મળે છે, ત્યારે જીવન ધન્ય બની જાય છે. અને એટલે જ હું આજે વહેલી સવારે તમને મળવા આવ્યો છું. ઘણા દાયકાઓ પછી પણ, જ્યારે ભારતની આ વીરતાની ચર્ચા થશે, ત્યારે તમે અને તમારા સાથીઓ તેનો સૌથી અગ્રણી પ્રકરણ હશો. તમે બધા દેશની વર્તમાન અને ભાવિ પેઢીઓ માટે એક નવી પ્રેરણા બન્યા છો. આજે, વીરોની આ ભૂમિ પરથી, હું વાયુસેના, નૌકાદળ અને સેનાના બધા બહાદુર સૈનિકો અને બીએસએફના આપણા નાયકોને સલામ કરું છું. તમારી બહાદુરીને કારણે, આજે ઓપરેશન સિંદૂરનો પડઘો દરેક ખૂણામાં સંભળાઈ રહ્યો છે. આ સમગ્ર ઓપરેશન દરમિયાન દરેક ભારતીય તમારી સાથે ઉભો રહ્યો, દરેક ભારતીયની પ્રાર્થનાઓ તમારી સાથે હતી. આજે દેશનો દરેક નાગરિક તેના સૈનિકો અને તેમના પરિવારોનો આભારી અને ઋણી છે.

મિત્રો,

ઓપરેશન સિંદૂર એ કોઈ સામાન્ય લશ્કરી કાર્યવાહી નથી. આ ભારતની નીતિ, ઇરાદા અને નિર્ણય લેવાની ક્ષમતાનો સંગમ છે. ભારત બુદ્ધની ભૂમિ છે અને ગુરુ ગોવિંદસિંહજીની પણ ભૂમિ છે. ગુરુ ગોવિંદસિંહજીએ કહ્યું હતું - "સવા લાખ સે એક લડાઉ, ચીડિયા સે મૈં બાજ ઉડાઉ, તબ ગોવિંદસિંહ નામ કહાઉ" દુષ્ટતાનો નાશ કરવા અને ન્યાયીપણાની સ્થાપના કરવા માટે શસ્ત્રો ઉપાડવાની આપણી પરંપરા છે. એટલા માટે જ્યારે આપણી બહેનો અને દીકરીઓના સિંદૂર ભૂંસાઈ ગયા, ત્યારે આપણે આતંકવાદીઓના ઘરમાં ઘૂસીને તેમના દાંત કચડી નાખ્યા. તેઓ કાયરની જેમ છુપાઈને આવ્યા હતા, પણ તેઓ ભૂલી ગયા કે તેમણે જેને પડકાર ફેંક્યો હતો તે ભારતીય સેના હતી. તમે સામેથી હુમલો કર્યો અને તેમને મારી નાખ્યા, તમે આતંકના બધા મોટા ઠેકાણાઓનો નાશ કર્યો, 9 આતંકવાદી ઠેકાણાઓનો નાશ થયો, 100થી વધુ આતંકવાદીઓ માર્યા ગયા, આતંકના આકાઓ હવે સમજી ગયા છે કે, ભારત તરફ નજર ઉંચકવાનું એક જ પરિણામ હશે - વિનાશ! ભારતમાં નિર્દોષ લોકોના લોહી વહેવડાવવાનું એક જ પરિણામ આવશે - વિનાશ અને મહાન વિનાશ! ભારતીય સેના, ભારતીય વાયુસેના અને ભારતીય નૌકાદળે પાકિસ્તાની સેનાને હરાવી દીધી છે. જેના પર આ આતંકવાદીઓ આધાર રાખતા હતા. તમે પાકિસ્તાની સેનાને પણ કહ્યું છે કે પાકિસ્તાનમાં એવી કોઈ જગ્યા નથી જ્યાં આતંકવાદીઓ બેસીને શાંતિથી શ્વાસ લઈ શકે. અમે તેમના ઘરોમાં ઘૂસીને તેમને મારી નાખીશું અને તેમને ભાગવાનો મોકો પણ નહીં આપીએ. અને આપણા ડ્રોન, આપણા મિસાઇલો, પાકિસ્તાન તેમના વિશે વિચારીને ઘણા દિવસો સુધી ઊંઘી શકશે નહીં. તેમણે કૌશલ દિખલાયા ચાલો મેં, ઉડ ગયા ભયાનક ભાલો મેં, નિર્ભિક ગયા વહ ઢાલો મેં, સરપટ દૌડા કરવાલો મેં. આ પંક્તિઓ મહારાણા પ્રતાપના પ્રખ્યાત ઘોડા ચેતક પર લખેલી છે, પરંતુ આ પંક્તિઓ આજના આધુનિક ભારતીય શસ્ત્રોમાં પણ બંધ બેસે છે.

મારા બહાદુર સાથીઓ,

ઓપરેશન સિંદૂર દ્વારા, તમે રાષ્ટ્રનું મનોબળ વધાર્યું છે, રાષ્ટ્રને એકતાના દોરમાં બાંધ્યું છે, અને તમે ભારતની સરહદોનું રક્ષણ કર્યું છે, ભારતના આત્મસન્માનને નવી ઊંચાઈઓ પર લઈ ગયા છો.

મિત્રો,

તમે કંઈક એવું કર્યું જે અભૂતપૂર્વ, અકલ્પનીય, અદ્ભુત છે. આપણી વાયુસેનાએ પાકિસ્તાનમાં ઘૂસીને આતંકવાદી ઠેકાણાઓને નિશાન બનાવ્યા છે. સરહદ પારના લક્ષ્યોને ભેદવું, ફક્ત 20-25 મિનિટમાં પિન-પોઇન્ટ લક્ષ્યોને ભેદવા એ આધુનિક ટેકનોલોજીથી સજ્જ એક વ્યાવસાયિક દળ જ કરી શકે છે. તમારી ગતિ અને ચોકસાઈ એટલી હદે હતી કે દુશ્મન સ્તબ્ધ થઈ ગયો. તેને ખ્યાલ પણ ન રહ્યો કે ક્યારે તેની છાતી વીંધાઈ ગઈ.

મિત્રો,

અમારો ઉદ્દેશ્ય પાકિસ્તાનની અંદર આવેલા આતંકવાદી મુખ્યાલય પર હુમલો કરીને આતંકવાદીઓને ઠાર કરવાનો હતો. પરંતુ હું કલ્પના કરી શકું છું કે પાકિસ્તાને પોતાના પેસેન્જર વિમાનોને આગળ રાખીને જે કાવતરું રચ્યું હતું, તે ક્ષણ કેટલી મુશ્કેલ હશે, જ્યારે નાગરિક વિમાન દેખાતું હતું, અને મને ગર્વ છે કે તમે ખૂબ જ કાળજીપૂર્વક, ખૂબ જ સાવધાનીપૂર્વક, નાગરિક વિમાનને કોઈ નુકસાન પહોંચાડ્યા વિના, તેનો નાશ કરીને તમારો જવાબ બતાવ્યો. હું ગર્વથી કહી શકું છું કે તમે બધાએ તમારા લક્ષ્યો સંપૂર્ણપણે પ્રાપ્ત કર્યા છે. પાકિસ્તાનમાં આતંકવાદીઓના ઠેકાણા અને તેમના એરબેઝનો નાશ થયો એટલું જ નહીં, પરંતુ તેમના દુષ્ટ ઇરાદા અને તેમની હિંમત બંનેનો નાશ થયો.

મિત્રો,

ઓપરેશન સિંદૂરથી હતાશ થયેલા દુશ્મને આ એરબેઝ તેમજ આપણા ઘણા એરબેઝ પર હુમલો કરવાનો ઘણી વખત પ્રયાસ કર્યો. તેણે વારંવાર અમને નિશાન બનાવ્યા, પરંતુ પાકિસ્તાનના દુષ્ટ ઇરાદા દર વખતે નિષ્ફળ ગયા. પાકિસ્તાનના ડ્રોન, તેના યુએવી, પાકિસ્તાનના વિમાન અને તેના મિસાઇલો, બધાને આપણા મજબૂત હવાઈ સંરક્ષણ દ્વારા નષ્ટ કરવામાં આવ્યા. હું દેશના તમામ એરબેઝના નેતૃત્વની, ભારતીય વાયુસેનાના દરેક વાયુ યોદ્ધાની હૃદયપૂર્વક પ્રશંસા કરું છું, તમે ખરેખર ખૂબ જ સારું કામ કર્યું છે.

મિત્રો,

આતંકવાદ સામે ભારતની લક્ષ્મણ રેખા હવે એકદમ સ્પષ્ટ છે. હવે જો ફરીથી કોઈ આતંકવાદી હુમલો થશે તો ભારત જવાબ આપશે, તે ચોક્કસ જવાબ આપશે. આપણે સર્જિકલ સ્ટ્રાઈક દરમિયાન, હવાઈ હુમલા દરમિયાન આ જોયું છે, અને હવે ઓપરેશન સિંદૂર ભારતનું ન્યૂ નોર્મલ છે. અને જેમ મેં ગઈકાલે પણ કહ્યું હતું તેમ, ભારતે હવે ત્રણ સિદ્ધાંતો પર નિર્ણય લીધો છે, પ્રથમ - જો ભારત પર આતંકવાદી હુમલો થશે, તો અમે અમારી રીતે, અમારી શરતો પર અને અમારા પોતાના સમયે જવાબ આપીશું. બીજું - ભારત કોઈપણ પરમાણુ બ્લેકમેલ સહન કરશે નહીં. ત્રીજું, આપણે આતંકવાદને સમર્થન આપતી સરકાર અને આતંકવાદના આકાઓને અલગ અલગ સંસ્થાઓ તરીકે નહીં જોઈએ. દુનિયા પણ ભારતના આ નવા સ્વરૂપને, આ નવી વ્યવસ્થાને સમજીને આગળ વધી રહી છે.

મિત્રો,

ઓપરેશન સિંદૂરની દરેક ક્ષણ ભારતીય સશસ્ત્ર દળોની તાકાતનો પુરાવો આપે છે. આ સમયગાળા દરમિયાન, આપણા દળો વચ્ચેનું સંકલન, મારે કહેવું જ જોઇએ, ઉત્તમ હતું. આર્મી હોય, નેવી હોય કે એરફોર્સ, બધા વચ્ચે સંકલન જબરદસ્ત હતું. નૌકાદળે સમુદ્ર પર પોતાનું વર્ચસ્વ સ્થાપિત કર્યું. સેનાએ સરહદ મજબૂત બનાવી. અને ભારતીય વાયુસેનાએ હુમલો અને બચાવ બંને કર્યા. બીએસએફ અને અન્ય દળોએ પણ અદ્ભુત ક્ષમતાઓનું પ્રદર્શન કર્યું છે. સંકલિત હવાઈ અને જમીન લડાઇ પ્રણાલીઓએ અદ્ભુત કામ કર્યું છે. અને આ જ છે, એકતા, આ હવે ભારતીય દળોની તાકાતની એક મજબૂત ઓળખ બની ગઈ છે.

મિત્રો,

ઓપરેશન સિંદૂરમાં, માનવબળ અને મશીનો વચ્ચેનું સંકલન પણ અદ્ભુત રહ્યું છે. ભારતની પરંપરાગત હવાઈ સંરક્ષણ પ્રણાલીઓ હોય, જેણે ઘણી લડાઈઓ જોઈ છે, કે પછી આકાશ જેવા આપણા મેડ ઇન ઈન્ડિયા પ્લેટફોર્મ હોય, તેમને S-400 જેવી આધુનિક અને શક્તિશાળી સંરક્ષણ પ્રણાલીઓ દ્વારા અભૂતપૂર્વ તાકાત આપવામાં આવી છે. એક મજબૂત સુરક્ષા કવચ ભારતની ઓળખ બની ગઈ છે. પાકિસ્તાનના તમામ પ્રયાસો છતાં, આપણા એરબેઝ કે આપણા અન્ય સંરક્ષણ માળખાને કોઈ અસર થઈ નથી. અને આનો શ્રેય તમારા બધાને જાય છે, અને મને તમારા બધા પર ગર્વ છે, આ શ્રેય સરહદ પર તૈનાત દરેક સૈનિકને જાય છે, આ કામગીરી સાથે સંકળાયેલા દરેક વ્યક્તિને જાય છે.

મિત્રો,

આજે આપણી પાસે નવી અને અદ્યતન ટેકનોલોજીની એટલી ક્ષમતા છે કે પાકિસ્તાન તેની સાથે સ્પર્ધા કરી શકે તેમ નથી. છેલ્લા દાયકામાં, વાયુસેના સહિત આપણા બધા દળો પાસે વિશ્વની શ્રેષ્ઠ ટેકનોલોજીની પહોંચ છે. પરંતુ આપણે બધા જાણીએ છીએ કે નવી ટેકનોલોજી સાથે, પડકારો પણ મોટા થાય છે. જટિલ અને અત્યાધુનિક સિસ્ટમો જાળવવી, તેમને કાર્યક્ષમતાથી ચલાવવી, એ એક મહાન કૌશલ્ય છે. તમે ટેકનોલોજીને યુક્તિઓ સાથે જોડીને બતાવ્યું છે. તમે સાબિત કર્યું છે કે તમે આ રમતમાં, દુનિયામાં શ્રેષ્ઠ છો. ભારતીય વાયુસેના હવે માત્ર શસ્ત્રોથી જ નહીં પરંતુ ડેટા અને ડ્રોનથી પણ દુશ્મનને હરાવવામાં માહિર બની ગઈ છે.

મિત્રો,

પાકિસ્તાનની અપીલ પછી, ભારતે ફક્ત તેની લશ્કરી કાર્યવાહી મુલતવી રાખી છે. જો, પાકિસ્તાન ફરીથી આતંકવાદી પ્રવૃત્તિ અથવા લશ્કરી સાહસનો આશરો લેશે, તો અમે યોગ્ય જવાબ આપીશું. તેઓ આ પ્રશ્નનો જવાબ પોતાની રીતે, પોતાની શરતો પર આપશે. અને આ નિર્ણયનો પાયો, તેની પાછળ છુપાયેલો આત્મવિશ્વાસ, તમારા બધાના ધૈર્ય, હિંમત, બહાદુરી અને સતર્કતા પર આધારિત છે. તમારે આ હિંમત, આ જુસ્સો, આ ઉત્સાહ આમ જ જાળવી રાખવો પડશે. આપણે સતત સજાગ રહેવું પડશે, તૈયાર રહેવું પડશે. આપણે દુશ્મનને યાદ અપાવતા રહેવું પડશે કે આ એક નવું ભારત છે. આ ભારત શાંતિ ઇચ્છે છે, પરંતુ જો માનવતા પર હુમલો થાય છે, તો આ ભારત યુદ્ધના મોરચે દુશ્મનનો નાશ કેવી રીતે કરવો તે પણ સારી રીતે જાણે છે. આ સંકલ્પ સાથે, ચાલો ફરી એકવાર કહીએ-

ભારત માતા કી જય. ભારત માતા કી જય.

ભારત માતા કી જય.

વંદે માતરમ. વંદે માતરમ.

વંદે માતરમ. વંદે માતરમ.

વંદે માતરમ. વંદે માતરમ.

વંદે માતરમ. વંદે માતરમ.

વંદે માતરમ.

ખૂબ ખૂબ આભાર.