भारत माता की जय, भारत माता की जय...

मंच पर विराजमान उत्तरप्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्‍यक्ष श्रीमान लक्ष्‍मीकांत वाजपेयी जी, हमारी पार्टी के वरिष्‍ठ नेता आदरणीय कल्‍याण सिंह जी, श्रीमान लालजी टंडन जी, श्री कलराज मिश्र जी, श्री रमापति जी, भाई अशोक प्रधान जी, विनय कटियार जी, श्रीमान अमित भाई शाह, रामेश्वर चौरसिया, श्री रावत, पार्टी के सभी वरिष्‍ठ नेतागण और यहां उपस्थित दूर-दूर से भारी संख्‍या में आई जनता का अभिनंदन... जहां नजर फैलाइए, सिर ही सिर नजर आ रहे हैं..!

भाईयों-बहनों, मुझे ऐसा लग रहा है कि जैसे उत्तर प्रदेश ने अंदरूनी स्‍पर्धा का कार्यक्रम तय किया है। कानपुर अपना रूतबा दिखाएं तो झांसी कैसे पीछे रह जाएं, तो झांसी ने दिखाया, लेकिन फिर बहराइच वाले आगे निकल गए और आज आगरा ने सबको मात दे दी है..! मित्रों, कुछ अनिवार्य कारणों की वजह से मेरे पहुंचने के कार्यक्रम में बदलाव हुआ और परिणामस्‍वरूप तीन घंटे तक इस कड़ी धूप में आप सभी को इंतजार करना पड़ा, इसके लिए मैं आप सभी से क्षमा चाहता हूं..!

भाईयों-बहनों, ये आगरा की भूमि अनेक ऐतिहासिक कारणों से जानी जाती है। लेकिन जब आज हम दुनिया में हिंदुस्‍तान की ब्रांडिग करते हैं, भारत की भिन्‍न-भिन्‍न ताकतों का परिचय करवाते हैं तो उसमें सबसे पहले विश्व के सामने आगरा का ताजमहल प्रस्‍तुत करते हैं। दुनिया में जिन लोगों को टूरिज्‍म का शौक रहता है, विश्व को जानने और समझने की इच्‍छा रहती है, वो लोग आगरा आना जरूर पसंद करते हैं। मित्रों, सारे विश्व में टूरिज्‍म का उपयोग, सर्विस सेक्‍टर इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि एक अनुमान के अनुसार निकट भविष्‍य में टूरिज्‍म का बिजनेस थ्री ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचेगा..! पूरे विश्व में टूरिज्‍म का इतना बड़ा बिजनेस होगा, लेकिन क्‍या वह बिजनेस आगरा को नसीब होगा..? क्‍या आगरा के भाग्‍य में कुछ आएगा..? आपको लगता है कि कुछ आएगा..? मुझे नहीं लगता है कि कुछ आएगा..! इसका कारण है कि दिल्‍ली में बैठी हुई सरकार की सोच में गड़बड़ है। कौन से काम को प्रा‍थमिकता देना चाहिए, इसमें वह निर्णय नहीं कर पाते हैं। अगर टूरिज्‍म में इतनी बड़ी संभावनाएं पड़ी हैं, आगरा का ताजमहल विश्व भर में जाना माना है, तो क्‍या ये लोग आगरा में एक अच्‍छा एयरपोर्ट नहीं बना सकते..? क्‍या आगरा में ऐसा प्रबंध नहीं हो सकता है कि विश्व भर के टूरिस्‍ट यहां पहुंचे..? लेकिन अगर उनका कोई मंत्री कहीं से आ जाए, तो छोटा सा गांव हो तो भी वहां एयरपोर्ट बना देते हैं, लेकिन आगरा में नहीं बनाते, जो विश्व भर के टूरिस्‍टों को आकर्षित करने का सामर्थ्‍य रखता है और उस आगरा के प्रति अन्‍याय किया जाता है, उपेक्षा की जाती है। भाईयों-बहनों, आप केंद्र को बोलिए, तो वह कहते हैं कि राज्‍य की जिम्‍मेदारी है, राज्‍य को कहो, तो बोलते है केंद्र की जिम्‍मेदारी है। राज्‍य वाले कहते है यहां करो, केंद्र वाले कहते है वहां करो, पर करता कोई भी नहीं है..!

भाईयों-बहनों, हम यमुना के पास हैं, लेकिन आगरा को पीने का शुद्ध पानी नहीं उपलब्‍ध होता है। आजादी के 60 साल बीत चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद भी आगरा जैसे नगर को, जिसके निकट यमुना जी हो, पर उसे पीने का शुद्ध पानी नहीं मिलता हो, तो उसका कारण लखनऊ में बैठे हुए शासक हैं, जिनको यह समझ नहीं है कि सामान्‍य मानवी की आवश्‍यकताओं की पूर्ति के लिए क्‍या करना चाहिए, और इसका नतीजा यह है कि आप तक शुद्ध पानी नहीं पहुंच रहा है..! मित्रों, मेरे गुजरात के हाल बहुत खस्‍ता थे। मेरे यहां नदियां नहीं हैं, आपके यहां तो ढ़ेर सारी नदियां हैं, मेरे पास अकेली एक नर्मदा मैय्या है। लेकिन हमने पाइप लाइन डाली, पाकिस्‍तान की सीमा पर जहां हिंदुस्‍तान की सेना के जवान तैनात हैं, वहां तक नर्मदा का शुद्ध पानी पहुंचाया, रेगिस्‍तान में भी पानी पहुंचाया और दुनिया की सबसे लम्‍बी पाइन लाइन लगाई। और उस पाइन लाइन की साइज इतनी बड़ी है कि हमारे मित्र भाई अखिलेश मारूती कार में पूरे परिवार के साथ बैठकर उस पाइन लाइन के अंदर गाड़ी चला सकते हैं..! इतने बड़े पाइप में हम नर्मदा का पानी ले जाते हैं और 9000 गांवों में पीने का शुद्ध पानी पहुंचाते हैं। क्‍या यहां ऐसा हो सकता है या नहीं..? उन्‍हे यहां ऐसा करना चाहिए या नहीं..? आजकल कई पॉलिटिकल पंडित मुझे सवाल पूछते रहते हैं कि मोदी जी, क्‍या ये गुजरात का मॉडल कहीं और काम आएगा..? मित्रों, अब आप मुझे बताइए कि लोगों तक पानी पहुंचना चाहिए या नहीं..? शुद्ध पानी मिलना चाहिए या नहीं..? अरे भाईयां, हमने पाइप लाइन डाली है, आप कैनाल ही बनवा दो, कुछ तो करो..! जो लोग मॉडल की चर्चा को विवादों में डाल रहे हैं, उनसे मेरा सवाल है कि आप अपने इलाके की अनुकूलता के अनुसार जनता की भलाई के लिए ऐसी नीतियां क्‍यों नहीं बनाते हैं, योजनाएं क्‍यों नहीं बनाते हैं, क्‍यों योजनाओं को लागू नहीं करते हो..?

यहां के गांवों का किसान आलू की खेती करता है। लेकिन जब आलू की फसल बढ़ जाती है, वर्ष अगर अच्‍छा जाता है, आलू की पैदावार ज्‍यादा हो जाती है तो दाम गिर जाते हैं और किसान मर जाता है, और कभी आलू की फसल कम हुई तो भी किसान मर जाता है..! क्‍या समय की मांग नहीं है कि आज हम, हमारे देश में हमारा किसान जो पैदावार करता है, उसके वैल्यू एडिशन पर बल दें, मूल्‍य वृद्धि पर बल दें..? अगर आप आलू बेचें तो कम पैसों में जाता है, लेकिन अगर पोटेटो चिप्‍स बनाकर बेचते हो, तो पैसे ज्‍यादा मिलते हैं..!

भाईयों-बहनों, मेरे यहां बनासकांठा जिला है, जहां आलू की खेती होती है, वहां हमने दो चीजों पर बल दिया, और पूरे विश्व में प्रति हेक्‍टेयर सबसे ज्‍यादा आलू पैदा करने का काम मेरे गुजरात के किसान ने करके दिखाया..! एक तरफ पैदावार बढ़े और दूसरी तरफ मूल्‍य मिलें और तीसरा वहां मूल्‍य वृद्धि के लिए प्रोसेसिंग की व्‍यवस्‍था हो, ताकि मेरा किसान सुखी और समृद्ध हो..! मित्रों, लेकिन दिल्‍ली में बैठी कांग्रेस पार्टी को देश के विकास में कोई रूचि नहीं है, उन्‍हे भारत के भाग्‍य को बदलने में कोई रूचि नहीं है। ये सब उनकी प्राथमिकता नहीं है, इसके पीछे एक कारण है कि वह वोट बैंक की राजनीति के आदी हैं..! वोट बैंक की राजनीति के आदी होने के कारण, जोड़-तोड़ की राजनीति करना, 25% लोगों को इक्‍ट्ठा कर लेना, 75% लोगों को निगलेक्‍ट करना और सिर्फ 25% लोगों के लिए खेल खेलते रहना, बाकी के 75% लोगों के साथ अन्‍याय करना, यही कांग्रेस पार्टी का कारनामा रहा है..!

भाईयों-बहनों, कांग्रेस पार्टी स्‍वभाव से विघटनकारी पार्टी है, विभाजन करने वाली पार्टी है, विभाजन करो और राज करो, बांटो और राज करो, यही कांग्रेस पार्टी का स्‍वभाव है। पूरा देश जब आजादी के लिए लड़ाई लड़ रहा था, तब उन्‍होने देश का विभाजन किया, तुष्टिकरण की राजनीति के लिए उन्हों ने वंदेमातरम् का भी दो टुकड़ों में विभाजन कर दिया, हिंदुस्‍तान में दो-दो कानून लगा दिए, कश्‍मीर में अलग कानून और बाकी के देश में अलग कानून..! एक राज्‍य को दूसरे राज्‍य के साथ लड़ा देना, पानी के मुद्दों को लटकाएं रखना, कभी भाषा के नाम पर राज्‍यों का बंटवारा करना, कभी उत्तर-दक्षिण का बंटवारा करना, कभी गांव और शहर का बंटवारा करना... मित्रों, यही कारनामे कांग्रेस पार्टी के स्‍वभाव में रहे हैं और यही आदत छोटी-छोटी पार्टियों को भी लग गई..! कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति के और दल भी सीखने लग गए। सपा ने भी कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति को चुराया, बसपा ने भी कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति को चुराया और ये दोनों कांग्रेस से सवाये सिद्ध हो गए..! इन दोनों ने कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति चुराकर उसमें अपना रंग भर दिया, अपना खेल जोड़ दिया, और इसका परिणाम यह आया कि वोट बैंक की राजनीति में कौन आगे निकले इसकी स्‍पर्धा होने लगी..! इस तरह वोट बैंक की राजनीति में कभी सपा आगे तो कभी बसपा आगे, लेकिन कभी कांग्रेस कोशिश करती है, लेकिन यह कांग्रेस के पाप का परिणाम है कि देश में सपा और बसपा जैसे लोग पैदा हुए हैं..!

भाईयों-बहनों, इस वोट बैंक की राजनीति ने देश को तबाह करके रखा है। आज समय की मांग है कि विकास की राजनीति की जाए। आज हिंदुस्तान में अकेली भारतीय जनता पार्टी ऐसी है जो राष्‍ट्रवाद के आधार पर चल रही है, जोड़ने की राजनीति कर रही है। हम जितनी जल्‍दी तोड़ने वालों को हटाएंगे, उतनी ही जल्‍दी देश का भाग्‍य उज्‍जवल होगा, इसलिए हिंदुस्‍तान की राजनीति में एक मात्र भारतीय जनता पार्टी, वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठकर के सिर्फ विकास की राजनीति का वादा करने आई है। मित्रों, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, अपने गुजरात के अनुभव से कहता हूं कि अगर हम देश में विकास की राजनीति के पहलू को लेकर चलें, तो जातिवाद का ज़हर खत्‍म हो जाएगा, ये सम्‍प्रदाय के झगड़े भी खत्‍म हो जाएंगे, ये परिवारवाद भी खत्‍म हो जाएगा और समाज के सभी लोगों का कल्‍याण होगा..!

भाईयों-बहनों, दलित हो, पीडि़त हो, शोषित हो, किसान हो, गांव का गरीब हो, हर एक को अवसर मिलना चाहिए, उसको मौका मिलना चाहिए। आज हिंदुस्‍तान दुनिया का सबसे युवा देश है, 65% जनसंख्‍या 35 साल से कम उम्र की है, लेकिन देश के नौजवान बेरोजगार बैठे हैं। दिल्‍ली में बैठी हुई कांग्रेस की सरकार ने वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनेगी, तो वह हर वर्ष 1 करोड़ नौजवानों को रोजगार देगें..! मित्रों, मुझे जबाव दीजिए, कांग्रेस ने जो वादा लोकसभा चुनावों में किया था, क्‍या उन लोगों ने वह वादा निभाया..? क्‍या आपमें से किसी को दिल्‍ली सरकार ने नौकरी दी है, क्‍या आपमें से किसी को दिल्‍ली सरकार ने रोजगार दिया है..? अरे, रोजगार देने की बात तो छोडिए, उन्‍होने तो आगरा में तो सारे कारखानों में ताला लगा दिया, यहां के नौजवानों का रोजगार छीन लिया है..!

भाईयों-बहनों, मेरे गुजरात में उत्तर प्रदेश के हर जिले के लोग रहते हैं, लेकिन आगरा से बहुत कम आते हैं। इन दिनों मैं देख रहा हूं कि इस इलाके से भी बहुत बड़ी मात्रा में नौजवान गुजरात आते हैं, तो मैने पूछा कि भाई क्‍या हाल हुआ, क्‍या बात हो गई, आगरा भी क्‍यों छोड़ना पड़ रहा है..? उन्‍होने कहा कि वहां जीना भी मुश्किल है और रोज का गुजारा करना भी मुश्किल है..! मित्रों, आज देश के नौजवान को रोजी-रोटी के लिए अपना गांव छोड़ना पड़े, घर छोड़ना पड़े, अपना परिवार छोड़ना पड़े, ये बहुत दुखद है..! आखिर कब तक देश के नौजवान को रोजगार के लिए अपना गांव छोड़ना पड़ेगा, घर छोड़ना पडेगा..? इसलिए मैं आपसे कहने आया हूं कि अगर हमारे देश का विकास नहीं होगा तो हमारे गांव, गरीब, किसान के बेटे को अपना गांव, घर छोड़ना पड़ेगा, वो कहां-कहां भटकेगा..? हमारे नौजवान को रोजगार चाहिए, रोजगार के लिए उद्योग लगाने पड़ेंगे, कृषि के अंदर विकास करना पड़ेगा, सर्विस सेक्‍टर को बढ़ावा देना पड़ेगा, लेकिन दिल्‍ली की सरकार को लकवा मार गया है..!

भाईयों-बहनों, आज आपके यहां उत्तर प्रदेश में क्‍या सभी को बिजली मिलती है..? यहां इतना पानी है, उसके बावजूद भी आपको बिजली नहीं मिल रही है, दो, चार, छ: घंटे की बिजली से आपको गुजारा करना पड़ रहा है। मां बीमार है, लेकिन पंखा नहीं चल रहा, बेटे के एक्‍जाम है, वह रात को पढ़ना चाहता है लेकिन बिजली गुल है, घर में बेटे की शादी हुई है, नई-नई बहू आई है, नया टीवी सेट लाई है, लेकिन जब उसे ‘सास भी कभी बहू थी’ देखने का मन हो, पर टीवी नहीं चलता, क्‍योंकि बिजली नहीं है..! लेकिन क्या कारण है कि पूरे उत्तर प्रदेश में तो बिजली नहीं है, लेकिन यहां कुछ खासम-खास लोग हैं, जिनके यहां तो 24 घंटे बिजली चलती रहती है, आखिर क्‍यूं..? आखिर ये भेदभाव, ये अन्‍याय क्‍यूं..? मित्रों, इसका कारण समझिए, देश में आज 20,000 मेगावॉट से ज्‍यादा बिजली पैदा करने वाले कारखाने बंद पड़े हैं। कारखाने लगे हुए हैं, स्‍वीच ऑन करते ही बिजली पैदा की जा सकती है, लेकिन इन्‍हे चलाया नहीं जा रहा है क्‍योंकि कोयला नहीं है, कोयला क्‍यों नहीं है, क्‍योंकि कोयला चोरी कर लिया गया..! मित्रों, क्‍या आप लोगों ने कभी कोयले को घर के अंदर ताले में रखा है..? क्‍या आपके घर के बाहर ही कोयला पड़ा रहता है..? क्‍या कभी कोयले की चोरी होती है..? कितना भी बड़ा बदमाश चोर हो, क्‍या कोई कोयले को हाथ लगाता है..? लेकिन दिल्‍ली में ऐसी सरकार बैठी है कि वो कोयला ही खा गई..! उसके बाद, जब सुप्रीम कोर्ट ने डंडा मारा, जांच शुरू हुई तो कह दिया कि फाइल खो गई..! आप सुप्रीम कोर्ट के सामने कह देते हैं कि फाइल खो गई है लेकिन पूरा देश कह रहा है कि पूरी की पूरी सरकार ही खो गई है..! इतना ही नहीं, आपकी तो सिर्फ फाइल खो गई है, हमारी तो लाइफ खो गई है..!

भाईयों-बहनों, आज हिंदुस्तान में भ्रष्‍टाचार की जो स्थिति है उसमें सबसे दुख:द बात यह है कि कांग्रेस के नेताओं को इसकी कोई परवाह नहीं है, इनको चिंता नहीं है, इन्‍हे लगता है कि राजनीति में तो ऐसा ही चलता है, भ्रष्‍टाचार तो पहले भी हुए थे, फिर भी लोगों ने चुनाव जीता दिया था, फिर सरकार बना दी, एक बार फिर बना देगें..! मित्रों, क्‍या अब आप भ्रष्‍टाचारियों को माफ करेंगे..? क्‍या उन्‍हे सजा देगें..? कड़ी सजा दोगे..? इन भ्रष्‍टाचारियों का मज़ा देखिए, आपके उत्तर प्रदेश के एक मंत्री एक एनजीओ चलाते थे और उन पर 70 लाख रूपया गबन करने का आरोप लगा। एक टीवी चैनल वाले ने बीड़ा उठाया और दिखाया कि गरीबों, अपंगों और बेसहारा लोगों को मदद करने वाले एनजीओ ने 70 लाख का गबन किया है, यह नाममात्र का एनजीओ है जो सारे पैसे खा जाता है..! उत्तरप्रदेश के ही कांग्रेस की केंद्र सरकार के दूसरे मंत्री से इस बारे में जब पूछा गया कि 70 लाख के गबन का आरोप लगा है, इस बारे में आपका क्‍या कहना है..? तो वह बोले ये नहीं हो सकता है, उन पर 70 लाख के गबन का आरोप सही नहीं हो सकता, अगर 70 करोड़ का हो तो यह बात गले उतरेगी..! उन्‍ही की सरकार का दूसरा मंत्री ऐसा जबाव दे रहा है कि 70 लाख कोई चीज नहीं होती, 70 करोड़ की बात होती तो मैं मान लेता कि शायद मेरा मंत्री होगा..!

भाईयों-बहनों, आप कल्‍पना कीजिए, ये लोग कितनी मोटी चमड़ी के हो गए हैं कि इनको जरा भी परवाह नहीं है और इसका कारण यह है कि वह हिंदुस्‍तान की जनता को शक्ति रूप में स्‍वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। वे ऐसा मानते हैं कि देश की जनता उनकी जेब में है, उनका अहंकार सांतवे आसमान पर पहुंचा हुआ है, उनको जनता जर्नादन की परवाह नहीं है, उनको जनता के सुख-दुख की परवाह नहीं है, उनके ऐसे कारनामे करने की आदत के कारण आज देश पिछड़ रहा है। मित्रों, कांग्रेस पार्टी का अहंकार, परिवारवाद, वंशवाद देश की पूरी राजनीति को दीमक की तरह खाए जा रहा है, देश को खाए जा रहा है..!

भाईयों-बहनों, सवाल सत्ता पर बैठने या न बैठने की लड़ाई का नहीं है, सवाल ये है कि ये देश कैसे बचे, हमारी भावी पीढ़ी के लिए देश कैसे बचे, कैसे सलामत रहे..! हमारा आज तो बर्बाद हो चुका है, लेकिन क्‍या आने वाला कल बर्बाद करना है..? हमारे आज को बर्बाद करने वाले को क्‍या कल भी बर्बाद करने देना है..? अगर आप अपना कल बचाना चाहते हो, तो कांग्रेस, सपा और बसपा के घेरे से मुक्ति की जरूरत है, देश को उनसे मुक्‍त करने की जरूरत है। मेरा मानना है कि जब तक हम देश को उनसे मुक्‍त नहीं करेगें, तब तक हम परिवर्तन नहीं ला सकते हैं..!

भाईयों-बहनों, आप इतनी बड़ी संख्‍या में आएं, आप लोगों ने इतना समर्थन किया, मैं आप सभी का बहुत-बहुत आभारी हूं..! मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूं कि भारतीय जनता पार्टी विकास के मंत्र को लेकर के आपके जीवन में बदलाव लाने के लिए, आपके बेटों की जिंदगी में सुधार लाने के लिए, गांव-गरीब आदमी की चिंता करने के लिए, महंगाई से मुक्ति दिलाने के लिए हम आपका साथ, समर्थन और सहयोग चाहते हैं। ये देश गरीब नहीं है, ये देश नई ऊंचाईयों को पार कर सकता है, लेकिन दुर्भाग्य से हमें सरकारें ऐसी मिली, जिन्‍होने देश को तबाह कर दिया। अटल जी को थोड़ा सा कालखंड मिला था, लेकिन उस छोटे कालखंड में ही उन्‍होने देश को ऐसी ऊंचाईयों पर पहुंचा दिया, जिस पर आज भी देश गर्व करता है और आने वाले दिनों में भारतीय जनता पार्टी भी देश को नई ऊंचाईयों पर ले जा सकती है..!

अब आप सभी मेरे साथ दोनों मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से बोलिए,

भारत माता की जय..! भारत माता की जय..!

आप सभी का बहुत-बहुत धन्‍यवाद..!

Explore More
৭৮ তম স্বাধীনতা দিবস উপলক্ষ্যে নয়াদিল্লির লালকেল্লার প্রাকার থেকে প্রধানমন্ত্রীর ভাষণ ১৫ই আগস্ট , ২০২৪

জনপ্রিয় ভাষণ

৭৮ তম স্বাধীনতা দিবস উপলক্ষ্যে নয়াদিল্লির লালকেল্লার প্রাকার থেকে প্রধানমন্ত্রীর ভাষণ ১৫ই আগস্ট , ২০২৪
Average income of rural households up 58% between 2016-17 & 2021-22: Survey

Media Coverage

Average income of rural households up 58% between 2016-17 & 2021-22: Survey
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
East Asia Summit is a key pillar of India’s Act East Policy: PM Modi in Vientiane
October 11, 2024

Your Majesty,

Excellencies,

NAMASKAR.

First of all, I express my deep condolences to those affected by "Typhoon Yagi."

During this challenging time, we have provided humanitarian assistance through Operation Sadbhav.

Friends,

India has consistently supported the unity and centrality of ASEAN. ASEAN is also pivotal to India's Indo-Pacific vision and Quad cooperation. There are important similarities between India’s "Indo-Pacific Oceans Initiative" and the "ASEAN Outlook on Indo-Pacific." A free, open, inclusive, prosperous, and rules-based Indo-Pacific is crucial for the peace and progress of the entire region.

The peace, security, and stability in the South China Sea are in the interest of the entire Indo-Pacific region.

We believe that maritime activities should be conducted in accordance with UNCLOS. Ensuring freedom of navigation and airspace is essential. A robust and effective Code of Conduct should be developed. And, it should not impose restrictions on the foreign policies of regional countries.

Our approach should focus on development and not expansionism.

Friends,

We endorse ASEAN's approach to the situation in Myanmar and support the Five-Point Consensus. Furthermore, we believe it is crucial to sustain humanitarian assistance and implement suitable measures for the restoration of democracy. We believe that, Myanmar should be engaged rather than isolated in this process.

As a neighbouring country, India will continue to uphold its responsibilities.

Friends,

The most negatively affected countries, due to ongoing conflicts in various parts of the world, are those from the Global South. There is a collective desire for the restoration of peace and stability in regions such as Eurasia and the Middle East as soon as possible.

I come from the land of Buddha, and I have repeatedly stated that this is not the age of war. Solutions to problems cannot be found in the battlefield.

It is essential to respect sovereignty, territorial integrity, and international laws. With a humanitarian perspective, we must place a strong emphasis on dialogue and diplomacy

In fulfilling its responsibilities as a VISHWABANDHU, India will continue to make every effort to contribute in this direction.

Terrorism also poses a serious challenge to global peace and security. To combat it, forces that believe in humanity must come together and work in tandem.

And, we must strengthen mutual cooperation in the areas of cyber, maritime, and space.

Friends,

The revival of Nalanda was a commitment we made at the East Asia Summit. This June, we fulfilled that commitment by inaugurating the new campus of Nalanda University. I invite all the countries present here to participate in the 'Heads of Higher Education Conclave' to be held at Nalanda.

Friends,

The East Asia Summit is a key pillar of India’s Act East Policy.

I extend my heartfelt congratulations to Prime Minister Sonexay Siphandone for the excellent organisation of today's summit.

I extend my best wishes to Malaysia as the next Chair and assure them of India's full support for a successful presidency.

Thank you very much.