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The Opposition’s election agenda rests upon personal abuses while our election agenda is about making India stronger: PM Modi
The people of the country clearly remember the UPA days of massive corruption, double-digit inflation and severe distress for farmers: PM Modi in H.P.
In comparison to previous UPA government, defence manufacturing in India has increased by 80 percent now: Prime Minister Modi

भारत माता की जय

भारत माता की जय

कैसे हैं आप सब? ठीक हैं? याद करते हैं कभी कि भूल गए?  

सोलन, शिमला, सिरमौर और आस पास से यहां पधारे सभी साथियो को मेरा हृदय से बहुत-बहुत प्रणाम। मां शूलिनी की धरती पर आप सभी का बहुत-बहुत अभिनंदन। आज की ये सभा बड़ी यूनीक है, मैं देख रहा हूं 6 मंजिला सभा है। अलग-अलग मंजिल पर सभा हो रही है। आपका ये अद्भुत प्यार, ये आपका विश्वास, हिमाचल ने मुझे बहुत प्यार दिया है। मुझे अपना बना लिया है और अपनों के बीच आता हूं तो नई ऊर्जा लेकर के जाता हूं और सोलन एक प्रकार से, जब मैं यहां काम करता था तो बहुत बार यहां आना होता था। और यहां माल रोड पर अक्सर मैं कोई न कोई पुराने साथियों के साथ टहला करता था। और एक शायद मनोहर लाल करके थे चना बेचते थे तब मनोहर लाल के चना खाते थे हम लोग। अब पता नहीं, आज कल वो है कि नहीं वो उनका है, और हमारे सोलन के साथी मेरा कार्यक्रम रहे और मनोहर लाल जी के यहां चना ना खिलाए ऐसा कभी होता नहीं था।  

साथियो, आज हिमाचल प्रदेश नए भारत की पहचान का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनता जा रहा है। चुनौती को भी चुनौती देने का जो जज्बा हिमाचल के कोने-कोने में पाया जाता है, वही कोशिश मुझे भी शायद विरासत में मिली है। आपका ये जो स्नेह है वो गवाह है की 23 मई को देश में इस समय तक काफी नतीजे आ गए होंगे और 23 मई को जब नतीजे आएंगे तो फिर एक बार... मोदी सरकार, फिर एक बार...मोदी सरकारलेकिन मैं ये भी कहूंगा की बूंद-बूंद से ही घड़ा भरता है। 6 चरणों के चुनाव भले आन, बान, शान, वाले चकाचक हुए हों, परिणाम भी आपको पता हैसर्वे वाले कहो, मीडिया वाले कहो सबने बता दिया है लेकिन फिर भी हम सब की जिम्मेवारी है की भारतीय जनता पार्टी की जीत को हमें और भव्य बनाना है और दिव्य बनाना है। और इसके लिए एक-एक मतदाता तक पहुंचना है, ये लोकतंत्र में हमारा कर्तव्य है और यही शुरुआत होती है की जीतना पक्का हो, शानदार जीत होने वाली है हो फिर भी मतदाता, ये हमारा भगवान है उसके पास जाना ही होता है। इस भाव से 19 तारीख तक हम सब काम करते रहें ये मेरी विशेष अपेक्षा है। आपका हर देश में मजबूत सरकार बनाने में आपका एक-एक वोट मेरी मदद करेगा। मैं खासतौर पर हिमाचल के उन नौजवानों से जिन्हें इस लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट डालने का मौका मिला है। एक प्रकार से जो पहली बार लोकसभा का वोट डालने जाएंगे, उसमें से ज्यादातर वो हैं जिनका 21वीं सदी में जन्म हुआ है और ये जो वोट डालने जाएंगे उनको तो इस 21वीं सदी के खुद के भविष्य के साथ इस चुनाव को जोड़ना है। बाकी लोग भले पांच साल के लिए वोट दें लेकिन आप पूरी शताब्दी के लिए वोट देंगे, क्योंकि आपके जीवन का ये सबसे महत्वपूर्ण कालखंड है। इसी कालखंड में आपकी जिंदगी बनने वाली है और वो जीवन पूरी शताब्दी भर चलने वाला है। जीवन के सारे पड़ाव, इन नौजवानों को इसी शताब्दी में जीने है और इसीलिए मैं ऐसे फर्स्ट टाइम वोटर्स से आग्रह करूंगा, इस ऐतिहासिक अवसर का वे पूरा लाभ उठाएं। 21वीं सदी के भारत की दिशा क्या होगी, कैसे देश विकास करेगा, ये 21वीं सदी का नौजवान ये हमारा पहली बार वोट करने वाला वोटर ही तय करेगा।  

भाइयो और बहनो, याद रखिए 21वीं सदी के दो दशक चले गए हैं। अटल जी ने कांग्रेस को 2004 में 8 प्रतिशत की दर से विकसित होता भारत उनको सुपुर्द किया था और वो भी एक अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री को सौंपा था। अगर कांग्रेस ने अपने 10 साल के शासन में अटल जी ने जो गति रखी थी जिस ऊंचाई पर अटल जी देश को ले जा रहे थे कुछ न करते, अगर उसको बनाए रखते, सिर्फ बनाए रखते, तो आज 10 साल में देश कहां से कहां पहुंच जाता। लेकिन ये लोग देश की विकास दर अटल जी जहां छोड़ के गए थे उससे आधे पर ला के अटक गए थे। 5 प्रतिशत पर ले आए अगर 8 प्रतिशत भी दस साल बनाए रखा होता तो आज देश की कई समस्याएं समाधान करने का हमें अवसर मिलता। इतना ही है अपने शासन में महंगाई को भी इन लोगों ने दो अंको में यानी करीब-करीब 10 प्रतिशत के दर से डबल डिजिट महंगाई कर दी थी। अटल जी ने छोड़ा, वहीं से दस साल में बर्बाद किया और फिर भी 2014 में नए सिरे से मेहनत करना मेरे काम पर आया, ऐसा गढ़ा करके गए थे उसको भरने की मैंने आकर के शुरुआत की। 5 वर्ष के प्रयासों के बाद अब फिर विकास दर आगे बढ़ी है और महंगाई दर कम करके हम पहले के मुकाबले आधे से भी कम पर महंगाई ले आए हैं।  

साथियो, कांग्रेस और उसके महामिलावटी साथियो ने अपने दस साल के राज में, हर बड़े फैसले को टाला और जो फैसले लिए भी, वो इस तरह लिए कि देश को नुकसान उठाना पड़ गया। जमीन से लेकर आसमान तक इन लोगों ने इतने घोटाले किए की ऐसा कोई दिन नहीं था, जब अखबारों में इनके कारनामों की खबर न छपती हो। आज भी नामदार और उनके रिश्तेदार जमानत पर हैं और ये जो उनको गुस्सा है ना, गुस्से का कारण भी यही है। चाय वाला होता कौन है जो हमें कोर्ट कचहरी के चक्कर कटवा रहा हैं, हमें जमानत मांगनी पड़ रही है इसीलिए उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंचा हुआ है। और भाइयो बहनो, बेशर्मी तो ये है की जो खुद जमानत पर है वो आपके इस चौकीदार को, आपके इस सेवक को अपनी डिक्शनरी से हर रोज नई-नई गालियां खोज-खोज करके छोड़ रहे हैं मुझ पर।

 

भाइयो और बहनो,  इनकी गालियों से ये चौकीदार डिगने वाला नहीं है। आखिर हमने भी तो सोलन का मशरूम खाया है। ये नामदार खुलेआम कह रहे हैं की मोदी की छवि, ये नामदार तो खुलेआम कह रहे हैं कि मोदी की छवि को बिगाड़ना यही इनका मिशन है। उनका मिशन मोदी की छवि बिगड़ना होगा, लेकिन मोदी का मिशन भारत की छवि को पूरी दुनिया में सबसे ऊंचा उठाना है। नामदार कहते हैं की मोदी को हराना इनका मिशन है, लेकिन मोदी का मिशन भारत को जिताने का है। वो मोदी को हराने में लगे हैं मोदी भारत को जिताने में लगा है।  

साथियो, कांग्रेस की स्थिति आज देश में वोट कटुआ पार्टी की हो गई है। ये मोदी नहीं कह रहा है, खुद कांग्रेस के लोग कहते हैं। इसका एक ही कारण है, इनका अहंकार, इनका अहंकार सातवें आसमान पर रहता है। इनको लगता है की नामदार परिवार जो भी कहे बस वही सही है। ये अपने पूर्वजों के नाम पर वोट मांगते हैं, लेकिन जब उनके कारनामों पर सवाल पूछे जाते हैं तो ये कहते हैं- हुआ तो हुआ, क्या कहते हैं? क्या कहते हैं? हुआ तो हुआहुआ तो हुआ की इसी सोच ने भारत की रक्षा नीति और सैन्य नीति को इतना कमजोर कर दिया।

साथियो, हिमाचल का एक भी परिवार ऐसा नहीं होगा, जिसका कोई बेटा, बेटी या कोई रिश्तेदार देश की रक्षा में जुटा न हो। हमारे तो उम्मीदवार भी पूर्वी फौजी हैं। जो देश के लिए लड़ते हैं उनके लिए कांग्रेस ने क्या किया? ये आपको सिर्फ एक उदाहरण से पता चल जाएगा। जब कांग्रेस की सरकार थी, तो हमारी सेना उनसे बुलेटप्रूफ जैकेट मांगती रही, कांग्रेस 6 साल तक उनकी इस मांग को टालती रही। हमारे बच्चे आतंकी हमलों में, नक्सली हमलों में, शहीद होते रहे, अभी तो जीवन के सारे सपने अधूरे, जिंदगी की शुरुआत, 18 -20 साल की उम्र और मातृभूमि के लिए शीश चढ़ा दिया, बलिदान दे दिया। लेकिन कांग्रेस कह रही है हुआ तो हुआ, हुआ तो हुआ, हुआ तो हुआ एक ही जवाब लोग शहीद हुए हुआ तो हुआ।  

भाइयो और बहनो, अपनी इसी सोच की वजह से कांग्रेस और इन महामिलावटी लोगों ने देश को रक्षा मामलों में आत्म-निर्भर बना देने की दिशा में न गंभीरता से सोचा, न गंभीरता से कोई कदम उठाया। 2014 में आप लोगों ने मुझे सेवा करने का मौका दिया, जिम्मेवारी संभालने के बाद मैं जरा चीजें समझने लगा, फाइलें खंगाली और जब फाइलें खंगाली तब पता चला की हमारा देश अपनी सुरक्षा का 70 प्रतिशत से भी ज्यादा भाग विदेशों से आयात करता है। भारत अपने देश की सुरक्षा के लिए दूसरे देशों पर निर्भर था। लेकिन कांग्रेस कहती रही हुआ तो हुआ और ये क्यों होता था क्योंकि इसमें, ये रक्षा सौदे इन लोगों के लिए एटीएम था, मिलाई खाने का रुपए निकालने का खेल था। इसीलिए इन्होंने कभी भारत को आत्मनिर्भर नहीं बनने दिया और कोई सौदा ऐसा नहीं है और कोई रक्षा सौदा नहीं है पहले, जिस पर इन लोगों पर गंभीर आरोप न लगे हो।

भाइयो और बहनो, जब भारत स्वतंत्र हुआ था तो उस समय भारत के पास, ये सुन कर के आपको हैरानी होगी और मैं हिमाचल की धरती पर आया हूं, जहां का हर परिवार वीर पुत्रों का और वीर माताओं का परिवार है, जो धरती वीरों धरती है छोटा सा प्रदेश है इतने बड़े देश की रक्षा करता है। इसीलिए हिमाचल के लिए मुझे गर्व होता है और तब जाकर के दिल खोल कर के हिमाचल के सामने बात करने का मन करता है। जब भारत स्वतंत्र हुआ था तो उस समय भारत के पास रक्षा उत्पादन का डेढ़ सौ साल से ज्यादा का अनुभव था। यानी आज से 70 साल पहले, आज के हिसाब से कह तो करीब सवा 200, 250 साल, तब देश में एक दो नहीं तब देश में एक दो नहीं बल्कि 18 आयुध फैक्ट्रियां काम करती थीं। जो आधुनिक शास्त्र बनाती थीं, वही दूसरी ओर उसी कालखंड में, चीन में उस समय रक्षा उत्पादन करने वाला एक भी कारखाना नहीं था। हमारे पास 200, सवा 200 साल पहले 18 ऐसे उद्योग थे चीन के पास एक भी नहीं था लेकिन आज चीन रक्षा सामग्री में आत्मनिर्भर ही नहीं, बल्कि संसार में इसका सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है, निर्यातक है। इसके उलट, भारत आज दुनिया में रक्षा सामग्री आयात करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश है, उल्टा हो गया। भारत इतना कुछ आयात करता रहा, हम मांगते रहे, लेते रहे, एटीएम से पैसे निकालते रहे और देश में कोई सवाल पूछता था तो कांग्रेस कहती रही हुआ तो हुआ, हुआ...तो हुआ।

 

साथियो, बीते पांच वर्षों में भाजपा सरकार ने इस स्थिति को बदलने का पूरा प्रयास किया है। पहले की सरकार की तुलना में, पिछले पांच वर्षों के दौरान रक्षा उत्पादन में 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

साथियो, ये महामिलावटी हमारे सैनिकों की, हमारे फौज की मान-मर्यादा और शौर्य का सम्मान नहीं करते। ये हमारे सेनाध्यक्ष को गली का गुंडा कहते हैं, वायुसेना अध्यक्ष को झूठा कहते हैं। जब कोई कहता है की ये गलत हुआ, तो ये जवाब देते हैं, हुआ तो हुआ। सेना के अपमान, देश की सुरक्षा में नाकाम रहने का यही दागदार इतिहास है, जिसके कारण कांग्रेस सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक इस पर बात ही नहीं करते हैं। आप मुझे बताइए, आतंकियों पर कार्रवाई करके पिछले दिनों हमने जो आतंकवादियों पर करवाई कर रहे हैं सही किया क्या? मुझे सब लोग बताएं वो छठी मंजिल वाले भी बताए, सही किया की नहीं किया? मुझे करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए? ये घुसकर के मरना चाहिए कि नहीं मरना चाहिए? मेरे सेना के जवान तिरंगा लपेट करके घर लोटे ये कितने दिन तक चलेगा, भाइयो? आपको गर्व हुआ?आपका माथा ऊंचा हुआ? आपका सीना चौड़ा हुआ? हिंदुस्तान में दम है ऐसा लगने लगा, हम भी कुछ कम नहीं है ये लगने लगा, यही देश की ताकत होती है, दोस्तों।  

साथियो, जब 130 करोड़ हिंदुस्तानी एक मत होकर, एक जुट होकर काम करते हैं तभी देश में ऐतिहासिक काम होते हैं। भाइयो और बहनो, दुनिया से समृद्ध से समृद्ध देश भी अपने यहां लोगों को पांच लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की योजना नहीं दे पाए हैं। लेकिन आज भारत में 50 करोड़, ये अकड़ा छोटा नहीं है 50 करोड़ गरीबों के लिए आयुष्मान भारत योजना से हर वर्ष पांच लाख रुपए तक का इलाज का खर्च सरकार देगी, चौकीदार देगा और ये संख्या कितनी है ये 50 करोड़ का मतलब होता है, अमेरिका, कनाडा, मेक्सिको इन तीनों देशों की कुल जनसंख्या उसे ये ज्यादा लोगों को हम बेनिफिट दे रहे हैं, भाइयो। दुनिया के बड़े-बड़े देश भी डिजिटाइजेशन को लेकर अभी भी संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन भारत में मोबाइल, आधार और जनधन खाते की शक्ति गरीब से गरीब को ताकत दे रही है। रुपए कार्ड और BHIM ऐप, आज हिमाचल के गांव-गांव में उपयोग हो रहा है।

साथियो, इतना ही नहीं आजादी के इतिहास में पहली बार सामान्य वर्ग के गरीब परिवारों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण मिल पाया है, ये चौकीदार के कारण हुआ है। और ये काम भी हमने सामान्य समाज के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया, लेकिन जो पहले मिलता था SC, ST, OBC इसको छेड़-छाड़ किए बिना किया, किसी का छीने बिना किया और समाज में संघर्ष का नामों निशान नहीं जो कुछ किया प्यार से किया। करके दिखाया की नहीं दिखाया, करके दिखाया की नहीं दिखाया? देश की एकता के लिए कैसे काम किया जाता है ये इसका उदाहरण है भाइयो।

भाइयो और बहनो, किसानों और बागबानों के बैंक खाते में आज सीधी मदद पहुंच रही है। हिमाचल तो इस मामले में देश के सबसे अग्रणी राज्यों में है और इसके लिए मैं जय राम जी को और उनकी पूरी टीम को बधाई देता हूं। ये हमारे सोलन की सब्जी मंडी तो नए भारत के कृषि व्यापार का एक मॉडल है और इसके लिए सोलनवासी भी अभिनंदन के लिए अधिकारी हैं। आपका सेब, आपके टमाटर, मशरूम, शिमला मिर्च, लहसुन, मटर जैसी सब्जियों के लिए बहुत बड़ा बाजार है और शायद सिरमौर में तो अदरक का भी होता था ना? हां, उस समय हमेशा शिकायत रहती जब मैं यहां आता तो सुनता था मैं ई-नाम प्लेटफार्म पर यहां की मंडी को सम्मानित करने का भी मुझे अवसर मिला है। ऐसे ही हिमाचल की दूसरी मंडियों को ई-नाम से जोड़ा जा रहा है ताकि बिचौलियों की दुनिया बंद हो जाए, ताले लग जाएं।

साथियो,  शिमला, कालका, चंडीगढ़, नेशनल हाईवे सहित तमाम नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण का काम आज हिमाचल में चल रहा है। गांवों में भी सड़कों का जाल तेजी से बिछाने का प्रयास किया जा रहा है। इस इंफ्रास्ट्रक्चर का भी बहुत लाभ किसान और बागबान साथियों को होने वाला है। इससे ट्रकों की आवाजाही में समय बहुत बचता है। भाइयो और बहनो हाईवे के साथ-साथ रेल और एयर कनेक्टिविटी को भी मजबूत किया जा रहा है। शिमला तो उड़ान योजना के तहत जुड़ने वाला देश का पहला स्थान बना है। टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए कालका-शिमला के बीच पहली बार ट्रांस्पेरेंट विस्टा डोम कोच हमने जोड़ा है। ये सुविधाएं यहां के टूरिज्म सेक्टर को बहुत फायदा करने वाली हैं। इसके अलावा टूरिज्म सेक्टर के लिए मुद्रा योजना भी मददगार साबित हो रही है। विशेष तौर पर गेस्ट हाउस और होम स्टेज से जुड़े साथियों को इससे फायदा हो रहा है।

 

साथियो, आज हिमाचल, एजुकेशन और हेल्थ का एक बड़ा सेंटर बनता जा रहा है। सिरमौर में IIM और बिलासपुर में AIIMS जैसे तमाम संस्थान युवाओं को अवसरों से जोड़ने वाले हैं। साथियो, विकास के इन तमाम कामों को हमें गति देनी है इसके लिए फिर एक बार मोदी सरकार, फिर एक बार मोदी सरकार लेकिन मैं और भी चाहता हूं फिर एक बार हिमाचल में चार की चार, फिर एक बार हिमाचल में चार की चार, फिर एक बार हिमाचल में… चार की चार ,फिर एक बार हिमाचल में...चार की चार, फिर एक बार मोदी सरकार और ये फिर एक बार मोदी सरकार, फिर एक बार मोदी सरकार। कमल पर पड़ा आपका हर एक वोट सीधा मोदी के खाते में जाएगा। एक बार फिर मेरे अपने ही घर में अपनों के प्यार के लिए, अपनों के आशीर्वाद के लिए मैं अपनों को नमस्कार करता हूं।  

भारत माता की...जय

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बहुत बहुत धन्यवाद।

 

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World TB Day: How India plans to achieve its target of eliminating TB by 2025

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India is now working on the target of ending TB by the year 2025: PM Modi
March 24, 2023
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Launches TB-Mukt Panchayat initiative, official pan-India rollout of a shorter TB Preventive Treatment and Family-centric care model for TB
India reaffirms its commitment towards ensuring a TB-free society
India has the best plan, ambition and great implementation of activities to end TB by 2025: Executive Director of Stop TB
“Kashi will usher new energy towards global resolutions in the fight against a disease like TB”
“India is fulfilling another resolution of global good through One World TB Summit”
“India’s efforts are a new model for the global war on TB”
“People’s participation in the fight against TB is India’s big contribution”
“India is now working on the target of ending TB by the year 2025”
“I would like that more and more countries get the benefit of all campaigns, innovations and modern technology of India”

हर हर महादेव।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री श्रीमान योगी आदित्यनाथ जी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्रीमनसुख मांडविया जी, उपमुख्‍यमंत्री श्री बृजेश पाठक जी, विभिन्न देशों के स्वास्थ्य मंत्री, WHO के रीजनल डायरेक्टर, उपस्थित सभी महानुभव, STOP TB Partnership समेत विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधिगण, देवियों और सज्जनों!

मेरे लिए ये बहुत खुशी की बात है कि ‘One World TB Summit’ काशी में हो रही है। सौभाग्य से, मैं काशी का सांसद भी हूं। काशी नगरी, वो शाश्वत धारा है, जो हजारों वर्षों से मानवता के प्रयासों और परिश्रम की साक्षी रही है। काशी इस बात की गवाही देती है कि चुनौती चाहे कितनी ही बड़ी क्यों ना हो, जब सबका प्रयास होता है, तो नया रास्ता भी निकलता है। मुझे विश्वास है, TB जैसी बीमारी के खिलाफ हमारे वैश्विक संकल्प को काशी एक नई ऊर्जा देगी।

मैं, ‘One World TB Summit’ में देश-विदेश से काशी आए सभी अतिथियों का भी हृदय से स्वागत करता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं।

साथियों,

एक देश के तौर पर भारत की विचारधारा का प्रतिबिंब ‘वसुधैव कुटुंबकम्’, यानी- ‘Whole world is one family! की भावना में झलकता है। ये प्राचीन विचार, आज आधुनिक विश्व को integrated vision दे रहा है, integrated solutions दे रहा है। इसलिए ही प्रेसिडेंट के तौर पर, भारत ने G-20 समिट की भी थीम रखी है- ‘One world, One Family, One Future’! ये थीम एक परिवार के रूप में पूरे विश्व के साझा भविष्य का संकल्प है। अभी कुछ समय पहले ही भारत ने ‘One earth, One health’ के vision को भी आगे बढ़ाने की पहल की है। और अब, ‘One World TB Summit’ के जरिए भारत, Global Good के एक और संकल्प को पूरा कर रहा है।

साथियों,

2014 के बाद से भारत ने जिस नई सोच और अप्रोच के साथ TB के खिलाफ काम करना शुरू किया, वो वाकई अभूतपूर्व है। भारत के ये प्रयास आज पूरे विश्व को इसलिए भी जानने चाहिए, क्योंकि ये TB के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का एक नया मॉडल है। बीते 9 वर्षों में भारत ने TB के खिलाफ इस लड़ाई में अनेक मोर्चों पर एक-साथ काम किया है। जैसे, People’s participation-जनभागीदारी, Enhancing nutrition- पोषण के लिए विशेष अभियान Treatment innovation- इलाज के लिए नई रणनीति, Tech integration- तकनीक का भरपूर इस्तेमाल, और Wellness and prevention, अच्छी हेल्थ को बढ़ावा देने वाले फिट इंडिया, खेलो इंडिया, योग जैसे अभियान।

साथियों,

TB के खिलाफ लड़ाई में भारत ने जो बहुत बड़ा काम किया है, वो है- People’s Participation, जनभागीदारी। भारत ने कैसे एक Unique अभियान चलाया, ये जानना विदेश से आए हमारे अतिथियों के लिए बहुत दिलचस्प होगा।

Friends,

हमने ‘TB मुक्त भारत’ के अभियान से जुड़ने के लिए देश के लोगों से ‘नि-क्षयमित्र’ बनने का आह्वान किया था। भारत में TB के लिए स्‍थानीय भाषा में क्षय शब्‍द प्रचलित है। इस अभियान के बाद, करीब-करीब 10 लाख TB मरीजों को, देश के सामान्य नागरिकों ने Adopt किया है, गोद लिया है। आपको जानकर हैरानी होगी, हमारे देश में 10-12 साल के बच्चे भी ‘नि-क्षयमित्र’ बनकर TB के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ा रहे हैं। ऐसे कितने ही बच्चे हैं, जिन्होंने अपना ‘पिगीबैंक’ तोड़कर TB मरीजों को adopt किया है। TB के मरीजों के लिए इन ‘नि-क्षयमित्रों’ का आर्थिक सहयोग एक हजार करोड़ रुपए से ऊपर पहुँच गया है। TB के खिलाफ दुनिया में इतना बड़ा कम्यूनिटी initiative चलना, अपने आप में बहुत प्रेरक है। मुझे खुशी है कि विदेशों में रहने वाले प्रवासी भारतीय भी बड़ी संख्या में इस प्रयास का हिस्सा बने हैं। और मैं आपका भी आभारी हूं। आपने अभी आज वाराणसी के पांच लोगों के लिए घोषणा कर दी।

साथियों,

‘नि-क्षयमित्र’ इस अभियान ने एक बड़े चैलेंज से निपटने में TB के मरीजों की बहुत मदद की है। ये चैलैंज है- TB के मरीजों का पोषण, उनका Nutrition. इसे देखते हुए ही 2018 में हमने TB मरीजों के लिए Direct Benefit Transfer की घोषणा की थी। तब से अब तक TB पेशेंट्स के लिए, करीब 2 हजार करोड़ रुपए, सीधे उनके बैंक खातों में भेजे गए हैं। करीब 75 लाख मरीजों को इसका लाभ हुआ है। अब ‘नि-क्षयमित्रों’ से मिली शक्ति, TB के मरीजों को नई ऊर्जा दे रही है।

 

साथियों,

पुरानी अप्रोच के साथ चलते हुए नए नतीजे पाना मुश्किल होता है। कोई भी TB मरीज इलाज से छूटे नहीं, इसके लिए हमने नई रणनीति पर काम किया। TB के मरीजों की स्क्रीनिंग के लिए, उनके ट्रीटमेंट के लिए, हमने आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा है। TB की मुफ्त जांच के लिए, हमने देश भर में लैब्स की संख्या बढ़ाई है। ऐसे स्थान जहां TB के मरीज ज्यादा है, वहां पर हम विशेष फोकस के रूप में कार्ययोजना बनाते हैं। आज इसी कड़ी में और यह बहुत बड़ा काम है ‘TB मुक्त पंचायत’ इस ‘TB मुक्त पंचायत’ में हर गांव के चुने हुए जनप्रतिनिधि मिलकर संकल्‍प करेंगे कि अब हमारे गांव में एक भी TB का मरीज नहीं रहेगा। उनको हम स्वस्थ करके रहेंगे। हम TB की रोकथाम के लिए 6 महीने के कोर्स की जगह केवल 3 महीने का treatment भी शुरू कर रहे हैं। पहले मरीजों को 6 महीने तक हर दिन दवाई लेनी होती थी। अब नई व्यवस्था में मरीज को हफ्ते में केवल एक बार दवा लेनी होगी। यानि मरीज की सहूलियत भी बढ़ेगी और उसे दवाओं में भी आसानी होगी।

साथियों,

TB मुक्त होने के लिए भारत टेक्नोल़ॉजी का भी ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर रहा है। हर TB मरीज के लिए जरूरी केयर को ट्रैक करने के लिए हमने नि-क्षयपोर्टल बनाया है। हम इसके लिए डेटा साइन्स का भी बेहद आधुनिक तरीकों से इस्तेमाल कर रहे हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री और ICMR ने मिलकर sub-national disease surveillance के लिए एक नया method भी डिज़ाइन किया है। ग्लोबल लेवल पर WHO के अलावा, भारत इस तरह का model बनाने वाला इकलौता देश है।

साथियों,

ऐसे ही प्रयासों की वजह से आज भारत में TB के मरीजों की संख्या कम हो रही है। यहां कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर को TB फ्री अवार्ड से सम्मानित किया गया है। जिला स्तर पर भी बेहतरीन कार्य के लिए अवार्ड दिए गए हैं। मैं इस सफलता को प्राप्त करने वाले सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं। ऐसे ही नतीजों से प्रेरणा लेते हुए भारत ने एक बड़ा संकल्प लिया है। TB खत्म करने का ग्लोबल टार्गेट 2030 है। भारत अब वर्ष 2025 तक TB खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। दुनिया से पांच साल पहले और इतना बड़ा देश बहुत बड़ा संकल्‍प लिया है। और संकल्‍प लिया है देशवासियों के भरोसे। भारत में हमने कोविड के दौरान हेल्थ इनफ्रास्ट्रक्चर का capacity enhancement किया है। हम Trace, Test, Track, Treat and Technology पर काम कर रहे हैं। ये स्ट्रेटजी TB के खिलाफ हमारी लड़ाई में भी काफी मदद कर रही है। भारत की इस लोकल अप्रोच में, बड़ा ग्लोबल potential मौजूद है, जिसका हमें साथ मिलकर इस्तेमाल करना है। आज TB के इलाज के लिए 80 प्रतिशत दवाएं भारत में बनती हैं। भारत की फ़ार्मा कंपनियों का ये सामर्थ्य, TB के खिलाफ वैश्विक अभियान की बहुत बड़ी ताकत है। मैं चाहूँगा भारत के ऐसे सभी अभियानों का, सभी इनोवेशन्स का, आधुनिक टेक्नॉलजी का, इन सारे प्रयासों का लाभ ज्यादा से ज्यादा देशों को मिले, क्‍योंकि हम Global Good के लिए कमिटेड हैं। इस समिट में शामिल हम सभी देश इसके लिए एक mechanism develop कर सकते हैं। मुझे विश्वास है, हमारा ये संकल्प जरूर सिद्ध होगा- Yes, We can End TB. ‘TB हारेगा, भारत जीतेगा’ और जैसा आपने कहा– ‘TB हारेगा, दुनिया जीतेगी’।

साथियों,

आपसे बात करते हुए मुझे एक बरसों पुराना वाकया भी याद आ रहा है। मैं आप सभी के साथ इसे शेयर करना चाहता हूं। आप सब जानते हैं कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने, leprosy को समाप्त करने के लिए बहुत काम किया था। और जब वो साबरमती आश्रम में रहते थे, एक बार उन्हें अहमदाबाद के एक leprosy हॉस्पिटल का उद्घाटन करने के लिए बुलाया गया। गांधी जी ने तब लोगों से कहा कि मैं उद्घाटन के लिए नहीं आऊंगा। गांधी जी की अपनी एक विशेषता थी। बोले मैं उद्घाटन के लिए नहीं आऊंगा। बोले, मुझे तो खुशी तब होगी जब आप उस leprosy हॉस्पिटल पर ताला लगाने के लिए मुझे बुलाएंगे, तब मुझे आनंद होगा। यानि वो leprosy को समाप्त करके उस अस्पताल को ही बंद करना चाहते थे। गांधी जी के निधन के बाद भी वो अस्पताल दशकों तक ऐसे ही चलता रहा। साल 2001 में जब गुजरात के लोगों ने मुझे सेवा का अवसर दिया, तो मेरे मन में था गांधी जी का एक काम रह गया है ताला लगाने का, चलिए मैं कुछ कोशिश करूं। तो leprosy के खिलाफ अभियान को नई गति दी गई। और नतीजा क्या हुआ? गुजरात में leprosy का रेट, 23 परसेंट से घटकर 1 परसेंट से भी कम हो गया। साल 2007 में मेरे मुख्यमंत्री रहते वो leprosy हॉस्पिटल को ताला लगा, हॉस्पिटल बंद हुआ, गांधी जी का सपना पूरा किया। इसमें बहुत से सामाजिक संगठनों ने, जनभागीदारी ने बड़ी भूमिका निभाई। और इसलिए ही मैं TB के खिलाफ भारत की सफलता को लेकर बहुत आश्वस्त हूं।

आज का नया भारत, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जाना जाता है। भारत ने Open Defecation Free होने का संकल्प लिया और उसे प्राप्त करके दिखाया। भारत ने सोलर पावर जनरेशन कैपैसिटी का लक्ष्य भी समय से पहले हासिल करके दिखा दिया। भारत ने पेट्रोल में तय परसेंट की इथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य भी तय समय से पहले प्राप्त करके दिखाया है। जनभागीदारी की ये ताकत, पूरी दुनिया का विश्वास बढ़ा रही है। TB के खिलाफ भी भारत की लड़ाई जिस सफलता से आगे बढ़ रही है, उसके पीछे भी जनभागीदारी की ही ताकत है। हां, मेरा आपसे एक आग्रह भी है। TB के मरीजों में अक्सर जागरूकता की कमी दिखती है, कुछ न कुछ पुरानी सामाजिक सोच के कारण उनमें ये बीमारी छिपाने की कोशिश दिखती है। इसलिए हमें इन मरीजों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने पर भी उतना ही ध्यान देना होगा।

साथियों,

बीते वर्षों में काशी में स्वास्थ्य सेवाओं के तेजी से विस्तार से भी TB समेत विभिन्न बीमारियों के मरीजों को बहुत मदद मिली है। आज यहां National Centre for Disease Control की वाराणसी ब्रांच का भी शिलान्यास हुआ है। पब्लिक हेल्थ सर्विलांस यूनिट का काम भी शुरू हुआ है। आज BHU में Child Care Institute हो, ब्लडबैंक का मॉर्डनाइजेशन हो, आधुनिक ट्रामा सेंटर का निर्माण हो, सुपर स्पेशिलिटी ब्लाक हो, बनारस के लोगों के बहुत काम आ रहा हैं। पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर में अब तक 70 हजार से अधिक मरीजों का इलाज किया गया है। इन लोगों को इलाज के लिए लखनऊ, दिल्ली या मुंबई जाने की जरूरत नहीं पड़ी है। इसी तरह बनारस में कबीरचौरा हॉस्पिटल हो, जिला चिकित्सालय हो, डायलिसिस, सिटी स्कैन जैसी अनेक सुविधाओं को बढ़ाया गया है। काशी क्षेत्र के गांवों में भी आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। स्वास्थ्य केंद्रों पर ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं, ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध कराए गए हैं। जिले में हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर्स को भी अनेक सुविधाओं से युक्त किया गया है। आयुष्मान भारत योजना के तहत बनारस के डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने अस्पताल में भर्ती होकर अपना मुफ्त इलाज कराया है। करीब-करीब 70 जगहों पर जन औषधि केंद्रों से मरीजों को सस्ती दवाइयां भी मिल रही हैं। इन सभी प्रयासों का लाभ पूर्वांचल के लोगों को, बिहार से आने वाले लोगों को भी मिल रहा है।

साथियों,

भारत अपना अनुभव, अपनी विशेषज्ञता, अपनी इच्छा शक्ति के साथ TB मुक्ति के अभियान में जुटा हुआ है। भारत हर देश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने के लिए भी निरंतर तत्पर है। TB के खिलाफ हमारा अभियान, सबके प्रयास से ही सफल होगा। मुझे विश्वास है, हमारे आज के प्रयास हमारे सुरक्षित भविष्य की बुनियाद मजबूत करेंगे, हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर दुनिया दे पाएंगे। मैं आपका भी बहुत आभारी हूं। आपने भारत की इतनी बड़ी सराहना की। मुझे निमंत्रण दिया। मैं आपका हृदय से आभार व्‍यक्‍त करता हूं। इसी एक शुभ शुरूआत और ‘World TB Day’ के‍ दिन मेरी आप सबको इसकी सफलता और एक दृढ़ संकल्‍प के साथ आगे बढ़ने के लिए अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। बहुत बहुत धन्यवाद!