It has been 12 years since he passed away but the thoughts of Chandra Shekhar Ji continue to guide us: PM Modi
These days, even if a small leader does a 10-12 km Padyatra, it is covered on TV. But, why did we not honour the historic Padyatra of Chandra Shekhar Ji: PM
There will be a museum for all former Prime Ministers who have served our nation. I invite their families to share aspects of the lives of former PMs be it Charan Singh Ji, Deve Gowda Ji, IK Gujral Ji and Dr. Manmohan Singh Ji: PM

نئی دہلی، 24  جولائی  / وزیر اعظم جناب نریندر مودی نے آج  ‘‘ چندر شیکھر  – نظریاتی  سیاست کے آخری  آئیکن ’’ کا اجراء کیا ۔ اس کتاب کے مصنف  راجیہ سبھا  کے نائب اسپیکر جناب ہری ونش اور جناب روی دت باجپئی  ہیں ۔ اس کتاب کا اجراء پارلیمنٹ  کی لائبریری  کے بال یوگی  آڈیٹوریم  میں کیا گیا ۔

          وزیر اعظم نے کتاب  کی پہلی  کاپی ہندوستان کے نائب صدر جناب وینکیا نائیڈو کو پیش کی ۔

          اس موقع پر اپنے خطاب میں ، وزیر اعظم نے کہا کہ آج کے سیاسی  ماحول میں یہ قابلِ ذکر  ہے کہ ان کے انتقال  کے تقریباً 12 برسوں  کے بعد بھی  سابق وزیر اعظم  چندر شیکھر  جی کے خیالات  اور نظریات ہماری رہنمائی  کرتے ہیں اور ہمیشہ  کی طرح زندہ ہیں ۔

          کتاب کو لکھنے کے لئے جناب ہری ونش کو مبارکباد دیتے ہوئے وزیر اعظم نے آنجہانی  چندر شیکھر  کے ساتھ اپنی بات چیت  کی کچھ یادیں  اور قصے مشترک کئے  ۔

          انہوں نے یاد کرتے  ہوئے  کہا کہ وہ پہلی مرتبہ 1977 ء میں آنجہانی  چندر شیکھر  سے ملے تھے ۔  انہوں نے  کہا کہ وہ سابق  نائب صدر بھیروں سنگھ شیخاوت  کے ہمراہ سفر کر رہے تھے اور چندر شیکھر  جی سے دلّی ایئرپورٹ  پر ملے تھے ۔ انہوں نے کہا کہ دونوں لیڈروں نے  اپنے الگ سیاسی نظریات  کے باوجود  ایک قریبی رشتہ مشترک  کیا ۔

          وزیراعظم نے یہ بھی یاد  کیا کہ چندر شیکھر  جی نے جناب اٹل بہاری واجپئی  جی کو ‘‘ گرو جی ’’ کے نام سے مخاطب کیا تھا ۔ انہوں نے چندر شیکھر  جی  کو اہم ثقافت اور اصولوں  کے پابند شخص  کے طور پر کیا  ، جو  اپنے دو ر کی اہم سیاسی جماعت کی مخالفت کرنے میں بھی  ہچکچاتے نہیں تھے کیونکہ وہ اس کے کچھ  پہلوؤں سے اتفاق نہیں رکھتے تھے ۔

          وزیر اعظم نے  موہن دھاریا جی اور جارج فرنانڈس جی  جیسے سیاسی رہنماؤں کا تذکرہ کرتے ہوئے کہا کہ یہ دونوں حضرات چندر شیکھر جی کے بڑے مداح تھے ۔

          جناب نریند رمودی جی نے جناب چندر شیکھر جی کے ساتھ اپنی آخری ملاقات کا تذکرہ کیا ۔ انہوں نے  کہا کہ  بستر علالت پر  سابق وزیر اعظم  انہیں ، جب کبھی بھی وہ دلّی میں ہوتے تھے ، ٹیلی فون کرکے  اپنی رہائش گاہ پر بلایا کرتے تھے   ۔  ایسی ملاقاتوں  کے دوران  جناب چندر شیکھر جی نے گجرات کی ترقی کے بارے میں پوچھا  کرتے تھے  اور متعدد قومی موضوعات اور معاملات کے سلسلے میں اپنے نظریات ساجھا کرتے  تھے ۔

          وزیر اعظم نے ان کے خیالات کی وسعت  ، عوام کے تئیں ان کی وابستگی اور جمہوری اصولوں سے ان کے لگاؤ کی ستائش کی ۔ وزیر اعظم نے جناب چندر شیکھر جی کی  ، اُس تاریخی پد یاترا کا بھی ذکر کیا ، جو انہوں نے کاشت کاروں ، ناداروں اور حاشیے پر زندگی بسر کرنے والوں کے لئے انجام دی تھی ۔ وزیر اعظم نے کہا کہ یہ بد بختانہ ہے کہ ہم انہیں اُس  وقت وہ   احترام نہیں دے سکے ، جس کے وہ حقدار تھے ۔

          وزیر اعظم نے کہا کہ  ایسے لوگوں کا ایک گروہ ہے ، جنہوں نے چند عظیم بھارتی رہنماؤں  کے سلسلے میں برعکس تاثرات پیدا کرنے کی کوشش کی ہے ، جن میں ڈاکٹر امبیڈکر اور سردار پٹیل بھی شامل  ہیں ۔   انہوں نے کہا کہ تمام وزرائے اعظم کا ایک  میوزیم دلّی میں قائم کیا جائے گا ۔ انہوں نے  سابق وزیر اعظم کے کنبہ اراکین سے کہا کہ وہ اُن کی زندگی کے پہلوؤں اور وزیر اعظم کے کاموں کو  ساجھا کریں   ۔  انہوں نے کہا کہ ملک کو ایک  ایسا نیا سیاسی کلچر درکار ہے ، جو سیاسی اچھوت پن سے پرے ہو ۔ 

          لوک سبھا کے اسپیکر جناب اوم برلا ، راجیہ سبھا کے ڈپٹی چیئرمین جناب ہری ونش اور راجیہ سبھا میں حزب مخالف کے رہنما  جناب غلام نبی آزاد بھی اس موقع پر موجود تھے اور انہوں نے بھی حاضرین سے خطاب کیا ۔

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Congress and RJD only do politics of insult and abuse: PM Modi in Bhabua, Bihar
November 07, 2025
In Bhabua, PM Modi urges voters: One vote for the NDA can stop infiltrators; one vote can protect your identity
They will shake you down, drag people from their homes and run a reign of terror as their own songs glorify violence: PM Modi takes a dig at opposition
Congress leaders never talk about the RJD’s manifesto, calling it ‘a bunch of lies’: PM Modi at Bhabua rally

भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की...
मां मुंडेश्वरी के ई पावन भूमि पर रऊआ सब के अभिनंदन करअ तानी।

कैमूर की इस पावन भूमि पर चारों दिशाओं से आशीर्वाद बरसता है। मां बिंध्यवासिनी, मां ताराचंडी, मां तुतला भवानी, मां छेरवारी, सब यहीं आसपास विराजती हैं। चारों ओर शक्ति ही शक्ति का साम्राज्य है। और मेरे सामने...विशाल मातृशक्ति है...जिनका आशीर्वाद हमेशा हम सभी पर रहा है... NDA पर रहा है। और मैं बिहार की मातृशक्ति का आभारी हूं। पहले चरण में NDA के उम्मीदवारों के पक्ष में जबरदस्त मतदान हुआ है। अब कैमूर की बारी है...अब रोहतास की बारी है...मैं इस मंच पर NDA के इन सभी उम्मीदवारों के लिए...आप सभी का साथ और समर्थन मांगने आया हूं। आपके आशीर्वाद मांगने के लिए आया हूं.. तो मेरे साथ बोलिए... फिर एक बार...फिर एक बार...NDA सरकार! फिर एक बार... फिर एक बार... फिर एक बार... बिहार में फिर से...सुशासन सरकार !

साथियों,
जब ये चुनाव शुरू हुआ था...तो RJD और कांग्रेस के लोग फूल-फूल के गुब्बारा हुए जा रहे थे।और RJD और कांग्रेस के नामदार आसमान पर पहुंचे हुए थे। लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान RJD-कांग्रेस के गुब्बारे की हवा निकलनी शुरू हुई...और पहले चरण के बाद इनका गुब्बारा पूरी तरह फूट गया है। अब तो आरजेडी-कांग्रेस का इकोसिस्टम...उनके समर्थक भी कह रहे हैं...फिर एक बार... फिर एक बार...NDA सरकार!

साथियों,
आरजेडी-कांग्रेस ने बिहार के युवाओं को भ्रमित करने की बहुत कोशिश की..लेकिन उनकी सारी प्लानिंग फेल हो गई...इसका एक बहुत बड़ा कारण है...बिहार का जागरूक नौजवान... बिहार का नौजवान ये देख रहा है कि आरजेडी-कांग्रेस वालों के इरादे क्या हैं।

साथियों,
जंगलराज के युवराज से जब भी पूछा जाता है कि जो बड़े-बडे झूठ उन्होंने बोले हैं...वो पूरे कैसे करेंगे...तो वो कहते हैं...उनके पास प्लान है... और जब पूछा जाता है कि भाई बताओ कि प्लान क्या है.. तो उनके मुंह में दही जम जाता है, मुंह में ताला लग जाता है.. उत्तर ही नहीं दे पाते।

साथियों,
आरजेडी वालों का जो प्लान है...उससे मैं आज आप सब को, बिहार को और देश को भी सतर्क कर रहा हूं। आप देखिए....आरजेडी के नेताओं के किस तरह के गाने वायरल हो रहे हैं। चुनाव प्रचार के जो गाने हैं कैसे गाने वायरल हो रहे हैं। आरजेडी वालों का एक गाना है...आपने भी सुना होगा आपने भी वीडियों में देखा होगा। आरजेडी वालों का एक गाना है। आएगी भइया की सरकार... क्या बोलते हैं आएगी भइया की सरकार, बनेंगे रंगदार! आप सोचिए...ये RJD वाले इंतजार कर रहे हैं कि कब उनकी सरकार आए और कब अपहरण-रंगदारी ये पुराना गोरखधंधा फिर से शुरू हो जाए। RJD वाले आपको रोजगार नहीं देंगे...ये तो आपसे रंगदारी वसूलेंगे.. रंगदारी ।

साथियों,
RJD वालों का एक और गाना है... अब देखिए, ये क्या-क्या कर रहे हैं, क्या-क्या सोच रहे हैं...और मैं तो देशवासियों से कहूंगा। देखिए, ये बिहार में जमानत पर जो लोग हैं वो कैसे लोग है.. उनका क्या गाना है भइया के आबे दे सत्ता... भइया के आबे दे सत्ता...कट्टा सटा के उठा लेब घरवा से, आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ये जंगलराज वाले सरकार में वापसी के लिए क्यों इतना बेचैन हैं। इन्हें जनता की सेवा नहीं करनी...इन्हें जनता को कट्टा दिखाकर लूटना है...उन्हें घर से उठवा लेना है। साथियों, आरजेडी का एक और गाना चल रहा है...बताऊं... बताऊं.. कैसा गाना चल रहा है.. मारब सिक्सर के 6 गोली छाती में...यही इनका तौर-तरीका है...यही इनका प्लान है...इनसे कोई भी सवाल पूछेगा तो यही जवाब मिलेगा...मारब सिक्सर के 6 गोली छाती में...

साथियों,
यही जंगलराज की आहट है। ये बहनों-बेटियों को गरीब, दलित-महादलित, पिछड़े, अतिपिछड़े समाज के लोगों को डराने का प्रयास है। भय पैदा करने का खेल है इनका। साथियों, जंगलराज वाले कभी कोई निर्माण कर ही नहीं सकते वे तो बर्बादी और बदहाली के प्रतीक हैं। इनकी करतूतें देखनी हों तो डालमिया नगर में दिखती हैं। रोहतास के लोग इस बात को अच्छी तरह जानते हैं।
((साथी आप तस्वीर लाए हैं, मैं अपनी टीम को कहता हूं वे ले लेते हैं, लेकिन आप तस्वीर ऊपर करते हैं तो पीछे दिखता नहीं है। मैं आपका आभारी हूं। आप ले आए हैं... मैं मेरे टीम को कहता हूं, जरा ले लीजिए भाई। और आप बैठिए नीचे। वे ले लेंगे। बैठिए, पीछे औरों को रुकावट होती है.. ठीक है भैया ))

साथियों,
अंग्रेज़ों के जमाने में डालमिया नगर की नींव पड़ी थी। दशकों के परिश्रम के बाद। एक फलता-फूलता औद्योगिक नगर बनता जा रहा था। लेकिन फिर कुशासन की राजनीति आ गई। कुशासन की राजनीति आ गई, जंगलराज आ गया। फिरौती, रंगदारी, करप्शन, कट-कमीशन, हत्या, अपहरण, धमकी, हड़ताल यही सब होने लगा। देखते ही देखते जंगलराज ने सबकुछ तबाह कर दिया।

साथियों,
जंगलराज ने बिहार में विकास की हर संभावना की भ्रूण हत्या करने का काम किया था। मैं आपको एक और उदाहरण याद दिलाता हूं। आप कैमूर में देखिए, प्रकृति ने क्या कुछ नहीं दिया है। ये आकर्षक पर्यटक स्थलों में से एक हो सकता था। लेकिन जंगलराज ने ये कभी होने नहीं दिया। जहां कानून का राज ना हो...जहां माओवादी आतंक हो बढ़ रहा हो.. क्या वहां पर कोई टूरिज्म जाएगा क्या? जरा बताइए ना जाएगा क्या? नहीं जाएगा ना.. नीतीश जी ने आपके इस क्षेत्र को उस भयानक स्थिति से बाहर निकाला है। मुझे खुशी है कि अब धीरे-धीरे यहा पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। जिस कर्कटगढ़ वॉटरफॉल... उस वाटरफॉल के आसपास माओवादी आतंक का खौफ होता था। आज वहां पर्यटकों की रौनक रहती है... यहां जो हमारे धाम हैं...वहां तीर्थ यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जागृत देवता हरषू ब्रह्म के दर्शन करने लोग आते हैं। आज यहां नक्सलवाद...माओवादी आतंक दम तोड़ रहा है....

साथियों,
यहां उद्योगों और पर्यटन की जो संभावनाएं बनी हैं... इसका हमें और तेजी से विस्तार करना है...देश-विदेश से लोग यहां बिहार में पूंजी लगाने के लिए तैयार हैं...बस उन्हें लालटेन, पंजे और लाल झंडे की तस्वीर भी नहीं दिखनी चाहिए। अगर दिख गई.. तो वे दरवाजे से ही लौट जाएंगे इसलिए हमें संकल्प लेना है...हमें बिहार को जंगलराज से दूर रखना है।

साथियों,
बिहार के इस चुनाव में एक बहुत ही खास बात हुई है। इस चुनाव ने कांग्रेस-आरजेडी के बीच लड़ाई को सबके सामने ला दिया है। कांग्रेस-आरजेडी की जो दीवार है ना वो टूट चुकी है कांग्रेस-आरजेडी की टूटी दीवार पर ये लोग चाहे जितना ‘पलस्तर’ कर लें... अब दोनों पार्टियों के बीच खाई गहरी होती जा रही है। पलस्तर से काम चलने वाला नहीं है। आप देखिए, इस क्षेत्र में भी कांग्रेस के नामदार ने रैलियां कीं। लेकिन पटना के नामदार का नाम नहीं लिया। कितनी छुआछूत है देखिए, वो पटना के नामदार का नाम लेने को तैयार नहीं है। कांग्रेस के नामदार दुनिया-जहां की कहानियां कहते हैं, लेकिन आरजेडी के घोषणापत्र पर, कोई सवाल पूछे कि भाई आरजेडी ने बड़े-बड़े वादे किए हैं इस पर क्या कहना है तो कांग्रेस के नामदार के मुंह पर ताला लग जाता है। ये कांग्रेस के नामदार अपने घोषणापत्र की झूठी तारीफ तक नहीं कर पा रहे हैं। एक दूसरे को गिराने में जुटे ये लोग बिहार के विकास को कभी गति नहीं दे सकते।

साथियों,
ये लोग अपने परिवार के अलावा किसी को नहीं मानते। कांग्रेस ने बाबा साहेब आंबेडकर की राजनीति खत्म की...क्योंकि बाब साहेब का कद दिल्ली में बैठे शाही रिवार से ऊंचा था। इन्होंने बाबू जगजीवन राम को भी सहन नहीं किया। सीताराम केसरी...उनके साथ भी ऐसा ही किया. बिहार के एक से बढ़कर एक दिग्गज नेता को अपमानित करना यही शाही परिवार का खेल रहा है। जबकि साथियों, भाजपा के, NDA के संस्कार...सबको सम्मान देने के हैं...सबको साथ लेकर चलने के हैं।

हमें लाल मुनी चौबे जी जैसे वरिष्ठों ने सिखाया है...संस्कार दिए हैं। यहां भभुआ में भाजपा परिवार के पूर्व विधायक, आदरणीय चंद्रमौली मिश्रा जी भी हमारी प्रेरणा हैं...अब तो वो सौ के निकट जा रहे हैं.. 96 साल के हो चुके हैं... और जब कोरोना का संकट आया तब हम हमारे सभी सीनियर को फोन कर रहा था। तो मैंने मिश्राजी को भी फोन किया। चंद्रमौली जी से मैंने हालचाल पूछे। और मैं हैरान था कि ये उमर, लेकिन फोन पर वो मेरा हाल पूछ रहे थे, वो मेरा हौसला बढ़ा रहे थे। ये इस धरती में आदरणीय चंद्रमौली मिश्रा जी जैसे व्यक्तित्वों से सीखते हुए हम भाजपा के कार्यकर्ता आगे बढ़ रहे हैं।

साथियों,
ऐसे वरिष्ठों से मिले संस्कारों ने हमें राष्ट्रभक्तों का देश के लिए जीने-मरने वालों का सम्मान करना सिखाया है। इसलिए, हमने बाबा साहेब आंबेडकर से जुड़े स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित किया। और मैं तो काशी का सांसद हूं, मेरे लिए बड़े गर्व की बात है कि बनारस संत रविदास जी की जन्मभूमि है। संत रविदास की जयंति पर...मुझे कई बार वहां जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। 10-11 साल पहले वहां क्या स्थिति थी...और आज वहां कितनी सुविधाएं श्रद्धालुओं के लिए बनी हैं... इसकी चर्चा बनारस में, और बनारस के बाहर भी सभी समाजों में होती है।

साथियों,
बनारस ही नहीं...भाजपा सरकार मध्य प्रदेश के सागर में भी संत रविदास का भव्य मंदिर और स्मारक बना रही है। हाल ही में...मुझे कर्पूरी ग्राम जाने का अवसर मिला था..वहां पिछले कुछ वर्षों में सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाओं का विस्तार हुआ है। कर्पूरीग्राम रेलवे स्टेशन को आधुनिक बनाया जा रहा है। साथियों, ये हमारी ही सरकार है...जो देशभर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के स्मारक बना रही है। भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिवस को...हमने जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया है। 1857 के क्रांतिवीर...वीर कुंवर सिंह जी की विरासत से भावी पीढ़ियां प्रेरित हों...इसके लिए हर वर्ष व्यापक तौर पर विजय दिवस का आयोजन किया जा रहा है।

साथियों,
कैमूर को धान का कटोरा कहा जाता है। और हमारे भभुआ के मोकरी चावल की मांग दुनियाभर में हो रही है। प्रभु श्रीराम को भोग में यही मोकरी का चावल अर्पित किया जाता है। राम रसोई में भी यही चावल मिलता है। आप मुझे बताइए साथियों, आप अयोध्या का राम मंदिर देखते हैं। या उसके विषय में सुनते हैं। यहां पर बैठा हर कोई मुझे जवाब दे, जब राममंदिर आप देखते हैं या उसके बारे में सुनते हैं तो आपको गर्व होता है कि नहीं होता है? माताओं-बहनों आपको गर्व होता है कि नहीं होता है? भव्य राम मंदिर का आपको आनंद आता है कि नहीं आता है? आप काशी में बाबा विश्वनाथ का धाम देखते हैं, आपको गर्व होता है कि नहीं होता है? आपका हृदय गर्व से भर जाता है कि नहीं भर जाता है? आपका माथा ऊंचा होता है कि नहीं होता है? आपको तो गर्व होता है। हर हिंदुस्तानी को गर्व होता है, लेकिन कांग्रेस-RJD के नेताओं को नहीं होता। ये लोग दुनियाभर में घूमते-फिरते हैं, लेकिन अयोध्या नहीं जाते। राम जी में इनकी आस्था नहीं है और रामजी के खिलाफ अनाप-शनाप बोल चुके हैं। उनको लगता है कि अगर अयोध्या जाएंगे, प्रभु राम के दर्शन करेंगे तो उनके वोट ही चले जाएंगे, डरते हैं। उनकी आस्था नाम की कोई चीज ही नहीं है। लेकिन मैं इनलोगों से जरा पूछना चाहता हूं.. ठीक है भाई चलो भगवान राम से आपको जरा भय लगता होगा लेकिन राम मंदिर परिसर में ही, आप मे से तो लोग गए होंगे। उसी राम मंदिर परिसर में भगवान राम विराजमान हैं, वहीं पर माता शबरी का मंदिर बना है। महर्षि वाल्मीकि का मंदिर बना है। वहीं पर निषादराज का मंदिर बना है। आरजेडी और कांग्रेस के लोग अगर रामजी के पास नहीं जाना है तो तुम्हारा नसीब, लेकिन वाल्मीकि जी के मंदिर में माथा टेकने में तुम्हारा क्या जाता है। शबरी माता के सामने सर झुकाने में तुम्हारा क्या जाता है। अरे निषादराज के चरणों में कुछ पल बैठने में तुम्हारा क्या जाता है। ये इसलिए क्योंकि वे समाज के ऐसे दिव्य पुरुषों को नफरत करते हैं। अपने-आपको ही शहंशाह मानते हैं। और इनका इरादा देखिए, अभी छठ मैया, छठी मैया, पूरी दुनिया छठी मैया के प्रति सर झुका रही है। हिंदुस्तान के कोने-कोने में छठी मैया की पूजा होने लगी है। और मेरे बिहार में तो ये मेरी माताएं-बहनें तीन दिन तक इतना कठिन व्रत करती है और आखिर में तो पानी तक छोड़ देती हैं। ऐसी तपस्या करती है। ऐसा महत्वपूर्ण हमारा त्योहार, छठी मैया की पूजा ये कांग्रेस के नामदार छठी मैया की इस पूजा को, छटी मैया की इस साधना को, छठी मैया की इस तपस्या को ये ड्रामा कहते हैं.. नौटंकी कहते हैं.. मेरी माताएं आप बताइए.. ये छठी मैया का अपमान है कि नहीं है? ये छठी मैया का घोर अपमान करते हैं कि नहीं करते हैं? ये छठी मैया के व्रत रखने वाली माताओ-बहनों का अपमान करते हैं कि नहीं करते हैं? मुझे बताइए मेरी छठी मैया का अपमान करे उसको सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? पूरी ताकत से बताइए उसे सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? अब मैं आपसे आग्रह करता हूं। अभी आपके पास मौका है उनको सजा करने का। 11 नवंबर को आपके एक वोट से उन्हें सजा मिल सकती है। सजा दोगे? सब लोग सजा दोगे?

साथियों,
ये आरजेडी-कांग्रेस वाले हमारी आस्था का अपमान इसलिए करते हैं, हमारी छठी मैया का अपमान इसलिए करते हैं। हमारे भगवान राम का अपमान इसलिए करते हैं ताकि कट्टरपंथी खुश रहें। इनका वोटबैंक नाराज ना हो।

साथियों,
ये जंगलराज वाले, तुष्टिकरण की राजनीति में एक कदम और आगे बढ़ गए हैं। ये अब घुसपैठियों का सुरक्षा कवच बन रहे हैं। हमारी सरकार गरीबों को मुफ्त अनाज-मुफ्त इलाज की सुविधा देती है। RJD-कांग्रेस के नेता कहते हैं ये सुविधा घुसपैठियों को भी देना चाहिए। गरीब को जो पक्का आवास हम दे रहे हैं, वो घुसपैठियों को भी देना चाहिए ऐसा कह रहे हैं। मैं जरा आपसे पूछना चाहता हूं, क्या आपके हक का अनाज घुसपैठिये को मिलना चाहिए क्या? आपके हक का आवास घुसपैठिये को मिलना चाहिए क्या? आपके बच्चों का रोजगार घुसपैठियों को जाना चाहिए क्या? भाइयों-बहनों मैं आज कहना नहीं चाहता लेकिन तेलंगाना में उनके एक मुख्यमंत्री के भाषण की बड़ी चर्चा चल रही है। लेकिन दिल्ली में एयरकंडीसन कमरों में जो सेक्युलर बैठे हैं ना उनके मुंह में ताला लग गया है। उनका भाषण चौंकाने वाला है। मैं उसकी चर्चा जरा चुनाव के बाद करने वाला हूं। अभी मुझे करनी नहीं है। लेकिन मैं आपसे कहना चाहता हूं मैं आपको जगाने आया हूं। मैं आपको चेताने आया हूं। इनको, कांग्रेस आरजेडी इन जंगलराज वालों को अगर गलती से भी वोट गया तो ये पिछले दरवाज़े से घुसपैठियों को भारत की नागरिकता दे देंगे। फिर आदिवासियों के खेतों में महादलितों-अतिपिछड़ों के टोलों में घुसपैठियों का ही बोलबाला होगा। इसलिए मेरी एक बात गांठ बांध लीजिए। आपका एक वोट घुसपैठियों को रोकेगा। आपका एक वोट आपकी पहचान की रक्षा करेगा।

साथियों,
नरेंद्र और नीतीश की जोड़ी ने बीते वर्षों में यहां रोड, रेल, बिजली, पानी हर प्रकार की सुविधाएं पहुंचाई हैं। अब इस जोड़ी को और मजबूत करना है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत...किसानों को अभी छह हज़ार रुपए मिलते हैं।बिहार में फिर से सरकार बनने पर...तीन हजार रुपए अतिरिक्त मिलेंगे। यानी कुल नौ हज़ार रुपए मिलेंगे। मछली पालकों के लिए अभी पीएम मत्स्य संपदा योजना चल रही है। केंद्र सरकार...मछली पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड दे रही है। अब NDA ने..मछुआरे साथियों के लिए जुब्बा सहनी जी के नाम पर नई योजना बनाने का फैसला लिया है। इसके तहत मछली के काम से जुड़े परिवारों को भी नौ हज़ार रुपए दिए जाएंगे।

साथियों,
डबल इंजन सरकार का बहुत अधिक फायदा...हमारी बहनों-बेटियों को हो रहा है। हमारी सरकार ने..बेटियों के लिए सेना में नए अवसरों के दरवाज़े खोले हैं...सैनिक स्कूलों में अब बेटियां भी पढ़ाई कर रही हैं। यहां नीतीश जी की सरकार ने...बेटियों को नौकरियों में आरक्षण दिया है। मोदी का मिशन है कि बिहार की लाखों बहनें...लखपति दीदी बनें। नीतीश जी की सरकार ने भी जीविका दीदियों के रूप में, बहनों को और सशक्त किया है।

साथियों,
आजकल चारों ओर मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की चर्चा है। अभी तक एक करोड़ 40 लाख बहनों के बैंक-खाते में दस-दस हज़ार रुपए जमा हो चुके हैं। NDA ने घोषणा की है कि फिर से सरकार बनने के बाद...इस योजना का और विस्तार किया जाएगा।

साथियों,
बिहार आज विकास की नई गाथा लिख रहा है। अब ये रफ्तार रुकनी नहीं चाहिए। आपको खुद भी मतदान करना है...और जो साथी त्योहार मनाने के लिए गांव आए हैं... उनको भी कहना है कि वोट डालकर ही वापस लौटें...याद रखिएगा...जब हम एक-एक बूथ जीतेंगे...तभी चुनाव जीतेंगे। जो बूथ जीतेगा वह चुनाव जीतेगा। एक बार फिर...मैं अपने इन साथियों के लिए, मेरे सभी उम्मीदवारों से मैं आग्रह करता हूं कि आप आगे आ जाइए.. बस-बस.. यहीं रहेंगे तो चलेगा.. मैं मेरे इन सभी साथियों से उनके लिए आपसे आशीर्वाद मांगने आया हूं। आप सभी इन सब को विजयी बनाइए।

मेरे साथ बोलिए...
भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
वंदे... वंदे... वंदे... वंदे...
बहुत-बहुत धन्यवाद।