I congratulate ISRO team for successful launch of IRNSS-1G: PM Modi
Indian scientists have played paramount role in space science: PM Modi
With day to day innovations in space science, we can transform lives of the common people: PM
India has launched 7 such navigation satellites which have been successful: PM Modi
With launch of GPS satellte, ISRO scientists have given an invaluable gift to the 125 crore Indians: PM
With successful launch of IRNSS-1G, we will determine our own paths powered by our technology: PM Modi
The new technology will benefit our people, our fishermen. The world will know it as 'Navic': PM Modi

मैं सबसे पहले ISRO के सभी वैज्ञानिकों को और ISRO की पूरी टीम को ह्रदय से बहुत बहुत धन्यवाद करता हूँ , उनका अभिनन्दन करता हूँ| मैं सवा सौ करोड़ देशवासियों को भी इस नए नजराने के लिए अनेक अनेक शुभकामनाएं देता हूँ| स्पेस साइंस में भारत के वैज्ञानिकों ने अविरथ पुरुषार्थ करके अनेक सिद्धियाँ प्राप्त की हैं और आज देश अनुभव कर रहा है | स्पेस साइंस के माध्यम से सामान्य मानविकी के जीवन में भी कितना बदलाव लाया जा सकता है| टेक्नोलोजी मनुष्य के जीवन में भी किस प्रकार से उपकारक हो सकती है और भारत का स्पेस टेक्नोलोजी के क्षेत्र में पदार्पण भारत के सामन्य मानव की जिन्दगी में बदलाव के लिए, व्यवस्था में सुधार के लिए, सुगमता के लिए एक बहुत बड़ी भूमिका अदा कर रहा है|

आज नेविगेशन के क्षेत्र में भारत ने अपना 7वां सेटेलाईट लॉन्च किया है | सातों सेटेलाईट, एक के बाद एक सफलतापूर्वक लॉन्च किये गए | और इस सिद्धि के कारण आज भारत दुनिया के उन पाँच देशों में आज गर्व के साथ खड़ा हो गया कि जिसमें उसकी अपनी GPS सिस्टम , उसकी अपनी नेविगेशन सेटेलाईट सिस्टम निर्मित हो गयी| आज तक हम GPS सिस्टम के लिए अन्य देशों की व्यवस्थाओं पर निर्भर थे| आज हम आत्मनिर्भर बने हैं| हमारे रास्ते हम तय करेंगे , कैसे जाना , कहाँ जाना , कैसे पहुँचना , यह हमारी अपने टेक्नोलॉजी के माध्यम से होगा |

और इसलिए भारत के वैज्ञानिकों ने आज 125 करोड़ देशवासियों को एक अनमोल तोहफा दिया है |हम जानते हैं कि आज के इस युग में जी पी एस सिस्टम का बहुत बड़ा रोल हो गया है| हमारा एक मछुआरा भी इस व्यवस्था के तहत मछली का कैच कहाँ ज्यादा है, मछली कैच करने के लिए कहाँ जाना चाहिए , shortest route कौनसा होगा यह अब भारतीय सेटेलाईट के मार्गदर्शन में काम कर पायेगा| आसमान से उसको रास्ता दिखाया जाएगा| मंजिल का पक्का address तय किया जाएगा| अब हमारे विमानों को अगर लैंड करना है तो बहुत सरलता से, accuracy के साथ अपनी भारतीय व्यवस्था से वह कर पायेंगे| कहीं कोई disaster हो गया , बहुत बड़ी प्राकृतिक आपदा हो गयी, उस स्थिति में कैसे मदद पहुंचानी है , कहाँ पहुंचानी है , specific location क्या होगा , यह सारी व्यवस्थाएं इस भारतीय उपग्रह के द्वारा जो नयी व्यवस्था विकसित हुयी है , उसके कारण लाभ मिलने वाला है| इसकी क्षमता इतनी है कि कश्मीर से कन्याकुमारी , कच्छ से कामरूप तक वह भारत के हर कोने को तो सेवा देगा ही देगा लेकिन इसके अतिरिक्त 1500 वर्ग किलोमीटर area में भी अगर कोई सेवाएं लेना चाहता है तो भी उसको यह सेवाएं उपलब्ध होंगी| कहने का मतलब यह है कि हमारे पड़ोस के जो SAARC देश हमसे जुड़े हुए हैं वह भी अगर भारत की इस सेवा का उपयोग करना चाहते हैं क्योंकि आज वे भी दुनिया के किसी न किसी देश की सेवाएं ले करके अपना गुजारा करते हैं | अब भारत भी , अगर वह चाहते हैं तो यह सेवा उनको उपलब्ध करा सकता है |

एक प्रकार से सदियों पहले हमारे नाविक समंदर में कूद जाते थे, सितारों के सहारे, चन्द्र और सूर्य की गति के सहारे वह अपनी राह तय करते थे और मंजिल पर पहुँचने का प्रयास करते थे| सदियों से हमारे नाविक अनजान जगह पर पहुँचते थे और उनका सहारा हुआ करता था आसमानी सितारों, चन्द्र और सूर्य की गति के सहारे वह अपने रास्ते तय करते थे | अब विज्ञान की मदद से हम इस सेटेलाईट और टेक्नोलोजी के माध्यम से इस काम को करने जा रहे हैं | भारत के मछुआरे, भारत के नाविक समंदर में साहस के साथ चलने वाली हमारी सदियों पुरानी हमारी परंपरा, इसने एक अनभिज्ञ जगह पर एक अनजान जगह पर जाने के रास्ते साहस के सिखाये हैं और इसलिए हजारों साल से मछुआरों ने जो साहस दिखाया है , नाविकों ने जो अदम्य साहस से दुनिया में पहुँचने का प्रयास किया है और इसलिए इस पूरी नई टेक्नोलोजी के माध्यम से मिलने वाली सेवाओं को आज हमने तय किया है कि यह सारी व्यवस्था, हमारी यह जीपीएस सिस्टम “नाविक” नाम से जानी जायेगी|

इस व्यवस्था को मैं देश के करोड़ों करोड़ों मछुआरों की सदियों पुरानी परम्पराओं को आदर्श मानते हुए देश के गराब गरीब मछुआरों को यह पूरी व्यवस्था समर्पित करने के इरादे से आज इसे ‘नाविक’ नाम से विश्व पहचानेगा और ‘नाविक’ नाम से अब यह सेवा उपलब्ध होगी| यह हमारा अपना नाविक होगा| हमारे मोबाइल फोन में हमारा नाविक होगा| जो नाविक हमें, हम कहाँ हैं उसका पता दे सकता है , कहाँ जाना है उसका रास्ता दे सकता है और कहाँ पहुँचना है , उसका भी हमें वह नाविक रास्ता दिखाएगा| और जब मैं नाविक की बात कर रहा हूँ तो, टेक्नोलोजी की भाषा में अगर मुझे कहना है तो मैं कहूँगा कि navigation satellite system जोकि Navigation with Indian Constellation, NAVIC , इस रूप में आज आपके सामने समर्पित करता हूँ|

सवा सौ करोड़ देशवासियों को आज एक नया नाविक मिल गया, नाविक जो हमें अपने रास्ते तय करने के लिए, अपना destination तय करने के लिए हमारी मौजूदगी महसूस कराने के लिए काम आएगा| यह आसमानी व्यवस्थाओं के लिए काम आएगा, यह जमीनी व्यवस्थाओं के लिए काम आएगा, यह जल की व्यवस्थाओं के लिए भी काम आएगा| हमारी shipping व्यवस्थाओं को भारत की यह सेवा ज्यादा acccuracy के साथ उपलब्ध होगी|

हमारी रेलवे ; आज हम हमारी रेल कब कहाँ है उसको जानने के लिए जीपीस का उपयोग करना पड़ता है | अब हम किस क्रोसिंग से रेल कहाँ प्रसार हुयी, कितने सिग्नल से कहाँ दूर है, कहीं रेलवे की चालू ट्रेन में कोई सिग्नल देना है , सूचना देनी है तो यह नाविक के सहारे हम दे सकते हैं| हम कार से जा रहे हैं स्कूटर से जा रहे हैं , हमारे हाथ में मोबाइल फोन है, हम नाविक के सहारे तय कर सकते हैं, कितना पहुंचे, कहाँ पहुँचना है , कहाँ खड़े हैं| एक प्रकार से जन सामान्य की आवश्यकताओं की पूर्ति का काम अब हमारे वैज्ञानिकों ने Make in India, Made in India, Made for Indian यह सपना साकार किया है | मैं आज इस शुभ अवसर पर सवा सौ करोड़ देशवासियों को अपना नाविक देते हुए अत्यंत हर्ष और गर्व अनुभव कर रहा हूँ| और मैं देश के वैज्ञानिकों को फिर एक बार कोटि कोटि बधाईयाँ देता हूँ| बहुत बहुत अभिनन्दन करता हूँ और मुझे विश्वास है कि हमारे स्पेस के साइंटिस्ट और नए करतब दिखायेंगे, और नई खोज दिखायेंगे और भारत का नाम आसमान के उन क्षितिजों को पार करते हुए विश्व में लहराएगा हमारा झन्डा, इसी अपेक्षा के साथ बहुत बहुत शुभकामनाएँ बहुत बहुत बधाई |

बहुत बहुत धन्यवाद

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Prime Minister reaffirms commitment to Water Conservation on World Water Day
March 22, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has reaffirmed India’s commitment to conserve water and promote sustainable development. Highlighting the critical role of water in human civilization, he urged collective action to safeguard this invaluable resource for future generations.

Shri Modi wrote on X;

“On World Water Day, we reaffirm our commitment to conserve water and promote sustainable development. Water has been the lifeline of civilisations and thus it is more important to protect it for the future generations!”