TMC involved in crimes against women, particularly from SC/ST communities: PM Modi in Purulia, WB
Whether it is TMC or Congress, they are two sides of the same coin: PM Modi in Purulia, WB

नमोस्कार !

पुरुलिया ने, जंगलमहल ने मोदी को, भाजपा को असीम स्नेह दिया है। मोदी आज यहां आपसे सिर्फ वोट मांगने नहीं आया है, बल्कि मैं आपसे आशीर्वाद मांगने आया हूं। आमी आपनार आशीर्बाद निते ऐशे छी। मुझे विकसित भारत के लिए आपका आशीर्वाद चाहिए। मुझे आत्मनिर्भर भारत के लिए आपका आशीर्वाद चाहिए।

साथियों, 

4 जून अब बहुत दूर नहीं है। और अभी मैं हेलीकॉप्टर में उतर कर, इतने लोग थे कि मैं उनके दर्शन करने के लिए चला गया। ये दिल्ली में एयर कंडीशन कमरे में बैठ करके एक परसेंट इधर हुआ तो क्या होगा, एक परसेंट उधर हुआ तो क्या हुआ होगा। अपना दिमाग खपाते हैं, बेकार में टाइम खराब मत करो। यह दृश्य देख लो 4 जून को क्या होने वाला है। इंडी गठबंधन वालों के तरकश में जितने तीर थे, ये लोग चला चुके हैं। लेकिन जनता जनार्दन के सुरक्षा कवच के आगे इनका हर तीर, इनकी हर साजिश, नाकाम साबित हुई है। मोदी ने इन चुनावों में इंडी गठबंधन वालों का कच्चा चिट्ठा देश के सामने खोलकर रख दिया है। ये लोग संविधान खत्म करना चाहते हैं, ये लोग घुसपैठियों को बढ़ावा देते हैं, ये लोग वोटबैंक को खुश करने के लिए CAA का विरोध करते हैं। 

साथियों,

TMC औऱ उसके साथी दलितों-पिछड़ों-आदिवासियों को मिल रहा आरक्षण छीन लेना चाहते हैं। बाबा साहेब आंबेडकर धर्म के आधार पर आरक्षण के खिलाफ थे, लेकिन आज इंडी गठबंधन वाले धर्म के आधार पर आरक्षण देना चाहते हैं। कर्नाटका में इन लोगों ने ओबीसी कोटे का आरक्षण मुसलमानों को दे दिया है। TMC इस साजिश में कंधे से कंधा मिलाकर कांग्रेस के साथ खड़ी है। मैं जरा आपसे पूछना चाहता हूं, आप लोग जवाब देंगे? जवाब देंगे? क्या आप अपना आरक्षण समाप्त होने देंगे? आपका आरक्षण लूटने देंगे? आपको मिला आरक्षण किसी और को देने देंगे? आप लोग टीएमसी और कांग्रेस का वोट बैंक नहीं है इसलिए इन पार्टियों को आपकी रत्ती भर परवाह नहीं है।

साथियों,

TMC ये कहकर राजनीति में आई थी कि मां-माटी-मानुष की रक्षा करेगी। आज TMC मां-माटी-मानुष का ही भक्षण कर रही है। बंगाल की महिलाओं का भरोसा TMC से टूट गया है। संदेशखाली में जो पाप हुआ है, उसने पूरे बंगाल की बहनों को सोचने पर मजबूर किया है। SC/ST परिवार की बहनों को तो TMC के लोग इन्सान ही नहीं समझते। अपने शाहजहां को बचाने के लिए, TMC के लोग संदेशखाली की बहनों को ही दोषी ठहरा रहे हैं। उनके चरित्र पर सवाल उठा रहे हैं। जैसी भाषा ये लोग उनके लिए बोल रहे हैं, इसका जवाब बंगाल की हर बेटी अपने वोट से TMC को तबाह कर देगी। 

साथियों,

(भाई आप अपना चित्र लाए, नीचे रखो, लोग पीछे परेशान हो रहे, नीचे रखो इसको। मैंने देख लिया, मैं आपका बहुत आभारी हूं। औरों को परेशान मत करो। पीछे परेशान हो रहे लोग।) तोलाबाजी करना, चोरी करना, TMC की विचारधारा बन चुकी है। आचार-विचार एक ही बन चुका है। आप मुझे बताइए साथियों, जिस बंगाल में मां सरस्वती की पूजा होती है, वहां TMC सरकार शिक्षा में भी चोरी करती है। शिक्षकों की भर्ती में हज़ारों नौजवानों का भविष्य इन्होंने बर्बाद कर दिया। और इन सभी नौजवानों को कर्ज में डुबो दिया क्योंकि नौकरी के लिए उन्हें कर्ज करके ये टीएमसी वालों को पैसा देना पड़ा। लेकिन साथियों नुकसान सिर्फ इन नौजवानों का ही नहीं, आज बंगाल के गांवों के स्कूलों में शिक्षक नहीं है, टीएमसी ने उन बच्चों का भविष्य भी चोरी कर लिया।

भाइयों और बहनों,

TMC हो या कांग्रेस हो, ये एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। आप देखिए, कांग्रेस के मंत्री, कांग्रेस के सांसद के पास से कैसे नोटों के पहाड़ मिल रहे हैं। आपने देखा है कि नहीं, टीवी पर नोटों के पहाड़ देखे हैं ना। मैंने अपनी जिंदगी में आंख के सामने नोटों का ढेर नहीं देखा। जितने नोटों के पहाड़ पर यह चोर लुटेरे बैठे हैं। यहां टीएमसी के नेताओं और मंत्रियों के पास से भी नोटों के पहाड़ निकलते हैं। ये भ्रष्टाचार करते रंगे हाथ पकड़े जा रहे हैं और गाली मोदी को देते हैं। 

मुझे बताइए भाई क्या मैंने देशवासियों से कभी कुछ छिपाया है क्या? मैंने 14 में कहा था ना मैं भ्रष्टाचारियों के खिलाफ काम करूंगा। मैंने कहा था कि नहीं कहा था। मैंने 2019 में कहा था ना कि मैं भ्रष्टाचारियों को एक-एक करके पकडूंगा। कहा था कि नहीं कहा था। और 24 में कह रहा हूं मैं भ्रष्टाचारियों को जेल के बाहर रहने नहीं दूंगाआप बताइए साथियों, आपको लूटने वालों के साथ मोदी ठीक कर रहा कि नहीं कर रहा है? ठीक कर रहा है कि नहीं कर रहा है? मुझे करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए? पूरी ताकत से करना चाहिए नहीं करना चाहिए? ये लोग गालियां दें तो भी करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। ये झूठे आरोप लगाए तो भी करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। आपको लूटने वालों पर चोट होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए। मोदी आज आपको एक और गारंटी दे रहा है 4 जून के बाद नई सरकार बनते ही ऐसे हर भ्रष्टाचारी, उनकी जिंदगी जेलों में ही बीतेगी। चार जून पड़े भ्रष्टाचारी देर उपरे एक्शन आरो तीव्र होवे। और ये जो लूटा हुआ पैसा मोदी पकड़ रहा है ना, ये पैसा उन पीड़ितों का जिनसे उन्होंने लूटा है, मेरी कोशिश है वो पैसे उनको वापस मिले और इसके लिए मोदी रास्ता खोज रहा है। 

भाइयों और बहनों,

बंगाल की जनता ने इस बार TMC को साफ करने का पक्का मन बना लिया है। इसके रुझान आने शुरु भी हो गए हैं। और इसी के साथ TMC की बौखलाहट भी बढ़ती जा रही है। जिन्हें पहले कभी किसी ने पूछा नहीं, मोदी आज उनकी पूजा करता है। वो सदियों से वंचित रहे हैं, मोदी उन्हें वरीयता देता है। आज गरीब हों, दलित हों, पिछड़े हों, आदिवासी हों, मोदी ने सभी को अपनी योजनाओं का लाभ पहुंचाया है। पक्का घर सभी को मिला है, कोई भेदभाव नहीं किया। टॉयलेट और गैस कनेक्शन सभी को मिले हैं, मोदी ने कोई भेदभाव नहीं किया। आप मुझे बताइए, मोदी जो मुफ्त चावल देता है उसमें कोई भेदभाव करता है क्या? मोदी ने आपका बैंक में जो खाता खुलवाया उसमें कोई भेदभाव किया क्या?

साथियों, 

मैं जानता हूं कि पुरुलिया के आप लोगों को किस तरह जल संकट का सामना करना पड़ता है। ये जल संकट, हमारे गरीब, दलित-पिछड़े-आदिवासी भाई-बहनों का जीवन और मुश्किल बना देता है। मोदी की कोशिश, देश के हर घर तक नल से जल पहुंचाने की है। माताओं-बहनों मुझे हर घर में नल से जल पहुंचाना है। पिछले 5-6 साल में 12 करोड़ से ज्यादा घरों को हमने नल कनेक्शन से जोड़ा है। लेकिन पुरुलिया जैसे इलाकों में TMC सरकार, इस अभियान को भी आगे नहीं बढ़ने दे रही है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में जहां भाजपा की सरकार है, वहां हर रोज, अलग-अलग गांव में, अलग-अलग इलाके में एक दिन में 30 हजार घरों को नल कनेक्शन दिया जा रहा है। कितना बड़ा काम हो रहा है, उसके सामने बंगाल में एक दिन में सिर्फ 5 हजार घरों में काम होता है क्योंकि TMC वाले करने नहीं देना चाहते। उनके तोलाबाज करने नहीं देना चाहते। TMC सरकार से यहां विकास की कोई उम्मीद नहीं लगाई जा सकती।

साथियों, 

मैं आज गंभीर बात कहना चाहता हूं और बड़ी पीड़ा के साथ कहना चाहता हूं। आप जानते हैं, स्वामी विवेकानंद जब विदेश की धरती पर गए थे, जब वो भारत की बात करते थे, तो लाखों लोग उनके भक्त बन गए थे। पर एक वर्ग ऐसा भी था, जिसको भारत से नफरत थी। उन्होंने स्वामी विवेकानंद का खूब अपमान किया, खूब धमकाने की कोशिश की। पर स्वामी विवेकानंद मां भारती का मिशन लेकर निकले थे, वो कहां डरने वाले थे? आज ऐसा ही बंगाल की धरती पर हो रहा है। चुनाव में बंगाल के लोगों को डराने-धमकाने, हिंसा कराने वाली TMC सरकार ने इस बार सारी हदें पार कर दी है। आज देश और दुनिया में इस्कॉन, राम कृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ सेवा और सदाचार के लिए जाने जाते हैं। वे भारत का नाम रोशन करते हैं, लेकिन आज बंगाल की मुख्यमंत्री इस्कॉन वालों को, राम कृष्ण मिशन वालों को और भारत सेवाश्रम संघ के संन्यासियों को खुले तौर पर धमका रही हैं, खुले मंच से उन्हें चेतावनी दे रही हैं। दुनिया भर में इन मिशनों से जुड़े लाखों अनुयायी रहते हैं, इनका मकसद सिर्फ और सिर्फ लोगों की सेवा करना है। बंगाल की सरकार ने उनपर ऊंगली उठाई, उनका नाम लेकर धमका रही हैं, इतनी हिम्मत, सिर्फ अपने वोटबैंक को खुश करने के लिए, उन्हें साधने के लिए TMC इतने निचले स्तर पर उतर आई है। इसे बंगाल की जनता का ज़रा भी ख्याल नहीं, लाखों लोगों की भावनाओं का ख्याल नहीं। भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद, स्वामी विवेकानंद और स्वामी प्रणवानंद जैसे आध्यात्मिक गुरुओं का अपमान ये देश कभी नहीं सहेगा। ऐसी सरकार जो बंगाल की सेवा संस्कृति के प्रति कोई सम्मान नहीं रखती है, उसे आपने अपने वोट की ताकत से ऐसी सजा देनी है कि कभी वो हमारे संतों, महंतों और महापुरुषों का अपमान न कर सके। 

भाइयों और बहनों,

भाजपा सरकार, विकास भी, विरासत भी के मंत्र पर काम करती है। पुरुलिया और इस क्षेत्र का छाऊ नृत्य बहुत प्रसिद्ध है। ये भाजपा ही है कि जिसने छाऊ मास्क को GI टैग दिया है, इसे पुरुलिया की पहचान के साथ जोड़ा है। भाजपा, देश की संस्कृति की इस समृद्धि को दुनिया भर में ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।

साथियों, 

यहां अयोध्या पहाड़ है, यहां सीताकुंड भी है। प्रभु राम के चरण यहां पड़े हैं। यहां 500 साल बाद जब हमारे देश में प्रभु राम का भव्य मंदिर बना, उसमें हमारे रामलला विराजे हैं। आपको आनंद हुआ कि नहीं हुआ। आपको खुशी हुई कि नहीं हुई। बोलो जय श्रीराम। लेकिन TMC को राम का नाम लेना, राम नवमी मनाना ही पसंद नहीं है। सिर्फ वोटबैंक को खुश करने के लिए ये हमारी आस्था तक की परवाह नहीं करते। ऐसी TMC आपका एक वोट पाने के लायक नहीं है।

भाइयों और बहनों,

मोदी पुरुलिया के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। यहां हाईवे और रेलवे का काम गति पक़ड़ रहा है। पुरुलिया रेलवे स्टेशन का कायाकल्प हो, वंदे भारत ट्रेन हो, इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी हमारी प्राथमिकता है। हाल में ही मुझे रघुनाथपुर थर्मल पावर स्टेशन का शिलान्यास करने का भी अवसर मिला है। 11 हज़ार करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट से अनकों रोज़गार बनेंगे।

साथियों,

देश विकसित तब होगा, जब बंगाल भी विकसित होगा। जखोन बांग्लार बिकाश होबे, तबेई देशेर बिकाश होबे। इसलिए 25 मई को आपको हमारे साथी ज्योतिमय सिंह महतो जी को हर बूथ पर विजयी बनाना है। कमल पर पड़ा आपका हर वोट सीधा मोदी के खाते में जाएगा। आप मेरा एक काम करेंगे? हाथ ऊपर करके बताइए, मेरा एक काम करेंगे? घर घर जाइएगा और कहिए कि अपने मोदी जी आए थे और मोदी जी ने आपको राम राम कहा है। मेरा राम राम पहुंचा देंगे। हर घर में मेरा राम राम पहुंचा देंगे। 

भारत माता की। भारत माता की। जय माता की।

वंदे, वंदे, वंदे, वंदे, वंदे, वंदे, वंदे, वंदे, वंदे।

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Today, India is becoming the key growth engine of the global economy: PM Modi
December 06, 2025
India is brimming with confidence: PM
In a world of slowdown, mistrust and fragmentation, India brings growth, trust and acts as a bridge-builder: PM
Today, India is becoming the key growth engine of the global economy: PM
India's Nari Shakti is doing wonders, Our daughters are excelling in every field today: PM
Our pace is constant, Our direction is consistent, Our intent is always Nation First: PM
Every sector today is shedding the old colonial mindset and aiming for new achievements with pride: PM

आप सभी को नमस्कार।

यहां हिंदुस्तान टाइम्स समिट में देश-विदेश से अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित हैं। मैं आयोजकों और जितने साथियों ने अपने विचार रखें, आप सभी का अभिनंदन करता हूं। अभी शोभना जी ने दो बातें बताई, जिसको मैंने नोटिस किया, एक तो उन्होंने कहा कि मोदी जी पिछली बार आए थे, तो ये सुझाव दिया था। इस देश में मीडिया हाउस को काम बताने की हिम्मत कोई नहीं कर सकता। लेकिन मैंने की थी, और मेरे लिए खुशी की बात है कि शोभना जी और उनकी टीम ने बड़े चाव से इस काम को किया। और देश को, जब मैं अभी प्रदर्शनी देखके आया, मैं सबसे आग्रह करूंगा कि इसको जरूर देखिए। इन फोटोग्राफर साथियों ने इस, पल को ऐसे पकड़ा है कि पल को अमर बना दिया है। दूसरी बात उन्होंने कही और वो भी जरा मैं शब्दों को जैसे मैं समझ रहा हूं, उन्होंने कहा कि आप आगे भी, एक तो ये कह सकती थी, कि आप आगे भी देश की सेवा करते रहिए, लेकिन हिंदुस्तान टाइम्स ये कहे, आप आगे भी ऐसे ही सेवा करते रहिए, मैं इसके लिए भी विशेष रूप से आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

इस बार समिट की थीम है- Transforming Tomorrow. मैं समझता हूं जिस हिंदुस्तान अखबार का 101 साल का इतिहास है, जिस अखबार पर महात्मा गांधी जी, मदन मोहन मालवीय जी, घनश्यामदास बिड़ला जी, ऐसे अनगिनत महापुरूषों का आशीर्वाद रहा, वो अखबार जब Transforming Tomorrow की चर्चा करता है, तो देश को ये भरोसा मिलता है कि भारत में हो रहा परिवर्तन केवल संभावनाओं की बात नहीं है, बल्कि ये बदलते हुए जीवन, बदलती हुई सोच और बदलती हुई दिशा की सच्ची गाथा है।

साथियों,

आज हमारे संविधान के मुख्य शिल्पी, डॉक्टर बाबा साहेब आंबेडकर जी का महापरिनिर्वाण दिवस भी है। मैं सभी भारतीयों की तरफ से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

Friends,

आज हम उस मुकाम पर खड़े हैं, जब 21वीं सदी का एक चौथाई हिस्सा बीत चुका है। इन 25 सालों में दुनिया ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। फाइनेंशियल क्राइसिस देखी हैं, ग्लोबल पेंडेमिक देखी हैं, टेक्नोलॉजी से जुड़े डिसरप्शन्स देखे हैं, हमने बिखरती हुई दुनिया भी देखी है, Wars भी देख रहे हैं। ये सारी स्थितियां किसी न किसी रूप में दुनिया को चैलेंज कर रही हैं। आज दुनिया अनिश्चितताओं से भरी हुई है। लेकिन अनिश्चितताओं से भरे इस दौर में हमारा भारत एक अलग ही लीग में दिख रहा है, भारत आत्मविश्वास से भरा हुआ है। जब दुनिया में slowdown की बात होती है, तब भारत growth की कहानी लिखता है। जब दुनिया में trust का crisis दिखता है, तब भारत trust का pillar बन रहा है। जब दुनिया fragmentation की तरफ जा रही है, तब भारत bridge-builder बन रहा है।

साथियों,

अभी कुछ दिन पहले भारत में Quarter-2 के जीडीपी फिगर्स आए हैं। Eight परसेंट से ज्यादा की ग्रोथ रेट हमारी प्रगति की नई गति का प्रतिबिंब है।

साथियों,

ये एक सिर्फ नंबर नहीं है, ये strong macro-economic signal है। ये संदेश है कि भारत आज ग्लोबल इकोनॉमी का ग्रोथ ड्राइवर बन रहा है। और हमारे ये आंकड़े तब हैं, जब ग्लोबल ग्रोथ 3 प्रतिशत के आसपास है। G-7 की इकोनमीज औसतन डेढ़ परसेंट के आसपास हैं, 1.5 परसेंट। इन परिस्थितियों में भारत high growth और low inflation का मॉडल बना हुआ है। एक समय था, जब हमारे देश में खास करके इकोनॉमिस्ट high Inflation को लेकर चिंता जताते थे। आज वही Inflation Low होने की बात करते हैं।

साथियों,

भारत की ये उपलब्धियां सामान्य बात नहीं है। ये सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं है, ये एक फंडामेंटल चेंज है, जो बीते दशक में भारत लेकर आया है। ये फंडामेंटल चेंज रज़ीलियन्स का है, ये चेंज समस्याओं के समाधान की प्रवृत्ति का है, ये चेंज आशंकाओं के बादलों को हटाकर, आकांक्षाओं के विस्तार का है, और इसी वजह से आज का भारत खुद भी ट्रांसफॉर्म हो रहा है, और आने वाले कल को भी ट्रांसफॉर्म कर रहा है।

साथियों,

आज जब हम यहां transforming tomorrow की चर्चा कर रहे हैं, हमें ये भी समझना होगा कि ट्रांसफॉर्मेशन का जो विश्वास पैदा हुआ है, उसका आधार वर्तमान में हो रहे कार्यों की, आज हो रहे कार्यों की एक मजबूत नींव है। आज के Reform और आज की Performance, हमारे कल के Transformation का रास्ता बना रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण दूंगा कि हम किस सोच के साथ काम कर रहे हैं।

साथियों,

आप भी जानते हैं कि भारत के सामर्थ्य का एक बड़ा हिस्सा एक लंबे समय तक untapped रहा है। जब देश के इस untapped potential को ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलेंगे, जब वो पूरी ऊर्जा के साथ, बिना किसी रुकावट के देश के विकास में भागीदार बनेंगे, तो देश का कायाकल्प होना तय है। आप सोचिए, हमारा पूर्वी भारत, हमारा नॉर्थ ईस्ट, हमारे गांव, हमारे टीयर टू और टीय़र थ्री सिटीज, हमारे देश की नारीशक्ति, भारत की इनोवेटिव यूथ पावर, भारत की सामुद्रिक शक्ति, ब्लू इकोनॉमी, भारत का स्पेस सेक्टर, कितना कुछ है, जिसके फुल पोटेंशियल का इस्तेमाल पहले के दशकों में हो ही नहीं पाया। अब आज भारत इन Untapped पोटेंशियल को Tap करने के विजन के साथ आगे बढ़ रहा है। आज पूर्वी भारत में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी और इंडस्ट्री पर अभूतपूर्व निवेश हो रहा है। आज हमारे गांव, हमारे छोटे शहर भी आधुनिक सुविधाओं से लैस हो रहे हैं। हमारे छोटे शहर, Startups और MSMEs के नए केंद्र बन रहे हैं। हमारे गाँवों में किसान FPO बनाकर सीधे market से जुड़ें, और कुछ तो FPO’s ग्लोबल मार्केट से जुड़ रहे हैं।

साथियों,

भारत की नारीशक्ति तो आज कमाल कर रही हैं। हमारी बेटियां आज हर फील्ड में छा रही हैं। ये ट्रांसफॉर्मेशन अब सिर्फ महिला सशक्तिकरण तक सीमित नहीं है, ये समाज की सोच और सामर्थ्य, दोनों को transform कर रहा है।

साथियों,

जब नए अवसर बनते हैं, जब रुकावटें हटती हैं, तो आसमान में उड़ने के लिए नए पंख भी लग जाते हैं। इसका एक उदाहरण भारत का स्पेस सेक्टर भी है। पहले स्पेस सेक्टर सरकारी नियंत्रण में ही था। लेकिन हमने स्पेस सेक्टर में रिफॉर्म किया, उसे प्राइवेट सेक्टर के लिए Open किया, और इसके नतीजे आज देश देख रहा है। अभी 10-11 दिन पहले मैंने हैदराबाद में Skyroot के Infinity Campus का उद्घाटन किया है। Skyroot भारत की प्राइवेट स्पेस कंपनी है। ये कंपनी हर महीने एक रॉकेट बनाने की क्षमता पर काम कर रही है। ये कंपनी, flight-ready विक्रम-वन बना रही है। सरकार ने प्लेटफॉर्म दिया, और भारत का नौजवान उस पर नया भविष्य बना रहा है, और यही तो असली ट्रांसफॉर्मेशन है।

साथियों,

भारत में आए एक और बदलाव की चर्चा मैं यहां करना ज़रूरी समझता हूं। एक समय था, जब भारत में रिफॉर्म्स, रिएक्शनरी होते थे। यानि बड़े निर्णयों के पीछे या तो कोई राजनीतिक स्वार्थ होता था या फिर किसी क्राइसिस को मैनेज करना होता था। लेकिन आज नेशनल गोल्स को देखते हुए रिफॉर्म्स होते हैं, टारगेट तय है। आप देखिए, देश के हर सेक्टर में कुछ ना कुछ बेहतर हो रहा है, हमारी गति Constant है, हमारी Direction Consistent है, और हमारा intent, Nation First का है। 2025 का तो ये पूरा साल ऐसे ही रिफॉर्म्स का साल रहा है। सबसे बड़ा रिफॉर्म नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी का था। और इन रिफॉर्म्स का असर क्या हुआ, वो सारे देश ने देखा है। इसी साल डायरेक्ट टैक्स सिस्टम में भी बहुत बड़ा रिफॉर्म हुआ है। 12 लाख रुपए तक की इनकम पर ज़ीरो टैक्स, ये एक ऐसा कदम रहा, जिसके बारे में एक दशक पहले तक सोचना भी असंभव था।

साथियों,

Reform के इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए, अभी तीन-चार दिन पहले ही Small Company की डेफिनीशन में बदलाव किया गया है। इससे हजारों कंपनियाँ अब आसान नियमों, तेज़ प्रक्रियाओं और बेहतर सुविधाओं के दायरे में आ गई हैं। हमने करीब 200 प्रोडक्ट कैटगरीज़ को mandatory क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर से बाहर भी कर दिया गया है।

साथियों,

आज के भारत की ये यात्रा, सिर्फ विकास की नहीं है। ये सोच में बदलाव की भी यात्रा है, ये मनोवैज्ञानिक पुनर्जागरण, साइकोलॉजिकल रेनसां की भी यात्रा है। आप भी जानते हैं, कोई भी देश बिना आत्मविश्वास के आगे नहीं बढ़ सकता। दुर्भाग्य से लंबी गुलामी ने भारत के इसी आत्मविश्वास को हिला दिया था। और इसकी वजह थी, गुलामी की मानसिकता। गुलामी की ये मानसिकता, विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति में एक बहुत बड़ी रुकावट है। और इसलिए, आज का भारत गुलामी की मानसिकता से मुक्ति पाने के लिए काम कर रहा है।

साथियों,

अंग्रेज़ों को अच्छी तरह से पता था कि भारत पर लंबे समय तक राज करना है, तो उन्हें भारतीयों से उनके आत्मविश्वास को छीनना होगा, भारतीयों में हीन भावना का संचार करना होगा। और उस दौर में अंग्रेजों ने यही किया भी। इसलिए, भारतीय पारिवारिक संरचना को दकियानूसी बताया गया, भारतीय पोशाक को Unprofessional करार दिया गया, भारतीय त्योहार-संस्कृति को Irrational कहा गया, योग-आयुर्वेद को Unscientific बता दिया गया, भारतीय अविष्कारों का उपहास उड़ाया गया और ये बातें कई-कई दशकों तक लगातार दोहराई गई, पीढ़ी दर पीढ़ी ये चलता गया, वही पढ़ा, वही पढ़ाया गया। और ऐसे ही भारतीयों का आत्मविश्वास चकनाचूर हो गया।

साथियों,

गुलामी की इस मानसिकता का कितना व्यापक असर हुआ है, मैं इसके कुछ उदाहरण आपको देना चाहता हूं। आज भारत, दुनिया की सबसे तेज़ी से ग्रो करने वाली मेजर इकॉनॉमी है, कोई भारत को ग्लोबल ग्रोथ इंजन बताता है, कोई, Global powerhouse कहता है, एक से बढ़कर एक बातें आज हो रही हैं।

लेकिन साथियों,

आज भारत की जो तेज़ ग्रोथ हो रही है, क्या कहीं पर आपने पढ़ा? क्या कहीं पर आपने सुना? इसको कोई, हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ कहता है क्या? दुनिया की तेज इकॉनमी, तेज ग्रोथ, कोई कहता है क्या? हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ कब कहा गया? जब भारत, दो-तीन परसेंट की ग्रोथ के लिए तरस गया था। आपको क्या लगता है, किसी देश की इकोनॉमिक ग्रोथ को उसमें रहने वाले लोगों की आस्था से जोड़ना, उनकी पहचान से जोड़ना, क्या ये अनायास ही हुआ होगा क्या? जी नहीं, ये गुलामी की मानसिकता का प्रतिबिंब था। एक पूरे समाज, एक पूरी परंपरा को, अन-प्रोडक्टिविटी का, गरीबी का पर्याय बना दिया गया। यानी ये सिद्ध करने का प्रयास किया गया कि, भारत की धीमी विकास दर का कारण, हमारी हिंदू सभ्यता और हिंदू संस्कृति है। और हद देखिए, आज जो तथाकथित बुद्धिजीवी हर चीज में, हर बात में सांप्रदायिकता खोजते रहते हैं, उनको हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ में सांप्रदायिकता नज़र नहीं आई। ये टर्म, उनके दौर में किताबों का, रिसर्च पेपर्स का हिस्सा बना दिया गया।

साथियों,

गुलामी की मानसिकता ने भारत में मैन्युफेक्चरिंग इकोसिस्टम को कैसे तबाह कर दिया, और हम इसको कैसे रिवाइव कर रहे हैं, मैं इसके भी कुछ उदाहरण दूंगा। भारत गुलामी के कालखंड में भी अस्त्र-शस्त्र का एक बड़ा निर्माता था। हमारे यहां ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज़ का एक सशक्त नेटवर्क था। भारत से हथियार निर्यात होते थे। विश्व युद्धों में भी भारत में बने हथियारों का बोल-बाला था। लेकिन आज़ादी के बाद, हमारा डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग इकोसिस्टम तबाह कर दिया गया। गुलामी की मानसिकता ऐसी हावी हुई कि सरकार में बैठे लोग भारत में बने हथियारों को कमजोर आंकने लगे, और इस मानसिकता ने भारत को दुनिया के सबसे बड़े डिफेंस importers के रूप में से एक बना दिया।

साथियों,

गुलामी की मानसिकता ने शिप बिल्डिंग इंडस्ट्री के साथ भी यही किया। भारत सदियों तक शिप बिल्डिंग का एक बड़ा सेंटर था। यहां तक कि 5-6 दशक पहले तक, यानी 50-60 साल पहले, भारत का फोर्टी परसेंट ट्रेड, भारतीय जहाजों पर होता था। लेकिन गुलामी की मानसिकता ने विदेशी जहाज़ों को प्राथमिकता देनी शुरु की। नतीजा सबके सामने है, जो देश कभी समुद्री ताकत था, वो अपने Ninety five परसेंट व्यापार के लिए विदेशी जहाज़ों पर निर्भर हो गया है। और इस वजह से आज भारत हर साल करीब 75 बिलियन डॉलर, यानी लगभग 6 लाख करोड़ रुपए विदेशी शिपिंग कंपनियों को दे रहा है।

साथियों,

शिप बिल्डिंग हो, डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग हो, आज हर सेक्टर में गुलामी की मानसिकता को पीछे छोड़कर नए गौरव को हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है।

साथियों,

गुलामी की मानसिकता ने एक बहुत बड़ा नुकसान, भारत में गवर्नेंस की अप्रोच को भी किया है। लंबे समय तक सरकारी सिस्टम का अपने नागरिकों पर अविश्वास रहा। आपको याद होगा, पहले अपने ही डॉक्यूमेंट्स को किसी सरकारी अधिकारी से अटेस्ट कराना पड़ता था। जब तक वो ठप्पा नहीं मारता है, सब झूठ माना जाता था। आपका परिश्रम किया हुआ सर्टिफिकेट। हमने ये अविश्वास का भाव तोड़ा और सेल्फ एटेस्टेशन को ही पर्याप्त माना। मेरे देश का नागरिक कहता है कि भई ये मैं कह रहा हूं, मैं उस पर भरोसा करता हूं।

साथियों,

हमारे देश में ऐसे-ऐसे प्रावधान चल रहे थे, जहां ज़रा-जरा सी गलतियों को भी गंभीर अपराध माना जाता था। हम जन-विश्वास कानून लेकर आए, और ऐसे सैकड़ों प्रावधानों को डी-क्रिमिनलाइज किया है।

साथियों,

पहले बैंक से हजार रुपए का भी लोन लेना होता था, तो बैंक गारंटी मांगता था, क्योंकि अविश्वास बहुत अधिक था। हमने मुद्रा योजना से अविश्वास के इस कुचक्र को तोड़ा। इसके तहत अभी तक 37 lakh crore, 37 लाख करोड़ रुपए की गारंटी फ्री लोन हम दे चुके हैं देशवासियों को। इस पैसे से, उन परिवारों के नौजवानों को भी आंत्रप्रन्योर बनने का विश्वास मिला है। आज रेहड़ी-पटरी वालों को भी, ठेले वाले को भी बिना गारंटी बैंक से पैसा दिया जा रहा है।

साथियों,

हमारे देश में हमेशा से ये माना गया कि सरकार को अगर कुछ दे दिया, तो फिर वहां तो वन वे ट्रैफिक है, एक बार दिया तो दिया, फिर वापस नहीं आता है, गया, गया, यही सबका अनुभव है। लेकिन जब सरकार और जनता के बीच विश्वास मजबूत होता है, तो काम कैसे होता है? अगर कल अच्छी करनी है ना, तो मन आज अच्छा करना पड़ता है। अगर मन अच्छा है तो कल भी अच्छा होता है। और इसलिए हम एक और अभियान लेकर आए, आपको सुनकर के ताज्जुब होगा और अभी अखबारों में उसकी, अखबारों वालों की नजर नहीं गई है उस पर, मुझे पता नहीं जाएगी की नहीं जाएगी, आज के बाद हो सकता है चली जाए।

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि आज देश के बैंकों में, हमारे ही देश के नागरिकों का 78 thousand crore रुपया, 78 हजार करोड़ रुपए Unclaimed पड़ा है बैंको में, पता नहीं कौन है, किसका है, कहां है। इस पैसे को कोई पूछने वाला नहीं है। इसी तरह इन्श्योरेंश कंपनियों के पास करीब 14 हजार करोड़ रुपए पड़े हैं। म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास करीब 3 हजार करोड़ रुपए पड़े हैं। 9 हजार करोड़ रुपए डिविडेंड का पड़ा है। और ये सब Unclaimed पड़ा हुआ है, कोई मालिक नहीं उसका। ये पैसा, गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों का है, और इसलिए, जिसके हैं वो तो भूल चुका है। हमारी सरकार अब उनको ढूंढ रही है देशभर में, अरे भई बताओ, तुम्हारा तो पैसा नहीं था, तुम्हारे मां बाप का तो नहीं था, कोई छोड़कर तो नहीं चला गया, हम जा रहे हैं। हमारी सरकार उसके हकदार तक पहुंचने में जुटी है। और इसके लिए सरकार ने स्पेशल कैंप लगाना शुरू किया है, लोगों को समझा रहे हैं, कि भई देखिए कोई है तो अता पता। आपके पैसे कहीं हैं क्या, गए हैं क्या? अब तक करीब 500 districts में हम ऐसे कैंप लगाकर हजारों करोड़ रुपए असली हकदारों को दे चुके हैं जी। पैसे पड़े थे, कोई पूछने वाला नहीं था, लेकिन ये मोदी है, ढूंढ रहा है, अरे यार तेरा है ले जा।

साथियों,

ये सिर्फ asset की वापसी का मामला नहीं है, ये विश्वास का मामला है। ये जनता के विश्वास को निरंतर हासिल करने की प्रतिबद्धता है और जनता का विश्वास, यही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। अगर गुलामी की मानसिकता होती तो सरकारी मानसी साहबी होता और ऐसे अभियान कभी नहीं चलते हैं।

साथियों,

हमें अपने देश को पूरी तरह से, हर क्षेत्र में गुलामी की मानसिकता से पूर्ण रूप से मुक्त करना है। अभी कुछ दिन पहले मैंने देश से एक अपील की है। मैं आने वाले 10 साल का एक टाइम-फ्रेम लेकर, देशवासियों को मेरे साथ, मेरी बातों को ये कुछ करने के लिए प्यार से आग्रह कर रहा हूं, हाथ जोड़कर विनती कर रहा हूं। 140 करोड़ देशवसियों की मदद के बिना ये मैं कर नहीं पाऊंगा, और इसलिए मैं देशवासियों से बार-बार हाथ जोड़कर कह रहा हूं, और 10 साल के इस टाइम फ्रैम में मैं क्या मांग रहा हूं? मैकाले की जिस नीति ने भारत में मानसिक गुलामी के बीज बोए थे, उसको 2035 में 200 साल पूरे हो रहे हैं, Two hundred year हो रहे हैं। यानी 10 साल बाकी हैं। और इसलिए, इन्हीं दस वर्षों में हम सभी को मिलकर के, अपने देश को गुलामी की मानसिकता से मुक्त करके रहना चाहिए।

साथियों,

मैं अक्सर कहता हूं, हम लीक पकड़कर चलने वाले लोग नहीं हैं। बेहतर कल के लिए, हमें अपनी लकीर बड़ी करनी ही होगी। हमें देश की भविष्य की आवश्यकताओं को समझते हुए, वर्तमान में उसके हल तलाशने होंगे। आजकल आप देखते हैं कि मैं मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान पर लगातार चर्चा करता हूं। शोभना जी ने भी अपने भाषण में उसका उल्लेख किया। अगर ऐसे अभियान 4-5 दशक पहले शुरू हो गए होते, तो आज भारत की तस्वीर कुछ और होती। लेकिन तब जो सरकारें थीं उनकी प्राथमिकताएं कुछ और थीं। आपको वो सेमीकंडक्टर वाला किस्सा भी पता ही है, करीब 50-60 साल पहले, 5-6 दशक पहले एक कंपनी, भारत में सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने के लिए आई थी, लेकिन यहां उसको तवज्जो नहीं दी गई, और देश सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में इतना पिछड़ गया।

साथियों,

यही हाल एनर्जी सेक्टर की भी है। आज भारत हर साल करीब-करीब 125 लाख करोड़ रुपए के पेट्रोल-डीजल-गैस का इंपोर्ट करता है, 125 लाख करोड़ रुपया। हमारे देश में सूर्य भगवान की इतनी बड़ी कृपा है, लेकिन फिर भी 2014 तक भारत में सोलर एनर्जी जनरेशन कपैसिटी सिर्फ 3 गीगावॉट थी, 3 गीगावॉट थी। 2014 तक की मैं बात कर रहा हूं, जब तक की आपने मुझे यहां लाकर के बिठाया नहीं। 3 गीगावॉट, पिछले 10 वर्षों में अब ये बढ़कर 130 गीगावॉट के आसपास पहुंच चुकी है। और इसमें भी भारत ने twenty two गीगावॉट कैपेसिटी, सिर्फ और सिर्फ rooftop solar से ही जोड़ी है। 22 गीगावाट एनर्जी रूफटॉप सोलर से।

साथियों,

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ने, एनर्जी सिक्योरिटी के इस अभियान में देश के लोगों को सीधी भागीदारी करने का मौका दे दिया है। मैं काशी का सांसद हूं, प्रधानमंत्री के नाते जो काम है, लेकिन सांसद के नाते भी कुछ काम करने होते हैं। मैं जरा काशी के सांसद के नाते आपको कुछ बताना चाहता हूं। और आपके हिंदी अखबार की तो ताकत है, तो उसको तो जरूर काम आएगा। काशी में 26 हजार से ज्यादा घरों में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के सोलर प्लांट लगे हैं। इससे हर रोज, डेली तीन लाख यूनिट से अधिक बिजली पैदा हो रही है, और लोगों के करीब पांच करोड़ रुपए हर महीने बच रहे हैं। यानी साल भर के साठ करोड़ रुपये।

साथियों,

इतनी सोलर पावर बनने से, हर साल करीब नब्बे हज़ार, ninety thousand मीट्रिक टन कार्बन एमिशन कम हो रहा है। इतने कार्बन एमिशन को खपाने के लिए, हमें चालीस लाख से ज्यादा पेड़ लगाने पड़ते। और मैं फिर कहूंगा, ये जो मैंने आंकडे दिए हैं ना, ये सिर्फ काशी के हैं, बनारस के हैं, मैं देश की बात नहीं बता रहा हूं आपको। आप कल्पना कर सकते हैं कि, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, ये देश को कितना बड़ा फायदा हो रहा है। आज की एक योजना, भविष्य को Transform करने की कितनी ताकत रखती है, ये उसका Example है।

वैसे साथियों,

अभी आपने मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग के भी आंकड़े देखे होंगे। 2014 से पहले तक हम अपनी ज़रूरत के 75 परसेंट मोबाइल फोन इंपोर्ट करते थे, 75 परसेंट। और अब, भारत का मोबाइल फोन इंपोर्ट लगभग ज़ीरो हो गया है। अब हम बहुत बड़े मोबाइल फोन एक्सपोर्टर बन रहे हैं। 2014 के बाद हमने एक reform किया, देश ने Perform किया और उसके Transformative नतीजे आज दुनिया देख रही है।

साथियों,

Transforming tomorrow की ये यात्रा, ऐसी ही अनेक योजनाओं, अनेक नीतियों, अनेक निर्णयों, जनआकांक्षाओं और जनभागीदारी की यात्रा है। ये निरंतरता की यात्रा है। ये सिर्फ एक समिट की चर्चा तक सीमित नहीं है, भारत के लिए तो ये राष्ट्रीय संकल्प है। इस संकल्प में सबका साथ जरूरी है, सबका प्रयास जरूरी है। सामूहिक प्रयास हमें परिवर्तन की इस ऊंचाई को छूने के लिए अवसर देंगे ही देंगे।

साथियों,

एक बार फिर, मैं शोभना जी का, हिन्दुस्तान टाइम्स का बहुत आभारी हूं, कि आपने मुझे अवसर दिया आपके बीच आने का और जो बातें कभी-कभी बताई उसको आपने किया और मैं तो मानता हूं शायद देश के फोटोग्राफरों के लिए एक नई ताकत बनेगा ये। इसी प्रकार से अनेक नए कार्यक्रम भी आप आगे के लिए सोच सकते हैं। मेरी मदद लगे तो जरूर मुझे बताना, आईडिया देने का मैं कोई रॉयल्टी नहीं लेता हूं। मुफ्त का कारोबार है और मारवाड़ी परिवार है, तो मौका छोड़ेगा ही नहीं। बहुत-बहुत धन्यवाद आप सबका, नमस्कार।