His Excellency President Hollande एवं उपस्थित मीडिया के सभी प्रतिनिधि,

10 PM Modi with France President Hollande at the Press Statement (3)

आज यहां फ्रांस आकर मुझे बहुत खुशी हुई है। मैं राष्‍ट्रपति जी का और फ्रांस की जनता का मेरे स्‍वागत और सम्‍मान के लिए हार्दिक अभिनंदन करता हूं। यूरोप की मेरी यह पहली यात्रा है। लेकिन पहली यात्रा मैं फ्रांस से शुरू कर रहा हूं। यह इस बात का प्रतीक है कि भारत और फ्रांस के संबंध कितने गहरे हैं, कितने पुराने हैं, कितने महत्‍वपूर्ण हैं और भविष्‍य में इनका क्या महत्‍व है। फ्रांस भारत के सबसे घनिष्‍ठ मित्रों और विश्‍वसनीय Partners में से एक है। जैसा कि राष्‍ट्रपति जी ने बताया कि हम कई बातों में साझी परंपराओं को ले करके आगे बढ़ रहे हैं। अच्‍छे समय और चुनौती भरे समय में दोनों में फ्रांस भारत के साथ खड़ा रहा है। फ्रांस सदैव भारत के प्रति संवेदनशील रहा है और अंतर्राष्‍ट्रीय मंच पर फ्रांस ने खुलेआम भारत का साथ दिया है और भारत का समर्थन किया है। हम दो बड़े लोकतंत्र देश हैं। हमारे मूल्‍य एक जैसे हैं हमारे हित कई मायने में एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं, एक दूसरे के पूरक हैं। हमारे संबंध व्‍यापक हैं, जमीन से आसमान तक, सागर से अंतरिक्ष तक और अब साइबर क्षेत्र में भी हम सहयोग कर रहे हैं। आज ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें फ्रांस और भारत की साझेदारी न हो। आज मेरी और राष्‍ट्रपति ओलौन्द की बहुत अच्‍छी बातचीत हुई। हमारे रक्षा क्षेत्र के संबंध पुराने और गहन हैं। Defense Equipment और Technology में फ्रांस हमेशा एक भरोसेमंद Supplier रहा है। Fighter Jet से लेकर Submarines तक हमारे सहयोग उत्‍तम रहे हैं। भारत में Fighter Air Craft की Critical operational necessity को ध्‍यान में रखते हुए मैंने राष्‍ट्रपति जी से 36 Rafael Jets Flyaway Condition में जल्‍द से जल्‍द दोनों सरकारों के समझौतों के माध्‍यम से खरीदने की बात की है। हम दोनों ने निर्णय किया है कि भारत के लिए यह अलग प्रक्रिया में दिए गए that the terms and conditions would be modified for this purpose, साथ ही साथ राष्‍ट्रपति जी ने Defense क्षेत्र में Make In India का पूरा समर्थन किया है और Make In India सिर्फ Project नहीं बल्कि एक Ambition के रूप में आपने उसकी सराहना की है।

10 PM Modi with France President Hollande at the Press Statement (2) भारत और फ्रांस की कं‍पनियां मिलकर भारत में रक्षा उपकरण बनाएंगी और साथ ही साथ रक्षा तकनीकों का विकास भी करेंगी। इस संदर्भ में आज मेरी फ्रांस की डिफेंस कंपनियों से काफी विस्‍तार से बातें हुई हैं। आज हम भारत और फ्रांस की रक्षा साझेदारी को एक नए स्‍तर पर ले गए हैं। Nuclear Power के क्षेत्र में फ्रांस भारत के प्रमुख साझेदारों में से एक है। मुझे खुशी है कि जैतापुर में Six Nuclear plant बनाने पर हमने प्रगति की है। बिजली बनाने की कीमत को कम करने के संदर्भ में और अधिक तकनीकी क्षमता और Study करने के लिए दोनों पक्षों ने आज समझौता किया है। विशेषकर आज AREVA और L & T के बीच भारत में Forgings बनाने के लिए समझौता हुआ है और मैं मानता हूं कि यह समझौता बहुत ही महत्‍वपूर्ण है। Make In India का यह उत्‍तम उदाहरण होगा और भारत को Advanced Technology के क्षेत्र में एक नई जगह मिलेगी।

10 PM Modi with France President Hollande at the Press Statement (4)International Export Control Regime में सदस्‍यता के लिए भारत फ्रांस के ठोस समर्थन के लिए बहुत आभारी है। अंतरिक्ष सहयोग में भारत और फ्रांस ने 50 वर्ष पूर्ण किए हैं। मुझे खुशी है कि आज राष्‍ट्रपति जी और मैंने भारत और फ्रांस का एक संयुक्‍त Postal Stamp जारी किया है। हमने साथ मिलकर Satellite के निर्माण और Launch में सहयोग को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। भारत के मंगलयान मिशन के बाद हम अब मिल करके Planetary Exploration में भी सहयोग करेंगे। आज भारत में विश्‍व में सबसे तेज गति से आर्थिक वृद्धि हो रही है। भारत के विकास में फ्रांस बड़ा योगदान दे सकता है और उसका यहां पर भी आर्थिक लाभ होगा। आज सुबह मैं Infrastructure के क्षेत्र में फ्रांस की Industries से मिला था। राष्‍ट्रपति और मैं अभी CEO Forum से भी मिलें। मेरा विश्‍वास बढ़ा है कि फ्रांस की कंपनियां भारत में निवेश बढ़ाएंगी। भारत के Railway Infrastructure के नवीनीकरण में भी हम सहयोग करेंगे। मेरी सरकार की अन्‍य पहलें जैसे Skill Development, Renewable Energy, Energy Efficiency, Smart Cities, Digital India क्षेत्रों में हम फ्रांस के साथ मिलकर आगे बढ़ेंगे। Science and technology हमारे संबंधों का अहम स्‍तम्‍भ है। आज दो महत्‍वपूर्ण समझौते हुए हैं। मैं Ocean Economy का Sustainable विकास यानी कि Blue Revolution पर बहुत बल देता हूं। इस संदर्भ में आज Marine Biology के क्षेत्र में समझौते का विशेष स्‍वागत करता हूं। मुझे बहुत खुशी है कि फ्रांस हमारे साथ मिलकर Urban Heritage और Tourism Promotion में आगे बढ़ेगा। इस क्षेत्र में फ्रांस की क्षमता से सभी परिचित हैं। मुझे राष्‍ट्रपति जी को यह बताते हुए बहुत प्रसन्‍नता हुई कि फ्रांस के नागरिकों को Electronic Travel Authorization के माध्‍यम से आसानी से भारत आने की सुविधा दी जाएगी, जो संबंधों को तो बनाते हैं साथ ही Tourism के लिए भी सरलता पैदा करते हैं। आज हमने समझौता किया है कि दोनों देशों में पढ़ाई के बाद हमारे छात्र देश में और समय रहकर Professional Training कर सकते हैं। जिससे उनको रोजगार मिलने की क्षमता बढ़ेगी। आज विश्‍व में एक चुनौतीपूर्ण माहौल है। कई क्षेत्रों में उथल-पुथल हो रही है। जिससेसभी प्रभावित हैं। बदलती दुनिया में स्थिरता के बारे में कई अनिश्चित प्रश्‍न हैं।

10 PM Modi with France President Hollande at the Press Statement (6)

समुद्री, साइबर और अंतरिक्ष सुरक्षा सभी के लिए चिंता का कारण है। आतंक फैल रहा है और नए-नए स्‍वरूप ले रहा है। विश्‍व के अनेक क्षेत्रों और शहरों में इस चुनौती का सामना किया जा रहा है। चाहे पेरिस हो या मुंबई, भारत और फ्रांस ने एक-दूसरे के दर्द को सहा है और समझा है। इस वैश्विक चुनौती के लिए व्‍यापक वैश्विक Strategy की आवश्‍यकता है। इसमें हर देश का यह दायित्‍व है कि आतंक के विरोध लड़ाई में पूरा समर्थन दें और आतंक समूहों को पनाह लेने न दें और आतंकवादियों को जल्‍द से जल्‍द सजा दें। भारत और फ्रांस इन चुनौतियों को कई मायने में एक तरह से देखते हैं और इस कारण हम अपने सुरक्षा सहयोग को और घनिष्‍ठ करेंगे। इस संदर्भ में हम Indian Ocean के बारे में विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। UN Security Council के Reforms हम दोनों का संयुक्‍त दायित्‍व है। भारत की Security Council की Permanent Membership के लिए समर्थन के लिए मैं फ्रांस का बहुत आभारी हूं| मुझे पूरा विश्‍वास है कि इस वर्ष के अंत में पेरिस में होने वाले Cop-21 सम्‍मेलन में फ्रांस के नेतृत्‍व में विश्‍व के लिए एक नया Roadmap बनेगा। भारत और फ्रांस मिलकर Climate Change और ऊर्जा के ‍विषयों पर अपना सहयोग आगे बढ़ाएंगे। अंत में, मैं फिर से राष्‍ट्रपति जी को धन्‍यवाद देता हूं | मुझे विश्‍वास है कि हमारी Strategic Partnership आज एक नई ऊंचाई पर पहुंची है जो दोनों देशों के नागरिकों के भविष्‍य को उज्ज्वल करने में और विश्‍व में शांति, सुरक्षा और समृद्धि को साकार करने में योगदान देगी।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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नोमोस्कार। लुइटपोरिया राइजोलोई मुर श्रोद्धा अरु मरोम ज़ासिसु!

असम के गर्वनर लक्ष्मण प्रसाद आचार्य जी, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा जी, केंद्र में मेरे सहयोगी, हमारे पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल जी, राम मोहन नायडू जी, मुरलीधर मोहोल जी, पबित्रा मार्गेरिटा जी, असम सरकार के मंत्रिगण, अन्य महानुभाव, भाईयों और बहनों।

मैं अपना भाषण शुरू करूं उससे पहले, मैं आप सबसे एक प्रार्थना करता हूं, कि आज विजय का आज का जो दिवस है, एक प्रकार से विकास के उत्सव का दिवस है और ये सिर्फ असम नहीं, पूरे नॉर्थ ईस्ट के विकास का उत्सव है, और इसलिए मेरी आपसे प्रार्थना है कि अपना मोबाइल फोन निकालिए, उसपर फ्लैश लाईट चालू कीजिए और सब के सब इस विकास उत्सव में भागीदार बनिए। हर एक के मोबाईल फोन का लाईट जलना चाहिए, देखिए तालियों के गूंज से पूरा देश देखेगा, कि असम विकास का उत्सव मना रहा है। जब विकास का प्रकाश पहुंचता है, तो जिंदगी की हर राह नई ऊंचाईयों को छूने लग जाती है। बहुत-बहुत धन्यवाद सबका।

साथियों,

असम की धरती से मेरा लगाव, यहां के लोगों का प्यार और स्नेह, और खासकर असम और पूर्वोत्तर की मेरी माताओं-बहनों का अपनापन, ये मुझे निरंतर प्रेरित करते हैं, पूर्वोत्तर के विकास के हमारे संकल्प को ताकत देते हैं। मैं देख रहा हूं, आज एक बार फिर असम के विकास में नया अध्याय जुड़ रहा है, और ऐसे में भारत रत्न भूपेन दा की पंक्तियां बहुत सटीक हो जाती हैं। लुइदोर पार जिलिकाई टुलिबोलोई, आमी प्रोतिज्ञाबोद्ध! आमी हॉन्कल्पबोद्ध! यानी लुइत नदी का तट उज्जवल होगा, अंधकार की हर दीवार टूटेगी और ये होकर रहेगा, यही हमारा संकल्प है, यही हमारी प्रतिज्ञा है।

साथियों,

भूपेन दा की ये पंक्तियां केवल एक गीत नहीं थी, ये असम को प्यार करने वाली हर महान आत्मा का संकल्प था और आज ये संकल्प हमारे सामने सिद्ध हो रहा है। जैसे असम में विशाल ब्रह्मपुत्र की धाराएं कभी नहीं रूकती, वैसे ही बीजेपी की डबल इंजन सरकार में यहां विकास की धारा भी अनवरत बह रही है। आज लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का उद्धघाटन हमारे इस संकल्प का प्रमाण है। मैं सभी असमवासियों को, देश के लोगों को, इस नई टर्मिनल बिल्डिंग के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

बहनों और भाईयों,

अब से कुछ देर पहले मुझे गोपीनाथ बोरदोलोई जी की प्रतिमा का अनावरण करने का सौभाग्य मिला है। बोरदोलोई जी असम के पहले मुख्यमंत्री थे, असम का गौरव थे, असम की पहचान, असम का भविष्य और असम के हित उन्होंने कभी भी इससे समझौता नहीं किया। उनकी ये प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी, उनमें असम को लेकर गौरव की भावना जगाएगी।

साथियों,

आधुनिक एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं कनेक्टिविटी का आधुनिक इनफ्रास्ट्रक्चऱ ये किसी भी राज्य के लिए नई संभावनाओं और नए अवसरों के गेटवे होते हैं। ये राज्य के बढ़ते आत्मविश्वास और लोगों के भरोसे के स्तम्भ होते हैं। आप भी जब देखते हैं कि असम में इतने शानदार हाईवे बन रहे हैं एय़रपोर्ट बन रहे हैं तो आप भी कहते हैं- अब जाकर असम के साथ न्याय होना शुरू हुआ है।

वरना साथियों,

काँग्रेस की सरकारों के लिए असम और पूर्वोत्तर का विकास उनके एजेंडे में ही नहीं था। काँग्रेस की सरकारें, और उनमें बैठे लोग कहते थे, असम और पूर्वोत्तर में जाता ही कौन है? काँग्रेस कहती थी, असम को, पूर्वोत्तर को, आधुनिक एयरपोर्ट की, हाइवेज और बेहतर रेलवेज की जरूरत ही क्या है? इसी सोच की वजह से कांग्रेस ने दशकों तक इस पूरे क्षेत्र की उपेक्षा की।

साथियों,

कांग्रेस 6-7 दशक तक जो गलतियां करती रही, और मोदी एक एक करके उसको सुधार रहा है। मोदी कहता है, काँग्रेस वाले नॉर्थईस्ट जाएँ या न जाएँ, मुझे तो नॉर्थईस्ट और असम आते ही अपने लोगों के बीच होने का एहसास होता है। मोदी के लिए असम का विकास, ये जरूरत भी है, ज़िम्मेदारी भी है, और इसकी जवाबदेही भी है।

और इसीलिए साथियों,

बीते 11 वर्षों में असम और नॉर्थईस्ट के लिए लाखों करोड़ रुपए की विकास परियोजनाएं शुरू हुईं हैं। आज असम आगे भी बढ़ रहा है, और नए कीर्तिमान भी गढ़ रहा है। मुझे ये जानकर अच्छा लगा कि असम भारतीय न्याय संहिता लागू करने में देश में नंबर-1 राज्य बना है। असम ने 50 लाख से ज्यादा स्मार्ट प्री-पेड मीटरलगाकर भी एक नया रिकॉर्ड बनाया है। कांग्रेस के समय में असम में बिना पर्ची, बिना खर्ची के सरकारी नौकरी मिलना असंभव था। लेकिन आज यहां हजारों युवाओं को बिना पर्ची-बिना खर्ची नौकरी मिल रही है। भाजपा की सरकार में असम की संस्कृति को हर मंच पर बढ़ावा दिया जा रहा है। मैं भूल नहीं सकता, जब पिछले साल 13 अप्रैल को गुवाहाटी स्टेडियम में 11 हजार से ज्यादा कलाकारों ने एक साथ बिहू नृत्य किया था। इस घटना को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। ऐसे ही नए रिकॉर्ड बनाते हुए असम तेजी से आगे बढ़ रहा है।

साथियों,

अब इस नई टर्मिनल बिल्डिंग से गुवाहाटी और असम की क्षमता और ज्यादा बढ़ जाएगी। इस टर्मिनल पर हर साल करीब सवा करोड़ से ज्यादा यात्री सफर कर सकेंगे! यानी, बड़ी संख्या में पर्यटक भी असम आ सकेंगे। श्रद्धालुओं के लिए माँ कामाख्या के दर्शन की सुविधा भी आसान हो जाएगी। इस नए एयरपोर्ट टर्मिनल में कदम रखते ही ये साफ दिखता है विकास भी औऱ विरासत भी, ये मंत्र के मायने क्या हैं? इस एयरपोर्ट को असम की प्रकृति और संस्कृति को ध्यान में रखकर गढ़ा गया है। टर्मिनल के अंदर हरियाली है। Indoor forest जैसी व्यवस्था है। चारों तरफ प्रकृति से जुड़ा डिजाइन है, यहां आने वाला हर यात्री सुकून महसूस करे। इसकी बनावट में बांस का खास इस्तेमाल किया गया है। बांस असम के जीवन का अभिन्न हिस्सा है, वो यहां मजबूती भी दिखाता है और खूबसूरती भी। और दिल्ली में बैठे हुए भूतकाल की सरकारों को ये बंबू क्या है, इसकी पहचान भी नहीं थी। आप हैरान होंगे, 2014 में आपने मुझे काम दिया उसके पहले हमारे देश में एक कानून था, ये कानून ऐसा था कि आप बंबू को काट नहीं सकते, अब कोई मुझे समझाए भई क्यों? क्योंकि उन्होंने कह दिया बंबू एक ट्री है, वृक्ष है, और जब एक बार वृक्ष कह दिया, तो फिर सारे दरवाजे बंद हो गए। जबकि बंबू दुनिया मानती है, कि ये एक पौधा है और हमने कानून हटाया और ग्रास की कैटेगरी में, जो सचमुच में बंबू की पहचान है उसमें लाया और तब जाकर के आज ये बंबू से इतनी बड़ी भव्य इमारत निर्माण हुई है और आज अगर आप सोशल मीडिया देखोगे, तो दुनिया भर में भारत के एयरपोर्ट की रचनाओं की चर्चा हो रही है।

साथियों,

इनफ्रास्ट्रक्चर के इस विकास का बहुत बड़ा संदेश, भारत की विकास यात्रा की पहचान बन रहा है। इससे उद्योगों को बढ़ावा मिलता है। निवेशकों को कनेक्टिविटी का भरोसा मिलता है। लोकल प्रोडक्ट्स को दुनिया भर में पहुंचाने का रास्ता खुलता है। और, सबसे बड़ा भरोसा उस युवा को मिलता है, जिसके लिए नए अवसर पैदा होते हैं। और इसलिए आज हम असम को, असीम संभावनाओं की इसी उड़ान पर आगे बढ़ते देख रहे हैं।

साथियों,

आज भारत को देखने का दुनिया का नज़रिया बदला है, और भारत की भूमिका भी बदली है। भारत अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। 11 साल के भीतर-भीतर ये कैसे हुआ?

साथियों,

इसमें बहुत बड़ी भूमिका आधुनिक इनफ्रास्ट्रक्चर के विकास की है। भारत 2047 की तैयारी कर रहा है, विकसित भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए हम इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस कर रहे हैं। और सबसे अहम बात ये है कि, विकास के इस महान अभियान में देश के हर राज्य की, हर क्षेत्र की भागीदारी है। हम पिछड़ों को प्राथमिकता दे रहे हैं। देश का हर राज्य एक साथ प्रगति करे, और विकसित भारत के मिशन में अपना योगदान दे, हमारी सरकार इस दिशा में काम कर रही है। और मुझे खुशी है कि आज असम और पूर्वोत्तर हमारे इस मिशन का नेतृत्व कर रहे हैं। हमने Act East पॉलिसी के जरिए पूर्वोत्तर को प्राथमिकता दी, और आज, हम असम को भारत के ईस्टर्न गेटवे के रूप में उभरता देख रहे हैं। असम भारत को ASEAN देशों से जोड़ने के लिए ब्रिज की भूमिका निभा रहा है। ये शुरुआत अभी बहुत आगे तक जाएगी। और, असम कई क्षेत्रों में विकसित भारत का इंजन बनेगा।

साथियों,

आज असम और पूरा नॉर्थ ईस्ट भारत के विकास का नया प्रवेशद्वार बन रहा है। मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के संकल्प ने इस क्षेत्र की दिशा और इसकी दशा, दोनों बदली हैं। असम में नए पुल बनाने की रफ्तार, नए मोबाइल टावर लगाने की स्पीड, विकास के हर काम की गति, सपनों को हकीकत में बदल रही है। ब्रह्मपुत्र पर बने पुलों ने असम की कनेक्टिविटी को नई मजबूती और नया आत्मविश्वास दिया है। आजादी के बाद के 6-7 दशक में यहाँ केवल तीन बड़े पुल बन पाए थे। लेकिन पिछले एक दशक में चार नए मेगा ब्रिज पूरे किए गए हैं, इनके अलावा कई ऐतिहासिक परियोजनाएँ आकार ले रही हैं। बोगीबील और ढोला-सादिया जैसे सबसे लंबे पुलों ने असम को रणनीतिक रूप से और अधिक सशक्त बना दिया है। रेलवे कनेक्टिविटी में भी एक क्रांतिकारी बदलाव आया है। बोगीबील ब्रिज के शुरू होने से अपर असम और देश के बाकी हिस्सों के बीच की दूरी सिमट गई है। गुवाहाटी से न्यू जलपाईगुड़ी तक चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ने यात्रा के समय को कम कर दिया है। देश में वाटरवेज के विकास का फायदा भी असम को मिल रहा है। कार्गो ट्रैफिक में 140 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, ये इस बात का प्रमाण है कि ब्रह्मपुत्र केवल नदी नहीं, बल्कि आर्थिक शक्ति का प्रवाह है। पांडु में पहली शिप रिपेयर सुविधा विकसित हो रही है, वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक चलने वाली गंगा विकास क्रूज़ को लेकर उत्साह है, इससे नॉर्थ ईस्ट, ग्लोबल क्रूज़ टूरिज्म के मानचित्र पर स्थापित हो गया है।

साथियों,

काँग्रेस की सरकारों ने असम और पूर्वोत्तर को विकास से दूर रखने का जो पाप किया था, उसका बहुत बड़ा खामियाजा देश की सुरक्षा, एकता और अखंडता को उठाना पड़ा। काँग्रेस की सरकारों में हिंसा का दौर दशकों तक फलता फूलता रहा, हम केवल 10-11 साल के भीतर उसे खत्म करने की तरफ बढ़ रहे हैं। पूर्वोत्तर में पहले जहां हिंसा और खून-खराबा होता था, आज वहाँ 4G और 5G टेक्नालजी से डिजिटल कनेक्टिविटी पहुँच रही है। जो जिले, कभी हिंसा ग्रस्त माने जाते थे, आजवो आकांक्षी जिलों के रूप में विकसित हो रहे हैं। आने वाले समय में यही इलाके इंडस्ट्रियल कॉरिडॉर भी बनेंगे। इसीलिए, आज नॉर्थईस्ट को लेकर एक नया भरोसा जगा है। हमें इसे और मजबूती देनी है।

साथियों,

हमें असम और पूर्वोत्तर के विकास में कामयाबी इसलिए भी मिल रही है, क्योंकि हम इस क्षेत्र की पहचान और संस्कृति की सुरक्षा कर रहे हैं। काँग्रेस ने एक और पाप किया था, उसने यहाँ की पहचान को मिटाने की साजिश की थी। और ये षड्यंत्र केवल कुछ वर्षों का नहीं है! काँग्रेस के इस पाप की जड़ें आज़ादी के पहले से जुड़ी हैं। वो समय, जब मुस्लिम लीग और अँग्रेजी हुकूमत मिलकर भारत के विभाजन की जमीन तैयार कर रहे थे, उस समय असम को भी अविभाजित बंगाल का, यानी ईस्ट पाकिस्तान का हिस्सा बनाने की योजना बनाई गई थी। काँग्रेस उस साजिश का हिस्सा बनने जा रही थी। तब बोरदोलोई जी अपनी ही पार्टी के खिलाफ खड़े हो गए थे। उन्होंने असम की पहचान को खत्म करने के इस षड्यंत्र का विरोध किया। और, असम को देश से अलग होने से बचा लिया। भाजपा पार्टी, हमेशा पार्टी लाइन से ऊपर उठकर हर देशभक्त का सम्मान करती है। अटल जी के नेतृत्व में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई, तब उन्हें भारत रत्न दिया गया।

भाइयों बहनों,

बोरदोलोई जी ने आज़ादी के पहले तो असम को बचा लिया था, लेकिन, उनके बाद काँग्रेस ने फिर से असम विरोधी और देश विरोधी काम शुरू कर दिये। काँग्रेस ने अपना वोटबैंक बढ़ाने के लिए मजहबी तुष्टीकरण के षड्यंत्र रचे हैं। बंगाल और असम में अपने वोटबैंक वाले घुसपैठियों को खुली छूट दी गई है। यहाँ की डेमोग्राफी को बदला गया है। इन घुसपैठियों ने हमारे जंगलों पर कब्जा किया, हमारी ज़मीनों पर कब्जा किया। इसका नतीजा ये हुआ कि पूरे असम की सुरक्षा और पहचान दांव पर लग गई है।

साथियों,

आज हिमंत जी की सरकार और उनकी टीम के सभी साथी बहुत मेहनत से, असम के संसाधनों को इस गैर-कानूनी और देशविरोधी अतिक्रमण से मुक्त करा रही है। असम के संसाधन असम के लोगों के काम आयें, इसके लिए हर स्तर पर काम हो रहा है। केंद्र सरकार ने भी घुसपैठ रोकने के लिए सख्ती की है। अवैध घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए उनकी पहचान भी कराई जा रही है।

लेकिन भाइयों बहनों,

काँग्रेस पार्टी और इंडी गठबंधन के लोग खुलकर देशविरोधी एजेंडों पर उतर आए हैं। देश का सुप्रीम कोर्ट तक घुसपैठियों को बाहर करने की बात कर चुका है। लेकिन, ये लोग घुसपैठियों के बचाव में बयानबाजी कर रहे हैं। इनके वकील कोर्ट में घुसपैठियों को बसाने की पैरवी कर रहे हैं। चुनाव आयोग निष्पक्ष चुनाव के लिए SIR की प्रक्रिया करवा रहा है, तो, इन लोगों को देश के हर कोने में तकलीफ हो रही है। ऐसे लोग, असमिया भाई-बहनों के हितों को नहीं बचाएंगे। ये लोग आपकी जमीन और जंगलों पर किसी और का कब्जा होने देंगे, इनकी देशविरोधी मानसिकता पुराने दौर की हिंसा और अशांति वाले हालात पैदा कर सकती है। और इसलिए मेरे असम के भाई-बहन, हमें बहुत सावधान रहना है। जिस असम की अस्मिता के लिए बोरदोलोई जी जैसे लोगों ने जीवन भर अपना सब कुछ नौछावर किया, हमें उसकी रक्षा करनी है। असम के लोगों को एकजुट रहना है। हमें असम के विकास को डिरेल होने से बचाना है, काँग्रेस के षडयंत्रों को पल-पल, कदम-कदम पर विफल करते रहना है।

साथियों,

आज दुनिया भारत की ओर उम्मीद से देख रही है। भारत के भविष्य का नया सूर्योदय पूर्वोत्तर से ही होना है। इसके लिए, हमें साथ मिलकर अपने सपनों के लिए काम करना होगा। हमें असम के विकास को सबसे आगे रखकर चलना होगा। मुझे विश्वास है, हमारे ये सामूहिक प्रयास असम को नई ऊंचाई पर लेकर जाएंगे। हम विकसित भारत के सपने पूरा करेंगे। और विकसित असम से विकसित भारत का रास्ता बनने वाला है। इसी कामना के साथ मैं एक बार फिर नए टर्मिनल की बधाई देता हूं। आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद। मेरे साथ बोलिए-

वंदे मातरम्।

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