پی ایم مودی کا این ٹی وی تلگو کو انٹرویو

Published By : Admin | May 10, 2024 | 20:00 IST

अर्चना: प्रधानमंत्री जी नमस्ते।

पीएम मोदी: नमस्कार जी।

अर्चना: We are from NTV Bhakti TV and Vanitha TV from the Telugu States, thank you so much for taking your time out and during this busy election schedule.

पीएम मोदी: आपके दर्शकों को भी मेरा नमस्कार।

अर्चना: दिस इज अर्चना

राजशेखर: दिस इज राजशेखर एनटीवी चीफ एडिटर एंड सीईओ।

 

अर्चना: Today it is my honor to interact with the significant leader His position India on a global stage Prime Minister Shri Narendra Modi ji has been significant in transforming India's digital landscape and crucial in shaping its external affairs His leadership embraces technology Enhance his governance with massive digital Initiative, deeply rooted in reviving and preserving the rich heritage of Indian culture, he is a visionary with modern outlook and a global leader powering excellence in economic development, he is a rare blend of technology, innovation and tradition in his governance.

पीएम मोदी: मेरा ये सौभाग्य है मुझे पहली बार आपके यहां इंटरव्यू करने का मौका आ रहा है।

अर्चना: थैंक्यू सर

राजशेखर: थैंक्यू सर

पीएम मोदी: आपके लिए हैदराबाद से यहां तक आए तेलंगाना से, तो ये मेरे लिए बहुत खुशी की बात है।

 

अर्चना: Diving into the first question Prime Minister sir, what is your assessment? Till now there have been three faces, so what do you have to say about that?

पीएम मोदी: देखिए, तीन चरण का चुनाव, कुछ लोग मतदान के आंकड़ों पर अटके हुए हैं, लेकिन मैं इस चुनाव में अर्थमेटिक से ज्यादा केमिस्ट्री देख रहा हूं। और ये केमिस्ट्री इतनी पावरफुल है ये नतीजे बताएंगे। पहले चरण में मैंने कहा था कि विपक्ष पस्त हो चुका है, दूसरे चरण के बाद मैंने कहा था अब ये ध्वस्त हो चुका है और तीसरे चरण में मैं कहता हूं कि अस्त हो चुका है और जनता- जनार्दन भारतीय जनता पार्टी के प्रति आश्वस्त है। ये मैं इन तीनों में देख रहा हूं। तीन चरणों के प्रचार में मुझे कई रैली करने का मौका मिला, कई रोड शो करने का मौका मिला, मीडिया के मित्रों से भी छिट-फुट बात होती रही। मैं 14 का चुनाव भी देखा है, 19 का भी देखा है। सामान्य नागरिक जिसको कहें जो राजनीति की गतिविधियों से दूर रहता है। मैं उन लोगों को इस बार मेरे कार्यक्रमों में देख रहा हूं। ये एक बहुत बड़ी निशानी है कि इस प्रकार का समाज जीवन का तबका चुनाव में आपका समर्थन करने के लिए आ जाए। और मैं उसमें एक भक्ति भाव का वातावरण देखता हूं, उसमें भारत भक्ति नजर आती है, समाज भक्ति नजर आती है। यानी एक प्रकार से पॉलिटिकल अवेयरनेस ग्रासरूट लेवल पर ये चुनाव में नजर आ रही है। मैं मानता हूं कि 2019 के भी रिकॉर्ड ये चुनाव तोड़ेगा, हर प्रकार से रिकॉर्ड टूटेंगे। मतदान कम होने के बाद भी मेरा मत है कि विजय का जो एक प्रकार से मार्जिन का लेवल है वो भी काफी बढ़ेगा ऐसा मुझे लगता है। और जहां तक विपक्ष का सवाल है शायद एक तो उनका इंडी अलायंस चला ही नहीं, वो दो चार रैली कर पाए और पहले दिन उन्होंने केरल में इंडी अलायंस के खिलाफ अपने लेफ्ट के खिलाफ खुद चुनाव में खड़े हो गए कांग्रेस के नेता, तो अविश्वास बड़ा जबरदस्त है। सीट आखिर तक वो तय नहीं कर पाते हैं, अभी तक उनका कोई कैंपेन का कोई थीम नजर नहीं आता है, मोदी को गाली- गलौज करना वो तो ठीक है, होता रहता है। और मैं मानता हूं कि इस बार कांग्रेस पार्टी की स्थिति बहुत खराब होगी। ओवरऑल इंडी अलायंस एक प्रकार से पूरी तरह बहुत ही हालत खराब हो जाएगी।

और उन्होंने भी मान लिया है कि, आपने देखा होगा वो कभी वो इलेक्शन कमीशन पर बवाल खड़ा कर देते हैं, कभी ईवीएम पर बवाल खड़ा कर देते हैं, कभी मतदान के आंकड़ों को लेकर के रोना- धोना शुरू कर देते हैं और मुझे लगता है कि उनकी शक्ति इलेक्शन कैंपेन में जनता के पास मुद्दे लेकर के जाने के बजाय उनकी पूरी रिसर्च टीम इस बात में लगी है कि हारने के बाद ठीकरा किसके सिर पर फोड़ें, ईवीएम पर फोड़ें, EC पर फोड़ें या अपने साथियों पर फोड़े तो वो अभी उस व्यूह रचना में लगे हुए हैं।

 

अर्चना: सर, अयोध्या राम मंदिर फुलफिल अ फाइव हंड्रेड योर ओल्ड ड्रीम एंड उस दिन प्राण प्रतिष्ठा के दिन आपका फीलिंग क्या था?

पीएम मोदी: ये आपने बहुत मुझे भावुक कर देने वाला सवाल पूछा है, जिस दिन मुझे ट्रस्टी सब मिलकर के आए थे निमंत्रण देने के लिए राम जन्मभूमि का जो लोग संभालते हैं तो मैं खुद बहुत ऑनर फील करता था कि मेरा सौभाग्य है कि इतने बड़े महत्त्वपूर्ण अवसर में मुझे साक्षी बनने के लिए अवसर मिलेगा, फिर मैंने अपने कुछ परिचित लोग थे जिनसे मैंने पूछा कि अगर इतना बड़ा काम है 500 साल के बाद हो रहा है अनेक पीढ़ियों के सपने इसमें समाहित हैं तो ऐसी स्थिति में मैं अपने आप में एक बहुत जिम्मेवारी अनुभव करता हूं और मैं एक पीएम के नाते या एक पॉलिटिकल वर्कर के रूप में जाने के बजाय साफ अर्थ में इस देश के सामान्य नागरिक के तरह इस देश की महान परंपरा संस्कृति के प्रति समर्पित व्यक्ति के रूप में जाना चाहता हूं तो मैं मन से बाकी चीजों से कट ऑफ होना चाहता हूं और मैं मन से उससे जुड़ना चाहता हूं। कुछ साथियों ने मुझे सुझाव दिया अनुष्ठान वगैरह के लिए फिर मैंने अपने आप तय के लिया कि उन्होंने जो गाइडलाइन दी लेकिन मैंने उससे भी कुछ ज्यादा ही करना तय कर लिया वो जो 11 दिन मेरे अनुष्ठान के थे वो एक अलग ही भक्ति भावना में मैं डूबा हुआ था एक आध्यात्मिक चेतना का मैं अनुभव कर रहा था जब साउथ में गया अलग- अलग मंदिरों में तो मैं कुछ अलग ही फील करता था और मैं बहुत भक्ति भाव से पूरी तरह रम गया था। मैं कह सकता हूं राम में रम गया था। जिस दिन ये अवसर आया मैं अयोध्या पहुंचा और पल- पल मेरे मन में एक अलग ही भाव जगता था और प्रत्यक्ष में जब रामलला की मूर्ति के सामने खड़ा रहा आंखों की चमक एक निर्दोष चेहरा हल्की सी मुस्कान यानी ऐसा लग रहा था कि सचमुच में 500 साल का सपना इसमें मुझे प्रतिबिंब हो रहा। मैं बड़ा भावुक था मेरे पास उस परिस्थिति का वर्णन करने के लिए शब्द तो नहीं है लेकिन उनकी आंखें उसपर व्यक्तित्व है मुझे जीवंत लग रहा था, जैसे हम बात कर रहे हैं, जैसे हम कुछ उनकी तरफ से कोई संदेश आ रहा है हम उस संदेश को स्वीकार करने के लिए जैसे तड़प रहे हैं एक ऐसा नाता था और बीच में कोई कर्टेन नहीं था हम एक बहुत बड़े लोग हैं जो शायद इसको मैं समझा नहीं पाऊंगा कभी भी नहीं समझा पाऊंगा जो मैं फील करता था मैं अभी भी दोबारा एक बार गया था तो जो एक ट्रस्ट के नियम है तो उस प्रकार से मैं गर्भगृह में तो नहीं जा सकता था वहीं से बाहर रहकर के मुझे पूजा करनी थी लेकिन इस बार भी गया तो मुझे वो ही दृश्य याद आया जो पहले दिन मेरे मन में था मुझे ध्यान ही नहीं रहा कि मैं आज ये दिन बदल चुका है मैं कई महीनों के बाद आया हूं मैं उसी में फिर से एक बार खो गया। बड़ी भक्ति भाव से जो कुछ भी कर सकता हूं कर करके मैं और जब मैं इस प्रकार की स्थिति में होता हूं तो मैं कोई मांगता- मांगता नहीं हूं जी। मेरे मन में 140 करोड़ देशवासी होते हैं उनका कल्याण होता है, मेरे देश का कल्याण होता है और मुझे लगता है कि जब मुझे वहां ट्रस्टियों ने बताया कि साहब यहां लाखों लोग आते हैं यात्री बहुत बड़ी मात्रा में आते हैं लेकिन 20- 30 परसेंट ऐसे यात्री होते हैं जो एक- एक खंभा पकड़ करके रोते हैं बोले हम उनको खंभे से छुड़वा करके दूर करना हमारे लिए मुश्किल हो जाता है शायद ही कोई होगा जिसके आंख में आंसू ना आते हो यानी एक बहुत बड़ी भावुकता का वहां वातावरण होता है तो वहां जो वालंटियर्स है उनके लिए भी सबको संभालना बड़ा मुश्किल हो रहा है, एक अलग ही अलग ही वातावरण है।

 

राजशेखर: You have constructed the magnificent Kashi Vishwanath Corridor in Varanasi and revitalized the city. Is this model you intend to adopt for the development of other religious sites in the country?

पीएम मोदी: पहली बात है कि ये मैंने नहीं किया है। मैं कौन होता हूं करने वाला? ये परमात्मा की कृपा से होता है।

 

राजशेखऱ: आपका नेतृत्व में..

पीएम मोदी: और जनता- जनार्दन भी ईश्वर का रूप है जब उनकी इच्छाएं तीव्र हो जाती हैं, उनकी आकांक्षाएं तीव्र हो जाती हैं तो एक नई ऊर्जा, नया सामर्थ्य पैदा होता है तो मैं शायद निमित्त बना हूं, शायद मां गंगा ने मुझे इसलिए काशी बुलाया होगा और मैं वहां गया। मेरा गुजरात का अनुभव रहा है लंबा अरसे का, हमें टूरिज्म को डेवलप करने के लिए बाहर के किसी मॉडल की तरफ देखने की जरूरत नहीं है। दुनिया को देने के लिए, दिखाने के लिए हमारे पास बहुत कुछ है। अब जैसे जी-20 समिट हुई 200 से ज्यादा मीटिंग हुई और दुनिया के जी-20 से जुड़े हुए टॉप जो नीति निर्धारक टीम होती है ऐसे कम से कम हर देश से 300-300 लोग भारत आए होंगे। उन्होंने भारत के अलग- अलग भाग में, उनको पता ही नहीं हिंदुस्तान इतना विविधताओं से भरा हुआ है, इतनी खुशबू है, इतनी महक है, इतनी चमक है पता ही नहीं था तो उसी प्रकार से भारत में 140 करोड़ देशवासी वो भी अपने आप में एक बहुत बड़ा आपके लिए अगर मार्केट की भाषा में बोले तो वो भी एक बहुत बड़ी अपॉर्चुनिटी है लेकिन हम लोगों ने इस पर ध्यान नहीं दिया और उसमें से हमने कई रिफॉर्म किए हैं अब जैसे हमने यात्री सर्किट बनाए हैं, ट्रेनें चल रही हैं जैसे राम प्रभु राम की ही सर्किट की ट्रेन चलती है। एक बार उस ट्रेन में आप बैठ जाइए फिक्स टिकट है आपका अंदर रहना, नहाना, खाना सब उसी में होता है तो बड़ी उम्र के लोगों के लिए बड़ी सुविधा रहती है जहां उतरकर के डेस्टिनेशन पर जाना है तो व्हीकल की व्यवस्था भी उसी में आ जाता है। बुद्ध सर्किट बना हुआ है, जैन सर्किट बना हुआ है तो भारत का जो यात्रा नाम का जो एक पूरा क्षेत्र है उसके लिए बहुत बड़ी और मैं तो चाहूंगा कि कभी आपकी पूरी टीम एक- एक सर्किट की टूर करें कैमरा के साथ मैं सरकार को जरूर बताऊंगा मेरे तीसरे टर्म में तो आप भी देखेंगे क्या भक्ति और अंतर पूरा वातावरण भक्ति का होता है। दूसरा अब काशी विश्वनाथ धाम काशी विश्वनाथ धाम की बात अगर करें मैं काशी का सांसद हूं तो वहां पर मैं समझता हूं कि करोड़ों की तादाद में वहां लोग आए, महात्मा गांधी जी का मैंने पढ़ा था वो काशी आए थे और महात्मा गांधी जी ने बड़ा नाराजगी व्यक्त की थी गंदगी है, अव्यवस्था है इंफ्रास्ट्रक्चर का नाम नहीं है तो मेरे मन में था कि गांधी जी के समय की वेदना अभी तक किसी ने पूरी नहीं की। फिर मेरे मन में आया भाई एक एमपी हूं उस नाते तो करूंगा लेकिन गांधी जी ने जो कहा है मुझे उसका कोई गांधी जी की इच्छा मुझे पूरी करनी चाहिए उस भाव भी मेरे मन में था इंफ्रास्ट्रक्चर में काफी कुछ किया है हमने वहां सुविधाएं भी बढ़ाई हैं। मैंने अब जैसे वहां पर एक परंपरा है काफी लोग अंतिम संस्कार के लिए वहां आते हैं तो मैंने जल शव वाहिनी बनाई ताकि डेडबॉडी को आने में सुविधा हो तुरंत आएं ले जाएं तो ऐसे कई नई- नई चीजें वहां जोड़ी हैं वहां उसके कारण यात्रियों की संख्या इतनी बढ़ी है और जो विश्वनाथ कोरिडोर बना उसमें काशी वासियों ने बहुत सहयोग किया ना इतनी बड़ी जगह बन नहीं सकते इतने मकान एक्वायर करने थे। ये सारा काम किया, करीब 15 करोड़ से भी ज्यादा लोग वहां आ चुके हैं और जब 15 करोड़ लोग आते हैं तो आप कल्पना करें काशी जैसे स्थान का इकोनॉमी कहां से कहां पहुंच जाएगी? आज वहां पर इकोनॉमी इतनी बूम है और वो ही तो लोगों को रोजगार मिल जाता है, नाविकों को भी काम मिल जाता है, फूल बेचने वाले को काम मिल जाता है, गेस्ट हाउस वालों को काम मिल जाता है, सामान बेचने वालों को मिला, खिलौने बेचने यानी एक प्रकार से हर प्रकार से लाभ हुआ है। 2023 में करीब 20 लाख यात्री बाबा केदारनाथ आये थे। अब उत्तराखंड जैसा राज्य जिसकी इकोनॉमी इस पर डिपेंड है वहां पर इतनी, मतलब पूरे राज्य की इकोनॉमी को वो पूरी ताकत देते हैं यानी अगर पूरी चारधाम यात्रा मैं कहूं तो चारधाम यात्रा में करीब 55 लाख श्रद्धालु उससे ज्यादा श्रद्धालु वहां आते हैं ये पूरा का पूरा वहां की इकोनॉमी है और ये उज्जैन में आप जाएंगे जो महाकाल महालोक बना हुआ है वो पिछले साल मुझे जो बताया गया था अभी जब मैं मध्य प्रदेश गया पांच करोड़ श्रद्धालु आए थे ये अपने आप में श्रद्धा भाव तो है ही है लेकिन उसके साथ- साथ उसके साथ इकोनॉमी भी है और भारत ऐसा देश है कि जिसमें आप जैसे हेमकुंड साहिब है, हेमकुंड साहिब जाने की हमारे सभी सिख भाइयों- बहनों की इच्छा रहती है लेकिन कठिन है सब नहीं जा पाते, अब हम एक रोपवे बना रहे हैं रोपवे बनाएंगे तो अन्य जो श्रद्धालु हैं बड़ी आसानी से जाएंगे बर्फ रहता है लंबा समय तक बर्फ रहता है। उसी प्रकार से हमने करतारपुर कॉरिडोर बनाया हकीकत तो जब भारत- पाकिस्तान की लड़ाई हुई थी 93000 सैनिक भारत के सामने सरेंडर कर दिया, भारत की कैद में थे उस समय जब बातचीत हुई पाकिस्तान के साथ तो उस समय हमें एक शर्त करनी चाहिए थी कि गुरु नानक देव जी के लिए हमारा पवित्र स्थान है करतारपुर साहिब वो हमें मिलना चाहिए लेकिन ये उनको सूझा ही नहीं तो क्या होता था आपको जानकर हैरानी होगी हिंदुस्तान की सीमा के उस पार करतारपुर साहिब है तो यहां पर एक टावर जैसा बनाया है टावर से लोग दूरबीन से करतारपुर साहिब के दर्शन करते थे और कतार लगती थी लोग आते थे ये मैं जब पंजाब में पहले काम करता था मैं सब परिचित था मुझे एक दर्द होता था कि ऐसा अपमान कैसे हम सह सकते हैं, ऐसी हमारी मजबूरियों की जिंदगी क्या होती है? मैंने आकर के यहां कोशिश की और आखिरकार रास्ता निकला आज वहां हमारे लोग आराम से जा सकते हैं, दर्शन करके वापिस आ सकते हैं और बहुत ही सुंदर वहां व्यवस्था खड़ी कर दी हमने तो करतारपुर साहिब कॉरिडोर जो बना है वो भी ऐसा ही है। उसी प्रकार से मेरा मत है कुछ ऐतिहासिक स्थानों का महत्व होता है जैसा तीर्थ स्थान का है वैसा ही है। अब बाबा साहेब अंबेडकर के साथ जुड़े हुए पंच तीर्थ की तरफ मैंने काम किया है जहां बाबा साहेब अंबेडकर का जन्म हुआ, यूके में जहां बाबा साहेब अंबेडकर रहते थे, बाबा साहेब अंबेडकर जहां पर दीक्षा ली, बाबा साहेब अंबेडकर जहां काम करते थे, बाबा साहेब अंबेडकर की जहां अंत्येष्टि हुई इन पांचों स्थानों को मैंने बहुत अच्छी तरह डेवलप किया है एक का काम चल रहा है तो पंच तीर्थ एक प्रकार से बहुत ही लोगों के लिए जो लोग देश में आजादी के बाद जो बदलाव आया उसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बाबा साहेब अंबेडकर उसके जीवन को समझने के लिए पंचतीर्थ की यात्रा बन गई है। दांडी हिंदुस्तान के स्वतंत्र आंदोलन की महत्त्वपूर्ण घटना लेकिन दांडी को भुला दिया गया मैंने पूरा दांडी का पुनर्निर्माण किया, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी मेरे मन में था कि भारत को दुनिया बड़ी ताकत से देखें स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी उससे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी डबल साइज का है ये दुनिया का सबसे बड़ा स्टैच्यू है और पूरी वहां व्यवस्था बनी है तो टूरिज्म को डेवलप करना, सत्ता स्थानों को डेवलप करना हमने इस क्षेत्र का सब भरपूर और ये देश की इकोनॉमी को बल देने वाला है, देश की प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला है और उसके लिए हम काफी कोशिश कर रहे हैं।

 

अर्चना: Sir, Do You Believe Your Continued Electoral Success Is Largely Supported by Women Voters?

पीएम मोदी: मैं पूरी तरह कन्विंस हूं मैं व्यक्तिगत जीवन में फील करता हूं कि मुझ पर देश की मातृ शक्ति का बहुत आशीर्वाद रहा है। मैं तो मेरा सुरक्षा कवच भी मेरी माताओं- बहनों को मानता हूं और जो भाव भक्ति से मातायें- बहनें मुझे आशीर्वाद देती हैं वो उससे बड़ी क्या शक्ति हो सकती है? और मैं भी इस मत का हूं कि समाज की समृद्धि का मूल मानदंड है वहां की नारी शक्ति का सशक्तिकरण, वो ही उसका रास्ता है और इसलिए मैंने आर्थिक दृष्टि से भी इसका महत्व है। अब आपको एंपावरमेंट ऑफ विमेन करना है तो आपको पहले उनकी जो छोटी-छोटी जरूरतों के लिए वो डिपेंडेंट है उसमें से उनको मुक्त करना चाहिए। आप हैरान थे हमारी मातायें- बहनों के पास शौचालय नहीं था, चूल्हा गैस के लिए बड़े-बड़े सिफारिश लानी पड़ती थी, गरीब के पास घर नहीं था, इन सारी चीजों को अब मैंने एक कदम आगे उठाया एक साइकोलॉजी चेंज लाना है कि भाई ये महिलायें सिर्फ पापड़ बनाएगी या आचार बनाएगी क्या इससे बाहर नहीं है मैंने अभी उनको ड्रोन पायलट बनाने शुरू किया इतना एक्सपीरियंस मेरा पॉजिटिव है और इतनी बहुत अच्छे तरीके से वो किसानी की मदद कर रहे हैं और कमाई भी कर रहे हैं। मेरा एक मिशन है लखपति दीदी बनाने का, पहले मैंने ट्रायल किया एक करोड़ तक पहुंचा लेकिन वो तो छिटपुट छिटपुट था अब मैं ऑर्गेनाइज वे में उस पर काम करने वाला हूं और इस बार हमने मेनिफेस्टो में कहा है कि मैं तीन करोड़ लखपति दीदी बनाऊंगा यानी लखपति दीदी वो गांव में छोटे- मोटे काम करते हैं उन लोगों में से है यानी एक प्रकार से भारत की इकोनॉमी को बड़ी ताकत मिलेगी। मुद्रा योजना, मुद्रा योजना में 70 परसेंट उसके जो बेनिफिशियरी हैं वो विमेन हैं जो एंटरप्रेन्योरशिप में आये, सेल्फ हेल्प ग्रुप की अपनी एक ताकत बढ़ी है, सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को मैंने पैसा ज्यादा देना तय कर दिया बिना गारंटी देते हैं और मेरा आनंद ये है कि कोई एनपीए नहीं होता है जितना लोन लेते हैं समय के पहले देते जाते हैं। पार्लियामेंट के अंदर नई पार्लियामेंट बनी तो मेरे मन में था नई पार्लियामेंट में पहला काम कौन सा करुं तो मेरे मन में स्वाभाविक मेरे देश की मातायें- बहनें आईं और भारत की संसद ने सर्वसम्मति से पहला कानून पास किया वो नारी शक्ति बंधन अधिनियम महिलाओं के लिए आरक्षण का काम किया तो मैंने नए संसद के भवन को भी देश की नारी शक्ति को समर्पित करते हुए प्रारंभ किया तो मैं बाकी तो आप देखिए सेना के अंदर आज हमारी बेटियां हैं, खेलकूद में हमारी बेटियां हैं, साइंटिफिक फील्ड में हमारी बेटियां हैं, चंद्रयान की बात हो और इसलिए मैंने वहां नाम भी क्या रखा शिव शक्ति, जहां हमारा चंद्रयान लैंड किया शिव शक्ति, तो मेरा..मेरे..मेरे जो भाव विश्व है उसका प्रकटीकरण हर क्षेत्र में अलग- अलग प्रकार से होता है उसमें मेरा मातृ शक्ति के प्रति मेरा जो श्रद्धा भाव है वो प्रकट होता है।

 

अर्चना: Sir, BJP and TDP are part of NDA, do you still? Consider YS Jagan and alliance in Andhra Pradesh?

पीएम मोदी: मैं नहीं मानता हूं कि आंध्र में वर्तमान सरकार दोबारा जीत सकती है काफी कुछ आर्थिक रूप से बहुत ही हालत खराब है वहां की और उसका प्रभाव नीचे तक है। जगन हमारे पॉलिटिकल एरा कभी नहीं रहे हैं, पार्लियामेंट में तो मुद्दों के आधार पर समर्थन वगैरह मिलता रहता है और हम पहले भी विरुद्ध में ही चुनाव लड़े हैं, हम कभी साथ में चुनाव नहीं लड़े हैं। हम आमने- सामने ही रहे हैं और हम एक प्रकार से चुनाव में हमेशा प्रतिद्वंदी हैं लेकिन अगर वो राज्य के मुख्यमंत्री हैं तो मैं संविधान के तहत बंधा हुआ हूं कि मैं फिर पार्टी नहीं देख सकता फिर मुझे किसी भी पार्टी की सरकार हो मेरा काम है उस राज्य को मजबूत बनाने में उस सरकार की जितनी क्षमता है उसमें क्या मैं एडिशन कर सकता हूं, तो मैं आंध्र के लिए भी करता रहा हूं और वो तो मेरा एक संवैधानिक दायित्व भी है और मेरे देश का जो मेरा सपना है उसमें मैं तो चाहूंगा हर एक राज्य को साथ लेकर के मैं चलूं तो वो नाता एक अलग है। जहां तक चुनाव का सवाल है टीडीपी और बीजेपी तो पहले भी एनडीए में साथ में थे, इस बार जनसेना भी हमारे साथ जुड़ी हुई है जिस प्रकार का लोगों का रिस्पांस है, जिस प्रकार का एक आकर्षण बना हुआ है मैं पक्का मानता हूं एनडीए की सरकार वहां बनेगी और लोकसभा में सर्वाधिक सीटें जीत करके एनडीए आंध्र में आएगी।

 

राजशेखर: Sir, what convinced you to form alliance with Janasena and TDP in Andhra Pradesh?

पीएम मोदी: ये बात सही है कि भारतीय जनता पार्टी का मूलभूत सिद्धांत है कि हमें अधिकतम लोगों को साथ लेकर के चलना चाहिए। ये हमारा मूलभूत सिद्धांत है हमें ये अहंकार नहीं है कि अब भारतीय जनता पार्टी बहुत बड़ी हो गई है अरे चलो भाई हमें क्या जरूरत है हम इस मिजाज के नहीं हैं। इवन पूर्ण बहुमत था हमारे पास फिर भी हमने सभी साथियों को सरकार में रखा था क्योंकि हमारा मूलभूत, भारत जो है भारत की राजनीति अब वो टू कैंप में डिवाइड है एक बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए है, दूसरी तरफ कांग्रेस के नेतृत्व में इंडी अलायंस है जो पहले यूपीए के रूप में जाना जाता था तो हम इस मत के हैं कि अधिकतम राजनीतिक दलों को अपने साथ रखना चाहिए, दूसरा नेशनल पॉलिटिकल पार्टीज उसने रीजनल एस्पिरेशन को रिस्पेक्ट करना चाहिए, रीजनल एस्पिरेशन को एड्रेस करना चाहिए और रीजनल पॉलिटिकल पार्टियां साथ होती हैं तो उसको करने में सुविधा बढ़ती है फुल फ्लेज अगर जैसे गुजरात है गुजरात में आज भारतीय जनता पार्टी पूरी लीडरशिप वैसे वहां अलग से किसी की जरूरत नहीं पड़ती लेकिन तेलंगाना हो या आंध्र हो तो हमें रीजनल एस्पिरेशन को एड्रेस करना चाहिए, ये हम हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य मानते हैं और इसलिए हम छोटे हैं कि बड़े हैं उसके बजाय हम कितने ही बड़े क्यों ना हो हम रीजनल एस्पिरेशन को साथ लेकर चलेंगे और उन मूलभूत विचार के कारण और बीजेपी- टीडीपी पुराने साझेदार रहे हैं एनटीआर समय से सरकार में भी हम एक- दूसरे को सहयोग करते थे तो एक प्रकार से मिलकर के हमने काम किया हुआ है और आपने देखा होगा हम नरसिम्हा राव जी को हमने भारत रत्न दिया वो तो बीजेपी के थे नहीं वो तो कांग्रेस के थे एक बार बीजेपी के द्वारा चुनाव भी हारे थे वो लेकिन सार्वजनिक जीवन में प्रतिष्ठा के प्रति हमारा एक आदर का भाव रहता है।

 

अर्चना: Sir, Coming to Telangana How do you evaluate your performance in Telangana?

पीएम मोदी: बीजेपी को क्लीन स्वीप मिलने वाला है पार्लियामेंट के चुनाव में क्लीन स्वीप और उसमें मुझे जरा भी दुविधा नहीं है क्योंकि मैं मैं देख रहा था मैं जब गुजरात में हमारी यहां 80-90 में मेरी पार्टी कैसे डेवलप हुई आज वो सारे एलिमेंट तेलंगाना में देख रहा हूं। वहां के जनता का मिजाज देख रहा हूं तो मैं क्लीन स्वीप देख रहा हूं। मैं.. देश के लोग को बिल्कुल मेरी बात ये याद करेंगे इसको। तेलंगाना में एक मिरेकल आप देखेंगे। कोई दल इतने कम समय में जनता को निराश कर दे इसकी मैं कल्पना नहीं कर सकता। अभी कुछ ही महीने पहले कांग्रेस पार्टी को इतना भारी बहुमत दिया लेकिन वो हर मोर्चे पर विफल होते चले गए हर मोर्चे पर विफल हुए और फिर आप कहो तो मैं राजा हूं मैं कुछ करूंगा नहीं तो मैं समझता हूं कि तेलंगाना की जनता को बीएनएस के प्रति अत्यंत गुस्सा था उसका बेनिफिट कांग्रेस को मिला मुझे नहीं लगता है कि तेलंगाना की जनता का फर्स्ट च्वाइस कांग्रेस थी उनकी मजबूरी थी कि ये तो उन्होंने तो बर्बाद कर दिया चलो जो मिले सो, उसका बेनिफिट मिला कांग्रेस को, कांग्रेस ने उसको जनता को आदर भाव के साथ सेवा भाव से जुड़ने की बजाय वो अपनी सत्ता के अहंकार में जुड़ गए और मैंने तो ‘आर आर फैक्टर’ की बात कही है, ‘डबल आर टैक्स’ की बात कही और मैं तो हैरान हूं वहां के मुख्यमंत्री जी ने बड़ा गजब का बयान दे दिया मैंने सिर्फ ‘डबल आर टैक्स’ कहा है और उन्होंने नाम को कह दिया मैंने तो बोला नहीं तो नाम वो कहां से ले आयें मतलब उनको शायद पता होगा या उनके उनको यही नाम दिखाई दिया होगा तो ऐसा क्यों करते होंगे मुझे समझ नहीं आता है।

 

राजशेखर: Andhra Pradesh and Telangana governments have incurred significant debt to fund their election promises that have proven to be a huge financial burden on state resources, do you believe that this affects developmental activity in the states?

पीएम मोदी: मैं मानता हूं कि वहां आज ऐसी स्थिति है कि सरकार के पास उन राज्यों के लिए कोई विजन ही नहीं है। देखिए, छत्तीसगढ़ भी तो नया बना राज्य था लेकिन छत्तीसगढ़ में बीजेपी को सेवा करने का मौका मिला तो हमने बीजेपी छत्तीसगढ़ को हमने शेप दे दिया, छत्तीसगढ़ एक बड़ा वाइब्रेंट इकोनॉमी वाला सेंटर बन गया वैसा ही नया राज्य बनने के बाद बहुत अवसर था और उनको बहुत मदद भी मिल रही तो आंध्र भी फायदा उठा सकता था, तेलंगाना भी उठा सकता था लेकिन दुर्भाग्य से दोनों एक स्थिति में या तो अंदर- अंदर लड़ो या तो केंद्र से लड़ो उस परिस्थिति में आ गए। उन्होंने जो नीतियां बनाई वो एक तरह से तिजोरी तो खाली कर ही देती थी लेकिन करप्शन को बल देने वाली नीतियां बनीं। उसने भी सारी व्यवस्था को अर्थव्यवस्था को चरमरा दिया, आंध्र में रेत, शराब माफिया ही जैसे आंध्र चला रहे ऐसी चर्चा है, तेलंगाना में भू-माफियाओं का बहुत बड़ा कारोबार चल रहा है उसकी चर्चा है यानी जिनके पास गवर्नर का एजेंडा नहीं है वो ऐसे फालतू चीजें करते रहते हैं अगर आपको जनता के लिए काम करने का एजेंडा हो, रोड मैप हो, इंप्लीमेंट करने के लिए आप पसीना निकाल दो तब तो आप परिणाम देते हैं और वो कमी मैं देख रहा हूं आजकल शॉर्टकट वाला जो खेल चल रहा है और लिखकर के रखो शॉर्टकट विल कट यू शॉर्ट रेलवे स्टेशन पर लिखा हुआ होता है वैसा ही हाल लोगों का।

 

अर्चना: Sir, what is your vision for Telangana? आप कैसा डेवलपमेंट करना चाहते हैं उधर?

पीएम मोदी: एक तो संपूर्ण देश का जो विजन है हम 2047- विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर के चलना चाहिए तो भारत सरकार एक डॉक्यूमेंट तैयार कर रही है। काफी मात्रा में हमने कर लिया है। मैं चाहता हूं कि राज्यों ने और केंद्र सरकार ने मिलकर के एक ही दिशा में विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर के चलना चाहिए और उसमें हमारी तेलंगाना के पास अपनी समृद्ध विरासत है, क्षमता है। पहले के जमाने में तो मुंबई, कलकत्ता, चेन्नई, दिल्ली चार शहर जाने जाते थे। बेंगलुरु, हैदराबाद अपने एक ताकत को लेकर के दुनिया में उनका नाम हुआ लेकिन राजनीतिक स्थितियों ने स्थितियां बिगाड़ दी मेरी दृष्टि से ये होलिस्टिक प्रोग्रेस है तेलंगाना में चार मैं पहलू देता हूं, एक हमने आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर में जितनी तेजी कर सकते हैं करनी चाहिए, दूसरा ग्रामीण क्षेत्र में कृषि का विकास और वैल्यू एडिशन ये दोनों चीजों पर बल देना चाहिए और मैंने देखा है कि तेलंगाना में और आंध्र में कुछ किसान नेचुरल फार्मिंग की तरफ बल दे रहे हैं उसको बढ़ावा देंगे तो और और उनका एक ग्लोबल मार्केट मिल सकता है तो उन दिशा में फिर एग्रो प्रोडक्ट का प्रोसेसिंग इस पर बल देना चाहिए हम इंडस्ट्रियल पार्क की तरफ वहां जा रहे हैं ताकि वहां कॉटन के ग्रोवर है तो उसको भी बहुत बड़ा लाभ होगा, कुछ स्थान पर गन्ना किसान हैं तो हम इथेनॉल पर जा रहे हैं उनको बहुत बड़ा लाभ की संभावना है, दूसरा अब जमाना है अर्बनाइजेशन होना ही होना है जी हम रोक नहीं सकते तो अब रोके बैठना कि अर्बनाइजेशन को अपॉर्चुनिटी मानना मैं मानता हूं कि भारत के नेतृत्व के हर राज्य के पॉलिटिकल लीडरशिप की नेतृत्व की कसौटी ये है कि वो अर्बनाइजेशन को अपॉर्चुनिटी मानें और अभी से प्लानिंग करें और इसलिए मुझे लगता है कि तेलंगाना के पांच- सात शहरों को मोस्ट मॉडर्न डेवलप करने की दिशा में जाना चाहिए। हैदराबाद को तो ग्लोबल सिटी के रूप में डेवलप करना चाहिए क्योंकि हैदराबाद का ग्लोबल वैल्यू है हैदराबाद कोई एक राजधानी ऐसा नहीं है भारत का एक शहर ऐसा नहीं है उसकी अलग अहमियत है, खेलकूद में हैदराबाद कितना बड़ा कर रहा है जी यानी इसलिए मैं मानता हूं बहुत कुछ हम वहां कर सकते हैं। चौथा है सामाजिक न्याय, मैं मानता हूं सोशल जस्टिस के बिना हम समाज में इतना बड़ा अंतर हो कुछ लोग बहुत आगे हो कुछ लोग पीछे हो तो ये नहीं चल सकता उसके लिए जो भी आवश्यक है वो कदम उठाना चाहिए तो इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास अब जैसे हमने नेशनल हाईवे छह लेन बना रहे हैं, रेलवे, एमएमटीएस नेटवर्क का विस्तार हम कर रहे हैं। हैदराबाद सहित प्रमुख शहरों में वंदे भारत मेट्रो ट्रेन उस दिशा में हम काम कर रहे हैं, उसी प्रकार से प्रमुख शहरों को जोड़ने वाले हाई स्पीड कॉरिडोर का निर्माण, ये हाई स्पीड कॉरिडोर बहुत बड़ी ताकत बनने वाला है लॉजिस्टिक हब के रूप में वो एक प्रकार से कॉरिडोर काम आने वाले हैं। अब जैसे नेशनल टरमरिक बोर्ड की बात है, नेशनल टरमरिक बोर्ड हम बहुत दिनों से मांग थी हमने पूरा कर दिया है। रिसर्च इस पर हमने सरकार ने बहुत बड़ा धन दिया। हमारा देश आने वाले दिनों में एक प्रकार से फार्मेसी का हब बनेगा और जब मैं फार्मेसी का हब बनेगा कहता हूं तो हैदराबाद में पोटेंशियल बहुत है, तेलंगाना में पोटेंशियल बहुत है तो इन सारी चीजों में अगर विकास में बल देंगे तो बाकी तो डिजिटल है कई चीजें हैं जिसको हम लेकर के आगे बढ़ सकते हैं। एक जो मैं सामाजिक न्याय की बात करता हूं अब देखिए मडिगा समाज इतने लंबे समय से उनके उनको तड़पाया जा रहा है। मैंने खुलकर के कहा मडिगा समाज न्याय करने के लिए मैं पूरी तरह उनके साथ खड़ा हुआ हूं। एससी समुदाय के हितों की रक्षा वहां बंजारा समाज इतना बड़ा है उनको छोटी- छोटी चीजों के लिए लटकाया हुआ है यानी एक प्रकार से हमें इन चीजों की चिंता करनी चाहिए और इनकी रक्षा के लिए मैं हमारी मैंने हाईलेवल कमेटी भी बनाई है, मैं इस पर काम भी कर रहा हूं।

 

राजशेखर: On one hand you say there is RR tax and on other hand BRS party involved in elections scam what action will BJP take against corruption?

पीएम मोदी: जहां तक भ्रष्टाचार का विषय आपने निकाला है देखिए मैं समाज भ्रष्टाचार का मेरा किसी राज्य से वो सीमाओं में बंधा हुआ विषय नहीं है, ना दलों से बंधा हुआ विषय है, ना समय से बंधा हुआ विषय। मेरे लिए हिंदुस्तान के उज्ज्वल भविष्य के लिए भारत को इस बीमारी से मुक्त करना बहुत जरूरी है। कुछ लोगों को लगता है कि असंभव है, असंभव नहीं है मुझे देखिए पहले हमारी यहां आज से 15 साल पहले ब्लैक मार्केट शब्द सुनने को मिलता था आज ब्लैक मार्केट शब्द करीब- करीब हट गया है, पहले तो सिनेमा- थिएटर पर भी ब्लैक में टिकट ले आइये आज वो शब्द चले गए क्यों तो समाज जीवन में टेक्नोलॉजी है एफएन सोसाइटी बनती जा रही है उत्पादन की विपुलता हो जा रही है तो फिर वो धीरे.. धीरे.. धीरे.. धीरे हटता जाता है अगर ब्लैक मार्केट जैसा इतना बड़ा भारी शब्द था वो खत्म होते.. होते.. होते कहीं पर कभी सुनने को मिलता है। मैं मानता हूं देशवासी विश्वास करें भ्रष्टाचार भी शब्द यानी एक पीढ़ी ऐसी आएगी शायद भ्रष्टाचार उनके लिए सवाल पूछेंगे भ्रष्टाचार क्या होता है? ये हो सकता है लेकिन इसके लिए कमिटमेंट चाहिए, मेरा कमिटमेंट है मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा हूं और सिस्टमैटिक गवर्नेंस की व्यवस्थाओं में बदलाव करके और दूसरा जो आदतन पाप करने के आदि लोग हैं जो भ्रष्टाचार को अपना हक मानते हैं वो कानून के दायरे में आने चाहिए। अब बीआरएस के नेता जेल में हैं, कोर्ट में उनको बेल नहीं मिल रही है पार्टी का नाम बदला लेकिन ब्लॉक लेवल तक उनकी पार्टी आज बची नहीं है अब वो अनाप- सनाप भ्रष्टाचार कर करके वो मानते थे मैं दुनिया को खरीद लूंगा देश की राजनीति को इंप्रेस करूंगा रुपयों के सहारे सिद्ध हो गया ये संभव नहीं है, हो सकता है आपके पास रुपयों के पहाड़ के पहाड़ पड़े होंगे और तेलंगाना के लोगों ने इस बीमारी पर गुस्सा व्यक्त किया और साफ कर दिया परिवारवाद इसके प्रति देश का बहुत रोष है क्योंकि परिवारवाद देश के टैलेंट को पूरी तरह नकारता है किसी भी आप हैरान हो जाएंगे उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने कुछ सीट यादव कम्युनिटी को दी है लेकिन यादव समाज में से एक भी यादव नहीं है सारे के सारे यादव उनके फैमिली मेंबर हैं तब किसी भी यादव को गुस्सा आएगा कि भाई ये क्या राजनीति है? अब देखिए हम कैसे हैं मध्य प्रदेश में हमारे मुख्यमंत्री हैं यादव कम्युनिटी से हैं हमने वोट बैंक के आधार पर तय नहीं किया उनके पास अनुभव था पहले भी सरकार में रहे थे संभाल सकेंगे हमको विश्वास था तो उनको हमने बनाया। यहां परिवार के बाहर जाने को तैयार नहीं है वैसा ही हाल हो गया है दक्षिण के राज्यों में और इसलिए और परिवारवाद के साथ डेफिशियेंट ऑफ टैलेंट तो आता ही आता है उनकी सब चीजों में कमियां- बुराइयां उजागर होती थी क्योंकि घर में ही सब छुपा देते हैं। भ्रष्टाचार उसी में पड़ा हुआ है जी। ये सारी एक एक प्रकार सी बहुत बीमारी फैल चुकी है जी और मैं उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई करता ही रहूंगा जो भी कानून की मर्यादा में होगा वही मैं करता हूं और उसके कारण मुझे मेरी आलोचना होती हो कोई कहे कि विन्डिक्टिव है या मैं किसी गांव में डॉक्टर को अरेस्ट कर दू तो मैं विन्डिक्टिव नहीं हूं लेकिन पॉलिटिकल व्यक्ति को अरेस्ट कर दू तो क्या मैं विन्डिक्टिव हूं? ये क्या तर्क है? हमने जितने केसेस किए हैं ना ओनली 3 परसेंट पॉलिटिशियन हैं, 97 परसेंट अलग लोग हैं जी।

 

अर्चना: Sir, before we conclude I would like to ask you about something I believe that is close to your heart ‘Mann Ki Baat’ which has brought you very close to the common people of India What is your inspiration behind this?

पीएम मोदी: दरअसल, इसके पीछे एक स्पार्किंग प्वाइंट है मेरे, हुआ था ऐसा की जिन दिनों अटल जी की सरकार थी और अटल जी की सरकार ने न्यूक्लियर टेस्ट किया था, मैं उस समय हिमाचल में भाजपा का काम करता था तो मैं ट्रेवल कर रहा था तो वहां रास्ते में ढाबे पर मैं चाय पीने के लिए रुका वहां थोड़ी ठंड भी होती है काफी पहाड़ों में था तो जो छोटे से ढाबे वाला था वो नाच रहा था और उसने जो भी बेचारा बेचता था उसमें से मिठाई का जो कुछ पीस भी था मेरे मुंह में नहीं साहब पहले मैंने कहा भाई जरा शांत होकर के बताओ मुझे क्या है तो बोले आज भारत ने बम फोड़ दिया, मैंने कहा क्या बोल रहे हो अरे बोले साहब देखिए रेडियो सुनिए, रेडियो पर आ रहा है मैंने उस दिन फील किया रेडियो की ताकत क्या है? मेरे मन को वो बात छू गई थी ये रेडियो ही एक बहुत बड़ा जनता से जुड़ने का साधन है जब मैं यहां आया तो मेरी टीम के लोगों ने थोड़ा इसको वर्कआउट किया उसको थोड़ा सिस्टमैटिक प्रोफेशनली कैसे किया जा सकता है? फिर मेरे कुछ उसमें बात बातें थीं मैंने कहा एक मैं ‘मन की बात’ करूंगा तो रेगुलर करूंगा ऐसा नहीं है कि मेरा मूड कर गया तो करूंगा यानी रिलीजियसली मैं उसको करूंगा दैट वाज माय वन प्वाइंट और मैंने वो किया हर महीने लास्ट रविवार को करना है, चुनाव था तो मैंने सामने से कहा कि मैं अब तीसरी टर्म में ही करूंगा मैं प्रधानमंत्री के बनने के बाद चुनाव एक बार समाप्त हो जाए उसके बाद मैं करूंगा तब तक नहीं करूंगा तो मैं डिसिप्लिन भी फॉलो करता हूं। दूसरा मेरा आग्रह था मैं इतने बड़े महत्त्वपूर्ण माध्यम का उपयोग मेरी सरकार की वाहवाही के लिए नहीं करूंगा यानी मेरा बिल्कुल ही रेड लाइन है मेरे इस सरकार के कार्यक्रम और सरकार के वाहवाही बिल्कुल नहीं करूंगा। तीसरा मैं इसको जन सामान्य की प्रेरक जो बातें होती हैं जो हमें सबको इंस्पायर करती है उस पर ध्यान केंद्रित करूंगा और लोग मुझे चिट्ठियां लिखते हैं बहुत लाखों चिट्ठियां आती हैं और मैं सच बताता हूं मेरा देश इतना समृद्ध है जो कहते हैं ना भारत बहु रत्ना वसुंधरा है, गांव- गांव में से रत्न हैं जी क्या कुछ नहीं करते मैं ‘मन की बात’ में बहुत कम बातें बता सकता हूं क्योंकि मैंने 30 मिनट का समय रखा है लेकिन जब मैं वो पढ़ता हूं या उसमें से जानकारी लेता हूं मुझे ऊर्जा से भर देती है जी मेरे लिए वो इंस्पिरेशन बन जाता है अच्छा वो गांव में वो महिला, अभी मैं महिला को मिला मेरा इलेक्शन टूर में जा रहा था तो एक फल बेचने वाली मां है नाम था मोहिनी गौड़ा वो सफाई के लिए बहुत काम करती है तो मैंने इच्छा व्यक्त की थी कि मैं जरा उनके दर्शन करना चाहूंगा तो मैं उनको प्रणाम किया माई क्या इंस्पिरेशन है आपका तो ये मेरे मन में रहता है कि जो समाज के लिए अच्छा काम करते हैं तो इसका हमारा मतलब है कि भाई ये जो छवि है कि राजनेता ही देश में काम करते हैं ऐसा नहीं है तो ऐसे बहुत लोग हैं जी जिनको मेरा मेरे मन में इनके प्रति बड़ा आदर होता है तो उनकी बात में दुनिया को बताऊं और मैं जब बताता हूं तो उसका एक मान्यता बढ़ जाती है क्योंकि मेरे पास एक पद है लेकिन सचमुच में भारत के पास ये इसने एक वातावरण बनाया है जैसे स्वच्छता, स्वच्छता के विषय को मैंने ‘मन की बात’ में कि मुझे बहुत बल मिला क्योंकि मुझे पता चलना वो तो बहुत काम कर रहे हैं तो मैं उनकी बात बताने लगा। मैंने एक बार ‘मन की बात’ में सेल्फी विद डॉटर कहा डॉटर के प्रति हर घर में गर्व होने लगा अरे मेरी बेटी के साथ सेल्फी करूं तो पूरी साइके बदल देता है ये और कुछ लोगों ने बहुत बड़ी रिसर्च की है कुछ यूनिवर्सिटीज ने रिसर्च की है जो ये ‘मन की बात’ का सोशो रिफॉर्म (45.43) की दृष्टि से क्या एक इंस्ट्रूमेंट है तो मैं इसको एक बड़ा अपना पवित्र काम मान करके करता हूं।

अर्चना: प्रधानमंत्री जी, थैक्यू।

पीएम मोदी: मुझे बहुत अच्छा लगा मेरे पास समय कम था।

अर्चना: थैंक्यू थैंक्यू, फोर योर टाइम सर

पीएम मोदी: मेरी तरफ से आपके सभी दर्शकों को मेरा प्रणाम और तिरुपति बालाजी की कृपा हम सब पर बनी रहे और हम सब देश का भी भला करें, विकसित भारत का सपना पूरा करें, सबको मेरा नमस्कार।

अर्चना: थैंक्यू सर।

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PM chairs Fifth National Conference of Chief Secretaries in Delhi
December 28, 2025
Viksit Bharat is synonymous with quality and excellence in governance, delivery and manufacturing: PM
PM says India has boarded the ‘Reform Express’, powered by the strength of its youth
PM highlights that India's demographic advantage can significantly accelerate the journey towards Viksit Bharat
‘Made in India’ must become a symbol of global excellence and competitiveness: PM
PM emphasises the need to strengthen Aatmanirbharta and strengthen our commitment to 'Zero Effect, Zero Defect’
PM suggests identifying 100 products for domestic manufacturing to reduce import dependence and strengthen economic resilience
PM urges every State must to give top priority to soon to be launched National Manufacturing Mission
PM calls upon states to encourage manufacturing, boost ‘Ease of Doing Business’ and make India a Global Services Giant
PM emphasises on shifting to high value agriculture to make India the food basket of the world
PM directs States to prepare roadmap for creating a global level tourism destination

Prime Minister Narendra Modi addressed the 5th National Conference of Chief Secretaries in Delhi, earlier today. The three-day Conference was held in Pusa, Delhi from 26 to 28 December, 2025.

Prime Minister observed that this conference marks another decisive step in strengthening the spirit of cooperative federalism and deepening Centre-State partnership to achieve the vision of Viksit Bharat.

Prime Minister emphasised that Human Capital comprising knowledge, skills, health and capabilities is the fundamental driver of economic growth and social progress and must be developed through a coordinated Whole-of-Government approach.

The Conference included discussions around the overarching theme of ‘Human Capital for Viksit Bharat’. Highlighting India's demographic advantage, the Prime Minister stated that nearly 70 percent of the population is in the working-age group, creating a unique historical opportunity which, when combined with economic progress, can significantly accelerate India's journey towards Viksit Bharat.

Prime Minister said that India has boarded the “Reform Express”, driven primarily by the strength of its young population, and empowering this demographic remains the government’s key priority. Prime Minister noted that the Conference is being held at a time when the country is witnessing next-generation reforms and moving steadily towards becoming a major global economic power.

He further observed that Viksit Bharat is synonymous with quality and excellence and urged all stakeholders to move beyond average outcomes. Emphasising quality in governance, service delivery and manufacturing, the Prime Minister stated that the label "Made in India' must become a symbol of excellence and global competitiveness.

Prime Minister emphasised the need to strengthen Aatmanirbharta, stating that India must pursue self-reliance with zero defect in products and minimal environmental impact, making the label 'Made in India' synonymous with quality and strengthen our commitment to 'Zero Effect, Zero Defect.’ He urged the Centre and States to jointly identify 100 products for domestic manufacturing to reduce import dependence and strengthen economic resilience in line with the vision of Viksit Bharat.

Prime Minister emphasised the need to map skill demand at the State and global levels to better design skill development strategies. In higher education too, he suggested that there is a need for academia and industry to work together to create high quality talent.

For livelihoods of youth, Prime Minister observed that tourism can play a huge role. He highlighted that India has a rich heritage and history with a potential to be among the top global tourist destinations. He urged the States to prepare a roadmap for creating at least one global level tourist destination and nourishing an entire tourist ecosystem.

PM Modi said that it is important to align the Indian national sports calendar with the global sports calendar. India is working to host the 2036 Olympics. India needs to prepare infrastructure and sports ecosystem at par with global standards. He observed that young kids should be identified, nurtured and trained to compete at that time. He urged the States that the next 10 years must be invested in them, only then will India get desired results in such sports events. Organising and promoting sports events and tournaments at local and district level and keeping data of players will create a vibrant sports environment.

PM Modi said that soon India would be launching the National Manufacturing Mission (NMM). Every State must give this top priority and create infrastructure to attract global companies. He further said that it included Ease of Doing Business, especially with respect to land, utilities and social infrastructure. He also called upon states to encourage manufacturing, boost ‘Ease of Doing Business’ and strengthen the services sector. In the services sector, PM Modi said that there should be greater emphasis on other areas like Healthcare, education, transport, tourism, professional services, AI, etc. to make India a Global Services Giant.

Prime Minister also emphasized that as India aspires to be the food basket of the world, we need to shift to high value agriculture, dairy, fisheries, with a focus on exports. He pointed out that the PM Dhan Dhanya Scheme has identified 100 districts with lower productivity. Similarly, in learning outcomes States must identify the lowest 100 districts and must work on addressing the issues around the low indicators.

PM also urged the States to use Gyan Bharatam Mission for digitization of manuscripts. He said that States may start a Abhiyan to digitize such manuscripts available in States. Once these manuscripts are digitized, Al can be used for synthesizing the wisdom and knowledge available.

Prime Minister noted that the Conference reflects India’s tradition of collective thinking and constructive policy dialogue, and that the Chief Secretaries Conference, institutionalised by the Government of India, has become an effective platform for collective deliberation.

Prime Minister emphasised that States should work in tandem with the discussions and decisions emerging from both the Chief Secretaries and the DGPs Conferences to strengthen governance and implementation.

Prime Minister suggested that similar conferences could be replicated at the departmental level to promote a national perspective among officers and improve governance outcomes in pursuit of Viksit Bharat.

Prime Minister also said that all States and UTs must prepare capacity building plan along with the Capacity Building Commission. He said that use of Al in governance and awareness on cyber security is need of the hour. States and Centre have to put emphasis on cyber security for the security of every citizen.

Prime Minister said that the technology can provide secure and stable solutions through our entire life cycle. There is a need to utilise technology to bring about quality in governance.

In the conclusion, Prime Minister said that every State must create 10-year actionable plans based on the discussions of this Conference with 1, 2, 5 and 10 year target timelines wherein technology can be utilised for regular monitoring.

The three-day Conference emphasised on special themes which included Early Childhood Education; Schooling; Skilling; Higher Education; and Sports and Extracurricular Activities recognising their role in building a resilient, inclusive and future-ready workforce.

Discussion during the Conference

The discussions during the Conference reflected the spirit of Team India, where the Centre and States came together with a shared commitment to transform ideas into action. The deliberations emphasised the importance of ensuring time-bound implementation of agreed outcomes so that the vision of Viksit Bharat translates into tangible improvements in citizens’ lives. The sessions provided a comprehensive assessment of the current situation, key challenges and possible solutions across priority areas related to human capital development.

The Conference also facilitated focused deliberations over meals on Heritage & Manuscript Preservation and Digitisation; and Ayush for All with emphasis on integrating knowledge in primary healthcare delivery.

The deliberations also emphasised the importance of effective delivery, citizen-centric governance and outcome-oriented implementation to ensure that development initiatives translate into measurable on-ground impact. The discussions highlighted the need to strengthen institutional capacity, improve inter-departmental coordination and adopt data-driven monitoring frameworks to enhance service delivery. Focus was placed on simplifying processes, leveraging technology and ensuring last-mile reach so that benefits of development reach every citizen in a timely, transparent and inclusive manner, in alignment with the vision of Viksit Bharat.

The Conference featured a series of special sessions that enabled focused deliberations on cross-cutting and emerging priorities. These sessions examined policy pathways and best practices on Deregulation in States, Technology in Governance: Opportunities, Risks & Mitigation; AgriStack for Smart Supply Chain & Market Linkages; One State, One World Class Tourist Destination; Aatmanirbhar Bharat & Swadeshi; and Plans for a post-Left Wing Extremism future. The discussions highlighted the importance of cooperative federalism, replication of successful State-level initiatives and time-bound implementation to translate deliberations into measurable outcomes.

The Conference was attended by Chief Secretaries, senior officials of all States/Union Territories, domain experts and senior officers in the centre.