Golden Opportunity as PM Modi launches three gold schemes

Published By : Admin | November 5, 2015 | 15:12 IST
QuotePM Narendra Modi launches three gold schemes
QuotePM Narendra Modi launches first ever Indian gold coin
QuoteIndia has no reason to be described as a poor country; it has 20,000 tonnes of gold: PM Modi
QuoteGold has been a source of women's empowerment in Indian society, says Prime Minister Modi
QuotePM Narendra Modi highlights benefits of three gold schemes

उपस्थित सभी महानुभव।

हम बचपन से सुनते आए थे ‘सोने पे सुहागा’। लेकिन अब तक समझ नहीं था कि ‘सोने पर सुहागा’ होता क्‍या है। आज हमारे वित्‍त मंत्री जी ने हमें समझा दिया ‘सोने पर सुहागा’ क्‍या होता है। देश के लिए योजना सच्‍चे अर्थ में ‘सोने पे सुहागा’ इस भाव को चरित्रार्थ करती है। और हम ऐसे गरीब देश हैं जिसके पास 20 हजार टन सोना यूं ही पड़ा है। और शायद हमारी गरीबी का कारण भी यही है कि 20 हजार टन सोना पड़ा हुआ है। और इसलिए भारत को गरीब रहने का कोई कारण नहीं है, कोई कारण नहीं है। कोई logic नहीं समझा पा रहा कि हमें गरीब क्‍यों रहना चाहिए। अगर हम थोड़ी कोशिश करें, सही दिशा में कोशिश करें, तो हम.. हम पर जो Tag लगा है, उस Tag से मुक्ति पा सकते हैं। और उस रास्‍ते का एक महत्‍वपूर्ण, अहम कदम आज है कि ये Gold संबंधी भिन्‍न-भिन्न योजनाएं।

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अब मैं बचपन से सुनता आया था लोगों से कि भई आधी रात को काम आता है। सोना रखो, आधी रात को काम आता है। कभी जरूरत पड़ जाए तो काम आ जाएगा; लेकिन मैंने सैकड़ों लोगों को पूछा कि भई कभी आपकी जिंदगी में ऐसी नौबत आई है क्‍या? मुझे अभी तक कोई मिला नहीं, जिसको आधी रात उसका उपयोग हुआ हो लेकिन मनोवैज्ञानिक रूप से उसके दिमाग में फिट है कि भई यह रखो कभी आधी रात काम आ जाएगा। और यह जो हमारे बने बनाए कुछ विचार ने घर कर लिया है, उसमें से समाज को बाहर लाना यह आसान काम नहीं है। आप समझा करके कितने ही पढ़े-लिखे व्‍यक्ति को कहोगे कि छोड़ों, आसान नहीं है। Even Reserve Bank के Governor को भी अपनी पत्‍नी कुछ मांगेगी तो Gold लाना ही पड़ेगा। जबकि उनका अर्थशास्‍त्र Gold के संबंध में अलग होगा, लेकिन गृहशास्‍त्र अलग होगा, तो यह जो अवस्‍था है उस अवस्‍था में कोई न कोई innovative, creative हमने व्‍यवस्‍थाएं विकसित करनी पड़ेगी। दूसरी एक सोच बनी हुई हैं हमारे देश में एक ऐसा Perception है दुनिया में कि भारत में महिलाओं के पास कुछ होता नहीं है। मकान है तो पति के नाम पर, पिता के नाम पर, गाड़ी है तो पति या बेटे के नाम पर, खेत है तो पिता के नाम महिलाओं के पास ? लेकिन बारीकी से देखेंगे तो सोना एक होता है जो महिला की ताकत का विषय होता है। यह ऐसे बनी हुई व्‍यवस्‍था नहीं है। कोई सिर्फ एक सामाजिक व्‍यवस्‍था का एक बहुत बड़ा ताकतवर हिस्‍सा रहा है, जो women empowerment बहुत बड़ा पहलू है। उसके नाम पर मकान नहीं होगा, लेकिन उसके पास यह संपत्ति उसके मालिक की होती है। और परिवार भी उसको question नहीं करता, बेटी भी question नहीं करती, यह तो मां का है। यह जो हमारा संस्‍कार का एक उत्‍तम पहलू भी है। जिसने women empowerment के लिए एक ऐसा सामाजिक जीवन में व्‍यवस्‍था विकसित की and with the help of gold यह हमारा structure विकसित हुआ है, तो उसको बरकरार भी रखना है। हमारी माताएं-बहनें उनके अंदर जो सुरक्षा का भाव है यह बरकरार रहना चाहिए। हम इस scheme में ये विश्‍वास अगर पहुंचाते हैं तो शायद इसकी सबसे ज्‍यादा सफलता का कारण महिलाएं बनेगी। दूसरा हमने देखा होगा हमारे यहां सम्‍पन्‍न परिवारों के family डॉक्‍टर होते हैं। even मध्‍यम वर्ग परिवार के भी family डॉक्‍टर होते हैं।लेकिन निम्‍म वर्ग, गरीब वर्ग परिवार के family डॉक्‍टर नहीं होते हैं। लेकिन हमारे देश में हर परिवार का family goldsmith होता है। कितना बड़ा विश्‍वास होता है। तीन-तीन, चार-चार पीढ़ी से वो सुनार, यानी वो अमेरिका में रहने गया होगा, लेकिन अपने गांव का सुनार है उसी को ढूंढेगा कि भई देखो जरा मैं यह भेजता हूं, कर देना। यह विश्‍वसनीयता एक बहुत बड़ी यानी सदियों की तपस्‍या से बनती है। उस ताकत को भी हमें पहचानना होगा। और इसलिए जब योजना के विषय में मेरे से चर्चा हो रही थी, तो श्रीमान दास को मैं कह रहा था कि जो गांव के छोटे-छोटे goldsmith हैं, वे हमारे एजेंड कैसे बन सकते हैं इस योजना के। एक समय ऐसा था 1968 goldsmith सरकार का सबसे बड़ा दुश्‍मन बना हुआ था। मैं गुजरात के पार्टन नामक शहर में बचपन में कुछ समय बिताया था। जिस गली में मैं रहता था वो सोने की गली थी। वहां एक सज्‍जन थे, उनका एक कार्यक्रम रहता था। सुबह अखबार आता था तो सिगरेट जलाते थे और अखबार में जहां भी मौराजी भाई का फोटो हो तो उसको जलाते थे। इतना गुस्‍सा, इतना गुस्‍सा वो करते थे, क्‍यों‍कि उनको लगता था कि भई हमारी तो सारी रोजी-रोटी चली गई। हम इस योजना के द्वारा ऐसी कैसे व्‍यवस्‍था विकसित करें ताकि उसको फिर एक एक बार empower करें। वो हमारा इस profession का एजेंट कैसे बने, क्‍योंकि उसका विश्‍वास है कि मैं किसी के लिए बुराई नहीं कर रहा हूं लेकिन बैंक से ज्‍यादा उसको अपने गांव के सुनार पर ज्‍यादा भरोसा है। वो बड़े से बड़े jewelry की showroom में जाएगा, लाने के बाद अपने सुनार के यहां जरा चैक कर ले भई। कितना ही बड़ा showroom होगा.. हमारे मेहुल भाई यहां बैठे हैं, लेकिन वो जाएगा। जाएगा अपने सुनार के पास जरा चैक तो करो, मैं ले तो आया हूं। ये एक हमारी इस व्‍यवस्‍था की एक बहुत बड़ी कड़ी बन सकती है। और यह स्‍ट्रक्‍चर already available है। हम उनको gold bond के लिए किस प्रकार से प्रेरित कर सकते है, उनको कैसे विश्‍वास दिला सकते हैं। हम एक decent line mechanism कैसे develop कर सकते हैं और मैं चाहूंगा कि Department के लोग इस पर सोचे, अगर यह हम कर पाएं तो शायद एकदम से यह बढ़ेगा। सरकार में कोई योजना बजट में आए और इतने कम समय में यह लागू हो जाए और Target तय किया है धनतेरस के पहले, क्‍योंकि भारत में शादी में सोने का जितना महत्‍व है, उससे ज्‍यादा धनतेरस को है। और सबसे ज्‍यादा import इन्‍हीं दिनों में हुआ होगा। क्‍योंकि लोगों को लगता होगा कि कोई बहुत बड़ा मार्केट खुलने वाला है तो हमको.. अब यह देखिए एक हजार टन सोना हर वर्ष हम import करते हैं और यह इतनी बड़ी शक्ति है हमारी अगर बिना उपयोग के पड़ी रहे किसी ने कोई बहुत बड़ा जलाशय बनाया हो dam बनाया हो, अरबों खरबों रुपये खर्च किये हो। लेकिन अगर canal network न हो और किसानों के पास पहुंचेगा नहीं तो क्‍या करना है उसको। यह हमारे 20 हजार टन सोने की यही हाल है जी। हमें इसको राष्‍ट्र की शक्ति में परिवर्तित करना है और सामाजिक सुरक्षा में अधिक बलवान बनाना है। इसके एक पहलू नहीं संभव है। यह सामाजिक सुरक्षा का जो पहलू है उसको हमें और Strengthen करना है। राष्‍ट्र की विकास यात्रा में वो एक बहुत बड़ा रोल प्‍ले कर सकते उस प्रकार का हमने विश्‍वास जताना है, mechanism बनाना है। आज एक चिंता तो लोगों को रहती है कि भई कहां रखें 15 दिन बाहर जाना है तो यह सब रखे कहां? रिश्‍तेदार के भी यहां रखें तो क्‍या रखें, कैसे उसको.. मन में चिंता रहती है। यह सुरक्षा का सबसे बड़ा Tension है वो इस योजना से मिट जाता है। उसको विश्‍वास बन जाता है कि यहां मेरा पैसा सुरक्षित है। कभी-कभार व्‍यक्ति Gold में इसलिए करता है कि रुपये के थैले कहां रखेंगे? इतनी छोटी जगह में Gold आ जाएगा तो इतने बड़े थैले वाला रुपये.. तो हम जानते है वो क्‍या होता है सब। लेकिन अगर आज वो उसके पास bond आ गया तो अपना चार कागज़ रख लें चोर भी आएगा तो वो हाथ नहीं लगाएगा। वो कहेगा यह कागज़ को क्‍या ले जाना, नहीं ले जाना भई, ये तो बेकार है। यानी सुरक्षा की guarantee है और यह वो बेच भी सकता है। सोना आधी रात को बिका हो, यह मुझे पता नहीं है। लेकिन मैं विश्‍वास से कहता हूं कि Gold Bond जरूरत पड़ने पर आधी रात को बेच सकते हैं, कहीं अस्‍पताल में जाना पड़ा ऑपरेशन करना पड़े, डॉक्‍टर कहता है पहले पैसे लाओ, Gold Bond दे दिया ऑपरेशन हो जाएगा। यह इतनी संभावनाएं तो सोने में नहीं है। यानी plus point है इसमें। हम इन चीजों को बड़ा articulate करके लोगों तक कैसे पहुंचाएं। उसी प्रकार से हमारा जो यह जमा जमाया ऐसे ही Gold पड़ा हुआ है। बैंक में आएगा और लम्‍बे समय के लिए आएगा तो वो jewellry के लिए चला जाएगा।

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Jewellry के लिए चला जाएगा तो मैं मानता हूं jewellry क्षेत्र के लोगों को इस प्रकार से Gold सरलता से मिलेगा उनके सामने कोई question नहीं होंगे। एक jewellry के business वालों के लिए बैंक से direct requirement के अनुसार Gold मिल जाना locally ही मिल जाना यह अपने आप में हमारे jewellry के promotion के लिए बहुत सुविधा का कारण बनेगा और इसलिए जो jewellry की दुनिया से जुड़े हुए लोग हैं क्‍योंकि हम दुनिया के सबसे बड़े आज Gold consumer है। अभी मुझे कल कोई रिपोर्ट बता रहा था कि हमने चाइना को भी इसमें पीछे छोड़ दिया। शायद four-five hundred sixty two टन अब तक नौ महीने में शायद हमने Gold खरीदा है। और चाइना से five hundred forty eight पर खड़ा है। अगर इतना हम तेजी से कर रहे हैं, तो यह व्‍यवस्‍था हम बदलाव ला सकते हैं। monthly monitoring करके हम target तय कर सकते हैं कि इस month घरों का Gold बैंक में आएगा और उतनी मात्रा में बाहर से आना कम होगा। ये हम online monitoring व्‍यवस्‍था विकसित कर सकते थे, तो शायद हम इस सारी नई व्‍यवस्‍था को एक सचमुच में राष्‍ट्रहित में, राष्‍ट्र के‍ विकास के काम में इसको हम जोड़ सकते हैं। इसके साथ एक राष्‍ट्रीय स्‍वाभिमान का विषय भी है। क्‍या कारण है कि हम अभी भी विदेशी मार्के से सोना.. और आज भी पूछते हैं कि अच्‍छा वो मार्क का है। मुझे तो नाम याद नहीं, क्‍योंकि मेरा कोई ऐसे लेना-देना है नहीं, लेकिन सुनते आए हैं। अब वो विश्‍वास से कहेगा कि भई अशोक चक्र है क्‍या। मेरे देश को इस पर भरोसा है क्‍या। यह हमने brand popular करना चाहिए। अब हमने तय करना चाहिए कि हम अब विदेशी मार्क वाला बाजार में हम खुद ही नहीं देंगे। हम jewelry में होंगे, हम Gold बैचने वाले लोग होंगे, हम नहीं करेंगे। यह ठीक है कि अभी इस धनतेरस तो शायद सौ सवा सौ सेंटर पर ही मिलेगा शायद लेकिन वो धीरे-धीरे बढ़ेगा। तो जिन लोगों को धनतेरस पर सोना खरीदना है उनको कुछ जगह पर तो मिल ही जाएगा लेकिन आगे चल करके होगा, लेकिन एक राष्‍ट्रीय स्‍वाभिमान से जुड़ना चाहिए और हमें इसको बल देना चाहिए। और इतने कम समय में वित्‍त मंत्री और उनकी पूरी टीम ने पूरी scheme को workout किया, उसको launch किया। Technology भी इसमें है और manufacturing भी है। सारी व्‍यवस्‍थाएं नये सिरे से करनी पड़ी है। लेकिन सारी व्‍यवस्‍थाएं की और मैं जब इस coin को देखा शायद मैंने अपने रुपये वगैरह पर जो गांधी जी देखें हैं इसमें बहुत बढि़या उनका चित्र निकला है गांधी जी का, यानी जिसने भी इसका artwork किया है उसको मैं बधाई देता हूं। इतना यानी feeling आता है। आप देखेंगे तो ध्‍यान में आएगा। बहुत ही अच्‍छा artwork किया है यानी इसके लिए.. मेरा स्‍वभाव है, इन चीजों में मेरी रूचि होने के कारण मैं थोड़ा अलग प्रकार से देखता रहता हूं। लेकिन मैं बधाई देता हूं पूरी टीम को, अरूण जी को विशेष बधाई देता हूं। और देशवासियों को शुभकामनाएं देता हूं कि धनतेरस के इस पावन पर्व से और दिवाली के शुभकामनाओं के साथ भारत स्‍वर्णिम युग के लिए आगे बढ़े और आपका 20 हजार टन सोना भारत के स्‍वर्णिम युग की ओर जाने के लिए काफी है। ऐसा मेरा विश्‍वास है आइये भारत को स्‍वर्णिम युग बनाने के लिए जिनके पास सोना है, वो इस सुनहरे अवसर को न छोड़े और सोने पर सुहागा उसको फायदा वो भी उठाए। यही मेरी अपेक्षाएं और शुभकामनाएं हैं।

धन्‍यवाद।

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July 12, 2025
QuoteToday, more than 51 thousand youths have been given appointment letters, Through such employment fairs, millions of young people have already secured permanent jobs in the Government , Now these young people are playing a significant role in nation-building: PM
QuoteThe world acknowledges today that India possesses two infinite powers, One is demography, the other is democracy, In other words, the largest youth population and the largest democracy: PM
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QuoteTo boost the manufacturing sector, the Mission Manufacturing has been announced in this year's budget: PM
QuoteA report from the International Labour Organization - ILO states that over the past decade, more than 90 crore citizens of India have been brought under the ambit of welfare schemes: PM
QuoteToday, major global institutions like the World Bank are praising India, India is being ranked among the top countries with the highest equality in the world: PM

নমস্কার!

কেন্দ্রীয় সরকারে যুবকদের স্থায়ী চাকরি প্রদানের জন্য আমাদের অভিযান অব্যাহত রয়েছে। আর এটাই আমাদের পরিচয়, কোনওরকম সুপারিশ কিংবা উৎকোচ ছাড়াই কর্মসংস্থান । আজ ৫১ হাজারেরও বেশি যুবক-যুবতীকে নিয়োগপত্র দেওয়া হয়েছে। এখন পর্যন্ত, লক্ষ লক্ষ যুবক এই ধরনের কর্মসংস্থান মেলার মাধ্যমে ভারত সরকারে স্থায়ী চাকরি পেয়েছে। এখন এই তরুণরা জাতি গঠনে বড় ভূমিকা পালন করছে। আজও, আপনাদের অনেকেই ভারতীয় রেলে দায়িত্ব পালন শুরু করছেন, অনেক সহকর্মী এখন দেশের নিরাপত্তার রক্ষী হয়ে উঠবেন, ডাক বিভাগে নিযুক্ত সহকর্মীরা প্রতিটি গ্রামে সরকারি সুযোগ-সুবিধা পৌঁছে দেবেন, কিছু সহকর্মী সকলের জন্য স্বাস্থ্য মিশনের সৈনিক হবেন, অনেক যুবক আর্থিক অন্তর্ভুক্তির ইঞ্জিনকে ত্বরান্বিত করবেন এবং অনেক সহকর্মী ভারতের শিল্প উন্নয়নে নতুন গতি সঞ্চার করবেন। আপনাদের বিভাগগুলো আলাদা, কিন্তু লক্ষ্য একটাই এবং সেই লক্ষ্যটা কী, আমাদের বারবার মনে রাখতে হবে, লক্ষ্য একটাই, বিভাগ যাই হোক না কেন, কাজ যাই হোক না কেন, পদ যাই হোক না কেন, ক্ষেত্র যাই হোক না কেন, লক্ষ্য একটাই – জাতির সেবা। নীতি এক – নাগরিক প্রথম, নাগরিক প্রথম। দেশের মানুষের সেবা করার জন্য আপনার কাছে একটি বিশাল প্ল্যাটফর্ম রয়েছে। আপনাদের জীবনের এই গুরুত্বপূর্ণ পর্যায়ে এত বড় সাফল্য অর্জনের জন্য আমি আপনাদের, সকল তরুণদের অভিনন্দন জানাই। আপনাদের এই নতুন যাত্রার জন্য আমি আপনাদের সকলকে শুভকামনা জানাই।

বন্ধুগণ,

আজ বিশ্ব স্বীকার করে যে ভারতের দুটি সীমাহীন শক্তি রয়েছে। একটি হলো ডেমোগ্রাফি, অন্যটি হলো গণতন্ত্র। অর্থাৎ, বৃহত্তম যুব জনসংখ্যা এবং বৃহত্তম গণতন্ত্র। যুবসমাজের এই শক্তি আমাদের সবচেয়ে বড় পুঁজি এবং ভারতের উজ্জ্বল ভবিষ্যতের সবচেয়ে বড় গ্যারান্টি। আর আমাদের সরকার এই মূলধনকে সমৃদ্ধির উৎস হিসেবে গড়ে তোলার জন্য দিনরাত কাজ করে যাচ্ছে। আপনারা সবাই জানেন, মাত্র একদিন আগে আমি পাঁচটি দেশ পরিদর্শন করে ফিরে এসেছি। ভারতের যুবশক্তির প্রতিধ্বনি প্রতিটি দেশেই শোনা গিয়েছিল। এই সময়ের মধ্যে যে চুক্তিগুলি হয়েছে তা দেশে এবং বিদেশে ভারতের যুবসমাজের জন্য উপকারী হবে। প্রতিরক্ষা, ওষুধ, ডিজিটাল প্রযুক্তি, জ্বালানি, বিরল মাটির খনিজ এবং এই জাতীয় অনেক ক্ষেত্র, এই ক্ষেত্রগুলিতে করা চুক্তিগুলি আগামী দিনে ভারতের জন্য অনেক উপকারী হবে, ভারতের উৎপাদন এবং পরিষেবা ক্ষেত্র একটি বড় অগ্রগতি লাভ করবে।

বন্ধুগণ,

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সময়ের পরিবর্তনের পাশাপাশি, একবিংশ শতাব্দীতে চাকরির ধরণও পরিবর্তিত হচ্ছে, নতুন নতুন ক্ষেত্রও উদ্ভূত হচ্ছে। সেজন্যেই গত দশকে ভারত তার যুবসমাজকে এর জন্য প্রস্তুত করার দিকে মনোনিবেশ করেছে। এখন এর জন্য গুরুত্বপূর্ণ সিদ্ধান্ত নেওয়া হয়েছে, আধুনিক চাহিদার কথা মাথায় রেখে আধুনিক নীতিও তৈরি করা হয়েছে। আজ দেশে স্টার্ট-আপ, উদ্ভাবন এবং গবেষণার যে বাস্তুতন্ত্র তৈরি হচ্ছে, তা দেশের যুবসমাজের সক্ষমতা বৃদ্ধি করছে। আজ যখন আমি দেখি তরুণরা তাঁদের নিজস্ব স্টার্ট-আপ শুরু করতে চান, তখন আমার আত্মবিশ্বাসও বেড়ে যায়। আর এক্টু আগেই আমাদের ডঃ জিতেন্দ্র সিং জি স্টার্টআপগুলি সম্পর্কে কিছু পরিসংখ্যান বিস্তারিতভাবে আপনাদের সঙ্গে শেয়ার করেছেন। আমি আনন্দিত যে আমার দেশের যুবসমাজ দ্রুততা এবং শক্তির সাথে একটি বৃহৎ দৃষ্টিভঙ্গি নিয়ে এগিয়ে চলেছেন; তাঁরা নতুন কিছু করতে চান।

বন্ধুগণ,

ভারত সরকার বেসরকারি ক্ষেত্রে নতুন কর্মসংস্থানের সুযোগ তৈরির উপরও জোর দেয়। সম্প্রতি সরকার একটি নতুন প্রকল্প অনুমোদন করেছে, যার নাম কর্মসংস্থান-সংযুক্ত উৎসাহভাতা প্রকল্প। এই প্রকল্পের আওতায়, সরকার বেসরকারি ক্ষেত্রে প্রথমবারের মতো কর্মসংস্থান পাওয়া যুবকদের ১৫,০০০ টাকা দেবে। অর্থাৎ প্রথম চাকরির প্রথম বেতনে সরকার অবদান রাখবে। এর জন্য সরকার প্রায় ১ লক্ষ কোটি টাকার বাজেট করেছে। এই প্রকল্পটি প্রায় ৩.৫ কোটি নতুন কর্মসংস্থান তৈরিতে সাহায্য করবে।

বন্ধুগণ,

আজ, আমাদের উৎপাদন ক্ষেত্র ভারতের একটি প্রধান শক্তি। উৎপাদন ক্ষেত্রে বিপুল সংখ্যক নতুন কর্মসংস্থান তৈরি হচ্ছে। উৎপাদন ক্ষেত্রকে গতিশীল করার জন্য, এই বছরের বাজেটে ‘মিশন উৎপাদন’ ঘোষণা করা হয়েছে। বিগত বছরগুলিতে, আমরা ‘মেক ইন ইন্ডিয়া’ অভিযানকে আরও জোরদার করেছি। শুধুমাত্র পিএলআই প্রকল্পের মাধ্যমে দেশে ১১ লক্ষেরও বেশি কর্মসংস্থান তৈরি হয়েছে। গত কয়েক বছরে মোবাইল ফোন এবং ইলেকট্রনিক্স ক্ষেত্র অভূতপূর্বভাবে প্রসারিত হয়েছে। আজ, প্রায় ১১ লক্ষ কোটি টাকার ইলেকট্রনিক্স উৎপাদন হচ্ছে, ১১ লক্ষ কোটি টাকা। এটিও গত ১১ বছরে ৫ গুণেরও বেশি বেড়েছে। আগে দেশে ২-৪টি মোবাইল ফোন উৎপাদন ইউনিট ছিল, মাত্র ২-৪টি। এখন ভারতে মোবাইল ফোন উৎপাদনের সঙ্গে সম্পর্কিত প্রায় ৩০০টি ইউনিট রয়েছে। আর লক্ষ লক্ষ যুবক এতে কাজ করছে। একই রকম আরেকটি ক্ষেত্র আছে এবং অপারেশন সিন্দুরের পরে, এটি নিয়ে অনেক আলোচনা হচ্ছে, এটি অত্যন্ত গর্বের সঙ্গে আলোচনা হচ্ছে এবং তা হল - প্রতিরক্ষা উৎপাদন। প্রতিরক্ষা উৎপাদনেও ভারত নতুন রেকর্ড তৈরি করছে। আমাদের প্রতিরক্ষা উৎপাদন ১.২৫ লক্ষ কোটি টাকারও বেশি পৌঁছেছে। লোকোমোটিভ ক্ষেত্রে ভারত আরেকটি বড় মাইলফলক অর্জন করেছে। ভারত বিশ্বের বৃহত্তম লোকোমোটিভ প্রস্তুতকারক দেশ হয়ে উঠেছে, বিশ্বের সর্বোচ্চ। লোকোমোটিভ, রেল কোচ, মেট্রো কোচ, আজ ভারত বিশ্বের অনেক দেশে প্রচুর পরিমাণে এগুলি রপ্তানি করছে। আমাদের অটোমোবাইল ক্ষেত্রও অভূতপূর্ব প্রবৃদ্ধি অর্জন করছে।

গত ৫ বছরেই এই খাতে প্রায় ৪০ বিলিয়ন ডলারের এফডিআই বা প্রত্যক্ষ বিদেশি বিনিয়োগ এসেছে। তার মানে নতুন নতুন কোম্পানি তৈরি হয়েছে, নতুন কারখানা স্থাপিত হয়েছে, নতুন কর্মসংস্থান তৈরি হয়েছে এবং একই সঙ্গে যানবাহনের চাহিদাও অনেক বেড়েছে, ভারতে যানবাহনের রেকর্ড বিক্রি হয়েছে। বিভিন্ন ক্ষেত্রে দেশের এই অগ্রগতি, এই উৎপাদন রেকর্ডগুলি কেবল এভাবেই তৈরি হয়, এই সব তখনই সম্ভব যখন আরও বেশি সংখ্যক যুবক-যুবতি চাকরি পাচ্ছেন। তরুণরা ঘাম ঝরিয়েছেন, তাঁদের মস্তিষ্ক কাজ করছেন, তাঁরা কঠোর পরিশ্রম করেন, দেশের তরুণরা কর্মসংস্থান পেয়েছেন এবং এই আশ্চর্যজনক কৃতিত্বও দেখিয়েছেন। এখন, একজন সরকারি কর্মচারী হিসেবে, দেশের উৎপাদন ক্ষেত্রের এই গতি যাতে অব্যাহত থাকে তা নিশ্চিত করার জন্য আপনাকে যথাসাধ্য চেষ্টা করতে হবে। যেখানেই দায়িত্ব পান, আপনাদের অনুপ্রেরণা হিসেবে কাজ করা উচিত, মানুষকে উৎসাহিত করা উচিত, বাধা দূর করা উচিত। আপনি নিজের কাজে যত বেশি সরলতা আনবেন, দেশের অন্যান্য মানুষও তত বেশি সুযোগ-সুবিধা পাবে।

বন্ধুগণ,

আজ আমাদের দেশ, এবং যে কোনও ভারতীয় অত্যন্ত গর্বের সাথে বলতে পারেন, বিশ্বের তৃতীয় বৃহত্তম অর্থনীতিতে পরিণত হওয়ার দিকে দ্রুত এগিয়ে চলেছে। এটা আমার যৌবনের ঘামের অলৌকিক ঘটনা। গত ১১ বছরে দেশ প্রতিটি ক্ষেত্রেই অগ্রগতি করেছে। সম্প্রতি আন্তর্জাতিক শ্রম সংস্থা (আইএলও) থেকে একটি খুব ভালো প্রতিবেদন বেরিয়ে এসেছে - এটি একটি চমৎকার প্রতিবেদন। এই প্রতিবেদনে বলা হয়েছে যে গত দশকে ভারতের ৯০ কোটিরও বেশি নাগরিককে কল্যাণমূলক প্রকল্পের আওতায় আনা হয়েছে। এক অর্থে, সামাজিক নিরাপত্তার পরিধি গণনা করা হয়। এবং এই প্রকল্পগুলির সুবিধাগুলি কেবল কল্যাণের মধ্যে সীমাবদ্ধ নয়। এর ফলে বিপুল সংখ্যক নতুন কর্মসংস্থানও তৈরি হয়েছে। উদাহরণস্বরূপ, আমি আপনাদের একটি ছোট উদাহরণ দেই – আমাদের প্রধানমন্ত্রী আবাসন প্রকল্প রয়েছে। এখন, প্রধানমন্ত্রী আবাস যোজনার আওতায় ৪ কোটি নতুন বাড়ি তৈরি করা হয়েছে এবং ৩ কোটি নতুন বাড়ি তৈরির প্রক্রিয়া চলছে। এত বাড়ি তৈরি হচ্ছে, রাজমিস্ত্রি, শ্রমিক এবং কাঁচামাল থেকে শুরু করে পরিবহন ক্ষেত্রের ছোট দোকানদার, পণ্য পরিবহনকারী ট্রাক চালকদের কাজ, আপনি কল্পনা করতে পারেন কত কর্মসংস্থান তৈরি হয়েছে। এর মধ্যে সবচেয়ে আনন্দের বিষয় হল, আমাদের গ্রামে বেশিরভাগ কর্মসংস্থানের সুযোগ তৈরি হয়েছে, তাই এখন আর গ্রাম ছেড়ে যেতে হচ্ছে না। একইভাবে, দেশে ১২ কোটি নতুন শৌচাগার তৈরি করা হয়েছে। এই কারণে, নির্মাণের পাশাপাশি, প্লাম্বার, কাঠমিস্ত্রি এবং আমাদের বিশ্বকর্মা সম্প্রদায়ের লোকেদের জন্য অনেক চাকরির সুযোগ তৈরি হয়েছে। এটিই কর্মসংস্থান বৃদ্ধি করে এবং প্রভাবও তৈরি করে। একইভাবে, আজ উজ্জ্বলা যোজনার আওতায় দেশে ১০ কোটিরও বেশি নতুন, আমি আপনাদের যা বলছি, নতুন এলপিজি সংযোগ দেওয়া হয়েছে। এখন এর জন্য প্রচুর পরিমাণে বোতলজাতকরণ কারখানা তৈরি করা হয়েছে। গ্যাস সিলিন্ডার প্রস্তুতকারকরা কাজ পেয়েছেন, কর্মসংস্থানও তৈরি হয়েছে, গ্যাস সিলিন্ডার এজেন্সি মালিকরা কাজ পেয়েছেন। প্রতিটি বাড়িতে গ্যাস সিলিন্ডার পৌঁছে দেওয়ার জন্য প্রয়োজনীয় কর্মীদের নতুন কর্মসংস্থানের সুযোগ তৈরি হয়েছে। তুমি প্রতিটি কাজ এক এক করে নিলে, অনেক ধরণের কর্মসংস্থানের সুযোগ তৈরি হয়। এই সমস্ত জায়গায় লক্ষ লক্ষ মানুষ নতুন কর্মসংস্থান পেয়েছে।

বন্ধুগণ,

আমি আরেকটি প্রকল্প নিয়েও আলোচনা করতে চাই। এখন আপনারা এই প্রকল্পটি জানেন, এর মানে হল বলা হয় যে পাঁচটি আঙুলই ঘিয়ে ডোবানো, অথবা বলা হয় যে এটা দুই হাতে লাড্ডু রাখার মতো। প্রধানমন্ত্রী সূর্য ঘর বিনামূল্যে বিদ্যুৎ প্রকল্প। সরকার আপনার বাড়ির ছাদে বা একটি ছাদের উপরে সৌরবিদ্যুৎ কেন্দ্র স্থাপনের জন্য একটি পরিবারকে গড়ে ₹৭৫,০০০ এরও বেশি অর্থ প্রদান করছে। এর মাধ্যমে প্রত্যেকে নিজেদের বাড়ির ছাদে একটি সৌরবিদ্যুৎ কেন্দ্র স্থাপন করে। একরকমভাবে, তাঁদের বাড়ির ছাদ একটি ছোটো বিদ্যুৎ কারখানায় পরিণত হয়, এটি বিদ্যুৎ উৎপাদন করে। বাড়ির মালিক নিজেই বিদ্যুৎ ব্যবহার করেন, যদি অতিরিক্ত বিদ্যুৎ থাকে তবে তিনি তা বিক্রি করেন। এর ফলে বিদ্যুৎ বিল শূন্য হচ্ছে এবং টাকা সাশ্রয় হচ্ছে। এই প্রকল্পগুলি স্থাপনের জন্য, প্রকৌশলী এবং প্রযুক্তিবিদদের প্রয়োজন। সৌর প্যানেল তৈরির জন্য কারখানা স্থাপন, কাঁচামাল এবং তার পরিবহনের জন্য কারখানা স্থাপন আর এটি মেরামতের জন্য একটি সম্পূর্ণ নতুন শিল্প তৈরি করা হচ্ছে। আপনি কল্পনা করতে পারেন? আমাদের প্রতিটি প্রকল্পই মানুষের জন্য ভালো করছে, কিন্তু প্রধানমন্ত্রী সূর্য ঘর বিনামূল্যে বিদ্যুৎ প্রকল্পর ফলে লক্ষ লক্ষ নতুন কর্মসংস্থান তৈরি হচ্ছে।

বন্ধুগণ,


নমো ড্রোন দিদি অভিযানও তেমনি আমাদের গ্রামের বোন ও কন্যাদের আয় বৃদ্ধি করেছে আর গ্রামীণ এলাকায় নতুন কর্মসংস্থানের সুযোগও তৈরি করেছে। এই প্রকল্পের আওতায় লক্ষ লক্ষ গ্রামীণ বোনকে ড্রোন পাইলট হিসেবে প্রশিক্ষণ দেওয়া হচ্ছে। প্রাপ্ত প্রতিবেদনগুলি থেকে জানা যায় যে, আমাদের ড্রোন সিস্টার্স, আমাদের গ্রামের মা ও বোনেরা, যারা ড্রোনের মাধ্যমে কৃষিকাজে সহায়তা প্রদানের জন্য চুক্তি গ্রহণ করেন, তারা প্রতিটি কৃষি মৌসুমে লক্ষ লক্ষ টাকা আয় করতে শুরু করেছেন। শুধু তাই নয়, এটি দেশে ড্রোন তৈরির সঙ্গে সম্পর্কিত নতুন ক্ষেত্রকে অনেক শক্তি যোগাচ্ছে। কৃষি হোক বা প্রতিরক্ষা, আজ ড্রোন তৈরি দেশের যুবসমাজের জন্য নতুন সুযোগ তৈরি করছে।

বন্ধুগণ,

দেশে ৩ কোটি লক্ষপতি দিদি তৈরির অভিযান চলছে। এর মধ্যে ১.৫ কোটি বোন ইতিমধ্যেই লক্ষপতি হয়ে গেছেন। আর আপনারা জানেন যে, লক্ষপতি দিদি হওয়ার অর্থ হল, তার আয় বছরে কমপক্ষে ১ লক্ষ টাকার বেশি হওয়া উচিত এবং এটি কেবল একবার নয়, প্রতি বছর হওয়া উচিত, তবেই তিনি আমার লক্ষপতি দিদি। ১.৫ কোটি লক্ষপতি দিদি, এখন যদি আপনারা গ্রামে যান, তাহলে কিছু কথা শুনতে পাবে, ব্যাংক সখি, বীমা সখি, কৃষি সখি, পশু সখি, আমাদের গ্রামের মা-বোনেরাও এরকম অনেক প্রকল্পে কর্মসংস্থান পেয়েছেন। একইভাবে, প্রধানমন্ত্রী স্বনিধি প্রকল্পের আওতায়, প্রথমবারের মতো, ফুটপাতে হকারদের সঙ্গে কাজ করা লোকদের দিকে সাহায্যের হাত বাড়িয়ে দেওয়া হয়েছিল। এর আওতায় লক্ষ লক্ষ সহকর্মী কর্মসংস্থান পেয়েছেন এবং ডিজিটাল পেমেন্টের কারণে, আজকাল আমাদের সমস্ত রাস্তার বিক্রেতারা নগদ অর্থ গ্রহণ করেন না, তারা ইউপিআই ব্যবহার করেন। কেন? কারণ তাঁরা ব্যাংক থেকে তাৎক্ষণিকভাবে অতিরিক্ত টাকা পেয়ে যান। ব্যাংকের আস্থা বৃদ্ধি পায়। তার কোনও কাগজের প্রয়োজন নেই। তার মানে একজন রাস্তার বিক্রেতা আজ আত্মবিশ্বাস এবং গর্বের সঙ্গে এগিয়ে যাচ্ছেন।

প্রধানমন্ত্রী বিশ্বকর্মা প্রকল্পটি একবার দেখুন। এর আওতায় আমাদের পূর্বপুরুষের কাজ, ঐতিহ্যবাহী কাজ, পারিবারিক কাজকে আধুনিকীকরণ করা হচ্ছে, এতে নতুনত্ব আনা হচ্ছে, নতুন প্রযুক্তি আনা হচ্ছে, নতুন সম্পদ আনা হচ্ছে, এতে কর্মরত কারিগর, শিল্পী এবং পরিষেবা প্রদানকারীদের প্রশিক্ষণ দেওয়া হচ্ছে। ঋণ দেওয়া হচ্ছে, আধুনিক সরঞ্জাম দেওয়া হচ্ছে। আমি আপনাদের এমন অসংখ্য প্রকল্পের কথা বলতে পারি। এমন অনেক প্রকল্প রয়েছে যা দরিদ্রদের উপকার করেছে এবং যুবকদের কর্মসংস্থানের ব্যবস্থাও করেছে। এই ধরণের অনেক প্রকল্পের প্রভাব হল যে মাত্র ১০ বছরে দেশের ২৫ কোটি মানুষ দারিদ্র্য থেকে বেরিয়ে এসেছে। যদি কর্মসংস্থান না থাকত, পরিবারে যদি আয়ের কোন উৎস না থাকত, তাহলে আমার দরিদ্র ভাইবোনেরা, যাঁরা তিন-চার প্রজন্ম ধরে দারিদ্র্যের মধ্যে জীবনযাপন করছিলেন, তাঁরা মৃত্যুকেই তাদের জীবনের প্রতিটি দিন কাটানোর একমাত্র উপায় হিসেবে দেখতেন, আমি খুব ভয় পেতাম। কিন্তু আজ এই প্রকল্পটি এতটাই শক্তিশালী হয়ে উঠেছে যে আমার ২৫ কোটি দরিদ্র ভাইবোন দারিদ্র্যকে জয় করেছে। তিনি বিজয়ী হয়ে উঠেছেন। আর আমি আমার এই ২৫ কোটি ভাইবোনের সাহসের প্রশংসা করি, যারা দারিদ্র্যকে পিছনে ফেলে এসেছেন। তিনি সরকারি প্রকল্পের সুযোগ নিয়ে সাহসের সঙ্গে এগিয়ে গেছেন এবং বসে কাঁদেননি। তিনি দারিদ্র্যকে উপড়ে ফেলেছিলেন এবং পরাজিত করেছিলেন। এখন আপনি কল্পনা করতে পারেন যে এই ২৫ কোটি মানুষের মনে কতটা নতুন আত্মবিশ্বাস তৈরি হবে। একবার একজন ব্যক্তি সংকট থেকে বেরিয়ে আসার পর, নতুন শক্তির উৎপত্তি হয়। আমার দেশেও একটি নতুন শক্তি এসেছে, যা দেশকে এগিয়ে নিয়ে যাওয়ার ক্ষেত্রে খুবই কার্যকর হবে। আর দেখুন, এটা শুধু সরকারই বলছে না। আজ, বিশ্বব্যাংকের মতো বৃহৎ আন্তর্জাতিক প্রতিষ্ঠানগুলি এই কাজের জন্য প্রকাশ্যে ভারতের প্রশংসা করছে। ভারতকে বিশ্বের কাছে একটি মডেল হিসেবে উপস্থাপন করছে। ভারত বিশ্বের সর্বোচ্চ সমতার দেশগুলির মধ্যে শীর্ষে স্থান পাচ্ছে। তার মানে বৈষম্য দ্রুত হ্রাস পাচ্ছে। আমরা সমতার দিকে এগিয়ে যাচ্ছি। বিশ্ব এখন এটিও লক্ষ্য করছে।

 উন্নয়নের এই মহাযজ্ঞ, দরিদ্রদের কল্যাণ এবং কর্মসংস্থান সৃষ্টির যে লক্ষ্য নিয়ে এগিয়ে চলেছে, আজ থেকে তা এগিয়ে নিয়ে যাওয়ার দায়িত্ব আপনাদের। সরকার যেন বাধা না হয়, সরকারের উচিত উন্নয়নের প্রবক্তা হওয়া। প্রতিটি মানুষের সামনে এগিয়ে যাওয়ার সুযোগ আছে। হাত ধরা আমাদের কাজ। আর বন্ধুরা, আপনারা তো তরুণ। আপনাদের উপর আমার অনেক আস্থা আছে। আপনাদের কাছ থেকে আমার প্রত্যাশা হল, আপনাদের যেখানেই দায়িত্ব দেওয়া হোক না কেন, প্রথমেই আপনারা এই দেশের নাগরিক হিসেবে, সহনাগরিকদের সাহায্য করুন এবং তাদের সমস্যা থেকে মুক্তির পথ দেখান, দেশ দ্রুত এগিয়ে যাবে। আপনাদের ভারতের অমৃত কালের অংশ হতে হবে। আগামী ২০-২৫ বছর আপনাদের ক্যারিয়ারের জন্য গুরুত্বপূর্ণ, কিন্তু আপনারা এমন একটা সময়ে আছেন, যখন আগামী ২০-২৫ বছর দেশের জন্য খুবই গুরুত্বপূর্ণ। উন্নত ভারত গড়ার জন্য এই ২৫ বছর অত্যন্ত গুরুত্বপূর্ণ। অতএব, আপনাদের কাজ, আপনাদের দায়িত্ব, আপনাদের লক্ষ্যগুলোকে একটি উন্নত ভারতের সংকল্পের সঙ্গে একীভূত করতে হবে। 'নাগরিক দেবো ভব' মন্ত্রটি আমাদের শিরা-উপশিরায় প্রবাহিত হওয়া উচিত, আমাদের হৃদয় ও মনে থাকা উচিত, আমাদের আচরণে দৃশ্যমান হওয়া উচিত।

আর আমি নিশ্চিত বন্ধুরা, কারণ, গত ১০ বছরে দেশকে এগিয়ে নিয়ে যাওয়ার ক্ষেত্রে এই যুবশক্তিই আমার পাশে দাঁড়িয়েছে। দেশের মঙ্গলের জন্য আমার প্রতিটি কথা রাখতে তাঁরা যথাসাধ্য চেষ্টা করেছেন। আমি যেখানেই ছিলাম, সেখান থেকেই এটা করেছি।আপনাদের একটা সুযোগ আছে, আপনাদের কাছ থেকে অনেক প্রত্যাশা আছে। আপনাদের দায়িত্ব আরও বড়, আমি নিশ্চিত যে আপনারা তা করবেন। আমি আবারও আপনাদের অনেক অনেক অভিনন্দন জানাই। আপনাদের পরিবারের সদস্যদের প্রতি আমার শুভকামনা জানাই। আপনাদের পরিবারেরও উজ্জ্বল ভবিষ্যৎ কামনা করি। আপনিও জীবনে অনেক উন্নতি করুন। আইজিওটঅট(iGOT) প্ল্যাটফর্মে গিয়ে নিজেকে ক্রমাগত আপগ্রেড করতে থাকুন। একবার জায়গা খুঁজে পেলে, চুপ করে বসে থাকবেন না, বড় স্বপ্ন দেখবেন না, অনেক দূর যাওয়ার কথা ভাববেন না। কাজ করে, নতুন জিনিস শিখে এবং নতুন ফলাফল অর্জন করে অগ্রগতি অর্জন করুন। আপনার অগ্রগতিতে দেশের গর্ব হবে, আপনার অগ্রগতিতে সন্তুষ্টি থাকবে। আর তাই আজ যখন আপনারা নতুন জীবন শুরু করছেন, আমি আপনাদের সঙ্গে কথা বলতে এসেছি, আপনাদের শুভকামনা জানাতে এসেছি,  এবং অনেক স্বপ্ন পূরণ করতে এসেছি কারণ আপনারা এখন আমার সঙ্গী হচ্ছেন। আমার ঘনিষ্ঠ সহচরদের একজন হিসেবে আমি আপনাদের প্রত্যেককে স্বাগত জানাই। আপনাদের সকলকে অনেক ধন্যবাদ। অনেক অনেক শুভেচ্ছা।

প্রধানমন্ত্রীর মূল ভাষণটি ছিল হিন্দিতে