Quoteਬੁੱਤ ਦਾ ਕੰਮ ਪੂਰਾ ਹੋਣ ਤੱਕ, ਨੇਤਾਜੀ ਦਾ ਇੱਕ ਹੋਲੋਗ੍ਰਾਮ ਸਟੈਚੂ ਉਸੇ ਸਥਾਨ 'ਤੇ ਮੌਜੂਦ ਰਹੇਗਾ
Quoteਪਰਾਕ੍ਰਮ ਦਿਵਸ 'ਤੇ, ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ ਇੰਡੀਆ ਗੇਟ 'ਤੇ ਨੇਤਾ ਜੀ ਦੇ ਹੋਲੋਗ੍ਰਾਮ ਸਟੈਚੂ ਦਾ ਉਦਘਾਟਨ ਕਰਨਗੇ
Quoteਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ 2019 ਤੋਂ 2022 ਲਈ ਸੁਭਾਸ਼ ਚੰਦਰ ਬੋਸ ਆਪਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧਨ ਪੁਰਸਕਾਰ ਵੀ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਨਗੇ

ਮਹਾਨ ਸੁਤੰਤਰਤਾ ਸੈਨਾਨੀ ਨੇਤਾਜੀ ਸੁਭਾਸ਼ ਚੰਦਰ ਬੋਸ ਦੀ 125ਵੀਂ ਜਯੰਤੀ ਮਨਾਉਣ ਅਤੇ ਸਾਲ ਭਰ ਚਲਣ ਵਾਲੇ ਜਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਹਿੱਸੇ ਵਜੋਂ, ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਇੰਡੀਆ ਗੇਟ 'ਤੇ ਨੇਤਾਜੀ ਸੁਭਾਸ਼ ਚੰਦਰ ਬੋਸ ਦੀ ਸ਼ਾਨਦਾਰ ਪ੍ਰਤਿਮਾ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰਨ ਦਾ ਫ਼ੈਸਲਾ ਕੀਤਾ ਹੈ। ਗ੍ਰੇਨਾਈਟ ਦੀ ਬਣੀ ਇਹ ਪ੍ਰਤਿਮਾ ਸਾਡੇ ਸੁਤੰਤਰਤਾ ਸੰਗਰਾਮ ਵਿੱਚ ਨੇਤਾ ਜੀ ਦੇ ਅਥਾਹ ਯੋਗਦਾਨ ਲਈ ਢੁਕਵੀਂ ਸ਼ਰਧਾਂਜਲੀ ਹੋਵੇਗੀ, ਅਤੇ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਉਨ੍ਹਾਂ ਪ੍ਰਤੀ ਕਰਜ਼ਦਾਰਤਾ ਦਾ ਪ੍ਰਤੀਕ ਹੋਵੇਗੀ। ਜਦੋਂ ਤੱਕ ਪ੍ਰਤਿਮਾ ਦਾ ਕੰਮ ਪੂਰਾ ਨਹੀਂ ਹੋ ਜਾਂਦਾ, ਨੇਤਾ ਜੀ ਦੀ ਹੋਲੋਗ੍ਰਾਮ ਪ੍ਰਤਿਮਾ ਉਸੇ ਸਥਾਨ 'ਤੇ ਮੌਜੂਦ ਰਹੇਗੀ। ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ ਸ਼੍ਰੀ ਨਰੇਂਦਰ ਮੋਦੀ 23 ਜਨਵਰੀ, 2022 ਨੂੰ ਸ਼ਾਮ 6 ਵਜੇ ਦੇ ਕਰੀਬ ਇੰਡੀਆ ਗੇਟ ਵਿਖੇ ਨੇਤਾ ਜੀ ਦੀ ਹੋਲੋਗ੍ਰਾਮ ਪ੍ਰਤਿਮਾ ਦਾ ਉਦਘਾਟਨ ਕਰਨਗੇ।

ਹੋਲੋਗ੍ਰਾਮ ਦੀ ਪ੍ਰਤਿਮਾ 30,000 ਲੂਮੇਂਸ 4ਕੇ ਪ੍ਰੋਜੈਕਟਰ ਦੁਆਰਾ ਸੰਚਾਲਿਤ ਹੋਵੇਗੀ। ਇੱਕ ਅਦਿੱਖ, ਹਾਈ ਗੇਨ, 90% ਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਹੋਲੋਗ੍ਰਾਫਿਕ ਸਕ੍ਰੀਨ ਇਸ ਤਰੀਕੇ ਨਾਲ ਬਣਾਈ ਗਈ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਇਹ ਵਿਜ਼ੀਟਰਸ ਨੂੰ ਦਿਖਾਈ ਨਾ ਦੇਵੇ। ਹੋਲੋਗ੍ਰਾਮ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਇਸ 'ਤੇ ਨੇਤਾ ਜੀ ਦੀ 3ਡੀ ਤਸਵੀਰ ਪੇਸ਼ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇਗੀ। ਹੋਲੋਗ੍ਰਾਮ ਪ੍ਰਤਿਮਾ ਦਾ ਆਕਾਰ 28 ਫੁੱਟ ਉਚਾਈ ਅਤੇ 6 ਫੁੱਟ ਚੌੜਾਈ ਹੈ।

ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਦੌਰਾਨ, ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ ਅਲੰਕਰਣ ਸਮਾਰੋਹ ਵਿੱਚ ਸਾਲ 2019, 2020, 2021 ਅਤੇ 2022 ਲਈ ਸੁਭਾਸ਼ ਚੰਦਰ ਬੋਸ ਆਪਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧਨ ਪੁਰਸਕਾਰ ਵੀ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਨਗੇ। ਸਮਾਰੋਹ ਦੌਰਾਨ ਕੁੱਲ ਸੱਤ ਪੁਰਸਕਾਰ ਦਿੱਤੇ ਜਾਣਗੇ।

 ਕੇਂਦਰ ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਆਪਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧਨ ਦੇ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਭਾਰਤ ਵਿੱਚ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਅਤੇ ਸੰਸਥਾਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਅਮੁੱਲ ਯੋਗਦਾਨ ਅਤੇ ਨਿਰਸਵਾਰਥ ਸੇਵਾ ਨੂੰ ਮਾਨਤਾ ਦੇਣ ਅਤੇ ਸਨਮਾਨ ਦੇਣ ਲਈ ਸਾਲਾਨਾ ਸੁਭਾਸ਼ ਚੰਦਰ ਬੋਸ ਆਪਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧਨ ਪੁਰਸਕਾਰ ਦੀ ਸਥਾਪਨਾ ਕੀਤੀ ਹੈ। ਪੁਰਸਕਾਰ ਦਾ ਐਲਾਨ ਹਰ ਸਾਲ 23 ਜਨਵਰੀ ਨੂੰ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ।ਪੁਰਸਕਾਰ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਸੰਸਥਾ ਦੇ ਮਾਮਲੇ ਵਿੱਚ 51 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਨਕਦ ਇਨਾਮ ਅਤੇ ਇੱਕ ਸਰਟੀਫਿਕੇਟ ਅਤੇ ਇੱਕ ਵਿਅਕਤੀ ਦੇ ਮਾਮਲੇ ਵਿੱਚ 5 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਅਤੇ ਇੱਕ ਸਰਟੀਫਿਕੇਟ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ।

 ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ ਦੀ ਇਹ ਲਗਾਤਾਰ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਰਹੀ ਹੈ ਕਿ ਸੁਤੰਤਰਤਾ ਸੈਨਾਨੀਆਂ ਦਾ ਸਨਮਾਨ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ। ਇਨ੍ਹਾਂ ਪ੍ਰਯਤਨਾਂ ਦਾ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਧਿਆਨ ਮਹਾਨ ਸੁਤੰਤਰਤਾ ਸੈਨਾਨੀ ਅਤੇ ਦੂਰਦਰਸ਼ੀ ਨੇਤਾ, ਨੇਤਾਜੀ ਸੁਭਾਸ਼ ਚੰਦਰ ਬੋਸ 'ਤੇ ਰਿਹਾ ਹੈ। ਇਸ ਸਬੰਧ ਵਿੱਚ ਕਈ ਕਦਮ ਉਠਾਏ ਗਏ ਹਨ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਇਹ ਐਲਾਨ ਵੀ ਸ਼ਾਮਲ ਹੈ ਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਜਨਮ ਦਿਨ ਨੂੰ ਹਰ ਵਰ੍ਹੇ ਪਰਾਕ੍ਰਮ ਦਿਵਸ ਵਜੋਂ ਮਨਾਇਆ ਜਾਵੇਗਾ। ਇਸ ਭਾਵਨਾ ਨਾਲ, ਗਣਤੰਤਰ ਦਿਵਸ ਦੇ ਜਸ਼ਨ ਇੱਕ ਦਿਨ ਪਹਿਲਾਂ, 23 ਜਨਵਰੀ ਤੋਂ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋਣਗੇ।

 

  • Jayanta Kumar Bhadra June 02, 2022

    Jay Jai Krishna
  • Jayanta Kumar Bhadra June 02, 2022

    Jai Jay Ganesh
  • Jayanta Kumar Bhadra June 02, 2022

    Jai Jay Ram
  • Laxman singh Rana May 19, 2022

    namo namo 🇮🇳🙏🚩🙏
  • Laxman singh Rana May 19, 2022

    namo namo 🇮🇳🙏🚩
  • Laxman singh Rana May 19, 2022

    namo namo 🇮🇳🙏🌷
  • G.shankar Srivastav April 08, 2022

    जय हो
  • Vivek Kumar Gupta April 06, 2022

    जय जयश्रीराम
  • Vivek Kumar Gupta April 06, 2022

    नमो नमो.
  • Vivek Kumar Gupta April 06, 2022

    जयश्रीराम
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Let this Yoga Day mark the beginning of Yoga for Humanity 2.0, where Inner Peace becomes Global Policy: PM Modi
June 21, 2025
QuoteYoga has united the entire world: PM
QuoteYoga is for Everyone, Beyond Boundaries, Beyond Backgrounds, Beyond age or ability: PM
QuoteYoga leads us on a journey towards oneness with the world, It teaches us that we are not isolated individuals but part of nature: PM
QuoteYoga is a system that takes us from Me to We: PM
QuoteYoga is the pause button humanity needs, to breathe, to balance, to become whole again: PM
QuoteLet this Yoga Day mark the beginning of Yoga for Humanity 2.0, where Inner Peace becomes Global Policy: PM

आंध्र प्रदेश के राज्यपाल सैयद अब्दुल नजीर जी, यहां के लोकप्रिय मुख्यमंत्री, मेरे परम मित्र चंद्रबाबू नायडू गारू, केंद्रीय कैबिनेट के मेरे सहयोगी, के. राममोहन नायडू जी, प्रतापराव जाधव जी, चंद्रशेखर जी, भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा जी, राज्य के डिप्टी सीएम पवन कल्याण गारू, अन्य महानुभाव और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों! आप सबको नमस्कार!

देश और दुनियाभर के सभी लोगों को इंटरनेशनल योग डे की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आज 11वीं बार पूरा विश्व 21 जून को एक साथ योग कर रहा है। योग का सीधा-साधा अर्थ होता है जुड़ना और ये देखना सुखद है कि कैसे योग ने पूरे विश्व को जोड़ा है। मैं बीते एक दशक में योग की यात्रा को जब देखता हूं, तो बहुत कुछ याद आता है। वो दिन जब संयुक्त राष्ट्र में भारत ने प्रस्ताव रखा कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता मिले और तब कम से कम समय में दुनिया के 175 देश हमारे इस प्रस्ताव के साथ खड़े हुए। आज की दुनिया में ऐसी एकजुटता, ऐसा समर्थन सामान्य घटना नहीं है। ये सिर्फ एक प्रस्ताव का समर्थन भर नहीं था, ये मानवता के भले के लिए दुनिया का सामूहिक प्रयास था। आज 11 साल बाद, हम देख रहे हैं कि योग दुनियाभर में करोड़ों लोगों की जीवन शैली का हिस्सा बन चुका है। मुझे गर्व होता है, जब मैं देखता हूँ कि हमारे दिव्यांग साथी ब्रेल में योग शास्त्र पढ़ते हैं, वैज्ञानिक अंतरिक्ष में योग करते हैं, गांव-गांव में युवा साथी योग ओलंपियाड में भाग लेते हैं। यहां सामने देखिये, ये नेवी के सभी जहाजों में भी अभी बहुत शानदार योगा कार्यक्रम चल रहा है। चाहे सिडनी ओपेरा हाउस की सीढ़ियाँ हों, या एवरेस्ट की चोटी हो, या फिर समंदर का विस्तार हो, हर जगह से एक ही संदेश आता है— योग सभी का है, और सभी के लिए है। Yoga is for Everyone, Beyond Boundaries, Beyond Backgrounds, Beyond age or ability.

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साथियों,

आज मुझे इस बात की खुशी है कि हम सभी विशाखापट्टनम में हैं। ये शहर प्रकृति और प्रगति, दोनों की संगम स्थली है। यहां के लोगों ने इतना अच्छा आयोजन किया है। मैं चंद्रबाबू नायडू गारु और पवन कल्याण गारू को बधाई देता हूं, आपके नेतृत्व में आंध्र प्रदेश ने योगांध्रा अभियान का एक शानदार initiative लिया। मैं विशेष तौर पर नारा लोकेश गारू के प्रयासों की भी विशेष प्रशंसा करना चाहता हूं। योग का सोशल सेलिब्रेशन कैसे होना चाहिए, समाज के हर वर्ग को कैसे जोड़ना चाहिए, ये उन्होंने बीते एक डेढ़ महीने के इस योगांध्रा अभियान में करके दिखाया है, और इसके लिए भाई लोकेश अनेक अनेक बधाई के पात्र हैं। और मैं तो देशवासियों को भी कहूंगा कि ऐसे अवसरों को आप किस प्रकार से सामाजिक स्तर पर गहराई से ले जाया जा सकता है, भाई लोकेश ने जो काम किया है, उसको एक नमूने के रूप में देखना चाहिए।

साथियों,

मुझे बताया गया है कि योगांध्रा अभियान से दो करोड़ से ज्यादा लोग जुड़े हैं। पब्लिक पार्टिसिपेशन की यही वो स्पिरिट है, जो विकसित भारत का मुख्य आधार है। जब जनता खुद आगे बढ़कर किसी मुहिम को थाम लेती है, किसी लक्ष्य को Own कर लेती है, तो उस लक्ष्य की प्राप्ति से हमें कोई रोक नहीं पाता। जनता-जनार्दन की ये सद-इच्छा औऱ आपके प्रयास यहां इस आयोजन में हर तरफ नजर आ रहे हैं।

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Friends,

The theme of this year’s International Day of Yoga is ‘Yoga for One Earth, One Health’. This theme reflects a deep truth. The health of every entity on Earth is interconnected. Human well-being depends on the health of the soil that grows our food, on the rivers that give us water, on the health of the animals that share our eco-systems, on the plants that nourish us. Yoga awakens us to this inter-connected-ness. Yoga leads us on a journey towards oneness with the world. It teaches us that we are not isolated individuals but part of nature. Initially we learn to take good care of our own health and wellness. Gradually, our care and concern extends to our environment, society and planet. Yoga is a great personal discipline . At the same time, it is a system that takes us from Me to We.

साथियों,

Me to We’ का ये भाव ही भारत की आत्मा का सार है। जब व्यक्ति अपने हित से ऊपर उठकर समाज की सोचता है, तभी पूरी मानवता का हित होता है। भारत की संस्कृति हमें सिखाती है, सर्वे भवन्तु सुखिनः, यानी सभी का कल्याण ही मेरा कर्तव्य है। ‘मैं’ से ‘हम’ की ये यात्रा ही सेवा, समर्पण और सह-अस्तित्व का आधार है। यही सोच सामाजिक समरसता को बढ़ावा देती है।

साथियों,

दुर्भाग्य से आज पूरी दुनिया किसी न किसी तनाव से गुजर रही है। कितने ही क्षेत्रों में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है। ऐसे में योग से हमें शांति की दिशा मिलती है। Yoga is the pause button that humanity needs to breathe to balance to become whole gain.

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मैं विश्व समुदाय से आज के इस महत्वपूर्ण अवसर पर एक आग्रह करूंगा। Let this Yoga Day mark the beginning of Yoga for Humanity 2.O, where Inner Peace becomes Global Policy. जहां योग सिर्फ personal practice न रहे, बल्कि global partnership का माध्यम बने। जहां हर देश, हर समाज, योग को जीवनशैली और लोकनीति का हिस्सा बनाए। जहां हम मिलकर एक शांत, संतुलित और sustainable विश्व को गति दें। जहां योग, विश्व को टकराव से सहयोग, और तनाव से समाधान की ओर ले जाए।

साथियों,

विश्व में योग के प्रसार के लिए भारत, योग की साइंस को आधुनिक रिसर्च से और अधिक सशक्त कर रहा है। देश के बड़े-बड़े मेडिकल संस्थान योग पर रिसर्च में जुटे हैं। योग की वैज्ञानिकता को आधुनिक चिकित्सा पद्धति में स्थान मिले, ये हमारा प्रयास है। हम देश के मेडिकल और रिसर्च इंस्टीट्यूशन्स में, योगा के क्षेत्र में एविडेंस बेस्ड थेरेपी को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं। इस दिशा में दिल्ली के एम्स ने भी बहुत अच्छा काम करके दिखाया है। एम्स की रिसर्च में सामने आया है कि योग की Cardiac और न्यूरोलॉजी डिस्ऑर्डर्स के उपचार और वूमन हेल्थ और Mental Well-being में अहम भूमिका है।

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साथियों,

National Ayush Mission के ज़रिए भी योग और वेलनेस के मंत्र को आगे बढ़ाया जा रहा है। डिजिटल टेक्नोलॉजी ने भी इसमें बड़ी भूमिका निभाई है। Yoga Portal और YogAndhra Portal के ज़रिए, देशभर में 10 लाख से अधिक इवेंट्स का रजिस्ट्रेशन हुआ है। आज देश के कोने-कोने में इतनी सारी जगहों पर आयोजन हो रहे हैं। ये भी दिखाता है कि योग का दायरा कितना ज्यादा बढ़ रहा है।

साथियों,

हम सभी जानते हैं, आज हील इन इंडिया का मंत्र भी दुनिया में काफी पॉपुलर हो रहा है। भारत-दुनिया के लिए हीलिंग का बेस्ट डेस्टिनेशन बन रहा है। योग की इसमें भी बड़ी भूमिका है। मुझे खुशी है कि योग के लिए Common Yoga Protocol बनाया गया है। Yoga Certification Board के साढ़े छह लाख से अधिक trained वॉलंटियर्स, करीब 130 मान्यता प्राप्त संस्थान और मेडिकल कॉलेजों में 10 दिन का योग मॉड्यूल, ऐसे अनेक प्रयास, एक होलिस्टिक इकोसिस्टम तैयार कर रहे हैं। देशभर में हमारे जो आयुष्मान आरोग्य मंदिर हैं, वहां trained योग टीचर तैनात किए जा रहे हैं। दुनियाभर के लोगों को भारत के इस वेलनेस इकोसिस्टम का फायदा मिले, इसलिए विशेष ई-आयुष वीज़ा दिए जा रहे हैं।

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साथियों,

आज योग दिवस पर मैं ओबेसिटी की तरफ भी फिर से सभी का ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा। बढ़ती ओबेसिटी पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा चैलेंज है। मैंने मन की बात कार्यक्रम में भी, इस पर विस्तार से चर्चा की थी। इसके लिए अपने खान-पान में 10 परसेंट ऑयल कम करने का चैलेंज भी शुरु किया था। मैं एक बार फिर देशवासियों से, दुनियाभर के लोगों को इस चैलेंज से जुड़ने का आह्वान करता हूं। अपने खाने में कैसे हम कम से कम 10 परसेंट ऑयल कंजम्शन कम करें, इसके लिए जागरूकता फैलानी है। ऑयल की खपत कम करना, unhealthy diet से बचना और योग करना, ये बेहतर फिटनेस की जड़ी बूटी है।

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साथियों,

आइए, हम सब मिलकर योग को एक जन आंदोलन दोलन बनाएं। एक ऐसा आंदोलन, जो विश्व को शांति, स्वास्थ्य और समरसता की ओर ले जाए। जहां हर व्यक्ति दिन की शुरुआत योग से करे और जीवन में संतुलन पाए। जहां हर समाज योग से जुड़े और तनाव से मुक्त हो। जहां योग मानवता को एक सूत्र में पिरोने का माध्यम बने। और जहां ‘Yoga for One Earth, One Health’ एक वैश्विक संकल्प बन जाए। एक बार फिर आंध्र के नेतृत्व को बधाई देते हुए, आंध्र के लोगों को बधाई देते हुए और विश्वभर में फैले हुए योग practitioners और योग प्रेमियों को बधाई देते हुए, आप सबको अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। धन्यवाद!