QuoteWhy were Congress-JD(S) leaders shedding tears for Pakistan when we attacked its terrorist camps while the entire world was standing besides us: PM Modi in Karnataka
QuoteThe upcoming elections are about electing a strong government that puts the welfare of its people first: PM Modi
QuoteNobody knows who is running the government in Karnataka because both Congress and JD(S) are busy in out-maneuvering each other: Prime Minister Modi
QuoteWhile the Opposition parties are busy pitting communities against each other, we are striving towards building a ‘New India’: PM Modi

 भारत माता की जय... भारत माता की जय...

इस धरती पर आने का अपना ही एक सौभाग्य होता है। इस धरती की सभी महान विभूतियों को मैं आदर पूर्वक नमन करता हूं। सिद्धगंगा मठ के डॉक्टर शिव कुमार स्वामी जी को भी मैं सर झुका कर के प्रणाम करता हूं। बंधु भगिनी, कर्नाटक देश के उन राज्यों में है जो हमेशा बीजेपी के साथ पूरी मजबूती के साथ खड़ा रहा है। यहीं मजबूती आपने बीते पांच वर्षों में इस चौकीदार को दी है। आपके ही भरोसे और विश्वास के कारण हर चुनौतियों को चुनौतियां देने की हिम्मत ये चौकीदार कर पाया है। दुनिया भर में भारत की जय- जयकार हो रही है, तो उसका कारण, दुनिया में भारत की जय-जयकार क्यों हो रही है? किसके कराण? किसके कारण? किसके कारण? मोदी के कारण नहीं उसका कारण आप है। 2014 में आपके एक-एक वोट ने हिंदुस्तान के सभी नागरिकों के एक-एक वोट ने जो ताकत दी। उसके कारण आज दुनिया में हिंदुस्तान का डंका बज रहा है। साथियो, आज भारत का हर व्यक्ति आत्मविश्वास से भरा है। क्योंकि देश एक महाशक्ति बनने के रास्ते पर निकल पड़ा है।

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पांच वर्ष पहले का एक दौर वो था जब पाकिस्तान के आतंकी हम पर हमला करते थे और फिर पाकिस्तान से ही धमकियां भी मिलती थी। हमारे जांबाज एक्शन के लिए इजाजत मांगते थे लेकिन तब की सरकार डर कर के बैठ जाती थी। इस चौकीदार ने उस स्थिति को बदल दिया है। अब अगर डर है तो डर सीमा के उस पार है। वहां सत्ता में बैठे लोगों को तरह-तरह के डरावने सपने आते हैं। आज धमकी देने वाले दुबक गए हैं, और बालाकोट के प्रहार से आतंकी खौफ में हैं। भाइयो और बहनो, आपने देखा कि जब हमने पाकिस्तान के आतंकियों पर प्रहार किया। आपको अच्छा लगा कि नहीं लगा, आप खुश है क्या? मैंने सही किया? जब हमने आतंकियों पर प्रहार किया तो दर्द पाकिस्तान को हुआ लेकिन आंसू हमारे यहां कांग्रेस और जेडीएस उनके साथियों के निकले। पूरी दुनिया भारत के पक्ष में खड़ी हो गई। लेकिन हमारे यहां के महामिलावटी दल पाकिस्तान के बजाए मोदी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कर रहे थे। यहां के मुख्यमंत्री तो एक कदम और आगे बढ़ गए। कहते हैं कि भारत के वीरों के पराक्रम की बात नहीं करनी चाहिए। क्योंकि उनके वोट बैंक को नुकसान होता है। मैं जरा यहां के मुख्यमंत्री को पूछना चाहता हूं कि आपका वोट बैंक भारत में हैं कि पाकिस्तान में। जरा मुख्यमंत्री जी, इस बात को जरा साफ कीजिए स्पष्ट कीजिए। साथियो, एयर स्ट्राइक की तरह ही इन्होंने अंतरिक्ष में स्ट्राइक का भी मजाक उड़ाया। पूरी दुनिया ने माना की स्पेस में भारत ने बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है। लेकिन मोदी विरोध के चक्कर में ये लोग फिर भारत का विरोध करने पर उतारू हैं।

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भारत का विरोध कर रहे हैं। भाइयो और बहनो ये लोग जब खुद सरकार में थे तब वैज्ञानिकों को मिसाइल टेस्ट करने की मंजूरी देने की हिम्मत भी इनके अंदर नहीं थी। लेकिन अब जब भारत ने स्पेस में स्ट्राइक की तो सवाल उठाने वाले सबसे पहले यहीं लोग चले आए। चित्रदुर्ग के मेरे भाइयो-बहनो, ये न तो जवान का सम्मान करते हैं और न ही विज्ञान का...। जिनको भारत के मान-सम्मान की परवाह नहीं उनको सबक सिखाना जरूरी है। भाइयो-बहनो, इस चुनाव में आपको सिर्फ सांसद नहीं चुनना है, सिर्फ प्रधानमंत्री नहीं चुनना है। बल्कि एक मजबूत भारत के लिए मजबूत सरकार चुननी है। मजबूत सरकार ही देश हित में बड़े फैसले ले सकती है। साथियो, मजबूत सरकार कैसी होती है ये आप यहां पर देख रहे हैं। कर्नाटक की सरकार कौन चला रहा हैं? ये किसी को अंदाजा नहीं है। क्योंकि दोनों हारे हुए दल सिर्फ सत्ता के लिए, स्वार्थ के लिए उन्होंने जोड़ी बनाई है। इसलिए वो दिन–रात इधर वाला भाग जाएगा कि उधर वाला भाग जाएगा। ये कुछ मांगेगा कि वो कुछ मांगेगा। इसको टुकड़ा फेंकू कि उसको टुकड़ा फेंकू...बस इसी में लगे हैं। जनता को क्या चाहिए ये इनको इसकी परवाह नहीं है। इनकी पूरी कोशिश है कि ऐसी ही महामिलावटी सरकार दिल्ली में बैठे और जिसका रिमोर्ट कंट्रोल एक दर्जन लोगों के हाथ में हो। क्या आप ऐसी सरकार चाहते हैं? मजबूत सरकार चाहते हैं कि नहीं चाहते हैं? देश में ऐसा प्रधानमंत्री होना चाहिए जिसका हाई कमान, जिसका हाई कमान सिर्फ और सिर्फ एक सौ तीस करोड़ हिंदुस्तानी होने चाहिए।

साथियो, वोट के लिए कांग्रेस जाति और संप्रदाय को बांटने का काम करती रही है। यहीं कोशिश विधानसभा चुनाव के दौरान उसने की थी। कभी ये लिंगायत समाज को बांटने की कोशिश करते हैं। कभी वोका लिंगा के खिलाफ लोगों को भड़काते हैं। कांग्रेस के अपने नेताओं ने ये स्वीकार किया है कि बैंगलुरू से लेकर दिल्ली तक विभाजन का कैसा खेल खेला जाए। भाइयो-बहनो, कांग्रेस की ये स्पष्ट सोच रही है कि जहां मौका मिले वहां समाज को बांट दो। आजादी के समय से ही इनकी रणनीति, इनकी रणनीति तुष्टिकरण की रही है, और आज भी साफ साफ दिख रही है। इनको न तो देश की चिंता है और न ही हमारे संविधान की। बंधु भगिनी, जिस तरह वीर मदाकारी नायका, और वीर ओनके ओपवा ने आक्रमणकारियों और अत्याचारियों से चित्रदुर्ग की रक्षा की थी। वैसा काम आज पूरे हिंदुस्तान के लिए हम सब चौकीदारों को मिलकर के करना है। करेंगे..? मिलकर के करेंगे? पूरी ताकत से करेंगे? जी जान से करेंगे.? आप इस चौकीदार के साथ खड़े रहेंगे।

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साथियो, एक तरफ कांग्रेस जेडीएस का तुष्टिकरण है। दूसरी तरफ जाति, वर्ग, पंथ से ऊपर बीजेपी का सबका साथ सबका विकास ये हमारा मंत्र है। आपका प्यार मेरी सर आंखों पर...इतना प्यार अगर मुझे मिलता है तो जीवन में इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है। मैं इस प्यार के लिए इस जोश इस उत्साह के लिए आप सबको नमन करता हूं। सबका साथ सबका विकास इसी मंत्र पर चलते हुए हम नए भारत के निर्माण के लिए पूरी ईमानदारी से काम कर रहे हैं। हमारा संकल्प हर गरीब को पक्का घर देने का है। हमारा संकल्प हर घर को बिजली और हर घर तक एलपीजी गैस कनेक्शन पहुंचाने का है। हमारा संकल्प देश की हर बड़ी पंचायत में टेलीमेडिसिन और बेसिक लेबोरेटरी सुविधा से युक्त हेल्थ एंड वेलनेंस सेंटर खोलने का है। हमारा संकल्प किसानों की आय डबल करने का है। साथियो, किसानों की आय बढ़ाने के लिए हम बीज से लेकर बाजार तक नई व्यवस्थाएं बना रहे हैं। एक तरफ मेघा फूड पार्क, फर्टिलाइजर, और इथेनॉल के प्लांट लगाने का काम किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ किसानों को सीधी मदद दी जा रही है। साथियो, पीएम किसान योजना के तहत कर्नाटक में करीब-करीब 75 लाख छोटे किसान परिवारों को सीधी मदद मिलनी तय हुई है। अब हमने संकल्प लिया है। कल हमने हमारे संकल्प पत्र में घोषित किया है कि दोबारा जब हमारी सरकार बनेगी 23 मई के रिजल्ट के बाद जब हम फिर से शपथ लेंगे तो उसके बाद अभी जो हमने नियम बनाया है, उसमें बदलकर के अभी नियम बना है छोटे किसानों का उसमें बदलकर के सभी किसान परिवारों का इसका लाभ देने का हमने निर्णय किया है। भाइयो बहनो, चौकीदार जो कहता है वो पूरा भी करता है। पीएम किसान सम्मान योजना को शुरू हुए अभी मुश्किल से सवा महीना हुआ है। लेकिन अब तक तीन करोड़ किसानों के खाते में पहली किस्त के पैसे जमा हो चुके हैं। डेढ़ करोड़ किसानों को दूसरी किस्त भी मिल चुकी है।

साथियो, एक तरफ किसानों के लिए हमारी सरकार के ये प्रयास है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और जेडीएस के खोखले वादे हैं। इन लोगों ने कर्ज माफी का वादा किया था। एक साल हो गया लेकिन वो वादा अब तक अधूरा है। क्या इन्होंने किसानों का वादा पूरा किया। कर्ज माफी हुई। किसानों के खाते में पैसा आया। अरे वारंट निकलता है। वारंट, भाइयो—बहनो, किसान हो या उद्यमी हो कांग्रेस जेडीएस किसी का भी भला नहीं करना चाहती। उनकी नीयत में ही खोट है। कांग्रेस जेडीएस की नीयत किसान हित की होती तो कर्नाटक का मैनचेस्टर दावणगेरे कभी बेहाल हीं होता। इनकी नीयत काम करने की होती तो अपर बदरा प्रोजेक्ट सहित अनेक सिंचाई परियोजनाएं समय पर पूरी हो जाती। साथियो, चित्रदुर्ग हो, दावणगेरे हो, इस पूरे क्षेत्र में कनेक्टिविटी और सौलर पावर के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का ईमानदार प्रयास भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया है। दावणगेरे को स्मार्ट बनाने के लिए यहां पर्यटन के अवसर पैदा करने के लिए और युवा साथियों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए हम पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। साथियो, कांग्रेस के राज में दशको तक इस देश के साथ जो अन्याय हुआ। वो हर भारतीय को हर पल याद रखना चाहिए। देश के सामार्थ्य के साथ अन्याय, देश के संसाधनों के साथ अन्याय, और देश के सपनों के साथ भी अन्याय।

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 साथियो, हम भारत के लोग क्या हम ऐसी ही सरकारें ही डिजर्व करते थे। जैसा कांग्रेस ने हमें दिया। नहीं बिल्कुल नहीं। कांग्रेस ने इस देश की चार-चार पीढ़ियों के साथ अन्याय किया है। एक के बाद एक भ्रष्ट सरकारें देकर, समाज को तोड़कर, लोगों को आपस में लड़ाकर, हमारी शिक्षा व्यवस्था को भारतीयता से दूर करके, हमारी विदेश नीति को कमजोर करके। हमारी सेनाओं को कमजोर करके। कांग्रेस ने दशकों तक देश के साथ अन्याय किया है। साथियो, बीते पांच वर्षों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए सरकार ने कांग्रेस के इस अन्याय को कम करने का भरपूर प्रयास किया। तमाम छिपाई हुई फाइलें निकालने के बाद तमाम भगाए गए लोगों को देश में वापस लाने के बाद, तमाम राजदारों के सामने आने के बाद अब समय आ रहा है, जब कांग्रेस से पीड़ित देश को न्याय दिलाया जाए। देश को न्याय मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए? न्याय मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए? ये अन्याय की परंपरा का जवाब मांगना चाहिए कि नहीं मांगना चाहिए? 60 साल तक अन्याय करने वालों को सजा देनी चाहिए कि नहीं चाहिए? भाइयो- बहनो अब बोफोर्स घोटाला करने वालों के साथ न्याय होना पक्का है। नेशनल हेराल्ड हाउस घोटाला करने वालों के साथ अब न्याय पक्का है। दिल्ली में सिख दंगा कराने वालों के साथ अब न्याय पक्का है।

कॉमनवेल्थ घोटाले कर के देश की साख दांव पर लगाने वालों के साथ न्याय पक्का है। 2जी घोटाला, पनडुब्बी घोटाला, कोयला घोटाला, कर्जमाफी घोटाला। इन घोटालों से अपने परिवार के लिए अरबों रुपये का भ्रष्टाचार करने वालों के साथ अब न्याय पक्का है और हां अब हेलीकॉप्टर घोटाला करने वालों के साथ भी न्याय पक्का है। जेल के दरवाजे इतंजार कर रहे हैं। साथियो, इस चुनाव में आपका आशीर्वाद मुझे कांग्रेस के अन्याय को सामप्त करने में भी मदद करने वाला है। भाइयो-बहनो, 20वीं सदी में जिस कांगेस ने अपना भ्रष्ट कल्चर, भाइयो और बहनो 20वीं सदी में जिस कांग्रेस ने अपना भ्रष्ट कल्चर देश पर थोपा। अब उसी कांग्रेस को 21वीं सदी के नौजवान सजा देने वाले हैं। 20वीं सदी के पापों की सजा 21वीं सदी का नौजवान देने वाला है। जिन नौजवानों ने 21वीं शताब्दी में जन्म लिया है। जो इस साल के चुनाव में लोकसभा के चुनाव में पहली बार वोट डालने जा रहे हैं। सबसे पहले तो ऐसे 21वीं सदी में जन्मे हुए लोकसभा में पहली बार वोट देने वाले ये सभी युवा मतदाताओं को हृदय पूर्वक अभिनंदन करता हूं उनका अभिवादन करता हूं। लेकिन मेरे युवा साथियो, मेरे फर्स्ट टाइमर वोटर और सिर्फ चित्रदुर्ग और दावणगेरे की नहीं पूरे देश के फर्स्ट टाइमर से मै प्राथना कता हूं। आप पहली बार वोट देने जा रहे हैं। उन्हें बहुत सोच समझकर वोट देना है। आपका ये वोट देश को मजबूत बनाने के लिए, देश में मजबूत सरकार बनाने के लिए होना चाहिए। होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? होना चाहे कि नहीं होना चाहिए? आप अपना वोट देश के लिए शहीद होने वाले वीर जाबांजों को समर्पित कर सकते हैं। आप ये अपना पहला वोट किसी गरीब को उसका घर मिले इसके लिए आपका वोट समर्पित हो सकता है।

आपका ये पहला वोट किसी गरीब को मुफ्त में अस्पताल में इलाज मिले, इसके लिए समर्पित होना चाहिए। आपका पहला वोट किसी किसान के खेत को पानी मिल जाए इसके लिए आपका वोट समर्पित हो सकता है। आपके ही दोस्त कोई, आपका कोई साथी हो उसको मुद्रा योजना से लोन मिल जाए किसी बैंक गारंटी के बिना लोन मिल जाए इस काम के लिए आपका पहला वोट जाना चहिए। साथियो, जो 18 साल के हो गए हैं। जो इस बार वोट डालने जा रहे हैं। अपने जीवन में पहली बार ईवीएम देखने जा रहे हैं। उन्हें बहुत सोच समझकर बिना किसी गलती के वोट डालना है। आपका एक एक वोट बहुत अनमोल है। इसे संभल कर इस्तेमाल करिएगा। हां आपको मैं विश्वास दिलाता हूं कि आप जब वोट देने जाएंगे कमल के बटन को दबाएंगे तो आपका वोट सीधे सीधा मोदी के खाते में जमा होगा। आप मुझे बताइए ये सभी नौजवानों का वोट मिले तो मेरी ताकत बढ़ेगी की नहीं बढेगी। मेरी ऊर्जा बढ़ेगी की नहीं बढ़ेगी? काम करने का मेरा हौसला बढ़ेगा कि नहीं बढ़ेगा? आज जितना दौड़ता हूं उससे ज्यादा दौडूंगा कि नहीं दौडूंगा? आज जितने काम करता हूं उससे ज्यादा काम करूंगा कि नहीं करूंगा? तो आपका वोट सीधे सीधा मोदी को जाने वाला है। बंधु भगिनी देश में मजबूत सरकार किस तरह काम करती है। देश में पूर्ण बहुमत वाली सरकार किस तरह काम करती है। देश में कांगेस कल्चर से मुक्त सरकार कैसे काम करती है। ये आपने पिछले पांच साल में देखा है। देश को कर्नाटक को सुरक्षित रखने विकसित बनाने के लिए हम सभी चौकीदारों को एक साथ आगे बढ़ना है और हर पोलिंग बूथ को कमल से खिलाना है। कमल खिलाएंगे, कमल खिलाएंगे, चौकीदार का साथ देंगे। मैं बोलूंगा मेरे सा बोलिए... मैं भी.. आप बोलेंगे चौकीदार... मैं भी... चौकीदार.... बहुत बहुत धन्यवाद...

  • Laxman singh Rana June 22, 2022

    नमो नमो 🇮🇳🌷
  • Laxman singh Rana June 22, 2022

    नमो नमो 🇮🇳
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India is going to open doors of new possibilities of space for the world: PM Modi
June 28, 2025
QuoteI extend my heartiest congratulations and best wishes to you for hoisting the flag of India in space: PM
QuoteScience and Spirituality, both are our Nation’s strength: PM
QuoteThe success of Chandrayaan mission and your historic journey renew interest in science among the children and youth of the country: PM
QuoteWe have to take Mission Gaganyaan forward, we have to build our own space station and also land Indian astronauts on the Moon: PM
QuoteYour historic journey is the first chapter of success of India's Gaganyaan mission and will give speed and new vigour to our journey of Viksit Bharat: PM
QuoteIndia is going to open doors of new possibilities of space for the world: PM

प्रधानमंत्रीशुभांशु नमस्कार!

शुभांशु शुक्लानमस्कार!

प्रधानमंत्रीआप आज मातृभूमि से, भारत भूमि से, सबसे दूर हैं, लेकिन भारतवासियों के दिलों के सबसे करीब हैं। आपके नाम में भी शुभ है और आपकी यात्रा नए युग का शुभारंभ भी है। इस समय बात हम दोनों कर रहे हैं, लेकिन मेरे साथ 140 करोड़ भारतवासियों की भावनाएं भी हैं। मेरी आवाज में सभी भारतीयों का उत्साह और उमंग शामिल है। अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराने के लिए मैं आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। मैं ज्यादा समय नहीं ले रहा हूं, तो सबसे पहले तो यह बताइए वहां सब कुशल मंगल है? आपकी तबीयत ठीक है?

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शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! बहुत-बहुत धन्यवाद, आपकी wishes का और 140 करोड़ मेरे देशवासियों के wishes का, मैं यहां बिल्कुल ठीक हूं, सुरक्षित हूं। आप सबके आशीर्वाद और प्यार की वजह से… बहुत अच्छा लग रहा है। बहुत नया एक्सपीरियंस है यह और कहीं ना कहीं बहुत सारी चीजें ऐसी हो रही हैं, जो दर्शाती है कि मैं और मेरे जैसे बहुत सारे लोग हमारे देश में और हमारा भारत किस दिशा में जा रहा है। यह जो मेरी यात्रा है, यह पृथ्वी से ऑर्बिट की 400 किलोमीटर तक की जो छोटे सी यात्रा है, यह सिर्फ मेरी नहीं है। मुझे लगता है कहीं ना कहीं यह हमारे देश के भी यात्रा है because जब मैं छोटा था, मैं कभी सोच नहीं पाया कि मैं एस्ट्रोनॉट बन सकता हूं। लेकिन मुझे लगता है कि आपके नेतृत्व में आज का भारत यह मौका देता है और उन सपनों को साकार करने का भी मौका देता है। तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि है मेरे लिए और मैं बहुत गर्व feel कर रहा हूं कि मैं यहां पर अपने देश का प्रतिनिधित्व कर पा रहा हूं। धन्यवाद प्रधानमंत्री जी!

प्रधानमंत्रीशुभ, आप दूर अंतरिक्ष में हैं, जहां ग्रेविटी ना के बराबर है, पर हर भारतीय देख रहा है कि आप कितने डाउन टू अर्थ हैं। आप जो गाजर का हलवा ले गए हैं, क्या उसे अपने साथियों को खिलाया?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! यह कुछ चीजें मैं अपने देश की खाने की लेकर आया था, जैसे गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम रस और मैं चाहता था कि यह बाकी भी जो मेरे साथी हैं, बाकी देशों से जो आए हैं, वह भी इसका स्वाद लें और चखें, जो भारत का जो rich culinary हमारा जो हेरिटेज है, उसका एक्सपीरियंस लें, तो हम सभी ने बैठकर इसका स्वाद लिया साथ में और सबको बहुत पसंद आया। कुछ लोग कहे कि कब वह नीचे आएंगे और हमारे देश आएं और इनका स्वाद ले सकें हमारे साथ…

प्रधानमंत्री: शुभ, परिक्रमा करना भारत की सदियों पुरानी परंपरा है। आपको तो पृथ्वी माता की परिक्रमा का सौभाग्य मिला है। अभी आप पृथ्वी के किस भाग के ऊपर से गुजर रहे होंगे?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! इस समय तो मेरे पास यह इनफॉरमेशन उपलब्ध नहीं है, लेकिन थोड़ी देर पहले मैं खिड़की से, विंडो से बाहर देख रहा था, तो हम लोग हवाई के ऊपर से गुजर रहे थे और हम दिन में 16 बार परिक्रमा करते हैं। 16 सूर्य उदय और 16 सनराइज और सनसेट हम देखते हैं ऑर्बिट से और बहुत ही अचंभित कर देने वाला यह पूरा प्रोसेस है। इस परिक्रमा में, इस तेज गति में जिस हम इस समय करीब 28000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहे हैं आपसे बात करते वक्त और यह गति पता नहीं चलती क्योंकि हम तो अंदर हैं, लेकिन कहीं ना कहीं यह गति जरूर दिखाती है कि हमारा देश कितनी गति से आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्रीवाह!

शुभांशु शुक्ला: इस समय हम यहां पहुंचे हैं और अब यहां से और आगे जाना है।

प्रधानमंत्री: अच्छा शुभ अंतरिक्ष की विशालता देखकर सबसे पहले विचार क्या आया आपको?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, सच में बोलूं तो जब पहली बार हम लोग ऑर्बिट में पहुंचे, अंतरिक्ष में पहुंचे, तो पहला जो व्यू था, वह पृथ्वी का था और पृथ्वी को बाहर से देख के जो पहला ख्याल, वो पहला जो thought मन में आया, वह ये था कि पृथ्वी बिल्कुल एक दिखती है, मतलब बाहर से कोई सीमा रेखा नहीं दिखाई देती, कोई बॉर्डर नहीं दिखाई देता। और दूसरी चीज जो बहुत noticeable थी, जब पहली बार भारत को देखा, तो जब हम मैप पर पढ़ते हैं भारत को, हम देखते हैं बाकी देशों का आकार कितना बड़ा है, हमारा आकार कैसा है, वह मैप पर देखते हैं, लेकिन वह सही नहीं होता है क्योंकि वह एक हम 3D ऑब्जेक्ट को 2D यानी पेपर पर हम उतारते हैं। भारत सच में बहुत भव्य दिखता है, बहुत बड़ा दिखता है। जितना हम मैप पर देखते हैं, उससे कहीं ज्यादा बड़ा और जो oneness की फीलिंग है, पृथ्वी की oneness की फीलिंग है, जो हमारा भी मोटो है कि अनेकता में एकता, वह बिल्कुल उसका महत्व ऐसा समझ में आता है बाहर से देखने में कि लगता है कि कोई बॉर्डर एक्जिस्ट ही नहीं करता, कोई राज्य ही नहीं एक्जिस्ट करता, कंट्रीज़ नहीं एक्जिस्ट करती, फाइनली हम सब ह्यूमैनिटी का पार्ट हैं और अर्थ हमारा एक घर है और हम सबके सब उसके सिटीजंस हैं।

प्रधानमंत्रीशुभांशु स्पेस स्टेशन पर जाने वाले आप पहले भारतीय हैं। आपने जबरदस्त मेहनत की है। लंबी ट्रेनिंग करके गए हैं। अब आप रियल सिचुएशन में हैं, सच में अंतरिक्ष में हैं, वहां की परिस्थितियां कितनी अलग हैं? कैसे अडॉप्ट कर रहे हैं?

शुभांशु शुक्ला: यहां पर तो सब कुछ ही अलग है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग की हमने पिछले पूरे 1 साल में, सारे systems के बारे में मुझे पता था, सारे प्रोसेस के बारे में मुझे पता था, एक्सपेरिमेंट्स के बारे में मुझे पता था। लेकिन यहां आते ही suddenly सब चेंज हो गया, because हमारे शरीर को ग्रेविटी में रहने की इतनी आदत हो जाती है कि हर एक चीज उससे डिसाइड होती है, पर यहां आने के बाद चूंकि ग्रेविटी माइक्रोग्रेविटी है absent है, तो छोटी-छोटी चीजें भी बहुत मुश्किल हो जाती हैं। अभी आपसे बात करते वक्त मैंने अपने पैरों को बांध रखा है, नहीं तो मैं ऊपर चला जाऊंगा और माइक को भी ऐसे जैसे यह छोटी-छोटी चीजें हैं, यानी ऐसे छोड़ भी दूं, तो भी यह ऐसे float करता रहा है। पानी पीना, पैदल चलना, सोना बहुत बड़ा चैलेंज है, आप छत पर सो सकते हैं, आप दीवारों पर सो सकते हैं, आप जमीन पर सो सकते हैं। तो पता सब कुछ होता है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग अच्छी है, लेकिन वातावरण चेंज होता है, तो थोड़ा सा used to होने में एक-दो दिन लगते हैं but फिर ठीक हो जाता है, फिर normal हो जाता है।

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प्रधानमंत्री: शुभ भारत की ताकत साइंस और स्पिरिचुअलिटी दोनों हैं। आप अंतरिक्ष यात्रा पर हैं, लेकिन भारत की यात्रा भी चल रही होगी। भीतर में भारत दौड़ता होगा। क्या उस माहौल में मेडिटेशन और माइंडफूलनेस का लाभ भी मिलता है क्या?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बिल्कुल सहमत हूं। मैं कहीं ना कहीं यह मानता हूं कि भारत already दौड़ रहा है और यह मिशन तो केवल एक पहली सीढ़ी है उस एक बड़ी दौड़ का और हम जरूर आगे पहुंच रहे हैं और अंतरिक्ष में हमारे खुद के स्टेशन भी होंगे और बहुत सारे लोग पहुंचेंगे और माइंडफूलनेस का भी बहुत फर्क पड़ता है। बहुत सारी सिचुएशंस ऐसी होती हैं नॉर्मल ट्रेनिंग के दौरान भी या फिर लॉन्च के दौरान भी, जो बहुत स्ट्रेसफुल होती हैं और माइंडफूलनेस से आप अपने आप को उन सिचुएशंस में शांत रख पाते हैं और अपने आप को calm रखते हैं, अपने आप को शांत रखते हैं, तो आप अच्छे डिसीजंस ले पाते हैं। कहते हैं कि दौड़ते हो भोजन कोई भी नहीं कर सकता, तो जितना आप शांत रहेंगे उतना ही आप अच्छे से आप डिसीजन ले पाएंगे। तो I think माइंडफूलनेस का बहुत ही इंपॉर्टेंट रोल होता है इन चीजों में, तो दोनों चीजें अगर साथ में एक प्रैक्टिस की जाएं, तो ऐसे एक चैलेंजिंग एनवायरमेंट में या चैलेंजिंग वातावरण में मुझे लगता है यह बहुत ही यूज़फुल होंगी और बहुत जल्दी लोगों को adapt करने में मदद करेंगी।

प्रधानमंत्री: आप अंतरिक्ष में कई एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। क्या कोई ऐसा एक्सपेरिमेंट है, जो आने वाले समय में एग्रीकल्चर या हेल्थ सेक्टर को फायदा पहुंचाएगा?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बहुत गर्व से कह सकता हूं कि पहली बार भारतीय वैज्ञानिकों ने 7 यूनिक एक्सपेरिमेंट्स डिजाइन किए हैं, जो कि मैं अपने साथ स्टेशन पर लेकर आया हूं और पहला एक्सपेरिमेंट जो मैं करने वाला हूं, जो कि आज ही के दिन में शेड्यूल्ड है, वह है Stem Cells के ऊपर, so अंतरिक्ष में आने से क्या होता है कि ग्रेविटी क्योंकि एब्सेंट होती है, तो लोड खत्म हो जाता है, तो मसल लॉस होता है, तो जो मेरा एक्सपेरिमेंट है, वह यह देख रहा है कि क्या कोई सप्लीमेंट देकर हम इस मसल लॉस को रोक सकते हैं या फिर डिले कर सकते हैं। इसका डायरेक्ट इंप्लीकेशन धरती पर भी है कि जिन लोगों का मसल लॉस होता है, ओल्ड एज की वजह से, उनके ऊपर यह सप्लीमेंट्स यूज़ किए जा सकते हैं। तो मुझे लगता है कि यह डेफिनेटली वहां यूज़ हो सकता है। साथ ही साथ जो दूसरा एक्सपेरिमेंट है, वह Microalgae की ग्रोथ के ऊपर। यह Microalgae बहुत छोटे होते हैं, लेकिन बहुत Nutritious होते हैं, तो अगर हम इनकी ग्रोथ देख सकते हैं यहां पर और ऐसा प्रोसेस ईजाद करें कि यह ज्यादा तादाद में हम इन्हें उगा सके और न्यूट्रिशन हम प्रोवाइड कर सकें, तो कहीं ना कहीं यह फूड सिक्योरिटी के लिए भी बहुत काम आएगा धरती के ऊपर। सबसे बड़ा एडवांटेज जो है स्पेस का, वह यह है कि यह जो प्रोसेस है यहां पर, यह बहुत जल्दी होते हैं। तो हमें महीनों तक या सालों तक वेट करने की जरूरत नहीं होती, तो जो यहां के जो रिजल्‍ट्स होते हैं वो हम और…

प्रधानमंत्री: शुभांशु चंद्रयान की सफलता के बाद देश के बच्चों में, युवाओं में विज्ञान को लेकर एक नई रूचि पैदा हुई, अंतरिक्ष को explore करने का जज्बा बढ़ा। अब आपकी ये ऐतिहासिक यात्रा उस संकल्प को और मजबूती दे रही है। आज बच्चे सिर्फ आसमान नहीं देखते, वो यह सोचते हैं, मैं भी वहां पहुंच सकता हूं। यही सोच, यही भावना हमारे भविष्य के स्पेस मिशंस की असली बुनियाद है। आप भारत की युवा पीढ़ी को क्या मैसेज देंगे?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, मैं अगर मैं अपनी युवा पीढ़ी को आज कोई मैसेज देना चाहूंगा, तो पहले यह बताऊंगा कि भारत जिस दिशा में जा रहा है, हमने बहुत बोल्ड और बहुत ऊंचे सपने देखे हैं और उन सपनों को पूरा करने के लिए, हमें आप सबकी जरूरत है, तो उस जरूरत को पूरा करने के लिए, मैं ये कहूंगा कि सक्सेस का कोई एक रास्ता नहीं होता कि आप कभी कोई एक रास्ता लेता है, कोई दूसरा रास्ता लेता है, लेकिन एक चीज जो हर रास्ते में कॉमन होती है, वो ये होती है कि आप कभी कोशिश मत छोड़िए, Never Stop Trying. अगर आपने ये मूल मंत्र अपना लिया कि आप किसी भी रास्ते पर हों, कहीं पर भी हों, लेकिन आप कभी गिव अप नहीं करेंगे, तो सक्सेस चाहे आज आए या कल आए, पर आएगी जरूर।

प्रधानमंत्री: मुझे पक्का विश्वास है कि आपकी ये बातें देश के युवाओं को बहुत ही अच्छी लगेंगी और आप तो मुझे भली-भांति जानते हैं, जब भी किसी से बात होती हैं, तो मैं होमवर्क जरूर देता हूं। हमें मिशन गगनयान को आगे बढ़ाना है, हमें अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाना है, और चंद्रमा पर भारतीय एस्ट्रोनॉट की लैंडिंग भी करानी है। इन सारे मिशंस में आपके अनुभव बहुत काम आने वाले हैं। मुझे विश्वास है, आप वहां अपने अनुभवों को जरूर रिकॉर्ड कर रहे होंगे।

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, बिल्कुल ये पूरे मिशन की ट्रेनिंग लेने के दौरान और एक्सपीरियंस करने के दौरान, जो मुझे lessons मिले हैं, जो मेरी मुझे सीख मिली है, वो सब एक स्पंज की तरह में absorb कर रहा हूं और मुझे यकीन है कि यह सारी चीजें बहुत वैल्युएबल प्रूव होंगी, बहुत इंपॉर्टेंट होगी हमारे लिए जब मैं वापस आऊंगा और हम इन्हें इफेक्टिवली अपने मिशंस में, इनके lessons अप्लाई कर सकेंगे और जल्दी से जल्दी उन्हें पूरा कर सकेंगे। Because मेरे साथी जो मेरे साथ आए थे, कहीं ना कहीं उन्होंने भी मुझसे पूछा कि हम कब गगनयान पर जा सकते हैं, जो सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने बोला कि जल्द ही। तो मुझे लगता है कि यह सपना बहुत जल्दी पूरा होगा और मेरी तो सीख मुझे यहां मिल रही है, वह मैं वापस आकर, उसको अपने मिशन में पूरी तरह से 100 परसेंट अप्लाई करके उनको जल्दी से जल्दी पूरा करने की कोशिश करेंगे।

प्रधानमंत्री: शुभांशु, मुझे पक्का विश्वास है कि आपका ये संदेश एक प्रेरणा देगा और जब हम आपके जाने से पहले मिले थे, आपके परिवारजन के भी दर्शन करने का अवसर मिला था और मैं देख रहा हूं कि आपके परिवारजन भी सभी उतने ही भावुक हैं, उत्साह से भरे हुए हैं। शुभांशु आज मुझे आपसे बात करके बहुत आनंद आया, मैं जानता हूं आपकी जिम्मे बहुत काम है और 28000 किलोमीटर की स्पीड से काम करने हैं आपको, तो मैं ज्यादा समय आपका नहीं लूंगा। आज मैं विश्वास से कह सकता हूं कि ये भारत के गगनयान मिशन की सफलता का पहला अध्याय है। आपकी यह ऐतिहासिक यात्रा सिर्फ अंतरिक्ष तक सीमित नहीं है, ये हमारी विकसित भारत की यात्रा को तेज गति और नई मजबूती देगी। भारत दुनिया के लिए स्पेस की नई संभावनाओं के द्वार खोलने जा रहा है। अब भारत सिर्फ उड़ान नहीं भरेगा, भविष्य में नई उड़ानों के लिए मंच तैयार करेगा। मैं चाहता हूं, कुछ और भी सुनने की इच्छा है, आपके मन में क्योंकि मैं सवाल नहीं पूछना चाहता, आपके मन में जो भाव है, अगर वो आप प्रकट करेंगे, देशवासी सुनेंगे, देश की युवा पीढ़ी सुनेगी, तो मैं भी खुद बहुत आतुर हूं, कुछ और बातें आपसे सुनने के लिए।

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शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी! यहां यह पूरी जर्नी जो है, यह अंतरिक्ष तक आने की और यहां ट्रेनिंग की और यहां तक पहुंचने की, इसमें बहुत कुछ सीखा है प्रधानमंत्री जी मैंने लेकिन यहां पहुंचने के बाद मुझे पर्सनल accomplishment तो एक है ही, लेकिन कहीं ना कहीं मुझे ये लगता है कि यह हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ा कलेक्टिव अचीवमेंट है। और मैं हर एक बच्चे को जो यह देख रहा है, हर एक युवा को जो यह देख रहा है, एक मैसेज देना चाहता हूं और वो यह है कि अगर आप कोशिश करते हैं और आप अपना भविष्य बनाते हैं अच्छे से, तो आपका भविष्य अच्छा बनेगा और हमारे देश का भविष्य अच्छा बनेगा और केवल एक बात अपने मन में रखिए, that sky has never the limits ना आपके लिए, ना मेरे लिए और ना भारत के लिए और यह बात हमेशा अगर अपने मन में रखी, तो आप आगे बढ़ेंगे, आप अपना भविष्य उजागर करेंगे और आप हमारे देश का भविष्य उजागर करेंगे और बस मेरा यही मैसेज है प्रधानमंत्री जी और मैं बहुत-बहुत ही भावुक और बहुत ही खुश हूं कि मुझे मौका मिला आज आपसे बात करने का और आप के थ्रू 140 करोड़ देशवासियों से बात करने का, जो यह देख पा रहे हैं, यह जो तिरंगा आप मेरे पीछे देख रहे हैं, यह यहां नहीं था, कल के पहले जब मैं यहां पर आया हूं, तब हमने यह यहां पर पहली बार लगाया है। तो यह बहुत भावुक करता है मुझे और बहुत अच्छा लगता है देखकर कि भारत आज इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच चुका है।

प्रधानमंत्रीशुभांशु, मैं आपको और आपके सभी साथियों को आपके मिशन की सफलता के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। शुभांशु, हम सबको आपकी वापसी का इंतजार है। अपना ध्यान रखिए, मां भारती का सम्मान बढ़ाते रहिए। अनेक-अनेक शुभकामनाएं, 140 करोड़ देशवासियों की शुभकामनाएं और आपको इस कठोर परिश्रम करके, इस ऊंचाई तक पहुंचने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। भारत माता की जय!

शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी, धन्यवाद और सारे 140 करोड़ देशवासियों को धन्यवाद और स्पेस से सबके लिए भारत माता की जय!