All-round Development of infrastructure in Varanasi

Published By : Admin | March 2, 2017 | 15:43 IST

“We want to take development to new heights. In the coming days, be it Rail, Road or Electricity - we’re working on to make these available for the people in a modern way. If these services are developed, then society, with its own strength can touch skies of development.” - Narendra Modi 

It is the result of this thinking of PM Narendra Modi that the emphasis is on infrastructure in his constituency of Varanasi. Everything from roads to railway stations, water-ways and airways is getting equal attention. A network of roads is being laid up here for the past two and a half years. Construction and widening of the main roads connecting Varanasi is being carried with an expense of Rs. 8014.57 Crores. Out of this amount, Rs. 7000 Crores is being spent on the widening of national highways connecting Varanasi to Sultanpur, Azamgarh, Gorakhpur, Aurangabad and other nearby cities which includes many new flyovers, bridges and bypasses to be constructed.

Widening and beautification of the road from Babatpur airport to Kachehri is being done with an expense of Rs. 753.57 Crores. Varanasi ring road is also being constructed. Along with this, widening of 125 KM stretch of Varanasi-Hanumanaha road is also being carried out.

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Development of waterway is also being done alongside the roadways in Varanasi, which is planned with an expenditure of Rs. 381 crores. In phase-1, 1380 Km long waterway is being developed from Haldia to Varanasi, which is planned to accommodate a multi-model terminal worth Rs. 211 crore, a river information system worth Rs. 100 crore, a night navigation system with a corpus of Rs. 50 crore and Ro-Ro Crossing worth Rs. 20 crore.

Railway is working here on large scale. With a cost of Rs. 1105.25 crores, railways are carrying out the work to improve all stations and provide civil facilities. Moreover, 17 pair of trains has started operating from here.

The air services and facilities for travellers have been improved at the Babatpur airport. Additional check-in counters have been set-up and additional boarding gates have been created here. Direct flights from Varanasi to Hyderabad, Bhubaneshwar and Bengaluru have started operating. The Airport is being expanded to facilitate take-off of bigger aircrafts from here.

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नम: पार्वती पतये, हर हर महादेव, सावन के पावन महीने में आज हमके काशी के हमरे परिवार के लोगन से मिले का अवसर मिलल हौ। हम काशी के हर परिवारजन के प्रणाम करत हई।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य जी, ब्रजेश पाठक जी, पटना से हमारे साथ जुड़े कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान जी, देश के अलग-अलग हिस्सों में जुड़े हुए सभी आदरणीय मुख्यमंत्रीगण, गवर्नर श्री, मंत्रिगण, यूपी सरकार के मंत्रिगण, यूपी भाजपा अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी जी, सभी विधायक एवं जनप्रतिनिधि गण और मेरे प्यारे किसान भाइयों एवं बहनों, और विशेष रूप से काशी के मेरे मालिक जनता जनार्दन!

आज हम काशी से देशभर के लाखों किसानों से जुड़े हुए हैं। सावन का महीना हो, काशी जैसा पवित्र स्थान हो और देश के किसानों के साथ जुड़ने का अवसर हो, इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है? आज मैं ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार काशी आया हूँ। जब 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था, 26 निर्दोष लोगों की इतनी बेरहमी से हत्या कर दी गई, उनके परिवार की पीड़ा, उन बच्चों का दुख, उन बेटियों की वेदना, मेरा हृदय बहुत तकलीफ से भर गया था। तब मैं बाबा विश्वनाथ से यही मना रहा था कि सभी पीड़ित परिवारों को ये दुख सहने की हिम्मत दें। काशी के मेरे मालिकों, मैंने अपनी बेटियों के सिंदूर का बदला लेने का जो वचन दिया था, वो भी पूरा हुआ है। ये महादेव के आशीर्वाद से ही संभव हुआ है। मैं ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को उनके चरणों में समर्पित करता हूँ।

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साथियों,

इन दिनों जब काशी में गंगाजल लेकर जाते हुये शिवभक्तों की तस्वीरें जब देखने का अवसर मिल रहा है दिव्यता से, और खासकर सावन के पहले सोमवार को, जब हमारे यादव बंधु बाबा का जलाभिषेक करने निकलते थे, गौरी केदारेश्वर से कंधे पर गंगाजल लेकर यादव बंधुओं का समूह, कितना मनोरम दृश्य होता है। डमरू की आवाज, गलियों में कोलाहल, एक अद्भुत भाव विश्व पैदा होता है। मेरी भी बहुत इच्छा थी, कि सावन के पवित्र महीने में बाबा विश्वनाथ और मार्कन्डेय महादेव के दर्शन करूँ! लेकिन, मेरे वहां जाने से महादेव के भक्तों को असुविधा न हो, उनके दर्शन में बाधा न पड़े, इसलिए, मैं आज यहीं से भोलेनाथ और मां गंगा को प्रणाम कर रहा हूं। हम सेवापुरी के इ मंच से बाबा काशी विश्वनाथ के प्रणाम करत हई। नम: पार्वती पतये, हर हर महादेव!

साथियों,

कुछ दिनों पहले मैं तमिलनाडु में था, मैं वहां एक हजार साल पुराने एक ऐतिहासिक मंदिर गया था, गंगई-कोंडा चोलापुरम मंदिर, ये मंदिर देश की शैव परंपरा का एक प्राचीन केंद्र है। ये मंदिर हमारे देश के महान और प्रसिद्ध महान राजा राजेन्द्र चोल ने बनवाया था। राजेन्द्र चोल ने उत्तर भारत से गंगाजल मंगवाकर उत्तर को दक्षिण से जोड़ा था। हजार साल पहले, अपनी शिवभक्ति और शैव परंपरा के जरिए राजेन्द्र चोल ने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का उद्घोष किया। आज काशी-तमिल संगमम् जैसे प्रयासों के जरिए हम उसे आगे बढ़ाने का एक नम्र प्रयास कर रहे हैं। और मैं जब अभी-अभी गंगई-कोंडा चोलापुरम गया, तो मेरे लिए बहुत संतोष की बात है, कि एक हजार साल बाद आपके आशीर्वाद से, मैं भी गंगाजल लेकर वहाँ गया था। मां गंगा के आशीर्वाद से बहुत ही पवित्र माहौल में वहां पूजा संपन्न हुई। गंगाजल से वहां जलाभिषेक करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

साथियों,

जीवन में ऐसे अवसर बहुत प्रेरणा देते हैं। देश की एकता ही हर बात नई चेतना जगा देती है और तभी तो ऑपरेशन सिंदूर सफल होता है। 140 करोड़ देशवासियों की एकता ऑपरेशन सिंदूर की ताकत बन जाती है।

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साथियों,

ऑपरेशन सिंदूर जवानों के पराक्रम का वो पल और आज किसानों को प्रणाम करने का अवसर। आज यहाँ एक विराट किसान उत्सव का आयोजन हो रहा है। देश के 10 करोड़ किसान भाई-बहनों के खातों में, 21 हजार करोड़ रुपए पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में भेजे गए हैं।और जब काशी से धन जाता है ना, वो तो अपने आप प्रसाद बन जाता है। 21 हजार करोड़ रुपया किसानों के खाते में जमा।

साथियों,

आज यहाँ भी 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी हुआ है। बाबा के आशीर्वाद से काशी में विकास की अविरल धारा मां गंगा के साथ-साथ आगे बढ़ रही है। मैं आप सभी को, देश के किसानों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। अभी कुछ ही दिन पहले काशी में सांसद टूरिस्ट गाइड प्रतियोगिता भी आयोजित की गई थी। यानी स्पर्धा के द्वारा स्किल डेवलपमेंट, स्वयं प्रयास से स्किल डेवलपमेंट, उसके अनेक प्रयोग आज काशी की भूमि में हो रहे हैं। आने वाले दिनों में काशी सांसद फोटोग्राफी प्रतियोगिता, सांसद रोजगार मेला समेत कई और आयोजन भी होने वाले हैं। मैं यहां सरकार के सारे मुलाजिमों को, सरकार के सभी अधिकारियों को भी सार्वजनिक रूप से बहुत-बहुत बधाई देता हूं, ताकि वे जन भागीदारी से युवा पीढ़ी को जोड़कर के ऐसे अद्भुत कार्यकर्मों की रचना करते हैं और सफलता पूर्वक उसको आगे बढ़ाते हैं, इस काम में जुड़े हुए सभी अधिकारी भी बहुत-बहुत बधाई के पात्र हैं। जो ये प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं, उनको भी मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं।

साथियों,

हमारी सरकार निरंतर किसानों की खुशहाली के लिए काम कर रही है। पहले की सरकारों में किसानों के नाम पर हुई एक घोषणा भी पूरी होना मुश्किल होता था। लेकिन भाजपा सरकार जो कहती है, वो करके दिखाती है! आज पीएम किसान सम्मान निधि सरकार के पक्के इरादों का उदाहरण बन चुकी है।

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भाइयों और बहनों,

आपको याद होगा, 2019 में जब पीएम-किसान सम्मान निधि शुरू हुई थी, तब सपा-काँग्रेस जैसे विकास विरोधी लोग, विकास विरोधी दल कैसी-कैसी अफवाहें फैला रहे थे? लोगों को गुमराह कर रहे थे, किसानों को उलझन में डालते थे, कोई कहता था, मोदी भले ही योजना लाया, लेकिन 2019 का चुनाव जाएगा, ये सब बंद हो जाएगा, इतना ही नहीं मोदी ने जो पैसा अभी जमा किया है ना, वो भी वापस निकाल देगा। कैसा झूठ बोलते हैं। और यही देश का दूर्भाग्य है, कि निराशा की गर्त में डूबा हुआ विरोधी मानसिकता वाले लोग ऐसी ही झूठी सच्चाई को लेकर के जी रहे हैं। ये सिर्फ किसानों से, देश के लोगों से झूठ बोल सकते हैं। आप मुझे बताईये क्या इतने वर्षों में कभी एक भी किश्त बंद हुई क्या? पीएम सम्मान किसान निधि बिना ब्रेक के जारी है। आज तक पौने चार लाख करोड़ रुपए, आंकड़ा याद रखिये, पौने चार लाख करोड़ रुपए किसानों के खातों में भेजे जा चुके हैं। जर आप मेरे साथ बोलेंगे कितने? पौने चार लाख करोड़। कितने? कितने? कितने? और ये पौने चार लाख करोड़, इतने रुपए किसके खाते में जमा किए? किसके खाते में जमा किए? मेरे किसान भाई-बहनों के खाते में जमा किएए। यहां यूपी के भी करीब ढाई करोड़ किसानों को इसका लाभ मिला है। यूपी में किसानों को इस योजना के 90 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा भेजे गए हैं। इतना ही नहीं, मेरी काशी के किसानों को भी करीब-करीब 900 करोड़ रुपए मिले हैं। आपने ऐसा सांसद चुना कि आपके खाते में 900 करोड़ रुपया आया है। और इससे बड़ी बात, बिना किसी कट-कमीशन के, कोई बिचौलिया नहीं, कोई कट नहीं, कोई कमीशन नहीं, कोई पैसे की हेराफेरी नहीं, सीधे ये पैसे किसानों के खाते में पहुंचे हैं। और मोदी ने ये परमानेंट व्यवस्था बना दी है। ना लीकेज होगी, ना गरीब का हक छीना जाएगा।

साथियों,

मोदी के विकास का मंत्र है- जो जितना पिछड़ा, उसे उतनी ज्यादा प्राथमिकता! जो जितना पिछड़ा, उसे ज्यादा प्राथमिकता! इस महीने केंद्र सरकार ने एक और बड़ी योजना को मंजूरी दी है। इसका नाम है- प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना। इस योजना पर 24 हजार करोड़ रुपए, किसानों के कल्याण के लिए, कृषि व्यवस्था के लिए, कृषि विकास के लिए, 24 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। देश के ऐसे जिले जो पिछली सरकारों की गलत नीतियों के कारण विकास की राह में पिछड़ गए, पिछड़े रह गए, जो कृषि उत्पादन भी कम हो रहा है जहां, जहां किसानों की आमदनी भी कम है, अरे कोई पूछने वाला नहीं था, उन जिलों पर प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का फोकस होगा। इससे यूपी के भी लाखों किसानों को फायदा होगा।

साथियों,

किसानों के जीवन में बदलाव के लिए, उनकी आय बढ़ाने के लिए, खेती पर होने वाला खर्च कम करने के लिए, एनडीए सरकार पूरी शक्ति से काम कर रही है, पूरी ताकत लगा रही है। हम बीज से बाजार तक किसानों के साथ खड़े हैं। खेतों तक पानी पहुंचे, इसके लिए देश में लाखों करोड़ रुपये की सिंचाई योजना चलाई जा रही है।

साथियों,

किसानों के सामने एक बड़ी चुनौती मौसम की होती रही है, कभी ज्यादा बारिश हो गई, कभी ओला गिर गया, पाला पड़ गया! किसानों को इससे सुरक्षा देने के लिए पीएम फसल बीमा योजना शुरू हुई। इस योजना के तहत, ये आंकड़ा याद रखिए, इस बीमा योजना के तहत अब तक पौने दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का क्लेम किसानों को दिया जा चुका है। बीमा के माध्यम से पौने दो लाख करोड़ रुपया। कितना बताएंगे? कितना? पौने दो लाख करोड़ रुपया।

साथियों,

हमारी सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि आपको आपकी फसल की सही कीमत मिले। इसके लिए फसलों की MSP में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। धान और गेहूं जैसी प्रमुख फसलों की MSP भी बढ़ाई गई है। आपकी उपज सुरक्षित रहे इसलिए सरकार देश में हजारों नए गोदाम भी बनवा रही है।

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भाइयों बहनों,

हमारा जोर कृषि अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर भी है। हम लखपति दीदी अभियान चला रहे हैं। हमारा लक्ष्य देश में तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का है, तीन करोड़ लखपति दीदी। ये सपा वाले तो ये आंकड़ा सुनते ही साईकिल लेकर भाग जाएंगे। अब तक डेढ़ करोड़ से ज्यादा लखपति दीदी भी बन भी चुकी हैं। तीन करोड़ का लक्ष्य में से आधा काम पूरा कर लिया। डेढ़ करोड़ गांव में काम करने वाली गरीब परिवार की, किसान परिवार की हमारी बहनें, डेढ़ करोड़ बहने लखपति दीदी बन जाए, ये बहुत बड़ा काम हो रहा है। सरकार के ड्रोन दीदी अभियान ने भी लाखों बहनों की आय बढ़ाई है।

साथियों,

हमारी सरकार कृषि से जुड़ी आधुनिक रिसर्च को खेतों तक पहुंचाने में भी जुटी है। इसके लिए मई और जून के महीने में खास तौर पर विकसित कृषि संकल्प अभियान चलाया गया। लैब से लैंड के मंत्र के साथ सवा करोड़ से अधिक किसानों से सीधा संवाद किया गया है। हमारे देश में ये माना गया है और यह व्यवस्था भी है, कि कृषि यह राज्य का विषय है और सही भी है, लेकिन उसके बावजूद भी भारत सरकार को लगा, एनडीए सरकार को लगा, मोदी सरकार को लगा, कि भले विषय राज्य का हो, राज्य करें, कर पाए ना कर पाए, बहुत से राज्य हैं जो नहीं कर पाते हैं, तो हमने तय किया कि हम खुद भी कुछ करेंगे और करोड़ों किसानों के साथ सीधा संवाद किया।

साथियों,

केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ आप सभी तक निरंतर पहुंचता रहे, इस दिशा में आज मुझे आपके साथ एक अहम जानकारी साझा करनी है। और उसमे मुझे आपकी मदद भी चाहिए, यहां बैठे हुए लोगों की भी मदद चाहिए। आपको पता है जनधन योजना के तहत देश में 55 करोड़ गरीबों के बैंक खाते खोले गए हैं। जिनको बैंक के दरवाजे देखने का सौभाग्य नहीं मिला था, ऐसे 55 करोड़ लोगों के खाते, ये मोदी को जब से आपने काम करने का अवसर दिया है ना, मैं यह काम कर रहा था, 55 करोड़। अब इस योजना को हाल ही में 10 साल पूरे हुए हैं। अब बैंकिंग क्षेत्र का किुछ नियम है, नियम ये कहते हैं कि 10 साल बाद बैंक खातों का दोबारा से KYC करना जरूरी होता है। एक प्रक्रिया पूरी करनी होती है। अब आप बैंक में जाएं, करें या ना करें, पहले सब आपको करना होता है। अब मैंने थोड़ा आपका भार कम करने का बीड़ा उठाया है। तो मैंने बैंक वालों से कहा कि लोग आए, केवाईसी करें, अच्छी बात है। हमें नागरिकों को हमेशा जागृत रखना चाहिए। लेकिन हम क्या एक अभियान चला सकते हैं? मैं आज रिजर्व बैंक का, हमारे देश की सभी बैंकों का, बैंक के सभी कर्ता धर्ताओं का हृदय से अभिनंदन करना चाहता हूं। आज उन्होंने एक ऐसा काम उठाया है, जो हमें गर्व से भर देता है। बैंक के लोग इस 10 करोड़ लोगों को और 10 साल के बाद ये 55 करोड़ लोग अपना फिर से रिव्यू करें इसलिए केवाईसी जो करना है, इस काम को पूरा करने के लिए एक जुलाई से देश भर में बहुत बड़ा अभियान चल रहा है। हमारे बैंक स्वयं हर ग्राम पंचायत तक पहुंच रहे हैं। वहां पर जाकर के मेला लगाते हैं। अब तक ऐसी करीब एक लाख ग्राम पंचायत में बैंक, अपने कैंप, अपना मेला लगा चुके हैं। लाखों लोगों ने दोबारा अपना KYC भी करा लिया है। और ये अभियान आगे भी चलने वाला है। मैं हर ऐसे साथी, जिसका जनधन खाता है, उससे आग्रह करूंगा कि वो फिर से अपना KYC जरूर करा लें।

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साथियों,

ग्राम पंचायतों में बैंक जो स्पेशल कैंप लगा रहे हैं, अभी भी लाखों पंचायतों को काम जारी है। मैं समझता हूं कि इन कैंप का फायदा उठाना चाहिए। और उसके कई फायदे हैं, एक और फायदा भी है, इन कैंपों में, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना., अटल पेंशन योजना, ऐसी अनेक योजनाओं का रजिस्ट्रेशन भी हो रहा है। और ये बीमा तो ऐसा है कि एक चाय के खर्चे से भी कम खर्चा लग जाता है। ये योजनाएं आपकी बहुत मदद करती हैं। इसलिए बैंकों ने जो जितना बड़ा अभियान चलाया है, आप इसका बहुत फायदा लीजिए, पूरे देश के लोगों से मैं कहता हूं, आप इन कैंपों में जरूर जाइए। अगर अब तक इन योजनाओं से नहीं जुड़े हैं, तो उनके लिए रजिस्ट्रेशन कराइए और अपने जनधन खाते का KYC भी कराइए। मैं भाजपा के और एनडीए के सभी प्रतिनिधियों से भी कहूंगा, कि वो ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस अभियान के प्रति जागरूक करें, बैंकों से बात करें, कब कैंप कहां लगने वाला है? वो क्या मदद हम कर सकते हैं। हम सामने से होकर बैंकों के इतने बड़े काम में हाथ बटाएं, उनको मदद करें और ज्यादा से ज्यादा लोगों को जहां भी कैंप लगता है, उस इलाके के लोगों को इस अभियान से जोड़े।

साथियों,

आज महादेव की नगरी में विकास और जनकल्याण के इतने काम हुए! शिव का अर्थ ही होता है, शिव का मतलब ही है- कल्याण! लेकिन, शिव का एक रूप और भी है, शिव का एक रूप कल्याण है, शिव का दूसरा रूप है- रुद्र रूप! सामने जब आतंक और अन्याय होता है, तब हमारे महादेव रुद्र रूप धारण करते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया ने भारत का यही रूप देखा है। भारत पर जो वार करेगा, वो पाताल में भी नहीं बचेगा।

लेकिन भाइयों बहनों,

दुर्भाग्य से, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर हमारे देश के कुछ लोगों को भी पेट में दर्द हो रहा है। ये काँग्रेस पार्टी और उनके चेले चपाटे, उनके दोस्त, इस बात को पचा नहीं पा रहे, कि भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। मैं मेरे काशी के मालिकों से पूछना चाहता हूं। भारत की ताकत से आपको गर्व होता है कि नहीं होता है? ऑपरेशन सिंदूर से गर्व होता है कि नहीं होता है? आतंकियों के ठिकानों को नष्ट करने का आपको गर्व होता है कि नहीं होता है?

साथियों,

आपने वो तस्वीरें देखी होंगी, कैसे हमारे ड्रोन्स, हमारे मिसाइल्स ने सटीक वार करके आतंक के हेडक्वार्टर्स को खंडहर बना दिया। पाकिस्तान के कई सारे एयर बेस तो आज भी ICU में पड़े हैं। पाकिस्तान दुखी है, ये तो सब कोई समझ सकता है, लेकिन पाकिस्तान का ये दुख काँग्रेस और सपा से सहन नहीं हो पा रहा, उधर आतंक का आका रोता है, इधर कांग्रेस-सपा वाले आतंकियों की हालत को देखकर रोते हैं।

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साथियों,

कांग्रेस, हमारी सेनाओं के पराक्रम का लगातार अपमान कर रही है। कांग्रेस ने ऑपरेशन सिंदूर को तमाशा कहा है। आप मुझे बताइए, सिंदूर कभी भी तमाशा हो सकता है क्या? हो सकता है क्या? क्या सिंदूर को तमाशा कोई कह सकता है क्या? हमारी सेना का पराक्रम, और बहनों के सिंदूर का बदला तमाशा कहने की ये हिम्मत, ये निर्लज्जता।

भाइयों बहनों,

वोट बैंक और तुष्टीकरण की इस राजनीति में ये समाजवादी पार्टी भी पीछे नहीं है। ये सपा के नेता संसद में कह रहे थे, पहलगाम के आतंकवादियों को अभी क्यों मारा? अब बताइए। क्या उनको पूछ फोन करूं क्या? सपा वालों को मारूं कि ना मारूं? कोई मुझे बताए भाई, सामान्य बुद्धि से बताए। क्या आतंकवादियों को मारने के लिए भी क्या इंतजार करना चाहिए क्या? क्या उन्हें भागने का मौका देना था क्या? ये वही लोग हैं, जो यूपी में जब सत्ता में थे, तब आतंकवादियों को क्लीन चीट देते थे। बम धमाके करने वाले आतंकियों से मुकदमे वापस लेते थे। अब उन्हें आतंकवादियों के मारे जाने पर परेशानी हो रही है। इन्हें ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर परेशानी हो रही है। मैं इन लोगों को काशी की धरती से कहना चाहता हूं। ये नया भारत है। ये नया भारत भोलेनाथ को भी पूजता है और देश के दुश्मनों के सामने कालभैरव भी बनना जानता है।

साथियों,

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के स्वदेशी हथियारों की ताकत पूरी दुनिया ने देखी है। हमारे एयर डिफेंस सिस्टम, हमारी स्वदेशी मिसाइलें, स्वदेशी ड्रोन्स, इन्होंने आत्मनिर्भर भारत की ताकत को साबित किया है। खासकर, हमारी ब्रह्मोस मिसाइलें, इनकी दहशत भारत के हर दुश्मन के भीतर भर गई है। पाकिस्तान में कहीं यूं ही ब्रह्मोस आवाज आ जाए ना, तो नींद नहीं आती।

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मेरे प्यारे भाई बहनों,

मैं यूपी का सांसद हूं। यूपी के सांसद के नाते मुझे खुशी है कि वो ब्रह्मोस मिसाइलें हमारे यूपी में भी बनेंगी। लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल की manufacturing शुरू हो रही है। यूपी डिफेंस कॉरिडॉर में भी कई बड़ी डिफेंस कंपनियाँ अपने प्लांट लगा रही हैं। आने वाले समय में यूपी में बने हथियार, हिन्दुस्तान के हर भाग में बने हथियार, भारतीय सेनाओं की ताकत बनेंगे। मुझे साथियों बताइए, जब यह आत्मनिर्भर सैन्य शक्ति की बात सुनते हैं आपको गर्व होता है कि नहीं होता है? जरा पूरी ताकत से हाथ ऊपर करके बताइए आपको गर्व होता है कि नहीं होता है? गर्व होता है कि नहीं होता है, बोलो हर हर महादेव। अगर पाकिस्तान ने फिर कोई पाप किया, तो यूपी में बनी मिसाइलें, आतंकियों को तबाह कर देंगी।

साथियों,

आज यूपी इतनी तेज गति से औद्योगिक विकास कर रहा है, देश और दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियाँ यहाँ निवेश कर रही हैं, इसके पीछे भाजपा सरकार की विकासपरक नीतियों की बड़ी भूमिका है। सपा के समय में यूपी में अपराधी बेखौफ थे और निवेशक यहां आने से भी डरते थे। लेकिन, भाजपा की सरकार में अपराधी में खौफ हैं, और निवेशक यूपी के भविष्य में भरोसा देख रहे हैं। मैं विकास की इस रफ्तार के लिए यूपी सरकार को बधाई देता हूँ।

साथियों,

मुझे संतोष है कि काशी में विकास का महायज्ञ लगातार जारी है। आज शुरू हुए रेल ओवर ब्रिज, जल जीवन मिशन से जुड़े प्रोजेक्ट्स, काशी के स्कूलों का नवनिर्माण कार्य, होम्योपैथिक कॉलेज का निर्माण, मुंशी प्रेमचंद की विरासत को सहेजना, ये सारे काम, भव्य काशी, दिव्य काशी, समृद्ध काशी और मेरी काशी के निर्माण को गति देंगे। यहां सेवापुरी में आना भी सौभाग्य से ही होता है। ये मॉ कालका देवी की ड्योढी है। मैं यहाँ से मां कालका के चरणों में वंदन करता हूं। मुझे खुशी है कि मॉ कालका धाम का हमारी सरकार ने सुंदरीकरण कर उसे और भव्य बना दिया है। मंदिर तक आना-जाना भी आसान हो गया है। सेवापुरी का इतिहास क्रांति का इतिहास रहा है। स्वतंत्रता संग्राम में यहां के अनेकों लोगों ने भागीदारी की थी। यही वो सेवापुरी है जहां महात्मा गॉधी की कल्पना साकार हुई। यहां घर घर महिला पुरुष के हाथों में चरखा हुआ करता था और संयोग देखिए, अब चांदपुर से भदोही रोड जैसे प्रोजेक्ट से काशी के बुनकरों के साथ भदोही के बुनकर भी जुड़ रहे हैं। इसका लाभ बनारसी सिल्क के बुनकरों को भी होगा, और भदोही के कारीगरों को भी होगा।

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साथियों,

काशी बौद्धिक जनों की नगरी है। आज जब हम आर्थिक प्रगति की बात कर रहे हैं, तो मैं आपका ध्यान वैश्विक हालातों पर भी ले जाना चाहता हूँ। आज दुनिया की अर्थव्यवस्था कई आशंकाओं से गुजर रही है, अस्थिरता का माहौल है। ऐसे में दुनिया के देश अपने-अपने हितों पर फोकस कर रहे हैं। अपने अपने देश के हितों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। भारत भी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। इसलिए भारत को भी अपने आर्थिक हितों को लेकर सजग रहना ही है। हमारे किसान, हमारे लघु उद्योग, हमारे नौजवानों के रोजगार, इनका हित हमारे लिए सर्वोपरि है। सरकार इस दिशा में हर प्रयास कर रही है। लेकिन देश के नागरिक के रूप में भी हमारे कुछ दायित्व हैं। और ये बात सिर्फ मोदी नहीं, हिन्दुस्तान के हर व्यक्ति ने दिल में हर पल बोलते रहना चाहिए, दूसरे को कहते रहना चाहिए, जो देश का भला चाहते हैं, जो देश को तीसरे नंबर की इकॉनमी बनाना चाहते हैं, ऐसा कोई भी राजनीतिक दल हो, कोई भी राजनेता हो, उसने अपने संकोच को छोड़कर के, देश हित में हर पल, हर बार, हर जगह, देशवासियों के अंदर एक भाव जगाना होगा, और वो है - हम स्वदेशी का संकल्प लें! अब हम कौन सी चीजों को खरीदेंगे, कौन से तराजू से तोलेंगे।

मेरे भाइयों बहनों, मेरे देशवासियों,

अब हम कुछ भी खरीदें तो एक ही तराजू होना चाहिए, हम उन चीजों को खरीदेंगे, जिसे बनाने में किसी भारतीय का पसीना बहा है। और जो चीज भारत के लोगों द्वारा बनी है, भारत के लोगों के कौशल्य से बनी है, भारत के लोगों के पसीने से बनी है। हमारे लिए वह स्वदेशी है। हमें वोकल फॉर लोकल, वोकल फॉर लोकल मंत्र को अपनाना होगा। हम संकल्प ले कि हम मेक इन इंडिया प्रोडक्ट्स को ही बढ़ावा देंगे। हमारे घर में जो कुछ भी नया सामान आएगा, मैं नए सामान की बात कर रहा हूं। हमारे घर में जो भी नया सामान आएगा, वो स्वदेशी ही होगा, ये ज़िम्मेदारी हर देशवासी को लेनी होगी। और मैं आज मेरे व्यापार जगत के भाई बहनों से विशेष आग्रह करना चाहता हूं, मैं मेरे दुकानदार भाई बहनों से आग्रह करना चाहता हूं, जब दुनिया इस प्रकार से अस्थिरता के माहौल से गुजर रही है, तब हम भी चाहे व्यापार हो, छोटी दुकान हो, कारोबार करते हो। अब हम हमारे यहां से सिर्फ और सिर्फ स्वदेशी माल ही बेचेंगे।

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साथियों,

यह स्वदेशी माल बेचने का संकल्प भी देश की सच्ची सेवा होगा। आने वाले महीने त्योहारों के महीने हैं। दिवाली आएगी, बाद में शादियों का समय आएगा। हर पल अब स्वदेशी ही खरीदेंगे। मैंने जब देशवासियों को कहा था, वेड इन इंडिया। अब विदेशों में जाकर के शादियां कर करके देश का धन मत लुटाओ। और मुझे खुशी है कई नौजवान मुझे चिट्ठी लिखते थे, कि हमारा परिवार तो विदेश में शादी करना तय किया था। लेकिन आपकी बात सुनकर के अब हमने वहां का सारा कैंसिल कर दिया, थोड़ा खर्चा भी हो गया। लेकिन अब हम भारत में ही शादी करेंगे। हमारे यहां भी बहुत अच्छे स्थान है, जहां शादी ब्याह हो सकता है। हर बात में स्वदेशी का भाव आने वाले दिनों में हमारा भविष्य तय करने वाला है। दोस्तों और यह महात्मा गांधी को भी बड़ी श्रद्धांजलि होगी।

साथियों,

सबके प्रयास से ही विकसित भारत का सपना पूरा होगा। एक बार फिर आपको आज के विकास कार्यों की बहुत-बहुत बधाई देता हूं और भविष्य में वोकल फॉर लोकल खरीदेंगे तो स्वदेशी खरीदेंगे, घर सजाएंगे तो स्वदेशी से सजाएंगे, जिंदगी बढ़ाएंगे तो स्वदेशी से बढ़ाएंगे। इस मंत्र को लेकर के चल पड़े। बहुत-बहुत धन्यवाद। मेरे साथ बोलो हर हर महादेव।