Prime Minister's Statement prior to his departure for Nepal

Published By : Admin | November 25, 2014 | 09:31 IST

I will leave today on a visit to Nepal to attend the 18th SAARC Summit, being hosted by the Government of Nepal in Kathmandu on 26-27 November 2014. 

Although this is my first SAARC Summit, during the last six months, I have interacted extensively with leaders of SAARC countries beginning with their auspicious presence at my swearing in ceremony. Development of close relations with our neighbours is a key priority for my Government. 

The 18th SAARC Summit will focus on the theme of “Deeper Regional Integration for Peace and Prosperity”. India has always emphasized the importance of greater regional integration at all levels for the socio-economic development of the South Asian region. We have undertaken several initiatives in this regard on bilateral, sub-regional and regional basis, and will continue to do more. We hope that the Summit will lead to concrete outcomes, particularly in regard to various initiatives on enhancing connectivity that have been under discussion for a long time. 

I also look forward to holding bilateral discussions with other South Asian Heads of State and Government on the margins of the SAARC Summit. 

This will be my second visit to Nepal within four months, which reflects the importance we attach to our unique and special relations with Nepal. There has been significant progress in the implementation of the decisions taken during my visit to Nepal in August 2014. I look forward to reviewing the progress in our relations with Prime Minister Sushil Koirala and other Nepalese leaders. We also hope to conclude some concrete agreements in the areas of connectivity and development cooperation. 

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Over the last 11 years, India has changed its economic DNA: PM Modi during India-Oman Business Forum
December 18, 2025

Your Excellency क़ैस अल यूसुफ़, Minister of Commerce,
Industry and Investment Promotion,
दोनों देशों के delegates,
बिजनेस वर्ल्ड के लीडर्स,
देवियों और सज्जनों !

नमस्कार।

मुझे सात वर्ष बाद ओमान आने का सौभाग्य मिला है। और आज आप सभी के साथ बातचीत करने का अवसर मिल रहा है।

इस Business Summit के लिए आपकी गर्मजोशी मेरा भी उत्साह बढ़ा रही है। आज की यह Summit, भारत–ओमान partnership को नई दिशा देगी, नई गति देगी, और नई बुलंदियों तक पहुंचाने में मदद करेगी। और इसमें आप सभी का बहुत बड़ा रोल है।

Friends,

आप भारत और ओमान के बिजनेस, हमारे ट्रेड को रिप्रेज़ेंट करते हैं। आप उस विरासत के वारिस हैं जिसका सदियों का एक समृद्ध इतिहास रहा है। सभ्यता के आरंभ से ही, हमारे पूर्वज एक दूसरे के साथ maritime trade कर रहे थे।

अक्सर कहा जाता है कि समंदर के दो किनारे बहुत दूर होते हैं, लेकिन मांडवी और मस्कट के बीच, अरब सागर एक मजबूत ब्रिज बना है। एक ऐसा ब्रिज, जिसने हमारे रिश्तों को मजबूत किया, कल्चर और इकॉनॉमी को ताकत दी। आज हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि समंदर की लहरें बदलती हैं, मौसम बदलते हैं, लेकिन भारत–ओमान की दोस्ती हर मौसम में और मज़बूत होती है, और हर लहर के साथ नई ऊंचाई को छूती है।

Friends,

हमारा रिश्ता trust की नींव पर बना, friendship की ताक़त से आगे बढ़ा, और समय के साथ और गहराता चला गया।

आज हमारे डिप्लोमेटिक रिश्ते भी seventy years के हो गए हैं। ये सिर्फ सत्तर वर्ष का उत्सव नहीं है, ये वो पड़ाव है जहां से हमें अपनी सदियों की विरासत को एक समृद्ध भविष्य की तरफ ले जाना है।

Friends,

आज हम एक ऐसा ऐतिहासिक निर्णय ले रहे हैं, जिसकी गूँज आने वाले कई दशकों तक सुनाई देगी। Comprehensive Economic Partnership Agreement, यानि सीपा, हमारी पार्टनरशिप को, ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी में नया विश्वास, नई ऊर्जा से भर देगा। यह हमारे साझा भविष्य का ब्लूप्रिंट है। यह हमारे ट्रेड को नई गति देगा, investment को नया भरोसा देगा, और हर सेक्टर में अवसरों के नए द्वार खोलेगा।

सीपा, हमारे नौजवानों के लिए growth, innovation, और employment के अनेक नए अवसर बनाएगा। ये एग्रीमेंट पेपर से निकलकर, परफॉर्मेंस में बदले, इसमें आप सभी की भूमिका बहुत बड़ी है। क्योंकि जब policy और enterprise एक साथ चलते हैं, तभी partnership नया इतिहास बनाती है।

Friends,

भारत की प्रगति हमेशा shared progress की कहानी रही है। भारत जब ग्रो करता है, तो अपने दोस्तों को अपनी ग्रोथ का साझेदार बनाता है। आज भी हम यही कर रहे हैं।

आज भारत, third largest economy बनने की तरफ तेज़ी से बढ़ रहा है। इसमें पूरी दुनिया के लिए अवसर हैं, लेकिन ओमान के लिए तो advantage और भी बड़ा है।

क्योंकि हम पक्के दोस्त तो हैं ही, मैरिटाइम नेबर भी हैं। हमारे लोग एक-दूसरे को जानते हैं, हमारे बिजनेस जगत में पीढ़ियों का भरोसा है, और हम एक-दूसरे के मार्केट को बहुत ही अच्छे से समझते भी हैं। ऐसे में भारत की ग्रोथ जर्नी में, ओमान के लिए अवसर ही अवसर हैं।

Friends,

आज बिजनेस वर्ल्ड में भारत की इकॉनॉमी की रज़ीलियन्स की चर्चा होती है। लोग अक्सर पूछते हैं कि दुनिया में इतनी अनिश्चितता है ग्लोबल इकॉनॉमी भी मुश्किलों में है, तो ऐसे में, भारत eight percent से अधिक की ग्रोथ कैसे अचीव कर रहा है? मैं आपको इसका बड़ा reason बताता हूं।

असल में बीते 11 वर्षों के दौरान भारत ने सिर्फ़ policies नहीं बदली हैं, भारत ने अपना economic DNA बदला है।

मैं आपको कुछ उदाहरण देता हूं, जैसे गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स यानि GST, इसने पूरे भारत को एक integrated, unified market में बदला है। इन्सॉलवेंसी एंड बैंकरप्सी कोड से financial discipline आया, transparency को बढ़ावा मिला, और इससे investor confidence मज़बूत हुआ। ऐसे ही हमने corporate tax reforms किए। इससे भारत, दुनिया के most competitive investment destinations में से एक बन गया है।

साथियों,

अभी आपने लेबर रिफॉर्म्स की भी चर्चा सुनी होगी। हमने दर्जनों लेबर कोड्स को सिर्फ चार कोड्स में समेट दिया है। ये भारत के इतिहास के सबसे बड़े लेबर रिफॉर्म्स में से एक हैं।

Friends,

जब policy clarity आती है, तो manufacturing को भी नया विश्वास मिलता है। एक तरफ हम पॉलिसी और प्रोसेस रिफॉर्म कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ, भारत में मैन्युफेक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव भी दे रहे हैं। ऐसे प्रयासों से ही आज मेक इन इंडिया अभियान को लेकर दुनिया में बहुत उत्साह है।

Friends,

Reforms को भारत के Digital Public Infrastructure ने और ताकत दी है। Governance paperless हुई है, economy cash-less हुई है, और system कहीं ज़्यादा efficient, transparent और predictable हुआ है।

डिजिटल इंडिया सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं है ये दुनिया की सबसे बड़ी ‘इंक्लूजन रेवोल्यूशन’ भी है। इससे ease of living बढ़ी है, और ease of doing नए लेवल पर पहुंच चुकी है। और भारत में बन रहा आधुनिक फिज़िकल इंफ्रास्ट्रक्चर, इसको और बेहतर कर रहा है। सुधरती हुई कनेक्टिविटी के कारण, भारत में logistics की cost लगातार कम होती जा रही है।

Friends,

भारत निवेश के लिए एक आकर्षक destination है, ये तो दुनिया मानती है। साथ ही, भारत एक भरोसेमंद, future-ready partner है। और ओमान इसको बहुत अच्छे से समझता भी है, और सराहता भी है।

हमारा Joint Investment Fund, अनेक वर्षों से, दोनों देशों में निवेश को बढ़ावा दे रहा है। एनर्जी हो, oil and gas हो, फर्टिलाइजर्स, हेल्थ, पेट्रोकेमिकल्स और ग्रीन एनर्जी हो, ऐसे हर सेक्टर में नई संभावनाएं बन रही हैं।

लेकिन साथियों, भारत और ओमान सिर्फ इतने से संतुष्ट नहीं हैं। हम comfort zone में नहीं रहते। हमें भारत–ओमान partnership को next level पर ले जाना है। इसके लिए, दोनों देशों के बिजनेस वर्ल्ड को अपने लिए कुछ बड़े लक्ष्य तय करने ही होंगे।

आपका ये काम मैं कुछ हल्का कर देता हूं। मै आपको कुछ challenges देता हूँ। हम Green Energy में मिलकर कुछ बड़ा कर सकते हैं क्या? क्या हम अगले पांच वर्षों में पांच बड़े ग्रीन प्रोजेक्ट्स शुरू कर सकते हैं? हमें ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया, सोलर पार्क्स, energy storage, और smart grid के क्षेत्र में नए बेंचमार्क्स बनाने हैं।

Friends,

एनर्जी सिक्योरिटी जितनी ज़रूरी है, उतनी ही आवश्यक Food Security भी है। आने वाले समय में ये एक बड़ा ग्लोबल चैलेंज बनने जा रहा है। क्या हम मिलकर, India - Oman Agri Innovation Hub बना सकते हैं? इससे ओमान की food security को मजबूती मिलेगी, और भारत के agri-tech को ग्लोबल मार्केट तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।

Friends,

एग्रीकल्चर तो एक सेक्टर है। ऐसे ही, हर सेक्टर में Innovation को बढ़ावा देना ज़रुरी है। ऐसे में क्या हम "Oman–India Innovation Bridge” की स्थापना कर सकते हैं? हमें ये तय करके चलना होगा कि आने वाले दो वर्षों में, 200 भारतीय और ओमानी स्टार्टअप्स को हम जोड़ें।

हमें joint incubators बनाने होंगे, fintech sandboxes, AI & cybersecurity labs का निर्माण करना होगा, और cross-border venture funding को बढ़ावा देना होगा।

Friends,

ये सिर्फ़ ideas नहीं हैं, ये invitation हैं।

Invitation—to invest.
Invitation—to innovate.
Invitation—to build the future, together.

आइए, हम इस पुरानी मित्रता को नई technology, नई एनर्जी और नए सपनों की शक्ति से आगे बढ़ाएं।

"शुक्रन जज़ी--लन!”

Thank you!