Can the Congress, which takes 85% commission, create the future of the youth of Karnataka, asks PM Modi in Shivamogga
People of Karnataka have decided to reject Congress' fake promises. They have made up their minds to deflate the balloon of lies created by the Congress ecosystem: PM Modi

भारत माता की। भारत माता की। बजरंगबली की। बजरंगबली की।
मलेनाडिना मडिलु, सौंदर्यदा होनलु, शिवमोग्गदा जनतेगे नमस्कारगळु
राष्ट्रकवि कुवेम्पु की धरती को मैं श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। देवी सिंगधूरु चौडेश्वरी, आज मैं उन्हें भी प्रणाम करता हूं। शिवमोगा शहर में ही श्री कोटे आंजनेय भी हैं। उन्हें भी आज पूरा हिंदुस्तान प्रणाम कर रहा है। मैं महान आध्यात्मिक व्यक्तित्व पूज्य श्रीधर स्वामी जी को भी श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। कुछ दिन पहले मैं रैयता बंधु येदियुरप्पा जी के जन्म दिवस पर शिवमोगा आया था। और कुछ दिन पहले ईश्वरप्पा के साथ फोन पर बात किया। पूरे प्रदेश में कार्यकर्ताओं को चार्ज कर दिया। शिवमोगा ने हम सभी को बार-बार बहुत प्रेम दिया है, बहुत स्नेह दिया है, बहुत आशीर्वाद दिया है। आज आपके इस उत्साह ने मेरा ये विश्वास पक्का कर दिया है कि कर्नाटका में बीजेपी सरकार की वापसी होने जा रही है। येदियुरप्पा जी ने जो संकल्प लिया है वो पूरा होने वाला है। आज पूरा कर्नाटका कह रहा है- ई बारिया निर्धारा, ई बारिया निर्धारा, ई बारिया निर्धारा, बहुमतदा बीजेपी सरकारा ! आपका कर्नाटका के एक-एक नागरिक का मुझ पर इतना प्यार है। इतना प्यार है कि भाषा हमारे प्रेम में रुकावट नहीं बन रही है। ये आपका प्यार मैं जीवनभर नहीं भूलूंगा।

सहोदर-सहोदरियरे,
यहां आने से पहले मैं बैंगलुरू में, फिर एक बार आज सुबह जनता जनार्दन के दर्शन के लिए निकला था। और यहां आना था तो जरा जल्दी ही निकल गया। कोई पोलिटिकल पार्टी 11 बजे के पहले कार्यक्रम करने की हिम्मत नहीं कर सकती। बड़े शहर में तो कभी नहीं कर सकती है। और आज सुबह-सुबह बैंगलुरू में बारिश हो रही थी। वरुण देवता आशीर्वाद देने के लिए पधार गए थे। और मैं सुबह-सुबह जनता-जनार्दन के दर्शन के लिए निकला और ईश्वर रूपी रूपी जनता जनार्दन ने पुष्प वर्षा करके अपना आशीर्वाद बरसाया।

साथियों, वैसे तो आज लंबा रोड शो होने वाला था। लेकिन बाद में पता चला कि आज नीट का एक्जाम है। मैंने पार्टी से कहा- हमारी एग्जाम तो 10 तारीख को है। इन बच्चों की एग्जाम आज है। और इसीलिए हमें पहले बच्चों के एग्जाम का ख्याल करना चाहिए और इसीलिए हमने सुबह-सुबह रोड शो कर दिया। और जल्दी-जल्दी पूरा कर दिया। भाइयों-बहनों, उसके बावजूद भी, संडे के दिन आज बैंगलुरू ने जो ताकत दिखाई है, जो विश्वास दिखाया है, जो प्यार दिखाया है। वो मेरे हृदय को छूने वाला था दोस्तों। मैं जीवनभर कर्नाटका का ऋणी रहूंगा। जिस तरह आप सभी, पूरे कर्नाटका की पूरी जनता, लगातार अपना आशीर्वाद दे रही है, अपना स्नेह दिखा रही है, लेकिन मैं आज शिवमोगा की इस धरती से, रैयता बंधु येदियुरप्पा जी की धरती से पूरे कर्नाटका को विश्वास देना चाहता हूं, असली गारंटी देना चाहता हूं कि आपने मुझे जो प्यार दिया है। आपने मुझे जो आशीर्वाद दिया है। मैं कर्नाटका का विकास करके आपको ब्याज समेत लौटाऊंगा।



सहोदर-सहोदरियरे,
कर्नाटका विधानसभा चुनाव प्रचार भी अब अपने आखिरी दौर की तरफ बढ़ रहा है। कांग्रेस ने अपना झूठ फैलाने के लिए जो इकोसिस्टम बनाया है, वो पिछले काफी समय से, कर्नाटका में एक गुब्बारा, एक ‘बलून’ फुला रहे थे। झूठ-झूठ की हवा भर-भर करके। उस गुब्बारे पर, इस ‘बलून’ पर एक से बढ़कर एक झूठी फूंकें मारकर हवा भरी जा रही थी। ऐसे-ऐसे झूठ, ऐसी-ऐसी बातें, जिनसे जमीनी सच्चाई बिल्कुल अलग थी। कर्नाटका की जनता जानती थी, कि कांग्रेस का इकोसिस्टम चाहे जितना बड़ा गुब्बारा फुला ले, कोई फर्क नहीं पड़ेगा। और चुनाव प्रचार होते ही कर्नाटका की जनता ने कांग्रेस का ये बलून, ये गुब्बारा, ये जनता ने ही उसको चूर-चूर कर दिया। अब कांग्रेस इतनी डरी हुई है, इतनी घबराई हुई है कि झूठ बोलने से गाड़ी नहीं चली। तो जो लोग इन दिनों चुनाव प्रचार नहीं कर रहे हैं उनको भी लाना पड़ रहा है। अब कांग्रेस के नेता, अभी से एक-दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ने लगे हैं। कर्नाटका में चारों तरफ से एक ही आवाज़ आ रही है, कर्नाटका का एक ही संकल्प सुनाई दे रहा है, कर्नाटका का एक ही मंत्र गूंज रहा है- ई बारिया निर्धारा,ई बारिया निर्धारा, ई बारिया निर्धारा, बहुमतदा बीजेपी सरकारा !

बंधु-भगिनियरे,
ये क्षेत्र देश के सबसे उपजाऊ क्षेत्रों में से एक है। यहां जिस प्रकार फसलों की वैरायटी, क्रॉप की वैरायटी पाई जाती है, वो इस क्षेत्र को एग्रीकल्चर हब के रूप में पहचान देता है। कांग्रेस और बीजेपी सरकार होने से क्या अंतर आता है, इसका प्रमाण सुपारी Import से जुड़ी नीति है। अब आप ये सुपारी Import की कांग्रेस की नीति और बीजेपी की नीति की तुलना कीजिए। तो आपके यहां के किसानों के लिए हमारे दिल में क्या जगह है वो आपको पता चलेगा, और अभी नहीं, मैं जब गुजरात का मुख्यमंत्री था, येदियुरप्पा जी यहां कर्नाटका के मुख्यमंत्री थे, और सुपारी पर बड़ा संकट आ गया। येदियुरप्पा जी डेलिगेशन लेकर गुजरात आए और मुझे कहा- मोदी जी आप मुख्यमंत्री हैं, इतनी बड़ी सरकार है। कर्नाटका के सुपारी के किसानों की मदद कीजिए। और मुझे खुशी है मैं मुख्यमंत्री था तब भी मैंने येदियुरप्पा जी ने जो कहा वो सारा कर दिया था दोस्तों। यहां के सुपारी किसान, सुपारी के Import से होने वाले नुकसान से चिंतित थे। अब मुझे बताइए, जब इतनी सुपारी की पैदावार होती है, इतने किसान अपना सुपारी पर गुजारा करते हैं। और आप विदेश से सुपारी मंगवाओगे तो भारत के किसान का क्या होगा। कर्नाटका के किसान का क्या होगा। ये यहां के किसान के साथ अन्याय है कि नहीं है। मुझे जवाब दीजिए, अन्याय है कि नहीं है। यहां के किसान के साथ धोखा है कि नहीं है। ये सुपारी के किसान के खिलाफ षडयंत्र है कि नहीं है। उन्होंने विदेशों से कम कीमत वाली सुपारी Import से करने का निर्णय कर लिया और हमारे किसानों की कमाई, इनकम कम होती गई। लेकिन कांग्रेस की सरकार ने इस पर कोई ध्यान ही नहीं दिया।

आपने 2014 में मुझे दिल्ली में भेजा, आपकी सेवा करने का अवसर दिया। Nine Years पहले सुपारी पर मिनिमम इंपोर्ट प्राइस -MIP, सिर्फ Hundred Rupees Per KG के आसपास थी। 100 Rupees Per KG था। हमने सोचा कि ये मेरे कर्नाटका के किसानों को मार देगा। हमने हिम्मत की। दुनिया के लोग राजी हों, नाराजी हों परवाह नहीं की। हमने आज सुपारी का मिनिमम इंपोर्ट प्राइस Three Hundred Fifty Rupees Per KG कर दिया। तो कोई बाहर से लाने की हिम्मत ही नहीं कर रहा है। इतनी कीमत से कोई ला ही नहीं सकता है। फायदा किसको हुआ। कर्नाटका के किसान को हुआ। सुपारी वाले किसान को हुआ। यानि हमने MIP को 3 गुणा से अधिक बढ़ाया है, ताकि कर्नाटका के सुपारी किसानों को कोई परेशानी ना हो।

स्नेहितरे,
बीजेपी सरकार एक तरफ अपने किसानों को Import से सुरक्षा दे रही है, वहीं दूसरी तरफ Agriculture Export बढ़ाने के लिए भी काम कर रही है। कांग्रेस की सरकारों के दौरान हमारा Agriculture Export बहुत ही सीमित था। लेकिन आज भारत दुनिया के Top Ten, दुनिया के Top Ten Agriculture Exporter देशों में पहुंच गया है। कोरोना काल में भी भारत ने रिकॉर्ड Agriculture Export किया है, और जिसका सीधा-सीधा लाभ ये मेरे रैयता बंधुओं को हुआ है, मेरे किसान भाइयों को हुआ है। बीजेपी सरकार बीज से बाज़ार तक, हर प्रकार की सुविधा किसानों को दे रही है। पिछले 9 वर्षों में Two Thousand से अधिक, दो हजार से ज्यादा हमने बीज की वैरायटीज, नई- नई वैरायटी किसानों के लिए उपलब्ध कराई है। नौ साल में दो हजार नई वैरायटी बीज की। ये भी अपने आप में एक रिकार्ड है। बड़े-बड़े संकटों के बावजूद हमने देश में फर्टिलाइज़र की कभी कमी नहीं होने दी। रूस-यूक्रेन संकट के कारण दुनिया में फर्टिलाइज़र की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि हो गई। लेकिन हमने देश के किसानों पर इसका बोझ नहीं पड़ने दिया। यूरिया की बढ़ती कीमतों की वजह से Two Lakh Crore Rupees, दो लाख करोड़ रुपये, उससे भी ज्यादा का बोझ, जो किसानों पर पड़ने वाला था, लेकिन ये आपका बेटा दिल्ली में बैठा था न, आ वो बोझ आप पर नहीं पड़ने दिया, बोझ सरकार खुद उठा रही है।

स्नेहितरे,
कांग्रेस सरकारों के पास सूखे (Drought), बाढ़ (Flood) और दूसरी आपदाओं से किसानों को सुरक्षा देने की कोई स्पष्ट नीति नहीं थी। आज पीएम फसल बीमा योजना के तहत देश में One Lakh, Thirty Thousand Crore Rupees, एक लाख तीस हजार करोड़ रुपया, बीमा योजना से किसानों को मदद दी गई है, मुआवजा दिया गया है। इसमें कर्नाटका के किसानों को भी दस हजार करोड़ रुपये, Ten Thousand करोड़ रुपए मिले हैं। कांग्रेस के कमीशन काल में देश के करोड़ों किसान बैंकिंग सिस्टम से बाहर थे। हमने करोड़ों छोटे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी। कांग्रेस कर्जमाफी के नाम पर अपने लोगों की, बिचौलियों की तिजोरियां भरती थी। हमने पीएम किसान सम्मान निधि से Eighteen Thousand करोड़ रुपए सीधे कर्नाटका के किसानों के बैंक खातों में जमा किए हैं।

स्नेहितरे,
शिवमोगा के पास कर्नाटका की महान महिला संत अक्का महादेवी की जन्मभूमि है। उनकी महिमा और उनके तेज के बारे में सुनकर स्वयं जगद्गुरु बसवेश्वरा उन्हें अक्का कहते थे। ये हमारा सौभाग्य है कि हमें ऐसी महान संत का आशीर्वाद मिला, जिनके शब्द आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं। लेकिन एक ये भी सत्य है कि कांग्रेस के दशकों के शासन में बेटियों की शिक्षा और महिला सशक्तिकरण को पीछे धकेल दिया गया। दशकों तक, कांग्रेस सरकार ने स्कूलों में बेटियों के लिए अलग टॉयलेट नहीं बनवाया। टॉयलेट ना होने की वजह से बेटियां स्कूल छोड़ देती थीं। इससे बेटियों की शिक्षा पर बुरा असर पड़ता था। बीजेपी ने बेटियों के साथ हो रहे इस अन्याय को दूर करने के लिए अभियान चलाया है। अब, ज्यादा से ज्यादा लड़कियां स्कूल जा रही हैं, हमारी बेटियां स्कूल जा रही हैं और अपनी पढ़ाई पूरी कर रही हैं।

स्नेहितरे,
बीजेपी आज ऐसी आधुनिक व्यवस्था बना रही है जिसमें हमारी बेटियों को हायर एजुकेशन हासिल करने में कोई परेशानी ना हो। ये व्यवस्था बेटियों को साइंस और टेक्नॉलजी के फील्ड में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है। आज हमारी बहनें-बेटियां हर फील्ड, हर सेक्टर में एक नई लहर पैदा कर रही हैं। वो भारत में हो रहे startup revolution में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। बेटियों के सामने तीनों सेनाओं में भर्ती से जुड़ी जो बाधाएं थीं, उन्हें भी बीजेपी सरकार ने हटा दिया है। यहां तक कि अब उनके लिए सैनिक स्कूल भी खुल गए हैं। आज हर बेटी के पास अक्का महादेवी जैसी शक्ति है। अक्का महादेवी का आशीर्वाद है। और मुझे विश्वास है, यही नारी शक्ति 21वीं सदी में भारत को सबसे आगे ले जाएगी।

स्नेहितरे,
आज मैं कर्नाटका के फर्स्ट टाइम वोटर्स, जो पहली बार मतदान करने वाले हैं, जिनकी 18 साल की उमर हुई है, मैं आज इन फर्स्ट टाइम वोटरों से सवाल करना चाहता हूं। मेरे सवाल को समझें, सोचें। क्या कर्नाटका का विकास ऐसी कांग्रेस पार्टी कर सकती है, जिसका लक्ष्य भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण हो? कर सकती है क्या? कांग्रेस भला कर सकती है क्या? जरा पूरी ताकत से बताइए, कर सकती है क्या? कांग्रेस हमारे नौजवानों का भविष्य बना सकती है? आपके पिता जी को, माता जी को, दादा-दादी को जो मुसीबतें झेलनी पड़ी…ये मोदी आपको ऐसी मुसीबतों से गुजरने देना नहीं चाहता है। आपके माता-पिता को जो तकलीफ पड़ी, वो तकलीफें मोदी हटाना चाहता है ताकि आप आगे बढ़ सकें।

भाइयों-बहनों, क्या Eighty Five Percent कमीशन खाने वाली कांग्रेस, कर्नाटका के नौजवानों का भविष्य बना सकती है? बना सकती है? जोर से बताइए…बना सकती है? कभी नहीं बना सकती दोस्तों। कांग्रेस ने कभी देश के नौजवानों के बारे में नहीं सोचा। ये बीजेपी की सरकार है जिसके रहते पिछले 9 साल में देश में हर Two Days में, हर दूसने दिन एक नया कॉलेज बना है। ये बीजेपी सरकार है जिसके रहते पिछले 9 साल में Every Week, हर सप्ताह एक नई यूनिवर्सिटी बनी है। ये बीजेपी सरकार है जिसके रहते पिछले 9 साल में देश में Three Hundred से ज्यादा नए मेडिकल कॉलेज बने हैं। ये बीजेपी है जिसने देश के युवाओं को कदम-कदम पर अपने कागज अटेस्ट कराने की परेशानी से मुक्ति दिलाई। ये बीजेपी है जिसने ग्रुप सी और ग्रुप डी की नौकरियों से इंटरव्यू की परंपरा और भ्रष्टाचार के दरवाजे बंद कर दिए हैं। ये बीजेपी है जिसने देश के नौजवानों की इस समस्या को समझा। कांग्रेस कभी नहीं समझ पाई कि बैंक से मदद लेते हुए नौजवानों को कोई गारंटी देने में कितनी दिक्कत आती है। देश के नौजवानों की ये परेशानी हमने समाप्त कर दी। बीजेपी सरकार, नौजवानों की गारंटी खुद मोदी ले रहा है, मुद्रा योजना के द्वारा ले रहा है। आज मुद्रा योजना के तहत देश के नौजवानों को बिना गारंटी Twenty Lakh Crore Rupees, 20 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की मदद दी गई है। इस योजना ने देश के करोड़ों नौजवानों को अपना रोजगार शुरू करने में मदद की है। इसका लाभ कर्नाटका के, शिवमोगा के भी हजारों युवाओं को मिला है।

स्नेहितरे,
कांग्रेस की पॉलिटिक्स भी पेपर पर होती है और विकास भी पेपर पर ही होता है। अब जो मैं बताने जा रहा हूं, वो कर्नाटका के युवा साथियों को बहुत ध्यान से सुनना चाहिए। कांग्रेस ने यहां कर्नाटका में वादा किया है कि अगले Five Years में प्राइवेट सेक्टर में Ten Lakhs नौकरियां देगी। यानि पांच साल में 10 लाख नौकरियां देंगे। ये कांग्रेस ने गारंटी दी है। देखिए झूठ कैसा बोलते हैं। कर्नाटका का युवान समझता है। ये झूठ पकड़ जाएगा। यानि पांच साल में 10 लाख नौकरी, यानी हर साल Two Lakh Jobs. ये कांग्रेस का झूठ देखिए हर साल Two Lakh Jobs. अब मैं आपको बताता हूं कि कांग्रेस कैसे लोगों को धोखा दे रही है। कर्नाटका में बीजेपी सरकार सिर्फ साढ़े 3 साल से है। येदियुरप्पा जी और बोम्मई जी ने मिलकर के साढ़े तीन साल उनको मौका मिला। यह ऐसा समय है जब पूरी दुनिया महामारी के संकट और उसके प्रभावों से जूझ रही है। इसके बावजूद कर्नाटका की बीजेपी सरकार में हर साल कर्नाटका में Thirteen Lakhs से ज्यादा Formal jobs बढ़ी हैं। 13 लाख से ज्यादा हर वर्ष। अब आपको समझ आया, कहां उनकी बातें और कहां हमारा काम। हमने कर्नाटका के युवाओं के लिए हर साल Thirteen Lakhs से ज्यादा Formal Jobs बनाई हैं। और कांग्रेस आपसे वादा कर रही है कि वो हर साल Two Lakhs, Formal jobs उपलब्ध कराएगी। इसलिए ही मैं कहता हूं कि कांग्रेस सरकार, कर्नाटका को रिवर्स गियर में डाल देगी। रिवर्स गियर में। इसलिए कर्नाटका के लोगों को कांग्रेस से बहुत सावधान रहने की जरूरत है।

बंधु-भगिनियरे,
जैसी कांग्रेस की नीतियां हैं, उससे Investors कर्नाटका से बाहर ही जाएंगे। बीजेपी सरकार ने कर्नाटका में Investment बढ़ाने के लिए जो कानून बनाए उनको कांग्रेस खत्म करना चाहती है। जब Investors पड़ोस के राज्यों में चले जाएंगे तो कर्नाटका के युवा, कर्नाटका के श्रमिकों को बहुत नुकसान होगा। शिवमोगा तो ऑटोमोबाइल पार्ट्स का हब है। यहां अनेक foundries हैं। आज भारत दुनिया का तीसरा ऑटोमोबाइल मार्केट बन चुका है। एक तरफ बीजेपी मेड इन इंडिया को प्रमोट कर रही है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस investment को रोकने की साजिश कर रही है।

बंधु-भगिनियरे,
शिवमोगा, वेस्टर्न घाट के लिए मशहूर मले-नाडू का गेटवे है। यहां मशहूर जोग जलपाता है। और यहां तो घर-घर में जानते हैं- गंगा स्नाना, तुंगा पाना यानि जिसने गंगा स्नान नहीं किया और तुंगा नदी का पान नहीं पिया, उसके जीवन में कुछ ना कुछ अधूरा है। राष्ट्रकवि कुवेम्पु की राष्ट्रभक्ति की विरासत, और "येसुरु बिट्टरू - ईसुरू बिडेवू" इस नारे से आज़ादी की अलख जलाने वाला गांव भी यहीं है। बीजेपी सरकार, हमारी पुरातन संस्कृति को, विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए पूरी ईमानदारी से जुटी हुई है। लेकिन कांग्रेस की सरकारों ने इसमें तुष्टिकरण की ही राजनीति की। कांग्रेस ने हमारी आस्था, आध्यात्म के हर प्रतीक को या तो बेहाल छोड़ा या फिर उनको विवादों में रहने दिया। आज बीजेपी सरकार हमारी संस्कृति-सभ्यता के ऐसे हर स्थान को भव्य बनाने में जुटी है।

स्नेहितरे,
कर्नाटका में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनना तय हो चुका है। लेकिन इसके लिए ये बहुत जरूरी है कि बीजेपी का हर समर्थक वोट देने जरूर जाए। वोट देने जाएंगे न। लोगों को ले जाएंगे न। शहर हो या गांव, आपका एक-एक वोट, कर्नाटका में बीजेपी की मजबूत सरकार बनाने में मदद करेगा। इसलिए मेरे कर्नाटका के भाइयों-बहनों, ऐसा तो नहीं होगा न रोड शो जबर्दस्त हो गया, सभा जबर्दस्त हो गई, मोदी जी आ गए, येदियुरप्पा जी आ गए, ईश्वरप्पा जी आ गए, अब चलो सो जाओ, ऐसा तो नहीं करेंगे न। नहीं करेंगे न। बूथ-बूथ पर जाएंगे, मतदाताओं से मिलेंगे, मतदान करवाएंगे। हर बूथ को जीतेंगे। मैं रिजल्ट देखने वाला हूं। हर बूथ को जीतेंगे। पक्का करेंगे। अच्छा मेरा एक काम करेंगे। (क्यों भई बंद हो गए।) मेरा एक काम करेंगे। ऐसे नहीं, हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बताइए, मेरा एक काम करेंगे। और जोर से बोलिए, आवाज दिल्ली तक जानी चाहिए, मेरा काम करेंगे। ये मेरा पर्सनल काम है, करेंगे, पक्का करेंगे। अच्छा मुझे मोबाइल की फ्लैशलाइट चालू करके बताइए। ताकि मुझे दूर-दूर दिखाई दे। हर कोई अपने मोबाइल की फ्लैशलाइट चालू करिए। हर कोई अपने मोबाइल की फ्लैशलाइट चालू करिए। हरेक के मोबाइल की फ्लैशलाइट चालू हो। अच्छा मैं काम बताऊं आपको। मेरा काम बताऊं। आप करेंगे। आपको घर-घर जाना है। जाकर के कहना है कि मोदी जी शिवमोगा आए थे। और आपको नमस्कार भेजा है। ये कह देंगे। मेरा नमस्कार पहुंचाएंगे। मेरा प्रणाम पहुंचाएंगे। जब हर घर मेरा नमस्कार पहुंचेगा, हर परिवार से मुझे आशीर्वाद मिलेगा। उस आशीर्वाद से मुझे नई ऊर्जा मिलेगी। और उस ऊर्जा से मैं आपकी सेवा ज्यादा करूंगा।

बोलो भारत माता की। भारत माता की। भारत माता की। बजरंगबली की। बजरंगबली की। बजरंगबली की। बजरंगबली की।
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM addressing a programme organised by Ramakrishna Math in Ahmedabad via video conferencing
December 09, 2024
Today India is moving forward on the basis of its own knowledge, tradition and age-old teachings: PM
We have begun a new journey of Amrit Kaal with firm resolve of Viksit Bharat, We have to complete it within the stipulated time: PM
We have to prepare our youth today for leadership in all the areas of Nation Building, Our youth should lead the country in politics also: PM
Our resolve is to bring one lakh brilliant and energetic youth in politics who will become the new face of 21st century Indian politics, the future of the country: PM
It is important to remember two important ideas of spirituality and sustainable development, by harmonizing these two ideas, we can create a better future: PMā

परम श्रद्धेय श्रीमत् स्वामी गौतमानंद जी महाराज, देश-विदेश से आए रामकृष्ण मठ और मिशन के पूज्य संतगण, गुजरात के मुख्यमंत्री श्रीमान भूपेन्द्र भाई पटेल, इस कार्यक्रम से जुड़े अन्य सभी महानुभाव, देवियों और सज्जनों, नमस्कार!

गुजरात का बेटा होने के नाते मैं आप सभी का इस कार्यक्रम में स्वागत करता हूँ, अभिनंदन करता हूं। मैं मां शारदा, गुरुदेव रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद जी को, उनके श्री चरणों में प्रणाम करता हूं। आज का ये कार्यक्रम श्रीमत् स्वामी प्रेमानन्द महाराज जी की जयंती के दिन आयोजित हो रहा है। मैं उनके चरणों में भी प्रणाम करता हूँ।

साथियों,

महान विभूतियों की ऊर्जा कई सदियों तक संसार में सकारात्मक सृजन को विस्तार देती रहती है। इसीलिए, आज स्वामी प्रेमानन्द महाराज की जयंती के दिन हम इतने पवित्र कार्य के साक्षी बन रहे हैं। लेखंबा में नवनिर्मित प्रार्थना सभागृह और साधु निवास का निर्माण, ये भारत की संत परंपरा का पोषण करेगा। यहां से सेवा और शिक्षा की एक ऐसी यात्रा शुरू हो रही है, जिसका लाभ आने वाली कई पीढ़ियों को मिलेगा। श्रीरामकृष्ण देव का मंदिर, गरीब छात्रों के लिए हॉस्टल, वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर, अस्पताल और यात्री निवास, ये कार्य आध्यात्म के प्रसार और मानवता की सेवा के माध्यम बनेंगे। और एक तरह से गुजरात में मुझे दूसरा घर भी मिल गया है। वैसे भी संतों के बीच, आध्यात्मिक माहौल में मेरा मन खूब रमता भी है। मैं आप सभी को इस अवसर पर बधाई देता हूँ, अपनी शुभकामनाएं अर्पित करता हूं।

साथियों,

सानंद का ये क्षेत्र इससे हमारी कितनी ही यादें भी जुड़ी हैं। इस कार्यक्रम में मेरे कई पुराने मित्र और आध्यात्मिक बंधु भी हैं। आपमें से कई साथियों के साथ मैंने यहाँ जीवन का कितना समय गुजारा है, कितने ही घरों में रहा हूँ, कई परिवारों में माताओं-बहनों के हाथ का खाना खाया है, उनके सुख-दुःख में सहभागी रहा हूँ। मेरे वो मित्र जानते होंगे, हमने इस क्षेत्र का, यहाँ के लोगों का कितना संघर्ष देखा है। इस क्षेत्र को जिस economic development की जरूरत थी, आज वो हम होता हुआ देख रहे हैं। मुझे पुरानी बातें याद हैं कि पहले बस से जाना हो तो एक सुबह में बस आती थी और एक शाम को बस आती थी। इसलिए ज्यादातर लोग साइकिल से जाना पसंद करते थे। इसलिए इस क्षेत्र को मैं अच्छी तरह से पहचानता हूँ। इसके चप्पे-चप्पे से जैसे मेरा नाता जुड़ा हुआ है। मैं मानता हूँ, इसमें हमारे प्रयासों और नीतियों के साथ-साथ आप संतों के आशीर्वाद की भी बड़ी भूमिका है। अब समय बदला है तो समाज की जरूरत भी बदली है। अब तो मैं चाहूँगा, हमारा ये क्षेत्र economic development के साथ-साथ spiritual development का भी केंद्र बने। क्योंकि, संतुलित जीवन के लिए अर्थ के साथ आध्यात्म का होना उतना ही जरूरी है। और मुझे खुशी है, हमारे संतों और मनीषियों के मार्गदर्शन में सानंद और गुजरात इस दिशा में आगे बढ़ रहा है।

साथियों,

किसी वृक्ष के फल की, उसके सामर्थ्य की पहचान उसके बीज से होती है। रामकृष्ण मठ वो वृक्ष है, जिसके बीज में स्वामी विवेकानंद जैसे महान तपस्वी की अनंत ऊर्जा समाहित है। इसीलिए इसका सतत विस्तार, इससे मानवता को मिलने वाली छांव अनंत है, असीमित है। रामकृष्ण मठ के मूल में जो विचार है, उसे जानने के लिए स्वामी विवेकानंद को जानना बहुत जरूरी है, इतना ही नहीं उनके विचारों को जीना पड़ता है। और जब आप उन विचारों को जीना सीख जाते हैं, तो किस तरह एक अलग प्रकाश आपका मार्गदर्शन करता है, मैंने स्वयं इसे अनुभव किया है। पुराने संत जानते हैं, रामकृष्ण मिशन ने, रामकृष्ण मिशन के संतों ने और स्वामी विवेकानंद के चिंतन ने कैसे मेरे जीवन को दिशा दी है। इसलिए मुझे जब भी अवसर मिलता है, मैं अपने इस परिवार के बीच आने का, आपसे जुड़ने का प्रयास करता हूँ। संतों के आशीर्वाद से मैं मिशन से जुड़े कई कार्यों में निमित्त भी बनता रहा हूँ। 2005 में मुझे वडोदरा के दिलाराम बंगलो को रामकृष्ण मिशन को सौंपने का सौभाग्य मिला था। यहां स्वामी विवेकानंद जी ने कुछ समय बिताया था। और मेरा सौभाग्य है कि पूज्य स्वामी आत्मस्थानन्द जी स्वयं उपस्थित हुए थे, क्योंकि मुझे उनकी उंगली पकड़कर के चलना-सीखने का मौका मिला था, आध्यात्मिक यात्रा में मुझे उनका संबल मिला था। और मैंने, ये मेरा सौभाग्य था कि बंग्लो मैंने उनके हाथों में वो दस्तावेज सौंपे थे। उस समय भी मुझे स्वामी आत्मस्थानन्द जी का जैसे निरंतर स्नेह मिलता रहा है, जीवन के आखिरी पल तक, उनका प्यार और आशीर्वाद मेरे जीवन की एक बहुत बड़ी पूंजी है।

साथियों,

समय-समय पर मुझे मिशन के कार्यक्रमों और आयोजनों का हिस्सा बनने का सौभाग्य मिलता रहा है। आज विश्व भर में रामकृष्ण मिशन के 280 से ज्यादा शाखा-केंद्र हैं, भारत में रामकृष्ण भावधारा से जुड़े लगभग 1200 आश्रम-केंद्र हैं। ये आश्रम, मावन सेवा के संकल्प के अधिष्ठान बनकर काम कर रहे हैं। और गुजरात तो बहुत पहले से रामकृष्ण मिशन के सेवाकार्यों का साक्षी रहा है। शायद पिछले कई दशकों में गुजरात में कोई भी संकट आया हो, रामकृष्ण मिशन हमेशा आपको खड़ा हुआ मिलेगा, काम करता हुआ मिलेगा। सारी बातें याद करने जाऊंगा तो बहुत लंबा समय निकल जाएगा। लेकिन आपको याद है सूरत में आई बाढ़ का समय हो, मोरबी में बांध हादसे के बाद की घटनाएं हों, या भुज में भूकंप के बाद जो तबाही के बाद के दिन थे, अकाल का कालखंड हो, अतिवृष्टि का कालखंड हो। जब-जब गुजरात में आपदा आई है, रामकृष्ण मिशन से जुड़े लोगों ने आगे बढ़कर पीड़ितों का हाथ थामा है। भूकंप से तबाह हुए 80 से ज्यादा स्कूलों को फिर से बनाने में रामकृष्ण मिशन ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था। गुजरात के लोग आज भी उस सेवा को याद करते हैं, उससे प्रेरणा भी लेते हैं।

साथियों,

स्वामी विवेकानंद जी का गुजरात से एक अलग आत्मीय रिश्ता रहा है, उनकी जीवन यात्रा में गुजरात की बड़ी भूमिका रही है। स्वामी विवेकानंद जी ने गुजरात के कई स्थानों का भ्रमण किया था। गुजरात में ही स्वामी जी को सबसे पहले शिकागो विश्वधर्म महासभा के बारे में जानकारी मिली थी। यहीं पर उन्होंने कई शास्त्रों का गहन अध्ययन कर वेदांत के प्रचार के लिए अपने आप को तैयार किया था। 1891 के दौरान स्वामी जी पोरबंदर के भोजेश्वर भवन में कई महीने रहे थे। गुजरात सरकार ने ये भवन भी स्मृति मन्दिर बनाने के लिए रामकृष्ण मिशन को सुपुर्द किया था। आपको याद होगा, गुजरात सरकार ने स्वामी विवेकानन्द की 150वीं जन्म जयन्ती 2012 से 2014 तक मनायी थी। इसका समापन समारोह गांधीनगर के महात्मा मंदिर में बड़े उत्साहपूर्वक मनाया गया था। इसमें देश-विदेश के हजारों प्रतिभागी शामिल हुए थे। मुझे संतोष है कि गुजरात से स्वामी जी के संबंधों की स्मृति में अब गुजरात सरकार स्वामी विवेकानंद टूरिस्ट सर्किट के निर्माण की रूपरेखा तैयार कर रही है।

भाइयों और बहनों,

स्वामी विवेकानंद आधुनिक विज्ञान के बहुत बड़े समर्थक थे। स्वामी जी कहते थे- विज्ञान का महत्व केवल चीजों या घटनाओं के वर्णन तक नहीं है, बल्कि विज्ञान का महत्व हमें प्रेरित करने और आगे बढ़ाने में है। आज आधुनिक टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत की बढ़ती धमक, दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप ecosystem के रूप में भारत की नई पहचान, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी economy बनने की ओर बढ़ते कदम, इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में हो रहे आधुनिक निर्माण, भारत के द्वारा दिये जा रहे वैश्विक चुनौतियों के समाधान, आज का भारत, अपनी ज्ञान परंपरा को आधार बनाते हुए, अपनी सदियों पुरानी शिक्षाओं को आधार बनाते हुए, आज हमारा भारत तेज गति से आगे बढ़ रहा है। स्वामी विवेकानंद मानते थे कि युवाशक्ति ही राष्ट्र की रीढ़ होती है। स्वामी जी का वो कथन, वो आह्वान, स्वामी जी ने कहा था- ''मुझे आत्मविश्वास और ऊर्जा से भरे 100 युवा दे दो, मैं भारत का कायाकल्प कर दूँगा''। अब समय है, हम वो ज़िम्मेदारी उठाएँ। आज हम अमृतकाल की नई यात्रा शुरू कर चुके हैं। हमने विकसित भारत का अमोघ संकल्प लिया है। हमें इसे पूरा करना है, और तय समयसीमा में पूरा करना है। आज भारत विश्व का सबसे युवा राष्ट्र है। आज भारत का युवा विश्व में अपनी क्षमता और सामर्थ्य को प्रमाणित कर चुका है।

ये भारत की युवाशक्ति ही है, जो आज विश्व की बड़ी-बड़ी कंपनियों का नेतृत्व कर रही है। ये भारत की युवाशक्ति ही है, जिसने भारत के विकास की कमान संभाली हुई है। आज देश के पास समय भी है, संयोग भी है, स्वप्न भी है, संकल्प भी है और अथाग पुरूषार्थ की संकल्प से सिद्धि की यात्रा भी है। इसलिए, हमें राष्ट्र निर्माण के हर क्षेत्र में नेतृत्व के लिए युवाओं को तैयार करने की जरूरत है। आज जरूरत है, टेक्नोलॉजी और दूसरे क्षेत्रों की तरह ही हमारे युवा राजनीति में भी देश का नेतृत्व करें। अब हम राजनीति को केवल परिवारवादियों के लिए नहीं छोड़ सकते, हम राजनीति को, अपने परिवार की जागीर मानने वालों के हवाले नहीं कर सकते इसलिए, हम नए वर्ष में, 2025 में एक नई शुरुआत करने जा रहे हैं। 12 जनवरी 2025 को, स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर, युवा दिवस के अवसर पर दिल्ली में Young Leaders Dialogue का आयोजन होगा। इसमें देश से 2 हजार चयनित, selected युवाओं को बुलाया जाएगा। करोड़ों अन्य युवा देशभर से, टेक्नोलॉजी से इसमें जुड़ेंगे। युवाओं के दृष्टिकोण से विकसित भारत के संकल्प पर चर्चा होगी। युवाओं को राजनीति से जोड़ने के लिए रोडमैप बनाया जाएगा। हमारा संकल्प है, हम आने वाले समय में एक लाख प्रतिभाशाली और ऊर्जावान युवाओं को राजनीति में लाएँगे। और ये युवा 21वीं सदी के भारत की राजनीति का नया चेहरा बनेंगे, देश का भविष्य बनेंगे।

साथियों,

आज के इस पावन अवसर पर, धरती को बेहतर बनाने वाले 2 महत्वपूर्ण विचारों को याद करना भी आवश्यक है। Spirituality और Sustainable Development. इन दोनों विचारों में सामंजस्य बिठाकर हम एक बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। स्वामी विवेकानंद आध्यात्मिकता के व्यावहारिक पक्ष पर जोर देते थे। वो ऐसी आध्यात्मिकता चाहते थे, जो समाज की जरूरतें पूरी कर सके। वो विचारों की शुद्धि के साथ-साथ अपने आसपास स्वच्छता रखने पर भी जोर देते थे। आर्थिक विकास, समाज कल्याण और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बिठाकर सस्टेनेबल डेवलपमेंट का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। स्वामी विवेकानंद जी के विचार इस लक्ष्य तक पहुँचने में हमारा मार्गदर्शन करेंगे। हम जानते हैं, spirituality और sustainability दोनों में ही संतुलन का महत्व है। एक मन के अंदर संतुलन पैदा करता है, तो दूसरा हमें प्रकृति के साथ संतुलन बिठाना सिखाता है। इसलिए, मैं मानता हूं कि रामकृष्ण मिशन जैसे संस्थान हमारे अभियानों को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। मिशन लाइफ हो, एक पेड़ मां के नाम जैसे अभियान हों, रामकृष्ण मिशन के जरिए इन्हें और विस्तार दिया जा सकता है।

साथियों,

स्वामी विवेकानंद भारत को सशक्त और आत्मनिर्भर देश के रूप देखना चाहते थे। उनके स्वप्न को साकार करने की दिशा में देश अब आगे बढ़ चुका है। ये स्वप्न जल्द से जल्द पूरा हो, सशक्त और समर्थ भारत एक बार फिर मानवता को दिशा दे, इसके लिए हर देशवासी को गुरुदेव रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद जी के विचारों को आत्मसात करना होगा। इस तरह के कार्यक्रम, संतों के प्रयास इसका बहुत बड़ा माध्यम हैं। मैं एक बार फिर आज के आयोजन के लिए आपको बधाई देता हूं। सभी पूज्य संतगण को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं और स्वामी विवेकानंद जी के स्वप्न को साकार करने में आज की ये नई शुरुआत, नई ऊर्जा बनेगी, इसी एक अपेक्षा के साथ आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।