QuoteYoungsters are filled with energy and enthusiasm... What they need is encouragement, mentorship and institutional support: PM Modi 
QuoteIntent leads to ideas, ideas have the power to drive innovation and innovation ultimately will lead to the creation of a New India: PM Modi 
QuoteNever stop dreaming and never let the dreams die. It is good for children to have high curiosity quotient: PM 
QuoteNeed of the hour for is to innovate and come up with solutions to the problems the world faces. Innovate to transform lives of the commons: PM Modi to youngsters 
QuoteThank PM of Israel for the desalinisation motorable machine, it will benefit people in border areas: PM Modi

His Excellency, इजराइल के प्रधानमंत्री श्रीमान बेंजामिन नेतन्याहू, श्रीमति सारा नेतन्‍याहू, गुजरात के मुख्‍यमंत्री श्रीमान विजय रूपाणी जी, उपमुख्‍यमंत्री श्री नितिन पटेल जी, iCrate से जुड़े हुए तमाम intellectual, innovators, research scholars, अधिकारीगण और यहां उपस्थित भाइयो और बहनों और मेरे नौजवान दोस्‍तों।

मुझे खुशी है कि आज इजराइल के प्रधानमंत्री की उपस्थि‍ति में देश के नौजवान innovators को समर्पित इस संस्‍थान का लोकार्पण हो रहा है। मैं श्री नेतन्याहू का बहुत आभारी हूं। उन्‍होंने गुजरात आने का निमंत्रण स्‍वीकार किया और परिवार के साथ आए। इस कार्यक्रम से यहां आने से पहले हम साबरमती आश्रम गए थे, जहां पूज्‍य बापू को श्रद्धांजलि देने का अवसर मिला। पंतग उड़ाने का भी अवसर मिला।

जब मैं पिछले साल इजराइल गया था, तभी ये मन बना लिया था- इस संस्‍था का इजराइल के साथ और मजबूत संबंध होना चाहिए; और तब से ही मैं मेरे मित्र श्री नेतन्याहू के भारत आने का इंतजार कर रहा था। मुझे खुशी है कि वो न सिर्फ गुजरात आए बल्कि आज हम उनकी उपस्थिति में इस संस्‍था के कैम्‍पस का लोकार्पण कर रहे हैं। मैं श्री नेतन्याहू और उनके साथ आए delegation के अन्‍य सदस्‍यों का एक बार फिर से स्‍वागत करता हूं और उनका आभार व्‍यक्‍त करता हूं।

आज जब हम iCreate का लोकर्पण कर रहे हैं तो मैं स्‍वर्गीय प्रोफेसर एन.वी.वसानी को याद करना चाहूंगा। मुझे बराबर याद है कि जब यहां iCreate की कल्‍पना की गई तो उसको मूर्तरूप देने की जिम्‍मेदारी प्रारंभ में प्रोफेसर वसानी के पास आई थी। लेकिन दुर्भाग्‍य से लंबे अर्से तक वे unconscious रहे, हमें छोड़कर चले गए। आज वो हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन प्रारंभिक काल में उनका जो प्रयास था और बाद में कारवां जुड़ता गया कि आज हम सब iCreate को इस भव्‍य रूप में देख पा रहे हैं।

किसान एक छोटा सा पौधा बोता है तो आने वाली कई पीढ़ियां उस विशाल वृक्ष के फल पाती रहती हैं और किसान की आत्‍मा जहां कहीं भी होती है, यह देखकर निश्चित रूप से आनंदित होती है। आज iCreate के लोकार्पण पर हम सबको उसी खुशी का अनुभव हो रहा है कि जो एक बीज बोया था, आज वटवृक्ष के रूप में उभर करके आया है।

किसी Institution का महत्‍व उसके जन्‍म के समय नहीं आंका जा सकता है। हम सब जानते हैं कि आज भारत ही नहीं, पूरे विश्‍व में pharmaceutical क्षेत्र में गुजरात का नाम है, गुजरातियों का नाम है। पर बहुत कम लोगों को इसका background मालूम होगा। आज से लगभग 50-60 साल पहले अहमदाबाद के कुछ visionary उद्यो‍गपतियों के प्रयास से एक pharmacy college प्रारंभ हुई था, उसकी शुरूआत हुई थी; और वो देश का पहला pharmacy college था। और उस pharmacy college ने अहमदाबाद और पूरे गुजरात में pharmacy के क्षेत्र में एक मजबूत Eco system खड़ा कर दिया। हम सब यही अपेक्षा iCreate और यहां से निकलने वाले मेरे नौजवानों से, विद्यार्थियों से आज देश अपेक्षा रखता है कि वो innovation के क्षेत्र में भारत का नाम पूरे विश्‍व में रोशन करेंगे।

मुझे याद है जब कुछ वर्ष पहले iCreate को launch किया था तो उस समय भी मैंने कहा था कि इजराइल को iCreate से जोड़ना चाहता हूं। मेरा मकसद यही था कि इजराइल के अनुभव का फायदा, उसके Startup Environment का लाभ इस संस्‍था को, देश के नौजवानों को मिले। इजराइल की technology एवं creativity पूरे विश्‍व को प्रभावित करती है; खास करके ऐसे क्षेत्र जो भारत की आवश्‍यकताओं से जुड़े हैं, उनमें इजराइल के साथ का फायदा भारत के innovators भी उठा सकते हैं।

Water conservation, agriculture production, agriculture products का लंबे समय तक रख-रखाव, food processing, रेगिस्‍तान की ओर कम पानी वाले इलाकों में खेती, Cyber security - ऐसे कितने ही विषय हैं, जिनमें भारत और इजराइल की साझेदारी हो सकती है।

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साथियो, इजराइल के लोगों ने पूरी दुनिया में साबित किया है कि देश का आकार नहीं, देशवासियों की संकल्‍प देश को आगे ले जाता है, उपर उठाता है।

मुझे एक बार इजराइल के पूर्व राष्‍ट्रपति और महान स्‍टेटमैन, श्रीमान शिमॉन पेरेज से मिलने का सौभाग्‍य प्राप्‍त हुआ था और उनकी एक बात मुझे आज भी याद है। श्रीमान शिमॉन पेरेज कहते थे, ‘We will prove that innovation has no limits and no barriers. Innovation enable dialogue between nation and between people. उनकी ये बात आज 100 प्रतिशत सच साबित हुई है। भारत और इजराइल के लोगों को और करीब लाने में innovation की बहुत बड़ी भूमिका है।

भाइयो और बहनों, श्रीमान शिमॉन पेरेज की कही एक और बात को मैं आज दोहराना चाहता हूं। वो कहते थे, “The greater the dream the more spectacular the results”. जितने बड़े सपने होंगे उतने ही बड़े नतीजे होंगे। इजराइल की यही सोच Noble Prize के साथ उसकी Chemistry को मजबूत करती है। इजराइल के वैज्ञानिकों को अलग-अलग क्षेत्रों से मिले नोबेल पुरस्‍कार इस बात के गवाह हैं।

भाइयो और बहनों, मशहूर वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्‍टाइन का उतना ही मशहूर कथन है- “Imagination is more important than knowledge”. ये Imagination- ये सपने, ये कल्‍पना ही हमें नई बुलंदियों पर ले जाती है। इन सपनों को, और इन सपनों को ही कभी भी मरने नहीं देना है। इन सपनों को कभी थमने नहीं देना है। बच्‍चों की curiosity के पोषण की जिम्‍मेदारी हम सबकी है। संकोच, ये innovation का दुश्‍मन है। आप अपने आसपास छोटे बच्‍चों को ध्‍यान से देखें। यदि आप उनको कहें कि जल्‍दी सोना चाहिए, वो तुरंत पूछते हैं, क्‍यों सोना चाहिए? यदि आप उनको कहें कि मुझे ये संगीत पसंद है तो वो तुरंत पूछते हैं, आपको ये संगीत पसंद क्‍यों है? एक बार गणित की एक क्‍लास में अध्‍यापक ने समझाया कि यदि तीन फल हैं और तीन छात्रों को दिए जाएं तो प्रत्‍येक को एक फल मिलेगा, और यदि छह फल हैं और छह छात्रों को दिए जाएं, तो भी प्रत्‍येक को एक फल मिलेगा। फिर टीचर ने कहा कि मतलब जितने फल हों उतने ही छात्र हों तो प्रत्‍येक को एक फल मिलेगा। तभी एक छात्र खड़ा हुआ और उसने टीचर की आंख में आंख मिला करके उनसे पूछा कि यदि फल भी जीरो है और छात्र भी जीरो है तो भी क्‍या प्रत्‍येक छात्र को एक फल मिलेगा? यह सुन करके पूरी क्‍लास हंसने लग गई। टीचर भी उस बच्‍चे को देखने लग गए। लेकिन आपको जानकर खुशी होगी वो बच्‍चा और कोई नहीं था। कहते हैं कि वह छात्र गणित के ज्ञाता, महान ज्ञाता, श्रीनिवास रामानुजम था और उस एक प्रश्‍न ने गणित के एक महत्‍वपूर्ण सवाल को स्‍पष्‍ट किया था कि क्‍या जीरो को जीरो से divide करें तो उत्तर एक हो सकता है क्‍या?

हमारे युवाओं के पास एनर्जी भी है, enthusiasm भी है। उनको चाहिए कि थोड़ा सा encouragement, थोड़ी सी mentorship, थोड़ा सा network, थोड़ा सा institutional support. जब ये थोड़ा-थोड़ा युवाओं के innovation से मिलता है तो बड़े-बड़े परिणाम आना निश्चित होता है। आज हम देश में पूरे सिस्‍टम को innovation फ्रेंडली बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। हमारा मंत्र है- curiosity से जन्‍मे Intent, Intent की ताकत से बने Ideas, Ideas की ताकत से हो innovation और innovation की ताकत से बने हमारा New India.

साथियो, हर व्‍यक्ति के मन में, हर नौजवान के मन में कुछ न कुछ नया करने की, innovative करने की इच्‍छा होती है। उसके मन में विचार आते हैं और चले जाते हैं। जो विचार आते हैं वो आपकी संपत्ति है। लेकिन उन विचारों का जाना, खो जाना, किसी धरातल पर नहीं उतरना; मैं समझता हूं वो समाज की, सरकार की, व्‍यवस्‍था की कमी है। मैं इसी व्‍यवस्‍था को बदल रहा हूं। नौजवानों के विचार यूं ही खत्‍म न हो जाएं, इसे देखना हम सभी का दायित्‍व है। नौजवानों अपने सपने सच कर सकें, अपनी शक्ति का परिचय पूरे विश्‍व को दे सकें और इसके लिए मददगार संस्‍थाएं खड़ी करना, ये सरकार की और समाज की जिम्‍मेदारी है। इसी सोच के साथ इस iCreate का जन्‍म हुआ है।

मुझे खुशी है कि iCreate ने देश के नौजवानों को उनके सपने पूरे करने में, उनके innovative ideas को साकार करने में बहुत बड़ी मदद दी है। iCreate के innovative products के बारे में जब मैंने जाना, आज देखा भी, मुझे बहुत प्रसन्‍नता हो रही है। मुझे बताया गया है कि Bio scan labour अड्डा, spectrums part, Icon जैसे अनेक innovations, iCreate की मदद से संभव हो पाए हैं और सफलता की पहली शर्त होती है- साहस। जो साहस कर सकता है वो कोई भी निर्णय ले सकता है। आप सहमत हैं न मेरी बात से? सहमत हैं ना नौजवान? अगर साहस नहीं है तो निर्णय नहीं कर पाता इंसान। iCreate के माध्‍यम से innovation कर रहे साहसी युवाओं को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

Convention और innovation के बीच हमेशा खींचातानी रहती है। जब भी कोई कुछ नया करना चाहता है तो एक वर्ग उसका मजाक उड़ाता है, विरोध करता है। अधिकतर लोग कालीदास के ‘मेघदूत’ और ‘शकुन्‍तला’ के बारे में तो जानते हैं लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि कालीदास ने Convention और innovation के बारे में एक मजेदार बात कही है- माल विक्रागिनमित्रम्- जो उन्‍होंने लिखा है। उस माल विक्रागि मित्रम् में कालीदास जी ने कहा है-

पुराणमित्‍येव न साधु सर्वं न च‍पि काव्‍यं नवमित्‍यवद्यम्।
सन्त: परीक्ष्‍यान्‍यतरद्भजन्‍ते मूढ़: परप्रत्‍ययनेयबुद्धि:।।

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अर्थात् केवल इसलिए कोई चीज पुरानी है, आवश्‍यक नहीं है कि वो अच्‍छी होगी। इसी प्रकार कोई चीज नई है तो जरूरी नहीं कि वह बुरी होगी। बुद्धिमान व्‍यक्ति हर चीज को गुणों के आधार पर तोलता है और मूर्ख दूसरों के कहने के आधार पर अपना मन बनाता है। सदियों पहले कालीदास ये कहके गए हैं, और कितने सुदंर तरीके से कालीदास ने convention और innovation के बीच की खींचतान का समाधान दिया है।

साथियो, ये हमारे वैज्ञानिकों की क्षमता है कि जितने रुपये में Hollywood में science fiction की फिल्‍म बनती है, उससे भी कम राशि में real मंगलयान real मंगल ग्रह पर भी पहुंचा जाता है, ये हमारे वैज्ञानिकों ने सिद्ध किया है। अभी चार दिन पहले ही इसरो ने Satellite launching में सेंचुरी बनाई है, और ऐसी कामयाबी ऐसे नहीं आती है। इसके पीछे जो dedication चाहिए, परिश्रम चाहिए, जो सपनों की ऊंची उड़ान चाहिए, वो ऊर्जा भारतीय नौजवानों में कूट-कूट करके भरी हुई है और ये मैं दिन-रात अनुभव करता हूं।

भाइयो और बहनों, आपने देखा है iCreate का जो ‘I’ है वो small letter में है। जब iCreate का नाम तय हो रहा था तो ‘I’ को छोटा क्‍यों रखा, इसके पीछे भी एक वजह है। साथियो, creativity की सबसे बड़ी रुकावट होती है ‘I’ का बड़ा होना। Creativity के साथ अगर ‘I’ capital है, बड़ा है, तो उसका मतलब है अहम् और अहंकार आड़े आ रहा है और इसलिए शुरूआत से ही इस संस्‍था को, यहां की creativity को अहम् और अहंकार से मुक्‍त रखा गया है। लेकिन इसमें एक बात और महत्‍पूर्ण थी। Creativity की शुरूआत छोटे ‘i’ से हुई लेकिन सपना बड़े ‘I’ का रखा, यानी individual से शुरू करके I से India तक पहुंचना। हमारा लक्ष्‍य था छोटे ‘i’ से बड़े ‘I’ तक बहुत बड़ा jump लगाना। एक इंसान से शुरू करके पूरे हिन्‍दुस्‍तान तक फैल जाना।

आज आवश्‍यकता है कि हमारे युवा देश के सामने खड़ी समस्‍याओं से मुक्ति के लिए innovation करें। Need based innovation होना चाहिए। सामान्‍य मानवी की quality of life को कम से कम खर्च में कैसे improve किया जा सकता है, इसके लिए innovate करें। अगर मलेरिया खतरा है तो हम innovate करें- मलेरिया से गरीब से गरीब परिवार कैसे बचें? ऐसी कौन सी व्‍यवस्‍था खड़ी करें? अगर टीबी से परेशानी है, अगर सीकल-सेल से परेशानी है, अगर गंदगी से परेशानी है। हम wastage देख रहे हैं, खाने का wastage देख रहे हैं, कृषि उत्‍पादन का wastage देख रहे हैं। मैं समझता हूं इन समस्‍याओं के समाधान के लिए innovation होने चाहिए।

आज देश में स्‍वच्‍छ भारत का एक बहुत बड़ा अभियान चल रहा है। स्‍वच्‍छता को लेकर क्‍या हम नए-नए innovation कर सकते हैं? Waste to wealth, इस एक विषय में innovation की अपार संभावनाएं हैं। देश में innovation, creativity, entrepreneurship और technology की बढ़ोत्तरी के लिए इस तरह का vision और icreate जैसी समर्पित संस्‍थाओं की देश को बहुत जरूरत है।
इसी को ध्‍यान में रखते हुए केंद्रीय स्‍तर पर Startup India, Standup India , MUDRA जैसी अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। सरकार ने Atal Innovation Mission के तहत देश भर में 2,400 से ज्‍यादा Atal tinkering labs को भी मंजूरी दी है। हमारा प्रयास है कि स्‍कूली विद्यार्थियों में भी जो innovative ideas हैं, उन्‍हें पूरा करने के लिए आधुनिक परिवेश में नए experiment करने के लिए देशभर में एक platform तैयार हो।

पिछले साल मेरी इजराइल की यात्रा के दौरान हमने 40 million US Dollar का एक फंड भी स्‍थापित किया जो भारत एवं इस्ररायल का एक joint venture होगा। इससे दोनों देशों के talent को technology innovation की दिशा में कुछ नया करने में मदद मिलेगी। इस joint venture में खाद्यान्‍न, पानी, health care तथा ऊर्जा के क्षेत्र पर विशेष ध्‍यान दिया जाएगा। हमने innovation bridge की भी परिकल्‍पना की। जिसके तहत दोनों देशों के Startup के बीच exchange होता रहे।

मुझे खुशी है इस प्रक्रिया के दौरान innovation challenge के माध्‍यम से कुछ विजेता चुने गए और आज उन्‍हें Startup award भी दिए गए हैं। अभी आपने देखा- इजराइल की टीम और भारत की टीम- दोनों यहां अभी मंच पर आए थे। India- Israel innovation bridge एक online platform है। आने वाले दिनों में दोनों देशों के Startup के बीच ये बहुत बड़े connection के रूप में उभरेगा।
दो दिन पहले जब दिल्‍ली में दोनों देशों के CEOs की बैठक हो रही थी, तब वहां भी हमने इस प्रयास को समर्थन देने को कहा था। साथियों भारत के पास अथाह सामुद्रिक शक्ति है। 7,500 किलोमीटर से ज्यादा लंबा हमारा समुद्री तट, 1,300 के करीब छोटे-बड़े द्वीप और कुछ द्वीप तो सिंगापुर से भी बड़े हैं। लगभग 25 लाख स्‍क्‍वायर किलोमीटर का exclusive economic zone - ये हमारी एक ऐसी ताकत है, जिसका कोई मुकाबला नहीं है। इस ताकत का इस्‍तेमाल देश की प्रगति में और ज्‍यादा हो सके, इसके लिए नए-नए innovation की आवश्‍यकता है। नए innovations, blue revolution के लिए नई ऊर्जा बन सकते हैं। हमारे मछुआरे भाइयों की जिंदगी बदल सकते हैं।

मैं, इजराइल के प्रधानमंत्री जी का धन्‍यवाद करता हूं कि उन्‍होंने पिछले साल मेरी यात्रा के दौरान मुझे समुद्री जल को साफ एवं उपयोग लायक बनाने वाली एक मोटरेबल मशीन दिखाई। वो खुद ड्राइव करके मुझे ले गए थे। इतना ही नहीं, वैसा एक यंत्र वो आज अपने साथ लाए, उसका live demo अभी आपने स्‍क्रीन पर देखा था। बनासकाठा जिले में, बॉर्डर के एक गांव में इस नए सिस्‍टम को काम में लगाया गया है। इससे BSF Post पर तैनात जवानों और आसपास के गांवों के लोगों को साफ पीने का पानी तो मिलेगा ही, भारत में इस तरह की technology को परखने का भी एक अवसर मिलेगा।

भाइयो और बहनों, मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि इजराइल के साथ agriculture sector में सहयोग से जुड़े 28 में से 25 Centre of excellence तैयार हो चुके हैं। इनके द्वारा capacity billing, information और genetic resource के exchange में मदद मिल रही है। इन Centre of excellence में तीन हमारे गुजरात में स्‍थापित हुए हैं। इस कार्यक्रम के बाद मैं और प्रधानमंत्री जी प्रांतीक ताल्‍लुका, साबरकंठा जिला के भदराड़ गांव जा रहे हैं। वहां भी इजराइल की मदद से agriculture sector में Centre of excellence बना है। वहीं से हम video conference के माध्‍यम से कच्‍छ में खजूर पर जो research center चल रहा है, उसके साथ भी हम बातचीत करेंगे। भदराड सेंटर से गुजरात के किसानों को सब्जियों की नई पौंध distribute की जा रही है। इस केंद्र में 10 हजार किसानों को ट्रेनिंग दी गई है और 35 हजार से ज्‍यादा किसान इस सेंटर को देखने आ चुके हैं। यहां के कुछ लोगों को इजराइल में भी प्रशिक्षण दिया गया है। भारत और इजराइल के बीच ये सहयोग, ये परस्‍पर विकास की भावना, दोनों ही देशों के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य के लिए बहुत ही महत्‍वपूर्ण है।

21वीं सदी में दोनों देशों का ये साथ मानवता के इतिहास में नया अध्‍याय लिखेगा। साथियो, एक-दूसरे की संस्‍कृतियों का सम्‍मान, एक-दूसरे की परम्‍पराओं का सम्‍मान हमारे संबंधों को हमेशा मजबूत करता रहेगा। भले ही कम संख्‍या में हो, लेकिन ज्‍यूज समुदाय के लोग अहमदाबाद और उसके आसपास के इलाके में सुकून के साथ अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं। वो गुजरात के इतिहास के साथ, गुजरात की संस्‍कृति के साथ घुलमिल गए हैं। गुजरात के ज्‍यूज समुदाय ने अपनी जगह देश के अन्‍य हिस्‍सों और इजराइल तक में बनाई है। भारत और इजराइल के संबंधों का विस्‍तार और बढ़े, और मजबूत हो, इसी कामना के साथ मैं अपनी बात समाप्‍त करता हूं और आज इस अवसर पर iCreat को साकार करने में जिन लोगों ने सहयोग दिया है, उन सभी को मैं विशेष रूप से धन्‍यवाद देता हूं।

श्री नारायण मूर्ति जी, श्री दिलीप सिंघवी जी, सहित तमाम महानुभावो ने iCreat को create करने में बड़ी भूमिका निभाई है, अपना बहुमूल्‍य समय दिया है। मैं आशा करता हूं कि इस संस्‍था में innovation का जो वातावरण बनेगा, वो पूरे देश के नौजवानों को सशक्‍त करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा। और मैं प्रधानमंत्री जी का, श्रीमती सारा जी का हृदय से आभार व्‍यक्‍त करता हूं। मेरे अच्‍छे मित्र के रूप में हमारी दोस्‍ती, दो देशों की दोस्‍ती में एक नई ताकत बनकर उभर रही है। आज उन्‍होंने भारत के लिए जो एक विशेष भेंट-सौगात लाई हैं, जिसका वीडियो अभी आपने देखा। मैं समझता हूं कि आपका ये तोहफा भारत के सामान्‍य मानवी के हृदय को छूने वाला है। और इसके लिए मैं आपका हृदय से आपका बहुत-बहुत आभार करता हूं।

मैं फिर एक बार आप सबका बहुत-बहुत धन्‍यवाद करता हूं और iCreat को अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। धन्‍यवाद।

  • Sunita Jaju September 30, 2024

    सशक्त भारत
  • Mahendra singh Solanki Loksabha Sansad Dewas Shajapur mp December 08, 2023

    नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो
  • Laxman singh Rana July 15, 2022

    नमो नमो 🇮🇳🌷
  • Laxman singh Rana July 15, 2022

    नमो नमो 🇮🇳
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Prime Minister congratulates eminent personalities nominated to Rajya Sabha by the President of India
July 13, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has extended heartfelt congratulations and best wishes to four distinguished individuals who have been nominated to the Rajya Sabha by the President of India.

In a series of posts on social media platform X, the Prime Minister highlighted the contributions of each nominee.

The Prime Minister lauded Shri Ujjwal Nikam for his exemplary devotion to the legal profession and unwavering commitment to constitutional values. He said Shri Nikam has been a successful lawyer who played a key role in important legal cases and consistently worked to uphold the dignity of common citizens. Shri Modi welcomed his nomination to the Rajya Sabha and wished him success in his parliamentary role.

The Prime Minister said;

“Shri Ujjwal Nikam’s devotion to the legal field and to our Constitution is exemplary. He has not only been a successful lawyer but also been at the forefront of seeking justice in important cases. During his entire legal career, he has always worked to strengthen Constitutional values and ensure common citizens are always treated with dignity. It’s gladdening that the President of India has nominated him to the Rajya Sabha. My best wishes for his Parliamentary innings.”

Regarding Shri C. Sadanandan Master, the Prime Minister described his life as a symbol of courage and resistance to injustice. He said that despite facing violence and intimidation, Shri Sadanandan Master remained committed to national development. The Prime Minister also praised his contributions as a teacher and social worker and noted his passion for youth empowerment. He congratulated him on being nominated to the Rajya Sabha by Rashtrapati Ji and wished him well in his new responsibilities.

The Prime Minister said;

“Shri C. Sadanandan Master’s life is the epitome of courage and refusal to bow to injustice. Violence and intimidation couldn’t deter his spirit towards national development. His efforts as a teacher and social worker are also commendable. He is extremely passionate towards youth empowerment. Congratulations to him for being nominated to the Rajya Sabha by Rahstrapati Ji. Best wishes for his role as MP.”

On the nomination of Shri Harsh Vardhan Shringla, the Prime Minister stated that he has distinguished himself as a diplomat, intellectual, and strategic thinker. He appreciated Shri Shringla’s contributions to India’s foreign policy and his role in India’s G20 Presidency. The Prime Minister said he is glad to see him nominated to the Rajya Sabha and expressed confidence that his insights will enrich parliamentary debates.

The Prime Minister said;

“Shri Harsh Vardhan Shringla Ji has excelled as a diplomat, intellectual and strategic thinker. Over the years, he’s made key contributions to India’s foreign policy and also contributed to our G20 Presidency. Glad that he’s been nominated to the Rajya Sabha by President of India. His unique perspectives will greatly enrich Parliamentary proceedings.
@harshvshringla”

Commenting on the nomination of Dr. Meenakshi Jain, the Prime Minister said it is a matter of immense joy. He acknowledged her distinguished work as a scholar, researcher, and historian, and noted her contributions to education, literature, history, and political science. He extended his best wishes for her tenure in the Rajya Sabha.

The Prime Minister said;

“It’s a matter of immense joy that Dr. Meenakshi Jain Ji has been nominated to the Rajya Sabha by Rashtrapati Ji. She has distinguished herself as a scholar, researcher and historian. Her work in the fields of education, literature, history and political science have enriched academic discourse significantly. Best wishes for her Parliamentary tenure.
@IndicMeenakshi”