भारत माता की जय, भारत माता की जय...

मंच पर विराजमान उत्तरप्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्‍यक्ष श्रीमान लक्ष्‍मीकांत वाजपेयी जी, हमारी पार्टी के वरिष्‍ठ नेता आदरणीय कल्‍याण सिंह जी, श्रीमान लालजी टंडन जी, श्री कलराज मिश्र जी, श्री रमापति जी, भाई अशोक प्रधान जी, विनय कटियार जी, श्रीमान अमित भाई शाह, रामेश्वर चौरसिया, श्री रावत, पार्टी के सभी वरिष्‍ठ नेतागण और यहां उपस्थित दूर-दूर से भारी संख्‍या में आई जनता का अभिनंदन... जहां नजर फैलाइए, सिर ही सिर नजर आ रहे हैं..!

भाईयों-बहनों, मुझे ऐसा लग रहा है कि जैसे उत्तर प्रदेश ने अंदरूनी स्‍पर्धा का कार्यक्रम तय किया है। कानपुर अपना रूतबा दिखाएं तो झांसी कैसे पीछे रह जाएं, तो झांसी ने दिखाया, लेकिन फिर बहराइच वाले आगे निकल गए और आज आगरा ने सबको मात दे दी है..! मित्रों, कुछ अनिवार्य कारणों की वजह से मेरे पहुंचने के कार्यक्रम में बदलाव हुआ और परिणामस्‍वरूप तीन घंटे तक इस कड़ी धूप में आप सभी को इंतजार करना पड़ा, इसके लिए मैं आप सभी से क्षमा चाहता हूं..!

भाईयों-बहनों, ये आगरा की भूमि अनेक ऐतिहासिक कारणों से जानी जाती है। लेकिन जब आज हम दुनिया में हिंदुस्‍तान की ब्रांडिग करते हैं, भारत की भिन्‍न-भिन्‍न ताकतों का परिचय करवाते हैं तो उसमें सबसे पहले विश्व के सामने आगरा का ताजमहल प्रस्‍तुत करते हैं। दुनिया में जिन लोगों को टूरिज्‍म का शौक रहता है, विश्व को जानने और समझने की इच्‍छा रहती है, वो लोग आगरा आना जरूर पसंद करते हैं। मित्रों, सारे विश्व में टूरिज्‍म का उपयोग, सर्विस सेक्‍टर इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि एक अनुमान के अनुसार निकट भविष्‍य में टूरिज्‍म का बिजनेस थ्री ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचेगा..! पूरे विश्व में टूरिज्‍म का इतना बड़ा बिजनेस होगा, लेकिन क्‍या वह बिजनेस आगरा को नसीब होगा..? क्‍या आगरा के भाग्‍य में कुछ आएगा..? आपको लगता है कि कुछ आएगा..? मुझे नहीं लगता है कि कुछ आएगा..! इसका कारण है कि दिल्‍ली में बैठी हुई सरकार की सोच में गड़बड़ है। कौन से काम को प्रा‍थमिकता देना चाहिए, इसमें वह निर्णय नहीं कर पाते हैं। अगर टूरिज्‍म में इतनी बड़ी संभावनाएं पड़ी हैं, आगरा का ताजमहल विश्व भर में जाना माना है, तो क्‍या ये लोग आगरा में एक अच्‍छा एयरपोर्ट नहीं बना सकते..? क्‍या आगरा में ऐसा प्रबंध नहीं हो सकता है कि विश्व भर के टूरिस्‍ट यहां पहुंचे..? लेकिन अगर उनका कोई मंत्री कहीं से आ जाए, तो छोटा सा गांव हो तो भी वहां एयरपोर्ट बना देते हैं, लेकिन आगरा में नहीं बनाते, जो विश्व भर के टूरिस्‍टों को आकर्षित करने का सामर्थ्‍य रखता है और उस आगरा के प्रति अन्‍याय किया जाता है, उपेक्षा की जाती है। भाईयों-बहनों, आप केंद्र को बोलिए, तो वह कहते हैं कि राज्‍य की जिम्‍मेदारी है, राज्‍य को कहो, तो बोलते है केंद्र की जिम्‍मेदारी है। राज्‍य वाले कहते है यहां करो, केंद्र वाले कहते है वहां करो, पर करता कोई भी नहीं है..!

भाईयों-बहनों, हम यमुना के पास हैं, लेकिन आगरा को पीने का शुद्ध पानी नहीं उपलब्‍ध होता है। आजादी के 60 साल बीत चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद भी आगरा जैसे नगर को, जिसके निकट यमुना जी हो, पर उसे पीने का शुद्ध पानी नहीं मिलता हो, तो उसका कारण लखनऊ में बैठे हुए शासक हैं, जिनको यह समझ नहीं है कि सामान्‍य मानवी की आवश्‍यकताओं की पूर्ति के लिए क्‍या करना चाहिए, और इसका नतीजा यह है कि आप तक शुद्ध पानी नहीं पहुंच रहा है..! मित्रों, मेरे गुजरात के हाल बहुत खस्‍ता थे। मेरे यहां नदियां नहीं हैं, आपके यहां तो ढ़ेर सारी नदियां हैं, मेरे पास अकेली एक नर्मदा मैय्या है। लेकिन हमने पाइप लाइन डाली, पाकिस्‍तान की सीमा पर जहां हिंदुस्‍तान की सेना के जवान तैनात हैं, वहां तक नर्मदा का शुद्ध पानी पहुंचाया, रेगिस्‍तान में भी पानी पहुंचाया और दुनिया की सबसे लम्‍बी पाइन लाइन लगाई। और उस पाइन लाइन की साइज इतनी बड़ी है कि हमारे मित्र भाई अखिलेश मारूती कार में पूरे परिवार के साथ बैठकर उस पाइन लाइन के अंदर गाड़ी चला सकते हैं..! इतने बड़े पाइप में हम नर्मदा का पानी ले जाते हैं और 9000 गांवों में पीने का शुद्ध पानी पहुंचाते हैं। क्‍या यहां ऐसा हो सकता है या नहीं..? उन्‍हे यहां ऐसा करना चाहिए या नहीं..? आजकल कई पॉलिटिकल पंडित मुझे सवाल पूछते रहते हैं कि मोदी जी, क्‍या ये गुजरात का मॉडल कहीं और काम आएगा..? मित्रों, अब आप मुझे बताइए कि लोगों तक पानी पहुंचना चाहिए या नहीं..? शुद्ध पानी मिलना चाहिए या नहीं..? अरे भाईयां, हमने पाइप लाइन डाली है, आप कैनाल ही बनवा दो, कुछ तो करो..! जो लोग मॉडल की चर्चा को विवादों में डाल रहे हैं, उनसे मेरा सवाल है कि आप अपने इलाके की अनुकूलता के अनुसार जनता की भलाई के लिए ऐसी नीतियां क्‍यों नहीं बनाते हैं, योजनाएं क्‍यों नहीं बनाते हैं, क्‍यों योजनाओं को लागू नहीं करते हो..?

यहां के गांवों का किसान आलू की खेती करता है। लेकिन जब आलू की फसल बढ़ जाती है, वर्ष अगर अच्‍छा जाता है, आलू की पैदावार ज्‍यादा हो जाती है तो दाम गिर जाते हैं और किसान मर जाता है, और कभी आलू की फसल कम हुई तो भी किसान मर जाता है..! क्‍या समय की मांग नहीं है कि आज हम, हमारे देश में हमारा किसान जो पैदावार करता है, उसके वैल्यू एडिशन पर बल दें, मूल्‍य वृद्धि पर बल दें..? अगर आप आलू बेचें तो कम पैसों में जाता है, लेकिन अगर पोटेटो चिप्‍स बनाकर बेचते हो, तो पैसे ज्‍यादा मिलते हैं..!

भाईयों-बहनों, मेरे यहां बनासकांठा जिला है, जहां आलू की खेती होती है, वहां हमने दो चीजों पर बल दिया, और पूरे विश्व में प्रति हेक्‍टेयर सबसे ज्‍यादा आलू पैदा करने का काम मेरे गुजरात के किसान ने करके दिखाया..! एक तरफ पैदावार बढ़े और दूसरी तरफ मूल्‍य मिलें और तीसरा वहां मूल्‍य वृद्धि के लिए प्रोसेसिंग की व्‍यवस्‍था हो, ताकि मेरा किसान सुखी और समृद्ध हो..! मित्रों, लेकिन दिल्‍ली में बैठी कांग्रेस पार्टी को देश के विकास में कोई रूचि नहीं है, उन्‍हे भारत के भाग्‍य को बदलने में कोई रूचि नहीं है। ये सब उनकी प्राथमिकता नहीं है, इसके पीछे एक कारण है कि वह वोट बैंक की राजनीति के आदी हैं..! वोट बैंक की राजनीति के आदी होने के कारण, जोड़-तोड़ की राजनीति करना, 25% लोगों को इक्‍ट्ठा कर लेना, 75% लोगों को निगलेक्‍ट करना और सिर्फ 25% लोगों के लिए खेल खेलते रहना, बाकी के 75% लोगों के साथ अन्‍याय करना, यही कांग्रेस पार्टी का कारनामा रहा है..!

भाईयों-बहनों, कांग्रेस पार्टी स्‍वभाव से विघटनकारी पार्टी है, विभाजन करने वाली पार्टी है, विभाजन करो और राज करो, बांटो और राज करो, यही कांग्रेस पार्टी का स्‍वभाव है। पूरा देश जब आजादी के लिए लड़ाई लड़ रहा था, तब उन्‍होने देश का विभाजन किया, तुष्टिकरण की राजनीति के लिए उन्हों ने वंदेमातरम् का भी दो टुकड़ों में विभाजन कर दिया, हिंदुस्‍तान में दो-दो कानून लगा दिए, कश्‍मीर में अलग कानून और बाकी के देश में अलग कानून..! एक राज्‍य को दूसरे राज्‍य के साथ लड़ा देना, पानी के मुद्दों को लटकाएं रखना, कभी भाषा के नाम पर राज्‍यों का बंटवारा करना, कभी उत्तर-दक्षिण का बंटवारा करना, कभी गांव और शहर का बंटवारा करना... मित्रों, यही कारनामे कांग्रेस पार्टी के स्‍वभाव में रहे हैं और यही आदत छोटी-छोटी पार्टियों को भी लग गई..! कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति के और दल भी सीखने लग गए। सपा ने भी कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति को चुराया, बसपा ने भी कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति को चुराया और ये दोनों कांग्रेस से सवाये सिद्ध हो गए..! इन दोनों ने कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति चुराकर उसमें अपना रंग भर दिया, अपना खेल जोड़ दिया, और इसका परिणाम यह आया कि वोट बैंक की राजनीति में कौन आगे निकले इसकी स्‍पर्धा होने लगी..! इस तरह वोट बैंक की राजनीति में कभी सपा आगे तो कभी बसपा आगे, लेकिन कभी कांग्रेस कोशिश करती है, लेकिन यह कांग्रेस के पाप का परिणाम है कि देश में सपा और बसपा जैसे लोग पैदा हुए हैं..!

भाईयों-बहनों, इस वोट बैंक की राजनीति ने देश को तबाह करके रखा है। आज समय की मांग है कि विकास की राजनीति की जाए। आज हिंदुस्तान में अकेली भारतीय जनता पार्टी ऐसी है जो राष्‍ट्रवाद के आधार पर चल रही है, जोड़ने की राजनीति कर रही है। हम जितनी जल्‍दी तोड़ने वालों को हटाएंगे, उतनी ही जल्‍दी देश का भाग्‍य उज्‍जवल होगा, इसलिए हिंदुस्‍तान की राजनीति में एक मात्र भारतीय जनता पार्टी, वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठकर के सिर्फ विकास की राजनीति का वादा करने आई है। मित्रों, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, अपने गुजरात के अनुभव से कहता हूं कि अगर हम देश में विकास की राजनीति के पहलू को लेकर चलें, तो जातिवाद का ज़हर खत्‍म हो जाएगा, ये सम्‍प्रदाय के झगड़े भी खत्‍म हो जाएंगे, ये परिवारवाद भी खत्‍म हो जाएगा और समाज के सभी लोगों का कल्‍याण होगा..!

भाईयों-बहनों, दलित हो, पीडि़त हो, शोषित हो, किसान हो, गांव का गरीब हो, हर एक को अवसर मिलना चाहिए, उसको मौका मिलना चाहिए। आज हिंदुस्‍तान दुनिया का सबसे युवा देश है, 65% जनसंख्‍या 35 साल से कम उम्र की है, लेकिन देश के नौजवान बेरोजगार बैठे हैं। दिल्‍ली में बैठी हुई कांग्रेस की सरकार ने वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनेगी, तो वह हर वर्ष 1 करोड़ नौजवानों को रोजगार देगें..! मित्रों, मुझे जबाव दीजिए, कांग्रेस ने जो वादा लोकसभा चुनावों में किया था, क्‍या उन लोगों ने वह वादा निभाया..? क्‍या आपमें से किसी को दिल्‍ली सरकार ने नौकरी दी है, क्‍या आपमें से किसी को दिल्‍ली सरकार ने रोजगार दिया है..? अरे, रोजगार देने की बात तो छोडिए, उन्‍होने तो आगरा में तो सारे कारखानों में ताला लगा दिया, यहां के नौजवानों का रोजगार छीन लिया है..!

भाईयों-बहनों, मेरे गुजरात में उत्तर प्रदेश के हर जिले के लोग रहते हैं, लेकिन आगरा से बहुत कम आते हैं। इन दिनों मैं देख रहा हूं कि इस इलाके से भी बहुत बड़ी मात्रा में नौजवान गुजरात आते हैं, तो मैने पूछा कि भाई क्‍या हाल हुआ, क्‍या बात हो गई, आगरा भी क्‍यों छोड़ना पड़ रहा है..? उन्‍होने कहा कि वहां जीना भी मुश्किल है और रोज का गुजारा करना भी मुश्किल है..! मित्रों, आज देश के नौजवान को रोजी-रोटी के लिए अपना गांव छोड़ना पड़े, घर छोड़ना पड़े, अपना परिवार छोड़ना पड़े, ये बहुत दुखद है..! आखिर कब तक देश के नौजवान को रोजगार के लिए अपना गांव छोड़ना पड़ेगा, घर छोड़ना पडेगा..? इसलिए मैं आपसे कहने आया हूं कि अगर हमारे देश का विकास नहीं होगा तो हमारे गांव, गरीब, किसान के बेटे को अपना गांव, घर छोड़ना पड़ेगा, वो कहां-कहां भटकेगा..? हमारे नौजवान को रोजगार चाहिए, रोजगार के लिए उद्योग लगाने पड़ेंगे, कृषि के अंदर विकास करना पड़ेगा, सर्विस सेक्‍टर को बढ़ावा देना पड़ेगा, लेकिन दिल्‍ली की सरकार को लकवा मार गया है..!

भाईयों-बहनों, आज आपके यहां उत्तर प्रदेश में क्‍या सभी को बिजली मिलती है..? यहां इतना पानी है, उसके बावजूद भी आपको बिजली नहीं मिल रही है, दो, चार, छ: घंटे की बिजली से आपको गुजारा करना पड़ रहा है। मां बीमार है, लेकिन पंखा नहीं चल रहा, बेटे के एक्‍जाम है, वह रात को पढ़ना चाहता है लेकिन बिजली गुल है, घर में बेटे की शादी हुई है, नई-नई बहू आई है, नया टीवी सेट लाई है, लेकिन जब उसे ‘सास भी कभी बहू थी’ देखने का मन हो, पर टीवी नहीं चलता, क्‍योंकि बिजली नहीं है..! लेकिन क्या कारण है कि पूरे उत्तर प्रदेश में तो बिजली नहीं है, लेकिन यहां कुछ खासम-खास लोग हैं, जिनके यहां तो 24 घंटे बिजली चलती रहती है, आखिर क्‍यूं..? आखिर ये भेदभाव, ये अन्‍याय क्‍यूं..? मित्रों, इसका कारण समझिए, देश में आज 20,000 मेगावॉट से ज्‍यादा बिजली पैदा करने वाले कारखाने बंद पड़े हैं। कारखाने लगे हुए हैं, स्‍वीच ऑन करते ही बिजली पैदा की जा सकती है, लेकिन इन्‍हे चलाया नहीं जा रहा है क्‍योंकि कोयला नहीं है, कोयला क्‍यों नहीं है, क्‍योंकि कोयला चोरी कर लिया गया..! मित्रों, क्‍या आप लोगों ने कभी कोयले को घर के अंदर ताले में रखा है..? क्‍या आपके घर के बाहर ही कोयला पड़ा रहता है..? क्‍या कभी कोयले की चोरी होती है..? कितना भी बड़ा बदमाश चोर हो, क्‍या कोई कोयले को हाथ लगाता है..? लेकिन दिल्‍ली में ऐसी सरकार बैठी है कि वो कोयला ही खा गई..! उसके बाद, जब सुप्रीम कोर्ट ने डंडा मारा, जांच शुरू हुई तो कह दिया कि फाइल खो गई..! आप सुप्रीम कोर्ट के सामने कह देते हैं कि फाइल खो गई है लेकिन पूरा देश कह रहा है कि पूरी की पूरी सरकार ही खो गई है..! इतना ही नहीं, आपकी तो सिर्फ फाइल खो गई है, हमारी तो लाइफ खो गई है..!

भाईयों-बहनों, आज हिंदुस्तान में भ्रष्‍टाचार की जो स्थिति है उसमें सबसे दुख:द बात यह है कि कांग्रेस के नेताओं को इसकी कोई परवाह नहीं है, इनको चिंता नहीं है, इन्‍हे लगता है कि राजनीति में तो ऐसा ही चलता है, भ्रष्‍टाचार तो पहले भी हुए थे, फिर भी लोगों ने चुनाव जीता दिया था, फिर सरकार बना दी, एक बार फिर बना देगें..! मित्रों, क्‍या अब आप भ्रष्‍टाचारियों को माफ करेंगे..? क्‍या उन्‍हे सजा देगें..? कड़ी सजा दोगे..? इन भ्रष्‍टाचारियों का मज़ा देखिए, आपके उत्तर प्रदेश के एक मंत्री एक एनजीओ चलाते थे और उन पर 70 लाख रूपया गबन करने का आरोप लगा। एक टीवी चैनल वाले ने बीड़ा उठाया और दिखाया कि गरीबों, अपंगों और बेसहारा लोगों को मदद करने वाले एनजीओ ने 70 लाख का गबन किया है, यह नाममात्र का एनजीओ है जो सारे पैसे खा जाता है..! उत्तरप्रदेश के ही कांग्रेस की केंद्र सरकार के दूसरे मंत्री से इस बारे में जब पूछा गया कि 70 लाख के गबन का आरोप लगा है, इस बारे में आपका क्‍या कहना है..? तो वह बोले ये नहीं हो सकता है, उन पर 70 लाख के गबन का आरोप सही नहीं हो सकता, अगर 70 करोड़ का हो तो यह बात गले उतरेगी..! उन्‍ही की सरकार का दूसरा मंत्री ऐसा जबाव दे रहा है कि 70 लाख कोई चीज नहीं होती, 70 करोड़ की बात होती तो मैं मान लेता कि शायद मेरा मंत्री होगा..!

भाईयों-बहनों, आप कल्‍पना कीजिए, ये लोग कितनी मोटी चमड़ी के हो गए हैं कि इनको जरा भी परवाह नहीं है और इसका कारण यह है कि वह हिंदुस्‍तान की जनता को शक्ति रूप में स्‍वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। वे ऐसा मानते हैं कि देश की जनता उनकी जेब में है, उनका अहंकार सांतवे आसमान पर पहुंचा हुआ है, उनको जनता जर्नादन की परवाह नहीं है, उनको जनता के सुख-दुख की परवाह नहीं है, उनके ऐसे कारनामे करने की आदत के कारण आज देश पिछड़ रहा है। मित्रों, कांग्रेस पार्टी का अहंकार, परिवारवाद, वंशवाद देश की पूरी राजनीति को दीमक की तरह खाए जा रहा है, देश को खाए जा रहा है..!

भाईयों-बहनों, सवाल सत्ता पर बैठने या न बैठने की लड़ाई का नहीं है, सवाल ये है कि ये देश कैसे बचे, हमारी भावी पीढ़ी के लिए देश कैसे बचे, कैसे सलामत रहे..! हमारा आज तो बर्बाद हो चुका है, लेकिन क्‍या आने वाला कल बर्बाद करना है..? हमारे आज को बर्बाद करने वाले को क्‍या कल भी बर्बाद करने देना है..? अगर आप अपना कल बचाना चाहते हो, तो कांग्रेस, सपा और बसपा के घेरे से मुक्ति की जरूरत है, देश को उनसे मुक्‍त करने की जरूरत है। मेरा मानना है कि जब तक हम देश को उनसे मुक्‍त नहीं करेगें, तब तक हम परिवर्तन नहीं ला सकते हैं..!

भाईयों-बहनों, आप इतनी बड़ी संख्‍या में आएं, आप लोगों ने इतना समर्थन किया, मैं आप सभी का बहुत-बहुत आभारी हूं..! मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूं कि भारतीय जनता पार्टी विकास के मंत्र को लेकर के आपके जीवन में बदलाव लाने के लिए, आपके बेटों की जिंदगी में सुधार लाने के लिए, गांव-गरीब आदमी की चिंता करने के लिए, महंगाई से मुक्ति दिलाने के लिए हम आपका साथ, समर्थन और सहयोग चाहते हैं। ये देश गरीब नहीं है, ये देश नई ऊंचाईयों को पार कर सकता है, लेकिन दुर्भाग्य से हमें सरकारें ऐसी मिली, जिन्‍होने देश को तबाह कर दिया। अटल जी को थोड़ा सा कालखंड मिला था, लेकिन उस छोटे कालखंड में ही उन्‍होने देश को ऐसी ऊंचाईयों पर पहुंचा दिया, जिस पर आज भी देश गर्व करता है और आने वाले दिनों में भारतीय जनता पार्टी भी देश को नई ऊंचाईयों पर ले जा सकती है..!

अब आप सभी मेरे साथ दोनों मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से बोलिए,

भारत माता की जय..! भारत माता की जय..!

आप सभी का बहुत-बहुत धन्‍यवाद..!

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जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

ओडिशा के गवर्नर रघुबर दास जी, यहां के लोकप्रिय मुख्यमंत्री मोहन मांझी जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी जुएल ओराम जी, धर्मेंद्र प्रधान जी, अन्नपूर्णा देवी जी, ओडिशा के डिप्टी सीएम के. वी. सिंहदेव जी, श्रीमती प्रभाती परीडा जी, सांसदगण, विधायकगण, देश के कोने-कोने से आज हमारे साथ जुड़े हुए सभी अन्य महानुभाव और ओडिशा के मेरे भाइयों और बहनों।

ओडिशा-रो प्रिय भाई ओ भौउणी मानंकु,

मोर अग्रिम सारदीय सुभेच्छा।

भगवान जगन्नाथ की कृपा से आज एक बार फिर मुझे ओडिशा की पावन धरती पर आने का सौभाग्य मिला है। जब भगवान जगन्नाथ की कृपा होती है, जब भगवान जगन्नाथ जी का आशीर्वाद बरसता है, तब भगवान जगन्नाथ की सेवा के साथ ही जनता जनार्दन की सेवा का भी भरपूर अवसर मिलता है।

साथियों,

आज देश भर में गणेश उत्सव की धूम है, गणपति को विदाई दी जा रही है। आज अनंत चतुर्दशी का पावन पर्व भी है। आज ही विश्वकर्मा पूजा भी है। दुनिया में भारत ही ऐसा देश है, जहां श्रम और कौशल को विश्वकर्मा के रूप में पूजा जाता है। मैं सभी देशवासियों को विश्वकर्मा जयंती की भी शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

ऐसे पवित्र दिन अभी मुझे ओडिशा की माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ करने का अवसर मिला है। और ये भी महाप्रभु की कृपा है कि माता सुभद्रा के नाम से योजना का आरंभ हो और स्वयं इंद्र देवता आशीर्वाद देने के लिए पधारे हैं। आज देश के 30 लाख से ज्यादा परिवारों को यहीं भगवान जगन्नाथ जी की धरती से देशभर के अलग-अलग गांवों में लाखों परिवारों को पक्के घर भी दिये गए हैं। इनमें से 26 लाख घर हमारे देश के गांवों में और 4 लाख घर हमारे देश के अलग-अलग शहरों में ये घर दिए गए हैं। यहां ओडिशा के विकास के लिए हजारों करोड़ की विकास परियोजनाओं का भी लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। मैं आप सबको, ओडिशा के सभी लोगों को, सभी देशवासियों को इस अवसर पर बधाई देता हूँ।

भाइयों-बहनों,

ओडिशा में भाजपा के नेतृत्व में नई सरकार बनते समय मैं शपथ ग्रहण समारोह में आया था। उसके बाद ये मेरी पहली यात्रा है। जब चुनाव चल रहे थे, तब मैंने आपसे कहा था, यहां डबल इंजन की सरकार बनेगी तो ओडिशा विकास की नई उड़ान भरेगा। जो सपने यहाँ के गाँव-गरीब, दलित-आदिवासी ऐसे हमारे वंचित परिवारों ने देखे हैं, जो सपने हमारी माताओं, बहनों, बेटियों ने, महिलाओं ने, जो सपने हमारे नौजवानों ने, हमारे नौजवान बेटियों ने, जो सपने हमारे मेहनतकस मध्यम वर्ग ने देखे हैं, उन सबके सपने भी पूरे होंगे, ये मेरा विश्वास है और महाप्रभु का आशीर्वाद है। आज आप देखिए जो वादे हमने किए थे, वो अभूतपूर्व गति से पूरे हो रहे हैं। हमने कहा था, हम सरकार बनते ही भगवान जगन्नाथ के मंदिर के चारों द्वार खोलेंगे। सरकार बनते ही हमने भगवान जगन्नाथ मंदिर परिसर के बंद द्वार खुलवा दिये। जैसा हमने कहा था, मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया। भाजपा सरकार दिन रात जनता-जनार्दन की सेवा के लिए काम कर रही है। हमारे मोहन जी, के. वी. सिंह देव जी, बहन प्रभाती परीडा जी, और सभी मंत्रियों के नेतृत्व में सरकार खुद जनता के पास जा रही है, उनकी समस्याओं के समाधान का प्रयास कर रही है। और मैं इसके लिए यहां की मेरी पूरी टीम की, मेरे सभी साथियों की भरपूर प्रशंसा करता हूं, मैं उनकी सराहना करता हूं।

भाइयों-बहनों,

आज का ये दिन एक और वजह से भी विशेष है। आज केंद्र की एनडीए सरकार के 100 दिन भी हो रहे हैं। इस दौरान, गरीब, किसान, नौजवान और नारीशक्ति के सशक्तिकरण के लिए बड़े-बड़े फैसले लिए गए हैं। बीते 100 दिन में तय हुआ कि गरीबों के लिए 3 करोड़ पक्के घर बनाएंगे। बीते 100 दिनों में नौजवानों के लिए 2 लाख करोड़ रुपए का पीएम पैकेज घोषित किया गया है। युवा साथियों को इसका बहुत लाभ होगा। इसके तहत प्राइवेट कंपनियों में नौजवानों की पहली नौकरी की पहली सैलरी सरकार देने वाली है। ओडिशा सहित पूरे देश में 75 हज़ार नई मेडिकल सीटें जोड़ने का भी फैसला किया गया है। कुछ दिन पहले ही 25 हज़ार गांवों को पक्की सड़क से जोड़ने की योजना को भी स्वीकृति दी गई है। इसका फायदा मेरे ओडिशा के गांवों को भी होगा। बजट में जनजातीय मंत्रालय के बजट में करीब दोगुनी बढ़ोतरी की गई है। देशभर में करीब 60 हज़ार आदिवासी गांवों के विकास के लिए विशेष योजना की घोषणा की गई है। बीते 100 दिनों में ही सरकारी कर्मचारियों के लिए एक शानदार पेंशन योजना की भी घोषणा की गई है। जो कर्मचारी हैं, जो दुकानदार हैं, मध्यम वर्ग के उद्यमी हैं, उनके इनकम टैक्स में भी कमी की गई है।

साथियों,

बीते 100 दिन में ही ओडिशा सहित पूरे देश में 11 लाख नई लखपति दीदी बनी हैं। हाल में ही धान किसानों, तिलहन और प्याज किसानों के लिए बड़ा निर्णय लिया गया है। विदेशी तेल के आयात पर शुल्क बढ़ाया गया है, ताकि देश के किसानों से ज्यादा कीमत पर खरीद हो। इसके अलावा बासमती के निर्यात पर लगने वाला शुल्क घटाया गया है। इससे चावल के निर्यात को बल मिलेगा और बासमती उगाने वाले किसानों को ज्यादा फायदा होगा। खरीफ की फसलों पर MSP बढ़ाया गया है। इससे देश के करोड़ों किसानों को करीब 2 लाख करोड़ रुपए का फायदा होगा। बीते 100 दिन में सबके हित में ऐसे कई बड़े कदम उठाए गए हैं।

साथियों,

कोई भी देश, कोई भी राज्य तभी आगे बढ़ता है, जब उसके विकास में उसकी आधी आबादी यानि हमारी नारीशक्ति की बराबर भागीदारी होती है। इसलिए, महिलाओं की उन्नति, महिलाओं का बढ़ता सामर्थ्य, ये ओडिशा के विकास का मूलमंत्र होने वाला है। यहाँ तो भगवान जगन्नाथ जी के साथ देवी सुभद्रा की मौजूदगी भी हमें यही बताती है, यही सिखाती है। मैं यहां देवी सुभद्रा स्वरूपा सभी माताओं-बहनों-बेटियों को आदरपूर्वक नमन करता हूं। मुझे खुशी है कि भाजपा की नई सरकार ने अपने सबसे शुरुआती फैसलों में ही सुभद्रा योजना की सौगात हमारी माताओं-बहनों को दी है। इसका लाभ ओडिशा की 1 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को मिलेगा। इस योजना के तहत महिलाओं को कुल 50 हजार रुपए की राशि दी जाएगी। ये पैसा समय-समय पर आपको मिलता रहेगा। ये राशि सीधे माताओं-बहनों के बैंक खातों में भेजी जाएगी, बीच में कोई बिचौलिया नहीं, सीधा आपके पास। RBI की डिजिटल करेंसी के पायलट प्रोजेक्ट से भी इस योजना को जोड़ा गया है। इस डिजिटल करेंसी को आप सभी बहनें, जब मन आए डिजिटल तरीके से खर्च भी कर पाएंगी। देश में डिजिटल करेंसी की अपनी तरह की इस पहली योजना से जुड़ने के लिए मैं ओडिशा की माताओं, बहनों, बेटियां सभी महिलाओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। सुभद्रा जोजोना मा ओ भौउणी मानंकु सशक्त करू, मा सुभद्रांक निकट-रे एहा मोर प्रार्थना।

भाइयों-बहनों,

मुझे बताया गया है, सुभद्रा योजना को ओडिशा की हर माता-बहन-बेटी तक पहुंचाने के लिए पूरे प्रदेश में कई यात्राएं भी निकाली जा रही हैं। इसके लिए माताओं-बहनों को जागरूक किया जा रहा है। योजना से जुड़ी सारी जानकारी दी जा रही है। भारतीय जनता पार्टी के, भाजपा के लाखों कार्यकर्ता भी इस सेवा अभियान में पूरे जोर-शोर से जुटे हैं। मैं इस जनजागरण के लिए सरकार, प्रशासन के साथ-साथ भाजपा के विधायक, भाजपा के सांसद और भाजपा के लाखों पार्टी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

साथियों,

भारत में महिला सशक्तिकरण का एक और प्रतिबिंब है- प्रधानमंत्री आवास योजना। इस योजना के कारण छोटे से छोटे गाँव में भी अब संपत्ति महिलाओं के नाम होने लगी है। आज ही यहाँ देश भर के लगभग 30 लाख परिवारों का गृहप्रवेश करवाया गया है। अभी तीसरे कार्यकाल में हमारी सरकार के कुछ महीने ही हुए हैं, इतने कम समय में ही 15 लाख नए लाभार्थियों को आज स्वीकृति पत्र भी दे दिए गए हैं। 10 लाख से ज्यादा लाभार्थियों के बैंक खातों में पैसे भेजे गए हैं, ये शुभ काम भी हमने ओडिशा की, महाप्रभु की इस पवित्र धरती से किया है, और इसमें बड़ी संख्या में मेरे ओडिशा के गरीब परिवार भी शामिल हैं। जिन लाखों परिवारों को आज पक्का घर मिला है, या पक्का घर मिलना पक्का हुआ है, उनके लिए ये जीवन की नई शुरुआत है और पक्की शुरूआत है।

भाइयों-बहनों,

यहाँ आने से पहले मैं हमारे एक आदिवासी परिवार के गृहप्रवेश के कार्यक्रम में उनके घर भी गया था। उस परिवार को भी अपना नया पीएम आवास मिला है। उस परिवार की खुशी, उनके चेहरों का संतोष, मैं कभी नहीं भूल सकता। उस आदिवासी परिवार ने मुझे मेरी बहन ने खुशी से खीरी भी खिलाई! और जब मैं खीरी खा रहा था तो स्वाभाविक था कि मुझे मेरी मां की याद आना, क्योंकि जब मेरी मां जीवित थी तो मैं जन्मदिन पर हमेशा मां के आशीर्वाद लेने जाता था, और मां मेरे मुंह में गुड़ खिलाती थी। लेकिन मां तो नहीं है आज एक आदिवासी मां ने खीर खिलाकर मुझे जन्मदिन का आशीर्वाद दिया। ये अनुभव, ये अहसास मेरे पूरे जीवन की पूंजी है। गाँव-गरीब, दलित, वंचित, आदिवासी समाज के जीवन में आ रहा ये बदलाव, उनकी ये खुशियाँ ही मुझे और मेहनत करने की ऊर्जा देती हैं।

साथियों,

ओडिशा के पास वो सब कुछ है, जो एक विकसित राज्य के लिए जरूरी होता है। यहाँ के युवाओं की प्रतिभा, महिलाओं का सामर्थ्य, प्राकृतिक संसाधन, उद्योगों के लिए अवसर, पर्यटन की अपार संभावनाएं, क्या कुछ यहाँ नहीं है? पिछले 10 वर्षों में केवल केंद्र में रहते हुये ही हमने ये साबित किया है कि ओडिशा हमारे लिए कितनी बड़ी प्राथमिकता है। 10 वर्ष पहले केंद्र की तरफ से ओडिशा को जितना पैसा मिलता था, आज उससे तीन गुना ज्यादा पैसा मिलता है। मुझे खुशी है कि अब ओडिशा में वो योजनाएं भी लागू हो रही हैं, जो पहले लागू नहीं थीं। आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज का लाभ अब ओडिशा के लोगों को भी मिलेगा। और इतना ही नहीं, अब तो केंद्र सरकार ने 70 साल के ऊपर के बुजुर्ग के लिए भी 5 लाख रुपए का इलाज मुफ्त कर दिया है। आपकी आय चाहे कितनी ही हो, आपके घर में अगर 70 साल के ऊपर के बुजुर्ग हैं, उनकी उम्र 70 साल से ऊपर है तो उनके इलाज की चिंता मोदी करेगा। लोकसभा चुनाव के समय मोदी ने आपसे ये वायदा किया था और मोदी ने अपनी गारंटी पूरी करके दिखाई है।

साथियों,

गरीबी के खिलाफ भाजपा के अभियान का सबसे बड़ा लाभ ओडिशा में रहने वाले दलित, वंचित और आदिवासी समाज को मिला है। आदिवासी समाज के कल्याण के लिए अलग मंत्रालय बनाना हो, आदिवासी समाज को जड़-जंगल-जमीन के अधिकार देने की बात हो, आदिवासी युवाओं को शिक्षा और रोजगार के अवसर देना हो या ओडिशा की आदिवासी महिला को देश की माननीय राष्ट्रपति बनाना हो, ये काम पहली बार हमने किए हैं।

साथियों,

ओडिशा में कितने ही ऐसे आदिवासी इलाके, कितने ऐसे जनजातीय समूह थे, जो कई-कई पीढ़ियों तक विकास से वंचित थे। केंद्र सरकार ने जनजातियों में भी सबसे पिछड़ी जनजातियों के लिए पीएम जनमन योजना शुरू की है। ओडिशा में ऐसी 13 जनजातियों की पहचान की गई है। जनमन योजना के तहत सरकार इन सभी समाजों तक विकास योजनाओं का लाभ पहुंचा रही है। आदिवासी क्षेत्रों को सिकल सेल एनीमिया से मुक्त करने के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है। पिछले 3 महीने में इस अभियान के तहत 13 लाख से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की गई है।

भाइयों और बहनों,

आज हमारा देश पारंपरिक कौशल के संरक्षण पर भी अभूतपूर्व रूप से फोकस कर रहा है। हमारे यहां सैकड़ों-हजारों वर्षों से लोहार, कुम्हार, सुनार, मूर्तिकार जैसे काम करने वाले लोग रहे हैं। ऐसे 18 अलग-अलग पेशों को ध्यान में रखते हुए पिछले साल विश्वकर्मा दिवस पर विश्वकर्मा योजना शुरू की गई थी। इस योजना पर सरकार 13 हजार करोड़ रुपए खर्च कर रही है। अभी तक 20 लाख लोग इसमें रजिस्टर हो चुके हैं। इसके तहत विश्वकर्मा साथियों को ट्रेनिंग दी जा रही। आधुनिक औज़ार खरीदने के लिए हज़ारों रुपए दिए जा रहे हैं। साथ ही बिना गारंटी का सस्ता लोन बैंकों से दिया जा रहा है। गरीब के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा से लेकर सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा तक की ये गारंटी, उनके जीवन में आ रहे ये बदलाव, यही विकसित भारत की असली ताकत बनेंगे।

साथियों,

ओडिशा के पास इतना बड़ा समुद्री तट है। यहाँ इतनी खनिज सम्पदा है, इतनी प्राकृतिक सम्पदा है। हमें इन संसाधनों को ओडिशा का सामर्थ्य बनाना है। अगले 5 साल में हम ओडिशा को रोड और रेलवे की कनेक्टिविटी को नई ऊंचाई पर लेकर जाना है। आज भी, यहाँ रेल और रोड से जुड़ी कई परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया है। आज मुझे लांजीगढ़ रोड-अंबोदला-डोइकालू रेल लाइन देश को समर्पित करने का सौभाग्य मिला है। लक्ष्मीपुर रोड-सिंगाराम-टिकरी रेल लाइन भी आज देश को समर्पित की जा रही है। इसके साथ ही ढेंकनाल-सदाशिवपुर-हिंडोल रोड रेल लाइन भी राष्ट्र को समर्पित किया जा रहा है। पारादीप से कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए भी आज काफी काम शुरू हुए हैं। मुझे जयपुर-नवरंगपुर नई रेलवे लाइन की आधारशिला रखने का सौभाग्य भी मिला है। इन प्रोजेक्ट्स से ओडिशा के युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार के नए अवसर तैयार होंगे। वो दिन दूर नहीं जब पुरी से कोणार्क रेलवे लाइन पर भी तेजी से काम शुरू होगा। हाइटेक ‘नमो भारत रैपिड रेल’ भी बहुत जल्द ही ओडिशा को मिलने वाली है। ये आधुनिक इनफ्रास्ट्रक्चर ओडिशा के लिए संभावनाओं के नए द्वार खोलेगा।

साथियों,

आज 17 सितंबर को देश हैदराबाद मुक्ति दिवस भी मना रहा है। आज़ादी के बाद हमारा देश जिन हालातों में था, विदेशी ताक़तें जिस तरह देश को कई टुकड़ों में तोड़ना चाहती थीं। अवसरवादी लोग जिस तरह सत्ता के लिए देश के टुकड़े-टुकड़े करने के लिए तैयार हो गए थे। उन हालातों में सरदार पटेल सामने आए। उन्होंने असाधारण इच्छाशक्ति दिखाकर देश को एक किया। हैदराबाद में भारत-विरोधी कट्टरपंथी ताकतों पर नकेल कसकर 17 सिंतबर को हैदराबाद को मुक्त कराया गया। इसलिए हैदराबाद मुक्ति दिवस, ये केवल एक तारीख नहीं है। ये देश की अखंडता के लिए, राष्ट्र के प्रति हमारे दायित्वों के लिए एक प्रेरणा भी है।

साथियों,

आज के इस अहम दिन हमें उन चुनौतियों पर भी ध्यान देना है जो देश को पीछे धकेलने में जुटी हैं। आज जब हम गणपति बप्पा को विदाई दे रहे हैं तो मैं एक विषय इसी से जुड़ा उठा रहा हूं। गणेश उत्सव, हमारे देश के लिए केवल एक आस्था का पर्व ही नहीं है। गणेश उत्सव ने हमारे देश की आज़ादी में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। जब सत्ता की भूख में अंग्रेज़ देश को बांटने में लगे थे। देश को जातियों के नाम पर लड़वाना, समाज में जहर घोलना, ‘बांटो और राज करो’, ये अंग्रेजों का हथियार बन गया था, तब लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के जरिए भारत की आत्मा को जगाया था। ऊंच-नीच, भेदभाव, जात-पात, इन सबसे ऊपर उठकर हमारा धर्म हमें जोड़ना सिखाता है, गणेश उत्सव इसका प्रतीक बन गया था। आज भी, जब गणेश उत्सव होता है, हर कोई उसमें शामिल होता है। कोई भेद नहीं, कोई फर्क नहीं, पूरा समाज एक शक्ति बनकर के, एक सामर्थ्यवान बनकर के खड़ा होता है।

भाइयों और बहनों,

‘बांटो और राज करो’ की नीति पर चलने वाले अंग्रेजों की नज़रों में उस समय भी ‘गणेश उत्सव’ खटकता था। आज भी, समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा काँग्रेस और उसके ecosystem के लोग पिछले कुछ दिनों से इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणपति पूजन में हिस्सा लिया था। और तो और कर्नाटक में, जहां इनकी सरकार है, वहाँ तो इन लोगों ने और भी बड़ा अपराध किया। इन लोगों ने भगवान गणेश की प्रतिमा को ही सलाखों के पीछे डाल दिया। पूरा देश उन तस्वीरों से विचलित हो गया। ये नफरत भरी सोच, समाज में जहर घोलने की ये मानसिकता, ये हमारे देश के लिए बहुत खतरनाक है। इसलिए ऐसी नफरती ताकतों को हमें आगे नहीं बढ़ने देना है।

साथियों,

हमें साथ मिलकर अभी कई बड़े मुकाम हासिल करने हैं। हमें ओडिशा को, अपने देश को, सफलता की नई ऊंचाइयों पर लेकर जाना है। ओड़िसा बासींकरो समर्थनो पाँईं मूँ चीरअ रुणी, मोदी-रो आस्सा, सारा भारत कोहिबो, सुन्ना-रो ओड़िसा। मुझे विश्वास है, विकास की ये रफ्तार आने वाले समय में और तेज होगी। मैं एक बार फिर आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। मेरे साथ बोलिए-

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

बहुत-बहुत धन्यवाद।