QuoteIndia will give a befitting reply to the perpetrators of the Pulwama terror attack: PM Modi
QuoteDefence corridor in Bundelkhand will be a boon for the region: PM Modi
QuoteGuided by the mantra of 'Sabka Saath, Sabka Vikas', we are moving ahead on the path of development: PM Modi in Jhansi

मेरे प्‍यारे भाइयों और बहनों,

आज देश बहुत ही उद्वेलित और दुखी है। यहां आए आप सभी की भावनाओं को भी मैं भलीभांति समझ पा रहा हूं। पुलवामा में आतंकियों ने जो हमला किया है, उससे हर भारतीय आक्रोश में है। हमारे वीर जवानों ने देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी है, उनका बलिदान व्‍यर्थ नहीं जाएगा। ये भरोसा झांसी की धरती से, वीरों और वीरांगनाओं की धरती से  मैं 130 करोड़ हिंदुस्‍तानवासियों को देना चाहता हूं।

हमारे सुरक्षा बलों का शौर्य, उनका पराक्रम देश ने देखा है और हमारे देश में कोई ऐसा नहीं हो सकता जिसे हमारी सेना के शौर्य और सामर्थ्‍य पर रत्ती भर भी शक हो। देश को उनके सामर्थ्‍य और शौर्यपर बहुत-बहुत भरोसा है।

और मेरे प्‍यारे देशवासियों, यहां आशीर्वाद देने के लिए आए हुए मेरे प्‍यारे भाइयों-बहनों, सुरक्षाबलों के लिए आगे की कार्रवाई तय करने के लिए समय क्‍या हो, स्‍थान क्‍या हो, स्‍वरूप क्‍या हो, वो सारे फैसले करने के लिए इजाजत दे दी गई है। पुलवामा हमले के गुनहगार, पुलवामा हमले के साजिशकर्ताओं को उनके किये की सजा जरूर मिलेगी। हमारा पड़ोसी देश ये भूल रहा है कि ये नई नीति और नई रीति वाला भारत है। आतंकी संगठनों और उनके आकाओं ने जो हैवानियत दिखाई है, उसका पूरा हिसाब किया जाएगा।

साथियों, हमारा पड़़ोसी देश इस समय आर्थिक बदहाली से बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है। वो अब इस समय इतना अलग-थलग है, उसकी हालत इतनी खराब कर दी गई है कि बड़े-बड़े देश उससे दूरी बनाने लगे हैं। उसके लिए अपना रोजमर्रा का खर्चा तक चलाना मुश्किल हो गया है। वो कटोरा ले करके घूम रहा है, लेकिन, आज दुनिया, दुनिया से उसे आसानी से मदद भी नहीं मिल पा रही है। बदहाली के इस दौर में वो भारत पर इस तरह के हमले करके, पुलवामा जैसी तबाही मचाकर, वो सोचता है कि भारत भी बदहाल हो जाएगा तो हमारे उस दुश्‍मन, पाकिस्‍तान में बैठे हुए लोग ये भलीभांति समझ लें- आपने जो रास्‍ता अपनाया है, आपने अपनी बर्बादी देखी है। हमने जो रास्‍ता अपनाया है, हमारी दिन दोगुना, रात चार गुना उन्‍नति भी दुनिया देख रही है।

भाइयों-बहनों, हमारे पड़ोसी उसके इस मंसूबे का, देश के 130 करोड़ लोग मिल करके जवाब देंगे, मुंहतोड़ जवाब देंगे।

साथियों, आज विश्‍व के बड़े-बड़े देश भारत के साथ खड़े हैं, भारत की भावनाओं का समर्थन कर रहे हैं। मेरे पास जो संदेश आ रहे हैं, उनसे पता चल रहा है कि वो भी उतने ही दुखी हैं, उतने ही गुस्‍से में हैं। पूरी विश्‍व-बिरादरी आतंक के इन सरपरस्तों को खत्‍म करने के पक्ष में है।

साथियों, वीर बेटियों और वीर बेटों की ये धरती जानती है कि दुश्‍मन चाहे जितनी भी साजिश करे, उसका मुकाबला कैसे करना है। ये धरती गवाह है कि मां भारती की रक्षा, उसकी संतानों की रक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है।

साथियों, ये धरती मणिकर्णिका के शौर्य की भूमि है, जिन्‍होंने झांसी की रानी के रूप में देश की आजादी के आंदोलन को नया जोश, नई प्रेरणा दी। मणिकर्णिका काशी की बेटी थी और मेरा सौभाग्‍य है कि वहां के लोगों ने, काशी ने, मुझे अपना सांसद बनाया है; और इसलिए उनकी जन्‍मभूमि, मेरी कर्मभूमि अपने-आप बुंदेलखंड से एक विशेष स्‍नेह से भी मुझे जोड़ देती है। बुदेलखंड नेराष्‍ट्र भक्ति से लेकर, देश की आस्‍था तक, हर पल एक नई ऊंचाई देने वाली ये धरती है। मुझे याद है कि जब मैं पहले आपके बीच आया था, तब आपसे वादा किया था कि जो स्‍नेह आप मुझे दे रहे हैं, उसको मैं ब्‍याज समेत लौटाऊंगा। आपको याद है ना? मैंने ऐसा कहा था, आपको याद है ना? ब्‍याज समेत लौटाऊंगा, ऐसा कहा था मैंने, याद है ना? हम वादा निभाने वाले व्‍यक्ति हैं। इरादे ले करके निकलते हैं, इरादे पूरे करके रुकते हैं।

बीते साढ़े चार वर्ष से केन्‍द्र सरकार इस काम में निरन्‍तर जुटी हुई है और यहां भाजपा सरकार बनने के बाद विकास की गति योगी जी के नेतृत्‍व में, राज्‍य की उनकी पूरी टीम ने विकास की गति को और तेज कर दिया है।

साथियों, विकास की पंचधारा यानी बच्‍चों की पढ़ाई, युवा को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसानों को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई के लिए भाजपा की सरकारें काम कर रही हैं। इसी लक्ष्‍य पर आगे बढ़ते हुए अभी-अभी हमने बुंदेलखंड और यूपी के विकास से जुड़े लगभग 20 हजार करोड़ रुपये के विकास कार्यों का शिलान्‍यास और लोकार्पण किया है। इसमें सुरक्षा, रोजगार, रेल, बिजली, पानी; ऐसे अनेक प्रोजेक्‍ट जुड़े हुए हैं।

भाइयों और बहनों, अब बुंदेलखंड को देश की सुरक्षा और विकास का कॉरिडोर बनाने का अभियान शुरू हो चुका है। झांसी से आगरा तक बन रहा ये defence corridor देश को सशक्‍त करने के साथ ही बुंदेलखंड और उत्‍तर प्रदेश के युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी उपलब्‍ध कराने वाला है। देश और दुनिया के बड़े-बड़े निवेशकों ने यहां उद्योग लगाने के लिए रुचि दिखाई है।

मुझे बताया गया है कि लगभग चार हजार करोड़ रुपये के समझौते हो भी चुके हैं। इस defence corridor में रक्षा और सुरक्षा का सामान, उसके निर्माण करने वाली देश की बड़ी-बड़ी सरकारी कम्‍पनियों के साथ-साथ विदेशी कम्‍पनियां भी उद्योग लगाएंगी।

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भाइयों और बहनों, जब बड़े उद्योग लगते हैं तब उनके आसपास छोटे उद्योगों का भी विकास होता है। एक पूरा eco-system, एक पूरा वातावरण तैयार होता है। झांसी और आसपास के क्षेत्रों में जो छोटे और मझले उद्योग हैं, उनको इस corridor से बहुत बड़ा लाभ होने वाला है। इस corridor से यहां के लाखों युवाओं को सीधा रोजगार मिलेगा। इतना ही नहीं, यहां के नौजवानों का कौशल कैसे बढ़े, skill development कैसे हो; कौशल विकास भी यहां आने वाली कम्‍पनियां करेंगी ताकि उनको इस काम के लिए कौशल्‍य की महारत हासिल हो और वे अपने ही गांव में रह करके रोजी-रोटी कमा सकें, उनको यहां से जाना न पड़े।

मैं तो गुजरात में रहता था, शायद ही बुंदेलखंड का कोई ब्‍लॉक ऐसा होगा कि जहां के लोग गुजरात में हमारे यहां न रहते हों। मैं भलीभांति परिचित रहा हूं आप लोगों से। और जिन लोगों ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि बुंदेलखंड जैसा क्षेत्र भी औद्योगिक विकास का केन्‍द्र बन सकता है- मैं आपको अपना अनुभव बताना चाहता हूं। गुजरात के अंदर, पाकिस्‍तान की सीमा पर रेगिस्‍तान जैसा एक हमारा कच्‍छ जिला है; बड़ा जिला है। कोई अफसर उस तरफ, वहां नौकरी करने को जाने को तैयार नहीं और लोग भी वहां रहने को तैयार नहीं। Population का भी minus growth होता था, जनसंख्‍या बढ़ने के बजाय कम होती थी- क्‍योंकि न पानी था, न रोजी-रोटी की संभावना थी।

लेकिन 2001 के भूकंप के बाद मुझे वहां मुख्‍यमंत्री के नाते कार्य की जिम्‍मेदारी आई मेरे सिर पर। इतने कम समय में जो कच्‍छ जिला रेगिस्‍तान के नाते जाना जाता था, पानी तक मुहैया नहीं था, कोई अपनी बेटी वहां शादी के लिए देने को तैयार नहीं था; आज वो कच्‍छ जिला हिन्‍दुस्‍तान के सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाले जिलों में बन चुका है, बन चुका है। जो मैंने अपनी आंखों से देखा है, कच्‍छ को विकसित होते हुए अपनी आंखों से देखा है। मैं आज कल्‍पना कर सकता हूं, ये बुंदेलखंड वैसा ही बनकर रहेगा, ये मैं अपनी आंखों से देख सकता हूं।

अगर कच्‍छ बन सकता है तो बुंदेलखंड भी बन सकता है, ये मेरा विश्‍वास है। और इसलिए अब तक जो निराशा में जीते रहे हैं, सोचने की भी अकर्मण्‍यता रही है, हम उससे इस धरती को बाहर निकालने का संकल्‍प ले करके, एक बहुत बड़े परिवर्तन के इरादे के साथ इस defence corridor के पीछे हम लगे हुए हैं, काम कर रहे हैं।

साथियों, मैं अभी यहां की एक और चुनौती के बारे में भी बात करना चाहता हूं। ये चुनौती है- पानी। पानी यहां की सबसे बड़ी चुनौती है। बुंदेलखंड की मेरे आप सभी लोगों को पानी के लिए कितना संघर्ष करना पड़ता रहा है, मुझे इसका भलीभांति एहसास है। योगी आदित्‍यनाथ जी की सरकार को भी इसका पूरा एहसास है। और आपको पानी की समस्‍या से मुक्ति दिलाने के प्रयास को आगे बढ़ाते हुए आज 9 हजार करोड़ की पाइप लाइन का शिलान्‍यास किया जा रहा है।

बुंदेलखंड की सभी माताएं-बहनें हमें भरपूर आशीर्वाद दें ताकि हम इस काम को जल्‍द से जल्‍द पूरा करके पीने का पानी आप तक पहुंचा दें। आज पानी के लिए किसी को सबसे ज्‍यादा घर में परेशानी होती है तो मां-बहनों को होती है। उनकी पूरी शक्ति पानी के पीछे लग जाती है। आप मां-बहनें, मैं आपका कर्ज चुकाने आया हूं, आपको इस संकट से मुक्ति दिलाने आया हूं। आप हमें आशीर्वाद दीजिए ताकि हम पाइप लाइन से पानी पहुंचा सकें। मैं तो कहूंगा ये पानी की पाइप लाइन, ये सिर्फ पाइप लाइन का प्रोजेक्‍ट नहीं है; ये तो इस क्षेत्र की पाइप लाइन नहीं, लाइफ लाइन है लाइफ लाइन।

भाइयों और बहनों, इस प्रोजेक्‍ट के पूरा होने के बाद बुंदेलखंड के हर जिले यानी झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट के करीब-करीब हर गांव को पीने का पानी पाइप लाइन से मिलना आसान होने वाला है। इसी तरह झांसी शहर और आसपास के गांवों के लिए भी अमृत योजना के तहत केन्‍द्र सरकार ने 600 करोड़ रुपयों की लागत से योजना बनाई है। बेतवा नदी के पानी से झांसी शहर के लोगों की प्‍यास तो बुझेगी ही, साथ ही आसपास के अनेक गांवों तक भी पीने का पानी पहुंच जाएगा।

भाइयों और बहनों, ये तमाम प्रोजेक्‍ट वर्तमान की आवश्‍यकताओं को तो पूरा करेंगे ही, भविष्‍य की जरुरतों को भी पूरा करने वाले हैं।

भाइयों और बहनों, पहाड़ी बांध परियोजना के आधुनिकीकरण से भी किसानों को बहुत लाभ मिलने वाला है। पहले इस बांध से किसानों के खेत तक उपयुक्‍त मात्रा में पानी पहुंचता नहीं था और गेट गिरने से तो leakage होती रहती थी। अब पानी की leakage बंद कर दी है, साथ ही इस बजट में भाजपा सरकार ‘प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि’ नाम से एक ऐतिहासिक योजना भी लाई है। इसके तहत ऐसे किसान जिनके पास पांच एकड़ से कम जमीन है, उनके बैंक खाते में हर वर्ष 6000 रुपये केन्‍द्र सरकार द्वारा सीधे जमा कराए जाएंगे। ये राशि दो-दो हजार रुपये की तीन किश्‍तों में आप तक पहुंचेगी। सरकार का अनुमान है कि उत्‍तर प्रदेश में भी दो करोड़ 25 लाख किसान, उत्‍तर प्रदेश में 2 करोड़ 25 लाख किसानों में से 2 करोड़ 14 लाख किसान इस योजना के लाभार्थी होंगे, जिनको इसका लाभ मिलने वाला है। यानी एक प्रकार से करीब-करीब सबको, यानी यूपी के हर जिले में 95 प्रतिशत से ज्‍यादा किसानों को इस योजना से फायदा होगा।

साथियों, पीएम किसान सम्‍मान योजना के तहत अगले दस वर्ष में कुल मिलाकर साढ़े सात लाख करोड़; ये आंकड़ा छोटा नहीं है, साढ़े सात लाख करोड़ रुपये किसानों के बैंक में सीधे जमा होने वाले हैं। और ये हमेशा याद रखिए, ये पैसे सीधे किसानों के बैंक खाते में पहुंचेंगे, कोई बिचौलिया नहीं होगा, कोई दलाल नहीं नहीं होगा, कोई आपका हक नहीं मार पाएगा।

साथियों, पिछले साढ़े चार वर्षों से इतनी तेजी के साथ गरीबों के, किसानों के बैंक खाते खुलवाए जा रहे थे, पर उसके पीछे भी हमारी लम्‍बे समय तक काम करने की सोच थी; ऐसे ही खाते खुलवाने के लिए मेहनत नहीं कर रहे थे। आपके बैंक खाते खुलवा कर हमारी सरकार ने इंतजाम किया है कि आपकी गैस की सब्सिडी, मनरेगा की मजदूरी, पेंशन, बच्‍चों की स्‍कॉलरशिप; ये सारे पैसे सरकारी खजाने से इधर-उधर कहीं न जाते हुए सीधे आपके खाते में जमा हो जाएं- और उसके कारण leakage बंद हो गया। आप जानते हैं कि सीधे पैसे आपके खातों में जमा करने से देश का करीब-करीब एक लाख करोड़ रुपया बच रहा है, एक लाख करोड़ रुपया, वो पहले किसी की जेब में जाता था। आपको लूटने वाले बिचौलियों के बीच आज मोदी दीवार बनकर खड़ा है।

भाइयों और बहनों, किसानों के साथ-साथ हमारी सरकार ने पशुपालकों- और बुंदेलखंड में ये बात बड़ी महत्‍वपूर्ण है- पशुपालकों और मछली पालकों के लिए भी बहुत बड़ा फैसला लिया है। अब पशु पालने वालों को भी किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण की सुविधा दी जा रही है ताकि वो अपने व्‍यवसाय को बढ़ा सकें। आज उसको पशुपालक को जो साहूकारों से पैसा लेना पड़ता है और ब्‍याज देते-देते उसकी जिंदगी खत्‍म हो जाती है, उस चक्र से भी अब पशुपालक और मछुआरों को निकालने का हमने बीड़ा उठाया है।

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इसके अतिरिक्‍त एक और महत्‍वपूर्ण फैसला किसानों के हित के लिए लिया गया है। पहले बैंकों से किसानों को एक लाख रुपये तक का कृषि लोन बिना बैंक गारंटी मिला करता था। हमने निर्णय किया है कि समय की आवश्‍यकता को देखते हुए और किसान भी आधुनिक खेती करने लगे, वैज्ञानिक खेती करने लगे और उसका हाथ भी थोड़ा फ्री रहे, इसलिए अब हमने एक लाख रुपये से ज्‍यादा करके एक लाख साठ हजार रुपया देने का निर्णय किया है; वृद्धि कर दी गई है। यानी अब किसान एक लाख साठ हजार रुपये तक का कृषि ऋण बिना बैंक गारंटी ले सकता है। उसको साहूकारों के पास जाने की जरूरत नहीं है।

इसी तरह पशुधन को ध्‍यान में रखते हुए सरकार द्वारा कामधेनु आयोग के गठन का भी फैसला किया गया है। इस आयोग के तहत 500 करोड़ रुपये का प्रावधान गोमाता और गोवंश की देखभाल और इससे जुड़े नियम-कायदों को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए किया गया है। बुंदेलखंड में जिस तरह जानवरों के लिए चारे की समस्‍या और गोवंश की तस्‍करी का गंभीर विषय रहा है, उसको देखते हुए कामधेनु आयोग बहुत महत्‍वपूर्ण कदम है।

साथियों, इन चुनौतियों के साथ ही आपकी बिजली की समस्‍या को दूर करने के लिए यहां का transmission system सुधारा गया है। अब बुंदेलखंड सहित पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश के कई इलाकों की बिजली व्‍यवस्‍था सुधर जाएगी। अब पश्‍चिमी और उत्‍तरी ग्रिड में उत्‍पन्‍न होने वाली बिजली का आसानी से अलग-अलग क्षेत्रों में  transmission हो सकेगा।

साथियों, बुंदेलखंड एक्‍सप्रेस-वे या फिर यहां की rail connectivity; हमारी सरकार ने निरन्‍तर इस पर बल दिया है। झांसी से मानिकपुर और खैरार-भीमसेन सेक्‍शन का दोहरीकरण हो या फिर झांसी से खैरार और से भीमसेन तक के रूट का विद्युतिकरण हो, इन तमाम परियोजनाओं से इस पूरे क्षेत्र को बहुत लाभ होगा।

भाइयों और बहनों, किसान हो, जवान हो या फिर मेरे नौजवान बेटे-बेटियां हों, सबके लिए एक सम्‍पूर्ण सोच के साथ विकास का मंत्र ले करके, ‘सबका साथ-सबका विकास’, कोई भेदभाव नहीं, कोई मेरा-तेरा नहीं, कोई अपना-पराया नहीं, ‘सबका साथ-सबका‍‍ विकास’ इसी एक मंत्र को ले करके हमने काम किया है। और इसलिए ये संभव हो पा रहा है क्‍योंकि आपने साढ़े चार वर्ष पहले एक मजबूत सरकार केन्‍द्र में बनाई थी। और मैं मानूंगा पूरा देश उत्‍तर प्रदेश का आभारी है क्‍योंकि हिन्‍दुस्‍तान को 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार देना, हिन्‍दुस्‍तान को पहली बार, 30 साल के बाद स्थिर सरकार देना, हिन्‍दुस्‍तान को 30 साल के बाद मजबूत सरकार देना हिन्‍दुस्‍तान को 30 साल के बाद फैसले लेने वाली सरकार देना; अगर उसमें सबसे बड़ी भूमिका किसी ने अदा की है तो ये मेरे उत्‍तर प्रदेश ने की है, मेरे उत्‍तर प्रदेश के मतदाताओं ने की है। ये उत्‍तर प्रदेश के मतदाताओं की निर्णय शक्ति ने भारत का भाग्‍य बदल दिया है। भारत के भाग्‍य की दिशा बदल दी है। 30 साल से निराशा के गर्त में डूबे हुए देश को नई आशा जगाने का काम 2014 में, ये उत्‍तर प्रदेश की जनता ने किया है। और मजबूत सरकार का मतलब क्‍या होता है, मजबूत सरकार का जन-जन को लाभ क्‍या होता है, मजबूत सरकार से दुनिया में गौरव कैसे पैदा होता है; ये उत्‍तर प्रदेश ने करके दिखाया है, जिसका लाभ पूरे हिन्‍दुस्‍तान ने पाया है।

मुझे विश्‍वास है कि विकास के लिए, नए भारत के लिए आप आने वाले दिनों में भी मुझे और मजबूती से आशीर्वाद देंगे।

भाइयों और बहनों, एक बार फिर विकास की रोजगार से जुड़ी सभी परियोजनाओं के लिए आपको मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। मैं उमाजी का भी विशेष रूप से अभिनंदन करता हूं कि हर छोटी-छोटी चीजों को ले करके इस क्षेत्र के विकास के लिए जिस मनोयोग से सरकार के हर विभाग को वो हिलाती रहती हैं, दौड़ाती रहती हैं। मैं समझता हूं एक सांसद के रूप में भी पूरे देश की जिम्‍मेदारियों के साथ जिस प्रकार से वो जिम्‍मेदारियों को निर्वाह कर रही हैं, मैं उमाजी का भी हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, उनका बहुत-बहुत धन्‍यवाद करता हूं।

मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए-

भारत माता की – जय

भारत माता की – जय

भारत माता की – जय

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

  • G.shankar Srivastav June 20, 2022

    नमस्ते
  • Laxman singh Rana March 12, 2022

    नमो नमो 🇮🇳🌷🌹
  • Laxman singh Rana March 12, 2022

    नमो नमो 🇮🇳🌷
  • Laxman singh Rana March 12, 2022

    नमो नमो 🇮🇳
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May 29, 2025
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सिक्किम के राज्यपाल श्री ओपप्रकाश माथुर जी, राज्य के लोकप्रिय मुख्यमंत्री, मेरे मित्र प्रेम सिंह तमांग जी, संसद में मेरे साथी दोरजी शेरिंग लेपचा जी, डॉ इंद्रा हांग सुब्बा जी, उपस्थित अन्य जनप्रतिनिधिगण, देवियों और सज्जनों,

कंचनजंगाको शितल छायाँमा बसेको हाम्रो प्यारो सिक्किमको आमा-बाबु, दाजु-भाई अनि दीदी-बहिनीहरु। सिक्किम राज्यको स्वर्ण जयंतीको सुखद उपलक्ष्यमा तपाईहरु सबैलाई मंगलमय शुभकामना।

आज का ये दिन विशेष है, ये अवसर सिक्किम की लोकतांत्रिक यात्रा की गोल्डन जुबली का है। मैं स्वयं आप सबके बीच रहकर के इस उत्सव का, इस उमंग का, 50 वर्ष की सफल यात्रा का साक्षी बनना चाहता था, मैं भी आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस उत्सव का हिस्सा बनना चाहता था। मैं बहुत सुबह दिल्ली से निकलकर बागडोगरा तो पहुंच गया, लेकिन मौसम ने मुझे आपके दरवाजे तक तो पहुंचा दिया, लेकिन आगे जाने से रोक लिया और इसलिए मुझे आपके प्रत्यक्ष दर्शन का अवसर नहीं मिला है। लेकिन मैं यह दृश्य देख रहा हूं, ऐसा भव्य दृश्य मेरे सामने है, लोग ही लोग नजर आ रहे हैं, कितना अद्भुत नजारा है। कितना अच्छा होता, मैं भी आपके बीच होता, लेकिन मैं नहीं पहुंच पाया, मैं आप सबकी क्षमा मांगता हूं। लेकिन जैसे माननीय मुख्यमंत्री जी ने मुझे निमंत्रण दिया है, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, जैसे ही राज्य सरकार तय करेगी, मैं सिक्किम जरूर आऊंगा, आप सबके दर्शन करूंगा और इस 50 वर्ष की सफल यात्रा का मैं भी एक दर्शक बनूंगा। आज का ये दिन बीते 50 वर्षों की अचीवमेंट्स को सेलिब्रेट करने का है और आपने काफी अच्छा कार्यक्रम आयोजित किया है। और मैं तो लगातार सुन रहा था, देख रहा था, खुद मुख्यमंत्री जी इस आयोजन को यादगार बनाने के लिए काफी ऊर्जा के साथ लगे रहे हैं। वो दिल्ली में भी मुझे दो बार आकर के निमंत्रण देकर गए हैं। मैं आप सभी को सिक्किम राज्य के 50 वर्ष होने की बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

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साथियों,

50 साल पहले सिक्किम ने अपने लिए एक डेमोक्रेटिक फ्यूचर तय किया था। सिक्किम के लोगों का जनमन geography के साथ ही भारत की आत्मा से जुड़ने का भी था। एक भरोसा था, जब सबकी आवाज़ सुनी जाएगी, सबके हक सुरक्षित होंगे, तो विकास के एक जैसे मौके मिलेंगे। आज मैं कह सकता हूं कि सिक्किम के एक-एक परिवार का भरोसा लगातार मजबूत हुआ है। और देश ने इसके परिणाम सिक्किम की प्रगति के रूप में देखे हैं। सिक्किम आज देश का गर्व है। इन 50 वर्षों में सिक्किम प्रकृति के साथ प्रगति का मॉडल बना। बायोडायवर्सिटी का बहुत बड़ा बागीचा बना। शत-प्रतिशत ऑर्गेनिक स्टेट बना। कल्चर और हैरिटेज की समृद्धि का प्रतीक बनकर सामने आया। आज सिक्किम देश के उन राज्यों में है, जहां प्रतिव्यक्ति आय सबसे अधिक है। ये सारी उपलब्धियां सिक्किम के आप सभी साथियों के सामर्थ्य से हासिल हुई हैं। इन 50 वर्षों में सिक्किम से ऐसे अनेक सितारे निकले हैं, जिन्होंने भारत का आसमान रोशन किया है। यहां के हर समाज ने सिक्किम की संस्कृति और समृद्धि में अपना योगदान दिया है।

साथियों,

2014 में सरकार में आने के बाद मैंने कहा था- सबका साथ-सबका विकास। भारत को विकसित बनाने के लिए देश का संतुलित विकास बहुत जरूरी है। ऐसा नहीं होना चाहिए कि, एक क्षेत्र तक तो विकास का लाभ पहुंचे और दूसरा पीछे ही छूटता चला जाए। भारत के हर राज्य, हर क्षेत्र की अपनी एक खासियत है। इसी भावना के तहत बीते दशक में हमारी सरकार, नॉर्थ ईस्ट को विकास के केंद्र में लाई है। हम 'Act East' के संकल्प पर 'Act Fast' की सोच के साथ काम कर रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही दिल्ली में नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टमेंट समिट हुई है। इसमें देश के बड़े-बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट, बड़े इन्वेस्टर शामिल हुए। उन्होंने सिक्किम सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट में बहुत बड़ी इन्वेस्टमेंट्स की घोषणा की है। इससे आने वाले समय में सिक्किम के नॉर्थ ईस्ट के नौजवानों के लिए यहीं पर रोजगार के अनेक बड़े अवसर तैयार होने वाले हैं।

साथियों,

आज के इस कार्यक्रम में भी सिक्किम की फ्यूचर जर्नी की एक झलक मिलती है। आज यहां सिक्किम के विकास से जुडे अनेक प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। इन सारे प्रोजेक्ट्स से यहां हेल्थकेयर, टूरिज्म, कल्चर और स्पोर्ट्स की सुविधाओं का विस्तार होगा। मैं आप सभी को इन सारे प्रोजेक्ट्स के लिए ढेर सारी बधाई देता हूं।

साथियों,

सिक्किम समेत पूरा नॉर्थ ईस्ट, नए भारत की विकास गाथा का एक चमकता अध्याय बन रहा है। जहाँ कभी दिल्ली से दूरियां विकास की राह में दीवार थीं, अब वहीं से अवसरों के नए दरवाज़े खुल रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है, यहां की कनेक्टिविटी में जो बदलाव आ रहा है, आप लोगों ने तो अपनी आंखों के सामने ये परिवर्तन होते देखा है। एक समय था जब पढ़ाई के लिए, इलाज के लिए, रोजगार के लिए कहीं पर भी आना-जाना बहुत बड़ी चुनौती था। लेकिन बीते दस वर्षों में स्थिति काफी बदल गई है। इस दौरान सिक्किम में करीब चार सौ किलोमीटर के नए नेशनल हाईवे बने हैं। गांवों में सैकड़ों किलोमीटर नई सड़कें बनी हैं। अटल सेतु बनने से सिक्किम की दार्जिलिंग से कनेक्टिविटी बेहतर हुई है। सिक्किम को कालिम्पोंग से जोड़ने वाली सड़क पर भी काम तेज़ी से चल रहा है। और अब तो बागडोगरा-गंगटोक एक्सप्रेसवे से भी सिक्किम आना-जाना बहुत आसान हो जाएगा। इतना ही नहीं, आने वाले समय में हम इसे गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे से भी जोड़ेंगे।

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साथियों,

आज नॉर्थ ईस्ट के हर राज्य की राजधानी को रेलवे से जोड़ने का अभियान तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। सेवोक-रांगपो रेल लाइन, सिक्किम को भी देश के रेल नेटवर्क से जोड़ेगी। हमारा ये भी प्रयास है कि जहां सड़कें नहीं बन सकतीं, वहां रोपवे बनाए जाएं। थोड़ी देर पहले ऐसे ही रोपवे प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण किया गया है। इससे भी सिक्किम के लोगों की सहूलियत बढ़ेगी।

साथियों,

बीते एक दशक में भारत नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ रहा है। और इसमें बेहतर हेल्थकेयर का लक्ष्य हमारी बहुत बड़ी प्राथमिकता रहा है। पिछले 10-11 साल में देश के हर राज्य में बड़े अस्पताल बने हैं। एम्स और मेडिकल कॉलेजों का बहुत विस्तार हुआ है। आज यहां भी 500 बेड का अस्पताल आपको समर्पित किया गया है। ये अस्पताल गरीब से गरीब परिवार को भी अच्छा इलाज सुनिश्चित करेगा।

साथियों,

हमारी सरकार एक तरफ अस्पताल बनाने पर बल दे रही है, वहीं दूसरी तरफ सस्ते और बेहतर इलाज का भी इंतज़ाम कर रही है। आयुष्मान भारत योजना के तहत सिक्किम के 25 हजार से ज्यादा साथियों का मुफ्त इलाज किया गया है। अब पूरे देश में 70 वर्ष से ऊपर के सभी बुजुर्गों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है। अब सिक्किम के मेरे किसी भी परिवार को अपने बुजुर्गों की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। उनका इलाज हमारी सरकार करेगी।

साथियों,

विकसित भारत का निर्माण, चार मजबूत पिलर्स पर होगा। ये पिलर्स हैं- गरीब, किसान, नारी और नौजवान। आज देश, इन पिलर्स को लगातार मजबूत कर रहा है। आज के अवसर पर मैं सिक्किम के किसान बहनों-भाइयों की खुले दिल से प्रशंसा करुंगा। आज देश, खेती की जिस नई धारा की तरफ बढ़ रहा है, उसमें सिक्किम सबसे आगे है। सिक्किम से ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट भी बढ़ रहा है। हाल में ही यहा की मशहूर डैले खुरसानी मिर्च, ये पहली बार एक्सपोर्ट शुरु हुआ है। मार्च महीने में ही, पहला कन्साइनमेंट विदेश पहुंच गया है। आने वाले समय में ऐसे अनेक उत्पाद यहां से विदेश निर्यात होंगे। राज्य सरकार के हर प्रयास के साथ केंद्र सरकार कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है।

साथियों,

सिक्किम की ऑर्गेनिक बास्केट को और समृद्ध करने के लिए केंद्र सरकार ने एक और कदम उठाया है। यहां सोरेंग जिले में देश का पहला ऑर्गेनिक फिशरीज़ क्लस्टर बन रहा है। ये सिक्किम को, देश और दुनिया में एक नई पहचान देगा। ऑर्गेनिक फार्मिंग के साथ-साथ सिक्किम को ऑर्गेनिक फिशिंग के लिए भी जाना जाएगा। दुनिया में ऑर्गेनिक फिश और फिश प्रोडक्ट्स की बहुत बड़ी डिमांड है। इससे यहां के नौजवानों के लिए मछली पालन के क्षेत्र में नए मौके मिलेंगे।

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साथियों,

अभी कुछ दिन पहले ही दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक हुई है। इस बैठक के दौरान मैंने कहा है, हर राज्य को अपने यहां एक ऐसा टूरिस्ट डेस्टिनेशन डवलप करना चाहिए, जो इंटरनेशनल लेवल पर अपनी पहचान बनाए। अब समय आ गया है, सिक्किम सिर्फ हिल स्टेशन नहीं, ग्लोबल टूरिज्म डेस्टिनेशन बने! सिक्किम के सामर्थ्य का कोई मुकाबला ही नहीं है। सिक्किम टूरिज्म का complete package है! यहाँ प्रकृति भी है, आध्यात्म भी है। यहाँ झीलें हैं, झरने हैं, पहाड़ हैं और शांति की छाया में बसे बौद्ध मठ भी हैं। कंचनजंगा नेशनल पार्क, UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट, सिक्किम की इस धरोहर पर सिर्फ भारत नहीं, पूरी दुनिया को गर्व है। आज जब यहां नया स्कायवॉक बन रहा है, स्वर्ण जयंती प्रोजेक्ट का लोकार्पण हो रहा है, अटल जी की प्रतिमा का अनावरण किया जा रहा है, ये सभी प्रोजेक्ट, सिक्किम की नई उड़ान के प्रतीक हैं।

साथियों,

सिक्किम में एडवेंचर और स्पोर्ट्स टूरिज्म का भी बहुत पोटेंशियल है। ट्रेकिंग, माउंटेन बाइकिंग, हाई-एल्टीट्यूड ट्रेनिंग जैसी गतिविधियाँ यहां आसानी से हो सकती हैं। हमारा सपना है सिक्किम को कॉन्फ्रेंस टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म और कॉनसर्ट टूरिज्म का भी हब बनाया जाए। स्वर्ण जयंती कन्वेंशन सेंटर, यही तो भविष्य की तैयारी का हिस्सा है। मैं चाहता हूँ कि दुनिया के बड़े-बड़े कलाकार गंगटोक की वादियों में आकर perform करें, और दुनिया कहे “अगर कहीं प्रकृति और संस्कृति साथ-साथ हैं, तो वो हमारा सिक्किम है!”

साथियों,

G-20 समिट की बैठकों को भी हम नॉर्थ ईस्ट तक इसलिए लेकर आए, ताकि दुनिया यहाँ की क्षमताओं को देख सके, यहां की संभावनाओं को समझ सके। मुझे खुशी है कि सिक्किम की NDA सरकार इस विज़न को तेज़ी से धरातल पर उतार रही है।

साथियों,

आज भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक शक्तियों में से एक है। आने वाले समय में भारत स्पोर्ट्स सुपरपावर भी बनेगा। और इस सपने को साकार करने में, नॉर्थ ईस्ट और सिक्किम की युवा शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है। यही धरती है जिसने हमें बाईचुंग भूटिया जैसे फुटबॉल लीजेंड दिए। यही सिक्किम है, जहाँ से तरुणदीप राय जैसे ओलंपियन निकले। जसलाल प्रधान जैसे खिलाड़ियों ने भारत को गौरव दिलाया। अब हमारा लक्ष्य है, सिक्किम के हर गाँव, हर कस्बे से एक नया चैम्पियन निकले। खेल में सिर्फ भागीदारी नहीं, विजय का संकल्प हो! गंगटोक में जो नया स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बन रहा है, वो आने वाले दशकों में चैम्पियनों की जन्मभूमि बनेगा। ‘खेलो इंडिया’ स्कीम के तहत सिक्किम को विशेष प्राथमिकता दी गई है। टैलेंट को पहचान कर, ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी और टूर्नामेंट – हर स्तर पर मदद दी जा रही है। मुझे पूरा विश्वास है, सिक्किम के युवाओं की ये ऊर्जा, ये जोश, भारत को ओलंपिक पोडियम तक पहुंचाने का काम करेगा।

साथियों,

सिक्किम के आप सभी लोग पर्यटन की पावर को जानते हैं, समझते हैं। टूरिज्म सिर्फ मनोरंजन नहीं है, ये डायवर्सिटी का सेलिब्रेशन भी है। लेकिन आतंकियों ने जो कुछ पहलगाम किया, वो सिर्फ भारतीयों पर हमला नहीं था, वो मानवता की आत्मा पर हमला था, भाईचारे की भावना पर हमला था। आतंकियों ने हमारे अनेक परिवारों की खुशियां को तो छीन लिया, उन्होंने हम भारतीयों को बांटने की भी साजिश रची। लेकिन आज पूरी दुनिया देख रही है कि, भारत पहले से कहीं ज़्यादा एकजुट है! हमने एकजुट होकर आतंकियों और उनके सरपरस्तों को साफ़ संदेश दिया है। उन्होंने हमारी बेटियों के माथे से सिंदूर पोछकर उनका जीना हराम कर दिया, हमने आतंकियों को ऑपरेशन सिंदूर से करारा जवाब दिया है।

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साथियों,

आतंकी अड्डे तबाह होने से बौखलाकर पाकिस्तान ने हमारे नागरिकों और सैनिकों पर हमले की कोशिश की, लेकिन उसमें भी पाकिस्तान की पोल ही खुल गई। और हमने उनके कई एयरबेस को तबाह करके दिखा दिया, कि भारत कब क्या कर सकता है, कितना तेजी से कर सकता है, कितना सटीक कर सकता है।

साथियो,

राज्य के रूप में सिक्किम के 50 वर्ष का ये पड़ाव हम सभी के लिए प्रेरणा है। विकास की ये यात्रा अब और तेज़ होगी। अब हमारे सामने 2047 हैं, वो साल जब देश की आजादी के 100 साल पूरे होंगे

और यही वो समय होगा, जब सिक्किम को राज्य बने 75 वर्ष कंप्लीट हो जाएंगे। इसलिए हमें आज ये लक्ष्य तय करना है, कि 75 के पड़ाव पर हमारा सिक्किम कैसा होगा? हम सभी किस प्रकार का सिक्किम देखना चाहते हैं, हमें रोडमैप बनाना है, 25 साल के विजन के साथ कदम कदम पर कैसे आगे बढ़ेंगे ये सुनिश्चित करना है। हर कुछ समय पर बीच-बीच में उसकी समीक्षा करते रहना है। और लक्ष्य से हम कितना दूर हैं, कितना तेजी से आगे बढ़ना है। नए हौसले, नई उमंग, नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ना है, हमें सिक्किम की इकॉनॉमी की रफ्तार बढ़ानी है। हमें कोशिश करनी है कि हमारा सिक्किम एक वेलनेस स्टेट के रूप में उभरे। इसमें भी विशेष रूप से हमारे नौजवानों को ज्यादा अवसर मिले। हमें सिक्किम के यूथ को स्थानीय जरूरतों के साथ ही दुनिया की डिमांड के लिए भी तैयार करना है। दुनिया में जिन सेक्टर्स में यूथ की डिमांड है, उनके लिए यहां स्किल डवलपमेंट के नए मौके हमें बनाने हैं।

साथियों,

आइए, हम सब मिलकर एक संकल्प लें, अगले 25 वर्षों में सिक्किम को विकास, विरासत और वैश्विक पहचान का सर्वोच्च शिखर दिलाएँगे। हमारा सपना है— सिक्किम, केवल भारत का नहीं, पूरे विश्व का ग्रीन मॉडल स्टेट बने। एक ऐसा राज्य जहां के हर नागरिक के पास पक्की छत हो, एक ऐसा राज्य जहां हर घर में सोलर पावर से बिजली आए, एक ऐसा राज्य जो एग्रो- स्टार्ट अप्स, टूरिज्म स्टार्ट अप्स में नया परचम लहराए, जो ऑर्गैनिक फूड के एक्सपोर्ट में दुनिया में अपनी पहचान बनाए। एक ऐसा राज्य जहां का हर नागरिक डिजिटल ट्रांजेक्शन करे, जो वेस्ट टू वेल्थ की नई ऊंचाइयों पर हमारी पहचान को पहुंचाए, अगले 25 साल ऐसे अनेक लक्ष्यों की प्राप्ति के हैं, सिक्किम को वैश्विक मंच पर नई ऊंचाई देने के हैं। आइए, हम इसी भावना के साथ आगे बढ़ें और विरासत को, इसी तरह आगे बढ़ाते रहें। एक बार फिर, सभी सिक्किम वासियों को इस महत्वपूर्ण 50 वर्ष की यात्रा पर, इस महत्वपूर्ण अवसर पर देशवासियों की तरफ से, मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं, बहुत बहुत धन्यवाद!