अर्चना: प्रधानमंत्री जी नमस्ते।

पीएम मोदी: नमस्कार जी।

अर्चना: We are from NTV Bhakti TV and Vanitha TV from the Telugu States, thank you so much for taking your time out and during this busy election schedule.

पीएम मोदी: आपके दर्शकों को भी मेरा नमस्कार।

अर्चना: दिस इज अर्चना

राजशेखर: दिस इज राजशेखर एनटीवी चीफ एडिटर एंड सीईओ।

 

अर्चना: Today it is my honor to interact with the significant leader His position India on a global stage Prime Minister Shri Narendra Modi ji has been significant in transforming India's digital landscape and crucial in shaping its external affairs His leadership embraces technology Enhance his governance with massive digital Initiative, deeply rooted in reviving and preserving the rich heritage of Indian culture, he is a visionary with modern outlook and a global leader powering excellence in economic development, he is a rare blend of technology, innovation and tradition in his governance.

पीएम मोदी: मेरा ये सौभाग्य है मुझे पहली बार आपके यहां इंटरव्यू करने का मौका आ रहा है।

अर्चना: थैंक्यू सर

राजशेखर: थैंक्यू सर

पीएम मोदी: आपके लिए हैदराबाद से यहां तक आए तेलंगाना से, तो ये मेरे लिए बहुत खुशी की बात है।

 

अर्चना: Diving into the first question Prime Minister sir, what is your assessment? Till now there have been three faces, so what do you have to say about that?

पीएम मोदी: देखिए, तीन चरण का चुनाव, कुछ लोग मतदान के आंकड़ों पर अटके हुए हैं, लेकिन मैं इस चुनाव में अर्थमेटिक से ज्यादा केमिस्ट्री देख रहा हूं। और ये केमिस्ट्री इतनी पावरफुल है ये नतीजे बताएंगे। पहले चरण में मैंने कहा था कि विपक्ष पस्त हो चुका है, दूसरे चरण के बाद मैंने कहा था अब ये ध्वस्त हो चुका है और तीसरे चरण में मैं कहता हूं कि अस्त हो चुका है और जनता- जनार्दन भारतीय जनता पार्टी के प्रति आश्वस्त है। ये मैं इन तीनों में देख रहा हूं। तीन चरणों के प्रचार में मुझे कई रैली करने का मौका मिला, कई रोड शो करने का मौका मिला, मीडिया के मित्रों से भी छिट-फुट बात होती रही। मैं 14 का चुनाव भी देखा है, 19 का भी देखा है। सामान्य नागरिक जिसको कहें जो राजनीति की गतिविधियों से दूर रहता है। मैं उन लोगों को इस बार मेरे कार्यक्रमों में देख रहा हूं। ये एक बहुत बड़ी निशानी है कि इस प्रकार का समाज जीवन का तबका चुनाव में आपका समर्थन करने के लिए आ जाए। और मैं उसमें एक भक्ति भाव का वातावरण देखता हूं, उसमें भारत भक्ति नजर आती है, समाज भक्ति नजर आती है। यानी एक प्रकार से पॉलिटिकल अवेयरनेस ग्रासरूट लेवल पर ये चुनाव में नजर आ रही है। मैं मानता हूं कि 2019 के भी रिकॉर्ड ये चुनाव तोड़ेगा, हर प्रकार से रिकॉर्ड टूटेंगे। मतदान कम होने के बाद भी मेरा मत है कि विजय का जो एक प्रकार से मार्जिन का लेवल है वो भी काफी बढ़ेगा ऐसा मुझे लगता है। और जहां तक विपक्ष का सवाल है शायद एक तो उनका इंडी अलायंस चला ही नहीं, वो दो चार रैली कर पाए और पहले दिन उन्होंने केरल में इंडी अलायंस के खिलाफ अपने लेफ्ट के खिलाफ खुद चुनाव में खड़े हो गए कांग्रेस के नेता, तो अविश्वास बड़ा जबरदस्त है। सीट आखिर तक वो तय नहीं कर पाते हैं, अभी तक उनका कोई कैंपेन का कोई थीम नजर नहीं आता है, मोदी को गाली- गलौज करना वो तो ठीक है, होता रहता है। और मैं मानता हूं कि इस बार कांग्रेस पार्टी की स्थिति बहुत खराब होगी। ओवरऑल इंडी अलायंस एक प्रकार से पूरी तरह बहुत ही हालत खराब हो जाएगी।

और उन्होंने भी मान लिया है कि, आपने देखा होगा वो कभी वो इलेक्शन कमीशन पर बवाल खड़ा कर देते हैं, कभी ईवीएम पर बवाल खड़ा कर देते हैं, कभी मतदान के आंकड़ों को लेकर के रोना- धोना शुरू कर देते हैं और मुझे लगता है कि उनकी शक्ति इलेक्शन कैंपेन में जनता के पास मुद्दे लेकर के जाने के बजाय उनकी पूरी रिसर्च टीम इस बात में लगी है कि हारने के बाद ठीकरा किसके सिर पर फोड़ें, ईवीएम पर फोड़ें, EC पर फोड़ें या अपने साथियों पर फोड़े तो वो अभी उस व्यूह रचना में लगे हुए हैं।

 

अर्चना: सर, अयोध्या राम मंदिर फुलफिल अ फाइव हंड्रेड योर ओल्ड ड्रीम एंड उस दिन प्राण प्रतिष्ठा के दिन आपका फीलिंग क्या था?

पीएम मोदी: ये आपने बहुत मुझे भावुक कर देने वाला सवाल पूछा है, जिस दिन मुझे ट्रस्टी सब मिलकर के आए थे निमंत्रण देने के लिए राम जन्मभूमि का जो लोग संभालते हैं तो मैं खुद बहुत ऑनर फील करता था कि मेरा सौभाग्य है कि इतने बड़े महत्त्वपूर्ण अवसर में मुझे साक्षी बनने के लिए अवसर मिलेगा, फिर मैंने अपने कुछ परिचित लोग थे जिनसे मैंने पूछा कि अगर इतना बड़ा काम है 500 साल के बाद हो रहा है अनेक पीढ़ियों के सपने इसमें समाहित हैं तो ऐसी स्थिति में मैं अपने आप में एक बहुत जिम्मेवारी अनुभव करता हूं और मैं एक पीएम के नाते या एक पॉलिटिकल वर्कर के रूप में जाने के बजाय साफ अर्थ में इस देश के सामान्य नागरिक के तरह इस देश की महान परंपरा संस्कृति के प्रति समर्पित व्यक्ति के रूप में जाना चाहता हूं तो मैं मन से बाकी चीजों से कट ऑफ होना चाहता हूं और मैं मन से उससे जुड़ना चाहता हूं। कुछ साथियों ने मुझे सुझाव दिया अनुष्ठान वगैरह के लिए फिर मैंने अपने आप तय के लिया कि उन्होंने जो गाइडलाइन दी लेकिन मैंने उससे भी कुछ ज्यादा ही करना तय कर लिया वो जो 11 दिन मेरे अनुष्ठान के थे वो एक अलग ही भक्ति भावना में मैं डूबा हुआ था एक आध्यात्मिक चेतना का मैं अनुभव कर रहा था जब साउथ में गया अलग- अलग मंदिरों में तो मैं कुछ अलग ही फील करता था और मैं बहुत भक्ति भाव से पूरी तरह रम गया था। मैं कह सकता हूं राम में रम गया था। जिस दिन ये अवसर आया मैं अयोध्या पहुंचा और पल- पल मेरे मन में एक अलग ही भाव जगता था और प्रत्यक्ष में जब रामलला की मूर्ति के सामने खड़ा रहा आंखों की चमक एक निर्दोष चेहरा हल्की सी मुस्कान यानी ऐसा लग रहा था कि सचमुच में 500 साल का सपना इसमें मुझे प्रतिबिंब हो रहा। मैं बड़ा भावुक था मेरे पास उस परिस्थिति का वर्णन करने के लिए शब्द तो नहीं है लेकिन उनकी आंखें उसपर व्यक्तित्व है मुझे जीवंत लग रहा था, जैसे हम बात कर रहे हैं, जैसे हम कुछ उनकी तरफ से कोई संदेश आ रहा है हम उस संदेश को स्वीकार करने के लिए जैसे तड़प रहे हैं एक ऐसा नाता था और बीच में कोई कर्टेन नहीं था हम एक बहुत बड़े लोग हैं जो शायद इसको मैं समझा नहीं पाऊंगा कभी भी नहीं समझा पाऊंगा जो मैं फील करता था मैं अभी भी दोबारा एक बार गया था तो जो एक ट्रस्ट के नियम है तो उस प्रकार से मैं गर्भगृह में तो नहीं जा सकता था वहीं से बाहर रहकर के मुझे पूजा करनी थी लेकिन इस बार भी गया तो मुझे वो ही दृश्य याद आया जो पहले दिन मेरे मन में था मुझे ध्यान ही नहीं रहा कि मैं आज ये दिन बदल चुका है मैं कई महीनों के बाद आया हूं मैं उसी में फिर से एक बार खो गया। बड़ी भक्ति भाव से जो कुछ भी कर सकता हूं कर करके मैं और जब मैं इस प्रकार की स्थिति में होता हूं तो मैं कोई मांगता- मांगता नहीं हूं जी। मेरे मन में 140 करोड़ देशवासी होते हैं उनका कल्याण होता है, मेरे देश का कल्याण होता है और मुझे लगता है कि जब मुझे वहां ट्रस्टियों ने बताया कि साहब यहां लाखों लोग आते हैं यात्री बहुत बड़ी मात्रा में आते हैं लेकिन 20- 30 परसेंट ऐसे यात्री होते हैं जो एक- एक खंभा पकड़ करके रोते हैं बोले हम उनको खंभे से छुड़वा करके दूर करना हमारे लिए मुश्किल हो जाता है शायद ही कोई होगा जिसके आंख में आंसू ना आते हो यानी एक बहुत बड़ी भावुकता का वहां वातावरण होता है तो वहां जो वालंटियर्स है उनके लिए भी सबको संभालना बड़ा मुश्किल हो रहा है, एक अलग ही अलग ही वातावरण है।

 

राजशेखर: You have constructed the magnificent Kashi Vishwanath Corridor in Varanasi and revitalized the city. Is this model you intend to adopt for the development of other religious sites in the country?

पीएम मोदी: पहली बात है कि ये मैंने नहीं किया है। मैं कौन होता हूं करने वाला? ये परमात्मा की कृपा से होता है।

 

राजशेखऱ: आपका नेतृत्व में..

पीएम मोदी: और जनता- जनार्दन भी ईश्वर का रूप है जब उनकी इच्छाएं तीव्र हो जाती हैं, उनकी आकांक्षाएं तीव्र हो जाती हैं तो एक नई ऊर्जा, नया सामर्थ्य पैदा होता है तो मैं शायद निमित्त बना हूं, शायद मां गंगा ने मुझे इसलिए काशी बुलाया होगा और मैं वहां गया। मेरा गुजरात का अनुभव रहा है लंबा अरसे का, हमें टूरिज्म को डेवलप करने के लिए बाहर के किसी मॉडल की तरफ देखने की जरूरत नहीं है। दुनिया को देने के लिए, दिखाने के लिए हमारे पास बहुत कुछ है। अब जैसे जी-20 समिट हुई 200 से ज्यादा मीटिंग हुई और दुनिया के जी-20 से जुड़े हुए टॉप जो नीति निर्धारक टीम होती है ऐसे कम से कम हर देश से 300-300 लोग भारत आए होंगे। उन्होंने भारत के अलग- अलग भाग में, उनको पता ही नहीं हिंदुस्तान इतना विविधताओं से भरा हुआ है, इतनी खुशबू है, इतनी महक है, इतनी चमक है पता ही नहीं था तो उसी प्रकार से भारत में 140 करोड़ देशवासी वो भी अपने आप में एक बहुत बड़ा आपके लिए अगर मार्केट की भाषा में बोले तो वो भी एक बहुत बड़ी अपॉर्चुनिटी है लेकिन हम लोगों ने इस पर ध्यान नहीं दिया और उसमें से हमने कई रिफॉर्म किए हैं अब जैसे हमने यात्री सर्किट बनाए हैं, ट्रेनें चल रही हैं जैसे राम प्रभु राम की ही सर्किट की ट्रेन चलती है। एक बार उस ट्रेन में आप बैठ जाइए फिक्स टिकट है आपका अंदर रहना, नहाना, खाना सब उसी में होता है तो बड़ी उम्र के लोगों के लिए बड़ी सुविधा रहती है जहां उतरकर के डेस्टिनेशन पर जाना है तो व्हीकल की व्यवस्था भी उसी में आ जाता है। बुद्ध सर्किट बना हुआ है, जैन सर्किट बना हुआ है तो भारत का जो यात्रा नाम का जो एक पूरा क्षेत्र है उसके लिए बहुत बड़ी और मैं तो चाहूंगा कि कभी आपकी पूरी टीम एक- एक सर्किट की टूर करें कैमरा के साथ मैं सरकार को जरूर बताऊंगा मेरे तीसरे टर्म में तो आप भी देखेंगे क्या भक्ति और अंतर पूरा वातावरण भक्ति का होता है। दूसरा अब काशी विश्वनाथ धाम काशी विश्वनाथ धाम की बात अगर करें मैं काशी का सांसद हूं तो वहां पर मैं समझता हूं कि करोड़ों की तादाद में वहां लोग आए, महात्मा गांधी जी का मैंने पढ़ा था वो काशी आए थे और महात्मा गांधी जी ने बड़ा नाराजगी व्यक्त की थी गंदगी है, अव्यवस्था है इंफ्रास्ट्रक्चर का नाम नहीं है तो मेरे मन में था कि गांधी जी के समय की वेदना अभी तक किसी ने पूरी नहीं की। फिर मेरे मन में आया भाई एक एमपी हूं उस नाते तो करूंगा लेकिन गांधी जी ने जो कहा है मुझे उसका कोई गांधी जी की इच्छा मुझे पूरी करनी चाहिए उस भाव भी मेरे मन में था इंफ्रास्ट्रक्चर में काफी कुछ किया है हमने वहां सुविधाएं भी बढ़ाई हैं। मैंने अब जैसे वहां पर एक परंपरा है काफी लोग अंतिम संस्कार के लिए वहां आते हैं तो मैंने जल शव वाहिनी बनाई ताकि डेडबॉडी को आने में सुविधा हो तुरंत आएं ले जाएं तो ऐसे कई नई- नई चीजें वहां जोड़ी हैं वहां उसके कारण यात्रियों की संख्या इतनी बढ़ी है और जो विश्वनाथ कोरिडोर बना उसमें काशी वासियों ने बहुत सहयोग किया ना इतनी बड़ी जगह बन नहीं सकते इतने मकान एक्वायर करने थे। ये सारा काम किया, करीब 15 करोड़ से भी ज्यादा लोग वहां आ चुके हैं और जब 15 करोड़ लोग आते हैं तो आप कल्पना करें काशी जैसे स्थान का इकोनॉमी कहां से कहां पहुंच जाएगी? आज वहां पर इकोनॉमी इतनी बूम है और वो ही तो लोगों को रोजगार मिल जाता है, नाविकों को भी काम मिल जाता है, फूल बेचने वाले को काम मिल जाता है, गेस्ट हाउस वालों को काम मिल जाता है, सामान बेचने वालों को मिला, खिलौने बेचने यानी एक प्रकार से हर प्रकार से लाभ हुआ है। 2023 में करीब 20 लाख यात्री बाबा केदारनाथ आये थे। अब उत्तराखंड जैसा राज्य जिसकी इकोनॉमी इस पर डिपेंड है वहां पर इतनी, मतलब पूरे राज्य की इकोनॉमी को वो पूरी ताकत देते हैं यानी अगर पूरी चारधाम यात्रा मैं कहूं तो चारधाम यात्रा में करीब 55 लाख श्रद्धालु उससे ज्यादा श्रद्धालु वहां आते हैं ये पूरा का पूरा वहां की इकोनॉमी है और ये उज्जैन में आप जाएंगे जो महाकाल महालोक बना हुआ है वो पिछले साल मुझे जो बताया गया था अभी जब मैं मध्य प्रदेश गया पांच करोड़ श्रद्धालु आए थे ये अपने आप में श्रद्धा भाव तो है ही है लेकिन उसके साथ- साथ उसके साथ इकोनॉमी भी है और भारत ऐसा देश है कि जिसमें आप जैसे हेमकुंड साहिब है, हेमकुंड साहिब जाने की हमारे सभी सिख भाइयों- बहनों की इच्छा रहती है लेकिन कठिन है सब नहीं जा पाते, अब हम एक रोपवे बना रहे हैं रोपवे बनाएंगे तो अन्य जो श्रद्धालु हैं बड़ी आसानी से जाएंगे बर्फ रहता है लंबा समय तक बर्फ रहता है। उसी प्रकार से हमने करतारपुर कॉरिडोर बनाया हकीकत तो जब भारत- पाकिस्तान की लड़ाई हुई थी 93000 सैनिक भारत के सामने सरेंडर कर दिया, भारत की कैद में थे उस समय जब बातचीत हुई पाकिस्तान के साथ तो उस समय हमें एक शर्त करनी चाहिए थी कि गुरु नानक देव जी के लिए हमारा पवित्र स्थान है करतारपुर साहिब वो हमें मिलना चाहिए लेकिन ये उनको सूझा ही नहीं तो क्या होता था आपको जानकर हैरानी होगी हिंदुस्तान की सीमा के उस पार करतारपुर साहिब है तो यहां पर एक टावर जैसा बनाया है टावर से लोग दूरबीन से करतारपुर साहिब के दर्शन करते थे और कतार लगती थी लोग आते थे ये मैं जब पंजाब में पहले काम करता था मैं सब परिचित था मुझे एक दर्द होता था कि ऐसा अपमान कैसे हम सह सकते हैं, ऐसी हमारी मजबूरियों की जिंदगी क्या होती है? मैंने आकर के यहां कोशिश की और आखिरकार रास्ता निकला आज वहां हमारे लोग आराम से जा सकते हैं, दर्शन करके वापिस आ सकते हैं और बहुत ही सुंदर वहां व्यवस्था खड़ी कर दी हमने तो करतारपुर साहिब कॉरिडोर जो बना है वो भी ऐसा ही है। उसी प्रकार से मेरा मत है कुछ ऐतिहासिक स्थानों का महत्व होता है जैसा तीर्थ स्थान का है वैसा ही है। अब बाबा साहेब अंबेडकर के साथ जुड़े हुए पंच तीर्थ की तरफ मैंने काम किया है जहां बाबा साहेब अंबेडकर का जन्म हुआ, यूके में जहां बाबा साहेब अंबेडकर रहते थे, बाबा साहेब अंबेडकर जहां पर दीक्षा ली, बाबा साहेब अंबेडकर जहां काम करते थे, बाबा साहेब अंबेडकर की जहां अंत्येष्टि हुई इन पांचों स्थानों को मैंने बहुत अच्छी तरह डेवलप किया है एक का काम चल रहा है तो पंच तीर्थ एक प्रकार से बहुत ही लोगों के लिए जो लोग देश में आजादी के बाद जो बदलाव आया उसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बाबा साहेब अंबेडकर उसके जीवन को समझने के लिए पंचतीर्थ की यात्रा बन गई है। दांडी हिंदुस्तान के स्वतंत्र आंदोलन की महत्त्वपूर्ण घटना लेकिन दांडी को भुला दिया गया मैंने पूरा दांडी का पुनर्निर्माण किया, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी मेरे मन में था कि भारत को दुनिया बड़ी ताकत से देखें स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी उससे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी डबल साइज का है ये दुनिया का सबसे बड़ा स्टैच्यू है और पूरी वहां व्यवस्था बनी है तो टूरिज्म को डेवलप करना, सत्ता स्थानों को डेवलप करना हमने इस क्षेत्र का सब भरपूर और ये देश की इकोनॉमी को बल देने वाला है, देश की प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला है और उसके लिए हम काफी कोशिश कर रहे हैं।

 

अर्चना: Sir, Do You Believe Your Continued Electoral Success Is Largely Supported by Women Voters?

पीएम मोदी: मैं पूरी तरह कन्विंस हूं मैं व्यक्तिगत जीवन में फील करता हूं कि मुझ पर देश की मातृ शक्ति का बहुत आशीर्वाद रहा है। मैं तो मेरा सुरक्षा कवच भी मेरी माताओं- बहनों को मानता हूं और जो भाव भक्ति से मातायें- बहनें मुझे आशीर्वाद देती हैं वो उससे बड़ी क्या शक्ति हो सकती है? और मैं भी इस मत का हूं कि समाज की समृद्धि का मूल मानदंड है वहां की नारी शक्ति का सशक्तिकरण, वो ही उसका रास्ता है और इसलिए मैंने आर्थिक दृष्टि से भी इसका महत्व है। अब आपको एंपावरमेंट ऑफ विमेन करना है तो आपको पहले उनकी जो छोटी-छोटी जरूरतों के लिए वो डिपेंडेंट है उसमें से उनको मुक्त करना चाहिए। आप हैरान थे हमारी मातायें- बहनों के पास शौचालय नहीं था, चूल्हा गैस के लिए बड़े-बड़े सिफारिश लानी पड़ती थी, गरीब के पास घर नहीं था, इन सारी चीजों को अब मैंने एक कदम आगे उठाया एक साइकोलॉजी चेंज लाना है कि भाई ये महिलायें सिर्फ पापड़ बनाएगी या आचार बनाएगी क्या इससे बाहर नहीं है मैंने अभी उनको ड्रोन पायलट बनाने शुरू किया इतना एक्सपीरियंस मेरा पॉजिटिव है और इतनी बहुत अच्छे तरीके से वो किसानी की मदद कर रहे हैं और कमाई भी कर रहे हैं। मेरा एक मिशन है लखपति दीदी बनाने का, पहले मैंने ट्रायल किया एक करोड़ तक पहुंचा लेकिन वो तो छिटपुट छिटपुट था अब मैं ऑर्गेनाइज वे में उस पर काम करने वाला हूं और इस बार हमने मेनिफेस्टो में कहा है कि मैं तीन करोड़ लखपति दीदी बनाऊंगा यानी लखपति दीदी वो गांव में छोटे- मोटे काम करते हैं उन लोगों में से है यानी एक प्रकार से भारत की इकोनॉमी को बड़ी ताकत मिलेगी। मुद्रा योजना, मुद्रा योजना में 70 परसेंट उसके जो बेनिफिशियरी हैं वो विमेन हैं जो एंटरप्रेन्योरशिप में आये, सेल्फ हेल्प ग्रुप की अपनी एक ताकत बढ़ी है, सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को मैंने पैसा ज्यादा देना तय कर दिया बिना गारंटी देते हैं और मेरा आनंद ये है कि कोई एनपीए नहीं होता है जितना लोन लेते हैं समय के पहले देते जाते हैं। पार्लियामेंट के अंदर नई पार्लियामेंट बनी तो मेरे मन में था नई पार्लियामेंट में पहला काम कौन सा करुं तो मेरे मन में स्वाभाविक मेरे देश की मातायें- बहनें आईं और भारत की संसद ने सर्वसम्मति से पहला कानून पास किया वो नारी शक्ति बंधन अधिनियम महिलाओं के लिए आरक्षण का काम किया तो मैंने नए संसद के भवन को भी देश की नारी शक्ति को समर्पित करते हुए प्रारंभ किया तो मैं बाकी तो आप देखिए सेना के अंदर आज हमारी बेटियां हैं, खेलकूद में हमारी बेटियां हैं, साइंटिफिक फील्ड में हमारी बेटियां हैं, चंद्रयान की बात हो और इसलिए मैंने वहां नाम भी क्या रखा शिव शक्ति, जहां हमारा चंद्रयान लैंड किया शिव शक्ति, तो मेरा..मेरे..मेरे जो भाव विश्व है उसका प्रकटीकरण हर क्षेत्र में अलग- अलग प्रकार से होता है उसमें मेरा मातृ शक्ति के प्रति मेरा जो श्रद्धा भाव है वो प्रकट होता है।

 

अर्चना: Sir, BJP and TDP are part of NDA, do you still? Consider YS Jagan and alliance in Andhra Pradesh?

पीएम मोदी: मैं नहीं मानता हूं कि आंध्र में वर्तमान सरकार दोबारा जीत सकती है काफी कुछ आर्थिक रूप से बहुत ही हालत खराब है वहां की और उसका प्रभाव नीचे तक है। जगन हमारे पॉलिटिकल एरा कभी नहीं रहे हैं, पार्लियामेंट में तो मुद्दों के आधार पर समर्थन वगैरह मिलता रहता है और हम पहले भी विरुद्ध में ही चुनाव लड़े हैं, हम कभी साथ में चुनाव नहीं लड़े हैं। हम आमने- सामने ही रहे हैं और हम एक प्रकार से चुनाव में हमेशा प्रतिद्वंदी हैं लेकिन अगर वो राज्य के मुख्यमंत्री हैं तो मैं संविधान के तहत बंधा हुआ हूं कि मैं फिर पार्टी नहीं देख सकता फिर मुझे किसी भी पार्टी की सरकार हो मेरा काम है उस राज्य को मजबूत बनाने में उस सरकार की जितनी क्षमता है उसमें क्या मैं एडिशन कर सकता हूं, तो मैं आंध्र के लिए भी करता रहा हूं और वो तो मेरा एक संवैधानिक दायित्व भी है और मेरे देश का जो मेरा सपना है उसमें मैं तो चाहूंगा हर एक राज्य को साथ लेकर के मैं चलूं तो वो नाता एक अलग है। जहां तक चुनाव का सवाल है टीडीपी और बीजेपी तो पहले भी एनडीए में साथ में थे, इस बार जनसेना भी हमारे साथ जुड़ी हुई है जिस प्रकार का लोगों का रिस्पांस है, जिस प्रकार का एक आकर्षण बना हुआ है मैं पक्का मानता हूं एनडीए की सरकार वहां बनेगी और लोकसभा में सर्वाधिक सीटें जीत करके एनडीए आंध्र में आएगी।

 

राजशेखर: Sir, what convinced you to form alliance with Janasena and TDP in Andhra Pradesh?

पीएम मोदी: ये बात सही है कि भारतीय जनता पार्टी का मूलभूत सिद्धांत है कि हमें अधिकतम लोगों को साथ लेकर के चलना चाहिए। ये हमारा मूलभूत सिद्धांत है हमें ये अहंकार नहीं है कि अब भारतीय जनता पार्टी बहुत बड़ी हो गई है अरे चलो भाई हमें क्या जरूरत है हम इस मिजाज के नहीं हैं। इवन पूर्ण बहुमत था हमारे पास फिर भी हमने सभी साथियों को सरकार में रखा था क्योंकि हमारा मूलभूत, भारत जो है भारत की राजनीति अब वो टू कैंप में डिवाइड है एक बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए है, दूसरी तरफ कांग्रेस के नेतृत्व में इंडी अलायंस है जो पहले यूपीए के रूप में जाना जाता था तो हम इस मत के हैं कि अधिकतम राजनीतिक दलों को अपने साथ रखना चाहिए, दूसरा नेशनल पॉलिटिकल पार्टीज उसने रीजनल एस्पिरेशन को रिस्पेक्ट करना चाहिए, रीजनल एस्पिरेशन को एड्रेस करना चाहिए और रीजनल पॉलिटिकल पार्टियां साथ होती हैं तो उसको करने में सुविधा बढ़ती है फुल फ्लेज अगर जैसे गुजरात है गुजरात में आज भारतीय जनता पार्टी पूरी लीडरशिप वैसे वहां अलग से किसी की जरूरत नहीं पड़ती लेकिन तेलंगाना हो या आंध्र हो तो हमें रीजनल एस्पिरेशन को एड्रेस करना चाहिए, ये हम हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य मानते हैं और इसलिए हम छोटे हैं कि बड़े हैं उसके बजाय हम कितने ही बड़े क्यों ना हो हम रीजनल एस्पिरेशन को साथ लेकर चलेंगे और उन मूलभूत विचार के कारण और बीजेपी- टीडीपी पुराने साझेदार रहे हैं एनटीआर समय से सरकार में भी हम एक- दूसरे को सहयोग करते थे तो एक प्रकार से मिलकर के हमने काम किया हुआ है और आपने देखा होगा हम नरसिम्हा राव जी को हमने भारत रत्न दिया वो तो बीजेपी के थे नहीं वो तो कांग्रेस के थे एक बार बीजेपी के द्वारा चुनाव भी हारे थे वो लेकिन सार्वजनिक जीवन में प्रतिष्ठा के प्रति हमारा एक आदर का भाव रहता है।

 

अर्चना: Sir, Coming to Telangana How do you evaluate your performance in Telangana?

पीएम मोदी: बीजेपी को क्लीन स्वीप मिलने वाला है पार्लियामेंट के चुनाव में क्लीन स्वीप और उसमें मुझे जरा भी दुविधा नहीं है क्योंकि मैं मैं देख रहा था मैं जब गुजरात में हमारी यहां 80-90 में मेरी पार्टी कैसे डेवलप हुई आज वो सारे एलिमेंट तेलंगाना में देख रहा हूं। वहां के जनता का मिजाज देख रहा हूं तो मैं क्लीन स्वीप देख रहा हूं। मैं.. देश के लोग को बिल्कुल मेरी बात ये याद करेंगे इसको। तेलंगाना में एक मिरेकल आप देखेंगे। कोई दल इतने कम समय में जनता को निराश कर दे इसकी मैं कल्पना नहीं कर सकता। अभी कुछ ही महीने पहले कांग्रेस पार्टी को इतना भारी बहुमत दिया लेकिन वो हर मोर्चे पर विफल होते चले गए हर मोर्चे पर विफल हुए और फिर आप कहो तो मैं राजा हूं मैं कुछ करूंगा नहीं तो मैं समझता हूं कि तेलंगाना की जनता को बीएनएस के प्रति अत्यंत गुस्सा था उसका बेनिफिट कांग्रेस को मिला मुझे नहीं लगता है कि तेलंगाना की जनता का फर्स्ट च्वाइस कांग्रेस थी उनकी मजबूरी थी कि ये तो उन्होंने तो बर्बाद कर दिया चलो जो मिले सो, उसका बेनिफिट मिला कांग्रेस को, कांग्रेस ने उसको जनता को आदर भाव के साथ सेवा भाव से जुड़ने की बजाय वो अपनी सत्ता के अहंकार में जुड़ गए और मैंने तो ‘आर आर फैक्टर’ की बात कही है, ‘डबल आर टैक्स’ की बात कही और मैं तो हैरान हूं वहां के मुख्यमंत्री जी ने बड़ा गजब का बयान दे दिया मैंने सिर्फ ‘डबल आर टैक्स’ कहा है और उन्होंने नाम को कह दिया मैंने तो बोला नहीं तो नाम वो कहां से ले आयें मतलब उनको शायद पता होगा या उनके उनको यही नाम दिखाई दिया होगा तो ऐसा क्यों करते होंगे मुझे समझ नहीं आता है।

 

राजशेखर: Andhra Pradesh and Telangana governments have incurred significant debt to fund their election promises that have proven to be a huge financial burden on state resources, do you believe that this affects developmental activity in the states?

पीएम मोदी: मैं मानता हूं कि वहां आज ऐसी स्थिति है कि सरकार के पास उन राज्यों के लिए कोई विजन ही नहीं है। देखिए, छत्तीसगढ़ भी तो नया बना राज्य था लेकिन छत्तीसगढ़ में बीजेपी को सेवा करने का मौका मिला तो हमने बीजेपी छत्तीसगढ़ को हमने शेप दे दिया, छत्तीसगढ़ एक बड़ा वाइब्रेंट इकोनॉमी वाला सेंटर बन गया वैसा ही नया राज्य बनने के बाद बहुत अवसर था और उनको बहुत मदद भी मिल रही तो आंध्र भी फायदा उठा सकता था, तेलंगाना भी उठा सकता था लेकिन दुर्भाग्य से दोनों एक स्थिति में या तो अंदर- अंदर लड़ो या तो केंद्र से लड़ो उस परिस्थिति में आ गए। उन्होंने जो नीतियां बनाई वो एक तरह से तिजोरी तो खाली कर ही देती थी लेकिन करप्शन को बल देने वाली नीतियां बनीं। उसने भी सारी व्यवस्था को अर्थव्यवस्था को चरमरा दिया, आंध्र में रेत, शराब माफिया ही जैसे आंध्र चला रहे ऐसी चर्चा है, तेलंगाना में भू-माफियाओं का बहुत बड़ा कारोबार चल रहा है उसकी चर्चा है यानी जिनके पास गवर्नर का एजेंडा नहीं है वो ऐसे फालतू चीजें करते रहते हैं अगर आपको जनता के लिए काम करने का एजेंडा हो, रोड मैप हो, इंप्लीमेंट करने के लिए आप पसीना निकाल दो तब तो आप परिणाम देते हैं और वो कमी मैं देख रहा हूं आजकल शॉर्टकट वाला जो खेल चल रहा है और लिखकर के रखो शॉर्टकट विल कट यू शॉर्ट रेलवे स्टेशन पर लिखा हुआ होता है वैसा ही हाल लोगों का।

 

अर्चना: Sir, what is your vision for Telangana? आप कैसा डेवलपमेंट करना चाहते हैं उधर?

पीएम मोदी: एक तो संपूर्ण देश का जो विजन है हम 2047- विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर के चलना चाहिए तो भारत सरकार एक डॉक्यूमेंट तैयार कर रही है। काफी मात्रा में हमने कर लिया है। मैं चाहता हूं कि राज्यों ने और केंद्र सरकार ने मिलकर के एक ही दिशा में विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर के चलना चाहिए और उसमें हमारी तेलंगाना के पास अपनी समृद्ध विरासत है, क्षमता है। पहले के जमाने में तो मुंबई, कलकत्ता, चेन्नई, दिल्ली चार शहर जाने जाते थे। बेंगलुरु, हैदराबाद अपने एक ताकत को लेकर के दुनिया में उनका नाम हुआ लेकिन राजनीतिक स्थितियों ने स्थितियां बिगाड़ दी मेरी दृष्टि से ये होलिस्टिक प्रोग्रेस है तेलंगाना में चार मैं पहलू देता हूं, एक हमने आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर में जितनी तेजी कर सकते हैं करनी चाहिए, दूसरा ग्रामीण क्षेत्र में कृषि का विकास और वैल्यू एडिशन ये दोनों चीजों पर बल देना चाहिए और मैंने देखा है कि तेलंगाना में और आंध्र में कुछ किसान नेचुरल फार्मिंग की तरफ बल दे रहे हैं उसको बढ़ावा देंगे तो और और उनका एक ग्लोबल मार्केट मिल सकता है तो उन दिशा में फिर एग्रो प्रोडक्ट का प्रोसेसिंग इस पर बल देना चाहिए हम इंडस्ट्रियल पार्क की तरफ वहां जा रहे हैं ताकि वहां कॉटन के ग्रोवर है तो उसको भी बहुत बड़ा लाभ होगा, कुछ स्थान पर गन्ना किसान हैं तो हम इथेनॉल पर जा रहे हैं उनको बहुत बड़ा लाभ की संभावना है, दूसरा अब जमाना है अर्बनाइजेशन होना ही होना है जी हम रोक नहीं सकते तो अब रोके बैठना कि अर्बनाइजेशन को अपॉर्चुनिटी मानना मैं मानता हूं कि भारत के नेतृत्व के हर राज्य के पॉलिटिकल लीडरशिप की नेतृत्व की कसौटी ये है कि वो अर्बनाइजेशन को अपॉर्चुनिटी मानें और अभी से प्लानिंग करें और इसलिए मुझे लगता है कि तेलंगाना के पांच- सात शहरों को मोस्ट मॉडर्न डेवलप करने की दिशा में जाना चाहिए। हैदराबाद को तो ग्लोबल सिटी के रूप में डेवलप करना चाहिए क्योंकि हैदराबाद का ग्लोबल वैल्यू है हैदराबाद कोई एक राजधानी ऐसा नहीं है भारत का एक शहर ऐसा नहीं है उसकी अलग अहमियत है, खेलकूद में हैदराबाद कितना बड़ा कर रहा है जी यानी इसलिए मैं मानता हूं बहुत कुछ हम वहां कर सकते हैं। चौथा है सामाजिक न्याय, मैं मानता हूं सोशल जस्टिस के बिना हम समाज में इतना बड़ा अंतर हो कुछ लोग बहुत आगे हो कुछ लोग पीछे हो तो ये नहीं चल सकता उसके लिए जो भी आवश्यक है वो कदम उठाना चाहिए तो इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास अब जैसे हमने नेशनल हाईवे छह लेन बना रहे हैं, रेलवे, एमएमटीएस नेटवर्क का विस्तार हम कर रहे हैं। हैदराबाद सहित प्रमुख शहरों में वंदे भारत मेट्रो ट्रेन उस दिशा में हम काम कर रहे हैं, उसी प्रकार से प्रमुख शहरों को जोड़ने वाले हाई स्पीड कॉरिडोर का निर्माण, ये हाई स्पीड कॉरिडोर बहुत बड़ी ताकत बनने वाला है लॉजिस्टिक हब के रूप में वो एक प्रकार से कॉरिडोर काम आने वाले हैं। अब जैसे नेशनल टरमरिक बोर्ड की बात है, नेशनल टरमरिक बोर्ड हम बहुत दिनों से मांग थी हमने पूरा कर दिया है। रिसर्च इस पर हमने सरकार ने बहुत बड़ा धन दिया। हमारा देश आने वाले दिनों में एक प्रकार से फार्मेसी का हब बनेगा और जब मैं फार्मेसी का हब बनेगा कहता हूं तो हैदराबाद में पोटेंशियल बहुत है, तेलंगाना में पोटेंशियल बहुत है तो इन सारी चीजों में अगर विकास में बल देंगे तो बाकी तो डिजिटल है कई चीजें हैं जिसको हम लेकर के आगे बढ़ सकते हैं। एक जो मैं सामाजिक न्याय की बात करता हूं अब देखिए मडिगा समाज इतने लंबे समय से उनके उनको तड़पाया जा रहा है। मैंने खुलकर के कहा मडिगा समाज न्याय करने के लिए मैं पूरी तरह उनके साथ खड़ा हुआ हूं। एससी समुदाय के हितों की रक्षा वहां बंजारा समाज इतना बड़ा है उनको छोटी- छोटी चीजों के लिए लटकाया हुआ है यानी एक प्रकार से हमें इन चीजों की चिंता करनी चाहिए और इनकी रक्षा के लिए मैं हमारी मैंने हाईलेवल कमेटी भी बनाई है, मैं इस पर काम भी कर रहा हूं।

 

राजशेखर: On one hand you say there is RR tax and on other hand BRS party involved in elections scam what action will BJP take against corruption?

पीएम मोदी: जहां तक भ्रष्टाचार का विषय आपने निकाला है देखिए मैं समाज भ्रष्टाचार का मेरा किसी राज्य से वो सीमाओं में बंधा हुआ विषय नहीं है, ना दलों से बंधा हुआ विषय है, ना समय से बंधा हुआ विषय। मेरे लिए हिंदुस्तान के उज्ज्वल भविष्य के लिए भारत को इस बीमारी से मुक्त करना बहुत जरूरी है। कुछ लोगों को लगता है कि असंभव है, असंभव नहीं है मुझे देखिए पहले हमारी यहां आज से 15 साल पहले ब्लैक मार्केट शब्द सुनने को मिलता था आज ब्लैक मार्केट शब्द करीब- करीब हट गया है, पहले तो सिनेमा- थिएटर पर भी ब्लैक में टिकट ले आइये आज वो शब्द चले गए क्यों तो समाज जीवन में टेक्नोलॉजी है एफएन सोसाइटी बनती जा रही है उत्पादन की विपुलता हो जा रही है तो फिर वो धीरे.. धीरे.. धीरे.. धीरे हटता जाता है अगर ब्लैक मार्केट जैसा इतना बड़ा भारी शब्द था वो खत्म होते.. होते.. होते कहीं पर कभी सुनने को मिलता है। मैं मानता हूं देशवासी विश्वास करें भ्रष्टाचार भी शब्द यानी एक पीढ़ी ऐसी आएगी शायद भ्रष्टाचार उनके लिए सवाल पूछेंगे भ्रष्टाचार क्या होता है? ये हो सकता है लेकिन इसके लिए कमिटमेंट चाहिए, मेरा कमिटमेंट है मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा हूं और सिस्टमैटिक गवर्नेंस की व्यवस्थाओं में बदलाव करके और दूसरा जो आदतन पाप करने के आदि लोग हैं जो भ्रष्टाचार को अपना हक मानते हैं वो कानून के दायरे में आने चाहिए। अब बीआरएस के नेता जेल में हैं, कोर्ट में उनको बेल नहीं मिल रही है पार्टी का नाम बदला लेकिन ब्लॉक लेवल तक उनकी पार्टी आज बची नहीं है अब वो अनाप- सनाप भ्रष्टाचार कर करके वो मानते थे मैं दुनिया को खरीद लूंगा देश की राजनीति को इंप्रेस करूंगा रुपयों के सहारे सिद्ध हो गया ये संभव नहीं है, हो सकता है आपके पास रुपयों के पहाड़ के पहाड़ पड़े होंगे और तेलंगाना के लोगों ने इस बीमारी पर गुस्सा व्यक्त किया और साफ कर दिया परिवारवाद इसके प्रति देश का बहुत रोष है क्योंकि परिवारवाद देश के टैलेंट को पूरी तरह नकारता है किसी भी आप हैरान हो जाएंगे उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने कुछ सीट यादव कम्युनिटी को दी है लेकिन यादव समाज में से एक भी यादव नहीं है सारे के सारे यादव उनके फैमिली मेंबर हैं तब किसी भी यादव को गुस्सा आएगा कि भाई ये क्या राजनीति है? अब देखिए हम कैसे हैं मध्य प्रदेश में हमारे मुख्यमंत्री हैं यादव कम्युनिटी से हैं हमने वोट बैंक के आधार पर तय नहीं किया उनके पास अनुभव था पहले भी सरकार में रहे थे संभाल सकेंगे हमको विश्वास था तो उनको हमने बनाया। यहां परिवार के बाहर जाने को तैयार नहीं है वैसा ही हाल हो गया है दक्षिण के राज्यों में और इसलिए और परिवारवाद के साथ डेफिशियेंट ऑफ टैलेंट तो आता ही आता है उनकी सब चीजों में कमियां- बुराइयां उजागर होती थी क्योंकि घर में ही सब छुपा देते हैं। भ्रष्टाचार उसी में पड़ा हुआ है जी। ये सारी एक एक प्रकार सी बहुत बीमारी फैल चुकी है जी और मैं उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई करता ही रहूंगा जो भी कानून की मर्यादा में होगा वही मैं करता हूं और उसके कारण मुझे मेरी आलोचना होती हो कोई कहे कि विन्डिक्टिव है या मैं किसी गांव में डॉक्टर को अरेस्ट कर दू तो मैं विन्डिक्टिव नहीं हूं लेकिन पॉलिटिकल व्यक्ति को अरेस्ट कर दू तो क्या मैं विन्डिक्टिव हूं? ये क्या तर्क है? हमने जितने केसेस किए हैं ना ओनली 3 परसेंट पॉलिटिशियन हैं, 97 परसेंट अलग लोग हैं जी।

 

अर्चना: Sir, before we conclude I would like to ask you about something I believe that is close to your heart ‘Mann Ki Baat’ which has brought you very close to the common people of India What is your inspiration behind this?

पीएम मोदी: दरअसल, इसके पीछे एक स्पार्किंग प्वाइंट है मेरे, हुआ था ऐसा की जिन दिनों अटल जी की सरकार थी और अटल जी की सरकार ने न्यूक्लियर टेस्ट किया था, मैं उस समय हिमाचल में भाजपा का काम करता था तो मैं ट्रेवल कर रहा था तो वहां रास्ते में ढाबे पर मैं चाय पीने के लिए रुका वहां थोड़ी ठंड भी होती है काफी पहाड़ों में था तो जो छोटे से ढाबे वाला था वो नाच रहा था और उसने जो भी बेचारा बेचता था उसमें से मिठाई का जो कुछ पीस भी था मेरे मुंह में नहीं साहब पहले मैंने कहा भाई जरा शांत होकर के बताओ मुझे क्या है तो बोले आज भारत ने बम फोड़ दिया, मैंने कहा क्या बोल रहे हो अरे बोले साहब देखिए रेडियो सुनिए, रेडियो पर आ रहा है मैंने उस दिन फील किया रेडियो की ताकत क्या है? मेरे मन को वो बात छू गई थी ये रेडियो ही एक बहुत बड़ा जनता से जुड़ने का साधन है जब मैं यहां आया तो मेरी टीम के लोगों ने थोड़ा इसको वर्कआउट किया उसको थोड़ा सिस्टमैटिक प्रोफेशनली कैसे किया जा सकता है? फिर मेरे कुछ उसमें बात बातें थीं मैंने कहा एक मैं ‘मन की बात’ करूंगा तो रेगुलर करूंगा ऐसा नहीं है कि मेरा मूड कर गया तो करूंगा यानी रिलीजियसली मैं उसको करूंगा दैट वाज माय वन प्वाइंट और मैंने वो किया हर महीने लास्ट रविवार को करना है, चुनाव था तो मैंने सामने से कहा कि मैं अब तीसरी टर्म में ही करूंगा मैं प्रधानमंत्री के बनने के बाद चुनाव एक बार समाप्त हो जाए उसके बाद मैं करूंगा तब तक नहीं करूंगा तो मैं डिसिप्लिन भी फॉलो करता हूं। दूसरा मेरा आग्रह था मैं इतने बड़े महत्त्वपूर्ण माध्यम का उपयोग मेरी सरकार की वाहवाही के लिए नहीं करूंगा यानी मेरा बिल्कुल ही रेड लाइन है मेरे इस सरकार के कार्यक्रम और सरकार के वाहवाही बिल्कुल नहीं करूंगा। तीसरा मैं इसको जन सामान्य की प्रेरक जो बातें होती हैं जो हमें सबको इंस्पायर करती है उस पर ध्यान केंद्रित करूंगा और लोग मुझे चिट्ठियां लिखते हैं बहुत लाखों चिट्ठियां आती हैं और मैं सच बताता हूं मेरा देश इतना समृद्ध है जो कहते हैं ना भारत बहु रत्ना वसुंधरा है, गांव- गांव में से रत्न हैं जी क्या कुछ नहीं करते मैं ‘मन की बात’ में बहुत कम बातें बता सकता हूं क्योंकि मैंने 30 मिनट का समय रखा है लेकिन जब मैं वो पढ़ता हूं या उसमें से जानकारी लेता हूं मुझे ऊर्जा से भर देती है जी मेरे लिए वो इंस्पिरेशन बन जाता है अच्छा वो गांव में वो महिला, अभी मैं महिला को मिला मेरा इलेक्शन टूर में जा रहा था तो एक फल बेचने वाली मां है नाम था मोहिनी गौड़ा वो सफाई के लिए बहुत काम करती है तो मैंने इच्छा व्यक्त की थी कि मैं जरा उनके दर्शन करना चाहूंगा तो मैं उनको प्रणाम किया माई क्या इंस्पिरेशन है आपका तो ये मेरे मन में रहता है कि जो समाज के लिए अच्छा काम करते हैं तो इसका हमारा मतलब है कि भाई ये जो छवि है कि राजनेता ही देश में काम करते हैं ऐसा नहीं है तो ऐसे बहुत लोग हैं जी जिनको मेरा मेरे मन में इनके प्रति बड़ा आदर होता है तो उनकी बात में दुनिया को बताऊं और मैं जब बताता हूं तो उसका एक मान्यता बढ़ जाती है क्योंकि मेरे पास एक पद है लेकिन सचमुच में भारत के पास ये इसने एक वातावरण बनाया है जैसे स्वच्छता, स्वच्छता के विषय को मैंने ‘मन की बात’ में कि मुझे बहुत बल मिला क्योंकि मुझे पता चलना वो तो बहुत काम कर रहे हैं तो मैं उनकी बात बताने लगा। मैंने एक बार ‘मन की बात’ में सेल्फी विद डॉटर कहा डॉटर के प्रति हर घर में गर्व होने लगा अरे मेरी बेटी के साथ सेल्फी करूं तो पूरी साइके बदल देता है ये और कुछ लोगों ने बहुत बड़ी रिसर्च की है कुछ यूनिवर्सिटीज ने रिसर्च की है जो ये ‘मन की बात’ का सोशो रिफॉर्म (45.43) की दृष्टि से क्या एक इंस्ट्रूमेंट है तो मैं इसको एक बड़ा अपना पवित्र काम मान करके करता हूं।

अर्चना: प्रधानमंत्री जी, थैक्यू।

पीएम मोदी: मुझे बहुत अच्छा लगा मेरे पास समय कम था।

अर्चना: थैंक्यू थैंक्यू, फोर योर टाइम सर

पीएम मोदी: मेरी तरफ से आपके सभी दर्शकों को मेरा प्रणाम और तिरुपति बालाजी की कृपा हम सब पर बनी रहे और हम सब देश का भी भला करें, विकसित भारत का सपना पूरा करें, सबको मेरा नमस्कार।

अर्चना: थैंक्यू सर।

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78મા સ્વતંત્રતા દિવસનાં પ્રસંગે લાલ કિલ્લાની પ્રાચીર પરથી પ્રધાનમંત્રી શ્રી નરેન્દ્ર મોદીનાં સંબોધનનો મૂળપાઠ

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Text of PM's address at the Karyakar Suvarna Mahotsav
December 07, 2024
In our culture, Service has been considered the greatest religion, Service has been given a higher place than devotion, faith and worship: PM
Institutional service has the ability to solve big problems of the society and the country: PM
The vision of Mission LiFE given by India to the whole world, its authenticity, its effect has to be proven by us only, ‘Ek Ped Maa ke naam’ campaign is being discussed all over the world: PM
In a few weeks time in January, 'Viksit Bharat Young Leaders Dialogue' will be organized, in this, our youth will give their ideas to fulfill the resolve of Viksit Bharat outlining their contribution: PM

जय स्वामीनारायण।

परम पूज्य गुरु हरि महंत स्वामी महाराज, श्रद्धेय संत गण, सत्संगी परिवार के सभी सदस्य, अन्य महानुभाव, और विशाल स्टेडियम में पधारे देवियों और सज्जनों।

कार्यकर सुवर्ण महोत्सव के इस अवसर पर मैं भगवान स्वामी नारायण के चरणों में प्रणाम करता हूँ। आज प्रमुख स्वामी महाराज की 103वीं जन्म जयंती का महोत्सव भी है। मैं गुरुहरि प्रगट ब्रह्म स्वरूप प्रमुख स्वामी महाराज को भी नमन करता हूं। भगवान स्वामी नारायण की शिक्षाएँ, प्रमुख स्वामी महाराज के संकल्प...आज परम पूज्य गुरु हरि महंत स्वामी महाराज के श्रम और समर्पण से फलित हो रहे हैं। ये इतना बड़ा कार्यक्रम, एक लाख कार्यकर्ता, युवाओं और बच्चों द्वारा बीज, वृक्ष और फल के भाव को अभिव्यक्त करते हुये सांस्कृतिक कार्यक्रम....मैं आपके बीच भले ही साक्षात उपस्थित नहीं हो सका हूँ, लेकिन मैं इस आयोजन की ऊर्जा को हृदय से महसूस कर रहा हूँ। इस भव्य दिव्य समारोह के लिए मैं परम पूज्य गुरु हरि महंत स्वामी महाराज का, सभी संत जनों का अभिनंदन करता हूँ, उन्हें नमन करता हूँ।

साथियों,

कार्यकर सुवर्ण महोत्सव, सेवा के 50 वर्ष की यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। 50 वर्ष पहले, स्वयंसेवकों का रजिस्ट्रेशन करके उन्हें सेवा कार्यों से जोड़ने की शुरुआत हुई। उस समय कार्यकर्ताओं का रजिस्ट्रेशन कराने के बारे में कोई सोचता भी नहीं था। आज ये देखकर बहुत खुशी होती है कि BAPS के लाखों कार्यकर पूरी श्रद्धा और समर्पण से सेवा कार्यों में जुटे हैं। किसी संस्था के लिए ये बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए मैं आपको बधाई देता हूं, अपनी शुभकामनाएं देता हूँ।

साथियों,

कार्यकर सुवर्ण महोत्सव, भगवान स्वामी नारायण की मानवीय शिक्षाओं का उत्सव है। ये सेवा के उन दशकों की गौरवगाथा है, जिसने लाखों-करोड़ों लोगों का जीवन बदला। ये मेरा सौभाग्य है कि, मैंने BAPS के सेवा अभियानों को इतने करीब से देखा है, मुझे उनसे जुड़ने का अवसर मिला है। भुज में भूकंप से हुई तबाही के बाद के हालात हों, नरनारायण नगर गांव का पुनर्निर्माण हो, चाहे केरला की बाढ़ हो, या उत्तराखंड में भूस्खलन की पीड़ा हो....या फिर हाल ही में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी की आपदा....हमारे कार्यकर साथी हर जगह परिवार भाव से खड़े होते हैं, करुणा भाव से सबकी सेवा करते हैं। हर किसी ने देखा है, कोविडकाल में किस तरह BAPS मंदिर...सेवा केन्द्रों में बदल गए थे।

मैं एक और प्रसंग भी आज याद करना चाहूंगा। लोगों को इसके बारे में बहुत कम पता है। जब यूक्रेन का युद्ध बढ़ने लग गया तो भारत सरकार ने तुरंत ये तय किया कि वहां फंसे भारतीयों को तत्काल सुरक्षित निकालना है। इसके बाद बहुत बड़ी संख्या में भारतीय पोलैंड पहुंचने लग गए थे। लेकिन एक चुनौती थी कि पोलैंड पहुंचे भारतीयों को युद्ध के उस माहौल में कैसे ज्यादा से ज्यादा मदद पहुंचाई जाए। उस समय मैंने BAPS के एक संत के साथ बात की...और ये बात, मुझे लगता है शायद आधी रात बीत चुकी थी, 12 या 1 बजा था रात को, तब मैंने बात की थी। उनसे मैंने आग्रह किया कि बड़ी संख्या में जो भारतीय पोलैंड पहुंच रहे हैं, उनकी मदद के लिए मुझे आपका सहयोग चाहिए। और मैंने देखा कि कैसे पूरे यूरोप से रातों-रात BAPS के कार्यकरों को आपकी संस्था ने एकजुट कर दिया। आप लोगों ने युद्ध के माहौल में पोलैंड पहुंचे लोगों की बहुत बड़ी मदद की। BAPS की ये ताकत, वैश्विक स्तर पर मानवता के हित में आपका ये योगदान बहुत ही प्रशंसनीय है। और इसलिए आज कार्यकर सुवर्ण महोत्सव में, मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं। आज BAPS के कार्यकर दुनियाभर में सेवा के माध्यम से करोड़ों लोगों के जीवन में परिवर्तन ला रहे हैं। अपनी सेवा से करोड़ों आत्माओं को स्पर्श कर रहे हैं, और समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को सशक्त कर रहे हैं। और इसलिए आप प्रेरणा हैं, पूज्य हैं, वंदनीय हैं।

साथियों,

BAPS के कार्य, पूरे विश्व में भारत के सामर्थ्य, भारत के प्रभाव को ताकत देते हैं। विश्व के 28 देशों में भगवान स्वामी नारायण के 1800 मंदिर, दुनिया भर में 21 हजार से ज्यादा आध्यात्मिक केंद्र, सेवा के अलग-अलग प्रकल्पों का काम...दुनिया जब ये देखती है, तो वो इसमें भारत की आध्यात्मिक विरासत, आध्यात्मिक पहचान के दर्शन करती है। ये मंदिर भारत के सांस्कृतिक प्रतिबिंब हैं। विश्व की सबसे प्राचीन जीवंत संस्कृति के केंद्र हैं। कोई भी व्यक्ति जब इनसे जुड़ता है, तो वो भारत के प्रति आकर्षित हुये बिना नहीं रहता। अभी कुछ ही महीने पहले अबू धाबी में भगवान स्वामी नारायण मंदिर की प्रतिष्ठा हुई है। सौभाग्य से मैं भी उस कार्यक्रम में शामिल हुआ। उस कार्यक्रम की, उस मंदिर की पूरी दुनिया में कितनी चर्चा हो रही है। दुनिया ने भारत की आध्यात्मिक विरासत के दर्शन किए, दुनिया ने भारत की सांस्कृतिक विविधता को देखा…ऐसे प्रयासों से दुनिया को भारत के सांस्कृतिक गौरव और मानवीय उदारता के बारे में पता चलता है। और इसके लिए मैं सभी कार्यकर साथियों को बधाई देता हूं।

साथियों,

आप सभी के बड़े-बड़े संकल्पों का इतनी सहजता से सिद्ध हो जाना, ये भगवान स्वामी नारायण, सहजानंद स्वामी की तपस्या का ही परिणाम है। उन्होंने हर जीव की, हर पीड़ित की चिंता की। उनके जीवन का हर पल मानव कल्याण में समर्पित रहा। उन्होंने जिन मूल्यों की स्थापना की है, आज BAPS उसी प्रकाश को विश्व में फैला रहा है। BAPS के इन कार्यों को एक गीत की कुछ पंक्तियों के माध्यम से समझाया जा सकता है, आपने भी सुना होगा, घर-घर गाया जा सकता है- नदिया न पिये कभी अपना जल वृक्ष न खाये कभी अपने फल नदिया न पिये कभी अपना जल वृक्ष न खाये कभी अपने फल अपने तन का मन का धन का दूजो को दे जो दान है वो सच्चा इंसान अरे...इस धरती का भगवान है।

साथियों,

ये भी मेरा सौभाग्य रहा कि मुझे बचपन से ही BAPS और भगवान स्वामी नारायण से जुड़ने का अवसर मिला, इस महान प्रवृति से जुड़ने का अवसर मिला। मुझे प्रमुख स्वामी महाराज का जो प्रेम और स्नेह मिला, वो मेरे जीवन की पूंजी है। उनके साथ कितने ही व्यक्तिगत प्रसंग हैं, जो मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं। जब मैं सार्वजनिक जीवन में नहीं था, जब मैं मुख्यमंत्री नहीं था, और जब मुख्यमंत्री बना, जब प्रधानमंत्री बना...हर पल, उनका मार्गदर्शन रहा। जब साबरमती में नर्मदा का पानी आया...तो उस ऐतिहासिक अवसर को आशीर्वाद देने परम पूज्य प्रमुख स्वामी जी स्वयं आए थे। बरसों पहले एक बार स्वामी जी के मार्गदर्शन में स्वामीनारायण महामंत्र महोत्सव हुआ था...या उसके अगले साल स्वामी नारायण मंत्र लेखन महोत्सव हुआ। मैं वो पल कभी भूलता नहीं हूं। मंत्र लेखन का वो विचार, अपने आप में अद्भुत था। मुझ पर उनका जो आत्मिक स्नेह था, जो पुत्रवत भाव था...वो शब्दों में कहना मुश्किल है। जनकल्याण के कार्यों में प्रमुख स्वामी महाराज का आशीर्वाद हमेशा मुझे मिलता रहा। आज इस इतने विशाल आयोजन में, मैं प्रमुख स्वामी महाराज की उन स्मृतियों को, उनकी आध्यात्मिक उपस्थिति को एक कार्यकर के रूप में महसूस कर रहा हूँ।

साथियों,

हमारी संस्कृति में सेवा को सबसे बड़ा धर्म माना गया है। सेवा परमो धर्म:। ये सिर्फ शब्द नहीं, ये हमारे जीवन मूल्य हैं। सेवा को श्रद्धा, आस्था और उपासना से भी ऊंचा स्थान दिया गया है। कहा भी गया है, जनसेवा तो जनार्दन सेवा के ही बराबर है। सेवा वो है, जिसमें स्व का भाव नहीं रह जाता है। जब आप मेडिकल कैंप में मरीजों की सेवा करते हैं, जब आप किसी जरूरतमंद को खाना खिलाते हैं, जब आप किसी बच्चे को पढ़ाते हैं, तो आप सिर्फ दूसरों की ही मदद नहीं कर रहे होते…इस दौरान आपके अंदर परिवर्तन की एक अद्भुत प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इससे आपकी आध्यात्मिक यात्रा को दिशा मिलती है, मजबूती मिलती है। और ये सेवा जब हजारों-लाखों कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर एक ऑर्गनाइज्ड रूप में, संगठित रूप में की जाती है, एक संस्था के रूप में की जाती है, एक आंदोलन स्वरूप किया जाता है...तो अद्भुत परिणाम मिलते हैं। इस तरह की संस्थागत सेवा में समाज की, देश की बड़ी-बड़ी समस्याओं के समाधान का सामर्थ्य होता है। इससे अनेक बुराइयों को खत्म किया जा सकता है। एक कॉमन परपज से जुड़े लाखों कार्यकर्ता, देश की, समाज की बड़ी ताकत बनते हैं।

और इसलिए, आज जब देश, विकसित भारत का लक्ष्य लेकर चल रहा है, तब स्वभाविक रूप से जन-जन का एक साथ आना...और कुछ बड़ा कर दिखाने की भावना...हम हर क्षेत्र में देख रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन हो, नेचुरल फ़ार्मिंग हो, या पर्यावरण को लेकर जागरूकता की बात हो, बेटियों की शिक्षा हो, या आदिवासी कल्याण का विषय हो....देश के लोग आगे बढ़कर राष्ट्र निर्माण की इस यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं। आपसे भी उन्हें बहुत प्रेरणा मिलती है। इसलिए आज मेरी इच्छा है, मेरा मोह है कि आपसे कुछ आग्रह भी करूं।

मैं चाहूँगा, आप सब यहाँ से कुछ संकल्प लेकर जाएँ। आप हर वर्ष एक नया संकल्प लेकर उस साल को विशेष बनाकर, उस संकल्प के लिए समर्पित कर दें। जैसे कोई एक साल केमिकल फ्री खेती को समर्पित करें, कोई एक साल देश की विविधता में एकता के पर्वों को समर्पित करें। हमें युवा सामर्थ्य की सुरक्षा के लिए नशे के खिलाफ लड़ाई का भी संकल्प लेना होगा। आजकल बहुत सी जगहों पर लोग नदियों को पुनर्जीवित कर रहे हैं, तो इस तरह के काम को आप भी आगे बढ़ा सकते हैं। हमें धरती का भविष्य बचाने के लिए sustainable lifestyle का संकल्प लेना होगा। भारत ने पूरी दुनिया को मिशन LiFE का जो विज़न दिया है, उसकी प्रामाणिकता, उसका प्रभाव हमें ही सिद्ध करके दिखाना है।

आजकल एक पेड़ मां के नाम अभियान की चर्चा पूरे विश्व में है। इस दिशा में भी आपके प्रयास बहुत अहम हैं। भारत के विकास को गति देने वाले अभियान जैसे- फिट इंडिया, वोकल फॉर लोकल, मिलेट्स को बढ़ावा देना, ऐसी कई बातें आप कर सकते हैं। युवा विचारों को नए अवसर देने के लिए कुछ ही सप्ताह बाद जनवरी में 'विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग' उसका भी आयोजन होगा। इसमें हमारे युवा विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए अपने ideas देंगे, अपने योगदान की रूपरेखा तैयार करेंगे। आप सभी युवा कार्यकर इससे भी जुड़ सकते हैं।

साथियों,

श्रद्धेय प्रमुख स्वामी महाराज का विशेष ज़ोर भारत की परिवार संस्कृति पर रहता था। उन्होंने 'घरसभा' के माध्यम से समाज में संयुक्त परिवार की अवधारणा को मजबूत किया। हमें इन अभियानों को आगे बढ़ाना है। आज भारत 2047 तक विकसित होने के लक्ष्य़ पर काम कर रहा है। अगले 25 वर्षों की देश की यात्रा, जितनी भारत के लिए महत्वपूर्ण है, उतनी ही BAPS के हर कार्यकर के लिए भी अहम है। मुझे विश्वास है, भगवान स्वामी नारायण के आशीर्वाद से BAPS कार्यकरों का ये सेवा अभियान इसी तरह निर्बाध गति से आगे बढ़ता रहेगा। मैं एक बार फिर, आप सभी को कार्यकर सुवर्ण महोत्सव की बधाई देता हूँ।

जय स्वामी नारायण।