North-East has witnessed record development under the NDA: PM Modi in Assam

Published By : Admin | March 30, 2019 | 16:21 IST
QuoteNorth-East has witnessed record development under the NDA: PM Modi in Assam
QuoteThe choice in the upcoming elections is between a decisive government or a dynastic government: PM Modi
QuotePeople of Assam have been decieved many times by the Congress party and will never support these ‘Maha-milawati’ forces with their future: Prime Minister Modi

असम के मुख्यमंत्री श्रीमान सर्वानंद जी सोनवाल, जोरहाट के सांसद श्रीमान कामाख्या प्रसाद तासा जी, जोरहाट के भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान तपन कुमार गोगोई जी, डिब्रूगढ़ से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान रामेश्वर तेली जी, मंच पर उपस्थित अन्य सभी वरिष्ठ महानुभाव और मेरे प्यारे भाइयो और बहनो..

मैं सबसे पहले इस धरती के सपूत स्वर्गदेव, सुकापा महाराजा सर्वानंद सिम्हा, सदिया के सुती राजाओं, ऐसे हर नायक नायिकाओं को नमन करता हूं जिसने असमिया समाज के लिए, देश के लिए अपना योगदान दिया है। ये असम और देश की सांस्कृतिक विरासत को विस्तार देने वाले भारत रत्न डॉ भूपेन हजारिका की भूमि है। मेरी सरकार का ये सौभाग्य है कि भूपेन दा को वह सम्मान दे पाई जिसके वो हकदार थे। साथियो, बीते 5 वर्ष में आपके इस चौकीदार ने असम के लिए क्या किया, असम के विकास के लिए क्या किया? इसका लेखा-जोखा लेकर आप सभी के बीच उपस्थित हुआ हूं। आज जब अपना बही खाता लेकर यहां आया हूं तो आप सभी का, असम के जन-जन का आभार व्यक्त करता हूं। शीश झुकाकर आप सब मतदाताओं का, नागरिकों का नमन करता हूं। 5 सालों में आप जिस मजबूती से मेरे साथ खड़े रहे हैं, मुझे आशीर्वाद देते रहे हैं, उसी का परिणाम है कि आज एक नए विश्वास के साथ आपके सामने खड़ा हूं।

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भाइयो और बहनो, आपका यही विश्वास है जिसके कारण मैं देश के, असम के गरीब, वंचित, पीड़ित, शोषित, आदिवासी बहन-भाइयों के जीवन को बदलने का प्रयास कर पा रहा हूं। आजादी के इतने दशकों के बाद भी असम के 40 प्रतिशत घरों तक बिजली पहुंच पाई। 70 साल में 40 प्रतिशत घरों में!

मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, आज करीब हर घर तक बिजली पहुंच पाई है, ये इसलिए संभव हुआ है क्योंकि आपका आशीर्वाद मेरे साथ है। इतने वर्षों के बाद भी असम के करीब 40 प्रतिशत घरों में ही गैस का कनेक्शन था। जबकि देश में सबसे पहले तेल और गैस, गुजरात और असम में ही निकले थे लेकिन इतने सालों में सिर्फ 40 प्रतिशत घरों में ये गैस पहुंच पाई थी। आपके आशीर्वाद से अब वो 40 से बढ़कर 5 ही साल में 85 प्रतिशत तक पहुंच गया है। ये ऐसे ही नहीं हुआ है, ये इसलिए हुआ है क्योंकि आपने मेरा साथ दिया है। असम के 27 लाख परिवारों को अगर हर वर्ष 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज का भरोसा मिल पाया है तो ये भी आपके साथ के कारण ही संभव हो पाया है। असम में लगभग 50 लाख मुद्रा लोन देकर लाखों युवा साथियों को स्वरोजगार से जोड़ पाया हूं तो ये भी आपके विश्वास का परिणाम है। असम के 5 लाख से अधिक गरीब परिवारों को अपना पक्का घर दे पाया हूं तो इसके पीछे भी आपके विश्वास की ताकत है।

साथियो, आपने मुझ पर विश्वास किया, मुझे इतना सम्मान दिया, इसी का परिणाम है कि आज असम के किसानों के लिए मैं कुछ सार्थक कर पाया हूं। डिब्रूगढ़ और जोरहाट सहित असम के करीब 24 लाख किसान परिवारों के खाते में हर वर्ष हजारों करोड़ रुपए जमा किए जा रहे हैं, ताकि उन्हें अपनी छोटी-छोटी जरूरत के लिए किसी की चौखट पर ना जाना पड़े, कर्ज में ना डूबना पड़े। इनमें से करीब 10 लाख किसानों को पहली किश्त का पैसा, खाते में मिल भी चुका है, बाकियों को भी जल्द ही पैसा मिल जाएगा। इसी तरह असम के लाखों श्रमिक साथियों, चौकीदारों, ड्राइविंग का काम करने वालों, घरों में सेवा करने वालों, खेतों और बागानों में काम करने वालों के लिए 60 वर्ष की आयु के बाद 3 हजार रुपए की नियमित पेंशन का प्रावधान भी आपके विश्वास के कारण ये चौकीदार कर पाया है। 5 लाख रुपए तक की आय को पूरी तरह टैक्स से मुक्त करने का बड़ा फैसला आपके आशीर्वाद से ही संभव हो सका है। असम की सांस्कृतिक पहचान की रक्षा हो या फिर घुसपैठियों पर कार्रवाई, ये आपके ही आशीर्वाद से, आपके ही आदेश से हो पाया है। अब आप बताइए आपका ये चौकीदार आपके विश्वास पर खरा उतरा है या नहीं? आपको संतोष है? आप चौकीदार से खुश हैं? मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। साथियों आप खुश हैं, हिंदुस्तान खुश है लेकिन 2 जगह लोग परेशान हैं। आप खुश हैं लेकिन कुछ लोगों को रात को नींद नहीं आ रही है। एक है कांग्रेस का परिवार और दूसरा है आतंकियों का घर-बार। आप 11 अप्रैल को जब कमल के फूल के सामने बटन दबाएंगे तो इन्हीं दो जगहों से सन्नाटा छाने वाला है।

साथियो, भारत ने पहली बार आतंकियों के घर में घुसकर मारा। आपको खुशी हुई कि नहीं हुई? आपको अच्छा लगा कि नहीं लगा? हमारी सेना के पराक्रम से आपको संतोष है ना? आप खुश हैं? दोबारा पूछता हूं खुश हैं? संतोष है? लेकिन कांग्रेस परेशान है कि ये तो घर में घुसकर मारता है। भारत के साथ पूरी दुनिया खड़ी हो गई लेकिन कांग्रेस की नींद उड़ गई। भारत ने अंतरिक्ष में अपनी क्षमताओं को विस्तार दिया। आपने देखा होगा तीन दिन पहले हमारे वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में जाकर के जीवन सेटेलाइट को गिरा दिया और दुनिया में हम चौथे देश बन गए, यह काम करने वाले। आपको खुशी हुई कि नहीं हुई? कांग्रेस की आंखों में आंसू आ गए कि ये क्या कर दिया? भारत आज महाशक्तियों के साथ कदम मिला रहा है लेकिन कांग्रेस बहुत परेशान होती चली जा रही है।

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भाइयो और बहनो, कांग्रेस ने ऐसी सरकार चलाई है जिसने भारत जैसे विराट देश की पहचान एक पीड़ित देश की बना दी थी। एक बेचारा, गरीब। अब आपको तय करना है कि दमदार सरकार चाहिए या फिर दागदार सरकार चाहिए? दमदार सरकार चाहिए कि नहीं चाहिए? दागदार लोगों की विदाई होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए?

भाइयो और बहनो, देश को निर्णायक सरकार चाहिए या फिर सिर्फ नारे लगाने वाली झूठे वायदे करने वाली सरकार चाहिए? ये निर्णय करने की घड़ी आ गई है। साथियो, मोरान की तो पहचान ही मजबूती से है, जो मोरान की पहचान है, वही पहचान पूरे हिंदुस्तान की होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए? अगर मोरान मजबूत है तो हिंदुस्तान भी मजबूत होना चाहिए कि नहीं होनी चाहिए? ये पहचान सिर्फ एक परिवार की गुलामी करने वाले क्या कभी दे सकते हैं, दे सकते हैं क्या? भाइयो और बहनो, भारत मजबूत तभी हो सकता है जब असम मजबूत होगा, नॉर्थ ईस्ट मजबूत होगा, यही प्रयास केंद्र और असम की एनडीए सरकार ने किया है। यहां के हमारे तमाम साथी, एनडीए के सभी घटक, असम और दिल्ली में हम भी विकास के कामों में लगे हुए हैं।

साथियो, उन लोगों को चौकीदार से तो नफरत है ही, चाय वालों से भी ये तिलमिलाए हुए हैं। पहले मुझे लगता है कि सिर्फ एक चाय वाला इनके निशाने पर है लेकिन जब देशभर में घूमा तो पता चला कि असम हो या पश्चिम बंगाल, चाय उगाने से लेकर चाय बनाने तक जो भी चाय से जुड़ा है, उसकी तरफ ये देखना भी पसंद नहीं करते वरना क्या कारण है कि दुनिया को मशहूर असम की चाय पिलाने वाले सात दशकों तक परेशानी में रहे, उनको मूल सुविधाएं तक नहीं मिल पाईं। साथियो, एक चाय वाले का दर्द ये चाय वाला ही समझ सकता है। इसी का परिणाम है कि दशकों के इंतजार के बाद पहली बार यहां के चाय वालों के बैंक खाते खुले। चाय जनजाति के लाखों परिवारों को 2 किस्तों में 5 हजार रुपए की मदद दी गई। चाय बागान के 4 लाख परिवारों को मुफ्त में चावल और 2 रुपए किलो चीनी देने का फैसला भी एनडीए की सरकार ने ही किया है। चाय बागानों में काम कर रही प्रसूता माताओं को एकमुश्त 12 हजार रुपए दिए जा रहे हैं। और मैं आपको ये भी भरोसा दिलाता हूं कि ये सुविधाएं आपसे अब कोई छीन नहीं सकता, ये मेरे शब्द लिखकर रखिए और इसलिए किसी तरह के भ्रम में मत आइएगा, आपका ये चायवाला आपके जीवन को आसान बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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साथियो, नॉर्थ ईस्ट में नए भारत की नई ऊर्जा का केंद्र बनने की ताकत है। यही कारण है कि पांच वर्षों में यहां के दूर दराज के इलाकों को आपस में जोड़ने के लिए, यहां के जीवन को सुगम बनाने के लिए व्यापक प्रयास किया गया है। डिब्रूगढ़ तो व्यापार, कारोबार और रोजगार का केंद्र रहा है। इतना महत्वपूर्ण सेंटर होने के बावजूद असम के दूसरे क्षेत्रों से यहां कनेक्टिविटी कितनी मुश्किल थी, ये आप सभी मुझसे बेहतर तरीके जानते हैं। कांग्रेस के भ्रष्टाचार और नाकामी की रेल पर तो किताबें लिखी जा चुकी हैं, मोरान और डिब्रूगढ़ ने ऐसे दिन भी देखे हैं और आज मोरान को दिल्ली से जोड़ने वाली राजधानी एक्सप्रेस का अनुभव भी आप काम कर रहे हैं।

साथियो, लटकाने और भटकाने में तो कांग्रेस को मास्टरी है। गैस क्रेकर प्रोजेक्ट ढोला सदिया पुल हो या फिर बोगीबील पुल, दशकों से लटके ऐसे अनेक काम आपके इस चौकीदार की सरकार ने ही पूरे कराए हैं। साथियो, पुरानी परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के साथ ही एनडीए की सरकार ने नए प्रोजेक्ट भी जमीन पर उतारे हैं। बाढ़ की समस्या को कम करने के लिए शेषा रिंग बांध भी हमारी सरकार ने बनाया है। तिनसुकिया में मेडिकल कॉलेज, डिब्रूगढ़ में स्पोर्टस यूनिवर्सिटी, दिव्यांगों के लिए आईटीआई, नामरूप पेट्रोकेमिकल्स फैक्ट्री में नया मिथेनॉल प्लांट यहां के युवा साथियों को बेहतर अवसर देने के हमारे प्रयासों का ही परिणाम है। बीते 5 साल में हमारी सरकार ने असम में सिर्फ ऑयल एण्ड गैस सेक्टर में ही लगभग 14 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट पूरे किए हैं। देश की सबसे बड़ी बायो रिफाइनरी नुमालीगढ़ इसी सोच का विस्तार है। साथियो, असम के विकास के साथ-साथ यहां की पहचान, यहां की संस्कृति को सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। जिस असम अकॉर्ड को कांग्रेस ने लटकाए रखा उसको लागू करने का हम पूरा प्रयास कर रहे हैं। असम अकॉर्ड के अनुरूप ही हमारी सरकार 6 समुदायों
अहोम, मोटक, मोरन, सुटिया, कुशराजवंशी और ट्रीटाइज को जनजाति का दर्जा देने पर भी गंभीरता से विचार कर रही है। इन 6 समुदायों को ट्राइब का दर्जा देते समय यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि असम की वर्तमान जनजातियों के हितों, उनके अधिकारों की पूरी तरह से रक्षा हो। साथियो, असम को, देश को मजबूत करने वाले ऐसे अनेक कामों को गति मिले, इसके लिए 11 अप्रैल को आपसे हमें आशीर्वाद चाहिए। एनडीए के सभी साथियों आप भरपूर स्नेह देंगे इसी विश्वास के साथ आप सबका मैं बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं और दिल्ली में बैठे हुए लोगों को इतने दूर सुदूर इतनी बढ़ी तादाद में आए हुए लोग ये सीधा साधा संदेश दे रहे हैं कि अगली बार... मोदी सरकार।

भाइयो और बहनो, ये प्यार, ये उत्साह, ये आशीर्वाद, यही लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है और मैं इसके लिए आपका बहुत-बहुत आभारी हूं और मेरे प्यारे असम के भाइयो और बहनो, 5 साल में, 70 साल में जो नहीं कर पाए वो करने का प्रयास मैंने किया है लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना है, दोबारा सरकार बनाकर के ना मैं सोने वाला हूं, ना मैं मौज करने वाला हूं, ऐसी ही मेहनत करके आगे वाले 25 साल का काम आने वाले 5 साल में करना चाहता हूं और इसलिए मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए। दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से मेरे साथ बोलिए। भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।
बहुत बहुत धन्यवाद।

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Prime Minister prays at Mata Tripura Sundari Temple in Udaipur, Tripura
September 22, 2025
QuotePrime Minister reviews the works at the Mata Tripura Sundari Temple Complex

The Prime Minister, Shri Narendra Modi prayed at the Mata Tripura Sundari Temple in Udaipur, Tripura. "Prayed for the well-being and prosperity of my fellow Indians," Shri Modi stated.

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Prime Minister Shri Modi also reviewed the works at the Mata Tripura Sundari Temple Complex. Shri Modi said that the emphasis is on ensuring more pilgrims and tourists pray at the Temple and also discover the beauty of Tripura.

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The Prime Minister posted on X:

"On the first day of Navratri and when the divine Durga Puja season is underway, had the opportunity to pray at the Mata Tripura Sundari Temple in Udaipur, Tripura. Prayed for the well-being and prosperity of my fellow Indians."

"Reviewed the works at the Mata Tripura Sundari Temple Complex. Our emphasis is on ensuring more pilgrims and tourists pray at the Temple and also discover the beauty of Tripura."

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